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#इनकम टैक्स स्लैब 2019-20
dainiksamachar · 2 years
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पीएम किसान और ओल्ड पेंशन पर कुछ नहीं... 2024 के चुनावों को देखते हुए कहां ठहरता है बजट?
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में एनडीए सरकार ने लगातार दसवां बजट पेश किया है। बजट से पहले सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती थी कि वह कौन सा रास्ता चुने। एक रास्ता लोकलुभावन बजट का था, जो कोविड के बाद आम लोगों के लिए कई सौगात की ओर ले जाता। दूसरा रास्ता, आर्थिक सुस्ती और भविष्य में उठापटक की आशंका के बीच रक्षात्मक रुख के साथ संतुलन बनाने की ओर जाता था। सरकार ने दूसरा रास्ता चुना। ऐसा इसलिए भी कि भले 2024 में पूर्ण बजट नहीं होगा, लेकिन लोकलुभावन बजट का विकल्प खुला रहेगा। साल 2019 के अंतरिम बजट में भी सरकार ने कई बड़े फैसले किए थे। इस बजट से सरकार ने पांच सियासी और आर्थिक संदेश देने की कोशिश की है। 1- मिडल क्लास को खुश करने की कोशिश कुछ वर्षों में मिडल क्लास ने जिस तरह राजनीति में रुचि बढ़ाई है और नैरेटिव बनाने में जिस तरह इस तबके की भूमिका सामने आई है। उसके अनुरूप इस वर्ग को सरकार से उम्मीद के मुताबिक, सौगात नहीं मिली थी। लेकिन इस बजट में इस वर्ग को भी काफी कुछ मिला है। इनकम टैक्स स्लैब में बड़े बदलाव और नौकरियों पर जोर से सरकार ने मिडिल क्लास को संबोधित करने की कोशिश की है। 2-गरीबों पर फोकस सरकार ने बजट में गरीबों पर पूरा फोकस रखा। बीजेपी की लगातार मजबूत सियासी स्थिति में गरीब वोटरों का बड़ा योगदान रहा है। ऐसे में इस बजट में मुफ्त अनाज, हर घर जल, सभी को घर से जुड़ी योजनाओं के जरिए सरकार ने इस तबके पर अपनी पकड़ बनाए रखने की पूरी मंशा दिखाई है। जिस तरह बीते कुछ महीनों से सरकार ने आदिवासी समुदाय के बीच अपनी कमजोर होती पकड़ को मजबूत करने की कोशिश की है, उसकी भी झलक इस बजट में दिखी। 3- किसान का भी ध्यान बजट में खेती और किसान पर भी जोर रहा। दरअसल बीते कई वर्षों से किसानों का मोदी सरकार के साथ रिश्ता उतार-चढ़ाव भरा रहा है। साल 2019 से पहले जब पूरे देश में अलग-अलग किसान आंदोलन हुए, तब किसान सम्मान निधि का एलान हुआ, जिसका लाभ तब चुनाव में मिला। इस बार खेती के कर्ज का लक्ष्य 2023-24 के लिए बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये किया गया है। लेकिन कई मदों में कटौती भी की गई। 4- रेवड़ी कल्चर से परहेज बजट से पहले किसान सम्मान निधि बढ़ाने की चर्चा थी। सुगबुगाहट यह भी थी क्या विपक्ष के दबाव में सरकार पुरानी पेंशन की वापसी का संकेत देगी? लेकिन सरकार ने परहेज किया। कोई बड़ी मुफ्त योजना का ऐलान भी नहीं किया। दरअसल पिछले दिनों पीएम ने रेवड़ी कल्चर के खिलाफ अभियान छेड़ रखा है। ऐसे में बजट में इन चीजों से परहेज किया गया। मुफ्त राशन को जरूर जारी रखा गया, लेकिन फूड सब्सिडी में कमी की भी बात कही गई। 5- भविष्य के प्रति सतर्क नजरिया सरकार ने सकारात्मक संदेश देने की भी पूरी कोशिश की, लेकिन भविष्य की आर्थिक अनिश्चितता का साफ असर भी बजट पर दिखा। वैश्विक मंदी की आशंका के बीच सरकार ने कोई बड़ा जोखिम लेने से परहेज किया। साथ ही, ऐसे फैसलों से भी दूरी रखी जो बाजार का सेंटिमेंट कमजोर करे। वित्तीय घाटे को काबू में रखने की मंशा दिखाई गई। इन कदमों को आने वाले दिनों में किसी भी सूरत से निपटने की तैयारी के रूप में देखा गया। http://dlvr.it/ShpbM9
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hindinewsnowfan · 4 years
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सरकार बड़ा फैसला- इनकम टैक्स रिटर्न अंतिम तारीख बढ़ी, अब 30 सितंबर तक कर सकेंगे दाखिल
सरकार बड़ा फैसला- इनकम टैक्स रिटर्न अंतिम तारीख बढ़ी, अब 30 सितंबर तक कर सकेंगे दाखिल
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…तो क्या इसलिए CBDT बढ़ा रहा है अंतिम तारीख केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने वित्तवर्ष 2018-19 (आकलन वर्ष 2019-20) के लिए आय कर रिटर्न भरने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2020 से बढ़ाकर 30 सितंबर 2020 कर दी है.
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vsplusonline · 5 years
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Union Budget 2020: मिडिल क्लास को बंपर तोहफा, बदल गया आयकर स्लैब - Union budget 2020 new income tax slabs and rates atam
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Union Budget 2020: मिडिल क्लास को बंपर तोहफा, बदल गया आयकर स्लैब - Union budget 2020 new income tax slabs and rates atam
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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम करदाताओं को इस बजट से काफी उम्मीदें थीं, और उनकी झोली भर गई है. सरकार इनकम टैक्स में छूट की सीमा बढ़ा दी है. आयकर छूट में हर वर्ग का ध्यान रखा गया है.  
वित्त मंत्री ने ऐलान किया कि 5 लाख तक आमदनी वालों को कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा. 5 से 7.50 लाख रुपये तक आमदनी वालों को अब 10 फीसदी टैक्स देना होगा, जिसे अब तक 20 फीसदी देना होता था.
जिनकी आमदनी 7.50 लाख से 10 लाख रुपये तक है, उन्हें अब 15 फीसदी टैक्स होना होगा. 10 से 12.50 लाख रुपये तक आमदनी वालों को 20 फीसदी टैक्स देना पड़ेगा, जिसे अब तक 30 फीसदी देना पड़ता है.
12.50 लाख से 15 लाख रुपये की आमदनी वालों को 25 फीसदी टैक्स देना होगा, जिन्हें अब तक 30 फीसदी तक लगता था. वहीं जिनकी आमदमी 15 लाख रुपये से ज्यादा है, ऐसे लोगों को 30 फीसदी टैक्स लगेगा. 
नया आयकर स्लैब:
0 से 5 लाख तक- 0%
5 लाख से 7.5 लाख तक-10%
7.50 लाख से 10 लाख तक- 15%
10 लाख से 12.50 लाख तक- 20%
12.50 लाख से 15 लाख-  25%
15 लाख ऊपर आमदनी पर- 30 फीसदी
अभी क्‍या है टैक्‍स स्‍लैब
वर्तमान टैक्‍स स्‍लैब के मुताबिक 2.5-5 लाख रुपये की सालाना कमाई पर  5 फीसदी टैक्स देना होता है. इसी तरह 5-10 लाख रुपये पर 20 फीसदी जबकि 10 लाख और उससे अधिक की कमाई पर 30 फीसदी टैक्स का प्रावधान है.
बता दें, 1 फरवरी 2019 को मोदी सरकार के पहले कार्यकाल का अंतरिम बजट पेश करते हुए तब के वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने 5 लाख रुपये तक की सालाना कमाई पर रीबेट यानी छूट दी थी. इस छूट का लाभ तभी पाया जा सकता है जब आप रिर्टन भरें. अगर 5 लाख सालाना कमाई है और आप रिटर्न नहीं भरते हैं तो आयकर विभाग का नोटिस आ सकता है.
आयकर छूट का फायदा उठाने के लिए आपको अपनी सालाना आय घोषित करनी होगी. 5 लाख तक की आय पर छूट रिबेट को तौर पर मिलेगी. यहां बता दें कि वर्तमान में स्‍टैंडर्ड डिडक्‍शन के अलावा सेक्शन 80C के तहत कुल 2 लाख रुपये की छूट मिलती है.
मौजूदा आयकर छूट की सीमा
2.5 लाख तक- 0%
2.5 लाख से 5 लाख तक- 5%
5 लाख से 10 लाख तक- 20%
10 लाख से ऊपर- 30%
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imsaki07 · 5 years
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चंद दिन रह गए हैं शेष, इनकम टैक्स बचाने के लिए चुनें ये विकल्प
इस फाइनेंसियल ईयर (2019-20) में अब टैक्स सेविंग के लिए आपके पास चंद दिन ही बचे हैं। अगर 31 मार्च 2020 से पहले आपको अपने सारे टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट कर लेने चाहिए। नए या पुराने टैक्स स्लैब के लिए एनपीएस एक बेहतरीन विकल्प है। आप अपने टैक्स डिडक्शन बेनिफिट का अधिक से अधिक लाभ उठाने के लिए सेक्शन 80CCD(1b) के तहत नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) में अलग से 50,000 रुपये इन्वेस्ट कर सकते हैं, लेकिन याद रखें…
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ajitnehrano0haryana · 5 years
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नई दिल्ली। निर्मला सीतारमण ने इस बार रिकॉर्ड समय 2 घंटे 41 मिनट का बजट भाषण पढ़ा। इसकी थीम ऐस्पिरेशनल इंडिया, इकोनॉमिक डेवलपमेंट फॉर ऑल और केयरिंग सोसाइटी थी। सबसे बड़ा ऐलान इनकम टैक्स भरने के दो विकल्पों का रहा। पुरानी व्यवस्था के साथ टैक्स स्लैब की नई दरें भी घोषित की गईं। 5 लाख तक की आय वालों को पुरानी व्यवस्था की तरह नई व्यवस्था में भी कोई टैक्स नहीं देना होगा।
नए टैक्स स्लैब में 5 लाख से 7.50 लाख आय वालों को 10% टैक्स देना होगा। नई व्यवस्था में 3 अन्य स्लैब में भी टैक्स घटाया गया, लेकिन इसके लिए आपको करीब 70 तरह की रियायतें छोड़नी होंगी। अगर सैलरी के अलावा बिजनेस से भी आय है तो नई या पुरानी व्यवस्था में से कोई एक विकल्प चुनने के बाद उसे बदल नहीं पाएंगे।
किसानों के लिए सरकार ने बजट बढ़ाया है। पिछली बार के 1.01 लाख करोड़ के मुकाबले इस बार किसानों के लिए 1.34 लाख करोड़ रुपए का बजट अलॉट किया गया। लेकिन, खाद सब्सिडी में 11% की कटौती की गई है। सब्सिडी के लिए इस बार 71,309 करोड़ रुपए रखे हैं, जबकि 2019-20 में यह रकम 79,997.85 करोड़ रुपए थी।
टैक्स के फेर में फंसाया 5 लाख रुपए तक की इनकम वालों को पुरानी की तरह नई व्यवस्था में भी टैक्स नहीं देना होगा। नई व्यवस्था के तहत 5 लाख से 7.5 लाख रुपए की इनकम वालों को 10% ही देना होगा। पुरानी व्यवस्था में इतनी आय पर 20% टैक्स लगता है। इनकम टैक्स की नई दरें वैकल्पिक होंगी। करदाता को पुरानी और नई व्यवस्था में से चुनने का विकल्प होगा। मौजूदा छूट और कटौतियों (100 से ज्यादा) में से करीब 70 को हटा दिया गया है।
शिक्षा 2030 तक भारत में सबसे बड़ी वर्किंग ऐज पॉपुलेशन होगी। ��ल्द ही नई शिक्षा नीति घोषित होगी। प्रतिभाशाली शिक्षकों को बढ़ावा दिया जाएगा। 99,300 करोड़ रुपए एजुकेशन सेक्टर पर खर्च होंगे। 150 संस्थान डिग्री-डिप्लोमा कोर्स शुरू किए जाएंगे। सरकार एक प्रोग्राम के तहत सभी शहरी निकायों में नए इंजीनियरों को एक साल के लिए इंटर्नशिप करवाएगी।
डॉक्टरों की कमी पूरी करने के लिए पीपीपी मोड पर जिला अस्पतालों में मेडिकल कॉलेज बनाए जाएंगे। जो राज्य अस्पतालों को मेडिकल कॉलेज की सुविधा देने की मंजूरी और रियायती दरों पर जमीनें देंगे, उन्हें केंद्र सरकार वित्तीय मदद करेगी। देश में टीचरों, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ की भी जरूरत है। स्वास्थ्य और कौशल विकास मंत्रालय के जरिए ब्रिज कोर्स शुरू करेंगे।
किसान और गांव सरकार किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए प्रतिबद्ध। पानी की किल्लत से जूझ रहे 100 जिलों पर फोकस किया जाएगा। 2.83 लाख करोड़ रुपए कृषि से जुड़ी गतिविधियों, सिंचाई और ग्रामीण विकास पर खर्च किए जाएंगे। 20 लाख किसानों को सोलर पंप लगाने में सरकार मदद करेगी। 15 लाख अन्य किसानों को ग्रिड कनेक्टेड पंप दिए जाएंगे। सोलर पावर जनरेशन भी बढ़ाई जाएगी। भारतीय रेलवे अब किसान रेल की स्थापना करेगी। इसे पीपीपी मॉडल पर विकसित किया जाएगा।
एक्सप्रेस और मालगाड़ियों में रेफ्रिजिरेटेड कोच लगाए जाएंगे ताकि दूध, मछली और मीट के उत्पादों का ट्रांसपोर्टेशन किया जा सके। नागरिक उड्डयन मंत्रालय कृषि उड़ान की शुरुआत करेगा। इससे नॉर्थईस्ट-आदिवासी इलाकों से कृषि उपज को बढ़ावा मिलेगा।देश में 162 मीट्रिक टन कोल्ड स्टोरेज की क्षमता है। ब्लॉक-तालुका स्तर पर वेयरहाउस को बढ़ावा दिया जाएगा। फूड कॉर्पोरेशन और सेंट्रल वेयरहाउस कॉर्पोरेशन अपनी जमीन पर भी कोल्ड स्टोरेज बनाएंगे।
महिला और पोषण शादी की उम्र: 1978 में शारदा एक्ट (1929) को संशोधित कर महिलाओं की शादी की उम्र 15 से बढ़ाकर 18 की गई थी। भारत आगे बढ़ रहा है, महिलाओं के लिए करियर और हायर एजुकेशन में रास्ते खुल रहे हैं। इस संबंध में यह देखना जरूरी है कि महिलाओं की शादी की उम्र क्या हो। इसके लिए एक टास्क फोर्स के गठन का प्रस्ताव है, जो 6 महीनों में अपनी सिफारिश देगी।
पोषण: पोषण से जुड़े कार्यक्रमों के लिए 35,600 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। इसके अलावा केवल महिलाओं पर केंद्रित कार्यक्रमों के लिए 28,600 करोड़ रुपए का बजट अलॉट किया गया है।
स्वास्थ्य-स्वच्छ भारत हेल्थ सेक्टर के लिए 69 हजार करोड़ रुपए रखे गए हैं। मिशन इंद्रधनुष, फिट इंडिया मूवमेंट, जल जीवन मिशन जैसी योजनाएं हैं। अभी प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत 20 हजार अस्पताल हैं। आयुष्मान भारत के लिए और अस्पतालों की जरूरत है। इस योजना के तहत 6400 करोड़ रुपए दिए जाएंगे।
2025 तक टीबी खत्म करने के लक्ष्य के लिए “टीबी हारेगा, देश जीतेगा” कैम्पेन जारी है। जन औषधि केंद्रों को 2024 तक हर जिले में शुरू किया जाएगा।
स्वच्छ भारत मिशन के लिए 12,300 करोड़ रुपए रखे गए हैं। जल जीवन मिशन के लिए 3.6 लाख करोड़ रुपए अलॉट किए गए। इसके तहत 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों पर फोकस रहेगा।
इन्फ्रास्ट्रक्चर नेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन (एनआईपी) के तहत 103 लाख करोड़ के 6500 प्रोजेक्ट लॉन्च किए गए हैं। इससे इन्फ्रास्ट्रक्चर बेहतर होगा, साथ ही रोजगार भी बढ़ेंगे।5 नई स्मार्ट सिटीज पीपीपी के जरिए बनेंगी। यह ऐसी सिटीज होंगी, जहां निवेश को बढ़ावा मिले। इसके लिए 6450 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है।
नेशनल स्किल डेवलपमेंट एजेंसी इन्फ्रास्ट्रक्चर आधारित स्किल पर बढ़ावा देगी। इस योजना के तहत यंग इंजीनियर, ���ैनेजमेंट ग्रेजुएट्स और इकोनॉमिस्ट को मौका मिलेगा। नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी जल्द ही जारी होगी।
नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी जल्द ही जारी होगी। सिंगल विंडो ई-लॉजिस्टिक मार्केट के जरिए रोजगार और स्किल डेवलपमेंट पर फोकस किया जाएगा।
रेलवे पीपीपी मॉडल के आधार पर 150 और ट्रेनें चलेंगी, निजी क्षेत्र की मदद से 4 स्टेशनों का री-डेवलपमेंट किया जाएगा। पर्यटन स्थलों के बीच कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए तेजस जैसी ट्रेनों की शुरुआत होगी। अभी आईआरसीटी 2 तेजस ट्रेनों का संचालन कर रहा है।
रेलवे की खाली जमीन और ट्रैक के आसपास ज्यादा क्षमता वाले सोलर पैनल लगेंगे। पीपीपी मोड पर किसान रेल चलाई जाएगी। दूध, मीट और मछली के उत्पादों का रेफ्रिजरेटेड कोचों के जरिए ट्रांसपोर्टेशन होगा। रेलवे के पास अभी ऐसी 9 वैन हैं। मुंबई से अहमदाबाद के बीच 508 किमी दूरी में हाईस्पीड ट्रेन (बुलेट ट्रेन) प्रोजेक्ट को 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
रक्षा बजट इसमें 6% का इजाफा हुआ, हालांकि बजट भाषण में वित्त मंत्री ने इसका जिक्र नहीं किया। रक्षा पर खर्च 3.18 लाख करोड़ रुपए से बढ़ाकर 3.37 लाख करोड़ कर दिया गया है। इसमें अगर पेंशन की राशि जोड़ दी जाए तो कुल बजट 4.7 लाख करोड़ का है। 1.13 लाख करोड़ रुपए से नए हथियार, एयरक्राफ्ट, युद्धपोत और दूसरे साजो सामान खरीदे जाएंगे। रक्षा पेंशन पर खर्च बढ़ाकर 1.33 लाख करोड़ किया गया है।
विनिवेश सरकार एलआईसी में अपनी कुछ हिस्सेदारी आईपीओ के जरिए बेचेगी। आईडीबीआई में भी बची हुई 46% हिस्सेदारी बेची जाएगी।
सामाजिक क्षेत्र 28600 करोड़ रुपए सिर्फ महिलाओं पर आधारित विशिष्ट कार्यक्रमों पर खर्च किए जाएंगे। पोषण से जुड़े कार्यक्रमों के लिए 35,600 करोड़ रुपए दिए जाएंगे।पिछड़े वर्ग और अनुसूचित जा ति के विकास के लिए 85 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। 53700 करोड़ रुपए अनुसूचित जनजाति के विकास पर खर्च होंगे।
इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ हेरिटेज एंड कंजर्वेशन बनेगा। 5 आर्कियोलॉजी साइट्स को आइकॉनिक साइट्स बनाया जाएगा। इसमें राखीगढ़ी (हरियाणा), हस्तिनापुर (उत्तर प्रदेश), शिवसागर (असम), धौलावीरा (गुजरात), आदिचेन्नलूर (तमिलनाडु) शामिल हैं। कोलकाता में नेशनल म्यूजियम का पुनरुद्धार होगा। रांची में ट्राइबल म्यूजियम बनेगा।
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source https://lendennews.com/archives/66587 https://ift.tt/2GMnZPa
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ajitnehrano0haryana · 5 years
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नई दिल्ली।अगर डायरेक्ट टैक्स पर टास्क फोर्स की रिपोर्ट को पूरी तरह लागू करने का फैसला किया जाता है तो इससे सरकार की आमदनी 55,000 करोड़ रुपये से अधिक बढ़ सकती है। इस रिपोर्ट में मौजूदा इनकम टैक्स स्लैब्स और कैपिटल गेन्स टैक्स सिस्टम को बदलने का सुझाव दिया गया है। सरकार ने टास्क फोर्स की रिपोर्ट पर विचार करना शुरू कर दिया है और इसके कुछ सुझावों को आगामी बजट में शामिल किया जा सकता है।
10 लाख तक इनकम पर 10% टैक्स टास्क फोर्स की रिपोर्ट अभी सार्वजनिक नहीं की गई है। एक सूत्र ने बताया कि इसमें ऐसे लोगों के खिलाफ मामला न चलाने या असेसमेंट दोबारा न खोलने का सुझाव दिया गया है, जो छह वर्ष तक की पिछली अवधि के लिए इंट्रेस्ट और 50 पर्सेंट पेनाल्टी के साथ अधिक इनकम टैक्स देते हैं।
इसके साथ ही रिपोर्ट में 10 लाख रुपये तक की इनकम वालों के लिए 10 पर्सेंट, 10-20 लाख रुपये के लिए 20 पर्सेंट, 20 लाख रुपये से 2 करोड़ रुपये तक की इनकम वालों के लिए 30 पर्सेंट और 2 करोड़ रुपये से अधिक की आमदनी वालों के लिए 35 पर्सेंट के पर्सनल इनकम टैक्स रेट का सुझाव गया है।
टैक्स छूट की सीमा में कोई बदलाव नहीं हालांकि मौजूदा इनकम टैक्स एग्जेम्पशन लिमिट में किसी बदलाव का सुझाव नहीं है। टास्क फोर्स ने सरचार्ज को हटाने की भी जरूरत बताई है। इसने प्रविडेंट फंड, मेडिकल और एजुकेशन खर्चों, हाउसिंग लोन और चैरिटी पर उपलब्ध डिडक्शन को सीमित करने का सुझाव दिया है।
अगस्त में ही सौंप दी गई थी रिपोर्ट सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज के मेंबर अखिलेश रंजन टास्क फोर्स में कन्वेनर और चीफ इकनॉमिक एडवाइजर के सुब्रमणियन मेंबर के तौर पर शामिल थे। इसकी रिपोर्ट 19 अगस्त को सौंपी गई थी। इसमें टैक्स स्ट्रक्चर में बड़े बदलावों का सुझाव है जिनका लक्ष्य टैक्सपेयर्स को राहत देने के साथ ही टैक्स कलेक्शन में बढ़ोतरी करना है।
कैपिटल गेन्स टैक्स के लिए टास्क फोर्स ने तीन सूत्री व्यवस्था – इक्विटी, नॉन-इक्विटी फाइनैंशल असेट्स और प्रॉपर्टी सहित सभी अन्य अपनाने का सुझाव दिया है। इंडेक्सेशन के लाभ नॉन-इक्विटी फाइनैंशल असेट्स और अन्य सभी असेट कैटिगरी तक सीमित रखने का प्रपोजल है।
LTCG पर 10% टैक्स का प्रस्ताव इक्विटीज के लिए 12 महीने से अधिक रखने जाने वाले इक्विटी असेट्स की बिक्री पर होने वाले गेन के लिए 10 पर्सेंट के LTCG का प्रपोजल है।
STCG पर 15% टैक्स रेट का सुझाव शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन के लिए 15 पर्सेंट के टैक्स रेट का सुझाव दिया गया है। अभी 12 महीने से अधिक अवधि के लिए रखने पर इक्विटी, प्रेफरेंस शेयर्स, इक्विटी बेस्ड म्यूचुअल फंड्स, जीरो कूपन बॉन्ड, यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया यूनिट्स को लॉन्ग-टर्म असेट्स माना जाता है। टास्क फोर्स ने इक्विटीज पर लगने वाले सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स को समाप्त करने का सुझाव नहीं दिया है। इसने स्टार्टअप्स को इंसेंटिव देने के लिए एंप्लॉयी स्टॉक ऑप्शन प्लान के टैक्सेशन में बदलाव की जरूरत बताई है।
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