साइबर हमले के दो हफ्ते बाद दिल्ली एम्स में ओपीडी मरीजों का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन फिर से शुरू
साइबर हमले के दो हफ्ते बाद दिल्ली एम्स में ओपीडी मरीजों का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन फिर से शुरू
छवि स्रोत: प्रतिनिधि तस्वीर दिल्ली एम्स में ओपीडी रोगियों का ऑनलाइन पंजीकरण फिर से शुरू
साइबर हमले के दो हफ्ते बाद मंगलवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के मुख्य भवन में सर्वर सुविधाएं आंशिक रूप से बहाल हो गईं। आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि ओपीडी में आने वाले नए मरीजों का ऑनलाइन पंजीकरण फिर से शुरू हो गया है, जबकि ऑनलाइन अपॉइंटमेंट सिस्टम अभी भी काम नहीं कर रहा है और…
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What is Cyber Security? The Different Types of Cybersecurity
Cyber security-
आज इंटरनेट हमारे दैनिक जीवन के अभिन्न अंगों में से एक बन गया है। वह हमारे दैनिक जीवन के अधिकांश पहलुओं को प्रभावित कर रहा है। साइबरस्पेस हमें वर्चुअल रूप से दुनिया भर के करोड़ों ऑनलाइन उपयोगकर्त्ताओं से जोड़ता है।
- जैसे-जैसे भारत का इंटरनेट आधार बढ़ता जा रहा है (वर्ष 2025 तक 900 करोड़ से अधिक इंटरनेट उपयोगकर्त्ता होने के अनुमान के साथ), साइबर खतरों में भी चिंताजनक रूप से वृद्धि हो रही है। डिजिटल प्रौद्योगिकी की प्रगति के साथ साइबर अपराधों का परिष्करण भी बढ़ रहा है।
- इस परिदृश्य में यह अनिवार्य है कि भारत अपने साइबरस्पेस में विद्यमान खामियों पर सूक्ष्मता से विचार करे और एक अधिक व्यापक साइबर-सुरक्षा नीति के माध्यम से उन्हें समग्र रूप से संबोधित करे।
साइबर सुरक्षा (Cyber security) क्या है?
- साइबर सुरक्षा (Cyber Security) या सूचना प्रौद्योगिकी सुरक्षा (Information Technology Security) कंप्यूटर, नेटवर्क, प्रोग्राम और डेटा को अनधिकृत पहुँच या हमलों से बचाने की तकनीकें हैं जो साइबर-भौतिक प्रणालियों (Cyber-Physical Systems) और महत्त्वपूर्ण सूचना अवसंरचना के दोहन पर लक्षित हैं।
- महत्त्वपूर्ण सूचना अवसंरचना (Critical Information Infrastructure):सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 70(1) महत्त्वपूर्ण सूचना अवसंरचना को एक कंप्यूटर संसाधन के रूप में परिभाषित करती है, जिसकी अक्षमता या विनाश का राष्ट्रीय सुरक्षा, अर्थव्यवस्था, सार्वजनिक स्वास्थ्य या सुरक्षा पर कारी प्रभाव पड़ेगा।
भारत में साइबर हमलों के हाल के कुछ उदाहरण
- वर्ष 2020 में लगभग 82% भारतीय कंपनियों को रैनसमवेयर हमलों का सामना करना पड़ा।
- मई 2017 में भारत के पाँच प्रमुख शहर (कोलकाता, दिल्ली, भुवनेश्वर, पुणे और मुंबई) ‘WannaCry’ रैनसमवेयर हमले से प्रभावित हुए।
- हाल में एम्स, दिल्ली पर रैनसमवेयर हमला हुआ है। देश के इस शीर्ष चिकित्सा संस्थान के सर्वर पर रैनसमवेयर हमले के बाद लाखों मरीजों का व्यक्तिगत डेटा खतरे में है।
- वर्ष 2021 में एक हाई-प्रोफाइल भारत-आधारित भुगतान कंपनी ‘Juspay’ को डेटा उल्लंघन का सामना करना पड़ा जिसमें 35 मिलियन ग्राहक प्रभावित हुए।
- यह उल्लंघन अत्यंत चिंताजनक है क्योंकि ‘Juspay’ अमेज़न और कई अन्य बड़ी कंपनियों के ऑनलाइन मार्केटप्लेस के लिये भुगतान से संलग्न है।
- फरवरी 2022 में एयर इंडिया को एक बड़े साइबर हमले का सामना करना पड़ा जहाँ लगभग 4.5 मिलियन ग्राहक रिकॉर्ड के लिये खतरा उत्पन्न हुआ। यहाँ पासपोर्ट, टिकट और क्रेडिट कार्ड संबंधी सूचना की गुप्तता भंग हुई।
साइबर खतरों के प्रमुख प्रकार
- रैनसमवेयर (Ransomware): इस प्रकार का मैलवेयर कंप्यूटर डेटा को हाईजैक कर लेता है और फिर उसे पुनर्स्थापित करने के लिये भुगतान (आमतौर पर बिटकॉइन के रूप में) की मांग करता है।
- ट्रोजन हॉर्सेज़ (Trojan Horses): ट्रोजन हॉर्स अटैक एक दुर्भावनापूर्ण प्रोग्राम का उपयोग करता है जो एक वैध प्रतीत होने वाले प्रोग्राम के अंदर छिपा होता है।
- जब उपयोगकर्त्ता संभवतः निर्दोष और वैध प्रोग्राम को निष्पादित करता है तो ट्रोजन के अंदर गुप्त रूप से शामिल मैलवेयर का उपयोग सिस्टम में बैकडोर को खोलने के लिये किया जा सकता है जिसके माध्यम से हैकर्स कंप्यूटर या नेटवर्क में प्रवेश कर सकते हैं।
- क्लिकजैकिंग (Clickjacking): यह इंटरनेट उपयोगकर्त्ताओं को दुर्भावनापूर्ण सॉफ्टवेयर वाले लिंक पर क्लिक करने या अनजाने में सोशल मीडिया साइटों पर निजी जानकारी साझा करने के लिये लुभाने का कृत्य है।
- डिनायल ऑफ सर्विस (DOS) हमला: यह किसी सेवा को बाधित करने के उद्देश्य से कई कंप्यूटरों और मार्गों से वेबसाइट जैसी किसी विशेष सेवा को ओवरलोड करने का जानबूझकर कर किया जाने वाला कृत्य है।
- मैन इन मिड्ल अटैक’ (Man in Middle Attack): इस तरह के हमले में दो पक्षों के बीच संदेशों को पारगमन के दौरान ‘इंटरसेप्ट’ किया जाता है।
- क्रिप्टोजैकिंग (Cryptojacking): क्रिप्टोजैकिंग शब्द क्रिप्टोकरेंसी से निकटता से संबद्ध है। क्रिप्टोजैकिंग वह स्थिति है जब हमलावर क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग के लिये किसी और के कंप्यूटर का उपयोग करते हैं।
- ‘ज़ीरो डे वल्नेरेबिलिटी’ (Zero Day Vulnerability): ज़ीरो डे वल्नेरेबिलिटी मशीन/नेटवर्क के ऑपरेटिंग सिस्टम या ऐप्लीकेशन सॉफ़्टवेयर में व्याप्त ऐसा दोष है जिसे डेवलपर द्वारा ठीक नहीं किया गया है और ऐसे हैकर द्वारा इसका दुरुपयोग किया जा सकता है जो इसके बारे में जानता है।
भारत के साइबरस्पेस से संबंधित चुनौतियाँ
- क्षमता की वृद्धि, भेद्यता का विस्तार: नागरिकों के डिजिटल एकीकरण के साथ भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था फली-फूली है, लेकिन इसने डेटा चोरी की भेद्यता भी पैदा की है।
- सरकार विभिन्न क्षेत्रों में ‘डेटा प्रवाह’ के लिये सभी बाधाओं को दूर करने की अपेक्षा करती थी। इस आख्यान के परिणामस्वरूप टेक-उद्योग ने डेटा संरक्षण के प्रति केवल खानापूरी ही की है।
- विदेशों में डेटा का संग्रहण: लगभग प्रत्येक क्षेत्र में ही डिजिटलीकरण की ओर बढ़ने की होड़ ने भारत के बाहर एप्लीकेशन सेवा प्रदाताओं के साथ सहयोग को बल दिया है, ताकि ग्राहक शीघ्रातिशीघ्र सर्वोत्तम ऐप्स और सेवाओं तक पहुँच सकें।
- विदेशी स्रोतों से प्राप्त हार्डवेयर एवं सॉफ्टवेयर या भारत के बाहर के सर्वरों पर भारी मात्रा में डेटा की पार्किंग हमारे राष्ट्रीय साइबरस्पेस के लिये खतरा पैदा करता है।
- प्रॉक्सी साइबर अटैक: कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) स्वचालित घातक हथियार प्रणाली के निर्माण में सक्षम है जो मानव संलग्नता के बिना ही जीवन और लक्ष्य को नष्ट कर सकती है।
- नकली डिजिटल मुद्रा और नवीनतम साइबर प्रौद्योगिकियों की सहायता से बौद्धिक संपदा की चोरी जैसी अवैध गतिविधियों की भेद्यता से भी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये खतरा उत्पन्न हुआ है।
- चीन की क्वांटम बढ़त: चीन की क्वांटम प्रगति भारत की डिजिटल अवसंरचना पर क्वांटम साइबर हमले की संभावना का विस्तार करती है, जो पहले से ही चीनी राज्य-प्रायोजित हैकरों के हमलों का सामना कर रही है।
- विदेशी हार्डवेयर, विशेष रूप से चीनी हार्डवेयर पर भारत की निर्भरता एक अतिरिक्त भेद्यता का निर्माण करती है।
साइबर सुरक्षा से संबंधित सरकार की वर्तमान पहलें
- भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C)
- भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया दल (CERT-In)
- साइबर सुरक्षित भारत
- साइबर स्वच्छता केंद्र
- राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा समन्वय केंद्र (NCCC)
आगे की राह
- साइबर-जागरूकता: शिक्षा साइबर-अपराधों की रोकथाम के बारे में सूचना के प्रसार के लिये महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में से एक है और युवा आबादी साइबरस्पेस में अपनी भागीदारी के बारे में जागरूक होने तथा साइबर सुरक्षा के लिये और साइबर अपराध रोकने के लिये एक पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करने के लिये बल गुणक के रूप में कार्य कर सकती है।
- सुरक्षित वैश्विक साइबरस्पेस के लिये टेक-डिप्लोमेसी: उभरते सीमा-पार साइबर खतरों से निपटने के लिये और एक सुरक्षित वैश्विक साइबरस्पेस की ओर आगे बढ़ने के लिये भारत को उन्नत अर्थव्यवस्थाओं तथा प्रौद्योगिकी-उन्मुख लोक��ंत्रों (Techno-) के साथ अपनी राजनयिक साझेदारी को सुदृढ़ करना चाहिये।
- सहकारी संघवाद और साइबर सुरक्षा: पुलिस और लोक व्यवस्था राज्य सूची के विषय हैं, इसलिये राज्यों को यह सुनिश्चित करना चाहिये कि साइबर अपराध से निपटने के लिये विधि प्रवर्तन पूर्ण सक्षम है।
- आईटी अधिनियम और अन्य प्रमुख कानून केंद्रीय रूप से अधिनियमित किये जाते हैं, इसलिये केंद्र सरकार कानून प्रवर्तन के लिये सार्वभौमिक वैधानिक प्रक्रियाएँ विकसित कर सकती है।
- इसके साथ ही, केंद्र और राज्यों को आवश्यक साइबर अवसंरचना विकसित करने के लिये पर्याप्त धन का निवेश करना चाहिये।
- अनिवार्य डेटा संरक्षण मानदंड: व्यक्तिगत डेटा से संलग्न सभी सरकारी और निजी एजेंसियों के लिये अनिवार्य डेटा सुरक्षा मानदंडों का पालन करना आवश्यक होना चाहिये।
- मानदंडों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिये संबंधित प्राधिकारों को नियमित रूप से डेटा सुरक्षा ऑडिट करना चाहिये।
अभ्यास प्रश्न: जैसे-जैसे आधुनिक साइबर प्रौद्योगिकी विभिन्न क्षेत्रों में भारत की क्षमता को कई गुना बढ़ा रही है, वैसे-वैसे यह इसकी भेद्यताओं में भी वृद्धि कर रही है। टिप्पणी कीजिये।
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Financetime.in सरकार को अभी तक एम्स सर्वर अटैक, हेल्थ न्यूज़, ईटी हेल्थवर्ल्ड का संतोषजनक जवाब नहीं मिला है
नई दिल्ली: दिल्ली में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) पर बड़े पैमाने पर साइबर हमले के महीनों बाद, सरकार को अभी तक इस बात का संतोषजनक जवाब नहीं मिला है कि मरीज के डेटा का क्या हुआ जो एन्क्रिप्ट किया गया था और हो सकता है कि उसे हटा दिया गया हो हैकर्स द्वारा।
हैकिंग में राजनीतिक नेताओं और अन्य वीआईपी सहित 40 मिलियन रोगियों के संवेदनशील डेटा से समझौता किया जा सकता है।
सूत्रों के मुताबिक…
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एम्स के सर्वर पर साइबर हमले में हैकर्स ने कोई फिरौती नहीं मांगी थी: सरकार
एम्स के सर्वर पर साइबर हमले में हैकर्स ने कोई फिरौती नहीं मांगी थी: सरकार
नयी दिल्ली: सरकार ने शुक्रवार को लोकसभा को बताया कि हाल में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के सर्वर को हैक किया जाना एक ‘साइबर हमला’ था लेकिन हैकर्स ने किसी फिरौती की मांग नहीं की थी। लोकसभा में सुशील कुमार ंिसह, अदूर प्रकाश, पोन गौतम सिगामणि, साजदा अहमद, एंटो एंटनी, जय प्रकाश, हनुमान बेनीबाल और राकेश ंिसह के प्रश्न के लिखित्त उत्तर में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ भारती…
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Cyber Crime: Why Are Crimes Increasing In Cyber Space? - Cyber Crime: साइबर स्पेस में क्यों बढ़ रहे हैं अपराध? डिजिटल लेन-देन के बीच गंभीर चिंता
Cyber Crime: Why Are Crimes Increasing In Cyber Space? – Cyber Crime: साइबर स्पेस में क्यों बढ़ रहे हैं अपराध? डिजिटल लेन-देन के बीच गंभीर चिंता
सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : पिक्साबे
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कुछ दिन पहले दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के सर्वर में साइबर अपराधियों ने सेंध लगा दी थी। सर्वर हैक होने के कारण वहां सेवाएं प्रभावित हो गई थीं। हमारा देश डिजिटल लेन-देन की ओर बढ़ रहा है, लेकिन इस तरह के साइबर अटैक ने साइबर सुरक्षा को कटघरे में खड़ा कर दिया है।
चीन ने साइबर अटैक करने की कोशिश थीकुछ समय पहले चीन ने…
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ICMR hackers: एम्स के बाद अब आईसीएमआर हैकर्स के निशाने पर, सर्वर पर एक दिन में 6,000 साइबर अटैक
ICMR hackers: एम्स के बाद अब आईसीएमआर हैकर्स के निशाने पर, सर्वर पर एक दिन में 6,000 साइबर अटैक
ICMR hackers: भारत जैसे-जैसे डिजिटल युग में प्रवेश कर रहा है और उसकी कई सेवाएं अब मैनुअल के बजाय डिजिटल हो रही हैं, साइबर हमलों का खतरा भी बढ़ गया है. कुछ दिन पहले राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एम्स का सर्वर हैक हो गया था। अभी तक इसकी मरम्मत नहीं की गई है और अब हैकर्स के साथ एक ही दिन में 6,000 बार आईसीएमआर वेबसाइट पर हमला करने की कोशिश का कोहराम मच गया है।
कोरोना काल में चर्चा में रहे इंडियन…
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Safdarjung Hospital Cyber Attack | दिल्ली: सफदरजंग अस्पताल पर भी हुआ साइबर अटैक; एम्स का सर्वर 11वें दिन रहा डाउन
Safdarjung Hospital Cyber Attack | दिल्ली: सफदरजंग अस्पताल पर भी हुआ साइबर अटैक; एम्स का सर्वर 11वें दिन रहा डाउन
Pic: Twitter
नई दिल्ली. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के बाद सफदरजंग अस्पताल साइबर अटैक का शिकार हुआ है। अस्पताल के अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी है। अधिकारियों के मुताबिक, साइबर अटैक से नुकसान उतना गंभीर नहीं था जितना कि एम्स को हुआ था। अस्पताल ओपीडी सेवाएं मैन्युअल रूप से चलाता है इसलिए यह गंभीर नहीं था। बता दें कि एम्स का सर्वर आज 11वें दिन भी…
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न पैसों की मांग की, न ही कोई हैकर सामने आया, 10 दिन बाद भी नहीं सुलझा AIIMS सर्वर हैकिंग केस
Delhi: 10 दिन बाद भी एम्स सर्वर हैक मामले में दिल्ली पुलिस को अभी तक सफलता हाथ नहीं लगी है। एम्स प्रशासन और अन्य एजेंसियां सर्विस को फिर से सामान्य करने की पूरी कोशिश कर रही हैं। मामले में साइबर सेल के तमाम अधिकारियों ने चुप्पी साध रखी है। उनका बस इतना कहना है कि तफ्तीश की जा रही है। http://dlvr.it/SdmlFB
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आठवें दिन भी डाउन रहा एम्स का सर्वर; साइबर सुरक्षा उल्लंघनों के लिए दो निलंबित, अधिक जांच के दायरे में
आठवें दिन भी डाउन रहा एम्स का सर्वर; साइबर सुरक्षा उल्लंघनों के लिए दो निलंबित, अधिक जांच के दायरे में
आठवें दिन चल रहे अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली में सर्वर बरकरार रहे और सूत्रों ने कहा कि वे साइबर सुरक्षा उल्लंघनों के लिए दिल्ली से दो विश्लेषकों के निलंबन के बाद निलंबन के रडार पर थे।
सूत्रों के मुताबिक, “सैनिटाइजिंग प्रक्रिया शुरू हो गई है, पहले यह 15 थी, लेकिन अब 50 में से 25 सर्वर और 400 से अधिक एंडपॉइंट कंप्यूटर स्कैन किए जा चुके हैं। भविष्य की सुरक्षा के लिए एंटीवायरस…
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लगातार आठवें दिन एम्स का सर्वर डाउन, दो सिस्टम एनालिस्ट निलंबित
लगातार आठवें दिन एम्स का सर्वर डाउन, दो सिस्टम एनालिस्ट निलंबित
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली में लगातार आठवें दिन सर्वर खराब रहा और सूत्रों के मुताबिक दिल्ली के दो विश्लेषकों के निलंबन के बाद और भी साइबर सुरक्षा का उल्लंघन करने के आरोप में निलंबन के राडार पर हैं।
सूत्रों के मुताबिक, “सैनिटाइजिंग प्रक्रिया शुरू हुई, पहले यह 15 थी लेकिन अब 50 में से 25 सर्वर और 400 से अधिक एंडपॉइंट कंप्यूटर स्कैन किए गए हैं. भविष्य की सुरक्षा के लिए एंटीवायरस…
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AIIMS Server Issue: एम्स के सर्वर पर ई-अस्पताल का डेटा बहाल NIA को सौंपी जा सकती है इसकी जांच
AIIMS Server Issue: एम्स के सर्वर पर ई-अस्पताल का डेटा बहाल NIA को सौंपी जा सकती है इसकी जांच
Delhi AIIMS Server Issue: दिल्ली में AIIMS के ई-अस्पताल का डेटा सर्वर पर बहाल कर दिया गया है और बाकी सेवाओं को बहाल करने से पहले नेटवर्क को सैनिटाइज किया जा रहा है। फिलहाल आउट पेशेंट, इन-पेशेंट आदि सभी अस्पताल सेवाएं मैन्युअल मोड पर चलती रहेंगी।
Delhi AIIMS Server Issue: दिल्ली में AIIMS के ई-अस्पताल का डेटा सर्वर पर बहाल कर दिया गया है और बाकी सेवाओं को बहाल करने से पहले नेटवर्क को सैनिटाइज किया…
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Delhi AIIMS Server: दिल्ली एम्स का सर्वर हुआ हैक, क्रिप्टोकरेन्सी में मांगे 200 करोड़ रुपए
Delhi AIIMS Server: दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानी एम्स दिल्ली का सर्वर पिछले 7 दिन से हैकिंग के कारण डाउन है और हैकर ने 200 करोड़ रुपए की माँग की है वो भी क्रिप्टोकरेन्सी के रूप में.
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AIIMS की वेबसाइट पर साइबर हमला, छठे दिन भी सर्वर डाउन, हैकर्स ने मांगे 200 करोड़ रुपए
AIIMS की वेबसाइट पर साइबर हमला, छठे दिन भी सर्वर डाउन, हैकर्स ने मांगे 200 करोड़ रुपए
छवि स्रोत: फाइल फोटो
हैकर्स ने मांगे 200 करोड़ रुपए
दिल्ली: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली का छठा दिन भी नीचे है। आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को कहा कि हैकर्स ने कथित तौर पर एम्स दिल्ली से क्रिप्टोकरंसी में 200 करोड़ रुपए की मांग की है, क्योंकि सर्वर लगातार छठा दिन खराब रहा है। बता दें, बुधवार को सुबह सात बजे बंद हो गए, जिसके कारण बहिरंग रोगी विभाग (ओपीडी) और नमूना संग्रह प्रभावित…
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हैकर्स ने AIIMS से मांगे 200 रुपये करोड़, 6 दिन से सर्वर डाउन : रिपोर्ट
हैकर्स ने AIIMS से मांगे 200 रुपये करोड़, 6 दिन से सर्वर डाउन : रिपोर्ट
(फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को कहा कि हैकर्स ने कथित तौर पर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली से क्रिप्टोकरंसी में अनुमानित रूप से 200 करोड़ रुपये की मांग की है, क्योंकि इसका सर्वर लगातार छठे दिन खराब रहा.
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आशंका जताई जा रही है कि बुधवार सुबह सामने आए उल्लंघन के कारण लगभग 3-4 करोड़ मरीजों के डेटा से समझौता किया जा सकता था. सूत्रों ने कहा कि आपात…
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JNUSU अध्यक्ष आइशी घोष समेत 19 छात्रों के खिलाफ दर्ज की FIR, सर्वर रूम में तोड़फोड़ का आरोप
चैतन्य भारत न्यूज
नई दिल्ली. दिल्ली की जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में हुए हिंसा के मामले में स्टूडेंट यूनियन की अध्यक्ष आइशी घोष (Aishe Ghosh) समेत 19 छात्रों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। उन पर 4 जनवरी को सुरक्षा गार्ड पर हमला करने और सर्वर रूम में तोड़फोड़ करने का आरोप है। यह मुकदमा जेएनयू प्रशासन की शिकायत पर दर्ज किया गया है। एफआईआर 5 जनवरी को दर्ज की गई थी।
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खबरों के मुताबिक, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हॉस्टल फीस बढ़ोतरी का विरोध कर रहे छात्रों ने शुक्रवार (3 जनवरी) को विश्वविद्यालय का सर्वर बंद कर दिया था। सर्वर बंद होने से विश्वविद्यालय के कामकाज के साथ विंटर सेमेस्टर का रजिस्ट्रेशन भी रुक गया। उधर, विश्वविद्यालय प्रसासन ने कहा कि वह सर्वर बंद करने वाले छात्रों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करेगा।
वहीं रविवार रात को कुछ नकाबपोश बदमाशों में जेएनयू कैंपस में घुसकर छात्रों और टीचरों की लोहे की रॉड-डंडे से पिटाई की थी। इसमें कुल 34 छात्र-छात्राएं जख्मी हो गए थे, जिनमें आइशी घोष भी शामिल थीं। मारपीट में आइशी के सिर पर काफी गहरी चोटें आई, जिसके बाद उन्हें एम्स के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती करना पड़ा था। पुलिस की शुरुआती जांच में खुलासा हुआ है कि नकाब पहनकर जिन लोगों ने जेएनयू कैंपस में हिंसा की थी उनमें अखिल भारतीय विद्या परिषद (ABVP) और लेफ्ट के कार्यकर्ता ही शामिल थे। इन्हीं नकाबपोशों ने यूनिवर्सिटी कैंपस में तबाही मचाई थी, जिसमें 30 से अधिक लोग घायल हो गए थे।
Delhi Police has filed a FIR against JNUSU President Aishe Ghosh and 19 others(name not in accused column but in detail list) for attacking security guards and vandalizing server room on January 4. The complaint was filed by JNU administration. FIR was registered on January 5. pic.twitter.com/zUYZ2AOXKx
— ANI (@ANI) January 7, 2020
एफआईआर में आइशी घोष समेत साकेत मून, सतीश यादव, सारिका चौधरी, जी सुरेश, कृष जयसवाल, विवेक कुमार, गौतम शर्मा, वासकर वी, अपेक्षा प्रियदर्शी, श्रेया घोष, श्वेता कश्यप, संभावित सिद्धि, विवेक कुमार पांडे, राजू सिंह, मानस कुमार, चुनचुन यादव कामरान, डोलन और गीता कुमारी के नाम हैं। इनके खिलाफ आईपीसी की धारा 323 (जानबूझ कर स्वेच्छा से किसी को चोट पहुंचाने के लिए दण्ड), 341 (सदोष अवरोध के लिए दण्ड) और 506 (धमकाना) के साथ सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने को लेकर एफआईआर दर्ज की गई है।
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साइबर हमले के दो हफ्ते बाद एम्स में ओपीडी मरीजों का ऑनलाइन पंजीकरण शुरू
नई दिल्ली: एम्स, दिल्ली में ओपीडी में आने वाले नए रोगियों का ऑनलाइन पंजीकरण फिर से शुरू हो गया है, जबकि ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट सिस्टम अभी भी काम नहीं कर रहा है और प्रयोगशाला सेवाएं मैनुअल मोड में चल रही हैं, आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को कहा। उन्होंने कहा कि यहां के प्रमुख अस्पताल का सर्वर अनिवार्य रूप से दिन में ज्यादातर समय डाउन रहता है।
“आउट पेशेंट विभाग (ओपीडी) पंजीकरण और प्रवेश प्रक्रियाओं को…
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