हज़रत मुहम्मद जी को संतान रूप में ख़दीजा जी से तीन पुत्र तथा चार बेटियाँ प्राप्त हुई। तीनों पुत्र कासिम, तय्यब, ताहिर हज़रत मुहम्मद जी की आँखों के सामने मृत्यु को प्राप्त हुए। केवल चार लड़कियां शेष रहीं।
हज़रत मुहम्मद जी को संतान रूप में ख़दीजा जी से तीन पुत्र तथा चार बेटियाँ प्राप्त हुई। तीनों पुत्र क़ासिम, तय्यब, ताहिर हज़रत मुहम्मद जी की आँखों के सामने मृत्यु को प्राप्त हुए। केवल चार लड़कियां शेष रहीं। (किताब "जीवनी हज़रत मुहम्मद" पृष्ठ 64 पर यह विवरण लिखा है)। वर्तमान में बाख़बर संत रामपाल जी महाराज जी ही सच्ची इबादत बताते हैं।
ब्रह्म (काल) की अव्यक्त रहने की प्रतिज्ञा' सूक्ष्मवेद से शेष सृष्टि रचना....
तीनों पुत्रों की उत्पत्ति के पश्चात् ब्रह्म ने अपनी पत्नी दुर्गा (प्रकृति) से कहा मैं प्रतिज्ञा करता हूं कि भविष्य में मैं किसी को अपने वास्तविक रूप में दर्शन नहीं दूंगा। जिस कारण से मैं अव्यक्त माना जाऊंगा।
कि गुरू के भक्त मेरी आत्मा हैं, शेष काल के जाल में फंसकर काल की आत्मा हैं। जो मेरे कृपापात्र सन्त को गुरू बनाए हैं, मै उसके हृदय में रहता हूँ अर्थात् मेरा आशीर्वाद सदा गुरू भक्त पर बना रहता है।
कि गुरू के भक्त मेरी आत्मा हैं, शेष काल के जाल में फंसकर काल की आत्मा हैं। जो मेरे कृपापात्र सन्त को गुरू बनाए हैं, मै उसके हृदय में रहता हूँ अर्थात् मेरा आशीर्वाद सदा गुरू भक्त पर बना रहता है।
कि गुरू के भक्त मेरी आत्मा हैं, शेष काल के जाल में फंसकर काल की आत्मा हैं। जो मेरे कृपापात्र सन्त को गुरू बनाए हैं, मै उसके हृदय में रहता हूँ अर्थात् मेरा आशीर्वाद सदा गुरू भक्त पर बना रहता है।
मुसलमान धर्म के नबी हज़रत मुहम्मद जी के जीवन में क़हर ही क़हर रहा।
हज़रत मुहम्मद जी को संतान रूप में उनकी आँखों के सामने उनके तीनों पुत्र चल बसे, आखिर में उनकी भी असहाय पीड़ा से मृत्यु हुई। केवल चार लड़कियां शेष रहीं। कुरआन सूरत फुर्कान 25 आयत 52 से 59 तक में लिखा है कि गुनाहों को क्षमा करने वाला सिर्फ एक कबीर नामक अल्लाह है उसकी पूजा विधि किसी तत्वदर्शी (बाख़बर) से पूछ देखो। वर्तमान में बाख़बर संत रामपाल जी महाराज जी ही हैं।
हज़रत मुहम्मद जी को संतान रूप में ख़दीजा जी से तीन पुत्र तथा चार बेटियाँ प्राप्त हुई। तीनों पुत्र कासिम, तय्यब, ताहिर हज़रत मुहम्मद जी की आँखों के सामने मृत्यु को प्राप्त हुए। केवल चार लड़कियां शेष रहीं। (पुस्तक "जीवनी हज़रत मुहम्मद" पृष्ठ 64 पर यह विवरण लिखा है)। वर्तमान में बाख़बर संत रामपाल जी महाराज जी ही सच्ची इबादत बताते हैं।
कि गुरू के भक्त मेरी आत्मा हैं, शेष काल के जाल में फंसकर काल की आत्मा हैं। जो मेरे कृपापात्र सन्त को गुरू बनाए हैं, मैं उसके हृदय में रहता हूँ अर्थात् मेरा आशीर्वाद सदा गुरू भक्त पर बना रहता है।
हज़रत मुहम्मद जी को संतान रूप में ख़दीजा जी से तीन पुत्र तथा चार बेटियाँ प्राप्त हुई। तीनों पुत्र कासिम, तय्यब, ताहिर हज़रत मुहम्मद जी की आँखों के सामने मृत्यु को प्राप्त हुए। केवल चार लड़कियां शेष रहीं।
हज़रत मुहम्मद जी को संतान रूप में ख़दीजा जी से तीन पुत्र तथा चार बेटियाँ प्राप्त हुई। तीनों पुत्र कासिम, तय्यब, ताहिर हज़रत मुहम्मद जी की आँखों के सामने मृत्यु को प्राप्त हुए। केवल चार लड़कियां शेष रहीं।
मुसलमान नहीं समझे ज्ञान कुरान। Musalman nhi Samjhe Gyan Quran Audiobook ...
⚡ बाख़बर के बिना इबादत करना व्यर्थ है।
हजरत मुहम्मद जी को संतान रूप में खदीजा जी से तीन पुत्र तथा चार बेटियाँ प्राप्त हुई।
तीनों पुत्र कासिम, तय्यब, ताहिर हजरत मुहम्मद जी की आँखों के सामने मृत्यु को प्राप्त हुए। केवल चार लड़कियां शेष रहीं। (पुस्तक ‘जीवनी हजरत मुहम्मद‘ पृष्ठ 64 पर यह विवरण लिखा है)। वर्तमान में बाख़बर संत रामपाल जी महाराज जी ही सच्ची इबादत बताते हैं।