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#कनाडा सरकार
jitendersoni5 · 13 days
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rightnewshindi · 21 days
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खालिस्तानी नेता जगमीत सिंह का जस्टिन ट्रूडो सरकार को बड़ा झटका, वापस लिया समर्थन; जानें पूरा मामला
Justin Trudeau Government in Crisis: खालिस्तानियों का पक्ष लेकर भारत से भिड़ने वाले कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो को वहां के खालिस्तानी नेता ने ही बड़ा झटका दिया है। जस्टिन ट्रूडो को एक बड़ा झटका देते हुए उनके प्रमुख सहयोगी जगमीत सिंह की न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (NDP) ने लिबरल पार्टी से समर्थन वापस ले लिया है। इससे अगले आम चुनाव से एक साल पहले ट्रूडो की अल्पमत सरकार खतरे में पड़ गई है।…
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manvadhikarabhivyakti · 2 months
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अब जल्द मिल सकेंगी गंभीर बीमारियों की विदेशी दवाएं, क्लीनिकल ट्रायल की जरूरत नहीं; सरकार का बड़ा फैसला
केंद्र सरकार ने विदेशी दवाओं को लेकर गुरुवार को बड़ा फैसला लिया है। अब अगर कोई दवा अमेरिका, ब्रिटेन, जापान, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और यूरोपीय संघ (ईयू) में किए गए नैदानिक परीक्षण (क्लीनिकल ट्रायल) में सफल होती है और उसे वहां के दवा नियामक से मंजूरी मिल जाती है, तो उस दवा के लिए भारत में क्लीनिकल ट्रायल की जरूरत नहीं होगी। यानी गंभीर बीमारियों की दवाओं की बिक्री भी सीधे भारत में हो सकेगी।  यह छूट…
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jubaer01 · 4 months
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FOR USA AND FIJI CITIZENS - TURKEY Official Turkey ETA Visa Online - Immigration Application Process Online
आधिकारिक तुर्की वीज़ा आवेदन ऑनलाइन तुर्की सरकार आप्रवासन केंद्र
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Address : A-1, 309, Safdarjung Enclave, Block A 1, Nauroji Nagar, Safdarjung Enclave South West Delhi - 110029
Phone : +91 11 4171 7136
Website : https://www.visa-turkey.org/hi/visa/ 
Business Hours : 24/7/365
Owner / Official Contact Name : James Charleton Bolton
Description : पर्यटन या व्यवसाय के लिए तुर्की जाने की इच्छा रखने वाले किसी भी व्यक्ति को वीज़ा की आवश्यक शर्तें पूरी करनी चाहिए, जिसके लिए इस वेबसाइट से वैध तुर्की वीज़ा प्राप्त करना आवश्यक है। योग्य आगंतुक अब आसानी से इलेक्ट्रॉनिक वीज़ा के लिए अनुरोध कर सकते हैं, जो तुर्की में प्रवेश करने का सबसे सरल तरीका है। दूतावास में लंबी कतारों के बारे में भूल जाइए। तुर्की सरकार का ऑनलाइन ईवीज़ा ढांचा लैपटॉप या मोबाइल फोन से 100 प्रतिशत वेब पर उपलब्ध है। यात्री इलेक्ट्रॉनिक आवेदन आवेदन पत्र भरते हैं और लगभग 24 घंटे में, कभी-कभी 4 घंटे से भी कम समय में, ईमेल द्वारा स्वीकृत वीज़ा प्राप्त कर लेते हैं। इस वेबसाइट पर दो मिनट के लिए ऑनलाइन फॉर्म भरने और व्यक्तिगत और पासपोर्ट विवरण प्रदान करने के बाद तुर्की के लिए एकल और एकाधिक विज़िट वीज़ा उपलब्ध हैं। तो, वास्तव में टर्की eVisa क्या है। तुर्की के लिए इलेक्ट्रॉनिक वीज़ा (eVisa) तुर्की गणराज्य में प्रवेश करने या यात्रा की अनुमति देने का एक प्राधिकरण है। कई देशों के निवासी उपयोग में आसान ऑनलाइन आवेदन संरचना के माध्यम से अपना तुर्की ईवीज़ा प्राप्त कर सकते हैं। eVisa पहले तुर्की दूतावास में दिए गए पासपोर्ट स्टिकर और पासपोर्ट स्टाम्प वीज़ा की जगह लेता है। तुर्की के लिए eVisa के कारण, आपको ��पना आवेदन पूरा करने के लिए बस फ़ोन या लैपटॉप से ​​​​वेब एक्सेस की आवश्यकता है। इंटरनेट आधारित तुर्की वीज़ा आवेदन को संसाधित करने के लिए केवल 24 घंटे की आवश्यकता होती है। स्वीकृत होने पर, eVisa सीधे आपको ईमेल द्वारा भेजा जाता है। हवाई अड्डों या समुद्री बंदरगाहों पर आव्रजन नियंत्रण अधिकारी अपनी प्रवासन नीति में तुर्की ईवीसा की वैधता की पुष्टि करते हैं। ईमेल द्वारा आपको भेजा गया eVisa अपने साथ रखें या इससे भी बेहतर, यदि आपका फोन बैटर खत्म हो जाए तो उसका प्रिंट आउट ले लें। निम्नलिखित राष्ट्र और जातियाँ तुर्की वीज़ा के लिए योग्य हैं वेब पर, एंटीगुआ और बारबुडा आर्मेनिया ऑस्ट्रेलिया बहामास बारबाडोस बरमूडा कनाडा चीन डोमिनिका डोमिनिकन गणराज्य ग्रेनेडा हैती हांगकांग बीएनओ जमैका कुवैत मालदीव मॉरीशस ओमान सेंट लूसिया सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस सऊदी अरब दक्षिण अफ्रीका ताइवान अमेरिका के बेडौइन एमिरेट्स यूएस में शामिल हो गए Anybody wishing to visit Turkey for Tourism or Business to the should meet the Visa prerequisites, which require having a having a legitimate Turkey visa from this website. Qualified visitor can now easily request for an an electronic visa, which is the simplest way to enter Turkey. Forget about the long queues at Embassy. Online Government of Turkey eVisa framework is 100 percent on the web from laptop or mobile phone. Travelers complete an electronic application application form and get the approved visa by email in about 24 hours, sometimes even less than 4 hours. Single and multiple visit visas for Turkey are accessible after you fill an online form on this website for two minutes and provide personal and passport details. So, what exactly is the Turkey eVisa. The electronic visa for Turkey (eVisa) is an authority to enter or permits visit into the Republic of Turkey. Residents of many nations can obtain their Turkish eVisa through a simple to utilize online application structure. The eVisa replaces the passport sticker and passport stamp visa previously given at Turkish Embassy. Because of the eVisa for Turkey, you just need a web access from phone or laptop to complete your application. The internet based Turkey visa application just requires 24 hours to process. When approve, the eVisa is sent straightforwardly to you by email. Immigration control officials at airports or sea ports ports confirm the legitimacy of the Turkish eVisa in their migration policy. Carry the eVisa sent to you by email or better still, take a print out just in case your phone batter dies. Following nations and ethnicities are qualified for Turkish Visa On the web, Antigua and Barbuda Armenia Australia Bahamas Barbados Bermuda Canada China Dominica Dominican Republic Grenada Haiti Hong Kong BNO Jamaica Kuwait Maldives Mauritius Oman St. Lucia St. Vincent and the Grenadines Saudi Arabia South Africa Taiwan Joined Bedouin Emirates US of America
Keywords : तुर्की वीज़ा ऑनलाइन, तुर्की वीज़ा आवेदन, तुर्की पर्यटक वीज़ा, तुर्की व्यापार वीज़ा, तत्काल तुर्की वीज़ा, आपातकालीन तुर्की वीज़ा, एंटीगुआ और बारबुडा नागरिक, आर्मेनिया नागरिकों के लिए तुर्की वीज़ा, ऑस्ट्रेलिया नागरिकों के लिए तुर्की वीज़ा, बहामास नागरिकों के लिए तुर्की वीज़ा, तुर्की वीज़ा बहरीन के नागरिक, बारबाडोस के नागरिकों के लिए तुर्की वीज़ा, बरमूडा के नागरिकों के लिए तुर्की वीज़ा, कनाडा के नागरिकों के लिए तुर्की वीज़ा, चीन के नागरिकों के लिए तुर्की वीज़ा, डोमिनिका के नागरिकों के लिए तुर्की वीज़ा, डोमिनिकन गणराज्य के नागरिकों के लिए तुर्की वीज़ा, पूर्वी तिमोर के नागरिकों के लिए तुर्की वीज़ा, पूर्वी तिमोर के नागरिकों के लिए तुर्की वीज़ा, फिजी नागरिक, ग्रेनेडा नागरिकों के लिए तुर्की वीजा, हैती नागरिकों के लिए तुर्की वीजा, हांगकांग-बीएन (ओ) नागरिकों के लिए तुर्की वीजा, जमैका नागरिकों के लिए तुर्की वीजा, कुवैत नागरिकों के लिए तुर्की वीजा, मालदीव नागरिकों के लिए तुर्की वीजा, मॉरीशस नागरिकों के लिए तुर्की वीजा , मेक्सिको नागरिकों के लिए तुर्की वीजा, ओमान नागरिकों के लिए तुर्की वीजा, साइप्रस नागरिकों के लिए तुर्की वीजा, सेंट लूसिया नागरिकों के लिए तुर्की वीजा, सेंट विंसेंट नागरिकों के लिए तुर्की वीजा, सऊदी अरब के नागरिकों के लिए तुर्की वीजा, दक्षिण अफ्रीका के नागरिकों के लिए तुर्की वीजा, तुर्की वीजा सूरीनाम के नागरिक, संयुक्त अरब अमीरात के नागरिकों के लिए तुर्की वीज़ा, संयुक्त राज्य अमेरिका के नागरिकों के लिए तुर्की वीज़ा Turkey Visa Online, Turkey Visa Application, Turkey Tourist Visa, Turkey Business Visa, Urgent Turkey Visa, Emergency Turkey Visa, Antigua and Barbuda Citizens , Turkey Visa for Armenia Citizens , Turkey Visa for Australia Citizens , Turkey Visa for Bahamas Citizens
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venkteshwara · 6 months
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वैक्टेश्वरा एवं जीनत हैण्डीक्राफ्ट एवं मिनिस्ट्री ऑफ आई.टी., आसाम सरकार के संयुक्त तत्वाधान में विदेशी राजनयिकों (राजदूत / हाईकमिशनर्स / चीफ काउन्सलर्स) के सम्मान में "साझा शैक्षणिक अनुबंधों" एवं "शानदार होली मिलन समारोह" का शानदार आयोजन।
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दिल्ली के पाँच सितारा होटल अशोका में यू.के.. यू.एस.. फिलिस्तीन, ब्राजील, रूस, कनाडा, ऑस्ट्रिया,
जिम्बॉम्बे, केन्या एवं दुबई समेत चार दर्जन से अधिक देशों के राजदूत, हाईकमिशनर्स एवं विभिन्न दूतावासों
के चीफ काउन्सलर्स के साथ बनी "साझा शैक्षणिक सहमति" एवं सभी को विश्वविद्यालय परिवार की ओर से
होली पर "स्मृति चिह्न" भेंट कर किया गया सम्मानित।
राज्य सभा एम.पी. एवं स्वास्थ्य मंत्रालय की स्टैन्डिग कमैटी के चेयरमैन श्री भुवनेश्वर कलीता ने मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम में की शिरकत ।
होली सिर्फ रंगों का ही नहीं, बल्कि जीवन में उमंग, उल्लास प्रेम, सौहर्द एवं राष्ट्रीय एकता का प्रतीक डॉ. सुधीर गिरि, संस्थापक अध्यक्ष वेंक्टेश्वरा समूह।
भारतीय संस्कृति पूरे विश्व को एक सूत्र में पिरोने वाली, होली सिर्फ एक त्यौहार नहीं, बल्कि समरसता एवं उल्लास के साथ जीवन जीने की कला श्री भुवनेश्वर कलीता, संसद सदस्य एवं चेयरमैन स्टैन्डिंग कमेटी स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार।
समूह चेयरमैन डॉ. सुधीर गिरि के प्रतिनिधि के रूप में विश्वविद्यालय के प्रतिकुलाधिपति डॉ. राजीव त्यागी एवं जेड.एच. के निदेशक कासिफ ने सभी राजनयिकों को शॉल, पटका एवं स्मृति चिह्न भेंटकर किया सम्मानित ।
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newswave-kota · 8 months
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कोटा के आर्यन सिंह ने किसानों के लिये बनाया ‘एग्रो बोट 2.0’
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राजस्थान से इकलौते छात्र आर्यन को राष्ट्रपति से मिला राष्ट्रीय ��ाल शक्ति पुरस्कार, केंद्र सरकार ने बनाया ब्रांड एम्बेसेडर न्यूजवेव @कोटा देश के किसानों को अपने खेत में फसलों की बुवाई, कटिंग, हार्वेेस्टिंग, पैदावार और मिट्टी की उर्वरकता बढाने के लिये महंगे उपकरण खरीदने की आवश्यकता नहीं रहेगी। कोटा के छात्र आर्यन सिंह ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर आधारित ऐसा सस्ता ‘एग्रो बोट-2.0’ तैयार किया है, जिसकी मदद से किसान कहीं भी बैठकर अपनी पैदावार की प्रभावी मॉनिटरिंग कर सकेंगे। कोटा के आर्यन सिंह को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने साइंस एंड टेक्नोलॉजी क्षेत्र में नये इनोवेशन के लिये 22 जनवरी को राष्ट्रीय बाल शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया। नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 मिनट आर्यन से मिले और भारतीय किसानों के लिये बनाये गये अनूठे एग्रो बोट 2.0 की विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने विश्वास दिलाया कि तुमने फसलों की गुणवत्ता बढाने के लिये अनूठा सस्ता रोबोट तैयार किया है, इसे देश के आम किसानों तक पहुंचाने के लिये केंद्र सरकार मदद करेगी। प्रधानमंत्री ने मेरा साथी एप बनाने पर उसे माय जीओवी डॉट इन वेबसाइट पर ब्रांड एम्बेसेडर बनाया है। एसआर पब्लिक स्कूल कोटा में कक्षा-9वीं से उसने अटल टेंकरिंग लैब में इस प्रोजेक्ट पर कार्य प्रारंभ किया था। कोरोना महामारी के दौरान मेंटर ओपी सोनी के साथ वह लगातार इस पर काम करता रहा। 2023 में उसने एक बगीचे में सौर उर्जा के साथ इस एग्रो रोबोट का सफल परीक्षण किया। दादा की खेती से मिला आइडिया
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शहर के इंद्रा गांधी नगर निवासी 19 वर्षीय आर्यन सिंह ने बताया कि दादा उत्तरप्रदेश के गोरखपुर में छोटी सी खेती करते थे। ट्रेक्टर व अन्य मशीनें खरीदने के लिये उनके पास पैसे नहीं थे। तब उसने सोचा था कि वह बडा होकर किसानों के लिये सस्ता उपकरण तैयार करेगा। इंद्रा गांधी नगर में 20 साल से ईमित्र की दुकान चला रहे पिता जितेंद्र सिंह व मां मनसा देवी ने बताया कि आर्यन एसआर पब्लिक स्कूल में पढते हुये एग्रीकल्चर में इनोवेशन करने में जुटा रहा। घर पर किताबें पढना और कम्प्यूटर पर खोज करना उसकी रूचि रही। स्कूल में जाकर अटल टेंकरिंग लैब में कई घंटे बैठकर वह रोबोट तैयार करने में जुटा रहा। तीन देशों में जीते मेडल आर्यन बूंदी के सरकारी पॉलिटेक्नीक कॉलेज से कम्प्यूटर सांइस में बीटेक कर रहे हैं। उसे 5 अंतरराष्ट्रीय और 10 भारतीय अवार्ड मिल चुके हैं। इसमे यंग साइंटिस्ट ऑफ इंडिया अवार्ड 2020, रशियन यंग इनोवेटर अवार्ड 2021 व रशियन यूनिवर्सिटी से डिप्लोमा, कनाडा (टोरंटो) यंग इनोवेटर अवार्ड 2021 व सिल्वर मेडल, एटीएल टिंकर प्रिन्योर (शीर्ष 100 छात्र में शामिल) और एटीएल टिंकर प्रिन्योर मोस्ट कंसिस्टेंट स्टूडेंट्स में उसे चुना गया। किसान परिवार से होने के कारण उसका लक्ष्य छोटे किसानों तक सस्ता रोबोट पहुंचाने का है। अब वह आई स्टार्ट के जरिए इनक्यूबेशन ले रहा है, ताकि अपने स्टार्टअप आइडिया को बाजार तक पहुंचा सके। एआई बेस्ड एग्रोबोट को तैयार करने में 50 हजार की लागत आई है। कोटा में जबकि इसके लिए किसानों को लाखों रुपए की मशीन खरीदनी पड़ती है. फसलों की आसानी से कटिंग होगी आर्यन ने दावा किया कि इस सस्ते रोबोट को किसान उबड़-खाबड़ जमीन पर भी चल सकता है। गड्ढे से लेकर समतल जगहों तक ये काम करता है। साथ ही बीज बोने और फसलों की कटिंग में यह बहुत मददगार है। इसकी मदद से मिट्टी की उर्वरकता, पौधों की गणना, पानी की आवश्यकता के बारे में जान सकते ह। यह भी पता लगा सकते हैं कि कितनी फस्ल खराब हुई है, बाकी किस हालात में है। यह पूरी जानकारी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस पर देता है। खरपतवार को अलग रंग देने के लिए उस पर तुरंत स्प्रे कर दिया जाता है, ताकि जब खेत में जाए तो उन पौधों को तुरंत उखाड़ कर अलग किया जा सके।, यह रोबोट फसलों में कीट पतंगे, टिड्डी दल या फिर किसी जानवर के प्रवेश की जानकारी देता है। इसमें लगे सिक्यूरिटी कैमरे से पता चलता है कि खेत में किसी व्यक्ति ने प्रवेश किया है या जानवर ने। देश की प्रथम एटीएल को मिला अवार्ड
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Honour at SRPS,Kota एसआर सीनियर सैकंडरी पब्लिक स्कूल के निदेशक अंकित राठी ने बताया कि डीएसटी व नीति आयोग द्वारा देशभर में कई स्कूलों में अटल टेंकरिंग लैब खोली गई हैं। इनमें राजस्थान के कोटा शहर की एटीएल से पहले छात्र ने किसानों के लिये उपयोगी व सस्ता रोबोट तैयार कर साइंस एंड टेक्नोलॉजी में नया अनुसंधान किया है। इसी आधार पर उसे राष्ट्रीय बाल शक्ति अवार्ड से सम्मानित किया गया है। आर्यन बीटेक की पढाई में छुट्टियों में अटल टिंकरिंग लैब आकर अपने रिसर्च प्रोजेक्ट पर काम करते हैं। राठी ने कहा कि एटीएल प्लेटफार्म से हम तकनीकी संसाधन व गाइडेंस देकर बच्चों को उनकी कल्पनाओं को साकार करने का अवसर दे रहे हैं। 5 हजार किसान एग्रो बोट खरीदने के इच्छुक गत वर्ष लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की पहल पर कोटा में आयोजित एग्रो फिस्ट में तत्कालीन केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर आर्यन सिंह का यह रोबोट देख बहुत प्रभावित हुये थे। उन्होंने कहा था कि जब यह प्रोडक्ट लॉन्च होगा तो वो पहला ऑर्डर स्वयं देंगे। इस कृषि मेले में विभिन्न जिलों के 5 हजार किसानों ने एग्रो बोट खरीदने में रूचि दिखाई थी। कोटा व राजस्थान का मान बढाया एसआर पब्लिक स्कूल में आयोजित सम्मान समारोह में मुख्य अतिथी राजेश कृष्ण बिरला ने कहा कि कोटा के बेटे ने खेती में नई क्रांति लाने के लिये सस्ती तकनीक विकसित कर शहर व प्रदेश का नाम रोशन किया है। स्कूल चेयरमैन आनंद राठी ने कहा कि शहर के मध्यमवर्गीय परिवार के एक होनहार छात्र को राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री के हाथों अवार्ड मिलना गर्व की बात है। इस अवसर पर स्टार्टअप इक्की फूड्स के सह संस्थापक अमित कुमार व आई स्टार्ट कोटा के कौस्तुभ भट्टाचार्य, अशोक मीणा, मनोज राठी सहित गणमान्य नागरिक, शिक्षक व स्कूली छात्र मौजूद रहे। प्रिंसिपल आलेखा कपलाश ने सबका आभार जताया। Read the full article
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currenthunt · 9 months
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भारत विश्व की सबसे बड़ी रेडियो टेलीस्कोप परियोजना
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भारत विश्व की सबसे बड़ी रेडियो टेलीस्कोप परियोजना, जिसे स्क्वायर किलोमीटर एरे ऑब्ज़र्वेटरी कहा जाता है, उसका भी हिस्सा होगा।देशों को औपचारिक रूप से सदस्य बनने के लिये SKAO सम्मेलन पर हस्ताक्षर करना होगा और उसका अनुसमर्थन करना होगा। 1,250 करोड़ रुपए की वित्तीय मंज़ूरी के साथ परियोजना में शामिल होने के लिये भारत सरकार की मंज़ूरी अनुसमर्थन की दिशा में पहला कदम है। SKAO - SKAO एक अंतर-सरकारी संगठन है जिसका लक्ष्य अत्याधुनिक रेडियो दूरबीनों का निर्माण और संचालन करना है। इसका वैश्विक मुख्यालय जोड्रेल बैंक वेधशाला, यूनाइटेड किंगडम में स्थित है। - इस परियोजना में एक भी दूरबीन नहीं होगी बल्कि हज़ारों एंटेना की एक शृंखला होगी, जिसे दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के रिमोट रेडियो-क्वाईट स्थानों में स्थापित किया जाएगा, जो खगोलीय घटनाओं का निरीक्षण और अध्ययन करने के लिये एक बड़ी इकाई के रूप में कार्य करेगी। - SKAO के उद्देश्यों में गुरुत्वाकर्षण तरंगों का अध्ययन भी शामिल है। - SKAO के निर्माण में भाग लेने वाले कुछ देशों में यूके, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, कनाडा, चीन, फ्राँस, भारत, इटली और जर्मनी शामिल हैं। SKAO में भारत की भूमिका - भारत ने पुणे स्थित नेशनल सेंटर फॉर रेडियो एस्ट्रोफिजिक्स (NCRA) और अन्य संस्थानों के माध्यम से 1990 के दशक में स्थापित महत्त्वाकांक्षी SKAO परियोजना के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। - SKAO में भारत का प्राथमिक योगदान दूरबीन प्रबंधक कारक (Telescope Manager Element) के विकास तथा परिसंचालन में निहित है जो एक "तंत्रिका नेटवर्क" (Neural Network) अथवा सॉफ्टवेयर के रूप में कार्य करता है जो टेलीस्कोप के पूर्ण संचालन को नियंत्रित करता है। - राष्ट्रीय रेडियो खगोल भौतिकी केंद्र (National Centre for Radio Astrophysics- NCRA) भारत में एक शोध संस्थान है जो रेडियो खगोल विज्ञान में विशेषज्ञता रखता है। यह पुणे विश्वविद्यालय परिसर में स्थित है तथा मुंबई में स्थित टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (TIFR) का हिस्सा है। रेडियो टेलीस्कोप - रेडियो टेलीस्कोप एक विशेष प्रकार का एंटीना तथा रिसीवर सिस्टम है जिसका उपयोग खगोलीय पिंडों द्वारा उत्सर्जित रेडियो तरंगों का पता लगाने तथा एकत्र करने के लिये किया जाता है। - रेडियो तरंगें वैद्युत-चुंबकीय (Electromagnetic- EM) तरंगें होती हैं जिनकी तरंगदैर्घ्य 1 मिलीमीटर से 100 किलोमीटर के बीच होती है। - ऑप्टिकल टेलीस्कोप के विपरीत रेडियो टेलीस्कोप का उपयोग दिन के साथ-साथ रात में भी किया जा सकता है। - अनुप्रयोग: रेडियो टेलीस्कोप का उपयोग खगोलीय परिघटनाओं की एक विस्तृत शृंखला का अध्ययन करने के लिये किया जाता है, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं - तारों तथा आकाशगंगाओं का निर्माण एवं विकास। - ब्लैक होल तथा अन्य सक्रिय मंदाकिनीय (Galactic) नाभिक। - अंतरा-तारकीय माध्यम। - सौरमंडल में ग्रह और चंद्रमा। - अलौकिक जीवन की खोज। प्रमुख रेडियो टेलीस्कोप - विशाल मीटरवेव रेडियो टेलीस्कोप (भारत) - जून 2023 में पुणे के समीप स्थित विशाल मीटरवेव रेडियो टेलीस्कोप (Giant Metrewave Radio Telescope- GMRT) ने अत्याधुनिक खगोलीय अनुसंधान में महत्त्वपूर्ण प्रदर्शन करते हुए नैनो-हर्ट्ज़ गुरुत्वीय तरंगों (Nano-Hertz Gravitational Waves) का पहली बार पता लगाने में अहम भूमिका निभाई। - सारस 3 (भारत) - अटाकामा लार्ज मिलीमीटर/सबमिलीमीटर एरे (ALMA) (अटाकामा मरुस्थल, चिली) - फाइव हंड्रेड मीटर एपर्चर स्फेरिकल टेलीस्कोप (FAST) (चीन) गुरुत्वीय तरंगें - ये तरंगें बड़े पैमाने पर खगोलीय पिंडों, जैसे कि ब्लैक होल या न्यूट्रॉन स्टार्स के संचलन से उत्पन्न होती हैं और अंतरिक्ष-समय (space time) के माध्यम से बाहर की ओर फैलती हैं।। उदाहरण के लिये जब एक तालाब में कंकड़ गिराया जाता है, तो परिणामी लहरें गुरुत्वीय तरंगों के समान होती हैं, लेकिन पानी के बजाय वे ब्रह्मांड की मूलभूत संरचना के माध्यम से फैलती हैं। - 1916 में अल्बर्ट आइंस्टीन ने सामान्य सापेक्षता के अपने सिद्धांत के अंदर गुरुत्वीय तरंगों की उपस्थिति की भविष्यवाणी की थी। - प्रधानता: गुरुत्वीय तरंग अनुसंधान, जैसा कि लेज़र इंटरफेरोमीटर ग्रेविटेशनल वेव ऑब्ज़र्वेटरी (LIGO) का उपयोग कर पहली बार पता लगाने के लिये दिये गए 2017 के नोबेल पुरस्कार से प्रमाणित है, वैज्ञानिक सफलताओं के लिये अपार संभावनाएँ रखता है। - हाल ही में भारत ने महाराष्ट्र के हिंगोली ज़िले में LIGO के तीसरे नोड के निर्माण को हरी झंडी दी। Read the full article
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dainiksamachar · 9 months
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कनाडा की राजनीति में खालिस्‍तानियों का दखल... विदेश मंत्री जयशंकर ने खरी-खरी सुनाकर क्‍या दी वॉर्निंग?
नई दिल्‍ली: ने कनाडा की राजनीति में खालिस्‍तान के दखल की बात कही है। अपनी बात को दो-टूक रखने वाले जयशंकर ने कहा है कि कनाडाई पॉलिटिक्‍स ने खालिस्तानी ताकतों को जगह दी है। उन्हें ऐसी गतिविधियों में शामिल होने की इजाजत दी है जो भारत और कनाडा के रिश्‍तों पर प्रतिकूल असर डालती हैं। विदेश मंत्री ने चिंता जताई कि इस तरह का रुख दोनों देशों के हित में नहीं है। जयशंकर का यह बयान ऐसे समय में आया है जब दोनों देशों के संबंध बिगड़े हुए हैं। पिछले साल कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के बयान के बाद से दोनों देशों के बीच रिश्‍ते बिगड़ने शुरू हुए। तब ट्रूडो ने खालिस्‍तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्‍जर की हत्‍या का बेबुनियाद आरोप भारत के सिर मढ़ दिया था। उन्‍होंने इसमें भारतीय खुफिया एजेंसी का हाथ होने की बात कही थी। इन आरोपों को भारत से सिरे से खारिज कर दिया था। विदेश मंत्री जयशंकर ने मंगलवार को कहा, 'मुख्य मुद्दा यह है कि कनाडाई राजनीति में खालिस्तानी ताकतों को बहुत जगह दी गई है। उन्‍हें ऐसी गतिविधियों में शामिल होने की अनुमति दी गई जो मुझे लगता है कि रिश्‍तों के लिए अच्‍छी नहीं हैं। साफ तौर पर यह भारत के हित में नहीं है और कनाडा के हित में भी नहीं। लेकिन दुर्भाग्य से उनकी राजनीति की यही स्थिति है।' जयशंकर बोले- खालिस्तान मुद्दा नया नहींविदेश मंत्री ने यह भी साफ किया कि नई दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन का कनाडा में खालिस्तानी मुद्दे से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा, 'जी20 में सभी को शामिल करने का कनाडा में खालिस्तान मुद्दे से कोई लेना-देना नहीं है। खालिस्तान मुद्दा नया नहीं है। खालिस्तान मुद्दा सालों से है... मैं अपनी सरकार, अपने प्रधानमंत्री और अपने बारे में बता सकता हूं। अन्य प्रधानमंत्रियों पर अटकलें लगाना मेरा काम नहीं है।'कनाडा में बेहद मुखर खालिस्तान समर्थक लॉबी है। इसकी ओर से भारतीय राजनयिकों को धमकी देने के कारण भारत और कनाडा के राजनयिक संबंधों में तनाव है। इससे दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय साझेदारी के भविष्य को लेकर चिंता बढ़ गई है।ट्रूडो के आरोपों के बाद रिश्‍तों में आया तनावसितंबर में कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने अपने देश की संसद में भारत पर संगीन आरोप लगाए थे। ये खालिस्‍तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्‍या से जुड़े थे। 18 जून को सरे में गुरुद्वारे के बाहर निज्‍जर की गोली मारकर हत्‍या कर दी गई थी। ट्रूडो ने कहा था कि इस बात के पुख्‍ता सबूत हैं कि इस हत्‍या में भारत का हाथ है। यह और बात है कि जब भारत ने इसे लेकर सबूत मांगे तो वह बंगले झांकने लगा था। भारत ने इन दावों का जोरदार खंडन किया था। उसने आरोपों को बेतुका और प्रेरित बताया था। विदेश मंत्रालय (एमईए) के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था कि कनाडा ने आरोपों के समर्थन में कोई विशेष जानकारी नहीं दी। भारत कनाडा की निष्क्रियता के लिए वोटबैंक की राजनीति को जिम्मेदार ठहराता रहा है। कनाडा भी काफी समय से कहता रहा है कि भारत वहां सिख-संबंधी मामलों में हस्तक्षेप कर रहा है। खालिस्तान आंदोलन भारत में गैरकानूनी है। सरकार इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा मानती है। आंदोलन से जुड़े कई समूहों को भारत के गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत आतंकवादी संगठनों के रूप में लिस्‍ट किया गया है। http://dlvr.it/T0sk1r
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newsuniversal-in · 9 months
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डॉक्टर भास्कर शर्मा को इंदौर में मिला इंटरनेशन प्रेस्टीजियस अवॉर्ड
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सिद्धार्थनगर। वैश्विक स्तर पर विशिष्ट पहचान बनाने वाले वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर उत्तर प्रदेश सिद्धार्थनगर के डॉक्टर भास्कर शर्मा को होम्योपैथिक चिकित्सा के क्षेत्र में उल्लेखनीय शोध कार्य के लिए इंदौर में रविवार को इंटरनेशन प्रेस्टीजियस अवार्ड से सम्मानित किया गया है। डॉक्टर भास्कर शर्मा ने रविवार को एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि आज 17 दिसंबर 2023 को इंदौर में अयोजित अवार्ड समारोह में मेरे द्वारा प्रतिभा किया गया। जिसमें मुझे इंटरनेशनल प्रेस्टीजियस अवार्ड तथा इक्यावन हजार रुपए का चेक देकर सेलिब्रिटी गेस्ट के रूप में अभिनेता गुलशन, बीजेपी के कोकन्विनर व मेडिकल सेल के सदस्य आयुष मंत्रालय भारत सरकार डॉ दिनेश उपाधाय जी द्वारा सम्मानित किया है। गौरतलब है कि डॉक्टर भास्कर शर्मा ने होम्योपैथी चिकित्सा क्षेत्र पद्धति की 156 पुस्तकों का लेखन किया है। डॉ भास्कर शर्मा का नाम लार्जेस्ट होम्योपैथी लेसन के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है। साथ ही साथ उनके नाम 58 वर्ल्ड रिकॉर्ड बुक में नाम दर्ज है। डॉ भास्कर शर्मा के विश्व के टॉप रिसर्च जनरल पबमेड, स्कॉपस, पीर रिव्यूड, यूजीसी केयर रिसर्च जर्नल में सौ से अधिक शोध प्रकाशित हो चुके हैं। डॉक्टर भास्कर शर्मा ने होम्योपैथिक चिकित्सा के क्षेत्र में किए गए उत्कृष्ट शोध कार्यों से अंतरराष्ट्रीय क्षितिज पर अपने जन्म भूमि का नाम रोशन कर रहे हैं। इसके अलावा यूनाइटेड नेशन वेलफेयर फाउंडेशन अमेरिका द्वारा डॉक्टर भास्कर शर्मा को प्रशंसा पत्र के साथ एक लाख का पुरस्कार भी दिया गया है। सीबीजी इंटरनेशन महाराष्ट्र ने भी एक लाख का पुरस्कार दिया है। डॉ शर्मा को पूर्व राष्ट्रपति अमेरिका डोनाल्ड ट्रंप जी द्वारा प्रेसीडेंशियल एक्टिव लाइफ स्टाइल अवार्ड तथा प्रेसीडेंशियल यूथ फिटनेस अवॉर्ड विथ गोल्ड मेडल से भी नवाजा जा चुका है। पूर्व राज्यपाल उत्तर प्रदेश श्रीराम नाइक जी ने होम्यो एक्सीलेंस अवार्ड से भी नवाजा था। डॉ शर्मा को पूर्व मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश अखिलेश यादव जी ने सर्जना पुरस्कार के साथ बीस हजार रुपए का पुरस्कार दिया था। डॉ शर्मा को पूर्व राज्यपाल असम डॉ भीष्म नारायण सिंह तथा पूर्व राज्यपाल मध्यप्रदेश डॉ महावीर भाई जी, पूर्व उप प्रधानमंत्री थाईलैंड कॉर्न डब्बारंसी, काठमांडू नेपाल राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी जी, न्यायाधीश हाईकोर्ट इलाहाबाद रविंद्र सिंह जी, न्यायाधीश हाईकोर्ट इलाहाबाद शेखर यादव जी द्वारा भी कई अवार्ड और गोल्ड मेडल से सम्मानित किया जा चुका है। इसके अलावा डॉक्टर सैमुअल हैनीमैन इंटरनेशनल अवॉर्ड लंदन, वरिष्ठ होम्योपैथिक इंटरनेशनल अवॉर्ड सिंगापुर, डॉ एलेन इंटरनेशनल अवॉर्ड थाईलैंड, डॉक्टर कैंट इंटरनेशनल अवॉर्ड मलेशिया, ग्लोबल आइकॉन पर्सनैलिटी ऑफ होम्योपैथी दुबई, होम्योपैथी शिरोमणि इंटरनेशनल अवॉर्ड मस्कट, स्टार आफ होम्योपैथी अवॉर्ड लंदन, ग्लोबल एनवायरमेंटल अवार्ड फिलीपींस, साहित्य रत्न अवॉर्ड कनाडा, बेस्ट होम्योपैथी अवार्ड नाइजीरिया, ग्लोबल आईकॉन पर्सनालिटी अवार्ड अफ्रीका, इंटरनेशनल पीस अवॉर्ड इंडोनेशिया, डॉक्टरेट अवॉर्ड अल्जीरिया, होम्यो भूषण काठमांडू, होम्योपैथी श्री गोवा, होम्योपैथी रत्न दिल्ली, चिकित्सा रत्न दिल्ली आदि सम्मान मिल चुके हैं। सम्मान पाने की खुशी में डॉक्टर सैयद आबिद हुसैन, डॉक्टर सोनपा विश्वकर्मा, डॉक्टर अनिल गुप्ता, डॉक्टर नसीम अख्तर, डॉ महेंद्र शुक्ला, डॉ अजीत, डॉ सी एल यादव, डॉ मनोज शर्मा, डॉ वीरेंद्र त्रिपाठी, डॉ बीके बजाज, डॉ ज्योति बजाज आदि लोगों ने बधाइयां दी है। Read the full article
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studyara · 10 months
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विकासशील देशों पर बहुराष्ट्रीय निगमों के प्रभाव
विकासशील देशों पर बहुराष्ट्रीय निगमों के प्रभाव की चर्चा कीजिए |
उत्तर -
भूमिका :- वर्तमान समय में बहुराष्ट्रीय निगमों का बहुत तेजी से विस्तार हुआ है | अधिकांश नवीन राजनीति व अर्थशास्त्र के लेखकों को यह बात आश्चर्यजनक प्रतीत होती है, पर इतिहास के विद्यार्थी इस तथ्य से परिचित हैं कि पिरामिड में पाई जाने वाली बहुत सी वस्तुएं भारत की थी तथा रोम से भारत का व्यापार होता था | मध्यकाल में अरब और ईरानी भारत से व्यापार करते थे तथा ईस्ट इंडिया कंपनी, फ्रेंच और डच व्यापारिक कंपनियों ने व्यापार विस्तार में उल्लेखनीय भूमिका उस समय निभाई थी, परंतु अब अधिकांश वस्तुएं भारत के बाहर की होती है भारत में और भारत जैसे अनेक विकासशील देशों में बहुराष्ट्रीय निगमों का बोलबाला बहुत तेजी से बढ़ रहा है | इसके हमें सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ही प्रभाव देखने को मिलते हैं कुछ विद्वान  बहुराष्ट्रीय निगमों के फायदे को गिनाते हैं, तो वहीं कुछ इससे होने वाले नुकसानों  पर जोर देते हैं | बहुराष्ट्रीय निगमों से विकासशील देशों के संप्रभुता को हानि हुई है | विकासशील और अल्पविकसित देशों के संसाधनों को भी बहुराष्ट्रीय निगमों द्वारा नुकसान पहुंचाया जाता है | वही दूसरी ओर बहुराष्ट्रीय निगमों से फायदे के रूप में रोजगार के अवसर और बेहतर उपभोक्ता वस्तुओं कि उपलब्धता को बताया जाता है |
बहुराष्ट्रीय निगमों की परिभाषा
जो कंपनियां या निगम मूल रूप से एक देश में स्थापित होकर अन���य देश में अपनी शाखाओं का विस्तार करता है तथा वस्तुओं का निर्माण और व्यापार करता है, वह बहुराष्ट्रीय निगम कहलाता है | जैसे- कोका कोला या पेप्सी, कोलगेट, लीवर ब्रदर आदि |
पूंजी की विशालता, प्रचुरता व अनुभव और दक्षता के कारण इनका निरंतर विस्तार हो रहा है | ये बहुराष्ट्रीय निगम संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, हाॅलैंड, जर्मनी, जापान, कनाडा व दक्षिण कोरिया आदि देशों के हैं |
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विकासशील देशों पर बहुराष्ट्रीय निगमों के प्रभाव
बहुराष्ट्रीय निगमों से विकासशील देशों पर सकारात्मक प्रभाव -
बहुराष्ट्रीय निगम क्षमता में आश्चर्यजनक विश्वास प्रदर्शित करते ��ैं, कम दाम पर अधिक और अच्छा उत्पादन प्रस्तुत करते हैं, इसलिए इन उत्पादों के लिए तीव्रता से सार्वभौमिक मांग पैदा हुई है | बहुराष्ट्रीय निगम के सकारात्मक पहलुओं  में अटल विश्वास के लिए प्रमुख कारण बहुराष्ट्रीय निगमों की कार्य क्षमता है | बहुराष्ट्रीय निगम रोजगार के नए अवसर पैदा करता है, विकसित प्रौद्योगिकी प्रस्तुत करता है तथा विश्व के विकसित देशों में स्थानीय नागरिकों को आधुनिक प्रबंधन की कला और विज्ञान में निपुण बनाने का कार्य करता है | बहुराष्ट्रीय निगमों की गतिविधियां उत्पादन और वितरण प्रक्रिया का अंतरराष्ट्रीयकरण करती है | इन्होंने राष्ट्रीय राज्य के अपने प्रबंधकों और कर्मचारियों की 'अंध देशभक्ति' या 'अन्ध राष्ट्रभक्ति' से दूर रखा है, इसलिए बहुराष्ट्रीय निगम विश्व के अच्छे नागरिक साबित हुए हैं | बहुराष्ट्रीय निगम विश्व कानून और सरकार के माध्यम से विश्व शांति और विकास का मार्ग तैयार करते हैं | बहुराष्ट्रीय निगम का अत्याधिक शक्तिशाली तर्क यह है कि उन्होंने अपने उत्पादों को विश्व स्तर पर पहुंचा दिया और उन्हें सुविधाओं के साथ सम्मिलित कर दिया है इसलिए अंतरराष्ट्रीय युद्धों का व्यवहार अपने आप में प्रचलित हो गया है अंटार्कटिक समुदाय धोखा एंकर और विध्वनशक युद्ध होगा साक्षी है परंतु अब बहुराष्ट्रीय निगमों की गतिविधियों के लाभदायक विकास के परिणाम स्वरूप पूर्ण रूप से परिवर्तित हो गया है जो कि क्षेत्र में क्षेत्रीय एकीकरण की प्रक्रिया भी सफल हो गई है बहुराष्ट्रीय निगम उत्साह का तर्क है कि अंतः निर्भरता में विकास होने तथा आपसी प्रतियोगिता का आज अंटार्कटिक देशों में विकास हुआ है इसलिए कहा जा सकता है कि अमेरिका और कनाडा या फ्रांस और जर्मनी के बीच युद्ध जैसी घटना होना असंभव है |
बहुराष्ट्रीय निगमों से विकासशील देशों पर नकरात्मक प्रभाव-
बहुराष्ट्रीय कंपनियों की भूमंडलीय निगमित गतिविधियों के साथ समस्याओं की व्यापक क्षेत्रों में पहचान की गई है केवल तीसरी दुनिया या विकासशील देशों ने ही नहीं बल्कि बहुराष्ट्रीय निगमों के ऊपर विकसित देशों ने भी आशंका व्यक्त की है | विकसित भागों में बहुराष्ट्रीय निगमों के कार्यों के गंभीर निहितार्थ के संबंध में लगातार चिंता व्यक्त की जाती रही है | पश्चिमी देशों के अनेक संगठित मजदूर संघों का मानना है कि बहुराष्ट्रीय निगम अपने संयंत्रों को वहीं स्थापित करते हैं, जहां पर सस्ते श्रमिक मिलते हैं | इनके इस परिचालन के कारण अमेरिका, ब्रिटेन और विश्व के अन्य विकसित देशों में बेरोजगार की गंभीर समस्या पैदा हो गई है | बार्नेट और मूलर विद्वानों का मानना है कि बहुराष्ट्रीय निगम बहुत ही शक्तिशाली मानव संगठन है और यह भविष्य में उपनिवेश निर्माण के साधन के रूप में कार्य करेगा | बहुराष्ट्रीय निगमों पर वह सीधे प्रहार करते हुए कहते हैं कि इनसे विश्वशांति और समृद्धि थी कल्पना करना व्यर्थ है | बार्नेट और मूलर तर्क देते हैं कि व्यापक भुखमरी, अत्यधिक बेरोजगारी और व्यापक असमानता जैसी गंभीर समस्याओं के संबंध में इस तरह की निगमों के पास कोई कार्यक्रम अथवा कोई एजेंडा नहीं है | यहां पर मुख्य विवाद यह है कि बहुराष्ट्रीय निगम छुपे हुए जमीदार की तरह है, जो सबसे पहले अपने लाभ की चिंता करते हैं, वे बुनियादी मानवीय आवश्यकताओं के बारे में गंभीर या संवेदनशील नहीं है | इसके अति विशाल और सम्मोहन विज्ञापन अभियानों के कारण यह कंपनियां विकासशील देशों के लोगों की पसंद और उनके जीवन शैली को ही नष्ट नहीं कर रही, बल्कि उनको ऐश्वर्य की वस्तुओं का आदि बनाकर उन्हें आवश्यकता के रूप में परिवर्तित कर रहे हैं | सामाजिकता के व्यापक और गंभीर मुद्दों जैसे कि पोषण, स्वच्छ वायु और सार्वजनिक स्वास्थ्य को इन निगमों ने कभी नहीं उठाया और न ही इन पर कुछ काम किया है | इसलिए बहुराष्ट्रीय निगम विकासशील देशों में संदेह की दृष्टि से देखे जाते हैं |
बहुराष्ट्रीय निगम भविष्य में घोर असमानता, व्यापक बेरोजगारी और प्राकृतिक संसाधनों के दोहन जैसी समस्याओं को उत्पन्न करेगा और यह किसी भी विकासशील देश के लिए विनाशकारी साबित होगा | बहुराष्ट्रीय निगम विकासशील देशों में अपने उद्योगों को स्थापित करते हैं और विकासशील देशों को लाभ का कम अंश देकर अधिकांश लाभ स्वयं रख लेते हैं | बहुराष्ट्रीय निगम अल्प विकसित या विकासशील देशों के लिए पर्यावरणीय रूप से भी अत्यधिक हानिकारक है |
निष्कर्ष :- बहुराष्ट्रीय निगम बहुत तेजी से बढ़े हैं तथा यह बहुराष्ट्रीय गतिविधियों को धन व विस्तार के कारण प्रभावित करते हैं तथा अपने उद्गम वाले राज्यों व मुख्यालय के आदेशों का पालन करते हैं | उन राज्यों के आदेशों की अनदेखी करते हैं, जहां इनकी शाखाएँ हैं  तथा राज्य के नियम अंतरराष्ट्रीय कानूनों और नैतिकता के विरुद्ध है | उनका पालन राज्य संप्रभु होते हुए भी नहीं करवा सकता | जैसे- बहुराष्ट्रीय निगम की संपत्ति को भारत में संपत्ति का मूल अधिकार न होते हुए भी बिना मुआवजा दिए छीना नहीं जा सकता और न निगम के विदेशी स्वामी या अधिकारी का मुख्यालय आदि दूसरे देश में है, तो बंदी बनाया जा सकता है | अत: फासीवादी विचारकों का मत है कि इससे राज्य की संप्रभुता को हानि पहुंची है | परंतु उदारवादी विचारकों का मत है कि बहुराष्ट्रीय निगमों से अंतरराष्ट्री���ता और विश्वशांति को प्रोत्साहन मिला है तथा बहुराष्ट्रीय निगमों के भूमंडलीय निगमित गतिविधियों द्वारा शांति और समृद्धि के नव स्वर्ण युग का श्रीगणेश हुआ है |
दोनों से उनके मालिकों, अधिकारियों तथा शिक्षित कर्मचारियों को तो लाभ हुआ है, परंतु निर्धन देशों और निर्धन और अशिक्षित व्यक्तियों को तथा छोटे उद्योग -धंधों को हानि पहुंची है तथा बेकारी बढी है और अविकसित देश ऋणी हो जाने के कारण अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक के प्रभाव में आ गए हैं तथा उनकी संप्रभुता में कमी आई है |
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sam-672 · 1 year
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हवाई यात्री: कनाडा जाने वाले भारतीयों के लिए जरूरी खबर, अब सरकार ने उठाया बड़ा कदम, यहां देखें – News India Live
हवाई यात्री बड़ा अपडेट: कनाडा सरकार ने पंजाब और भारत के अन्य राज्यों से कनाडा जाने वाले छात्रों और लोगों को फर्जी ट्रैवल एजेंटों से बचाने के लिए एक अभियान शुरू किया है। कैनेडियन एसोसिएशन ऑफ प्रोफेशनल इमिग्रेशन कंसल्टेंट्स के सदस्य डॉ. अरविंद कुमार कादियान ने कहा कि पंजाब समेत देशभर में इमिग्रेशन के नाम पर लूट का सबसे बड़ा कारण भारत में इमिग्रेशन सेवाओं के लिए कोई नीति या कानून का न होना है। भारत…
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rightnewshindi · 23 days
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कनाडा में खालिस्तानियों के प्रदर्शन का हिस्सा बन रहे भारतीय युवक, जानें कौन सा लालच बन रहा वजह
Delhi News: कनाडा में खालिस्तानी गतिविधियों में हिस्सा लेने वाले लोगों में भारत से गए युवाओं की संख्या में इजाफा दिख रहा है। भारतीय अधिकारियों ने इसे लेकर चिंता जताई है। उन्हें संदेह है कि ऐसे लोग बड़ी संख्या में खालिस्तानियों के कनाडा में होने वाले प्रदर्शनों में शामिल हो रहे हैं, जो वहां बसना चाहते हैं। इन लोगों को लगता है कि खालिस्तान की मांग वाले प्रदर्शनों में शामिल होकर वे वहां की सरकार के…
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manvadhikarabhivyakti · 3 months
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नाटो सदस्यों में अलग-थलग पड़ा कनाडा, रक्षा खर्च में कटौती से निशाने पर आए जस्टिन ट्रूडो
नाटो के 32 सदस्य देशों में कनाडा अलग-थलग पड़ गया है। अमेरिका के एक मीडिया चैनल ने यह दावा किया है। उनका कहना है कि कनाडा अपने घरेलू रक्षा खर्च को तय सीमा तक खर्च नहीं कर पा रहा है। इसके चलते कनाडा की सेना के कई उपकरण पुराने हो गए हैं और कनाडा की सरकार में अभी रक्षा खर्च प्राथमिकता में भी नहीं है। यह रिपोर्ट ऐसे समय सामने आई है, जब कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो नाटो की बैठक में शामिल होने के लिए…
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ट्रूडो ने हाल ही में आरोप लगाया था कि निज्जर की हत्‍या के पीछे भारत सरकार की एजेंसियों का हाथ है https://www.youtube.com/watch?v=ahhTD5hFgV8 कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने हाल ही में आरोप लगाया था कि निज्जर की हत्‍या के पीछे भारत सरकार की एजेंसियों का हाथ है और जबसे कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के पीछे भारत का हाथ होने की बात कही है, तबसे ही दोनों देशों के रिश्ते काफी खराब हो गए हैं. भारत और कनाडा ने अपने-अपने देशों से एक दूसरे के उच्चायुक्तों को भी निकाल दिया है इतना ही नहीं पीएम ट्रूडो अलग-अलग मंचों पर भारत के खिलाफ लगातार बयानबाजी भी कर रहे हैं. इन्हीं तनावों के बीच भारत के विदेश मंत्री इस समय यूएनजीए की बैठक में हिस्सा ले रहे थे.वहां उन्होंने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से भी इस पूरे मामले पर बातचीत की. लेकिन ऐसा लग रहा है जैसे भारत-कनाडा टेंशन के बीच अमेरिका अपनी अलग कूटनीति चाल चल रहा है. Watch the latest Hindi news Live on the World's Most Loved News Channel on YouTube. Latest News about Politics , Sports , Entertainment, Crime at Yugcharan Channel. Un Biased News Reporting ! Follow this link to join our WhatsApp group to get Latest News Updates : https://chat.whatsapp.com/ESor6YJXGEIL9y7DZRCtim Subscribe our channel for the latest news: https://www.youtube.com/@yugcharan Like us: https://www.facebook.com/theyugcharan Follow us: https://twitter.com/theyugcharan Telegram : https://t.me/TheYugCharanpaper Instagram : https://www.instagram.com/theyugcharan/ Website : https://yugcharan.com #today_breaking_news #Breaking_news #Latest_news #Hindi_News #News #NewsHindiLive #LiveTVNews #HindiNews via Yugcharan News https://www.youtube.com/channel/UCbT6O9BlRulH48ph5QmCYEg October 03, 2023 at 06:21PM
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jubaer01 · 4 months
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FOR USA AND FIJI CITIZENS - TURKEY Turkish Electronic Visa System Online - Government of Turkey eVisa
आधिकारिक तुर्की सरकार इलेक्ट्रॉनिक वीज़ा ऑनलाइन, एक तेज़ और तीव्र ऑनलाइन प्रक्रिया
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Address : A-1, 309, Safdarjung Enclave, Block A 1, Nauroji Nagar, Safdarjung Enclave South West Delhi - 110029
Phone : +91 11 4171 7136
Website : https://www.turkeyonline-visa.com/hi/visa/ 
Business Hours : 24/7/365
Owner / Official Contact Name : Albert Deniz Dilara
Description : वे आगंतुक जो पचास पचास देशों में से एक से हैं, अब अपने फोन या पीसी का उपयोग करके पूरी तरह से वेब पर तुर्की वीजा के लिए आवेदन करने के पात्र हैं। तुर्की वीज़ा आवेदन पत्र सेल फोन, पीसी या अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट से जमा किया जा सकता है। टर्किश ईवीसा के लिए ऑनलाइन इलेक्ट्रॉनिक प्रक्रिया पूरी करने के लिए बस कुछ ही क्षणों की जरूरत है। समर्थित ई-वीज़ा के साथ, विदेशी लोग मनोरंजक यात्राओं या व्यावसायिक यात्रा के लिए 50 या 30 दिनों तक तुर्किये गणराज्य की यात्रा की योजना बना सकते हैं। समय अवधि पासपोर्ट पर आपकी राष्ट्रीयता पर निर्भर करती है, यह 90 दिन या 30 दिन हो सकती है। आवेदकों को किसी भी समय तुर्की सरकार के कार्यालय या दूतावास में जाने की आवश्यकता नहीं है। साथ ही दस्तावेजों और पासपोर्ट को कूरियर या मेल से भेजने की भी जरूरत नहीं है। एप्लिकेशन वेब पर 90 प्रतिशत उपलब्ध है। आपको ईमेल द्वारा एक इलेक्ट्रॉनिक समर्थित वीज़ा मिलेगा, जिसे आप प्रिंट कर सकते हैं और यात्रा के ��ौरान हवाई अड्डे पर अपने साथ ले जा सकते हैं। तुर्की में प्रवेश करने के लिए सभी पात्र पासपोर्ट धारकों को ई-वीज़ा के लिए आवेदन करना होगा, जिनमें नाबालिग भी शामिल हैं। अभिभावक या माता-पिता बच्चे की ओर से वीज़ा आवेदन पूरा कर सकते हैं। तुर्की ई-वीज़ा हैंडलिंग टाइम्स, तुर्की ई-वीज़ा आवेदन को समाप्त होने में बस कुछ ही क्षण लगेंगे। उम्मीदवार घर या कार्यालय से इलेक्ट्रॉनिक संरचना को 100-2 मिनट में पूरा कर सकते हैं। तुर्की गणराज्य में प्रवेश के समय आपका पासपोर्ट 3 महीने के लिए वैध होना चाहिए। निम्नलिखित देश तुर्की वीज़ा के लिए आवेदन करने के पात्र हैं, बहामास, कनाडा, ग्रेनेडा, बारबाडोस, बरमूडा, सेंट विंसेंट, मैक्सिको, साइप्रस, डोमिनिका, डोमिनिकन गणराज्य, एंटीगुआ और बारबुडा, ऑस्ट्रेलिया, सेंट लूसिया, दक्षिण अफ्रीका, हांगकांग-बीएन (ओ), संयुक्त अरब अमीरात, कुवैत, मालदीव, संयुक्त राज्य अमेरिका, फिजी, जमैका, हैती, ओमान, बहरीन, सूरीनाम, चीन, मॉरीशस, पूर्वी तिमोर, आर्मेनिया और सऊदी अरब। Those visitors who are from one of the fifty 50 countries are now eligible to apply for a Turkish visa totally on the web using their phone or pc. The Turkey visa application form can be submitted from a cell phone, PC, or other electronic gadgets. All that's needed is a couple of moments to finish the online electronic for for Turkish eVisa. With a supported e-Visa, foreigners can plan visit the Repubic of Turkiye for up to 30 or 90 days for the recreational trips or business visit. The time span relies upon your nationality on othe passport, it may be 30 days or 90 days. Applicants are NOT at all required to visit a Turkish government office or embassy anytime. Also, there is no need to courier the documents and passport by courier or mail. The application is 100 percent on the web. You will get an electronic endorsed visa by email, which you can print out and carry with yourself to the airport while travelling. All eligible passport holders need to apply for an eVisa to enter Turkey, including minors. Guardians or parents can finish the visa application on behalf of a kid. Turkey e-Visa Handling Times, The Turkey e-Visa application will just require a couple of moments to finish. Candidates can finish the electronic structure from the home or office in 2-3 minutes. Your passport must be valid for 6 months at the time of entry into the Repubic of Turkey. The following countries are eligible to apply for a Turkish Visa, Bahamas, Canada, Grenada, Barbados, Bermuda, Saint Vincent, Mexico, Cyprus, Dominica, Dominican Republic, Antigua and Barbuda, Australia, Saint Lucia, South Africa, Hong Kong-BN(O), United Arab Emirates, Kuwait, Maldives, United States, Fiji, Jamaica, Haiti, Oman, Bahrain, Suriname, China, Mauritius, East Timor, Armenia and Saudi Arabia.
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venkteshwara · 9 months
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श्री वेंक्टेश्वरा विश्वविद्यालय/ संस्थान में उत्तर प्रदेश सरकार श्रम व सेवायोजन मंत्रालय के संयुक्त तत्वाधान में ‘‘वृहद रोजगार मेला-2023‘‘ का शानदार आयोजन।
देश की शीर्ष पचास से अधिक आ��.टी. इन्जीनियरिंग, प्रबंधन, हैल्थ सेक्टर, पैरामेडिकल, नर्सिंग, व्यापार एवं वाणिज्य कम्पनियों ने देश भर से आये पाँच हजार से अधिक युवाओं का साक्षात्कार लेकर पाँच सौ छयासी युवाओं को अन्तिम रूप से चयनित किया।
आदरणीय प्रधानमन्त्री जी की ‘मिशन रोजगार‘, डिजीटल इण्डिया, स्किल इण्डिया एवं शानदार राष्ट्रीय शिक्षा निति के दम पर रोजगारोन्मुखी योजनाओं से पिछले एक दशक अप्रत्याशित रूप से बेरोजगारी कम हुई है - डॉ. सुधीर गिरि, चेयरमैन वेंक्टेश्वरा समूह।
सरकारी एवं निजी क्षेत्र की नौकरियों के अलावा एंटरप्रेन्योर के दम पर स्वरोजगार की दिशा में आज देश पूरे विश्व में अव्वल - श्री एम.एस. कन्याल मुख्य अतिथि/ वक्ता वरिष्ठ आई.एफ.एस. अधिकारी भारत सरकार।
यह पश्चिमी उत्तर प्रदेश का अब तक का सबसे बड़ा रोजगार मेला - अश्वनी कुमार मिश्र, मुख्य विकास अधिकारी विशिष्ट अतिथि।
बड़ी संख्या में नौकरी पाकर खिले युवाओं के चेहरे, यू.पी. सरकार एवं वेंक्टेश्वरा का जताया आभार।
चौधरी चरण सिंह के जन्म दिवस (किसान जयन्ती) की पूर्व संध्या पर प्रदेश के चार दर्जन से अधिक प्रगतिशील अन्नदाता किसान भाईयों को पगड़ी पटका एवं ‘‘चौधरी चरण सिंह किसान सम्मान प्रशस्ति पत्र‘‘ देकर किया सम्मानित।
आज राष्ट्रीय राजमार्ग बाईपास स्थित श्री वेंक्टेश्वरा विश्वविद्यालय संस्थान एवं श्रम व सेवायोजन मन्त्रालय उत्तर प्रदेश सरकार के संयुक्त तत्वाधान में आज ‘‘वृहद रोजगार मेला-2023‘‘ का शानदार आयोजन किया गया, जिसमें देशभर से चार दर्जन से अधिक मल्टीनेशनल कम्पनियों ने देश भर से आये पाँच हजार से अधिक युवाओं का साक्षात्कार लेकर पाँच सौ छयासी अभ्यार्थियों/युवाओं को अन्तिम रूप से चयनित किया। इसके साथ ही किसान जयन्ती (23 दिसम्बर) की पूर्व संध्या पर प्रदेश के 51 प्रगतिशील अन्नदाता किसान भाईयों को चौधरी चरण सिंह किसान सम्मान/ प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
श्री वेंक्टेश्वरा विश्वविद्यालय/ संस्थान के मेजर ध्यानचन्द्र ओपन खेल परिसर में उत्तर प्रदेश सेवायोजन मंत्रालय के संयुक्त तत्वाधान में ‘‘वृहद रोजगार मेला-2023‘‘ का शुभारम्भ समूह चेयरमैन डॉ. सुधीर गिरि, मुख्य अतिथि आई.एफ.एस श्री एम.एस. कन्याल, मुख्य विकास अधिकारी श्री अश्वनी कुमार मिश्र, परियोजना निदेशक श्री अमरेन्द्र प्रताप सिंह, प्रतिकुलाधिपति डॉ. राजीव त्यागी, जिला सेवा योजन अधिकारी डॉ. सुशील कुमार कुलपति डॉ. राकेश कुमार यादव आदि ने सरस्वती माँ की प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्वलित करके किया।
अपने सम्बोधन में समूह चेयरमैन डॉ. सुधीर गिरी ने कहा कि प्रधानमन्त्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के अथक प्रयासों से आज ‘‘स्किल इण्डिया डिजीटल इण्डिया मिशन रोजगार‘‘ एवं शानदार नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति की बदौलत सक्षम एवं पात्र युवाओं के लिए देश एवं विदेशों में रोजगार के लाखों अवसर उप्लब्ध है। आज आई.टी., मैनेजमेन्ट, हैल्थ सेक्टर, नर्सिंग समेत हर क्षेत्र में भारतीय युवाओं की भारी डिमांड है, जिसके दम पर भारत आज दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है।
मुख्य अतिथि भारतीय विदेश सेवा के कई देशों के राजदूत रहे वरिष्ठ आई.एफ.एस. अधिकारी श्री एम.एस. कन्याल ने कहा कि मैने भारतीय विदेश सेवा में रहते हुए यूरोपियन देशों समेत विश्व के एक दर्जन से अधिक देशों में भारत का प्रतिनिधित्व किया है। अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया कनाडा के अलावा भी देश दुनिया का कोई ऐसा देश नहीं है, जहाँ भारतीय युवा अपनी प्रभावशाली उपस्थिति दर्ज ना करा रहे हों।
‘‘वृहद रोजगार मेला-2023‘‘ को जिला सेवा योजन अधिकारी डॉ. सुधीर कुमार, सेवायोजन कार्यक्रम के संयोजक डॉ. लक्ष्मण सिंह आदि ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर प्रधान सलाहकार डॉ. वी.पी.एस. अरोड़ा, सी.ई.ओ. अजय श्रीवास्तव, समूह सलाहकार आर.एस. शर्मा, कुलसचिव डॉ, पीयूष पाण्डे, डॉ, तेजपाल सिंह, डॉ. अनिल जयसवाल, डॉ, दिव्या गिरधर, डॉ, आशुतोष सिंह, डॉ. ओम प्रकाश गोसाई, डॉ. राहुल कुमार, अश्विन कुमार सक्सेना, डॉ. राजवर्धन, डॉ. सर्वनन्द साहू, डॉ. ऐना एरिक ब्राउन, अरूण कुमार गोस्वामी, मारूफ चौधरी, अभिषेक जैन, मेरठ परिसर से निदेशक डॉ. प्रताप सिंह मीडिया प्रभारी विश्वास राणा आदि लोग उपस्थित रहे। कुलसचिव डॉ. पीयूष पाण्डे ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया एवं धन्यवाद ज्ञापित किया। समारोह का शानदार संचालन डॉ. आशी नायर एवं प्रशान्त कुमार ने किया।
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