Jharkhand cm in ramgadh : रांची में प्रमंडल स्तरीय सहकारिता महासम्मेलन के उद्घाटन एवं 236 चलंत पशु चिकित्सालय वाहन के शुभारंभ कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन, सीएम ने कहा - राज्य सरकार ने पिछले 4 वर्षों में विकास की लम्बी लकीर खींची
रांची : मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि उनकी सरकार तथा कृषि विभाग का उद्देश्य एवं लक्ष्य राज्य में किसान वर्ग को मजबूती प्रदान करना रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड गांवों का प्रदेश है। ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले अधिकतर लोगों का जुड़ाव खेती-बाड़ी के कार्यों से है. विगत 4 वर्षों में राज्य सरकार द्वारा किसान वर्ग के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं का संचालन और नीति निर्धारण की गई है जो आने वाले…
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Kisan Karj Mafi योजना नई सूची: किसानों की बल्ले बल्ले, सरकार ने जारी की नई कर्ज माफी सूची, अभी देखें
Kisan karj Mafi List 2024 : इन किसानों का होगा 1 लाख रूपये तक का कर्ज माफ, देखें लिस्ट में अपना नाम
किसानों को खेती-बाड़ी के लिए सरकार के द्वारा KCC योजना का लाभ दिया जाता है, जिसमें किसानों को बैंक के द्वारा आर्थिक मदद की जाती है। अब सरकार की तरफ से गरीब किसानों को आर्थिक मदद करने के लिए किसान कर्ज माफी योजना चलाई जा रही है। यह योजना एक कल्याणकारी योजना है, जिसका उद्देश्य किसानों को वित्तीय संकट…
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हेमंत सोरेन ने दिया इस्तीफा, गिरफ्तार... चंपई सोरेन होंगे झारखंड के नए सीएम
नई दिल्ली. जमीन घोटाले मामले में ईडी के निशाने पर आए झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आखिरकार इस्तीफा दे दिया है. यह भी जानकारी सामने आई है कि ईडी ने उन्हें अरेस्ट करने का भी फैसला किया है. उधर चंपई सोरेन अब झारखंड के नए सीएम होंगे. चंपई सोरेन विधायक दल के नेता चुन लिए गए हैं. चंपई सोरेन सियासत में आने से पहले खेती बाड़ी करते थे. लेकिन शिबू सोरेन के सहयोगी रहे हैं. कई मौकों पर सीएम हेमंत…
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पत्थर माफियाओं ने खुद की बना ली महल, गरीबों को खुले खदानों में मरने के लिए छोड़ा
समाचार चक्र डेस्क
पाकुड़। पत्थर माफियाओं ने खुद की महल बना ली और खुले खदानों में गरीबों को मरने के लिए छोड़ दिया। जिन खदानों को पत्थर उत्खनन के बाद भरकर जाना था, उसे यूं ही छोड़ दिया गया। पत्थर खदानों को भरकर खेती के लायक बनाना था। ताकि रैयत उस पर खेती-बाड़ी कर जीवन यापन कर सकें। लेकिन पत्थर माफियाओं को सिर्फ अपने महल बनाने से मकसद था, उन्हें रैयत या आसपास रह रहे ग्रामीणों से कोई वास्ता नहीं था।…
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॥बूचुल बाबू के बियाह॥
बूचुल बाबू के खातिन सुजोग्य लईकी मिलिये ना रहले हलथिन।जे उनका पसंद होवा हलथिन सेकरा बाबूजी काट देवा हलथिन, जेकरा बाबूजी पसंद करा हलथिन, ओकरा बूचुल बाबू काट देवा हल��िन।बाक़ी खुदरा खुदरी के मतारी, भाई जी आर बहिनीयन सब मिल के घोरमट्ठा कर देवा हलथिन। मने कुल जमा आल अराउंड कनफूजने रहलस।
सब बियाहल दोस्त मोहिम के घराड़ी, बाल बुतरु देखि के बूचुल जी के मनवा अकबका जा हलई।बूचुल बाबू के लग रहले हलई कि मानो टीसन से उन कर ट्रेनवा अब उनका छाड़ी छूटे जईतई!
एगो उन कर गाँव के फ़ेमस अगुवा रहलन, नाम रहलस फाटक बाबा।फाटक बाबा ढेरों धराऊँ लईका लईकिन के निपटारा करवईले रहलन।थक हार के बूचुल बाबूओ उनकर सरन में गईलन।फाटक बाबा सब व्यथा कथा सुनलन।
फिर फाटक बाबा बोललन “ जजमान! लग रहले हई कि राऊर कुंडली में विवाह स्थान के बीच के बगल के कोना में राहु शनि बैठल बाड़न आर मंगल देव तनि टेढ़ियाके अष्टम दृष्टि लगऊले बाड़न!!”
बूचुल बाबू हाथ जोड़ी कर बोललथिन “अब उपाय तो रऊये के निकाले के पड़ी।फाटक बाबा बोललन “ कि जो है सो कि, उ तो ठीक बा, मुला तीनों ग्रह के शांति करावे में इक्कीस हज़ार के खर्चा पड़ी। सुयोग्य ब्राह्मण के हाथ पूजा पाठ, अनुष्ठान करावे पड़ी।इक्कीस दिन के अनुष्ठान के बाद शादी के ग्रांटी बा।अब रऊआ आदेश दीं, त हम काम चालू करवाईं।बूचुल बाबू त अकबकईले रहलन, से तुरंते अंटी ढीला कर देलन।
अब इक्कीस दिनन के बाद फाटक बाबा हाथ में परसाद ले ले चहुंप गेलथिन। “जजमान के जै हो!परसाद ग्रहण करीं आर एगो सुभ समाचार सुनीं !” बूचुल बाबू गोड़ लागलन आर पूछलन की का समाचार बा। “राऊर खातिन एगो रिसता आईल बा।एतमादी गाँव के ठाकुर कोहंड़देव बाबू अपन इकलौती पुत्री पेचकी कुमारी के जन्मपत्री राऊर खातिन पठईले बाड़न।” परफुल्लित बूचुल बाबू फाटक बाबा के फट देनी अपन बाबू जी के पास रेफर कर देलन।
फाटक बाबा बाबूजी के समझैलथिन “दान दहेज त अपन जगह, कोहंड़देव बाबू के पूरा जैजाद के मालिक बूचुल बाबूये रहीयन।वैसे कोहंड़देव बाबू त काला आखर भैंस बराबर बाड़न, पर कन्या के मामा पच्छ भी राऊर ससुरारी पच्छ नियन लिखल पढ़ल, ज्ञानी बाड़न। राऊर सार त बाड़न उ कालेज के पुरफेसर, आर उ जे बाड़न कोहंड़देव बाबू के सार, तौन डाकघर में मुंसी !! कन्या के राजयोगो बा। बूचुल बाबू संगे छत्तीस गुण मेल के संजोग बा।रहीस ख़ानदान के लईकी बाड़न।बाईस बीघा में तो पुदीने के खेती बा।कन्या गृह कार्य में निपुण बाड़ी।हमरा तो उनकर हवेली में जीमे के सौभाग्य मिलल हई।कन्या के हाथ के बनल आम के चटनी चाट के तो मनवा तिरपित हो जा ला।”
अब एतन अलंकार सुनी के बाबूजी भी द्रवित हो गेलन।भयंकर गरमियों में भी एतमादी के दौरा बूचुल बाबू संगे लगा देलथिन। क़िस्मत के बात, बाबूजी के लूक मार देलस। अब कन्या के बनावल अमझोरा पी पी कर बाबूजी स्वास्थलाभ करलन।आर ओन्ने बूचुल बाबू भी आम के चटनी के रसास्वादन कर लेलथिन !!बस का रहलन, बाबूजी के असीरवाद, आर फाटक बाबा के जोगाड़ी अनुसठान से बूचुल बाबू और पेचकी कुमारी के दिन बहुरलस।
अब जैसे उनकर दिन बहुरलस, भगवान के कृपा से सबन के दिन बहुरें॥
॥नारायण हरि॥
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Kadaknath: खेती-बाड़ी के साथ करें कड़कनाथ मुर्गीपालन और पाएँ बढ़िया आमदनी
कड़कनाथ को विशेष भौगोलिक पहचान यानी Geographical Indication (GI) टैग भी हासिल है। इसकी वजह से कड़कनाथ की विदेशों में भी माँग है।
मुर्गीपालन की अन्य नस्लों के मुक़ाबले कड़कनाथ को पालना आसान और कम खर्चीला है, क्योंकि इन्हें बीमारियाँ कम होती हैं। इसका रखरखाव बॉयलर और देसी मुर्गी के मुक़ाबले आसान होता है। कड़कनाथ का माँस काफ़ी स्वादिष्ट होता है। इसमें आयरन और प्रोटीन की प्रचुरता तथा कोलेस्ट्रॉल यानी फैट बेहद कम होता है। कड़कनाथ का माँस, अंडा और चूजा, सभी की ख़ूब माँग है इसीलिए बढ़िया दाम मिलते हैं।
मुर्गीपालन जहाँ बड़े-बड़े पॉल्ट्री फ़ार्म के रूप में होता है, वहीं छोटे और मझोले पैमाने पर किसान भी इसे अपनाते हैं, क्योंकि इससे उनका ‘कैश फ्लो’ यानी नकदी आमदनी बनी रहती है। इसीलिए, मुर्गीपालन को अतिरिक्त कमाई के लिए भी अपनाया जाता है। बॉयलर और देसी मुर्गी के अलावा कड़कनाथ नस्ल का भी मुर्गीपालन में अच्छा दबदबा है।
वैसे तो हरेक नस्ल की अपनी ख़ूबियाँ और ख़ामियाँ होती हैं, लेकिन कड़कनाथ की ख़ूबियों ने हाल के वर्षों में मुर्गीपालकों को ख़ासा आकर्षित किया है। इसे देखते हुए कई राज्य सरकारों और बैंकों की ओर से कड़कनाथ को प्रोत्साहित करने की योजनाएँ चलायी जा रही हैं।
क्या है GI Tag की अहमियत?
मध्य प्रदेश के आदिवासी बहुल झाबुआ और धार ज़िलों के अलावा समीपवर्ती छत्तीसगढ़ के इलाकों में कड़कनाथ नस्ल का पारम्परिक दबदबा रहा है। अब तो यहाँ के कड़कनाथ को विशेष भौगोलिक पहचान यानी Geographical Indication (GI) टैग भी हासिल है। इसकी वजह से कड़कनाथ की विदेशों में भी माँग है। GI Tag के ज़रिये किसी खाद्य पदार्थ, प्राकृतिक और कृषि उत्पादों ��था हस्तशिल्प के उत्पादन क्षेत्र की गारंटी दी जाती है। भौगोलिक संकेत (पंजीकरण और संरक्षण) अधिनियम, 1999 के तहत GI Tag वाली पुख़्ता पहचान देने की शुरुआत 2013 में हुई। ये किसी ख़ास क्षेत्र की बौद्धिक सम्पदा का भी प्रतीक है। एक देश के GI Tag पर दूसरा देश दावा नहीं कर सकता। भारत के पास आज दुनिया में सबसे ज़्यादा GI Tag हैं। इसकी वजह से करीब 365 भारतीय उत्पादों की दुनिया में ख़ास पहचान है।
कम खर्चीला और आसान है कड़कनाथ को पालना
कड़कनाथ को स्थानीय बोली में ‘कालामासी’ भी कहते हैं, क्योंकि ‘मिलेनिन पिग्मेंट’ की अधिकता वाली इस नस्ल के मुर्गे-मुर्गी का माँस, चोंच, पंख, कलंगी, टाँगे, ज़ुबान, नाख़ून, चमड़ी, हड्डी आदि सभी का रंग काला होता है। इसकी तीन प्रमुख नस्लें हैं – जेट ब्लैक, पेंसिल्ड और गोल्डन। इनमें से जेट ब्लैक यानी बिल्कुल काले नस्ल की माँग सबसे अधिक है। गोल्डन नस्ल वाले कड़कनाथ कम मिलते हैं। अन्य नस्लों के मुक़ाबले कड़कनाथ को पालना आसान और कम खर्चीला है, क्योंकि इन्हें बीमारियाँ कम होती हैं। इसका रखरखाव बॉयलर और देसी मुर्गी के मुक़ाबले आसान होता है। इन्हें बाग़ में शेड बनाकर पाला जाए तो खान-पान का ख़र्च भी किफ़ायती रहता है।
कड़कनाथ देता है ज़्यादा कमाई
देसी मुर्गी की तुलना में कड़कनाथ नस्ल के मुर्गीपालन से होने वाली कमाई काफ़ी ज़्यादा होती है। जहाँ देसी मुर्गा 700 रुपये प्रति किलोग्राम तक बिकता है, वहीं कड़कनाथ का दाम 900 से 1200 रुपये प्रति किलो होता है। कड़कनाथ के परिपक्व नर का वजन 1.8 से 2.3 किलोग्राम और मादा का वजन 1.25 से 1.5 किलोग्राम के आसपास होता है। कड़कनाथ मुर्गी साल में 110 से 120 अंडे देती है। इसका अंडे का वजन 30 से 35 ग्राम और रंग हल्का भूरा या गुलाबी होता है। कड़कनाथ मुर्गी का एक अंडा 25 से 50 रुपये तक बिकता है।
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राष्ट्रीय सैथवार-मल्ल स्वाभिमान मोर्चा की टीम राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज सिंह ने संगठन से जुड़े अभिभावकों, मित्रो द्वारा समर्पित सहयोग राशि को अनाथ बच्चो को सौपा
राष्ट्रीय सैथवार-मल्ल स्वाभिमान मोर्चा की टीम राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज सिंह ने संगठन से जुड़े अभिभावकों, मित्रो द्वारा समर्पित सहयोग राशि को अनाथ बच्चो को सौपा
आज राष्ट्रीय सैथवार-मल्ल स्वाभिमान मोर्चा की टीम राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज सिंह के मार्गदर्शन में तथा पूर्व उपाध्यक्ष गोरखपुर विश्वविद्यालय विश्वजीत सिंह के संरक्षक में अनिल कुमार सिंह विशाल सिंह श्याम अमित सिंह, समर सिंह, योगेंद्र सिंह, इत्यादि लोगो ने आज स्व0 घुरहू के घर ग्राम
बेलडाढ़, खजनी पहुँचकर संगठन से जुड़े अभिभावकों, मित्रो द्वारा समर्पित सहयोग राशि को अनाथ बच्चो को सौप दिया गया। संगठन इतने 111300 रुपए का सहयोग किया उसके खेती-बाड़ी कथा ज्ञानी जेवर गिरवी रखे हुए थे जिसको संगठन ने मौके पर जाकर उसको छुड़वाया
मात्र 3 दिनों में समाज के लोगो ने जिस प्रकार पवित्र मन से बच्चो के भविष्य को देखते हुये अपना प्रेम बरसाया है, ये भविष्य में बिरादरी को और उच्चतम शिखर पर पहुँचाने में सहायक बनेगा।
तीनो अनाथ बच्चे आज संगठन के प्रेम वर्षा, अपनत्व को देखकर भाव-विभोर हो गये।
उपस्थित समस्त ग्रामवासी, सगे-सम्बन्धी संगठन की भूरि-भूरि प्रशंसा कर रहे थे।
बच्चे आज अध्यक्ष जी के सानिध्य में अपनापन प्रकट कर रहे थे।
संगठन के अध्यक्ष मनोज कुमार सिंह ने बच्चों के पढ़ाई के खर्च को संगठन के माध्यम से वहन करने का भी वचन दिया।
आप सभी भाईयो-बहनों, श्रेष्ठजनों को अपनो को प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग करने के लिये बहुत-बहुत आभार।
ईश्वर आप सभी लोगो को स्वस्थ, सुखी व आर्थिक रूप ��े सुदृढ़ बनाये रखे, जिससे आप सभी अपनो के सुख-दुःख में सहायक बनते रहे।
Sudher Singh Seh Teakar: नमस्कार
भाईयो-बहनों, श्रेष्ठजनों
आज राष्ट्रीय सैथवार-मल्ल स्वाभिमान मोर्चा की टीम राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज सिंह के मार्गदर्शन में तथा अनिल कुमार सिंह (विवाह मोर्चा संयोजक एवं कोषाध्यक्ष) एवं पूर्व उपाध्यक्ष गोरखपुर विश्वविद्यालय विश्वजीत सिंह विशाल सिंह श्याम अमित सिंह, समर सिंह, योगेंद्र सिंह, इत्यादि लोगो ने आज स्व0 घुरहू के घर ग्राम बेलडाढ़, खजनी पहुँचकर संगठन से जुड़े अभिभावकों, मित्रो द्वारा समर्पित सहयोग राशि एक लाख दस हजार तीन सौ रुपये (110300) को अनाथ बच्चो को सौप दिया गया तथा बंधक रखे गये खेत और जेवर को मौके पर जाकर छुड़वाया।
मात्र 3 दिनों में समाज के लोगो ने जिस प्रकार पवित्र मन से बच्चो के भविष्य को देखते हुये अपना प्रेम बरसाया है, ये भविष्य में बिरादरी को और उच्चतम शिखर पर पहुँचाने में सहायक बनेगा।
तीनो अनाथ बच्चे आज संगठन के प्रेम वर्षा, अपनत्व को देखकर भाव-विभोर हो गये।
उपस्थित समस्त ग्रामवासी, सगे-सम्बन्धी संगठन की भूरि-भूरि प्रशंसा कर रहे थे।
बच्चे आज अध्यक्ष के सानिध्य में अपनापन प्रकट कर रहे थे।
संगठन के अध्यक्ष मनोज कुमार सिंह ने बच्चों के पढ़ाई के खर्च को संगठन के माध्यम से वहन करने का भी वचन दिया।
आप सभी भाईयो-बहनों, श्रेष्ठजनों को अपनो को प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग करने के लिये बहुत-बहुत आभार।
ईश्वर आप सभी लोगो को स्वस्थ, सुखी व आर्थिक रूप से सुदृढ़ बनाये रखे, जिससे आप सभी अपनो के सुख-दुःख में सहायक बनते रहे।
राष्ट्रीय सैथवार-मल्ल स्वाभिमान मोर्चा की टीम राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज सिंह ने संगठन से जुड़े अभिभावकों, मित्रो द्वारा समर्पित सहयोग राशि को अनाथ बच्चो को सौपा
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बांस और सागौन के पेड़ों पर भूपेश सरकार देगी 100 फीसदी सब्सिडी
बांस और सागौन के पेड़ों पर भूपेश सरकार देगी 100 फीसदी सब्सिडी
#BhupeshGovernment
#Subsidy
#Chhattisgarh
आजादी के 75 साल बाद भी आज भी देश की आधी से ज्यादा आबादी खेती-बाड़ी पर निर्भर है. देश के अधिकांश किसानों की आर्थिक स्थिति बेहतर नहीं है. ऐसे में किसानों की आय बढ़ाने के लिए समय-समय पर सरकार की तरफ से प्रभाव कारी उपाय किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में किसानों को पेड़ों को लगाने के लिए ज्यादा प्रोत्साहित किया जा रहा है.
पेड़ों की खेती पर मिलेगा 100% सब्सिडी
पेड़ों की खेती करने की इच्छुक किसानों के लिए…
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west singhbhum- बंदगांव में विधायक सुखराम उरांव ने किसानों के साथ की बैठक, कहा- विधायक निधि से होगा सिंचाई नाली का निर्माण
रामगोपाल जेना, बन्दगांव/चक्रधरपुर: बन्दगांव प्रखण्ड के लाण्डुपोदा पंचायत अन्तर्गत ग्राम राजविजयपुर (बाईसाई) में सिंचाई सुविधा को लेकर ग्रामीण कृषकों और विधायक सुखराम उरांव के बीच ग्रामीण मुण्डा रामधन सरदार की अध्यक्षता में एक बैठक का आयोजन किया गया. इस बैठक का मुख्य उद्देश्य खेती बाड़ी को लेकर सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराना.किसानों द्वारा विजय नहर से पाईप लाईन द्वारा खेतों तक पानी नहीं पहुंच पाने के…
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Tree Farming : कम लागत में जोरदार मुनाफा देगी इस पेड़ की खेती, दुनिया भर में है जबरदस्त डिमांड
Tree Farming : कम लागत में जोरदार मुनाफा देगी इस पेड़ की खेती, दुनिया भर में है जबरदस्त डिमांड
Poplar Tree Farming : भारत जो की एक कृषि प्रधान देश है। यहां की ज्यादातर आबादी खेती-बाड़ी पर निर्भर है। लंबे समय से यहाँ पर परम्परागत तरीके से खेती जा रही है लेकिन बीते कुछ सालों में खेती किसानी के क्षेत्र में पढ़े लिखे लोगों ने भी रूख करना शुरू कर दिया हैं। आज बहुत से किसान आधुनिक तरीक़े से खेती के जरिए लाखों- करोड़ों रुपये कमा रहे हैं।
देश में कई ऐसी फसलें हैं। जिससे किसानों की आमदनी लाखों…
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Haryana Krishi Yantra Anudan Yojana | हरियाणा कृषि यंत्र अनुदान योजना 2023
Haryana Krishi Yantra Anudan Yojana, हरियाणा कृषि यंत्र अनुदान योजना 2023, हरियाणा कृषि यंत्र, सब्सिडी कृषि यंत्रों पर सब्सिडी , हरयाणा एग्रीकल्चर सब्सिडी, ऑनलाइन फॉर्म हरियाणा कृषि विभाग, रोटावेटर सब्सिडी ऑनलाइन फॉर्म, रोटावेटर सब्सिडी ऑनलाइन फॉर्म हरयाणा,
हरियाणा कृषि यंत्र सब्सिडी योजना ( Haryana Krishi Yantra Subsidy Yojana) हरियाणा कृषि यंत्र सब्सिडी योजना की शुरुआत हरियाणा सरकार के द्वारा किया गया है योजना के अंतर्गत राज्य में रहने वाले किसानों को कृषि यंत्र खरीदने के लिए सरकार की तरफ से सब्सिडी दी जाएगी ताकि किसान कृषि संबंधित उपकरण को खरीदकर अपनी खेती बाड़ी अच्छी तरह से करता है
इसका विशेष लाभ हरियाणा में रहने वाले लघु, सीमांत, महिला, अनुसूचित जाति इत्यादि वर्ग के किसानों को मिलेगा अब आप लोगों के मन में सवाल आएगा कि हरियाणा कृषि यंत्र अनुदान ( Haryana Krishi Yantra Anudan Yojana) क्या हैं?
हरियाणा कृषि यंत्र सब्सिडी योजना के लाभ कृषि यंत्र अनुदान पात्रता कृषि यंत्र अनुदान हेतु दस्तावेज कृषि यंत्र सब्सिडी के लिए कैसे आवेदन करें? अगर आप इसके बारे में कुछ भी नहीं जानते हैं तो हम आपसे निवेदन करेंगे कि हमारे साथ आर्टिकल पर आकर तक बने रहे हैं चलिए शुरू करते हैं-
Haryana Krishi Yantra Anudan Yojana 2023
आर्टिकल का प्रकारसरकारी योजनाआर्टिकल का नामहरियाणा कृषि यंत्र अनुदान योजनासाल2023लाभ किसको मिलेगाहरियाणा के किसान भाइयों कोप्रक्रियाऑनलाइनवेबसाइटclick here Haryana Krishi Yantra Anudan Yojana
हरियाणा कृषि यंत्र अनुदान क्या हैं? Haryana Krishi Yantra Anudan Yojana Kya Hai
हरियाणा कृषि यंत्र अनुदान योजना हरियाणा सरकार के द्वारा शुरू किया गया एक महत्वकांक्षी और लोकप्रिय योजना है योजना के अंतर्गत हरियाणा में निवास करने वाले लघु सीमांत अनुसूचित जाति जनजाति के किसानों को सरकार कृषि यंत्र खरीदने के लिए 40% से लेकर 50% तक का सब्सिडी देगी ताकि किसान भाई कृषि यंत्र खरीद कर अपनी खेती बाड़ी अच्छी तरह से कर पाए I
हरियाणा कृषि यंत्र सब्सिडी योजना के लाभ Haryana Krishi Yantra Anudan Yojana Benefits
- Haryana Krishi Yantra Anudan Yojana के माध्यम से किसानों कृषि उपकरण खरीदने पर 40% से लेकर 50% का सब्सिडी मिलेगा
किसानों की आय में वृद्धि होगी।
- हरियाणा कृषि यंत्र अनुदान योजना के माध्यम से किसान भाइयों को आर्थिक रूप से मजबूत और सशक्त करना है
- किसान भाइयों की इनकम को दुगना करने के लक्ष्य से ही हरियाणा सरकार ने इस योजना का शुभारंभ किया है
- हरियाणा कृषि यंत्र अनुदान योजना लाभ लेने के लिए आपको ऑफिशल वेबसाइट में जाकर आवेदन करना होगा
- अधिक मात्रा में अगर आवेदन आते हैं तो सरकार योग उम्मीदवारों का चयन लकी ड्रॉ के माध्यम से करेगा
- आवेदन करते समय आपको सही जानकारी देनी है नहीं तो आपका आवेदन पत्र रिजेक्ट कर दिया जाएगा
कृषि यंत्र अनुदान पात्रता Krishi Yantra Anudan Yojana Eligibility
- हरियाणा का स्थाई निवासी होना अनिवार्य है।
- इस योजना का लाभ उठाने के लिए खेती की जमीन किसान या फिर उसकी पति, पत्नी, माता, पिता, बेटा या बेटी के नाम होना आवश्यक है तभी उनको योजना का लाभ मिल पाएगा
Haryana Krishi Yantra Anudan Yojana
कृषि यंत्र अनुदान हेतु दस्तावेज Requires Document Haryana Krishi Yantra Anudan Yojana
- आधार कार्ड
- Valid आरसी
- पटवारी रिपोर्ट
- बैंक खाता
- वोटर कार्ड
- पैन कार्ड
कृषि यंत्र सब्सिडी के लिए कैसे आवेदन करें?Krishi Yantra Subsidy Apply Process
हरियाणा कृषि यंत्र सब्सिडी योजना में अगर आप आवेदन करना चाहते हैं तो हम आपको बता दें कि आज की तारीख में सरकार की तरफ से आवेदन करने की प्रक्रिया को बंद कर दिया गया है जैसे ही आवेदन करने की प्रक्रिया को शुरू की जाएगी हम आपको तुरंत उसके आवेदन करने के पूरे प्रक्रिया के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी देंगे तब तक आप हमारे साथ आर्टिकल पर बनी रहे और नियमित रूप से सरकारी योजना से संबंधित जानकारी पाने के लिए हमारे वेबसाइट पर विजिट करें
हरियाणा कृषि यंत्र अनुदान योजना हेल्पलाइन नंबर Haryana Krishi Yantra Anudan Helpline Number
योजना के विषय में अगर आपको कोई भी दिक्कत या परेशानी आ रही है तो आप इसके हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क कर सकते हैं जिसका पूरा विवरण हम आपको नीचे दे रहे हैं आइए जानते हैं-
Telephone number of Kisan call centre 18001801551
Farmers SMS mobile number 09915862026
Phone number 0172-2571553, 0172-2571544
FAX 0172-2563242
Email
[email protected] ,
हरियाणा चिराग योजना 2023 कैसे करे आवेदन
Haryana Vridha Pension Yojana 2023
FQA
Q हरियाणा कृषि यंत्र अनुदान योजना के अंतर्गत किसानों को क्या लाभ प्राप्त होंगे ?
Ans किसानों को हरियाणा कृषि यंत्र अनुदान योजना के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के लाभ प्राप्त होंगे किसानों को सब्सिडी के रूप में आर्थिक मदद दी जाएगी ताकि किसान कृषि संबंधित यंत्रों को खरीद कर अपने किसी के कामों को अच्छी तरह से कर पाए
Q.क्या इस कृषि यंत्र अनुदान योजना में राज्य के सभी किसानों को शामिल किया गया है ?
Ans.हाँ हरियाणा राज्य में मौजूद लघु एवं सीमांत किसानों और अन्य किसानों को योजना के तहत आवेदन करने के लिए शामिल किया गया है I
Q.Haryana Krishi Yantra Anudan Yojana में किसानों को कितना प्रतिशत अनुदान दिया जायेगा ?
Ans.एससी ,एसटी लघु सीमान्त एवं महिला किसानों को कृषि उपकरण के लिए 50% अनुदान एवं अन्य बड़े किसानों को 40% तक का अनुदान योजना के अंतर्गत प्राप्त कर सकते है।
Q.Haryana Krishi Yantra Anudan Yojana में आवेदन करने के लिए किसान के पास कौन से आवश्यक दस्तावेज होने चाहिए ?
Ans .आवेदक के पास Haryana Krishi Yantra Anudan Yojana में आवेदन करने के लिए निम्नलिखित प्रकार के डॉक्यूमेंट होने चाहिए जिसका विवरण हम आपको नीचे दे रहे हैं-
- भूमि रिपोर्ट
- ,आरसी
- आधार कार्ड
- पैन कार्ड
- बैंक खाता विवरण
- शपत पत्र आदि दस्तावेज
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Uttarakhand Budget:रोजगार और आजीविका बढ़ाने पर होगा मुख्य फोकस, कल से शुरू होगी बजट तैयारी की समीक्षा - Budget 2023 On Increasing Employment And Livelihood In Budget Of Uttarakhand
सीएम पुष्कर सिंह धामी
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
प्रदेश सरकार का वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में रोजगार और आजीविका बढ़ाने पर मुख्य फोकस होगा। बजट में इस बार पशुपालन, मत्स्य, कृषि, उद्यानिकी और सामाजिक विकास से संबंधित योजनाओं के लिए सरकार पिछले वर्षों की तुलना में अधिक बजट की व्यवस्था करे।
माना जा रहा है कि सरकार गांवों की अर्थव्यवस्था का आधार माने जाने वाली खेती-बाड़ी, पशुपालन से जुड़े किसानों…
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प्रधानमंत्री किसान ट्रेक्टर योजना
प्रधानमंत्री ट्रैक्टर योजना (PM Kisaan Tractor Yojana) के अंतर्गत देश के किसानो को ट्रैक्टर खरीदने के लिए और साथ ही लोन पर सब्सिडी प्रदान की जा रही है। ताकि किसान भाई बड़ी आसनी से खेती में ट्रैक्टर का उपयोग करके खेती बाड़ी और खेती से जुड़े अन्य कार्यो कर सके और किसानो की जिंदगी में सुधार हो।
किसानो के लिए खेती बाड़ी में ट्रैक्टर एक ऐसी मशीनरी है जो फसल की उत्पादकता, उत्पाद की गुणवत्ता में वृद्धि और संचालन के खतरे को कम करता है। तो आइये आपको ब्ताताते है की PM Kisaan Tractor Yojana और इसमें online/offline कैसे आवेदन कर सकते है और कैसे आप भी 20 से 50 प्रतिशत की सब्सिडी सरकार से प्राप्त कर सकते है।
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👉 खेती बाड़ी से जुड़े ट्रैक्टर, ट्रॉली के पार्ट्स और पुराने ट्रैक्टर, ट्रॉली, मिलेंगे आप को - मिट्ठू कबाड़िया मानसा (पंजाब)
👉 नमस्कार मेरा फार्म हाउस देख रहे सभी दर्शकों का स्वागत है आज हम इस वीडियो में आपको इस वीडियो में हम आपको लेकर 𝗠𝗮𝗻𝘀𝗮 के 𝗠𝗶𝘁𝗵𝘂 𝗞𝗮𝗯𝗮𝗱𝗶𝘆𝗮 के कबाड़ख़ाने पर. इस वीडियो में हम आप को दिखाएंगे की किस तरह दिखाएंगे 𝗠𝗶𝘁𝗵𝘂 𝗞𝗮𝗯𝗮𝗱𝗶𝘆𝗮 का ये कबाड़ स्टोर आप की खेती बाड़ी से जुडी जरूरतों के लिए फायदे मंद हो सकता है ! यदि आप खेती बाड़ी से जुडी मशीनो जैसे ट्रैक्टर, ट्रॉली, कंबाइन और किसी तरह का पुराना सामान जो की आप को अपने ट्रैक्टर, ट्रॉली, कंबाइन में लगाना है ! यहाँ से मिल सकता है . यहाँ आप को सेकंड ट्रेक्टर और खेती की छोटे औज़ार भी मिल सकते है !
👉 आप के लिए यहाँ खेती से जुडी कौन - कौन पार्ट्स मिल सकते है जानने के लिए वीडियो को आखिरी तक जरूर देखें . खेती-बाड़ी से जुड़े पार्ट्स या पुराने ट्रेक्टर, ट्रॉली, खरीदने के लिए आप इनको कॉल कर सकते है या मानसा पंजाब में इनके कबाड़ स्टोर पर आ के ले सकते है !
👉 खेतीबाड़ी से जुड़ी और जानकारी और इस तरह की मशीनों की बारे में जानकारी के लिए आप हमारा पेज हमारा फेसबुक पर स्टेटमेंट पेज फॉलो करें .
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🚜 𝐌𝐞𝐫𝐚 𝐅𝐚𝐫𝐦𝐡𝐨𝐮𝐬𝐞
🚶 ♀️ 𝟑𝟕𝟗, 𝐈𝐧𝐝𝐮𝐬𝐭𝐫𝐢𝐚𝐥 𝐀𝐫𝐞𝐚 𝐏𝐡𝐚𝐬𝐞 𝐈𝐈, 𝐂𝐡𝐚𝐧𝐝𝐢𝐠𝐚𝐫𝐡, 𝟏𝟔𝟎𝟎𝟎𝟐
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