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#गर्मियों के रंग
jyotishwithakshayg · 3 months
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*🌞~ आज दिनांक - 19 मार्च 2024 का वैदिक हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिन - मंगलवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2080*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - वसंत*
*⛅मास - फाल्गुन*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - दशमी मध्य रात्रि 12:21 तक तत्पश्चात एकादशी*
*⛅नक्षत्र - पुनर्वसु रात्रि 08:10 तक तत्पश्चात पुष्य*
*⛅योग - शोभन शाम 04:37 तक तत्पश्चात अतिगण्ड*
*⛅राहु काल - शाम 03:49 से 05:20 तक*
*⛅सूर्योदय - 06:44*
*⛅सूर्यास्त - 06:50*
*⛅दिशा शूल - उत्तर*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:09 से 05:57 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:23 से 01:11 तक*
*⛅अभिजित मुहूर्त - दोपहर 12:23 से 01:12 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - फाल्गुन दशमी (ओड़िशा)*
*⛅विशेष - दशमी को कलंबी शाक त्याज्य है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🌹आमलकी एकादशी - 20 मार्च 2024🌹*
*🌹फाल्गुन मास के शुक्लपक्ष में यदि पुष्य नक्षत्र से युक्त एकादशी हो तो वह महान पुण्य देनेवाली और बड़े बड़े पातकों का नाश करनेवाली होती है । इस दिन आँवले के वृक्ष के पास जाकर वहाँ रात्रि में जागरण करना चाहिए । इससे मनुष्य सब पापों से छुट जाता है और सहस्र गोदान का फल प्राप्त करता है ।*
*🔸एकादशी व्रत के लाभ🔸*
*👉 एकादशी व्रत के पुण्य के समान और कोई पुण्य नहीं है ।*
*👉 जो पुण्य सूर्यग्रहण में दान से होता है, उससे कई गुना अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।*
*👉 जो पुण्य गौ-दान, सुवर्ण-दान, अश्वमेघ यज्ञ से होता है, उससे अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।*
*👉 एकादशी करनेवालों के पितर नीच योनि से मुक्त होते हैं और अपने परिवारवालों पर प्रसन्नता बरसाते हैं । इसलिए यह व्रत करने वालों के घर में सुख-शांति बनी रहती है ।*
*👉 धन-धान्य, पुत्रादि की वृद्धि होती है ।*
*👉 कीर्ति बढ़ती है, श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है, जिससे जीवन रसमय बनता है ।*
*🔸होली की ४ महत्त्वपूर्ण बातें🔸*
*🔹१] पलाश के फूलों के रंग से होली खेलनी चाहिए । होली के बाद धरती पर सूर्य की सीधी तीखी किरणें पडती हैं, जिससे सप्तरंग और सप्तधातुओं में हलचल मच जाती है । अत: पलाश और गेंदे के फूलों का रंग हम होली पूर्णिमा और धुलेंडी को एक – दूसरे पर छिडकें तो वह सप्तरंग, सप्तधातुओं को संतुलित करेगा और हमें सूर्य की सीधी तीखी धूप पचाने की शक्ति मिलेगी ।*
*🔹२] होली के बाद के २० - २५ दिन नीम के २० - २५ कोमल पत्ते व १ - २ काली मिर्च खा लो या नीम के फूलों का रस १ – २ काली मिर्च का चूर्ण डालकर पी लो । इससे शरीर में ठंडक रहेगी और गर्मी झेलने की शक्ति आयेगी, पित्त-शमन होगा और व्यक्ति वर्षभर निरोग रहेगा ।*
*🔹३] होली के बाद १५ – २० दिनों तक बिना नमक का भोजन करें तो आपके स्वास्थ्य में चार चाँद लग जायें । बिना नमक का नहीं कर सकते तो कम नमकवाला भोजन करो ।*
*🔹४] अपने सिर को धूप से बचाना चाहिए । जो सिर पर धूप सहते हैं उनकी स्मरणशक्ति, नेत्रज्योति और कानों की सुनने की शक्ति क्षीण होने लगती है । ४२ साल के बाद बुढापा शुरू होता है, असंयमी और असावधानीवालों का दिमाग कमजोर हो जाता है । गर्मियों में नंगे सिर धूप में घूमने से पित्त बढ़ जाता है, आँखें जलती हैं । अत: सिर को धूप से बचाओं, अपने को दुःखों से बचाओ, मन को अहंकार से बचाओ और जीवात्मा को जन्म-मरण से बचा के परमात्मा से प्रेम करना सिखा दो !*
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kesariatextilecompany · 9 months
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सूरत मे होलसेल कुर्तीयो की सबसे बड़ी दुकान जहा ₹105/- से शरू कुर्तीया
क्या आप जनते है सूरत में होलसेल कुर्तीयों की सबसे बड़ी दुकान Surat's best kurti manufacturer की हैं। हां आपने सही सुना! अब कुर्तियां खरीदे वो भी सिर्फ ₹105/- से शुरू।
सूरत, गुजरात, भारत के प्रसिद्ध टेक्सटाइल शहर में हमें एक अद्वितीय और बड़ी दुकान का परिचय करवाते हैं - Kesaria Textile Company. यह वह स्थान है जहां आपको होलसेल कुर्तियों डायरेक्ट Surat kurti factory से दी जाती है। और इतना ही नहीं आपको बहुत ही विशाल और वारिएटी से भरपूर संग्रह मिलता है, और वो भी केवल ₹105 से शुरू होता है।
केसरिया टेक्सटाइल कंपनी एक ऐसा कुर्ती व्होलेसलर है (kurti wholesaler in Surat) जहां आपको आपके व्यापार को बढ़ावा देने वाली सात विशेष तरीके की बेस्ट कॉटन कुर्तियों का संग्रह मिलता है। इन कुर्तियों में से कुछ विशेषताएँ और फीचर्स आपके लिए निम्नलिखित हैं:
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व्यापार को बढ़ावा देने वाली 7 प्रकार की बेस्ट कॉटन कुर्तियाँ:
आपके व्यवास्यको को विस्तार से समझाते हुए, चलिए जानते है कि कैसे विभिन्न प्रकार की Latest kurti designs in Surat आपके व्यवासाय को बढ़ावा दे सकती हैं:
प्रिंटेड कॉटन कुर्तियाँ: printed cotton kurtis
   प्रिंटेड कॉटन कुर्तियाँ आपके व्यवासाय के लिए एक शानदार विकल्प हो सकती हैं। इनमें विभिन्न प्रिंट्स और मोटीफ्स होते हैं जैसे कि फ्लोरल पैटर्न, गुलाबी प्रिंट, गुज़री बूटी, और अभिवादन डिज़ाइन। ये कुर्तियाँ आपके ग्राहकों को विभिन्न रंगों और प्रिंट्स के साथ एक बेहतर और आकर्षक लुक प्रदान कर सकती हैं।
एंब्रॉयडरी कॉटन कुर्तियाँ: embroidered cotton kurtis
   एंब्रॉयडरी कॉटन कुर्तियाँ आपके व्यवासाय को एक प्रेमिक और क्लैसिक दिशा में ले जा सकती हैं। इनमें चिकनकारी, मिर्ज़ापुरी एंब्रॉयडरी, और आर्टिस्टिक एंब्रॉयडरी काम हो सकता है, जो कुर्तियों को और भी आकर्षक बनाते हैं।
कांस्य कॉटन कुर्तियाँ: Bronze Cotton Kurtis:
कांस्य कॉटन कुर्तियाँ अपनी मखमली लुक और चमकदार बनावट के लिए प्रसिद्ध हैं। इनमें चमकदार थ्रेड वर्क, ज़री काम, और आकर्षक डिज़ाइन होते हैं जो आपके ग्राहकों को विशेष और आकर्षक बनाते हैं।
डेनिम कॉटन कुर्तियाँ: Denim cottom kurtis 
डेनिम प्रिंट कॉटन कुर्तियाँ आपके व्यवासाय को एक मॉडर्न लुक और शानदार स्टाइल प्रदान देती हैं। ये बेहतरीन टेक्सचर और फैशन स्टाइल के साथ आती हैं, और उन्हें डेली वियर के लिए या विशेष अवसरों के लिए पहना जा सकता है।
पार्टी वियर कॉटन कुर्तियाँ: Partywear cotton kurtis
पार्टी वियर कॉटन कुर्तियाँ आपके व्यवासाय के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण हो सकती हैं। इनमें आकर्षक डिज़ाइन और ज़री काम होता है जो पार्टी में आपके ग्राहकों को बहुत अच्छा लगता है।
रिस्ट्राइप्ड कॉटन कुर्तियाँ: Striped Cotton Kurtis:
रिस्ट्राइप्ड कॉटन कुर्तियाँ व्यक्तिगत और आकर्षक दिखने वाले एक बढ़िया विकल्प हो सकते हैं। इनमें रिस्ट्राइप्ड पैटर्न होता है जो आपके ग्राहकों को एक ट्रेंडी और आकर्षक लुक प्रदान कर सकता है।
कुर्तियाँ सेट्स: Kurtis Sets:
कुर्तियाँ सेट्स आपके ग्राहकों को एक पूर्ण और स्थायी लुक प्रदान करने के लिए एक उत्कृष्ट विकल्प हो सकते हैं। इनमें एक कुर्ती, एक पैंट, और एक डुपट्टा होते हैं जो आपके ग्राहकों को एक पूर्ण और शानदार दिखाई देते हैं। तभी तो केसरिया टेक्सटाइल कंपनी को leggings wholesaler भी कहा जाता है।
 अगर आप बल्क में दुपट्टा खरीदना चाहते है सूरत से (Bulk buy dupatta from Surat) तो आप केसरिया टेक्सटाइल कंपनी को संपर्क कर सकते है।
इन सात प्रकार की कॉटन कुर्तियाँ व्यापार को बढ़ावा देने के लिए एक अद्वितीय और आकर्षक संग्रह को प्रस्तुत कर सकती हैं, और आपके ग्राहकों को विविध और आकर्षक विकल्प प्रदान कर सकती हैं।
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Kya Kesaria textile may sirf cotton kurtis hi milti hai? Agar nhi to konsi varieties resellers ko kurtis ke collection me mil sakti hai?
विभिन्न रंग और डिज़ाइन: 
Kesaria Textile Company (kurti wholesale supplier in Surat) में आपको वास्तविक रंग और डिज़ाइन का एक बहुत ही बड़ा विकल्प मिलता है। कुर्तियों के रंग जैसे कि ब्राइट रेड, ग्रीन, यूनिक शेड्स, और पास्टल रंग उपलब्ध हैं, ताकि आप आपके ग्राहकों की पसंद के हिसाब से चुन सकें। डिज़ाइन की बात करें तो यहां आपको गोटा पत्ती, पिता वर्क, डिज़ाइनर बटन्स, और अन्य विशेषताएँ मिलती हैं, जिनसे आपके व्यापार को अधिक आकर्षक बना सकते हैं।
बेहद सुखद कॉटन कपड़ा: 
Kesaria Textile Company की कुर्तियाँ बेहद सुखद और आरामदायक कॉटन कपड़े से बनी होती हैं। ये कपड़े गर्मियों में भी आपके ग्राहकों को आरामदायक और शानदार फील कराते हैं। उन्हें पूरे दिन के लिए सुखद और आरामदायक अनुभव प्रदान करते हैं। ये कंपनी dupatta wholesale Surat भी प्रदान करती है।
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विभिन्न ट्रिम्स और कढ़ाई काम: 
केसरिया कुर्तियाँ विभिन्न प्रकार के ट्रिम्स और कढ़ाई काम के साथ आती हैं, जैसे कि ज़ारी काम, सीक्विन्स काम, सिरोस्की डायमंड काम, और लेस बॉर्डर्स। ये डिज़ाइन को और भी आकर्षक और रोचक बनाते हैं।
बड़ी मात्रा में उपलब्ध: 
वैसे तो सूरत में कई सारे व्होलसेल कुर्ती मैन्युफैक्चरर्स (wholesale kurti manufacturers Surat)। पर Kesaria Textile Company में आपको बड़ी मात्रा में कुर्तियाँ मिलती हैं, जो आपके व्यवसाय को बढ़ावा देने में मदद कर सकती हैं। यह आपके ग्राहकों की मांग को पूरा करने की आवश्यकताओं को पूरा कर सकता है, और आपके व्यवसाय को आगे बढ़ा सकता है। 
Read Other Post: कहाँ से रिटेलर्स और रिसेलर्स खरीदते है होलसेल साड़ीया सूरत की टेक्सटाइल मार्केट से?
Summary: 
Kesaria Textile printed kurti wholesaler in Surat में व्यापार को बढ़ावा देने वाली कॉटन कुर्तियाँ का विवरण देने का यह लक्षय था। आपके व्यवसाय को हाई क्वॉलिटी और बेस्ट विकल्पों के साथ मैच करने के लिए हमारे द्वारा प्रस्तुत किए गए इन सात प्रकार की कुर्तियाँ आपके ग्राहकों को विशेष और आकर्षक बना सकती हैं। Kesaria Textile Company एक मात्र कंपनी है पूरे Surat kurti wholesale market में जो आपको वीडियो कॉलिंग और पीडीएफ की सुविधा के साथ व्यापार को आसान बनाने का मार्ग प्रदान करती है। इससे आपके ग्राहक आसानी से ऑनलाइन खरीद सकते हैं। कृपया हमसे +91-9909048061 पर संपर्क करें और हमारे उत्कृष्ट कॉटन कुर्तियों के विस्तारित जानकारी के लिए हमसे संपर्क करें। Kesaria Textile Company - यह वह स्थान है जहां आपको आकर्षक और उच्च गुणवत्ता वाली कुर्तियों का बहुत ही विविध संग्रह मिलता है, जो आपके व्यवसाय को आगे बढ़ा सकता है।
Know More About:
Surat’s Best Wholesale Blouse Manufacturer
Surat’s Best Dupatta Bulk Buying Shop
Surat’s Best Saree Wholesaler
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thedhongibaba · 10 months
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जर्मनी में एक बहुत प्रसिद्ध दार्शनिक हुए इमैनुअल कांट। वह एक ही मकान में वर्षों तक रहते रहे। जैसा कि सभी घरों में होता है, उनके भी उस मकान में एक खिड़की थी। उनकी एक खास आदत थी। वह रोज खिड़की के सामने खड़े हो जाते, और घंटों तक आकाश को निहारते रहते थे। वह आकाश की असीमता में खो-से जाते थे। लगता था, मानो पूरा आकाश वह अपने भीतर समेट लेना चाह रहे हों। जो भी उन्हें आकाश को निहारते देखता था, वह हैरान हो जाता था। लोग सोचते, यह आदमी होश में है! उसकी आंखे शून्य हो गई हैं! क्योंकि आकाश को देखते समय आंखों में कोई प्रतिबिंब नहीं बनता। आकाश तो कोरा शून्य है, उसका क्या प्रतिबिंब ? कांट की आंखें शून्य हो जातीं, चेहरा शून्य हो जाता। उनके चेहरे पर कोई भाव न रहता। वह निर्विकार रहते। एक विराट खामोशी पसर जाती। जो भी उन्हें देखता, उसे लगता कि कांट पत्थर की प्रतिमा की मानिंद ही गए हैं।
वर्षों बाद एक दिन कांट के नए पड़ोसी आ गए। वहां एक नया घर बना। दीवारें उठा दी गई। इमैनुएल कांट की खिड़की उन दीवारों की ओट में दब गई। खिड़की के बंद होने से कांट आकाश को नहीं देख पा रहे थे। उन्हें बेचैनी महसूस होती थी। लेकिन उसकी वजह उन्हें समझ में नहीं आती थी।फिर कांट बीमार पड़ गए। तमाम चिकित्सकों को बुलाया गया। सब इलाज किए गए, लेकिन कोई बीमारी तो थी नहीं, फिर इलाज क्या होता? छह महीने बीत गए और कांट की तबियत बिगड़ती चली गई। चिकित्सक भी हैरान थे। ऐसी बीमारी तो न उन्होंने कभी देखी थी, न सुनी। कांट का एक नौकर था, जो उनके साथ ही रहता था। उसने चिकित्सकों को बताया कि जहां तक मैं समझता हूं, उनकी बीमारी का संबंध उस खिड़की से है। कांट का आकाश से जो संबंध था, वह खिड़की बंद होने के कारण टूट गया है, इसलिए वह बीमार पड़ गए हैं। क्या यह नहीं हो सकता कि नए पड़ोसी से प्रार्थना की जाए और वह दीवार तोड़ दी जाए।
पड़ोसी से इसके बारे में प्रार्थना की गई और वह तुरंत राजी भी हो गए। फिर दीवार तोड़ दी गई। दूसरे दिन ही कांट फिर खिड़की पर आकर खड़े हो गए। उनके 'चेहरे का रंग ही बदल गया। उनकी आंखें चमक उठीं। पंद्रह दिन बाद वह वापस पूरी तरह स्वस्थ हो गए। कांट से किसी ने पूछा कि यह आपको क्या हो गया था? कांट ने कहा : आकाश की निकटता से मैंने पहली बार वृहत्तर आत्मा से संबंध और परिचय बनाया। आकाश की असीमता से जुड़ने पर विराटता का बोध होता है। बीच में दीवार उठ गई, तो मैं जैसे सिमट ही गया था। मुझे लगा कि मैं किसी कारागार में बंद हूं। जैसे मेरा कुछ खो गया हो। मेरी कुछ समझ में नहीं आ रहा था। यह तो जब मैं खिड़की के निकट आकर फिर से आकाश से जुड़ाव के फलस्वरूप स्वस्थ हुआ, तब मुझे पता चला कि वास्तव में मैंने क्या खो दिया था।
~ ओशो
कांट ने कहा...
'जब गर्मियों में रात की अंधेरी चादर, चंद्रमा और टिमटिमाते सितारों की रोशनी से भर जाती है, तब धीरे-धीरे अनंत के प्रति संवेदनशीलता बढ़ने लगती है। रात को पसरे इस मौन में जब इंद्रियां सोई होती हैं, तब शाश्वत आत्मा उस अज्ञात भाषा में बातें करती हैं, जिसे समझा तो जा सकता है, लेकिन कोई पूछे, तो बताया नहीं जा सकता।'
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trendingwatch · 2 years
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ब्रिटेन के पहले हिंदू पीएम बनने के लिए ऋषि सुनक ने दूसरी बोली लगाई
ब्रिटेन के पहले हिंदू पीएम बनने के लिए ऋषि सुनक ने दूसरी बोली लगाई
द्वारा एएफपी लंदन: पूर्व प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन को गिराने में मदद करने के बाद ऋषि सनक राजनीतिक जंगल में कम से कम कई वर्षों तक तैयार दिखे, लेकिन फिर गर्मियों में कंजर्वेटिव नेतृत्व प्रतियोगिता में लिज़ ट्रस से हार गए। लेकिन कार्यालय में केवल 44 दिनों के बाद उनके नाटकीय राजनीतिक प्रभाव ने टोरी सांसद को ब्रिटेन के रंग के पहले प्रधान मंत्री बनने के लिए नए सिरे से बोली लगाने का लगभग तत्काल अवसर…
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lok-shakti · 2 years
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यूके के पेड़ों के लिए 'अद्वितीय' शरद ऋतु शो की भविष्यवाणी की गई - लेकिन गिरावट आ सकती है
यूके के पेड़ों के लिए ‘अद्वितीय’ शरद ऋतु शो की भविष्यवाणी की गई – लेकिन गिरावट आ सकती है
एक वर्ष के चरम मौसम के बाद, सुनहरे भूरे और मक्खनदार पीले रंग का एक “अनोखा” शो अगले कुछ हफ्तों में यूके के पेड़ों को रोशन कर सकता है, एक संरक्षण चैरिटी ने भविष्यवाणी की है, जबकि चेतावनी दी है कि जलवायु आपातकाल के प्रभाव से शो को खतरा हो सकता है। आने वाली शरद ऋतु। नेशनल ट्रस्ट ने कहा कि कुछ तनावग्रस्त पेड़ों ने गर्मियों की असाधारण गर्मी और सूखापन के कारण “��ूठी शरद ऋतु” के दौरान जल्दी पत्ते बहाए थे,…
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clickedpoems · 2 years
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वो याद आता है 
जब पहली बार थप्पड़ पड़ा था 
मेरे बाप ने क्यों मारा था 
गर्मी में सूखा ताल 
घुमड़ी खाते हम पहुँचते 
वो बरगद का पेड़ 
जहाँ माँ चक्कर लगाती 
जहाँ बहुत सी औरतें चक्कर लगातीं 
एक बूढ़ी औरत दिन रात चक्कर लगा रही है 
मेरा गाँव क्या सुरक्षित है ?
मदारी का बन्दर पीपल के नीचे 
वो पागल घर  की चारपाई पर 
अब ये नहीं दिखते 
कुंदन साड़ी वाला माँ और बहनों और बुआ के लिए 
रंग बिरंगी साड़ी लाता 
पैसे हमेशा कुछ छोड़ ही देता 
अब नहीं आता 
वो २ पैसे की कुल्फी वाली आइसक्रीम वाला 
गर्मियों में नदारद ही रहता है 
मैं गाँव से अपने कुछ चेहरे चुराकर भाग आया हूँ 
सोनू ,बबलू , चंचल, ननके मुन्ना ,पुत्तीलाल, छोटू ,बब्बन चाचा ,गोगई ,
हरी राम , मुक्तियार बाबा का लड़का अशोक, बहोरे का लड़का जो डॉक्टर है सबका इलाज करता है 
का नाम की , नवीन ,जयलाल,गुप्ता जनरल स्टोर वाला,बॉम्बे नाई 
 अब मेरी बीवी मुझे गाँव जाने से मना करती है 
मैंने उसे चूमा 
और भाग गया 
इधर उधर भटकता रहा 
देस बिदेस इसके पास उसके पास 
यहाँ वहाँ इस कुएँ के पास ,उस घास के नीचे 
किसी गिलहरी से बतियाता 
किसी थिएटर एक्टर से गपियाते 
बियर पीता ‘बैम्बू लीव्स’
मेरा बाप शहर चला आया 
मुझे बेच दिया शादी में 
अब गाँव मेरा रोज़ रात मेरे दिल से बाहर आ 
चीखता है ,चिल्लाता है ,मुझपर हँसने लगता है 
एक भीषड़ लाचार हँसी 
और मैं इस विकास का पिछवाड़ा पकड़े
घसिटता जा रहा हूँ 
किधर कहाँ क्या पता 
कोई और चला रहा ये सब 
एक दूसरा प्राणी जो मेरे आस पास मुझपे घात लगाए बैठा है 
मौका पाते ही दबोच ले 
जैसे मैं नौकरी में दबोचा गया 
थिएटर में दबोचा गया 
शादी में दबोचा गया 
वो प्राणी किसी बवंडर जैसे मेरे इर्द गिर्द मंडराता 
मैं उसके चंगुल से भाग नहीं पाता हूँ 
मेरे भीतर बहती बयार अब एक तूफ़ान का रूप ले लेती है 
सब उड़ता जा रहा है 
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shwetabhpathak · 2 years
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झिर झिर बरसत नभ बरखा जल ! उमड़ घुमड़ घन शोर मचावत , घन दामिनी दुति चमकत पल पल ! शुक पिक बोल मयूरा नाचत , व्यथित अवनि कण कण लग विह्वल ! सनन सनन सन चल पुरवाई , करत विटप दल नित नित हलचल ! टर्रर टर्रर टेरत दादुर दल , गिरत बूँद धुनि करत कलल कल ! लगत हरित चमकत तरु पल्लव , वारिद बूँद ते धोय पात मल ! “श्वेत” शुष्क धरणी पुलकित अब , पहिन हरित पट लग अब श्यामल ! Shwetabh Pathak ( श्वेताभ पाठक ) ********************************** भावार्थ :: आसमान से बारिश का पानी झिर झिर करके बरस रहा है ! उमड़ घुमड़ कर बादलों का समूह शोर गरज रहे हैं और बादलों में से बिजली रह रह कर चमक रही है ! तोता , कोयल इत्यादि अपनी मधुर कंठ से गा रहे हैं और मोर हर्ष से नाच रहा है ! जो पृथ्वी बारिश के न होने से प्यास से व्याकुल थी आज उसका कण कण बहुत ही हर्षित लग रहा है ! पुरवाई हवा सनन सनन कर तेजी से चल रही है जिससे पेड़ पौधे लगातार झूम रहे हैं ! टर्र टर्र कर के मेढकों का झुण्ड बोल रहा है और बारिश की गिरती हुई बूंदें अलग ही ध्वनि उत्पन्न कर रही हैं ! बारिश के पानी से सभी पेड़ पौधों की पत्तियाँ धुली धुली सी लग रही हैं और हरे रंग से चमक रही हैं क्योंकि बारिश की बूंदों ने पत्तों पर पड़ी हुई धूल को साफ़ कर दिया है ! वही धरती जो गर्मियों में सूख के सफ़ेद हो गयी थी अब बहुत ही प्रसन्न है क्योंकि अब उसने हरे रंग का वस्त्र पहन लिया है जिसके कारण अब वह श्वेत से श्याम वर्ण की लग रही है ! अर्थात पूरी पृथ्वी हरी भरी हो गयी है ! https://www.instagram.com/p/CgBllnKPitN/?igshid=NGJjMDIxMWI=
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merikheti · 2 years
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लोबिया की खेती से किसानों को होगा दोहरा लाभ
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Lobia ki kheti  – Cowpea Farming information in Hindi
लोबिया की खेती से किसान काफी लाभ कमा सकते हैं। दलहन फसल की श्रेणी के लोबिया की खेती (Lobia Farming) से दो तरीके से लाभ होता है। लोबिया की फलियों की सब्जी होती है। इसका प्रयोग पशुचारा और हरी खाद के रूप में किया जाता हैं। इसे बोड़ा, चौला या चौरा, करामणि, काऊपीस – (cowpea) भी कहा जाता है। यह सफेद रंग का और बड़ा पौधा होता है। इसकी फलियां पतली, लंबी होती हैं और इसके फल एक हाथ लंबे और तीन अंगुल तक चौड़े और कोमल होते है।
लोबिया की खेती के लिए जलवायु:
गर्म व आर्द्र जलवायु में 24-27 डिग्री सेंटीग्रेट तापमान में लोबिया की खेती होती है।
ये भी पढ़ें: गर्मियों की हरी सब्जियां आसानी से किचन गार्डन मे उगाएं : करेला, भिंडी, घीया, तोरी, टिंडा, लोबिया, ककड़ी
लोबिया की खेती कैसी जमीन में करनी चाहिये ?
लोबिया की खेती वैसे जमीन में करनी चाहिये, जिसमें जल निकास की उचित व्यवस्था हो।
क्षारीय भूमि इसकी खेती के लिये के उपयुक्त नहीं होता है।
इसके मिट्टी का पीएच मान 5.5 से 6.5 के बीच होना चाहिए।
लोबिया की खेती कब करनी चाहिये ?
लोबिया की बुआई बरसात के मौसम में जून के अंत से लेकर जुलाई माह तक और गर्मी के मौसम में फरवरी-मार्च में की जाती है।
लोबिया की उन्नत किस्में :
लोबिया की कई उन्नत किस्में हैं। आवश्यकता के अनुसार किस्म का चयन करना चाहिये।
दाने के लिए लोबिया की उन्नत किस्मों में सी- 152, पूसा फाल्गुनी, अम्बा (वी- 16), स्वर्णा (वी- 38), जी सी- 3, पूसा सम्पदा (वी- 585) और श्रेष्ठा (वी- 37) आदि प्रमुख है।
चारे के लिए लोबिया की उन्नत किस्मों में जी एफ सी- 1, जी एफ सी- 2 और जी एफ सी- 3 आदि अच्छी किस्में हैं।
खरीफ और जायद दोनों मौसम में उगाये जाने वाले किस्मों में बंडल लोबिया- 1, यू पी सी- 287, यू पी सी- 5286 रशियन ग्रेन्ट, के- 395, आई जी एफ आर आई (कोहीनूर), सी- 8, यू पीसी- 5287, यू पी सी- 4200, यू पी सी- 628, यू पी सी- 628, यू पी सी- 621, यू पी सी- 622 और यू पी सी- 625 आदि हैं।
लोबिया की बुवाई के लिए 12-20 कि.ग्रा. बीज/हेक्टेयर उपयुक्त होता है। जबकि बेलदार लोबिया की बीज कम मात्रा में ली जा सकती है।
ये भी पढ़ें: संतुलित आहार के लिए पूसा संस्थान की उन्नत किस्में
लोबिया बुवाई के समय ध्यान रखना चाहिए कि इनके बीच की दूरी सही हो:
लोबिया की झाड़ीदार किस्मों के लिए पंक्ति से पंक्ति की दूरी 45-60 सेमी. तथा बीज से बीज की दूरी 10 सेमी. रखनी चाहिए।
बेलदार लोबिया के पंक्ति से पंक्ति की दूरी 80-90 सेमी. रखना सही होता है।
लोबिया की खेती में खाद, खर पतवार नियंत्रण व सिंचाई:
बुवाई के पूर्व लोबिया के बीज का राजजोबियम नामक जीवाणु से उपचार जरूरी होता है।
खेत में गोबर या कम्पोस्ट की 20 टन मात्रा बुवाई से एक माह पहले डालनी चाहिए। नत्रजन 20 किग्रा, फास्फोरस 60 कि.ग्रा. तथा पोटाश 50 कि.ग्रा. की मात्र प्रति हेक्टेयर की दर से जुलाई के अंत में मिट्टी में मिलानी चाहिए।
फसल में फूल आने के समय नत्रजन की 20 कि.ग्रा. की मात्रा फसल में देनी चाहिए।
लोबिया के पौधों की दो-तीन निराई व गुड़ाई करनी चाहिए ताकि खर पतवार पर नियंत्रण रह सके।
गर्मी में इसकी फसल को पर 5 से 6 सिंचाई की जरूरत होती है। इसकी सिंचाई 10 से 15 दिनों के अंतर पर करनी चाहिए।
लोबिया की तुड़ाई/कटाई कब करें ?
लोबिया के हरी फलियों की तुडाई बुवाई के 45 से 90 दिन बाद किस्म के आधार पर करनी चाहिये।
चारे के लिये फसल की कटाई बुवाई के 40 से 45 दिन बाद की जाती है।
दाने की फसल के लिए कटाई, बुवाई फलियों के पुरे पक जाने पर 90 से 125 दिन बाद करनी चाहिए।
लोबिया की नर्म व कच्ची फलियों की तुड़ाई 4-5 दिन के अंतराल पर की जा सकती है।
झाड़ीदार प्रजातियों में 3-4 तुड़ाई तथा बेलदार प्रजातियों में 8-10 तुड़ाई की जा सकती है।
लोबिया की फसल से दाना व चारा की प्राप्ति :
लोबिया की एक हेक्टेयर की फसल से करीब 12 से 17 क्विंटल दाना व 50 से 60 क्विंटल भूसा प्राप्त किया जा सकता है।
जबकि 250 से 400 क्विंटल तक हरा चारा प्रति हेक्टेयर तक प्राप्त किया जा सकता है।
लोबिया – Cowpea (Lobia/Karamani) Mandi Bhav मंडी भाव :
30 जून 2022 को मुंबई मंडी में लोबिया मूल्य 7128 रुपए प्रति क्विंटल था।
source लोबिया की खेती से किसानों को होगा दोहरा लाभ
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parichaytimes · 2 years
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अपने समर स्टाइल में कुछ रंग जोड़ें जैसे T'wood divas
अपने समर स्टाइल में कुछ रंग जोड़ें जैसे T’wood divas
गर्मियों के रंग में रंगने वाली टॉलीवुड अभिनेत्रियों की खूबसूरत तस्वीरों पर एक नज़र डालें। Source link
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जिम कॉर्बेट पार्क घूमने के लिए अपनी यात्रा का प्रबंध कैसे करे
जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय अभयारण्य रामनगर नैनीताल की प्राकृतिक सुंदरता के दर्शन करना न भूलेयदि आप अपने बच्चो के साथ कही घूमने का कार्यक्रम बना रहे है और आपके मन में जिम कॉर्बेट नाशनक पार्क के बारे में जानने की इच्छा है तो हम आपको सुझाव देंगे की आप अपने बच्चो को इस पार्क कर प्राकृतिक सुंदरता और बन्य जीवो से रूबरू जरूर कराये और उन्हें प्रकृति के प्रति जागरूक करे ताकि आने वाले भविस्य में आपके बच्चे भी इस प्रकृति व बन्य जीवो के संरक्षण के लिए कार्य कर सके क्यों की मनुष्य जीवन के लिए इसका बचे रहना बहुत जरुरी है आइये हम आपको इसके बारे में कुछ बताते हैजिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान भारत का सबसे पुराना राष्ट्रीय पार्क है और १९३६ में लुप्तप्राय बंगाल बाघ की रक्षा के लिए हैंली नेशनल पार्क के रूप में स्थापित किया गया था। यह उत्तराखण्ड के नैनीताल जिले में स्थित है और इसका नाम जिम कॉर्बेट के नाम पर रखा गया था जिन्होंने इसकी स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। बाघ परियोजना पहल के तहत आने वाला यह पहला पार्क था। यह एक गौरवशाली पशु विहार है। यह रामगंगा की पातलीदून घाटी में १३१८.५४ वर्ग किलोमीटर में बसा हुआ है जिसके अंतर्गत ८२१.९९ वर्ग किलोमीटर का जिम कॉर्बेट व्याघ्र संरक्षित क्षेत्र भी आता है। पार्क में उप-हिमालयन बेल्ट की भौगोलिक और पारिस्थितिक विशेषताएं हैं। यह एक इकोटोरिज़्म गंतव्य भी है और यहाँ पौधों की 488 प्रजातियां और जीवों की एक विविधता है। पर्यटन की गतिविधियों में वृद्धि और अन्य समस्याएं पार्क के पारिस्थितिक संतुलन के लिए एक गंभीर चुनौती पेश कर रहीं हैं। कॉर्बेट एक लंबे समय के लिए पर्यटकों और वन्यजीव प्रेमियों के लिए अड्डा रहा है। कोर्बेट टाइगर रिजर्व के चयनित क्षेत्रों में ही पर्यटन गतिविधि को अनुमति दी जाती है ताकि लोगों को इसके शानदार परिदृश्य और विविध वन्यजीव देखने का मौका मिले। हाल के वर्षों में यहां आने वाले लोगों की संख्या में नाटकीय रूप से वृद्धि हुई है। वर्तमान में, हर मौसम में 100000 से अधिक आगंतुक पार्क में आते हैं।कॉर्बेट नेशनल पार्क में ५२०.८ वर्ग किमी (२०१.१ वर्ग मील) में पहाड़ी, नदी के बेल्ट, दलदलीय गड्ढे, घास के मैदान और एक बड़ी झील शामिल है। ऊंचाई १,३०० से 4,००० फीट (४०० से १,२२० मीटर) तक होती है। यहाँ शीतकालीन रातें ठंडी होती हैं लेकिन दिन धूपदार और गरम होते हैं। यहाँ जुलाई से सितंबर तक बारिश होती है। घने नम पर्णपाती वन में मुख्य रूप से साल, हल्दु, पीपल, रोहिनी और आम के पेड़ होते हैं। जंगल पार्क का लगभग 73% हिस्सा घेरते हैं, इस क्षेत्र में 10% घास के मैदान होते हैं। यहाँ ११० पेड़ की पप्रजातियाँ, ५० स्तनधारियों की प्रजातियाँ, ५८० पक्षी प्रजातियां और २५ सरीसृप प्रजातियां हैं।पशुपार्कयहाँ पर शेर, हाथी, भालू, बाघ, सुअर, हिरन, चीतल, साँभर, पांडा, काकड़, नीलगाय, घुरल और चीता आदि 'वन्य प्राणी' अधिक संख्या में मिलते हैं। इसी तरह इस वन में अजगर तथा कई प्रकार के साँप भी निवास करते हैं। जहाँ इस वन्य पशु विहार में अनेक प्रकार के भयानक जन्तु पाये जाते हैं, वहाँ इस पार्क में लगभग ६०० रंग - बिरंगे पक्षियों की जातियाँ भी दिखाई देती हैं। यह देश एक ऐसा अभयारण है जिसमें वन्य जन्तुओं की अनेक जातियाँ - प्रजातियों के साथ पक्षियों का भी आधिक्य रहता है। आज विश्व का ऐसा कोई कोना नहीं है, जहाँ के पर्यटक इस पार्क को देखने नहीं आते हों। अंग्रेज वन्य जन्तुओं की रक्षा करने के भी शौकीन थे। सन् १९३५ में रामगंगा के इस अंचल को वन्य पशुओं के रक्षार्थ सुरक्षित किया गया। उस समय के गवर्नर मालकम हेली के नाम पर इस पार्क का नाम 'हेली नेशनल पार्क' रखा गया। स्वतंत्रता मिलने के बाद इस पार्क का नाम 'रामगंगा नेशनल पार्क' रख दिया गया। स्वतंत्रता के बाद विश्व में जिम कार्बेट नाम एक प्रसिद्ध शिकारी के रूप में फैल गया था। जिम कार्बेट जहाँ अचूक निशानेबाज थे वहीं वन्य पशुओं के प्रिय साथी भी थे। कुमाऊँ के कई आदमखोर शेरों को उन्होंने मारकर सैकड़ों लोगों की जानें बचायी थी। हजारों को भय से मुक्त करवाया था। गढ़वाल में भी एक आदमखोर शेर ने कई लोगों की जानें ले ली थी। उस आदमखोर को भ��� जिम कार्बेट ने ही मारा था। वह आदमखोर गढ़वाल के रुद्र प्रयाग के आस-पास कई लोगों को मार चुका था। जिम कार्बेट ने 'द मैन ईटर आॅफ रुद्र प्रयाग' नाम की पुस्तकें लिखीं। भारत सरकार ने जब जिम कार्बेट की लोकप्रियता को समझा और यह अनुभव किया कि उनका कार्यक्षेत्र बी यही अंचल था तो सन् १९५७ में इस पार्क का नाम 'जिम कार्बेट नेशनल पार्क' रख दिया गया और जिम कार्बेट नेशनल पार्क जाने वाले पर्यटक इसी मार्ग से जाते हैं। नैनीताल से आनेवाले पर्यटक इस संग्रहालय को देखकर ही आगे बढ़ते हैं। जिम कार्बेट जिम कार्बेट का पूरा नाम जेम्स एडवर्ड कार्बेट था। इनका जन्म २५ जुलाई १८७५ ई. में हुआ था। जिम कार्बेट बचपन से ही बहुत
मेहनती और नीडर व्यक्ति थे। उन्होंने कई काम किये। इन्होंने ड्राइवरी, स्टेशन मा��्टरी तथा सेना में भी काम किया और अनेत में ट्रान्सपोर्ट अधिकारी तक बने परन्तु उन्हें वन्य पशुओं का प्रेम अपनी ओर आकर्षित करता रहा। जब भी उन्हें समय मिलता, वे कुमाऊँ के वनों में घूमने निकल जाते थे। वन्य पशुओं को बहुत प्यार करते। जो वन्य जन्तु मनुष्य का दुश्मन हो जाता - उसे वे मार देते थे। जिम कार्बेट के पिता 'मैथ्यू एण्ड सन्स' नामक भवन बनाने वाली कम्पनी में हिस्सेदारा थे। गर्मियों में जिम कार्बेट का परिवार अयायरपाटा स्थित 'गुर्नी हाऊस' में रहता था। वे उस मकान में १९४५ तक रहे। ठंडियों में कार्बेट परिवार कालढूँगी वाले अपने मकान में आ जाते थे। १९४७ में जिम कार्बेट अपनी बहन के साथ केनिया चले गये थे। वे वहीं बस गये थे। केनिया में ही अस्सी वर्ष की अवस्था में उनका देहान्त हो गया।जिम कॉर्बेट पार्क घूमने के लिए अपनी यात्रा का प्रबंध कैसे करे जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क घूमने का आनंद आप वैसे तो साल भर ले सकते है किन्तु नवंबर से जुलाई के महीनो में भीड़ भाड़ ज्यादा रहती है जिम कॉर्बेट पार्क घूमने के लिए वैसे तो देश भर में हर शहर में ट्रेवल एजेंट है और ऑनलाइन बुकिंग पोर्टल भी काम कर रहे है किन्तु आप सीधे होटल या स्थानीय टूर गाइड से संपर्क करके अपना समय व पैसा बचा सकते है जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क पहुंचने के लिए दिल्ली से रामनगर रेलगाड़ी मोटर मार्ग से 5 घंटे में पंहुचा जा सकता है और हवाई मार्ग से दिल्ली से पंतनगर और वह से टैक्सी से पहुँचा जा सकता है कॉर्बेट पार्क ढिकाला के लिए ऑनलाइन बुकिंग होती है जो की बहुत पहले करनी होती है और ज्यादा डिमांड के चलते सभी को यहाँ रहने का सौभाग्य नहीं मिल पता है अतः जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क से सटे हुए भूभाग जैसे ढिकुली गर्जिया मोहन क्षेत्र में कई रिसोर्ट उपलब्ध है जिसमे रहने के लिए आप सीधे संपर्क कर बुकिंग कर सकते है तथा जंगल जीप सफारी और एलीफैंट सफारी का आनंद लेना चाहे तो इसकी बुकिंग भी इन्ही होटल रिसोर्ट से ही करना बेहतर व सुरक्षित तरीका हो सकता है तथा होटल रिसोर्ट या टूर गाइड के माध्यम से की गई बुकिंग से आपको समय व पैसे की बचत के साथ साथ घूमने के लिए भी ठीक मार्गदर्शन मिलेगा और स्थानीय स्तर पर सहयोग भी मिलेगा. जबकि जब आप अपने शहर के एजेंट या ट्रेवल पोर्टल से बुकिंग करते है तो आपको एक तो एजेंट या ट्रेवल पोर्टल का कमीशन भी देना होता है जिसका आपको पता नहीं चल पाता है और फिर आपको हर बुकिंग पर अलग अलग कमीशन देना होता है इसे यु समझ सकते है की तेल तो तिल से ही निकलता है कोई भी फ्री में काम करने नहीं बैठा है इसीलिए आपको सीधे रिसोर्ट के माध्यम से बुकिंग करने की सलाह दी जा रही है बाध्यता नहीं है केवल मार्गदर्शन के लिए सुझाव है होटल रिसोर्ट बुक करने हेतु आप निम्न पते पर संपर्क कर सकते है https://g.page/Bigcatcorbett?share www.bigcatcorbett.com CAMP BIG CAT CORBETT NEAR KOSI RIVER PHONE 9639339395यह कोसी नदी के पास एक अच्छा व सस्ता आवास सुविधा उपलब्ध है यहाँ पर आपको अलग से कोसी नदी पर नदी पर करना व नदी में नहाना आदि सुविधा सुशिक्षित व रेजिस्टर्ड नेचर गाइड की उपस्थिति में बिना किसी अतिरक्त भुगतान के मिल सकती है जबकि अन्य किसी जगह से बुकिंग करने पर आपको इसके लिए २०० से ३०० प्रति ब्यक्ति भुगतान करना पड़ सकता है और आपका जोखिम भी ज्यादा रहेगा www.bigcatcorbett.com Shekhar Corbett Safari Camp CAMP BIG CAT CORBETT DHIKULI, NEAR CLUB MAHINDRA /KHULBE GARDEN JIM CORBETT NATIONAL PARK , RAMNAGAR PHONE 9639339395 EMAIL ID - [email protected]://g.page/Corbettjungleinn?share riverside reserve forest beach camp CORBETT JUNGLE INN, RANIKHET ROAD MOHAAN, NEAR DHIKALA GATE CONTACT NO 8755412681 www.corbettjungleinn.com यदि आपको ढिकाला या कॉर्बेट पार्क के अंदर फारेस्ट रेस्ट हाउस की बुकिंग नहीं मिल पति है और आप जंगल में रहना चाहते है जहा पर आपको जंगली जानवर पक्षी व नदी आदि के पैसा रहने का मौका मिले तो आपके लिए कॉर्बेट जंगल इन् रानीखेत रोड मोहान बेहतर रात्रि विश्राम गृह हो सकता है यहाँ पर आपको नदी के किनारे सबसे बड़े रिज़र्व फारेस्ट में रहने का मौका मिल सकता है और जंगली जानवरो को नजदीक से देखने का सौभाग्य मिलेगा यह स्थान पूर्ण रूप से सुरक्षित है और आपके बजट में फिट बैठ सकता है तथा खानपान रहन सहन की सुविधा के आलावा प्रशिक्षित नेचर गाइड के देखरेख में आपको नदी पर करना नदी में नहाना और नेचर वाक आदि की सुविधा आपके होटल खाने की बुकिंग के साथ मिल जाएगी अलग से कुछ नहीं देना होगा अन्यथा पोर्टल या ट्रैवल एजेंट से बुकिंग करने पर आपको २०० से ३०० प्रति व्यक्ति तक इन एडवेंचर एक्टिविटीज के लिए देना पड़ सकता
है www.corbettjungleinn.com www.corbettjungleinn.blogspot.in EMAIL ID - [email protected]इसके आलावा आप सम्पूर्ण पैकेज के लिए या उत्तराखंड के अन्य जगह के लिए भी हमारा मार्गदर्शन ले सकते है हम आपकी सेवा में सदैव उपलब्ध हैCORBETT OFFICEBIG CAT SAFARIINFRONT OF SBI ATM /NAMO RESORT JIM CORBETT NATIONAL PARK,, RAMNAGAR, NAINITAL UTTRAKHAND 244715 phone +919690259185/ [email protected] www.corbettrooms.comDELHI OFFICE Uttaranchal Tour Package V-3, Netaji Nagar Market, Behind S. N. Depot. New Delhi 110023Mobile No. + 91 7830963088 www.corbettrooms.com
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drpunamkumari-blog · 5 years
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रिश्तों की मिठास में घुलती कड़वाहट ।
२१वीं शताब्दी की ओर हम अग्रसर है। भौतिकता की आंधी में उड़ते हुए हम तथा कथित संपन्नता और सफलता के उच्चतम स्थान पर काबिज है। समाज ऐसे संभ्रांत  लोगों को ईष्या की नजरों से देखता है। कभी कभी उनकी वर्तमान स्थिति से स्वंय की तुलना कर अफसोस भी करते हैं ,पर ऐसे संपन्न लोग रिश्तों नातों से दूर होते लोग वास्तव में संपन्न हैं ? भौतिक सुख उन्हें बेशक प्राप्त है, लेकिन इतना सब होते हुए भी करता वो रिश्तों की गर्माहट  तथा आतिम्यता के कोमल स्पर्श की सुखद अनुभूति वे महसूस करते हैं।              आज से कुछ ही समय पहले की बात है जब गर्मियों की छुट्टियां हुआ करती थी तब बच्चें नाना नानी के घर जाने की जिद करते थे और उनके आने से घर में रौनक आ जाती । घर बच्चों के शोरगुल तथा रिश्तों की मधुर खुशबू से भर उठता। पर आज समाज की एकल पद्धति तथा भौतिकता की दौड़ में सबसे आगे निकल जाने की जिद से हम इन भारतीय सांस्कृतिक परंपरा को खोते जा रहे हैं।हम सबने अपना एक सीमित दायरा बना लिया है जिसमें बाहरी किसी भी शख्स का चाहे वह कितना भी करीबी क्युं न हो उनका आना उन्हें स्वीकार नहीं। यदि संपन्नता की तराजू में संतुलन नहीं है तो आतिम्यता और रिश्तों की मिठास घटते घटते शून्यांक पर चली जाती है। रिश्तों की मज़बूत डोर चाहे कितनी भी आतिम्य क्यूं न हो भौतिक संपन्नता में आसमान हैं तो रिश्ते वास्तविक मूल्यों और आदर्शों को खोते जा रहे हैं। इसलिए हमें रिश्तों की मिठास को बनाए रखना है। भौतिकता की इस आंधी को रोकना ही होगा। वरना एक दिन ऐसा आएगा जब एक ही परिवार के सदस्य  एक दूसरे से अपरिचित होंगे। पारिवारिक मूल्यों की मर्यादा बहन भाइयों की आतिम्यता समाप्त हो जाएगी। भौतिक संपन्नता हमें सुविधाएं उपलब्ध करातीं है,पर सुकून और संतुष्टि नहीं। हमारे पड़ोस में मिस्टर शर्मा रहते है , मिसेज शर्मा पाश्चात्य सभ्यता और भौतिकता के रंग में डूबी हुई है। घर आए मेहमानों का स्वागत पूरी औपचारिकता के साथ की जाती हैं पर ऊपरी दिखावे और बनावटी पन के साथ , जिसमें अपनत्व और आतिम्यता का नामोनिशान नहीं। जब धीरे धीरे संबंधियों का आना जाना कम हो गया तब उन्हें खालीपन का अहसास हुआ और इसकी पूर्ति के लिए शोशल मिडिया के द्वारा कमेंट और रिप्लाई करके संबंधों को सुधारने का असफल प्रयास करने में लगीं हैं।
 भौतिकता की कुल्हाड़ी रिश्तों के कोमल विरवे को निर्दयता से काट देते हैं और हम उस फल के स्वाद से वंचित रह जाते हैं । रिश्तों की डोर अत्यंत नाजुक होती है। इसमें कडुआहट न आए इसके लिए हमें अपने आपसी मनमुटाव गलतफहमी तथा आरोप प्रत्यारोप  को नजरंदाज करते रहना चाहिए। जहां तक हो सके आत्मिय रिश्तों को संभाल कर सहेज कर रखने का प्रयास करें ताकि हमारे एकाकी जीवन  रंगहीन जीवन में ये रिश्ते रंग भर सकें । हमारे खालीपन को दूर कर सके । हम भौतिक आनन्द उठाते हुए ये भूल जाते हैं कि यदि ज़िंदगी की गाड़ी भौतिकता रूपी पेट्रोल से चलती है तो उसे आकर्षक और सुंदर बनाने का काम में रिश्ते ही करते हैं। ये रिश्ते जहां हमारी सफलता पर मिल कर कहे लगाते हैं प्रशंसा के पुल बांधते हैं वहीं हमारी असफलता पर हमें ढांढ़स भी बंधाते है । निराशा जीवन में आशा का संचार करते हैं। असफलता के कटु अनुभव को मीठे रस में मिलाकर मधुर बनाते हैं। इन भौतिक संसाधनों को पाकर हम फूले नहीं समाते और उसे ही सर्वोपरि मानकर आतिम्य रिश्तों को उपेक्षित करते हैं। ये उपेक्षा यह अनादर जो व्यक्ति झेलता है उसके तिक्त अनुभव को कोई नहीं समझ सकता। भौतिक संपन्नता हमें आंनद प्रदान करती हैं सुखद अहसास कराती हैं , परंतु क्या वह सुख  वह आनंद हमें एकाकी जीवन जीने को विवश नहीं कर रहा ? हम सफलता की सीढ़ी चढ़ते  चलें जातें हैं और एक बार भी पीछे पलटकर नहीं देखते कि इस सफलता को प्राप्त करने में क्या इन आतिम्य लोगों का सहयोग नहीं है? मां बाप बेटे को डॉक्टर इंजीनियर बनाने के लिए क्या क्या त्याग नहीं करते और वही बेटा जब सफल हो  जाता हैं तब इन बुढ़े मां बाप को भाई बहन का त्याग कर देता हैं और आपसी रिश्तों में तनाव आ जाती है ।
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4rtheyenews · 2 years
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पीलिया के लक्षण दिखाई देने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाएं या एएनएम या मितानिन से संपर्क करें
पीलिया के लक्षण दिखाई देने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाएं या एएनएम या मितानिन से संपर्क करें #Capitalcom #AaRaheHainPrithviraj #SamratPrithvirajIn3Days #Brahmastra #IndusOSCelebratesIndia #8Years80Miracles
रायपुर. 31 मार्च 2022. पीलिया गर्मियों में होने वाली एक गंभीर बीमारी है। पीलिया होने पर आंखों व नाखून का रंग पीला होने लगता है। यदि शरीर में थकान महसूस होने के साथ पाचन तंत्र खराब रहने लगता है, तो सतर्क होने की आवश्यकता है। आंखें व त्वचा तभी पीली होती है, जब शरीर में बिलुरुबिन (पीला पदार्थ) की मात्रा बढ़ जाती है। बिलुरुबिन लिवर में जाता तो है, लेकिन मात्रा अधिक होने से न तो पच पाता है और न ही सही…
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trendingwatch · 2 years
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बेयॉन्से ने नए एल्बम 'रेनेसां' पर नृत्य करने के लिए तत्काल कॉल की आवाज उठाई
बेयॉन्से ने नए एल्बम ‘रेनेसां’ पर नृत्य करने के लिए तत्काल कॉल की आवाज उठाई
द्वारा एएफपी बेयॉन्से, प्रतिमान-स्थानांतरित संगीत शाही, जिनकी कला ने उन्हें लंबे समय से मनोरंजन के प्रमुख सितारों में से एक के रूप में स्थापित किया है, ने शुक्रवार को अपने गर्म प्रत्याशित एल्बम “रेनेसां” को रिलीज़ किया, जो एक घर-रंग का नृत्य रिकॉर्ड है जो इसकी गर्मियों की सुई ड्रॉप के लिए प्राइम किया गया था। अपने शक्तिशाली दृश्य एल्बम “नींबू पानी” के साथ संस्कृति को हिला देने के छह साल बाद,…
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sareideas · 2 years
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खस शरबत कैसे बनाएं: गर्मियों में खस के 5 स्वास्थ्य लाभ
खस शरबत कैसे बनाएं: गर्मियों में खस के 5 स्वास्थ्य लाभ
कल्पना कीजिए: आप अभी-अभी चिलचिलाती धूप में समय बिताकर घर लौटे हैं। निर्जलीकरण लगभग आपके शरीर को प्रभावित कर रहा है, आप कुछ ठंडा और स्वादिष्ट खाना चाहते हैं। और इस समय के दौरान, कुछ ठंडा शर्बत खाने से बेहतर क्या हो सकता है, खासकर अगर यह खस है! हरे रंग के खस शर्बत में उत्तम मिठास और ताज़ा स्वाद होता है। इस गर्मी के मौसम में यह लगभग जादू जैसा लगता है। हरे रंग का यह पेय कायाकल्प कर रहा है लेकिन क्या…
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shwetabhpathak · 2 years
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दूल्हन बरखा रानी आई ! पहिन चुनरिया हरित रंग की , इन्द्रधनुष से माँग सजाई ! साज सिंगार हरित आभूषित , बिजुरी की लै मृदु मुसकाई ! झरझर छर छर बाजत कँगना , तीव्र मंद जब लै अँगड़ाई ! जलधि जनक भेज्यो निज कन्या , नभ डोली में बैठी आई ! कारे बादल बनि कँहार सम , घन गर्जन की लै शहनाई ! अम्बर मोतिन थाल लुटावत , जीव जन्तु सबको हरषाई ! टर टर दादुर मंगल गाये , केकी मनहर नाच दिखाई ! सोंधि सुगंध लिए अगरू की , स्वागत करत प्रकृतिः माई ! नाचत गावत तरुवर पादप , सनन सनन झूमत पुरवाई ! "श्वेत" भूमि को करि श्यामल रँग , वर्ष पिया सँग सेज सजाई ! - Shwetabh Pathak ( श्वेताभ पाठक ) *********************************************************** भावार्थ :: दूल्हन बनी हुई वर्षा रानी का आगमन हुआ है ! वर्षा रानी ने हरे रंग की चुनरी पहन रखी है और इन्द्रधनुष से उसकी माँग सजी हुई है ! हरे हरे आभूषण से सज्जित हुई दूल्हन वर्षा रानी कभी कभी बिजली चमकने के समान मीठी सी मुस्कान भी दे देती है ! वह जब हिलती डुलती या कभी तेज और कभी धीरे अँगड़ाई लेती है तो उसके आभूषण जैसे कंगन कभी झरझर और कभी छर छर की मधुर ध्वनि करते हैं ! समुद्र रुपी पिता ने अपनी कन्या को आकाश की डोली में बिठा कर भेज दिया है ! कँहार रुपी काले बादल दूल्हन की डोली को उठाकर लाये हैं और अपने मेघ गर्जना कर शहनाई बजा रहे हैं ! ऐसा लग रहा है मानो उनकी मेघ गर्जना शहनाई हो ! अम्बर प्रसन्न होकर भर भर मोती की थाल लुटा रहा है अर्थात पानी बूँद मोती के समान लग रही हैं ! मेंढक अपनी अपनी टर्र टर्र आवाज में मंगल गा रहे हैं ( मंगल : वह गाना जब गाँव की स्त्रियाँ किसी शुभ अवसर पर गाती हैं ) और मोर मन को हरने वाला नाच कर रहे हैं ! जैसे पति की माँ या दूल्हन की सास बहु का स्वागत करती है ठीक उसी प्रकार प्रकृति माँ अपने वर्षा रानी बहु की मिटटी की सोंधी सुगंध रुपी अगरबत्ती से स्वागत करने आई है ! सभी पेड़ पौधे हर्ष से नाच गा रहे हैं जिसका साथ सनन सनन कर पुरवाई हवा भी दे रही है ! अब श्वेत भूमि ( जब गर्मियों से घास वगैरह सूख जाती है तो पृथ्वी बिना पानी के मिटटी के सफ़ेद सी लगती है ) को श्यामल रंग करके ( जब सब कुछ हराभरा हो जाता है ) अब बरखा रानी अपने प्रियतम या पति वर्ष / साल के साथ अपने सेज पर आकर अपने पति के अंक में समा गयी है ! यहाँ श्वेत भूमि को श्यामल रंग करना - अर्थात उजाले को ख़तम करके अँधेरा करना जैसा की सुहागरात के समय ! - Shwetabh Pathak ( श्वेताभ पाठक ) https://www.instagram.com/p/Cf0KiojPcZd/?igshid=NGJjMDIxMWI=
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tumblnewsindia · 2 years
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गर्मियों में रखें गर्भवती महिला विशेष ध्यान =डॉ प्रियंका शाही
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प्रसिद्ध गायनेकोलॉस्टिक डॉ प्रियंका शाही , पीएमचीएच , का कहना है कि गर्भावस्था के दौरान एक महिला को यूं तो कई तरह की समस्याओं से गुजरना पड़ता है लेकिन गर्मियों का मौसम उनकी इन परेशानियों को और बढ़ा सकता है. इस मौसम में हमेशा ठंडा खाने और पीने का मन करता है लेकिन गर्भावस्था के दौरान ज्यादा ठंडी चीजें खाने से सूजन की समस्या हो सकती है.
इसके अलावा इस मौसम में वजन, सूजन बढ़ाना, ब्लड प्रेशर की समस्या और दूसरी परेशानियों हो सकती हैं. अगर आप भी आने वाले कुछ महीनों में मां बनने वाली हैं तो गर्मी से बचने के लिए अपनाएं कुछ सेहतमंद उपाय...
- सारी ठंडी चीजें कैलोरी और चीनी से भरपूर नहीं होतीं हैं. आप केले या खीरे को ठंडा करके खा सकती हैं. इसके अलावा आप थोड़े से पीनट बटर या फलों में ठंडा दही मिला कर भी खा सकती हैं. आप किसी भी तरह की बेरीज को फ्रीज कर सकती हैं और उन्हें पानी या शिकंजी में डालकर पी सकती हैं. ये सब चीजें आपको गर्मी से राहत देंगी. डॉ प्रियंका शाही की कहना है कि
- गर्भावस्था में खासकर गर्मी के मौसम में जींस, जैगिंग्स या मोटी लैगिंग्स न पहनें. मैक्सी ड्रेसेज या फिर पतले-सूती कपड़े पहनें. कुल मिलाकर हल्के रंग के ढीले कपड़े पहनने से आपके शरीर को आराम मिलेगा. सैंडल्स, फ्लिप-फ्लॉप्स जैसे फुटवियर पहनें जो आगे से खुले हुए हों और इससे आपके पैर ठंडे रहेंगे. उन्हें हवा लगेगी और उनमें सूजन नहीं आएगी.
- नमक की वजह से शरीर में अतिरिक्त पानी इकट्ठा हो जाता है जो बाद में सूजन का कारण बनता है. रेडी टू ईट खाने में सोडियम काफी मात्रा में होता है इसलिए आप कोई भी चीज खाने से पहले उसका लेबल जरूर पढ़ लें. कच्ची सब्जियों और फल की मात्रा को अपनी डाइट का हिस्सा बनाएं.
- गर्मियों में डीहाइड्रेशन की समस्या सामान्य तौर पर हो जाती है. गर्भवती को तो खासकर इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि भरपूर मात्रा में पानी और अन्य तरल पीएं ताकि आप खुद को गर्मी से बचा सकें. इसके अलावा बिना चीनी मिले हुए जूस भी पी सकती हैं.
- जब भी आपको बहुत ज्यादा गर्मी लगने लगे, आप शॉवर के नीचे खड़ी हो जाएं और बाल गीले करना न भूलें. इससे आप खुद को ठंडा महसूस करने के साथ-साथ साफ भी महसूस करेंगी.
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