Kaushambi :खेल-खेल में किसान का बेटा बना करोड़पति, छह साल से ड्रीम इलेन एप से जुड़े थे नीरज - Farmer Son Became A Millionaire In Sports, Neeraj Was Associated With Dream Elaine App For Six Years
Kaushambi :खेल-खेल में किसान का बेटा बना करोड़पति, छह साल से ड्रीम इलेन एप से जुड़े थे नीरज – Farmer Son Became A Millionaire In Sports, Neeraj Was Associated With Dream Elaine App For Six Years
ड्रीम इलेवन एप से एक करोड़ रुपया जीतने वाले नीरज सिंह।
– फोटो : अमर उजाला।
विस्तार
कहते हैं कि जब कोई इंसान लक्ष्य का पीछा करता है तो उसे एक न एक दिन सफलता जरूर हाथ लगती है। मोहनापुर के रहने वाले किसान के बेटे नीरज सिंह इसके नजीर बने। छह साल तक वह मोबाइल एप ड्रीम इलेवन एप पर मैच खेलते रहे। आखिर उनकी लगन रंग लाई और एक करोड़ रुपये जीत गए। रुपये खाते में पहुंचे तो खुशी का ठिकाना न रहा। करोड़पति…
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Farmers Girdawari Mobile App 2022: किसान खुद कर सकेंगे मोबाइल एप से फसल की गिरदावरी, नहीं लगाना पड़ेगा पटवारियों के चक्कर
Farmers Girdawari Mobile App 2022: किसान खुद कर सकेंगे मोबाइल एप से फसल की गिरदावरी, नहीं लगाना पड़ेगा पटवारियों के चक्कर
Farmers Girdawari Mobile App : मोबाइल एप से कर सकेंगे किसान अपनी फसल गिरदावरी – आयुक्त भूमि अभिलेख एमपी की ओर से इस वर्ष गिरदावरी के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ई-प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जा रहा है। जिसके तहत आईटी द्वारा उपग्रह से प्राप्त छवि के आधार पर किसान द्वारा गिरदावरी रिकॉर्ड में मैपिंग दर्ज की जाएगी। भूमि अभिलेख अधिकारी श्री पवन वास्केल ने बताया कि पटवारियों को हर साल गिरदावरी करनी पड़ती…
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IPL से रातोंरात करोड़पति बना किसान का बेटा, मात्र 50 रुपए लगाकर बनाई थी DREAM-11 पर टीम और 1 करोड़ 20 लाख जीते!
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IPL से रातोंरात करोड़पति बना किसान का बेटा, मात्र 50 रुपए लगाकर बनाई थी DREAM-11 पर टीम और 1 करोड़ 20 लाख जीते!
दोस्तों किस्मत के पांसे कब पलट जाए इसका कोई भरोसा नहीं। ये किसी को राजा से रंक बना देती है तो किसी को रातोंरात करोड़पति बना देती है। एक ऐसा ही मामला मध्य प्रदेश के खंडवा जिले का है जहां एक युवक रातों-रात करोड़पति बन गया। युवक को अपनी किस्मत पर यकीन नहीं हो रहा है कि, मात्र 50 रुपए के जरिए उसने करीब 1 करोड़ रुपए से भी ज्यादा की धनराशि प्राप्त कर ली।
बता दें, खंडवा जिले के गांव फतेहपुर का कृष्णपाल सिंह सोलंकी नाम का एक युवक जावर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ‘डाटा एंट्री ऑपरेटर’ का काम करता था। कहा जा रहा है कि, कृष्णपाल दफ्तर में हमेशा अपना काम छोड़कर मोबाइल पर ऑनलाइन गेम खेलता रहता था। इतना ही नहीं बल्कि इस युवक पर कई बार काम चोरी के आरोप भी लगाए गए और सारा स्टाफ इसे नाराज रहता था, बावजूद कृष्णपाल ने अपने गेम खेलने के शौक को नहीं छोड़ा। वहीं आईपीएल के इस सीजन में भी कृष्णपाल लगातार ऑनलाइन गेम खेलते रहे। युवक ने आईपीएल के मैचों में ऑनलाइन गेमिंग एप में Dream11 पर अपनी टीम बनाई थी। टीम बनाने के दौरान कृष्णपाल ने केवल 50 रुपए ही लगाए थे लेकिन देखते ही देखते कृष्णपाल की टीम नंबर वन पर आ गई और उसने 1 करोड़ 20 लाख रुपए का इनाम जीत लिया।
यह राशि जीतने के बाद युवक के पास Dream11 की ओर से फोन आया और बताया कि उसने 1 करोड़ 20 लाख रुपए की राशि जीती है जिसके बाद से कृष्ण पाल के घर में खुशियों का माहौल है और युवक खुद भी बेहद खुश है। खबरों की माने तो कोलकाता और दिल्ली के बीच चल रहे मैच के दौरान कृष्णपाल ने भी अन्य क्रिकेट प्रेमियों की तरह Dream11 पर अपनी टीम बनाई जो नंबर वन प्रदर्शन पर रही। गेमिंग एप की ओर से कहा गया है कि, जल्द ही कृष्णपाल के खाते में टैक्स काटकर कुल 80 लाख रुपए की धनराशि ट्रांसफर कर दी जाएगी। वहीं विजेता बनने के बाद कृष्णपाल ने करीब 10 लाख रुपए मंदिर में दान देने की बात कही।
कृष्णपाल का कहना है कि, Dream11 पर इतने पैसे जीतने के बाद उसे लगातार बधाई के संदेश आ रहे हैं और वह अभी भी यकीन नहीं कर पा रहा है कि, वह रातोरात करोड़पति बन गया। कृष्ण पाल ने बताया कि, उसे क्रिकेट का बहुत शौक है। उसने अभी तक आईपीएल के दौरान करीब 200 से ज्यादा टीमें बनाई थी। ऐसे में कोलकाता और दिल्ली के मैच के दौरान उसकी किस्मत पलट गई और वह एक रात में ही अमीर आदमी बन गया।
कृष्णपाल के मुताबिक, उसके पिता खेती बाड़ी का काम करते हैं और वह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डाटा एंट्री ऑपरेटर के रूप में काम करता था और उसे 8 हजार रुपए तनख्वाह दी जाती थी। यह राशि मिलने के बाद कृष्णपाल बिजनेस शुरू करने का प्लान कर रहे हैं। कृष्णपाल ने बताया कि, वह हमेशा ही फोन में बिजी रहता था जिसके चलते कई बार उसे उसके परिवार की भी नाराजगी झेलनी पड़ी। हालांकि जैसे ही जीत हासिल की तो अब उनका परिवार बेहद खुश है।
बता दें, कृष्णपाल से पहले झारखंड के लातेहार में भी एक युवक ने Dream11 के माध्यम से लाखों रुपए जीते हैं। इस युवक ने मात्र 35 रुपए लगाकर Dream11 की एक टीम बनाई थी जिसके बाद उसने रातोंरात 57 लाख रुपए जीते थे। इस युवक का नाम गोपाल प्रसाद था जो लातेहार में थाना चौक के पास चाऊमीन बेचने का काम करता था।
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लोकल ट्रेन में एमएसटी नहीं चल रही, एनसीआर के टिकट काउंटर पर लगने लगी लंबी लाइन Divya Sandesh
#Divyasandesh
लोकल ट्रेन में एमएसटी नहीं चल रही, एनसीआर के टिकट काउंटर पर लगने लगी लंबी लाइन
सूरज सिंह, नई दिल्लीकोरोना महामारी के बीच दिल्ली-एनसीआर (Delhi NCR) में 11 महीनों बाद जनरल टिकट (General Ticket) पर रेल यात्रा की शुरुआत तो गई, लेकिन दैनिक यात्रियों (Daily Passenger) की दुश्वारी दूर नहीं हुई। एक तो रेलवे ने सीमित संख्या में ट्रेन (Limited Number of Trains) चलाए हैं। तिस पर उसमें एमएसटी (MST Not valid) लागू नहीं है। पैसेंजर ट्रेन में सफर करने के बावजूद यात्रियों को एक्सप्रेस टिकट लेने को मजबूर किया जा रहा है। रेलवे के मोबाइल फोन वाले टिकटिंग ऐप (Railway Ticketing App) पर भी टिकट नहीं मिल रहा है। इससे टिकट काउंटर (Ticket Counter) पर लंबी भीड़ लगने लगी है। भीड़ के चक्कर में लोगों की ट्रेन भी छूट रही है।
आधे घंटे रहिए लाइन में, तब मिलेगा टिकट
सोमवार को जब ट्रेन चली तो बहुत से यात्रियों को पता ही नहीं था कि ट्रेन में एमएसटी लागू नहीं है। ऐसे में उन्हें टिकट काउंटर से हर रोज टिकट कटाने के अलावा कोई चारा नहीं है। आज सुबह सोनीपत स्टेशन में रेल मुसाफिरों को आधे घंटे में टिकट मिल सका। इससे पैसेंजर्स की ट्रेन छुटने का डर बना रहता है। काउंटर पर जल्दी टिकट पाने के लिए लोग एक-दूसरे से भिड़ रहे हैं, जिसमें सोशल डिस्टेंस रख पाना मुश्किल हो रहा है।
एक तो महंगा टिकट, ऊपर से धक्के खाओ
करनाल से नई दिल्ली आने वाले अंशुल नारंग ने बताया कि एक तो महंगा टिकट खरीदों और ऊपर से लाइन में धक्के खाओ। अभी मासिक टिकट की परमिशन नहीं दी गई है। अनरिजर्व्ड टिकटिंग सिस्टम (UTS) मोबाइल एप पर भी टिकट नहीं मिल रहा है। पहले करनाल से दिल्ली का टिकट 35 रुपये था और अब 75 रुपये का हो गया है। बस से 125 रुपये लगते हैं। किसान आंदोलन की वजह से बसें नहीं आ रहीं। अब तक कार पूलिंग कर 350 रुपये में रोजाना खर्च कर दफ्तर जा रहे थे।
रेलवे को दैनिक यात्रियों की परेशानी समझ नहीं आ रही
अंशुल नारंग का कहना है कि लगता है कि रेलवे ने अहसान करते हुए अनरिजर्व्ड ट्रेन (Unreserved Trains) चलाई है। रेलवे ने ट्रेन तो चलाई है, लेकिन खानापूर्ति के लिए। ट्रेनों की संख्या गिनती की हैं। सीमित ट्रेन (Limited Number of Trains) होने की वजह से कोच में सोशल डिस्टेंस (Social Distancing Norm) भी फॉलो नहीं हो रहा। क्योंकि, सभी को जाना है, तो लोग दूर-दूर कैसे बैठें। भीड़ की स्थिति बनी रहती है। अंशुल ने बताया कि वे इनकम टैक्स पेयर हैं। सरकार को टैक्स देते हैं, तो उम्मीद करते हैं कि सुविधा मिलेगी। लॉकडाउन से पहले करनाल से दिल्ली के बीच 30-35 ट्रेन थी, जिसमें एक्सप्रेस भी थी। मंथली सीजन (MST) के जरिए इनमें भी सफर हो जाता था। रेलवे को दैनिक यात्रियों की परेशानी समझ नहीं आ रही।
एमएसटी लागू करे सरकार
दैनिक यात्री संघ पालम दिल्ली-रेवाड़ी रूट के महासचिव बालकृष्ण अमरसरिया ने आज भी रेल मंत्री पीयूष गोयल को ट्विटर पर लिखा कि स्पेशल बनाकर चलाई जा रही पैसेंजर ट्रेनों में एमएसटी को लागू किया जाए। भले, कुछ पैसे फालतू वसूल कर लें। दैनिक यात्रियों के पास इतना समय नहीं होता है कि रोजाना काउंटर पर लाइन लगाकर टिकट लें। जल्दी टिकट पाने के चक्कर में आपस में लड़ाई होने का खतरा बना रहता है। साथ ही दिल्ली-रेवाड़ी रूट पर भी अनरिजर्व्ड रेल सेवा शुरू की जाए।
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मोबाइल एप से होगी असली बीज की पहचान, धोखाधड़ी से बचेंगे किसान: कृषि मंत्री
मोबाइल एप से होगी असली बीज की पहचान, धोखाधड़ी से बचेंगे किसान: कृषि मंत्री
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास, पंचायत राज तथा खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सीड ट्रेसिबिलिटी मोबाइल एप लांच किया, जिससे असली बीज की पहचान हो पाएगी.
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मोबाइल एप से होगी असली बीज की पहचान, धोखाधड़ी से बचेंगे किसान: कृषि मंत्री
मोबाइल एप से होगी असली बीज की पहचान, धोखाधड़ी से बचेंगे किसान: कृषि मंत्री
Seed traceability
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास, पंचायत राज तथा खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सीड ट्रेसिबिलिटी मोबाइल एप लांच किया, जिससे असली बीज की पहचान हो पाएगी.
फाइल फोटो
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Seed traceability mobile app launched by Narendra Singh Tomar | मोबाइल एप से होगी असली बीज की पहचान, धोखाधड़ी से बचेंगे किसान: कृषि मंत्री
Seed traceability mobile app launched by Narendra Singh Tomar | मोबाइल एप से होगी असली बीज की पहचान, धोखाधड़ी से बचेंगे किसान: कृषि मंत्री
Seed traceability
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास, पंचायत राज तथा खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सीड ट्रेसिबिलिटी मोबाइल एप लांच किया, जिससे असली बीज की पहचान हो पाएगी.
फाइल फोटो
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राजस्व रिकॉर्ड ऑनलाइन करने की प्रक्रिया शीघ्र पूरी की जाए ताकि आमजन को सीमाज्ञान, नामन्तरण एवं राजस्व से जुड़े अन्य दस्तावेज ऑनलाइन उपलब्ध हो सकें। नामान्तरण की पूरी प्रक्रिया को पेपरलेस करने का काम जल्दी पूरा करने के निर्देश दिए ताकि काश्तकार ई-मित्र एवं मोबाइल एप ’धरा’ के माध्यम से आवेदन कर ऑनलाइन नामान्तरण प्राप्त कर सकें।
निवास से वीसी के माध्यम से आयोजित राजस्व विभाग की समीक्षा बैठक को संबोधित किया। पेपरलेस नामान्तरण के लिए नियमों में संशोधन करने एवं राजस्व संबंधी कानूनों के सरलीकरण की प्रक्रिया में भी तेजी लाने को कहा। साथ ही राजस्व वादों के निस्तारण की व्यवस्था को सुदृढ़ करने एवं इसकी पर्याप्त मॉनिटरिंग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
प्रदेश में राजस्व विभाग के अधीन आवंटन योग्य सरकारी भूमि का लैण्ड बैंक बनाने के निर्देश दिए ताकि राज्य स्तर पर आवंटन के लिए भूमि उपलब्ध हो सके। कृषि रहन पोर्टल का काम भी जल्दी पूरा करने को कहा ताकि कृषि ऋण प्राप्ति की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन की जा सके। उल्लेखनीय है कि इस पोर्टल के माध्यम से किसान कृषि ऋण के लिए किसी भी बैंक में ऑनलाइन आवेदन कर सकेगा।
एग्रो फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के लिए किसानों को अपनी कृषि भूमि का रूपान्तरण करवाने की आवश्यकता नहीं है। किसानों को इसके बारे में जागरूक कर उन्हें अपनी जमीन पर खाद्य प्रसंस्करण इकाई लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। पटवारी भर्ती की प्रक्रिया शीघ्र पूरी करने के निर्देश दिए ताकि राजस्व से संबंधित कार्य समय पर पूरे हो सकें।
डिजिटल इण्डिया लैण्ड रिकॉर्ड मॉडर्न प्रोग्राम के तहत शेष बची तहसीलों को ऑनलाइन करने, ऑनलाइन हो चुकी 239 तहसीलों में गिरदावरी की ऑनलाइन प्रक्रिया तथा पटवारी एवं गिरदावरों की ट्रेनिंग के बारे में भी जानकारी ली।
बैठक में प्रमुख शासन सचिव राजस्व श्री आनन्द कुमार ने बताया कि स्वचालित नामान्तरण हेतु पायलट प्रोजेक्ट के तहत चौमंू एवं दूदू तहसील में 1780 स्वचालित नामान्तण दर्ज किए गए हैं। उन्होंने बजट घोषणाओं के क्रियान्वयन, राजस्व वादों के निस्तारण की स्थिति एवं राजस्व कानूनों के सरलीकरण की दिशा में किये जा रहे कार्यों की जानकारी दी।
बैठक में राजस्व एवं उपनिवेशन मंत्री श्री हरीश चौधरी, राजस्व राज्यमंत्री श्री भंवर सिंह भाटी, भू-प्रबन्ध आयुक्त श्री विश्व मोहन शर्मा एवं रजिस्ट्रार राजस्व मण्डल श्रीमती नम्रता वृषनी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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अब किसानों को आसानी से मिलेंगे किराए पर कृषि यंत्र
नई दिल्ली। सरकार ने किसानों के लिए राहत पहुंचाने के लिए बहुत जरूरी एलान किया हैं। हरियाणा सरकार ने किसानों को खेती के लिए कृषि यंत्रों की आवश्यकता पड़ती है। आधुनिक कृषि यंत्रों की सहायता से खेती का काम आसान हो जाता है। इसके प्रयोग से न केवल समय बचता है बल्कि श्रम की बचत होती है और उत्पादन भी बढ़ता है। लेकिन ये आधुनिक कृषि यंत्र इतने महंगे होते है कि इसे हर किसान नहीं खरीद सकता है। विकासशील किसान तो इसे खरीद पाने में समर्थ होता है लेकिन छोटे व सीमांत किसान इसे नहीं खरीद पाता है।
ऐसे किसान जो कृषि यंत्र नहीं खरीद सकते उनके लिए सरकार ने किराए पर कृषि यंत्र मुहैया कराने की योजना शुरू की है। हरियाणा सरकार की इस योजना के तहत किसान किराए पर कृषि यंत्र ले सकते हैं। राज्य सरकार का यह कदम किसानों के लिए अहम माना जा रहा है। इसके लिए किसानों को अपने मोबाइल में केवल बस एक ऐप डाउनलोड करना होगा, जिसकी मदद से वह किराए पर कृषि यंत्रों का लाभ उठा पाएंगे। साथ ही आपको बता दें अब तक इस मोबाइल एप पर 1,20,000 से अधिक कृषि यंत्रों और उपकरणों को किराए पर देने के लिए 40,000 कस्टमर हायरिंग सेंटर पंजीकृत किए गए हैं। इस एप के माध्यम से किसान यह भी जान सकते हैं कि उनके खेतों के आसपास ( इलाके में) कौन-कौन सी मशीनें किराये पर मिल सकती हैं। वे मशीनरी का फोटो देख सकते हैं, कीमत के बारे में मोल भाव कर ऑर्डर दे सकते हैं।
समय की मांग को देखते हुए सरकार ने कृषि एवं किसान कल्याण विभाग किसानों को इस योजना के प्रति जागरूक कर रहा है। इस मोबाइल ऐप का नाम सीएचसी फार्म मशीनरी है। इस ऐप को कोई भी किसान भाई गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं। इसकी मदद से बेहद कम कीमतों पर अपनी जरूरत के कृषि यंत्र हासिल कर सकेंगे।
किसान करें पालक की खेती
महिला किसानों के लिए कारगर साबित होंगे : कृषि यंत्र
किसानों के लिए राहत, अब व्यापारी बनकर अपना कृषि उत्पाद कहीं भी बेच सकते हैं किसान
किसानों के हित में : SBI के ‘योनो ऐप’ से जुड़ा बीज पोर्टल, बीज खरीदना हुआ आसान
केंद्र सरकार ने रहस्यमय बीज पार्सल को लेकर जारी की चेतावनी
ध्यान दे : पशुपालन पर सरकार 70 प्रतिशत की सब्सिडी दे रही
भारतीय रेल : किसानो के लिए चलाएगी ‘किसान स्पेशल पार्सल ट्रेन’
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MP E-Uparjan Rabi 2020-21| एमपी ई उपार्जन खरीफ, रबी पोर्टल
कृषि मंडियों के द्वारा पिछले कुछ वर्षो से एमपी ई उपार्जन पोर्टल (MP E Uparjan 2020-21) पर किसान पंजीयन की प्रकिया पूरी की जा रही है। इस प्रक्रिया में, किसानों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा और कुछ किसान पंजीकरण भी नहीं करा सके। इस स्थिति में, किसानों को समर्थन मूल्य से कम मूल्य पर अपनी फसल बेचनी पड़ी। इन सभी समस्याओं को हल करने के लिए, इस बार पंजीकरण प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन कर दी गई है।
एमपी ई उपार्जन पोर्टल 2020-21 – mpeuparjan.nic.in/
यह योजना मध्य प्रदेश के किसानों के लिए है, जो न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अपना रबी फसल यानी गेहूं बेचना चाहते हैं। इस कृषि उत्पादों के सौदे और नीलामी अभी ऑनलाइन हैं, हालांकि mpeuparjan.nic.in/mpeuparjan/Home.aspx वेबसाइट पर, आप किसान कोड के साथ MP E-Uparjan Rabi 2020-21 के लिए खुद को रजिस्टर कर सकते हैं।
MP e-Uparjan Kisan Online Panjiyan Android Application भी Play Store पर उपलब्ध है आप इस App को डाउनलोड कर सकते हैं यदि आप लगातार यूजर हैं और आपके पास कंप्यूटर की सुविधा नहीं है तो App उपयोगी है।
ऑनलाइन सुविधाएं 15 अप्रैल, 2020 को शुरू की गईं। एसएमएस के माध्यम से, एमपी सरकार एक किसान को रबी फसल बेचने के लिए एक तारीख देती है। उन्हें अपनी फसल संबंधित जिले के प्रोक्योरमेंट सेंटर में लेनी होगी। इन दिनों में, यह सेवा उज्जैन, भोपाल और इंदौर जिला किसानों के लिए उपलब्ध नहीं है, क्योंकि ये जिले कोरोनावायरस महामारी के हॉटस्पॉट स्थान हैं।
मध्य प्रदेश ई उपार्जन पोर्टल किसान पंजीयन के लाभ
· इस पोर्टल की सहायता से किसान भाई बिना की परेशानी के ऑनलाइन मोड में पंजीकरण की प्रक्रिया को पूरा कर सकते हैं।
· इस वर्ष के लिए एमपी ई उपार्जन पोर्टल 2020-21 के तहत किसान पंजीयन की प्रक्रिया को आप घर बैठे भी पूरा कर सकते हैं।
· इस पोर्टल की शुरूआत से किसानो के समय की बचत के साथ-साथ किसानो की परेशानियों को हल किया जायेगा।
· न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर गेहूं बेचने के लिए किसान को इस बार पंजीकरण की प्रक्रिया 01 फरवरी से प्रारम्भ कर दी गयी है।
· इस वर्ष आप मोबाइल ऐप के माध्यम से भी एमपी ई उपार्जन पोर्टल पर पंजीकरण की प्रक्रिया को पूरा कर सकते हैं।
आवश्यक दस्तावेज
इस पोर्टल पर ऑनलाइन पंजीकरण के लिए आपको कुछ दस्तावेजों की भी आवश्यकता होगी। इन सभी दस्तावेजों के बिना आप ई। अपारजन के लिए पंजीकरण नहीं कर पाएंगे।
· किसान की समाग्रा आई.डी.
· सांसद निवास प्रमाण पत्र
· किसान का आधार कार्ड
· बैंक पासबुक
· ऋण पुस्तिका (बैंक ऋण के मामले में)
· भूलेख मध्य प्रदेश रिपोर्ट
एमपी ई-अपर्जन किसान ऑनलाइन पंजियन 2020-21 का आवेदन फॉर्म
अब, हम आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से एमपी ई-अपर्जन किसान ऑनलाइन पंजियन 2020-21 के फॉर्म भरने की पूरी प्रक्रिया देखेंगे।
चरण 1 सबसे पहले, आपको एमपी ई-अपर्जन की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा। यह आपको MP E-Uparjan वेबसाइट के होम पेज पर रीडायरेक्ट करेगा।
होमपेज पर, आप "आरबी उपार्जन 2020-21 किसान पंजीयन आवेदन" बटन देख सकते हैं, उस बटन पर क्लिक करें।
आप उस वेबसाइट पेज पर आने के लिए इस डायरेक्ट यूआरएल पर क्लिक कर सकते हैं। mpeuparjan.nic.in/WPMS2020/MainPage.aspx
चरण ३ वेबसाइट का नया पेज खुलेगा फिर आपको क्लिक करना होगा
"किसान कोड से रेगियन संबंधित जानकारी प्राप्त करें" शीर्ष दाएं कोने पर आप इस बटन को देख सकते हैं।
सीधे तौर पर, आप "किसान कोड से पंजीयन संबंधित जानकारी प्राप्त करें" के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर सकते हैं।
चरण 4 इस URL को क्लिक करने के बाद MP E-Uparjan का पंजीकरण फॉर्म खुल जाएगा। जो आपको "आवेदन / किसान कोड" या "मोबाइल नंबर", या "समग्र संख्या" दर्ज करने के लिए कहेगा, फिर आपको किसान विवरण दर्ज करना होगा।
चरण - 5 जब आप इन भरने के विवरण प्रक्रिया के साथ कर रहे हैं तो आप पंजीकरण प्रक्रिया को पूरा करने के लिए सबमिट बटन पर क्लिक कर सकते हैं। पंजीकरण के बाद, किसान को प्रोक्योरमेंट सेंटर और विशिष्ट तिथि के साथ एसएमएस मिलेगा, इसलिए उस तिथि पर आपको अपनी फसलों को मंडियों में ले जाना होगा और फिर इसे एमएसपी में बेचना होगा।
एमएसपी में गेहू प्रोक्योरमेंट हालांकि एमपी ई-अपर्जन 2020-21
हालांकि आधिकारिक मध्य प्रदेश के सीएमओ ने ट्वीट किया, मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह ने प्रोक्योरमेंट सेंटर में ऑनलाइन रबी फसलों की ऑनलाइन बिक्री की घोषणा की है।
इस बार मध्य प्रदेश सरकार खरीद केन्द्र की कुल संख्या बढ़ गई है। COVID-19 महामारी के कारण, सरकार ने किसानों को सलाह दी, अगर कोई किसान बीमारी से पीड़ित है, तो उन्हें प्रोक्योरमेंट सेंटर में नहीं आना है। जब उनकी बारी रबी गेहूं बेचने की आएगी, उस समय वे आ सकते हैं।
एमपी ई उपार्जन मोबाइल ऐप डाउनलोड कैसे करे?
· सबसे पहले, Google Play स्टोर पर जाना होगा।
· यहाँ आपको सर्च बॉक्स में “mp e uparjan” लिखकर Enter प्रेस कर देना है।
· अब आपकी स्क्रीन पर कुछ परिणाम दिखाई देंगे। आपको पहले ऐप के विकल्प पर क्लिक कर देना है।
· यहां आपको उच्चतम ऐप को अपने मोबाइल फ़ोन में इनस्टॉल कर लेना है।
· इस प्रकार इस मोबाइल एप की मदद से आप रबी सहित अन्य सभी फसलों के लिए पंजीकरण कराकर लाभ प्राप्त कर सकेंगे।
एमपी ई-अपर्जन रबी फसलों के संपर्क और हेल्पलाइन नंबर।
यदि आपको किसी भी वेबसाइट या एप्लिकेशन पर पंजीकरण प्रक्रिया के दौरान कोई कठिनाई आती है, तो मध्य प्रदेश सरकार ने हेल्पलाइन नंबर जारी किया है।
यहाँ, आप संपर्क कर सकते हैं इस हेल्पलाइन संख्या: 181
आधिकारिक वेबसाइट /mpeuparjan.nic.in/MPeUparjan/Home.aspx के माध्यम से आप खरीद केंद्र में संपर्क कर सकते हैं।
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E-Gramswaraj ऐप राष्ट्र को समर्पित, पीएम मोदी बोले-किसान का स्वस्थ रहना बहुत जरूरी, बड़ी से बड़ी शक्ति का केंद्र गांव
नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को पंचायतों के अध्यक्षों एवं प्रतिनिधियों से कहा कि कोरोना संकट का सबसे बड़ा संदेश और सबक यह है कि हमें आत्मनिर्भर बनना ही पड़ेगा ताकि अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए बाहर का मुंह नहीं देखना पड़े।उन्होंने कहा कि प्रत्येक पंचायतों, जिला और राज्य को अपनी बुनियादी जरूरतों की पूर्ति करने में सक्षम होना चाहिए। प्रधानमंत्री ने इसके साथ ही सामाजिक दूरी को सरल शब्दों में परिभाषित करने के ‘दो गज की दूरी’ के मंत्र की सराहना भी की। प्रधानमंत्री ने ‘राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस’ पर ग्राम पंचायतों के सरपंचों और अध्यक्षों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संवाद करते हुए कहा, ‘‘ इस संकट के दौरान गांव देहात से प्रेरणादायी बातें सामने आयी हैं। ऐसे समय में जब लोगों का ज्ञान और कौशल कसौटी पर था तब भारत के गांवों ने इस महामारी के खिलाफ लड़ाई में सर्वश्रेष्ठ प्रयास प्रदर्शित किये हैं।
’’उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों से कहा ‘‘ आप सभी ने दुनिया को मंत्र दिया है- ‘दो गज दूरी’ का, या कहें ‘दो गज देह की दूरी’ का मंत्र। इस मंत्र के पालन पर गांवों में बहुत ध्यान दिया जा रहा है। ’’ मोदी ने कहा कि गांव में आसान शब्दों में कही गई इस बात से सामाजिक दूरी को अच्छे तरीके से व्यक्त किया गया है और लोगों ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में इस सिद्धांत एवं पारंपरिक मूल्यों का अच्छे तरीके से पालन किया है । संबोधन के दौरान उन्होंने अपना चेहरा ‘गमछे’ से ढका हुआ था।राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर यह कार्यक्रम पहले उत्तर प्रदेश के झांसी में आयोजित किया जाना था लेकिन कोविड-19 महामारी के मद्देनजर लागू लॉकडाउन के कारण यह वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये किया गया । प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ कोरोना वायरस महामारी ने हमारे लिए अनेक मुसीबतें पैदा की हैं, जिनकी हमने कभी कल्पना तक नहीं की थी। लेकिन इससे भी बड़ी बात ये है कि इस महामारी ने हमें नई शिक्षा और संदेश भी दिया है ।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ कोरोना वायरस संकट ने अपना सबसे बड़ा संदेश हमें दिया है कि हमें आत्मनिर्भर बनना पड़ेगा।’’गांव अपनी मूलभूत आवश्यकताओं के लिए कैसे आत्मनिर्भर बनेंमोदी ने कहा ‘‘अब यह देखना बहुत जरूरी हो गया है कि गांव अपनी मूलभूत आवश्यकताओं के लिए कैसे आत्मनिर्भर बनें, जिला अपने स्तर पर, राज्य अपने स्तर पर, और इसी तरह पूरा देश कैसे आत्मनिर्भर बने ?’’ उन्होंने कहा, ‘‘ अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए हमें बाहर का मुंह नहीं देखना पड़े, अब यह बहुत आवश्यक हो गया है।’’ मोदी ने कहा कि भारत में ये विचार सदियों से रहा है लेकिन आज बदली हुई परिस्थितियों ने, हमें फिर ये याद दिलाया है कि आत्मनिर्भर बनो। हमारे देश की ग्राम पंचायतों की इसमें बहुत बड़ी भूमिका है।लॉकडाउन के नियमों का पालन करने के लिये लोगों की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके कारण ही दुनियाभर में भारत की चर्चा हो रही है ।
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी ने हम सभी के काम करने के तरीके को बहुत बदल दिया है। मोदी ने कहा कि इतना बड़ा संकट आया, लेकिन इन 2-3 महीनों में हमने यह भी देखा कि भारत का नागरिक, सीमित संसाधनों के बीच, अनेक कठिनाइयों के सामने झुकने के बजाय उनसे मुकाबला कर रहा है ।प्रधानमंत्री के साथ संवाद के दौरान देशभर की ग्राम पंचायतों के सरपंचों, सदस्यों आदि ने संकट से निपटने को लेकर अपने अपने अनुभव साझा किये और बताया कि लोग पूरे संकल्प के साथ लॉकडाउन का पालन कर रहे हैं । प्रधानमंत्री ने कहा कि आज की परिस्थिति में देश को आगे ले जाने की शुरुआत, देश को आत्मनिर्भर बनाने की शुरुआत, गाँव की सामूहिक शक्ति से ही होगी। उन्होंने साथ ही कहा ‘‘ इन प्रयासों के बीच , हमें यह याद रखना है कि किसी एक की भी लापरवाही पूरे गांव को खतरे में डाल सकती है।
इसलिए ढील की ज़रा भी गुंजाइश नहीं है।’’मोदी ने कहा कि गाँव में स्वच्छता अभियान हो, शहरों से आने वाले लोगों के लिए इतने कम समय में पृथक वास केंद्र बनाने का काम हो, हर एक व्यक्ति के खान-पान और जरूरतों की चिंता हो, या फिर आम लोगों को जागरूक करने का काम हो, ये सभी काम हमें निरंतर बिना रुके, बिना थके करना है। मोदी ने कहा, ‘‘ हमारा अतीत का अनुभव बताता है कि बीमारियों और उनके इलाज के बारे में गलत जानकारियों की वजह से हमें बीमारियों को रोकने में काफी समय लग गया। इस बार हमें ऐसा नहीं होने देना है।
हमें हर प्रकार की गलतफहमी से लोगों को बाहर निकालना है।’’ उन्होंने कहा कि हम जो भी खाएं वो खूब धोकर और खूब पकाकर खाएं, इस बात को हमें गांव-गांव में बताना है।उन्होंने कहा, ‘‘ हमें ध्यान रखना है कि शारीरिक दूरी, मुंह को फेसकवर या मास्क से ढंकना और अपने हाथों की बार-बार साफ-सफाई ही आने वाले दिनों में भी हमारे लिए इस बीमारी से बचाव के सबसे बड़ी दवा है । ’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे यहां आयुर्वेदिक काढ़ा पीने की परंपरा है, अनेक प्रकार के मसालों का उपयोग हम करते हैं। इसके साथ-साथ अगर हम नियमित रूप से योग-प्राणायाम करेंगे, तो निश्चित रूप से हमें लाभ ही होगा ।
उन्होंने लोगों से आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करने का भी अनुरोध किया ।इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने एकीकृत ई-ग्रामस्वराज पोर्टल और मोबाइल ऐप का भी शुभारंभ किया । यह एकीकृत पोर्टल ग्राम पंचायतों को अपनी ग्राम पंचायत विकास योजना (जीपीडीपी) तैयार करने और उसे कार्यान्वित करने के लिए एक स्थान पर सुविधा (इंटरफेस) प्रदान करेगा। प्रधानमंत्री ने स्वामित्व योजना का भी शुभारंभ की । यह योजना ड्रोन तकनीक से नवीनतम सर्वेक्षण विधियों का उपयोग करते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में रिहायशी भूमि के सीमांकन के लिए ग्रामीण भारत हेतु एक एकीकृत संपत्ति सत्यापन की सुविधा प्रदान करेगी ।
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किसानों के लिए सरकार ने लॉन्च किया Kisan Rath एप, फसल बेचने में नहीं होगी परेशानी कोरोना वायरस के कारण देश में तीन मई तक लॉकडाउन की घोषणा की गई है। इस लॉकडाउन में किसानों को फसल और सब्जी बेचने में काफी परेशानी हो रही है। किसानों की इस परेशानी को देखते हुए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास तथा पंचायती राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को, कृषि उत्पादों के परिवहन में सुगमता लाने के उद्देश्य से किसान रथ मोबाइल एप लांच किया। किसान रथ एप के जरिए किसान और व्यापारी आसानी से फसलों की खरीद और बिक्री कर सकते हैं। आइए आपको इस एप को इस्तेमाल करने का तरीका बताते हैं....
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PM KISAN mobile app: Know the status of your installment sitting at home through PM-KISAN mobile app end the mess of circling the office of Agriculture Officer -
PM KISAN mobile app: Know the status of your installment sitting at home through PM-KISAN mobile app end the mess of circling the office of Agriculture Officer –
PM-KISAN Mobile Application: मोदी सरकार प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम के तहत किसानों का सालाना 6 हजार रुपये की आर्थिक मदद दे रही है। इसके साथ ही सरकार डिजिटल इंडिया कैंपेन के तहत किसानों के लिए कुछ मोबाइल एप भी लॉन्च कर चुकी है। इनमें पीएम-किसान मोबाइल एप सबसे खास कही जा सकती है।
इस एप के जरिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम के तहत किसानों को दी जा रही सालाना 6 हजार रुपये के किश्त…
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किसान अब घर बैठे खेत के पम्प को बंद कर सकेंगे
नवाचार: आरटीयू के इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स ने कृषि क्षेत्र के लिये ऑटो डिवाइस ‘गुरूजी’ विकसित की।
न्यूजवेव @ कोटा
कृषि क्षेत्र में अत्याधुनिक तकनीक के प्रयोग से किसानों को दूरगामी लाभ होने लगे हैं। राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय के संघटक कॉलेज यूसीई के 6 बीटेक विद्यार्थियों की टीम ने ऐसी अनूठी रोबोटिक डिवाइस का अनुसंधान किया है, जिसके प्रयोग से किसान घर बैठे खेत पर चलने वाले सिंचाई के पम्प को बंद कर सकेंगे। इसके लिये उन्हें कडाके की सर्दी में दूर खेत पर नहीं जाना पडे़गा।
बीटेक अंतिम वर्ष के स्टूडेंट पंकज (सिविल इंजीनियरिंग ), प्रीतम, बालमुकुंद, विवेक ( इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग ),इशवर (मेकैनिकल इंजीनियरिंग ) व कौस्तुभ (कंप्यूटर साइंस ) ने कॉलेज में पढ़ते हुए रोबोटिक्स क्लब व फैकल्टी डॉ. दीपक भाटिया, सोहिल सिसोदिया तथा मधुसुदन अग्रवाल की गाइडेंस में ग्रामीण किसानों के लिए एक ऑटोमेटिक स्वीच ‘गुरूजी‘ बनाया।
उन्होंने बताया कि किसानों को प्रायः बिजली कटौती के कारण बिजली आपूर्ति में परेशानी का सामना करना पडता है। खेतों पर बिजली की सप्लाई का समय बदलता रहता है, जिससे उन्हें रात को कडाके की सर्दी में भी बिजली से चलने वाले पम्प को चालू व बंद करने जाना पड़ता है। जिससे उनकी जोखिम कई गुना बढ जाती
मोबाइल एप या इंटरनेट की जरूरत नहीं
इस समस्या का समाधान खोजने के लिये इन 6 युवा इंजीनियरिंग विद्यार्थियों ने निरंतर मेहनत करते हुये ऑटोमेटिक डिवाइस ‘‘गुरु जी‘‘ को विकसित किया और इसे खेतों पर प्रयोग करके परखा। इस डिवाइस द्वारा किसान अपने घर पर बैठे बैठे ही अपने मोबाइल के द्वारा खेतों में सिंचाई के लिए उपयुक्त होने वाले इलेक्ट्रिक पंप को चालू या बंद कर सकते हैं। इससे किसानों के समय की बचत और कृषि करने में सहूलियत होगी। डिवाइस की खास बात यह है कि इससे आप किसी भी साधारण मोबाइल फोन से कॉल करके मोटर बंद चालु कर सकते है। खास बात यह कि इसके इस्तेमाल के लिये किसानों को किसी स्मार्टफोन एप तथा इंटरनेट कनेक्शन की जरूरत नहीं पड़ेगी।
'बिट टु बाइट रोबोटिक्स'
विद्यार्थियों के इस इनोवेशन को कई सामाजिक और प्राइवेट संस्थाओं के द्वारा प्रशंसा पत्र भेंट किए जा रहे हैं। विद्यार्थियों ने ‘‘बिट टु बाइट रोबोटिक्स‘‘ नाम से संचालित एक कंपनी स्थापित की है, जिसे राजस्थान सरकार के इंफॉर्मेशन और कम्युनिकेशन डिपार्टमेंट के द्वारा स्टार्टअप पॉलिसी के तहत वित्तीय सहायता के लिए भी चयनित गया है। जो इन विद्यार्थियों के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है। राजस्थान टेक्नीकल यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. आर.ए.गुप्ता तथा इंजीनियरिंग कॉलेज कोटा के डीन एवं सिविल इंजीनियरिंग के विभागाध्यक्ष डॉ.अनिल के. माथुर ने इंजीनियरिंग छात्रों को इस उपयोगी इनावेेशन के लिये बधाई दी।
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