अप्रैल-अगस्त के बीच जारी 1.14 लाख करोड़ रुपये का आईटी रिफंड | इंडिया न्यूज - टाइम्स ऑफ इंडिया
अप्रैल-अगस्त के बीच जारी 1.14 लाख करोड़ रुपये का आईटी रिफंड | इंडिया न्यूज – टाइम्स ऑफ इंडिया
नई दिल्ली: आयकर विभाग ने चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों में 1.14 लाख करोड़ रुपये से अधिक का रिफंड जारी किया है। “सीबीडीटी (केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड) रुपये से अधिक का रिफंड जारी करता है। 1 अप्रैल, 2022 से 31 अगस्त, 2022 के बीच 1.97 करोड़ से अधिक करदाताओं को 1.14 लाख करोड़, “आईटी विभाग ने ट्वीट किया। इसमें व्यक्तिगत और शामिल हैं कॉर्पोरेट रिफंड क्रमशः 61,252 करोड़ रुपये और 53,158 करोड़…
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अप्रैल-अगस्त के बीच जारी 1.14 लाख करोड़ रुपये का आईटी रिफंड | भारत समाचार
अप्रैल-अगस्त के बीच जारी 1.14 लाख करोड़ रुपये का आईटी रिफंड | भारत समाचार
नई दिल्ली: आयकर विभाग ने चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों में 1.14 लाख करोड़ रुपये से अधिक का रिफंड जारी किया है। “सीबीडीटी (केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड) रुपये से अधिक का रिफंड जारी करता है। 1 अप्रैल, 2022 से 31 अगस्त, 2022 के बीच 1.97 करोड़ से अधिक करदाताओं को 1.14 लाख करोड़, “आईटी विभाग ने ट्वीट किया। इसमें व्यक्तिगत और शामिल हैं कॉर्पोरेट रिफंड क्रमशः 61,252 करोड़ रुपये और 53,158 करोड़…
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आई-टी रिफंड की कीमत रु। 1.18 लाख करोड़ 33.54 लाख करदाताओं को 29 सितंबर तक जारी किए गए
आई-टी रिफंड की कीमत रु। 1.18 लाख करोड़ 33.54 लाख करदाताओं को 29 सितंबर तक जारी किए गए
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द्वारा: PTI | नई दिल्ली |
30 सितंबर, 2020 5:24:25 बजे
सरकार ने COVID-19 महामारी के दौरान करदाताओं को बिना किसी बाधा के कर-संबंधी सेवाएं प्रदान करने पर जोर दिया है और उस अंत तक लंबित कर रिफंड को मंजूरी दे दी है। (रिप्रेसेंटेशनल)
आयकर विभाग ने बुधवार को कहा कि उसने 29 सितंबर को 6 महीने में 33 लाख से अधिक करदाताओं के लिए 1.18 लाख करोड़…
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CBDT: Refunded Rs 67,400 crore to 24 lakh taxpayers till August 30
CBDT: Refunded Rs 67,400 crore to 24 lakh taxpayers till August 30
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नई दिल्ली: कर विभाग शनिवार को कहा कि उसने रुपये से अधिक का रिफंड जारी किया था। इस साल 1 अप्रैल से 30 अगस्त के बीच लगभग 24 लाख करदाताओं को 67,401 करोड़ रुपये।
22,61,918 मामलों में 16,373 करोड़ रुपये का आयकर रिफंड जारी किया गया है और 1,37,327 मामलों में 51,029 करोड़ रुपये का कॉर्पोरेट टैक्स रिफंड जारी किया गया है। केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ट्विटर पर कहा।
इससे पहले 21 अगस्त को, कर विभाग…
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तेजी से मिल रहा है रिफंड: इनकम टैक्स विभाग ने 1.98 लाख करोड़ रुपए रिफंड किया, 1.95 करोड़ लोगों को मिला पैसा
तेजी से मिल रहा है रिफंड: इनकम टैक्स विभाग ने 1.98 लाख करोड़ रुपए रिफंड किया, 1.95 करोड़ लोगों को मिला पैसा
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Business
Income Tax Department Refunds 1.98 Lakh Crore Rupees, Money Received To 1.95 Crore
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मुंबई5 मिनट पहले
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इनकम टैक्स विभाग ने बताया कि 1.92 करोड़ टैक्स भरने वालों को पर्सनल इनकम टैक्स रिफंड किया गया है। जबकि कॉर्पोरेट टैक्स में 2.19 लाख मामलों में 1.27 लाख करोड़ रुपए का टैक्स रिफंड किया गया है
2020-21…
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टैक्स की बात: आयकर विभाग ने 1.41 करोड़ टैक्सपेयर्स को जारी किया 1.64 लाख करोड़ रुपए का टैक्स रिफंड
टैक्स की बात: आयकर विभाग ने 1.41 करोड़ टैक्सपेयर्स को जारी किया 1.64 लाख करोड़ रुपए का टैक्स रिफंड
Hindi News
Utility
Income Tax Department Issued Tax Refund Of 1.64 Lakh Crore Rupees To 1.41 Crore Taxpayers
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नई दिल्ली10 मिनट पहले
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आयकर विभाग टैक्स रिफंड करने का काम तेजी से कर रहा है
व्यक्तिगत आयकर रिफंड के 1.38 करोड़ से अधिक मामलों में 53,070 करोड़ रुपए जारी किए गए
कॉर्पोरेट टैक्स रिफंड के 2.06 लाख से अधिक…
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income tax ; tax department has released refund of Rs 1.23 lakh crore in the current financial year so far, 38.11 lakh taxpayers have benefited | इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने चालू वित्त वर्ष में अब तक 1.23 लाख करोड़ रुपए का रिफंड जारी किया, 38.11 लाख करदाताओं को मिला फायदा
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income tax ; tax department has released refund of Rs 1.23 lakh crore in the current financial year so far, 38.11 lakh taxpayers have benefited | इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने चालू वित्त वर्ष में अब तक 1.23 लाख करोड़ रुपए का रिफंड जारी किया, 38.11 लाख करदाताओं को मिला फायदा
Hindi News
Utility
Income Tax ; Tax Department Has Released Refund Of Rs 1.23 Lakh Crore In The Current Financial Year So Far, 38.11 Lakh Taxpayers Have Benefited
नई दिल्ली36 मिनट पहले
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36.21 लाख से ज्यादा पर्सनल इनकम टैक्सपेयर्स को 33,442 करोड़ रुपए का रिफंड दिया गया
1.89 लाख से ज्यादा करदाताओं को 90,032 करोड़ रुपए का कॉरपोरेट टैक्स रिफंड जारी किया गया है
इनकम टैक्स विभाग ने गुरुवार को बताया कि उसने 1 अप्रैल से 15 अक्टूबर के बीच 38.11 लाख से अधिक करदाताओं को 1.23 लाख करोड़ रुपए से अधिक का रिफंड जारी किया है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (सीबीडीटी) की ओर से जारी बयान के मुताबिक, इसमें से 33,442 करोड़ रुपए का रिफंड पर्सनल इनकम टैक्स रिफंड के रूप में 36.21 लाख करदाताओं को दिया गया है। वहीं, 1.89 लाख से ज्यादा करदाताओं को 90,032 करोड़ रुपए का कॉरपोरेट टैक्स रिफंड जारी किया गया है।
CBDT issues refunds of over Rs. 1,23,474 crore to more than 38.11 lakh taxpayers between 1st April,2020 to 13th October,2020. Income tax refunds of Rs. 33,442 crore have been issued in 36,21,317 cases & corporate tax refunds of Rs. 90,032 crore have been issued in 1,89,916 cases.
— Income Tax India (@IncomeTaxIndia) October 14, 2020
कॉरपोरेट टैक्स रिफंड
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने बताया कि उसने 38.11 लाख से अधिक करदाताओं को इस वित्त वर्ष में 15 अक्टूबर तक 1,23,474 करोड़ रुपए से अधिक का रिफंड जारी किया है। बोर्ड ने कहा कि 36,21,317 मामलों में 33,442 करोड़ रुपए के आयकर रिफंड जारी किए गए हैं। वहीं, 1,89,916 मामलों में 90,032 करोड़ रुपए के कॉर्पोरेट टैक्स रिफंड जारी किया गया है।
29 सितंबर तक जारी किया था 33 लाख से ज्यादा को रिफंड
इससे पहले 29 सितंबर तक 33 लाख से अधिक करदाताओं को 1.18 लाख करोड़ रुपए का रिफंड जारी किया था। इस दौरान 31.75 लाख टैक्सपेयर्स को 32,230 करोड़ रुपए का पर्सनल इनकम टैक्स रिफंड (पीआईटी) और 1.74 लाख टैक्सपेयर्स को 86,094 करोड़ रुपए कंपनी टैक्स का रिफंड किया गया था। इनकम टैक्स विभाग द्वारा इनकम टैक्स रिफंड तेजी से लौटाने का काम चल रहा है।
वित्त वर्ष 2018-19 के लिए 30 नवंबर तक दाखिल कर सकते हैं आईटीआर
कोरोना काल में केंद्र सरकार ने करदाताओं को राहत देते हुए वित्त वर्ष 2018-19 के लिए आयकर रिटर्न भरने की डेडलाइन को 30 नवंबर तक बढ़ा दिया है। इससे पहले इसकी आखिरी तारीख 30 सितंबर तय की गई थी। इससे पहले आयकर विभाग ने करदाताओं को बड़ी राहत देते हुए वित्त वर्ष 2019-20 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की तारीख आगे बढ़ा दी थी। टैक्सपेयर्स 30 नवंबर 2020 तक ITR फाइल कर सकेंगे।
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स्टार्टअप्स, अफोर्डेबल रहने के लिए लिक्विडिटी लाइफलाइन की मांग करते हैं, Technology News, ETtech
चित्रण: राहुल अवस्थी
भारत की स्टार्टअप पैरवी कर रहे हैं सरकार जीवन रेखा के रूप में वे एक अस्तित्व के साथ सामना करते हैं तरलता संकट के कारण उनके पारिस्थितिकी तंत्र के विघटन के बीच Covid -19राष्ट्रीय लॉकडाउन और एक उत्साही वैश्विक बाजार। वित्त मंत्री को भेजे गए पत्रों में से एक के अनुसार, यदि कोई समर्थन आगामी नहीं है, तो उनमें से आधे को बंद करने के लिए मजबूर किया जा सकता है।
स्टार्टअप ने ब्याज से मुक्त ऋण की मांग की या आयकर और माल और सेवा कर (जीएसटी) से जुड़े, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को 30 मार्च के पत्र में धन की जरूरतों को पूरा करने के लिए रिफंड, भारतीय उद्योग परिसंघ, भारतीय निजी इक्विटी और उद्यम पूंजी संघ द्वारा हस्ताक्षरित एसोसिएशन के साथ-साथ प्रमुख उद्यमी और उद्यम पूंजी निवेशक। 75 हस्ताक्षरकर्ताओं में कृष गोपालकृष्णन, राजन आनंदन, टीवी मोहनदास पई, अरिहंत पाटनी और मुकेश बंसल शामिल हैं।
स्टार्टअप सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक और राज्य-नियंत्रित लघु उद्योग विकास बैंक ऑफ इंडिया (चाहते हैं)सिडबी), Fund 10,000 करोड़ के फंड फंड की कार्यान्वयन एजेंसी, जो उन्हें देय रिफंड की पूरी सीमा तक ऋण की पेशकश करती है।
3 टोन 4 कैपिटल के फाउंडिंग पार्टनर और 30 मार्च के ज्वाइंट लेटर में सिद्दार्थ पई ने कहा, “ये रिफंड निर्विवाद हैं … लेकिन विभिन्न कारणों से स्टार्टअप्स को ट्रांसफर करना बाकी है।”
पत्र में कहा गया है, “जबकि ये स्टार्टअप्स की बैलेंस शीट पर संपत्ति हैं, अब इसकी जरूरत क्या है।”
नोट में कहा गया है कि सरकारी संसाधनों पर जोर दिए बिना अल्पकालिक अवधि के लिए तरलता के साथ स्टार्टअप उपलब्ध कराएगा।
पत्र में कहा गया है, “कोविद संकट कुछ ही महीनों में हमारे स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र की प्रगति और भविष्य की क्षमता को नष्ट करने की धमकी देता है।” “हम भारत के स्टार्टअप पारिस्थितिक तंत्र को जीवित रखने में मदद करने के लिए आपके तत्काल हस्तक्षेप की तलाश करते हैं … अर्थव्यवस्था को वापस उछालने में मदद करने के लिए हमें जीवित रहने के लिए स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र की आवश्यकता है।”
फाइनेंशियल मिनिस्टर को 29,000 स्टार्टअप्स और स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (SME) का प्रतिनिधित्व करने वाले एक ऑनलाइन कम्युनिटी प्लेटफॉर्म LocalCircles का एक अन्य संवाद “स्टार्टअप्स चाहता है कि कुछ या सभी CSR (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी) फंड्स को स्टार्टअप्स में ग्रांट की अनुमति दी जाए”।
पत्र में कहा गया है कि कंपनियों को स्टार्टअप्स में निवेश करने और सीएसआर लाभों का लाभ उठाने की अनुमति दी जानी चाहिए। “लोकल सर्किल नोट” में कहा गया है, “स्टार्टअप और एसएमई समुदाय को उम्मीद है कि सरकार इन मांगों पर सबसे ज्यादा महत्व देगी।” “यह स्टार्टअप और एसएम��� के लिए जीवित रहने के लिए महत्वपूर्ण है … और यदि कुछ भी नहीं किया जाता है, तो कम से कम 50% जल्द ही बंद हो जाएंगे।” ईटी ने दोनों पत्रों को देखा है।
वेंचर कैपिटल फर्मों ने पोर्टफोलियो कंपनियों और व्यापक इकोसिस्टम को चेतावनी जारी की है ताकि नकदी और तंग खर्चों का संरक्षण किया जा सके। ई-कॉमर्स और खाद्य वितरण गेंडा स्टार्टअप लॉकडाउन के कारण संघर्ष कर रहे हैं। देश के कुछ शीर्ष स्टार्टअप्स ने कर्मचारियों की लागत में कटौती शुरू कर दी है।
संजय मेहता, संस्थापक, 100X ने कहा, “सरकार का ध्यान ठीक से स्वास्थ्य पर लगता है और अतीत में यह जल्द ही स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के बचाव में आ जाएगा।” “इसके अलावा, कॉरपोरेट वेंचर कैपिटलिस्ट एक एसेट क्लास के रूप में वर्तमान स्थिति के कारण दूर हो गए हैं, और छोटे व्यवसायों में ताजा पूंजी तक किसी भी तरह की पहुंच होगी, तभी विकास होगा।”
ईटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि मल्टीपल चल रहे सौदे की बातचीत को रोक दिया गया है या बल की कमी का हवाला देते हुए धमकी दी गई है कि संकट को खत्म करने के लिए पर्याप्त धन नहीं है।
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लखनऊ से दिल्ली के लिए दौड़ पड़ी देश की पहली प्राइवेट ट्रेन 'तेजस ऐक्सप्रेस', लेट होने पर मिलेगा 250 रुपए तक रिफंड
चैतन्य भारत न्यूज
लखनऊ. कॉर्पोरेट सेक्टर की देश की पहली ट्रेन तेजस एक्सप्रेस को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ जंक्शन से हरी झंडी दिखाकर रवाना कर दिया है। बता दें पहली प्राइवेट ट्रेन तेजस यात्रियों को लखनऊ से दिल्ली के बीच सफर करवाएगी। इस ट्रेन का संचालन पूर्ण रूप से आईआरसीटीसी (IRCTC) करेगी।
तेजस ट्रेन को हरी झंडी दिखाने के बाद सीएम योगी ने कहा कि, 'तेजस देश की पहला कॉरपोरेट ट्रेन है। मैं इस ट्रेन में यात्रा करने वाले पहले जत्थे के ���ात्रियों को बधाई देता हूं और आशा करता हूं कि यह पहल अन्य शहरों को भी जोडे़गी।'
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तेजस एक्सप्रेस की खासियत
इस ट्रेन की बोगियां सीसीटीवी कैमरों से लैस हैं।
इसमें स्मोक व फायर डिटेक्शन सिस्टम लगा है।
तेजस में सेंसर बेस्ड आटोमेटिक दरवाजे हैं।
यह ट्रेन हफ्ते में 6 दिन चलेगी और मंगलवार को बंद रहेगी।
तेजस एक्सप्रेस में यात्रा करने के लिए 60 दिन पहले रिजर्वेशन करा सकेंगे।
यह ट्रेन आपको 6 घंटे 15 मिनट में लखनऊ से दिल्ली पहुंचा देगी।
इस ट्रेन में 50 चेयरकार व 5 एग्जीक्यूटिव क्लास सीटें विदेशी पर्यटकों के लिए रिजर्व होंगी।
तेजस ट्रेन में मिलेंगी ये सुविधाएं
इस ट्रेन में सफर करने के लिए यात्री 5 मिनट पहले तक भी टिकट बुक करा सकते हैं।
ट्रेन में यात्रा करने वाले लोगों को 25 लाख रुपए का मुफ्त बीमा मिलेगा।
इसमें जीपीएस आधारित पैसेंजर इंफॉर्मेशन डिस्प्ले सिस्टम भी है।
यात्रियों की सुविधा के लिए इसमें टी-कॉफी वेंडिंग मशीन भी लगी है।
यात्रियों को तेजस एक्सप्रेस में फ्री वाईफाई मिलेगा।
यदि ट्रेन 1 घंटे से ज्यादा लेट होती है तो यात्रियों को 100 रुपए रिफंड होंगे। यदि 2 घंटे से ज्यादा लेट होती है तो यात्रियों को 250 रुपए रिफंड होंगे।
कैटरिंग : लखनऊ से दिल्ली
सुबह 6:30 बजे यात्रियों को चाय व कुकीज खाने को दिए जाएंगे।
सुबह 8 बजे यात्रियों को हेवी ब्रेकफास्ट मिलेगा।
सुबह 11 बजे यात्रियों को चाय-कॉफी, जूस व हल्का अल्पाहार मिलेगा।
रेलनीर की एक लीटर की बोतल दी जाएगी।
दिल्ली से लखनऊ
शाम 4 बजे के आसपास शाम की चाय नाश्ते के साथ मिलेगी।
शाम 7 बजे रात का खाना मिलेगा।
इतना है किराया
बात करें इस ट्रेन के किराए के बारे में तो सूत्रों के मुताबिक, लखनऊ से दिल्ली के लिए इसमें एसी चेयर कार का किराया 1,125 रुपए और एग्जीक्यूटिव चेयर कार का किराया 2,310 रुपए है। वापसी के सफर के लिए ये एसी चेयर कार के लिए 1,280 रुपए जबकि एग्जीक्यूटिव चेयर कार के लिए 2,450 रुपए किराया है।
इसी तरह लखनऊ से कानपुर का सफर एसी चेयर कार में महज 320 रुपए में पूरा किया जा सकेगा और एग्जीक्यूटिव चेयर कार में यात्रा करने के लिए यात्रियों को 630 रुपए किराया देना होगा। दिल्ली से कानपुर जाने के लिए एसी चेयर कार का किराया 1,155 रुपए और एग्जीक्यूटिव चेयर कार का किराया 2,155 रुपए है। वहीं लखनऊ से गाजियाबाद के लिए एसी चेयर कार का किराया 1,125 रुपए और एग्जीक्यूटिव चेयर कार का किराया 2,310 रुपए है।
इन स्टेशनों पर रुकेगी तेजस
लखनऊ से दिल्ली के सफर को तेजस एक्सप्रेस 6 घंटे 15 मिनट में तय करेगी। तेजस लखनऊ से सुबह 6:10 बजे चलकर 12:25 बजे यात्रियों को दिल्ली पहुंचा देगी। यह बीच में सिर्फ कानपुर और गाजियाबाद में ही रुकेगी।
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180 किमी/प्रतिघंटे रफ्तार व 360 डिग्री तक घूमने वाली कुर्सियां, जानें वंदेभारत एक्सप्रेस की खास खूबियां और किराया
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21 मई तक 26242 करोड़ रुपये के आयकर रिफंड हुए जारी - Bhilwara News Rajasthan India Hindi News
21 मई तक 26242 करोड़ रुपये के आयकर रिफंड हुए जारी – Bhilwara News Rajasthan India Hindi News
नई दिल्ली: केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने शुक्रवार को बताया कि उसने 16,84,298 लाख करदाताओं को एक अप्रैल से अब तक 26,242 करोड़ रुपये का ��यकर रिफंड जारी कर दिया है। सीबीडीटी ने एक बयान जारी कर कहा कि 21 मई तक 14,632 करोड़ रुपये का आयकर रिफंड 15,81,906 करदाताओं को और 11,610 करोड़ रुपये का कॉर्पोरेट टैक्स रिफंड 1,02,392 एस्सेसीस को मिला है।
सीबीडीटी ने बताया कि उसने 16 मई को पूरे हुए…
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नई दिल्ली। पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था सुस्ती के दौर से गुजर रही है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की नई प्रमुख क्रिस्टलीना जॉर्जिवा का कहना है कि इस बात की पूरी आशंका है कि ग्लोबल इकॉनमी ग्रोथ रेट दशक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच जाए। आईएमएफ की मैनेजिंग डायरेक्टर के तौर पर अपने पहले संबोधन में जॉर्जिवा ने यह बात कही। IMF चीफ के मुताबिक, इसका असर भारत से जैसे उभरते बाजारों पर साफ-साफ दिख रहा है।
वित्त वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही में भारत की विकास दर 5 फीसदी पर पहुंच गई थी। हाल ही में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने इस वित्त वर्ष के लिए विकास की दर का अनुमान 6.9 फीसदी से घटाकर 6.1 फीसदी कर दिया है। घटते ग्रोथ रेट पर लगाम लगाने के लिए सरकार और सेंट्रल बैंक (RBI) की तरफ से तमाम कोशिशें की जा रही हैं, लेकिन वैश्विक सुस्ती से भारत कैसे अछूता रह सकता है।
ट्रेड वार का दिख रहा नकारात्मक असर
क्रिस्टलीना जॉर्जिवा ने कहा कि दो साल पहले तक विश्व की अर्थव्यवस्था सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रही थी। GDP आंकड़ों के पैमाने पर वर्ल्ड इकॉनमी का 75 फीसदी हिस्सा तेजी से विकास कर रहा था, लेकिन व्यापार विवाद का इस पर नकारात्मक असर पड़ा है। उनका कहना है कि इस विवाद की वजह से वैश्विक व्यापार विकास दर थम सी गई है। उन्होंने ट्रेड वार में शामिल देशों से बातचीत के जरिए हल निकालने की अपील की है, क्योंकि इसका असर वैश्विक है और इससे कोई अछूता नहीं रह सकता है।
उभरते बाजारों पर साफ-साफ दिख रहा असर
आईएमएफ चीफ ने कहा, अमेरिका और जर्मनी जैसे देशों में बेरोजगारी दर सर्वकालिक निचले स्तर पर है, लेकिन जापान और यूरोप के अन्य देशों में आर्थिक गतिविधि कम हुई है। वहीं, भारत और ब्राजील जैसे उभरते बाजारों पर इसक असर साफ-साफ दिखने लगा है।
IMF ने भी विकास दर का अनुमान घटाया
IMF ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर का अनुमान घटा दिया है। अनुमानित विकास दर में 0.30 फीसदी की कटौती की गई है। आईएमएफ ने विकास दर का अनुमान अब 7 फीसदी कर दिया है। जानकारों के मुताबिक, ऐसा घरेलू मांगों में आई कमी की वजह से किया गया है।
सरकार ने उठाए ये कदम
मोदी सरकार ने अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए कई कदम उठाए हैं। विदेशी निवेशकों को राहत देते हुए सुपर रिच टैक्स रेट घटाया गया। उद्योग जगत को कॉर्पोरेट टैक्स में राहत दी गई है। MSME सेक्टर को राहत देते हुए GST रिफंड के नियम आसान किए गए और समय सीमा घटाई गई। स्टार्टअप में तेजी लाने के लिए प्रक्रिया आसान बनाई गई है साथ ही टैक्स में भी राहत दी गई है।
रिजर्व बैंक लगातार घटा रहा रीपो रेट
दूसरी तरफ, रिजर्व बैंक लगातार रीपो रेट में कटौती कर रहा है। इस साल अब तक लगातार पांच बार रेट में कटौती (1.35 फीसदी) की गई है। छह छोटे-छोटे बैंकों को 12 सरकारी बैंक बैंकों में मर्ज किया गया है। बैंकों में लिक्विडिटी की समस्या को दूर करने के लिए सरकार 70 हजार करोड़ रुपए डालेगी। इसकी मदद से ये बैंक 5 लाख करोड़ तक का लोन बांट पाने में सक्षम होंगे। लोन की दर को रीपो रेट से लिंक कर सस्ता लोन बांटा जा रहा है।
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व्यक्तिगत आयकर रिफंड के 1.38 करोड़ से अधिक मामलों में 53,070 करोड़ रुपए जारी किए गए
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