टाइगर जनगणना में गिनती में वृद्धि हुई, 3167 टाइगर हुए जनसंख्या में शामिल
टाइगर जनगणना में गिनती में वृद्धि हुई, 3167 टाइगर हुए जनसंख्या में शामिल. #ProjectTiger #WildlifeConservation #India #TigerPopulation #AITE2021 #NationalTigerConservationAuthority #PMModi #InternationalBigCatsAlliance #IBCA #BigCatsProtection #HindiNews
टाइगर जनगणना- ऑल इंडिया टाइगर एस्टीमेशन (AITE) 2021-2022 के अनुसार, भारत के टाइगर जनसंख्या अब 3,167 हो गई है। नेशनल टाइगर कंसर्वेशन अथॉरिटी (NTCA) द्वारा राज्य वन विभागों और वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सहयोग से चार साल में एक बार की जाने वाली सर्वेक्षण को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1 अप्रैल को मैसूरू में जारी किया जब देश प्रोजेक्ट टाइगर के 50 साल पूरे कर चुका था। इस अवसर पर एक स्मारकिक…
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26 हजार से ज्यादा स्थानों पर वन्यजीवों के 3.5 करोड़ फोटो लिए गए, यह सर्वे गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ
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सर्वे में 26760 स्थानों पर वन्यजीवों के 3.5 करोड़ से ज्यादा फोटो लिए गए
सर्वे से पता चला कि भारत में तय लक्ष्य से 4 साल पहले बाघों की संख्या दोगुना हुई
दैनिक भास्कर
Jul 11, 2020, 04:08 PM IST
नई दिल्ली. भारत में 2018 में बाघों पर किया गया सर्वे गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज हो गया है। द ऑल इंडिया टाइगर एस्टीमेशन की ओर से बाघों पर किया गया यह दुनिया का सबसे बड़ा सर्वे साबित हुआ है। यह 1…
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टाइगर जिंदा है ! ४ साल में देश में बढ़े ७७४ बाघ | आज से करीब १३ साल पहले देश में सिर्फ १४११ टाइगर थे। जो २०१४ तक बढ़कर २,२२६ हो गए। टाइगर की आबादी साल दर साल बढ़ रही है। देश में बाघों की आबादी के आंकलन के लिए तीन बार सर्वे हो चुके हैं। पहला २००६ में, दूसरा २०१० और तीसरा २०१४ में। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस के मौके पर बाघों की संख्या पर ऑल इंडिया टाइगर एस्टीमेशन २०१८ रिपोर्ट जारी की। नए आंकड़ों के मुताबिक देश में बाघों की संख्या २,९६७ पहुंच गई हैं। यानी २०१४ के मुकाबले बाघों की संख्या में ७४१ बढ़ोत्तरी हुई है। जारी आंकड़ों के मुताबिक मध्य प्रदेश फिर से टाइगर स्टेट बन गया है। उसने अपना खोया दर्जा हासिल कर लिया है। मध्य प्रदेश ५२६ बाघों के साथ देश में नंबर वन हो गया है। कर्नाटक ५२४ टाइगर के साथ दूसरे स्थान पर और उत्तराखंड ४४२ टाइगर के साथ तीसरे नंबर पर रहा।
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बाघों की घटती संख्या और इसके संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 29 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस मनाया जाता है। नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी के मुताबिक 2014 में आखिरी बार हुई गणना के अनुसार भारत में 2226 बाघ हैं। जो कि 2010 की गणना की तुलना में काफी ज्यादा हैं। 2010 में बाघों की संख्या 1706 थी। नए आंकड़ों के मुताबिक, देश में बाघों की संख्या 2967 पहुंच गई हैं। दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस पर ऑल इंडिया टाइगर एस्टीमेशन 2018 जारी किया। इसके मुताबिक 2014 के मुकाबले बाघों की संख्या में 741 बढ़ोत्तरी हुई है।
कब हुई मनाने की शुरुआत :-
बाघ संरक्षण के काम को प्रोत्साहित करने, उनकी घटती संख्या के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए 2010 में रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में आयोजित एक शिखर सम्मेलन में अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस मनाने की घोषणा हुई थी। इस सम्मेलन में मौजूद कई देशों की सरकारों ने 2020 तक बाघों की आबादी को दोगुना करने का लक्ष्य तय किया था।
वैश्विक आबादी : वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ फंड (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) के मुताबिक दुनिया में लगभग 3,900 बाघ ही बचे हैं। 20वीं सदी की शुरुआत के बाद से वैश्विक स्तर पर 95 फीसद से अधिक बाघ की आबादी कम हो गई है। 1915 में बाघों की संख्या एक लाख से ज्यादा थी।
घटती आबादी की वजह: इसके कई कारण हैं। वन क्षेत्र घटा है। इसे बढ़ाना और संरक्षित रखना सबसे बड़ी चुनौती है। चमड़े, हड्डियों एवं शरीर के अन्य भागों के लिए अवैध शिकार, जलवायु परिवर्तन जैसी भी चुनौतियां शामिल हैं।
बाघों की जिंदा प्रजातियां :साइबेरियन टाइगर, बंगाल टाइगर, इंडोचाइनीज टाइगर, मलायन टाइगर, सुमात्रन टाइगर
विलुप्त हो चुकीं प्रजातियां : बाली टाइगर, कैस्पियन टाइगर, जावन टाइगर
प्रोजेक्ट टाइगर : -1973 में तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी ने टाइगर प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य भारत में उपलब्ध बाघों की संख्या के वैज्ञानिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और पारिस्थिक मूल्यों का संरक्षण सुनिश्चित करना है। इसके अंतर्गत अब तक 50 टाइगर रिजर्व बनाए जा चुके हैं।
दुनिया के लिए आदर्श बनता भारत में बाघों की बढ़ती संख्या इस बात का संकेत है कि पिछले कुछ सालों में भारत ने अन्य देशों की तुलना में बाघ संरक्षण पर काफी मेहनत की है।
उत्तराखंड भारत के बाघों की राजधानी के रूप में उभर रहा है। उत्तराखंड के हर जिले में बाघों की उपस्थिति पायी गयी है। वन विभाग के साथ-साथ राज्य सरकार इन अध्ययनों से काफी उत्साहित है और केन्द्र सरकार को इस संबंध में रिपोर्ट भेजेगी। उत्तराखंड में 1995 से 2019 के बीच किये गये विभिन्न शोधों व अध्ययनों से इस निष्कर्ष पर पहुंचा गया है। इस दौरान विभिन्न डब्ल्यूआईआई के रिपोर्टों के अलावा विभिन्न समय में लगाये गये कैमरा ट्रेपों व मीडिया रिपोर्टों को आधार बनाया गया है।
वन कर्मचारियों और ग��रामीणों द्वारा बाघों के प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष साक्ष्य जैसे पगमार्क, चिन्ह इत्यादि को भी आधार बनाया गया है। उन्होंने कहा कि भौगालिक रूप से देखा जाय तो उत्तराखंड उच्च हिमालय, मध्य हिमालय के अलावा तराई के मैदानी हिस्सों में बंटा हुआ है। खास बात यह है कि इन तीनों हिस्सों में बाघों की उपस्थिति के संकेत मिले हैं।
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Tiger Population Update | Tiger Census 2018, Guinness Book Of World Record (Latest Survey) | How Many Tigers In India, Which State Has Highest Tiger In India | 26 हजार से ज्यादा स्थानों पर वन्यजीवों के 3.5 करोड़ फोटो लिए गए, यह सर्वे गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ
Tiger Population Update | Tiger Census 2018, Guinness Book Of World Record (Latest Survey) | How Many Tigers In India, Which State Has Highest Tiger In India | 26 हजार से ज्यादा स्थानों पर वन्यजीवों के 3.5 करोड़ फोटो लिए गए, यह सर्वे गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ
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सर्वे में 26760 स्थानों पर वन्यजीवों के 3.5 करोड़ से ज्यादा फोटो लिए गए
सर्वे से पता चला कि भारत में तय लक्ष्य से 4 साल पहले बाघों की संख्या दोगुना हुई
दैनिक भास्कर
Jul 11, 2020, 11:22 PM IST
नई दिल्ली. भारत में 2018 में बाघों पर किया गया सर्वे गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज हो गया है। द ऑल इंडिया टाइगर एस्टीमेशन की ओर से बाघों पर किया गया यह दुनिया का सबसे बड़ा सर्वे साबित हुआ है। यह 1 लाख…
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'बाघ' पर कैमरा ट्रैप गिनीज रिकॉर्ड में शामिल, भारत में ली गई तीन करोड़ से अधिक तस्वीरें
‘बाघ’ पर कैमरा ट्रैप गिनीज रिकॉर्ड में शामिल, भारत में ली गई तीन करोड़ से अधिक तस्वीरें
भारत मे चार सालों में बाघों की संख्या में दोगुनी बढ़ोतरी के साथ ही ऑल इंडिया टाइगर एस्टीमेशन का कैमरा ट्रैप गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल हो गया है।
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26 हजार से ज्यादा स्थानों पर वन्यजीवों के 3.5 करोड़ फोटो लिए गए, यह सर्वे गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ
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सर्वे में 26760 स्थानों पर वन्यजीवों के 3.5 करोड़ से ज्यादा फोटो लिए गए
सर्वे से पता चला कि भारत में तय लक्ष्य से 4 साल पहले बाघों की संख्या दोगुना हुई
दैनिक भास्कर
Jul 11, 2020, 04:00 PM IST
नई दिल्ली. भारत में बाघों की संख्या तय लक्ष्य से चार साल पहले ही दोगुना हो गई है। इसके लिए द ऑल इंडिया टाइगर एस्टीमेशन ने 1 लाख 21 हजार 337 वर्ग किलोमीटर में सर्वे किया। इसमें 26 हजार 760 स्थानों की…
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26 हजार से ज्यादा स्थानों पर वन्यजीवों के 3.5 करोड़ फोटो लिए गए, यह सर्वे गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ
26 हजार से ज्यादा स्थानों पर वन्यजीवों के 3.5 करोड़ फोटो लिए गए, यह सर्वे गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ
भारत में बाघों की संख्या तय लक्ष्य से चार साल पहले ही दोगुना हो गई है। इसके लिए द ऑल इंडिया टाइगर एस्टीमेशन ने 1 लाख 21 हजार 337 वर्ग किलोमीटर में सर्वेकिया। इसमें 26 हजार 760 स्थानों की अलग-अलग लोकेशन पर कैमरे लगाए गए। इनसे वन्यजीवों के 3.5 करोड़ से ज्यादा फोटो लिए गए। इनमें से 76 हजार 651 फोटो बाघ के और 51 हजार 777 फोटो तेंदुए के हैं। यह बाघों पर किया गया दुनिया का सबसे बड़ा सर्वे है। इसे गिनीज…
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26 हजार से ज्यादा स्थानों पर वन्यजीवों के 3.5 करोड़ फोटो लिए गए, यह सर्वे गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ
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सर्वे में 26760 स्थानों पर वन्यजीवों के 3.5 करोड़ से ज्यादा फोटो लिए गए
सर्वे से पता चला कि भारत में तय लक्ष्य से 4 साल पहले बाघों की संख्या दोगुना हुई
दैनिक भास्कर
Jul 11, 2020, 03:49 PM IST
नई दिल्ली. भारत में बाघों की संख्या तय लक्ष्य से चार साल पहले ही दोगुना हो गई है। इसके लिए द ऑल इंडिया टाइगर एस्टीमेशन ने 1 लाख 21 हजार 337 वर्ग किलोमीटर में सर्वे किया। इसमें 26 हजार 760 स्थानों की…
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26 हजार से ज्यादा स्थानों पर वन्यजीवों के 3.5 करोड़ फोटो लिए गए, यह सर्वे गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ
भारत में बाघों की संख्या तय लक्ष्य से चार साल पहले ही दोगुना हो गई है। इसके लिए द ऑल इंडिया टाइगर एस्टीमेशन ने 1 लाख 21 हजार 337 वर्ग किलोमीटर में सर्वेकिया। इसमें 26 हजार 760 स्थानों की अलग-अलग लोकेशन पर कैमरे लगाए गए। इनसे वन्यजीवों के 3.5 करोड़ से ज्यादा फोटो लिए गए। इनमें से 76 हजार 651 फोटो बाघ के और 51 हजार 777 फोटो तेंदुए के हैं। यह बाघों पर किया गया दुनिया का सबसे बड़ा सर्वे है। इसे गिनीज…
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