जन्माष्टमी पर ये दिव्य उपाय कर श्री कृष्ण को करें प्रसन्न, पूरी होगी हर मनोकामना
चैतन्य भारत न्यूज
हिंदू धर्म में जन्माष्टमी का बहुत अधिक महत्व है। इसी दिन भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था। इस मौके पर लोग श्री कृष्ण जन्माष्टमी कथा का पाठ करते हैं, साथ ही इस पर्व को बड़ी ही धूमधाम से मनाते हैं। इस बार 12 अगस्त को उदया तिथि अष्ठमी और रोहिणी नक्षत्र होने के कारण इसी दिन जन्माष्टमी मनाना सर्वोत्तम होगा।
कहा जाता है जो भी भक्त श्री कृष्ण की आराधना सच्चे दिल से करते हैं उनकी हर मनोकामना पूरी होती है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ ऐसे दिव्य उपाय जिनके जरिए आप श्री कृष्ण को प्रसन्न कर सकते हैं।
जन्माष्टमी पर शुभ फल पाने के उपाय
कृष्ण जन्माष्टमी के दिन सुबह के समय जल्दी उठकर स्नान करके हल्के पीले स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
इसके बाद घर की पूर्व दिशा में एक लकड़ी की चौकी पर पीला वस्त्र बिछाएं।
इस पर भगवान कृष्ण की मूर्ति को एक पात्र में रखें और धूप दीप जलाएं। साथ ही उन्हें पंचामृत से स्नान कराएं।
केसर में गुलाब जल मिलाकर उन्हें तिलक करें तथा माखन मिश्री का भोग लगाएं।
जन्माष्टमी के दिन शाम के समय तुलसी के पौधे के नीचे घी का दिया जलाए और 11 बार 'ॐ नमो नारायणाय मंत्र' का जाप करें।
रात्रि में 12:00 बजे कृष्ण की पूजा के दौरान साबुत 108 तुलसी के पत्तों की माला या किसी भी माला से 'ॐ क्लीं कृष्णाय नमः मंत्र' का पांच बार जाप करें।
इसके अलावा कृष्ण मंत्र का 108 बार जाप करें और कोई भजन या मंगलगीत अवश्य गाएं।
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देशभर में कृष्ण जन्मोत्सव की धूम, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने दी शुभकामनाएं
चैतन्य भारत न्यूज
देशभर में भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव यानी जन्माष्टमी का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक हर जगह कृष्ण के जन्म की धूम मची हुई है। मंदिरों में भव्य सजावट की गई है और श्रीकृष्ण की झांकियां भी सजाई गई है। जन्माष्टमी के इस खास मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को शुभकामनाएं दी।
जन्माष्टमी के अवसर पर सभी देशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं।
भगवान श्री कृष्ण ने 'निष्काम कर्म' अर्थात् फल की इच्छा किए बिना कर्म करने का संदेश दिया है।
मेरी कामना है कि यह त्योहार सबके जीवन में हर्ष-उल्लास और उमंग लाएं — राष्ट्रपति कोविन्द
— President of India (@rashtrapatibhvn) August 24, 2019
राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने ट्वीट में लिखा कि, 'जन्माष्टमी के अवसर पर सभी देशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं। भगवान श्री कृष्ण ने 'निष्का्म कर्म' अर्थात् फल की इच्छा किए बिना कर्म करने का संदेश दिया है। मेरी कामना है कि यह त्योहार सबके जीवन में हर्ष-उल्लास और उमंग लाएं।'
सभी देशवासियों को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं। जय श्रीकृष्ण!
Janmashtami greetings to everyone! May the blessings of Bhagwan Shri Krishna always bring happiness and good health in our lives. Jai Shri Krishna!
— Narendra Modi (@narendramodi) August 24, 2019
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट में लिखा, 'सभी देशवासियों को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं। जय श्रीकृष्ण!'
इनके अलावा राजनीति, खेल और सिनेमा जगत के भी कई सितारों ने देशवासियों को जन्माष्टमी की शुभकामनाएं दी। बता दें कुछ जगहों पर 23 अगस्त को यह पर्व मनाया गया तो कुछ जगहों पर 24 अगस्त को मनाया जा रहा है। भगवान कृष्ण की जन्मभूमि मथुरा में भी 24 अगस्त को ही जन्मोत्सव मनाया जाएगा।
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जन्माष्टमी पर जा रहे हैं मथुरा, तो जरूर देखें 'श्री कृष्ण' से जुड़ी ये पांच अनोखी जगह
चैतन्य भारत न्यूज
जन्माष्टमी का त्योहार आने वाला है। इस दिन भगवान कृष्ण ने जन्म लिया था। वैसे तो कृष्ण का जन्मोत्सव सभी जगह बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन अगर इस उत्सव का सही रंग देखना है तो एक बार मथुरा जरूर जाएं। इस जगह जाकर आप कृष्ण के अद्भुत बाल-लीलाओं के किस्से सुनकर भाव-विभोर हो जाएगें। आज हम आपको बताने जा रहे हैं मथुरा की कुछ ऐसी जगहों के बारे में जहां जाकर आप बहुत ही प्रसन्न हो जाएंगे।
कृष्ण जन्मभूमि
यहां का मुख्य आकर्षण कृष्ण की विशाल संगमरमर की मूर्ति है। कहते हैं कि इसी मंदिर में भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था। जन्माष्टमी के दिन यहां लाखों भक्तों की भीड़ रहती है। इतना ही नहीं बल्कि यहां विदेशों से भी लोग आते हैं।
विश्राम घाट
कहा जाता है कि इस घाट पर भगवान कृष्ण ने कंस को मारने के बाद विश्राम किया था। यही वजह है कि इसे विश्राम घाट कहा जाता है। मथुरा में बहने वाली यमुना नदी पर करीब 25 घाट बने हैं लेकिन इन घाटों में सबसे ज्यादा महत्व विश्राम घाट का है। इस घाट पर स्नान करना बहुत शुभ माना जाता है। ऐसा भी कहते हैं कि सभी मंदिरों के दर्शन के बाद इस तट पर स्नान जरूर करना चाहिए नहीं तो मंदिरों के दर्शन का पूरा फल नहीं मिलता है।
कुसुम सरोवर
यह सरोवर 450 फीट लंबा और 60 फीट गहरा है। इस सरोवर के पीछे बहुत बड़ा और खूबसूरत फूलों का बगीचा बना हुआ जिसे देखकर आप खुश हो जाएंगे। गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा के रास्ते में बना यह सरोवर बहुत ही खास है। इस सरोवर का नाम राधा की सखी कुसुमा के नाम पर पड़ा था।
कंस का किला
मथुरा में स्थित कंस का किला मुगल और स्थापत्य शैली से बना हुआ जो कि बहुत ही अद्भुत है। इसे पुराण किला के नाम से भी जाना जाता है। इस देखने के लिए हर साल लाखों पर्यटक आते हैं।
तिलक द्वार
तिलक द्वार मथुरा की सबसे मशहूर जगहों में से एक है। कह सकते हैं कि तिलक द्वार मथुरा की स्थानीय जिंदगी को देखने का दरवाजा है।
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जन्माष्टमी पर ये दिव्य उपाय कर श्री कृष्ण को करें प्रसन्न, पूरी होगी हर मनोकामना
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हिंदू धर्म में जन्माष्टमी का बहुत अधिक महत्व है। इसी दिन भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था। इस मौके पर लोग श्री कृष्ण जन्माष्टमी कथा का पाठ करते हैं, साथ ही इस पर्व को बड़ी ही धूमधाम से मनाते हैं। इस बार 24 अगस्त को उदया तिथि अष्ठमी सुबह 8:30 तक होने से और रोहिणी नक्षत्र होने के कारण इसी दिन जन्माष्टमी मनाना सर्वोत्तम होगा।
कहा जाता है जो भी भक्त श्री कृष्ण की आराधना सच्चे दिल से करते हैं उनकी हर मनोकामना पूरी होती है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ ऐसे दिव्य उपाय जिनके जरिए आप श्री कृष्ण को प्रसन्न कर सकते हैं।
जन्माष्टमी पर शुभ फल पाने के उपाय
कृष्ण जन्माष्टमी के दिन सुबह के समय जल्दी उठकर स्नान करके हल्के पीले स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
इसके बाद घर की पूर्व दिशा में एक लकड़ी की चौकी पर पीला वस्त्र बिछाएं।
इस पर भगवान कृष्ण की मूर्ति को एक पात्र में रखें और धूप दीप जलाएं। साथ ही उन्हें पंचामृत से स्नान कराएं।
केसर में गुलाब जल मिलाकर उन्हें तिलक करें तथा माखन मिश्री का भोग लगाएं।
जन्माष्टमी के दिन शाम के समय तुलसी के पौधे के नीचे घी का दिया जलाए और 11 बार 'ॐ नमो नारायणाय मंत्र' का जाप करें।
रात्रि में 12:00 बजे कृष्ण की पूजा के दौरान साबुत 108 तुलसी के पत्तों की माला या किसी भी माला से 'ॐ क्लीं कृष्णाय नमः मंत्र' का पांच बार जाप करें।
इसके अलावा कृष्ण मंत्र का 108 बार जाप करें और कोई भजन या मंगलगीत अवश्य गाएं।
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भारत की तरह विदेशों में भी बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है जन्माष्टमी
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हिंदू धर्म में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मदिन एक त्योहार की तरह मनाया जाता है। हिन्दू मान्यताओं के मुताबिक, सृष्टि के पालनहार श्री हरि विष्णु के आठवें अवत��र नटखट नंदलाल यानी कि श्रीकृष्ण के जन्मदिन को श्रीकृष्ण जयंती या जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है। खास बात यह है कि इस उत्सव की धूम ना केवल भारत में होती है बल्कि विदेशों में भी खूब होती है। तो आइए जानते हैं कौन से है वो देश जहां जन्माष्मी का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है।
इन देशों में भी मनाई जाती है जन्माष्टमी
कनाडा
भारत की तरह कनाडा के टोरंटो में भी जन्माष्टमी पर काफी जोश दिखाई देता है। कनाडा में काफी संख्या में भारतीय लोग रहते हैं। जिससे यहां पर पूरे रीतिरिवाज के साथ यह त्योहार मनाया जाता है।
अमेरिका
अमेरिका में जन्माष्टमी विशेष रूप में मनाई जाती है। जन्माष्टमी के दिन सुबह से ही यहां पर कुछ खास मंदिरों में लोगों की भीड़ी होने लगती है। यहां पर यूरेपियन व एशियन लोग रंग-बिरंगे कपड़ों को पहनकर जन्माष्टमी पर होने वाले कार्यक्रमों में भाग लेते हैं। भारत की तरह ही यहां भी आधी रात को श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाता है और प्रसाद आदि वितरित होता है।
सिंगारपुर
जन्माष्टमी का असर सिंगारपुर में भी दिखाई देता है। खास बात यह है कि सिंगारपुर में कई विभिन्न समुदाय और संस्कृति के लोग रहते हैं, बावजूद इसके जन्माष्टमी का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है।
मलेशिया
यहां पर लगभग 2 करोड़ दक्षिण भारतीय लोग रहते हैं। जिससे यहां पर जन्माष्टमी के त्योहार का अद्भुत नजारा देखने को मिलता है। यहां पर मुस्लिम कम्यूनिटी होने के बाद भी जन्माष्टमी का बड़ा महत्व है।
नेपाल
नेपाल की राजधानी काठमांडू में स्थित पाटन दरबार में भगवान श्रीकृष्ण का एक पुराना मंदिर है। यहां पर बड़ी संख्या में लोग प्रसाद के नाम पर इस दिन भोजन आदि वितरित करते हैं। नेपाल में भी भारत की तरह ही जन्माष्टमी बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है।
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