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#किसान रजिस्ट्रेशन बिहार
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पपीते की खेती पर इस राज्य में मिल रही है 75 % सब्सिडी, यहां करें रजिस्ट्रेशन
पपीते की खेती पर इस राज्य में मिल रही है 75 % सब्सिडी, यहां करें रजिस्ट्रेशन
पपीते की खेती साल भर की जाती है. इसके लिए 38 से 40 डिग्री तापमान अच्छा माना गया है. साथ ही दोमट मिट्टी में इसकी अच्छी उपज होती है. सांकेतिक फोटो पपीता एक ऐसा फल है, जिसमें कई तरह के विटामिन्स पाए जाते हैं. इसकी खेती बिहार, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के साथ-साथ पूरे भारत में की जाती है. यह केला की तरह ही एक ऐसा फल है, जो सालो भर मार्केंट मिलता है. ऐसे में किसान पपीते की खेती कर अच्छी कमाई कर सकते…
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gyankibaateain · 2 years
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vickyvarshney · 3 years
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(New)DBT Agriculture Kisan Portal 2021: DBT agriculture bihar government in, बिहार किसान रजिस्ट्रेशन
(New)DBT Agriculture Kisan Portal 2021: DBT agriculture bihar government in, बिहार किसान रजिस्ट्रेशन
DBT Agriculture Kisan Portal | डीबीटी एग्रीकल्चर किसान पोर्टल | Bihar Kisan Registration | किसान ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन बिहार | बिहार किसान पंजीकरण | Bihar Farmers Online Registration | किसान रजिस्ट्रेशन बिहार | किसान रजिस्ट्रेशन बिहार | किसान रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन फॉर्म | कृषि विभाग | बिहार सरकार पंजीकरण | कृषि विभाग बिहार सरकार डीजल अनुदान | कृषि विभाग | बिहार सरकार आवेदन चेक |…
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merikheti · 2 years
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ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों के लिए स्टार्टअप्स को बढ़ावा देगी एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी|
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चंडीगढ़।
ग्रामीण क्षेत्र के बेरोजगार युवाओं और किसानों के लिए चौ. चरन सिंह एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (Chaudhary Charan Singh Haryana Agriculture University (CCSHAU) Hisar, Haryana ) स्टार्टअप्स (startups)  को बढ़ावा देने जा रही है। ऐसे किसान जो अपनी फसल के उत्पादन को बदलना चाहते हैं, उनके लिए यह अच्छा विकल्प हो सकता है।
वास्तव में चौ. चरन सिंह एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी हरियाणा ने ग्रामीण क्षेत्रों में स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने का निर्णय लिया है।
एग्री बिजनेस इन्क्यूबेशन सेंटर (एबीक – (Agri-business Incubation Centre -ABIC)) चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (सीसीएसएचएयू) हिसार, हरियाणा में होस्ट किया गया है और नेशनल बैंक ऑफ एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट (नाबार्ड) द्वारा समर्थित है। एबीक कृषि व्यवसाय और उद्यमिता विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रौद्योगिकी के उत्थान व नवीनीकरण और कौशल विकास का सहारा लेगी।
एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी इस योजना के जरिए ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी पहचान बनाना चाहती है। यूनिवर्सिटी इस योजना से किसानों और बेरोजगार युवाओं को जोड़कर स���टार्टअप के लिए नई तकनीकी व आर्थिक सहायता उपलब्ध कराएगी।
65 कम्पनियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है पिछले तीन सालों में
हरियाणा की चौ. चरन सिंह एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के प्रवक्ता के अनुसार पिछले तीन सालों में 65 कम्पनियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। इससे बेरोजगार युवाओं और किसानों को स्वरोजगार स्थापित कराने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही इच्छुक उम्मीदवारों को पूर्ण तकनीकी जानकारी प्रदान की जाएगी। अब तक इस योजना के लिए 27 इनक्यूबेटि (incubatee) को 3.15 करोड़ रुपए का अनुदान राशि प्राप्त हो चूका है, जो 250 से अधिक लोगों को स्वरोजगार प्रदान करने जा रहा है।ये भी पढ़े:बैंकिंग से कृषि स्टार्टअप की राह चला बिहार का यह किसान : एक सफल केस स्टडी
सामाजिक संस्था नाबार्ड भी कर रही है सहयोग
एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी की इस योजना को सफल बनाने के लिए सामाजिक संस्था नाबार्ड भी भरपूर सहयोग कर रही है। एग्री बिजनेस इन्क्यूबेशन सेंटर (एबीक) को अपनी गतिविधियों को बढाने के लिए हर संभव प्रयास करने चाहिए और नाबार्ड ऐसे प्रयास में अपना योगदान देने को तैयार रहती है। पिछले दशकों से लगातार एबीक का प्रदर्शन काफी शानदार रहा है। केन्द्र ने भी विशेष तौर पर इसकी सराहना की है।ये भी पढ़े:एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने के लिए मोदी सरकार ने दिए 10 हजार करोड़
युवाओं के लिए बेहतर विकल्प
इस योजना के अंतर्गत किसानों को स्वरोजगार के साथ-साथ युवाओं को भी शामिल किया गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह योजना युवाओं के लिए एक बेहतर विकल्प है। किसानों के उत्पादों की प्रोसेसिंग, म���ल्य संवर्धन, पैकेजिंग, ब्रांडिंग और सर्विसिंग तमाम महत्वपूर्ण कार्यों के लिए मार्गदर्शन के साथ वो अपना खुद का एक व्यवसाय खड़ा कर सकते हैं। जो भविष्य के लिए अच्छा अवसर हो सकता है। —— लोकेन्द्र नरवार
Source ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों के लिए स्टार्टअप्स को बढ़ावा देगी एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी
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poonamranius · 3 years
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PM Kisan Maandhan Registration : लघु और सीमांत किसानों को ही मिलेगी पेंशन, जल्द करे रजिस्ट्रेशन
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PM Kisan Maandhan Registration लघु और सीमांत किसानों को ही मिलेगी पेंशन, जल्द करे रजिस्ट्रेशन : केंद्र सरकार किसानों (Farmers) के हित में कई योजनाएं चला रही है। इसमें एक पीएम किसान मान धन योजना (PM Kisan Maandhan Yojana) है, जिसके तहत 60 साल की उम्र के बाद पेंशन का प्रावधान है। इस योजना (PMKMY) में 18 वर्ष से 40 वर्ष की आयु का कोई भी किसान भाग ले सकता है। जिन्हें 60 वर्ष की आयु के बाद मासिक अंशदान करने पर 3000 रुपये या 36000 हजार रुपये सालाना मासिक पेंशन (Pension) मिलेगी। इसके लिए योगदान 55 रुपये से 200 रुपये मासिक है। अब तक लगभग 2112941 किसान इस योजना से जुड़ चुके हैं। PM Kisan Maandhan Registration कैसे लें योजना का लाभ किसान पेंशन योजना (PM Kisan Maandhan Yojana) में 18 से 40 वर्ष की आयु का छोटा जोत वाला किसान (Farmer) भाग ले सकता है, जिसके पास मात्र 2 हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि हो। उन्हें इस योजना के तहत न्यूनतम 20 साल और अधिकतम 40 साल के लिए अपनी उम्र के आधार पर 55 रुपये से 200 रुपये का मासिक योगदान देना होगा। अगर आप 18 साल की उम्र में ज्वाइन करते हैं तो मासिक योगदान 55 रुपये या सालाना 660 रुपये होगा। वहीं अगर अबर 40 साल की उम्र में ज्वॉइन करता है तो उसे 200 रुपये प्रति माह या 2400 रुपये सालाना का योगदान देना होगा। सरकार भी पीएम किसान मानधन (PM Kisan Maandhan Yojana) में किसान (Farmer) के योगदान के बराबर योगदान देगी। यानी अगर आपका योगदान 55 रुपये है तो सरकार भी 55 रुपये का योगदान देगी ! फायदा उठाने में आगे है यह राज्य (PM Kisan Maandhan Registration) 11 जनवरी 2021 तक उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार अब तक लगभग 2112941 किसान (Farmer) इस योजना (PM Kisan Maandhan Yojana) से जुड़ चुके हैं। सबसे ज्यादा रजिस्ट्रेशन कराने वाले राज्यों में हरियाणा 424446 रजिस्ट्रेशन के साथ नंबर वन है। बिहार में 310864, ​​यूपी में 250939, झारखंड में 249372 और छत्तीसगढ़ में 2.3975 रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं ! यदि योजना बीच में छोड़ दी जाती है अगर कोई किसान योजना (PM Kisan Maandhan Yojana) को बीच में छोड़ना चाहेगा तो उसके पैसे का नुकसान नहीं होगा। उनके योजना छोड़ने तक जमा की गई राशि पर बैंकों के बचत खाते के बराबर ब्याज मिलेगा। यदि पॉलिसी धारक किसान (Farmer) की मृत्यु हो जाती है तो उसकी पत्नी को 50 प्रतिशत राशि मिलती रहेगी। पीएम किसान मानधन पंजीकरण ऑनलाइन कैसे करें पीएम किसान मानधन पंजीकरण ऑनलाइन पेंशन योजना (PM Kisan Maandhan Yojana) का लाभ लेने के लिए किसान को कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) में जाकर अपना पंजीकरण कराना होगा। https://maandhan.in/ आधार कार्ड और खसरा-खतौनी की कॉपी रजिस्ट्रेशन के लिए लेनी होगी। रजिस्ट्रेशन के लिए 2 फोटो और बैंक पासबुक की भी जरूरत होगी। किसान (Farmer) को पंजीकरण के लिए अलग से कोई शुल्क नहीं देना होगा। पंजीकरण के दौरान किसान का किसान पेंशन यूनिक नंबर और पेंशन कार्ड जनरेट होगा। इन किसानों को नहीं मिलेगा लाभ राष्ट्रीय पेंशन योजना, कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) योजना, कर्मचारी भविष्य निधि योजना (ईपीएफओ) जैसी किसी अन्य सामाजिक सुरक्षा योजना के दायरे में आने वाले छोटे और सीमांत किसान (Farmer)। विकल्प चुना गया है। वे किसान जिन्होंने श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा संचालित प्रधानमंत्री लघु व्यापारी मान-धन योजना (PM Kisan Maandhan Yojana) को चुना है। Read the full article
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insolubleworld · 3 years
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(DBT Agriculture) बिहार किसान रजिस्ट्रेशन: ऑनलाइन फॉर्म, Farmer Registration
(DBT Agriculture) बिहार किसान रजिस्ट्रेशन: ऑनलाइन फॉर्म, Farmer Registration
Bihar Kisan Registration | किसान ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन बिहार | बिहार किसान पंजीकरण | Bihar Farmers Online Registration बिहार के वह सभी किसान जो सरकार द्वारा चलाई जाने वाली कृषि से संबंधित योजनाओं का लाभ उठाना चाहते हैं उन्हें बिहार किसान रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर आवेदन करवाना होगा। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से बिहार किसान रजिस्ट्रेशन से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने जा रहे हैं। जैसे कि…
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indiascheme · 3 years
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किसान ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन बिहार, DBT Agriculture Portal Farmers Online Registration, बिहार किसान डीबीटी पंजीकरण प्रक्रिया पात्रता मानदंड एवं आवश्यक दस्तावेजों की जानकारी आपको इस लेख में दी जाएगी। बिहार सरकार द्वारा किसानो को राज्य स्तर पर लागु होने वाली योजनाओ का लाभ पहुंचाने के लिए बिहार किसान रजिस्ट्रेशन DBT Agricuture की आधिकारिक वेबसाइट की शुरुआत की गयी है। भारतवर्ष एक कृषि प्रधान देश है जिसकी अर्थव्यवस्था कृषि पर आधारित है।
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mastereeester · 4 years
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PM ने 7.54 लाख किसानों को भेजी 'सम्मान राशि'; रजिस्ट्रेशन धीमा होने से 40 लाख अब भी कर रहे इंतजार [Source: Dainik Bhaskar]
PM ने 7.54 लाख किसानों को भेजी ‘सम्मान राशि’; रजिस्ट्रेशन धीमा होने से 40 लाख अब भी कर रहे इंतजार [Source: Dainik Bhaskar]
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत बिहार के 7 लाख 54 हजार किसानों के बैंक खाते में कुल 142 करोड़ की राशि दी गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से एक बटन दबाकर यह राशि भेजी है। पटना के बिहार कृषि प्रबंधन एवं विस्तार प्रशिक्षण संस्थान (बामेती सभागार) में इसके लिए कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इसमें किसान इनोवेटर के साथ ही सभी जिलों से कुल 250 लाभार्थी पहुंचे थे।…
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allhindi100 · 4 years
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(via {रजिस्ट्रेशन} बिहार किसान रजिस्ट्रेशन 2020-21 : DBT Agriculture Bihar ,Bihar Kisan Registration 2020-21)
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nirajforhelp · 5 years
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बिहार किसान रजिस्ट्रेशन कैसे करे | Bihar Kisan Registration Step by Step
बिहार किसान रजिस्ट्रेशन कैसे करे | Bihar Kisan Registration Step by Step Process. Pm kisan Yojana के द्वारा 6 हजार रूपया प्रतेक साल बिलकुल मुफ्त पाने के लिए जल्दी कीजिये. लिंक पर क्लिक करके पूरा आर्टिकल पढ़िए.
क्या आप PM किसान योजना के लिए Online आवेदन करना चाहते है, और जानना चाहते है की बिहार किसान रजिस्ट्रेशन कैसे करे तो इस आर्टिकल में आप जानेंगे  Bihar Kisan Registration Step by Step पूरा प्रोसेस.
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इस Article में मैंने Step by Step बताया है की आप घर बैठे अपने कंप्यूटर या मोबाइल से बिहार किसान रजिस्ट्रेशन Online (Bihar Farmer Registration Online) कैसे कर सकते है.
किसान रजिस्ट्रेशन कैसे करे –…
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technicalmitra · 4 years
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Bihar Fasal Bima Online Registration 2020: बिहार फसल बीमा योजना रजिस्ट्रेशन
Bihar Fasal Bima Online Registration 2020: बिहार फसल बीमा योजना रजिस्ट्रेशन
क्या आप बिहार राज्य के किसान हैं और जानना चाहते हैं बिहार राज्य फसल सहायता योजना| बिहार फसल बीमा योजना |Bihar Fasal Bima Online Registration 2020 |Bihar Fasal sahayta yojna online form तो आप बिलकुल सही जगह पे हैं।
हमारा यही उद्देश्य है कि हम आपको ऑनलाइन सरकारी योजना की पूरी जानकारी दें ताकि आप सरकार की तरफ से चल रही किसी भी सरकारी योजना से वंचित ना रह जाए यंहा हम आपको बताएंगे कि आप बिहार फसल बीमा…
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manishajain001 · 4 years
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ये तीन स्थितियां हैं। इनसे समझ जाइए कि आने वाले दिन कैसे हो सकते हैं।
यूपी के बिजनौर जिले के किसान विपिन कुमार के पास एक हेक्टेयर से कम जोत है। वह खेती के साथ दूध बेचकर परिवार का पालन-पोषण करते हैं। वह जिस दूधिये को दूध बेचते हैं, उसने लाॅकडाउन के दो दिनों बाद से ही करीब 10 लीटर कम दूध लेना शुरू कर दिया है। इसकी वजह भी है- एक, घर-परिवार तक का उस पर दबाव है कि ज्यादा न भटको, जिंदगी रही तो फिर कमा खा लेंगे। दो- गांव से शहर तक में चाय-पान की दुकानें बंद हो गई हैं, जबकि ढाबों में मांग कम हो गई है। इस वजह से विपिन- जैसों को दोहरा घाटा हो रहा है। एक तो दूध की मांग का नुकसान, दूसरा कि ट्रकों वगैरह की आवाजाही सीमित होने की वजह से पशुओं के चारे का संकट हो गया है, तो वह महंगा होने लगा है। लाॅकडाउन के चार दिन बाद ही चारे की कीमत में 500 रुपये तक की बढ़ोतरी हो गई।
मध्य प्रदेश में संतरे की खेती करने वाले किसान पंकज पाटीदार हों या राजस्थान के भीलवाड़ा में गुलाब और गेंदे की खेती करने वाला आशुतोष- बिल्कुल बर्बाद हो गए हैं। ये कैश क्राॅप हैं, पर बाजार तक पहुंच मुश्किल है, इसलिए सबकुछ खेतों में सड़ रहा है। संतरे मार्केट तक पहुंचाना मुश्किल है जबकि मंदिर से लेकर सारे इवेंट तक बंद रहने से फूलों की कुछ भी मांग नहीं है। आशुतोष ने तो फूलों को खेतों में ही छोड़ दिया है।
घर की जरूरतों और गन्ने की बुआई के लिए खाद और कीटनाशक दवाई के लिए गन्ने का आया भुगतान लेने बिजनौर जिले की नजीबाबाद तहसील के किसान सुमित जब बैंक पहुंचे तो वहां उन्हें मात्र पांच हजार रुपये देकर चलता कर दिया गया। शहर जब खाद और दवा लेने गए तो रास्ते से ही पुलिस ने ट्रैक्टर वापस कर दिया। पड़ोसी गांव से कुछ खाद उधार लेकर उन्होंने जैसे-तैसे गन्ने की बुआई की है।
ये केवल बानगी भर हैं और इनसे ही अंदाजा लग सकता है कि आने वाले दिनों में कैसे दूध से लेकर सब्जियों, फलों की कीमतें कैसे और क्यों बढ़ती जाएंगी और इसके साथ ही, आने वाले दिनों में किसान कैसे मुश्किल में पड़ते जाएंगे। सबसे अधिक प्रभावित गन्ना किसान दिखाई दे रहा है। मुजफ्फरनगर के रसूलपुर जाटान के किसान सचिन मलिक बताते हैं कि पूरा गन्ना मिल पर नहीं जा पाता। बचे गन्ने को गुड़ के कोल्हू पर बेचना मजबूरी है।
लेकिन होली के बाद से कोल्हू चले ही नहीं। पहले वे बारिश की वजह से बंद रहे, उसके बाद कोरोना के चक्कर में लेबर को पुलिस ने भगा दिया। अब सरकार की तरफ से कोल्हू चलाने की मनाही नहीं है, लेकिन गुड़ का उठान न होने की वजह से इलाके में इक्का-दुक्का कोल्हू ही चल रहे हैं। वहां भी गन्ने का रेट सरकार के रेट से बहुत कम है। इस दौरान किसानों को 75 से 100 रुपये प्रति क्विंटल कम रेट पर गन्ना बेचने को मजबूर होना पड़ रहा है।
खेती के जानकार धर्मेंद्र मलिक का कहना है कि पश्चिम में सबसे ज्यादा घाटे में गन्ना किसान रहने वाले हैं। एक तो मिलों में भी लेबर कम होने की वजह से पिराई कम हो रही है। वहीं, राजस्थान से आने वाले सल्फर और भट्टी चूना की कम आवक से मिल चलाने का भी संकट खड़ा हो गया है। सरकार ने भले ही मिलों को ईंधन की ढुलाई के लिए राहत दी है, लेकिन खदानों में मजदूर कम होने से दिक्कत हो रही है। हालात यही रहे तो चीनी मिलों को चलाना मुश्किल हो जाएगा। अभी जो स्थिति है, उसमें 25 से 30 फीसदी तक गन्ना खेत में ही खड़ा है।
गेहूं किसानों पर सबसे अधिक मार
पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश में गेहूं और सरसों की कटाई शुरू हो चुकी है। सरकार ने भी एक अप्रैल से फसल उठाने का कार्यक्रम तय किया था, लेकिन अब ���ोरोना की मार की वजह से इसकी तारीख में संशोधन करना पड़ा है। हरियाणा सरकार ने अब 15 अप्रैल से सरसों और 20 अप्रैल से गेहूं खरीद करने की घोषणा की है। साथ ही कहा है कि अगर किसान अपने पास फसल रखता है, तो उसे 50 से 100 रुपये प्रति क्विंटल सब्सिडी दी जाएगी। बाकी राज्यों ने भी लॉकडाउन के बाद 15 अप्रैल से गेहूं और सरसों की खरीद का लक्ष्य रखा है।
देश भर में 341.32 लाख टन खरीद में अकेले पंजाब में पिछले साल केंद्रीय पूल के लिए 129.12 लाख टन की खरीद का लक्ष्य था, जबकि मध्यप्रदेश का योगदान केवल 67.25 लाख टन था। पंजाब में गेहूं किसानों का रजिस्ट्रेशन का भी प्रावधान नहीं है। यहां गेहूं की खरीद आढ़तियों के माध्यम से की जाती है। पंजाब में करीब 200 मंडियों में 3 से 4 लाख दिहाड़ी मजदूरों की जरूरत पड़ती है। ये मजदूर बिहार, उत्तर प्रदेश और बंगाल से आते हैं। कोरोना की वजह से अधिकांश मजदूर पलायन कर चुके हैं, ऐसे में गेहूं खरीद, बोरी में भरवाना और ट्रक में लदवाने के साथ सरकारी गोदामों तक पहुंचाना सबसे बड़ी चुनौती बनकर सामने आने वाली है। बाड़दाना यानि गेहूं और सरसों के लिए टाट की बोरी की कमी भी किसान और सरकार को परेशानी में डालेगी।
यही हाल उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में भी होना तय है। इसमें किसानों को दोहरी मार पड़ेगी। एक, उसे खेत से फसल उठाकर मंडी तक लाने में पसीना बहाना पड़ेगा और उसके बाद बिचैलिये के हाथों एमएसपी से कम दाम पर फसल बेचने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। महाराष्ट्र में खेती-किसानी के जानकार और किसान संगठन से जुड़े विजय जवांधिया का कहना है कि गेहूं और गन्ना के अलावा कपास, सोयाबीन और मक्का के किसानों की हालत भी खराब है।
उन्होंने बताया कि 5,000 रुपये क्विंटल वाला सोयाबीन 3,500 से 3,600 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा है। इसी तरह 1,800 रुपये प्रति क्विंटल बिकने वाला मक्का 1,300 रुपये में बेचने को मजबूर होना पड़ रहा है। इसका कारण पाॅल्ट्री फार्म में इसकी खपत कम होने से इसके दाम नीचे आ गए हैं। यही हाल मसूर, चना और अन्य तिलहन फसलों का भी हो रहा है। इससे पहले खराब मौसम और ओलावृष्टि ने पहले से ही गेहूं और दहलन-तिलहन की फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है।
इसका गणित इस बात से भी समझा जा सकता है कि इस बार सरसों का एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) सरकार ने 4,425 रुपये निर्धारित किया है, लेकिन हकीकत यह है कि राजस्थान और अलवर की मंडियों में उसके दाम गिरकर 3,600 रुपये प्रति क्विंटल आ चुके हैं। यही हाल चने का भी हो रहा है। महाराष्ट्र और लातूर की मंडियों में चने के दाम गिरकर 3,650 रुपये प्रति कुंतल आ गए हैं, जबकि चने का एमएसपी 4,875 रुपये प्रति कुंतल निर्धारित किया गया है।
शहरके किसान भी मुसीबत में
कोरोना की वजह से गांव ही नहीं शहर के किसान भी मुसीबत में हैं। दिल्ली और आसपास के महानगरों के बीच में आए गांव के किसान अधिकांश फूल-फल, साग-सब्जी उगाने के साथ डेयरी के कारोबार में लगे हैं। कृषि विशेषज्ञ युद्धवीर सिंह का कहना है कि सरकारों को इन शहरी मझोले किसानों और खेतिहर किसानों की ओर ध्यान देना होगा, क्योंकि सीमाएं सील होने से अपनी फसल को मंडियों तक पहुंचाने में किसान पापड़ बेल रहा है। पुलिस के रवैये से उसका काम धंधा चौपट हो गया है। फूल उगाने वाला किसान तो चौपट ही हो गया। सब्जियां खेत से उठ नहीं रहीं, फिर भी मंडियों में रेट बढ़ रहे हैं। तुरंत इन मुनाफाखोरों पर रोक लगाने की जरूरत है। वहीं, दूध के व्यवसाय में लगे किसानों को जानवरों के लिए चारे का प्रबंध करने में मदद करनी होगी, वरना वह भी घाटे में कब तक धंधा करेगा। शहरों में पशु चारा और जानवरों की खाद्य सामग्री के रेट बेतहाशा बढ़ गए हैं।
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aapnugujarat1 · 5 years
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PM मोदी ने किया झारखंड विधानसभा की नवनिर्मित इमारत का उद्घाटन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को झारखंड में नवनिर्मित विधानसभा भवन का उद्घाटन किया। वहीं वे देश को तीन बड़ी योजनाओं की सौगात देंगे। प्रधानमंत्री मोदी रांची के प्रभाततारा मैदान में आयोजित समारोह में प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना, खुदरा व्यापारिक एवं स्वरोजगार पेंशन योजना एवं एकलव्य मॉडल विद्यालय का भी शुभारंभ करेंगे। प्रधानमंत्री झारखंड विधानसभा के नए भवन एवं साहेबगंज में मल्टीमॉडल बंदरगाह का उद्घाटन करेंगे और 1238 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले झारखंड सचिवालय के नए भवन का शिलान्यास करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही अप्रैल 2017 में साहिबगंज मल्टी-मॉडल टर्मिनल की आधारशिला रखी थी। इसका निर्माण लगभग दो वर्षों की रिकॉर्ड अवधि में 290 करोड़ रुपए की लागत से हुआ है। यह जल मार्ग विकास परियोजना (जेएमवीपी) के तहत गंगा नदी पर बनाए जा रहे तीन मल्टी-मॉडल टर्मिनलों में से दूसरा टर्मिनल है। इससे पहले नवंबर, 2018 में प्रधानमंत्री ने वाराणसी में पहले मल्टी-मॉडल टर्मिनल (एमएमटी) का उद्घाटन किया था। साहिबगंज स्थित टर्मिनल झारखंड एवं बिहार के उद्योगों को वैश्विक बाजार के लिए खोलेगा और इसके साथ ही जलमार्ग के जरिए भारत-नेपाल कार्गो संपर्क सुलभ कराएगा। यह राजमहल क्षेत्र स्थित स्थानीय खदानों से विभिन्न ताप विद्युत संयंत्रों को घरेलू कोयले की ढुलाई करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस टर्मिनल के जरिए कोयले के अलावा स्टोन चिप्स, उर्वरकों, सीमेंट और चीनी की भी ढुलाई किए जाने की आशा है। आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि टर्मिनल से इस क्षेत्र में लगभग 600 लोगों के लिए प्रत्यक्ष रोजगार और तकरीबन 3000 लोगों के लिए अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने की आशा है। इस टर्मिनल के जरिए साहिबगंज में सड़क-रेल-नदी परिवहन के संयोजन से अंदरूनी इलाकों का यह हिस्सा कोलकाता एवं हल्दिया और उससे भी आगे बंगाल की खाड़ी से जुड़ जाएगा। इसके अलावा साहिबगंज नदी-समुद्र रूट से बांग्लादेश होते हुए पूर्वोत्तर राज्यों से भी यह जुड़ जाएगा। देश के खुदरा व्यापारिक दुकानदार एवं स्वरोजगार पेंशन योजना की भी शुरुआत करेंगे। आजादी के बाद पहली बार किसी सरकार ने देश के खुदरा व्यापार करने वाले दुकानदार व स्वरोजगार करने वाले को पेंशन की योजना से जोड़ने की पहल की है। इसके तहत 18 से 40 वर्ष के खुदरा व्यापारियों एवं दुकानदारों को भी 60 साल की उम्र पूरी होने के बाद 3000 रुपए प्रतिमाह पेंशन मिलेगा। इसके अलावा प्रधानमंत्री इस मौके पर देश के जनजातीय क्षेत्रों में 462 एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय का आनलाइन शिलान्यास करेंगे। इसके तहत झारखंड के 13 जिलों में 69 एकलव्य विद्यालय खोले जा रहे है। जनजातीय मामलों के केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने बताया कि अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों को शहरों की तरह ही गांव में ही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले, इसी लिए एकलव्य विद्यालय खोले जा रहे हैं। जनजातीय क्षेत्रों का विकास सरकार की विशेष प्राथमिकता है। राज्य बनाया था, उन्हीं के सपनों का झारखंड बनाने के लिए प्रधानमंत्री झारखंड से ही कई बड़ी योजनाओं की शुरुआत कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों के जीवन में सामाजिक सुरक्षा कवच उपलब्ध कराने के लिए मासिक पेंशन के रूप में प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना लागू की जा रही है। इस योजना के तहत 18 से 40 वर्ष के उम्र के किसानों का रजिस्ट्रेशन हो सकेगा। किसानों को 60 साल की उम्र पूरी होने के बाद 3000 रुपए मासिक पेंशन मिलेगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना के लिए झारखंड में एक लाख ��ौ हजार से अधिक किसानों का पंजीकरण हो चुका है। Read the full article
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poonamranius · 3 years
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Latest Update of PM Kisan Yojana : अब मिलेगें सालाना 12 हजार , जानें कब मिलेगी 10वीं क़िस्त
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Latest Update of PM Kisan Yojana  : देश भर के प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना ( Pradhan Mantri Kisan Samman Nidhi Yojana ) में पंजीकृत किसानों के लिए एक अच्छी खबर आई है ! क्योंकि दिवाली से पहले किसनों ( Farmer ) 12000 रुपये मिलने की संभावना है ! मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्र सरकार किसानों के लिए PM किसान योजना ( PM Kisan Yojana ) की राशि को दोगुना करने की योजना बना रही है !  अगर ऐसा होता है तो किसानों को सालाना 6000 रुपये की जगह 12000 रुपये मिलेंगे ! Latest Update of PM Kisan Yojana  Latest Update of PM Kisan Yojana मीडिया की अटकलों का महत्व इसलिए है क्योंकि बिहार के कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कुछ दिन पहले दिल्ली में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात के बाद यह बात कही थी ( Farmer ) ! रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना ( Pradhan Mantri Kisan Samman Nidhi Yojana )की राशि दोगुनी होने जा रही है और इस PM किसान योजना ( PM Kisan Yojana ) के लिए केंद्र ने पूरी तैयारी कर ली है. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना ( Pradhan Mantri Kisan Samman Nidhi Yojana ) की 10वीं किस्त 15 दिसंबर को आने की संभावना है, जैसा कि मीडिया में व्यापक रूप से बताया गया है ! PM किसान योजना ( PM Kisan Yojana ) के तहत हर साल तीन किस्तों में किसानों को 6000 रुपये का वार्षिक नकद हस्तांतरण किया जाता है ( Farmer ) ! गौरतलब है कि केंद्र सरकार PM किसान योजना ( PM Kisan Yojana ) में अब तक देश के 11.37 करोड़ किसानों को 1.58 लाख करोड़ रुपये ट्रांसफर कर चुकी है ! केंद्र सरकार 15 दिसंबर, तक प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना ( Pradhan Mantri Kisan Samman Nidhi Yojana ) की 10वीं किस्त जारी करने की योजना बना रही है ! सरकार ने पिछले साल 25 दिसंबर 2020 को किसानों ( Farmer ) को पैसा ट्रांसफर किया था ! - पहली किस्त- अप्रैल-जुलाई ! - दूसरी किस्त – अगस्त-नवंबर - तीसरी किस्त – दिसंबर-मार्च 15 दिसंबर को मिलेगी 10वीं क़िस्त वहीं प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना ( Pradhan Mantri Kisan Samman Nidhi Yojana ) के लाभार्थियों को 10वीं किस्त जल्द मिल सकती है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो सरकार ने योजना के तहत 10वीं किस्त जारी करने की तारीख तय कर दी है !   ( Farmer ) किस्त ट्रांसफर करने के लिए सभी जरूरी इंतजाम कर लिए गए हैं ! कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि किसानों को  PM किसान योजना ( PM Kisan Yojana ) की 10वीं क़िस्त 15 दिसंबर को मिलेगी ! PM Kisan Yojana List Chek Online - सबसे पहले pmkisan.gov.in वेबसाइट पर जाएँ ! - इस वेबसाइट पर दायीं ओर आपको ” Farmers Corner ” दिखाई देगा - किसान कॉर्नर पर क्लिक करें - अब आप्शन में से ” Beneficiary Status ” पर क्लिक करें - अपनी स्थिति देखने के लिए आपको कुछ विवरण जैसे अपना आधार नंबर, बैंक खाता और अपना मोबाइल नंबर देना होगा - उपरोक्त प्रक्रिया को पूरा करने के बाद, यदि आपका नाम सूची में है तो आपको अपना नाम मिल जाएगा मोबाइल ऐप के जरिए पीएम किसान में अपना नाम कैसे चेक करें मोबाइल ऐप के जरिए अपना नाम प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना ( Pradhan Mantri Kisan Samman Nidhi Yojana ) में चेक करने के लिए किसानों को सबसे पहले पीएम किसान ( Farmer ) मोबाइल ऐप डाउनलोड करना होगा ! एक बार जब आप ऐप डाउनलोड कर लेते हैं, तो आपके पास PM किसान योजना ( PM Kisan Yojana ) का सभी विवरणों तक पहुंच होगी ! क्या PM-KISAN योजना केवल छोटे और सीमांत किसान परिवारों के लिए है? शुरुआत में जब  PM किसान योजना ( PM Kisan Yojana ) शुरू की गई थी ! तब इस प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना ( Pradhan Mantri Kisan Samman Nidhi Yojana ) का लाभ केवल छोटे और सीमांत किसानों ( Farmer ) के परिवारों को दिया गया था, जिनके पास 2 हेक्टेयर तक की संयुक्त भूमि थी ! इस योजना को बाद में जून 2019 में संशोधित किया गया और सभी किसान परिवारों को उनकी जोत के विभिन्न आकार के बावजूद विस्तारित किया गया ! किसानों को 30 अक्टूबर से पहले अपना पंजीकरण कराना होगा जो किसान PM Kisan Yojaan का लाभ प्राप्त करना चाहते हैं उन्हें 30 अक्टूबर को या उससे पहले अपना पंजीकरण कराना होगा ! यदि उन्हें अंतिम किस्त नहीं मिली है, तो उन्हें अगली क़िस्त के साथ पिछली राशि मिल जाएगी ! यानी सीधे उनके खाते में 4000 रुपये की राशी आएगी ! इस पीएम किसान ( Farmer ) योजना में पंजीकरण की अंतिम तिथि 30 अक्टूबर है ! पंजीकरण के लिए, बस पीएम किसान की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा ! और ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना होगा ! प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना ( Pradhan Mantri Kisan Samman Nidhi Yojana ) में आवेदन करने के बाद ही 10वीं क़िस्त मिलेगी ! Read the full article
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insolubleworld · 3 years
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बिहार किसान रजिस्ट्रेशन 2021: Bihar DBT Agriculture Farmer Registration
बिहार किसान रजिस्ट्रेशन 2021: Bihar DBT Agriculture Farmer Registration
बिहार किसान रजिस्ट्रेशन 2021 | Bihar Kisan Registration | किसान ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन बिहार | बिहार किसान पंजीकरण | Bihar Farmers Online Registration | Bihar DBT Agriculture Farmer Registration बिहार के किसान भाई जो कृषि संबंधित सभी सरकारी योजनाओ का लाभ लेना चाहता है, तो बिहार सरकार ने बिहार किसान रजिस्ट्रेशन पोर्टल लांच किया है, जिस पर आवेदन करने पर बिहार के किसान भाई आसानी से राज्य बिहार की कृषि…
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allhindi100 · 4 years
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(via बिहार किसान रजिस्ट्रेशन 2020 : DBT Agriculture Bihar ,Bihar Kisan Registration 2020)
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