निर्भया के दोषियों को खुद फांसी देना चाहती हैं यह महिला शूटर, अमित शाह को लिखी खून से चिट्ठी
चैतन्य भारत न्यूज
लखनऊ. निर्भया के दोषियों को जल्द से जल्द फांसी देने की मांग पूरे देश में हो रही है। इसी मांग को लेकर पिछले 13 दिन से दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल भी अनशन पर बैठी हैं। अब अंतरराष्ट्रीय शूटर वर्तिका सिंह ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को खून से पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने निर्भया के दोषियों को महिला द्वारा फांसी दिए जाने की मांग की है।
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एक महिला भी फांसी दे सकती है
वर्तिका ने पत्र में लिखा है कि, 'जैसी बर्बरता उन्होंने (निर्भया कांड के दोषी) एक महिला के साथ की थी, मेरी मांग है कि उसकी सजा देने का हक भी एक महिला को ही मिलना चाहिए। इससे समाज में बदलाव का संदेश भी जाएगा। निर्भया मामले के दोषियों को फांसी मेरे द्वारा दी जानी चाहिए। यह पूरे देश में एक संदेश देगा कि एक महिला भी फांसी दे सकती है।' उन्होंने आगे लिखा है कि, 'मैं चाहती हूं कि महिला कलाकार और सांसद मेरा समर्थन करें। मुझे उम्मीद है कि इससे समाज में बदलाव आएगा।'
Lucknow: International shooter Vartika Singh has written a letter in blood to Union Home Minister Amit Shah stating that the four men convicted in Nirbhaya gang-rape case should be executed by a woman. (14.12.19) pic.twitter.com/Urgev019xf
— ANI UP (@ANINewsUP) December 15, 2019
अक्सर ही विवादों में रहती हैं वर्तिका
बता दें वर्तिका सिंह अक्सर ही अपने विवादों को लेकर चर्चा में रहती हैं। इससे पहले अयोध्या में बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी ने उनके खिलाफ हमला करने का केस दर्ज कराया, जिसके बाद वर्तिका को पुलिस ने हिरासत में ले लिया गया था। हालांकि, पूछताछ के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया था।
कोर्ट के अंतिम फैसले का इंतजार
गौरतलब है कि ऐसी चर्चाएं हो रही है कि जल्द ही निर्भया के दोषियों को फांसी हो सकती है। इसके लिए तिहाड़ जेल प्रशासन ने उत्तर प्रदेश जेल मुख्यालय से जल्लाद की मांग की है। फांसी के डर से चारों दोषियों की भूख-प्यास खत्म हो गई है। जेल में उनकी हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। दिन में दो बार उनका हेल्थ चेकअप हो रहा है। अब बस सभी को कोर्ट के अंतिम फैसले का इंतजार है।
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पंजाब की 2 महिलाओं ने राष्ट्रपति कोविंद को खून से पत्र लिखकर मांगी मदद
चैतन्य भारत न्यूज
चंडीगढ़. पंजाब की दो महिलाओं ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को खून से पत्र लिखकर मदद मांगी है। महिलाओं ने पत्र के जरिए धोखाधड़ी के 'झूठे' फंसाए जाने के एक मामले में हस्तक्षेप की मांग की है। यह मामला शनिवार को प्रकाश में आया। दोनों महिलाओं ने न्याय न मिलने पर परिवार के लिए इच्छामृत्यु की मांग की। महिलाओं ने पत्र में लिखा कि, उन्हें ‘झूठे मामलों’ में फंसाया गया है। इसके बाद उन्होंने लिखा कि इस मामले में यदि उन्हें न्याय नहीं मिलता है तो उन्हें और उनके परिवार को इच्छामृत्यु की इजाजत दी जाए।
जानकारी के मुताबिक, पंजाब के मोगा की रहने वाली निशा और अमन जोत कौर ने यह पत्र राष्ट्रपति को भेजा। उन्होंने पत्र में लिखा कि, ‘हमारे खिलाफ कबूतरबाजी और धोखाधड़ी के झूठे आरोप लगा कर दो केस दर्ज किए गए हैं। शिकायतकर्ता हमें धमकी दे रहे हैं और ऐसे में हम डर-डर कर जी रहे हैं। हम काफी समय से पुलिस से कह रहे हैं कि वह इस मामले की जांच करें, लेकिन वे हमारी नहीं सुनते। हमें फंसाया गया है।’ पुलिस ने बताया कि, दोनों पर 'कबूतरबाजी' यानी किसी को अवैध तरीके से विदेश में बसाने का आरोप लगा है।
हालांकि, मोगा के डीएसपी कुलजिंदर सिंह ने दोनों महिलाओं के आरोपों को खारिज किया है। उन्होंने इस बारे में कहा कि, 'दोनों के खिलाफ मामले दर्ज हैं जिनकी जांच चल रही है।' वहीं, राष्ट्रपति को लिखे पत्र को लेकर डीएसपी ने कहा कि, ‘मुझे सुनने में आया है कि उन्होंने राष्ट्रपति को भी पत्र लिखा है। लेकिन मुझे इसे लेकर कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है। इस केस को हम जल्दी ही सुलझा लेंगे।'
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