उगादी, गुड़ी पड़वा 2021: तिथि, पूजा विधान, समय, महत्व और महत्व
उगादी, गुड़ी पड़वा 2021: तिथि, पूजा विधान, समय, महत्व और महत्व
उगादी, गुड़ी पड़वा 2021: तिथि, पूजा विधान, समय, महत्व और महत्व।
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PICS में: अंकिता लोखंडे एक पारंपरिक नौवारी साड़ी में ड्रॉप-डेड-गॉर्जियस लग रही हैं, जैसे कि उन्होंने जूड़ी पड़वा मनाई
PICS में: अंकिता लोखंडे एक पारंपरिक नौवारी साड़ी में ड्रॉप-डेड-गॉर्जियस लग रही हैं, जैसे कि उन्होंने जूड़ी पड़वा मनाई
IN PICS: अंकिता लोखंडे एक पारंपरिक नौवारी साड़ी में ड्रॉप-डेड-गॉर्जियस लग रही हैं क्योंकि वह गुड़ी पड़वा मनाती हैं।
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मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पत्नी श्रीमती साधना सिंह के साथ गुड़ी पड़वा पर स्थापित की गुड़ी
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पत्नी श्रीमती साधना सिंह के साथ गुड़ी पड़वा पर स्थापित की गुड़ी
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🚩 मकर संक्रांति के बारे में ये जरूर जाना ले, अनुपम लाभ होगा -12 जनवरी 2021
🚩 हिन्दू संस्कृति अति प्राचीन संस्कृति है, उसमें अपने जीवन पर प्रभाव पड़ने वाले ग्रह, नक्षत्र के अनुसार ही वार, तिथि त्यौहार बनाये गये हैं । इसमें से एक है मकर संक्रांति..!! इस साल 14 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जायेगी ।
🚩 सनातन हिंदू धर्म ने माह को दो भागों में बाँटा है- कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष । इसी तरह वर्ष को भी दो भागों में बाँट रखा है। पहला उत्तरायण और दूसरा दक्षिणायन। उक्त दो अयन को मिलाकर एक वर्ष होता है ।
🚩 मकर संक्रांति के दिन सूर्य पृथ्वी की परिक्रमा करने की दिशा बदलते हुए थोड़ा उत्तर की ओर ढलता जाता है, इसलिए इस काल को उत्तरायण कहते हैं ।
🚩 ईसी दिन से अलग-अलग राज्यों में गंगा नदी के किनारे माघ मेला या गंगा स्नान का आयोजन किया जाता है । कुंभ के पहले स्नान की शुरुआत भी इसी दिन से होती है ।
🚩 सूर्य पर आधारित हिंदू धर्म में मकर संक्रांति का बहुत अधिक महत्व माना गया है । वेद और पुराणों में भी इस दिन का विशेष उल्लेख मिलता है । होली, दीपावली, दुर्गोत्सव, शिवरात्रि और अन्य कई त्यौहार जहाँ विशेष कथा पर आधारित हैं, वहीं मकर संक्रांति खगोलीय घटना है, जिससे जड़ और चेतन की दशा और दिशा तय होती है । मकर संक्रांति का महत्व हिंदू धर्मावलंबियों के लिए वैसा ही है जैसे वृक्षों में पीपल, हाथियों में ऐरावत और पहाड़ों में हिमालय ।
🚩 सूर्य के धनु से मकर राशि में प्रवेश को उत्तरायण माना जाता है । इस राशि परिवर्तन के समय को ही मकर संक्रांति कहते हैं । यही एकमात्र पर्व है जिसे समूचे भारत में मनाया जाता है, चाहें इसका नाम प्रत्येक प्रांत में अलग-अलग हो और इसे मनाने के तरीके भी भिन्न हो, किंतु यह बहुत ही महत्व का पर्व है ।
🚩 विभिन्न राज्यों में अलग-अलग नाम से मनाया जाता है:-
उत्तर प्रदेश : मकर संक्रांति को खिचड़ी पर्व कहा जाता है । सूर्य की पूजा की जाती है । चावल और दाल की खिचड़ी खाई और दान की जाती है ।
गुजरात और राजस्थान : उत्तरायण पर्व के रूप में मनाया जाता है। पतंग उत्सव का आयोजन किया जाता है ।
आंध्रप्रदेश : संक्रांति के नाम से तीन दिन का पर्व मनाया जाता है ।
तमिलनाडु : किसानों का ये प्रमुख पर्व पोंगल के नाम से मनाया जाता है । घी में दाल-चावल की खिचड़ी पकाई और खिलाई जाती है ।
महाराष्ट्र : लोग गजक और तिल के लड्डू खाते हैं और एक दूसरे को भेंट देकर शुभकामनाएं देते हैं ।
पश्चिम बंगाल : हुगली नदी पर गंगा सागर मेले का आयोजन किया जाता है ।
असम : भोगली बिहू के नाम से इस पर्व को मनाया जाता है ।
🚩पंजाब : एक दिन पूर्व लोहड़ी पर्व के रूप में मनाया जाता है । धूमधाम के साथ समारोहों का आयोजन किया जाता है ।
🚩 इसी दिन से हमारी धरती एक नए वर्ष में और सूर्य एक नई गति में प्रवेश करता है। वैसे वैज्ञानिक कहते हैं कि 21 मार्च को धरती सूर्य का एक चक्कर पूर्ण कर लेती है तो इसे माने तो नववर्ष तभी मनाया जाना चाहिए। इसी 21 मार्च के आसपास ही विक्रम संवत का नववर्ष शुरू होता है और गुड़ी पड़वा मनाया जाता है, किंतु 14 जनवरी ऐसा दिन है, जबकि धरती पर अच्छे दिन की शुरुआत होती है। ऐसा इसलिए कि सूर्य दक्षिण के बजाय अब उत्तर को गमन करने लग जाता है। जब तक सूर्य पूर्व से दक्षिण की ओर गमन करता है तब तक उसकी किरणों को ठीक नहीं माना गया है, लेकिन जब वह पूर्व से उत्तर की ओर गमन करने लगता है तब उसकी किरणें सेहत और शांति को बढ़ाती हैं।
🚩 महाभारत में पितामह भीष्म ने सूर्य के उत्तरायण होने पर ही स्वेच्छा से शरीर का परित्याग किया था, कारण कि उत्तरायण में देह छोड़ने वाली आत्माएँ या तो कुछ काल के लिए देवलोक में चली जाती हैं या पुनर्जन्म के चक्र से उन्हें छुटकारा मिल जाता है।
🚩 दक्षिणायन में देह छोड़ने पर बहुत काल तक आत्मा को अंधकार का सामना करना पड़ सकता है । सब कुछ प्रकृति के नियम के तहत है, इसलिए सभी कुछ प्रकृति से बद्ध है । पौधा प्रकाश में अच्छे से खिलता है, अंधकार में सिकुड़ भी सकता है । इसीलिए मृत्यु हो तो प्रकाश में हो ताकि साफ-साफ दिखाई दे कि हमारी गति और स्थिति क्या है ।
🚩 क्या करे मकर संक्रांति में? मकर संक्रांति या उत्तरायण दान-पुण्य का पर्व है । इस दिन किया गया दान-पुण्य, जप-तप अनंतगुना फल देता है । इस दिन गरीब को अन्नदान, जैसे तिल व गुड़ का दान देना चाहिए। इसमें तिल या तिल के लड्डू या तिल से बने खाद्य पदार्थों को दान देना चाहिए । कई लोग रुपया-पैसा भी दान करते हैं।
मकर संक्रांति के दिन साल का पहला पुष्य नक्षत्र है मतलब खरीदारी के लिए बेहद शुभ दिन ।
उत्तरायण के दिन भगवान सूर्यनारायण के इन नामों का जप विशेष हितकारी है ।
ॐ मित्राय नमः । ॐ रवये नमः ।
ॐ सूर्याय नमः । ॐ भानवे नमः ।
ॐ खगाय नमः । ॐ पूष्णे नमः ।
ॐ हिरण्यगर्भाय नमः । ॐ मरीचये नमः ।
ॐ आदित्याय नमः । ॐ सवित्रे नमः ।
ॐ अर्काय नमः । ॐ भास्कराय नमः ।
ॐ सवितृ सूर्यनारायणाय नमः ।
🚩 ॐ ह्रां ह्रीं सः सूर्याय नम:। इस मंत्र से सूर्यनारायण की वंदना करनी चाहिए। उनका चिंतन करके प्रणाम करना चाहिए। इससे सूर्यनारायण प्रसन्न होंगे, निरोगता देंगे और अनिष्ट से भी रक्षा करेंगे।
🚩 यदि इस दिन नदी तट पर जाना संभव नहीं है, तो अपने घर के स्नानघर में पूर्वाभिमुख होकर जल पात्र में तिल मिश्रित जल से स्नान करें । साथ ही समस्त पवित्र नदियों व तीर्थ का स्मरण करते हुए ब्रह्मा, विष्णु, रूद्र और भगवान भास्कर का ध्���ान करें । साथ ही इस जन्म के पूर्व जन्म के ज्ञात अज्ञात मन, वचन, शब्द, काया आदि से उत्पन्न दोषों की निवृत्ति हेतु क्षमा याचना करते हुए सत्य धर्म के लिए निष्ठावान होकर सकारात्मक कर्म करने का संकल्प लें । जो संक्रांति के दिन स्नान नहीं करता.... वह 7 जन्मों तक निर्धन और रोगी रहता है ।
🚩 तिल का महत्व :-विष्णु धर्मसूत्र में उल्लेख है कि मकर संक्रांति के दिन तिल का 6 प्रकार से उपयोग करने पर जातक के जीवन में सुख व समृद्धि आती है ।
★ तिल के तेल से स्नान करना ।
★ तिल का उबटन लगाना ।
★ पितरों को तिलयुक्त तेल अर्पण करना।
★ तिल की आहुति देना ।
★ तिल का दान करना ।
★ तिल का सेवन करना।
🚩 ब्रह्मचर्य बढ़ाने के लिए :-
ब्रह्मचर्य रखना हो, संयमी जीवन जीना हो, वे उत्तरायण के दिन भगवान सूर्यनारायण का सुमिरन करें, जिससे बुद्धि में बल बढ़े ।
ॐ सूर्याय नमः... ॐ शंकराय नमः...
ॐ गं गणपतये नमः... ॐ हनुमते नमः...
ॐ भीष्माय नमः... ॐ अर्यमायै नमः...
ॐ... ॐ...
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गुड़ी पड़वा पर होने वाली सास ने दिशा परमार को दिया यह स्पेशल गिफ्ट, निहारते रहे राहुल वैद्य Divya Sandesh
#Divyasandesh
गुड़ी पड़वा पर होने वाली सास ने दिशा परमार को दिया यह स्पेशल गिफ्ट, निहारते रहे राहुल वैद्य
13 अप्रैल को गुड़ी पड़वा () है, जिसे पूरे महाराष्ट्र में धूमधाम से मनाया जाता है और इसी दिन से नवरात्रि (Navratri 2021) भी शुरू हैं। फिल्म और टीवी स्टार्स भी इस त्योहार के जश्न में डूबे हुए हैं। राहुल वैद्य () और दिशा परमार () तो कुछ ज्यादा ही एक्साइटेड हैं।
आखिरकार साथ में उनकी यह पहली गुड़ी पड़वा (Rahul Vaidya Disha Parmar first Gudi Padwa) जो है। इस मौके पर दिशा परमार को अपनी होने वाली सास यानी राहुल वैद्य की मम्मी से बहुत ही खास गिफ्ट मिला, जिसे राहुल वैद्य भी निहारते रह गए।
सासू मां ने दी नौवारी साड़ी और नथ
राहुल ने ईटाइम्स के साथ बात करते हुए बताया कि उनकी मां ने दिशा परमार को महाराष्ट्र की ट्रडिशनल नौवारी साड़ी और नथ गिफ्ट में दी। दिशा ने गुड़ी पड़वा पर वही साड़ी और नथ पहनी, जिसमें वह बहुत ही खूबसूरत लग रही थीं। राहुल की मानें तो दिशा बहुत ही स्टनिंग लग रही थीं और वह बस उन्हें ही निहार रहे थे।
राहुल वैद्य और दिशा परमार की पहली गुड़ी पड़वा
दिशा परमार पिछले 8 सालों से मुंबई में रह रही हैं, पर यह पहली बार है जब वह गुड़ी पड़वा मना रही हैं। वह बोलीं, ‘अब मेरा पार्टनर महाराष्ट्रियन है तो इसलिए मैं अब गुड़ी पड़वा के बारे में और जानने के लिए उत्सुक हूं। हालांकि मैंने इस फेस्टिवल को अपने पिछले शो ‘वो अपना सा’ के सेट पर मनाया था, पर यह मेरा पहला प्रॉपर सेलिब्रेशन है।’
गुड़ी पड़वा पर महाराष्ट्रियन डिशेज बनाएंगी दिशा
दिशा ने आगे बताया कि इस बार वह राहुल और उनकी फैमिली के लिए महाराष्ट्र की कुछ लजीज डिशेज बनाएंगी। चूंकि उन्हें कुकिंग अच्छी तरह नहीं आती है तो इसमें वह अपनी होने वाली सासू मां की मदद लेंगी।
पढ़ें: ‘बिग बॉस 14’ में प्यार का इकरार, अब जल्द करेंगे शादी
राहुल वैद्य और दिशा परमार काफी वक्त से एक-दूसरे को जानते थे, लेकिन ‘बिग बॉस 14’ में राहुल वैद्य ने दिशा को शादी के लिए प्रपोज किया था। दिशा ने भी बिग बॉस के घर में जाकर ही फिल्मी स्टाइल में प्रपोजल स्वीकार किया। इस वक्त दोनों की शादी की तैयारियां चल रही हैं। राहुल ने इंटरव्यू में बताया था कि वो कुछ महीनों में शादी कर लेंगे और अभी डेट फिक्स नहीं हुई है।
म्यूजिक वीडियो में फिर साथ दिखेंगे राहुल और दिशा
दिशा और राहुल जल्द ही एक म्यूजिक वीडियो में नजर आने वाले हैं। हाल ही इस म्यूजिक वीडियो से कुछ तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए थे, जिसमें राहुल और दिशा दूल्हा-दुलहन के लिबास में नजर आ रहे थे। कहा जाने लगा कि राहुल वैद्य और दिशा परमार ने गुपचुप शादी कर ली है। तब राहुल ने कहा था कि वह म्यूजिक वीडियो का हिस्सा है। उन्होंने अभी शादी नहीं की है और जब भी शादी करेंगे डंके की चोट पर करेंगे।
इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए करें।
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Connect To India की तरफ से हिन्दू नव वर्ष, गुड़ी पड़वा और नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं
#WebFactचैत्र मास को हिंदू वर्ष का पहला महीना होता है। चैत्र मास में शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से नवसंवत्सर आरंभ होता है। इस बार 13 अप्रैल 2021 को विक्रम संवत 2078 को हिंदू नववर्ष मनाया जाएगा। संवत्सर की शुरुआत राजा विक्रमादित्य के द्वारा की गई थी, इसलिए इसे विक्रम संवत कहा जाता है। यह अंग्रेजी कैलेंडर से 57 वर्ष आगे है। जहां अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार वर्ष 2021 चल रहा है तो वहीं नवसंवत्सर 2078 होगा। शास्त्रों में कुल 60 संवत्सर बताए गए हैं और इन 60 संवत्सर को तीन हिस्सों में बांटा जाता है। इनके अलग अलग क्रमशः नाम होते हैं। #NewYear #VikramSamvat2078 #navratri #gudipadwa
Connect To India 𝙰 𝙿𝚛𝚘𝚏𝚎𝚜𝚜𝚒𝚘𝚗𝚊𝚕 𝚆𝚎𝚋 𝙳𝚎𝚟𝚎𝚕𝚘𝚙𝚖𝚎𝚗𝚝 𝙲𝚘𝚖𝚙𝚊𝚗𝚢
#ConnectToIndia #CTI #AdvertisingAgency
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गुड़ी पड़वा 2021: सिर्फ 30 मिनट में नियमित श्रीखंड ए 'केसरी' ट्विस्ट दें - पकाने की विधि https://tinyurl.com/yffdnfed #39कसर39 #ए #क #गड #टवसट #द #नयमत #पकन #पडव #म #मनट #वध #शरखड #सरफ
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नव संवत्सर 2078 : जानिए कैसा रहेगा नया वर्ष #news4
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार फाल्गुन माह अंतिम माह होता है इसके बाद चैत्र माह का प्रारंभ हो जाता है। इस बार चैत्र माह का प्रारंभ अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 29 मार्च 2021 को प्रारंभ हो गया है। माह की शुरुआत तो कृष्ण पक्ष एक से ही 29 मार्च को प्रारंभ हो गई। परंतु प्रतिपदा से नववर्ष प्रारंभ होने के कारण 13 अप्रैल 2021 से बड़ी नवरात्रि प्रारंभ होगी और इसी दिन गुड़ी पड़वा भी है। तभी से विक्रम संवत 2078 भी…
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2021 में आने वाले हैं ये प्रमुख तीज त्योहार, यहां देखें हर महीने की लिस्ट
चैतन्य भारत न्यूज
साल 2021 यानी नए साल के आते ही हर कोई जानना चाहता है कि कौन-सा त्योहार कब पड़ रहा है। इसलिए हम आपको वैदिक ज्योतिष कैलेंडर के अनुसार साल 2021 में पड़ने वाले त्योहार और व्रत की तारीख के बारे में बता रहे हैं। तो आइए जानते हैं इस नववर्ष में कौन-सा त्योहार कब पड़ेगा?
2 जनवरी, शनिवार- संकष्टी चतुर्थी व्रत
6 जनवरी, बुधवार- रुक्मिणी अष्टमी
9 जनवरी, शनिवार- सफला एकादशी
13 जनवरी, बुधवार- लोहड़ी/ स्नानदान अमावस्या
14 जनवरी, बृहस्पतिवार- मकर संक्रांति/ पोंगल
16 जनवरी, शनिवार- विनायक चतुर्थी
20 जनवरी, बुधवार- गुरु गोविंद सिंह जयंती
24 जनवरी, रविवार- पुत्रदा एकादशी
26 जनवरी, मंगलवार- भौम प्रदोष व्रत
28 जनवरी, बृहस्पतिवार- पौष पूर्णिमा
31 जनवरी, रविवार, तिल चतुर्थी व्रत
6 फरवरी, शनिवार- भीष्म पितामह जयंती
7 फरवरी, रविवार- षटतिला एकादशी
11 फरवरी, बृहस्पतिवार- मौनी अमावस्या
15 फरवरी, सोमवार- तिल कुंद चतुर्थी
16 फरवरी, मंगलवार- बसंत पंचमी
19 फरवरी, शुक्रवार- नर्मदा जयंती
20 फरवरी, शनिवार- भीष्माष्टमी
23 फरवरी, मंगलवार- एजा एकादशी
27 फरवरी, शनिवार- माघी पूर्णिमा
2 मार्च, मंगलवार- गणेश चतुर्थी
6 मार्च, शनिवार- सीताष्टमी
9 मार्च, मंगलवार- विजया एकादशी
11 मार्च, बृहस्पतिवार- महाशिवरात्रि
24 मार्च, बुधवार- आमल एकादशी
28 मार्च, रविवार- होलिका दहन
29 मार्च, सोमवार- धुरेड़ी
30 मार्च, मंगलवार- चित्रगुप्त पूजन
31 मार्च, बुधवार- गणेश चतुर्थी
2 अप्रैल, शुक्रवार- रंगपंचमी/ गुड फ्राइडे
4 अप्रैल, रविवार- शीतला सप्तमी
5 अप्रैल, सोमवार- शीतला अष्टमी
7 अप्रैल, बुधवार- पापमोचनी एकादशी व्रत
12 अप्रैल, शुक्रवार- सोमवती अमावस्या
13 अप्रैल, शनिवार- चैत्र नवरात्रि आरंभ/ गुड़ी पड़वा
15 अप्रैल, सोमवार- गणगौर तीज
21 अप्रैल, बुधवार- श्रीराम नवमी
23 अप्रैल, शुक्रवार- कामदा एकादशी
25 अप्रैल, रविवार- महावीर जयंती
27 अप्रैल, मंगलवार- हनुमान जयंती
7 मई, शुक्रवार- वरुथिनि एकादशी
14 मई, बुधवार- परशुराम जयंती/ अक्षय तृतीया
18 मई, बृहस्पतिवार- गंगा सप्तमी
22 मई, शनिवार- ���ोहिनी एकादशी
25 मई, मंगलवार- भगवान नरसिंह जयंती
26 मई, बुधवार- वैशाखी पूर्णिमा
6 जून, रविवार- अचला एकादशी
10 जून, बृहस्पतिवार- शनि जयंती
19 जून, शनिवार- महेश नवमी
20 जून, रविवार- गंगा दशहरा
21 जून, सोमवार- निर्जला एकादशी व्रत
24 जून, बृहस्पतिवार- व्रट पूर्णिमा व्रत
5 जुलाई, सोमवार- योगिनी एकादशी
9 जुलाई, शुक्रवार- हल हारिणी अमावस्या
13 जुलाई, मंगलवार- अंगारक चतुर्थी
18 जुलाई, रविवार- भड़ली नवमी
20 जुलाई, मंगलवार- देवशयनी एकादशी व्रत
21 जुलाई, बुधवार- वामन एकादशी
22 जुलाई, बृहस्पतिवार- विजया पार्वती व्रत
24 जुलाई, शनिवार- गुरु पूर्णिमा
27 जुलाई, मंगलवार- अंगारक चतुर्थी/ मंगला गौरी व्रत
3 अगस्त, मंगलवार- मंगला गौरी व्रत
4 अगस्त, बुधवार- कामिका एकादशी व्रत
8 अगस्त, रविवार- हरियाली एकादशी
11 अगस्त, बुधवार- हरियाली तीज
12 अगस्त, बृहस्पतिवार- दूर्वा गणपति व्रत
13 अगस्त, शनिवार- नाग पंचमी
17 अगस्त, बृहस्पतिवार- मंगला गौरी व्रत/ पवित्रा एकादशी
21 अगस्त, सोमवार- ओनम
22 अगस्त, मंगलवार- रक्षाबंधन
25 अगस्त, शुक्रवार- बहुला चतुर्थी
28 अगस्त, सोमवार- हरछठ
30 अगस्त, बुधवार- श्रीकृष्ण जन्माष्टमी
2 सितंबर, बृहस्पतिवार- जया एकादशी
3 सितंबर, शुक्रवार- गोवत्स एकादशी
6 सितंबर, सोमवार- कुशग्रहण अमावस्या
9 सितंबर, बृहस्पतिवार- हरितालिका तीज
10 सितंबर, शुक्रवार- गणेश उत्सव आरंभ
11 सिंतबर, शनिवार- ऋषि पंचमी
12 सितंबर, रविवार- मोरयाई छठ
14 सितंबर, मंगलवार- राधाष्टमी
16 सितंबर, बृहस्पतिवार- तेजा दशमी
17 सितंबर, शुक्रवार- डोल ग्यारस
19 सितंबर, रविवार- अनंत चतुर्दशी
21 सितंबर- मंगलवार- पितृ पक्ष शुरू
28 सितंबर, मंगलवार- महालक्ष्मी व्रत
2 अक्टूबर, शनिवार- इंदिरा एकादशी
6 अक्टूबर, बुधवार- पितृमोक्ष अमावस्या
7 अक्टूबर, बृहस्पतिवार- शारदीय नवरात्रि आरंभ
10 अक्टूबर, रविवार- उपांग ललिता व्रत
13 अक्टूबर, बुधवार- दुर्गा अष्टमी व्रत
14 अक्टूबर, बृहस्पतिवार- दुर्गा नवमी व्रत
15 अक्टूबर, शुक्रवार- विजयादशमी
16 अक्टूबर, शनिवार- पापांकुशा एकादशी
20 अक्टूबर, बुधवार- शरद पूर्णिमा
24 अक्टूबर, रविवार- करवा चौथ
26 अक्टूबर, मंगलवार- स्कंद षष्ठी व्रत
1 नवंबर, सोमवार- रंभा एकादशी व्रत
2 नवंबर, मंगलवार- धनतेरस
3 नवंबर, बुधवार- रूप चतुर्थी
4 नवंबर, बृहस्पतिवार- दीपावली
5 नवंबर, शुक्रवार- गोवर्धन पूजा
6 नवंबर, शनिवार- भाई दूज
10 नवंबर, बुधवार- छठ पूजा
12 नवंबर, शुक्रवार- गोपाष्टमी
13 नवंबर, शनिवार- अक्षय नवमी
15 नवंबर, सोमवार- देवउठनी एकादशी
18 नवंबर, बृहस्पतिवार- बैकुंठ चतुर्दशी व्रत
19 नवंबर, शुक्रवार- कार्तिक पूर्णिमा
27 नवंबर, शनिवार- कालभैरव अष्टमी
30 नवंबर- उत्पन्ना एकादशी\
7 दिसंबर, मंगलवार- विनायक चतुर्थी
8 दिसंबर, बुधवार- विवाह पंचमी
14 दिसंबर, मंगलवार- मोक्षदा एकादशी
18 दिसंबर, शनिवार- दत्त पूर्णिमा
25 दिसंबर, शनिवार- क्रिसमस
27 दिसंबर, सोमवार- रुक्मणी अष्टमी
30 दिसंबर, बृहस्पतिवार- सफला एकादशी
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हैप्पी गुड़ी पड़वा 2021: चित्र, स्थिति, उद्धरण, संदेश, तस्वीरें और शुभकामनाएं
हैप्पी गुड़ी पड़वा 2021: चित्र, स्थिति, उद्धरण, संदेश, तस्वीरें और शुभकामनाएं
हैप्पी गुड़ी पड़वा 2021 विशेज इमेजेज, कोट्स, स्टेटस, मैसेज, फोटोज: चैत्र के पहले महीने में मनाया जाता है, गुड़ी पड़वा मुख्य रूप से महाराष्ट्र और गोवा में लोगों द्वारा मनाया जाता है। यह त्योहार दो शब्दों से अपना नाम रखता है – ‘गुड़ी’ जो भगवान ब्रह्मा और ‘पडवा’ का ध्वज है जो चंद्रमा के चरण के पहले दिन का प्रतीक है।
त्योहार गर्म दिनों और वसंत के मौसम की शुरुआत का संकेत देते हैं। इसे देश के विभिन्न…
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गुड़ी पड़वा 2021: सिर्फ 30 मिनट में नियमित श्रीखंड ए 'केसरी' ट्विस्ट दें - पकाने की विधि
गुड़ी पड़वा 2021: सिर्फ 30 मिनट में नियमित श्रीखंड ए ‘केसरी’ ट्विस्ट दें – पकाने की विधि
भारत आज एक उत्सव मोड पर है। देश भर के अलग-अलग राज्यों में आज नववर्ष मनाया जा रहा है, जो कि कैलेंडर के अनुसार है। जबकि इसे उत्तर भारत में बैसाखी के रूप में जाना जाता है, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में लोग इस दिन को उगादी कहते हैं। इसी तरह, मराठी और कोंकणी लोग इस दिन को गुड़ी पड़वा के रूप में मनाते हैं। यह व्यापक रूप से महाराष्ट्र और गोवा में मनाया जाता है, जहां लोग एक विशेष गुड़ी झंडा बनाते…
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हैप्पी उगादी, गुड़ी पड़वा 2021: विशेज इमेजेज, स्टेटस, कोट्स, व्हाट्सएप मैसेज और फोटोज
हैप्पी उगादी, गुड़ी पड़वा 2021: विशेज इमेजेज, स्टेटस, कोट्स, व्हाट्सएप मैसेज और फोटोज
हैप्पी उगादि, गुड़ी पड़वा 2021 छवियाँ, संदेश, तस्वीरें, और स्थिति: इस साल 13 अप्रैल को मनाया जाने वाला उगादी, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक राज्यों में नए साल का दिन है। यह त्योहार चैत्र के हिंदू ��ंद्र कैलेंडर महीने के पहले दिन मनाया जाता है, जो आमतौर पर अप्रैल में पड़ता है।
इस दिन को नए कपड़े खरीदने और उपहार देने, रंगोली या मग्गुलु नामक फर्श पर रंगीन पैटर्न खींचने और उत्सव के व्यंजनों पर…
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देखिए: मैरी मिलबेन, यूएस सिंगर ने भारतीयों को बधाई दी, संस्कृत के श्लोक पढ़े
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हिंदू नव वर्ष 2021: मैरी मिलिबेन ने भारत को ‘हैप्पी न्यू ईयर’ की बधाई देते हुए, अमृत श्लोक गाया
भारत आज गुड़ी पड़वा, उगादि और अन्य शुभ नव वर्ष की मेजबानी कर रहा है। खुशी के मौके पर, लोकप्रिय अमेरिकी गायिका, मैरी मिलबेन ने संस्कृत का पाठ करके दुनिया भर में, विशेष रूप से भारत में भारतीय समुदायों को शुभकामनाएं दीं। श्लोक। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, कई मैंndian ने मंगलवार को नए साल की शुरुआत की। मैरी…
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गुड़ी पड़वा 2021: 5 तरीके घर में गुड़ी पड़वा मनाने के लिए
गुड़ी पड़वा 2021: 5 तरीके घर में गुड़ी पड़वा मनाने के लिए
Happy Gudi Padwa 2021: इस साल घर पर गुड़ी पड़वा का आनंद लें
गुड़ी पड़वा, महाराष्ट्रियन नव वर्ष 13 अप्रैल को है। गुड़ी पड़वा को पारंपरिक रूप से बड़े उत्साह के साथ चिह्नित किया जाता है, लेकिन इस वर्ष उग्र कोविद महामारी के कारण, समारोह कम महत्वपूर्ण हैं। जगह-जगह कई सख्त कोविद -19 प्रोटोकॉल हैं और किसी भी सार्वजनिक सभा की अनुमति नहीं है। लेकिन महामारी को खराब न होने दें गुडी पडवा; बाहर कदम रखने के…
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चैत्र नवरात्रि 2021: यहाँ बताया गया है कि यह दिन 1 आमिद कोविद कैसे दिखता है। पिक्स देखें
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चैत्र नवरात्रि 2021 छवियाँ: दिल्ली के झंडेवालान मंदिर में चैत्र नवरात्रि का पहला दिन
आज चैत्र नवरात्रि का पहला दिन है। यह दूसरा चैत्र नवरात्रि कोविद -19 महामारी के बीच एक पंक्ति में। चैत्र नवरात्रि देश में सबसे लोकप्रिय त्योहारों में से एक है और एक ऐसा समय भी है जब कई राज्य नए साल या हिंदू नववर्ष का स्वागत करते हैं। जबकि महाराष्ट्र गुड़ी पड़वा, कर्णताल, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में उगादी मनाता…
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Bank Holiday: जल्द से जल्द निपटा ले बैंक से जुड़ा काम, 15 दिन बंद रहने वाले हैं बैंक Divya Sandesh
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Bank Holiday: जल्द से जल्द निपटा ले बैंक से जुड़ा काम, 15 दिन बंद रहने वाले हैं बैंक
डेस्क। एक बार फिर 15 दिन तक बैंक बंद रहने वाले हैं। 1 अप्रैल से नए वित्त वर्ष 2021-22 की शुरुआत हो रही है। वहीं महीने के शुरू में ही यह जान लेना जरूरी है कि बैंक कब कब बंद रहेंगे यानी बैंकों में कब कब छुट्टियां रहेंगी। जानकारी के मुताबिक, अप्रैल महीने में 15 दिन बैंक बंद रहेंगे। इस महीने बैंकों में 8 छुट्��ियों तो त्योहारों के कारण हो रही है। इस महीने राम नवमी, गुड फ्राइडे, बिहू, बाबू जगजीवन राम के जन्मदिन जैसे विभिन्न त्योहार आ रहे हैं। तमिल नव वर्ष भी इसी महीने मनाया जाएगा।
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1 अप्रैल 2021, गुरुवार: ओडिशा दिवस (ओडिशा में अवकाश)
2 अप्रैल 2021 शुक्रवार: गुड फ्राइडे (कई राज्यों में में अवकाश)
6 अप्रैल 2021 सोमवार: महावीर जयंती (कई राज्यों में अवकाश)
13 अप्रैल 2021 मंगलवार: उगादि / तेलुगु नववर्ष / बोहाग बिहू / गुड़ी पड़वा / वैसाख (कई राज्यों में अवकाश)
14 अप्रैल 2021 बुधवार: डॉ. अम्बेडकर जयंती / सम्राट अशोक की जयंती / तमिल नव वर्ष / महा विशुबा संक्रांति / बोहाग बिहू / चीरोबा (कई राज्यों में अवकाश)
15 अप्रैल 2021 गुरुवार: हिमाचल दिवस (हिमाचल प्रदेश में अवकाश)
21 अप्रैल 2021 बुधवार: राम नवमी / गरिया पूजा (कई राज्यों में अवकाश)
25 अप्रैल 2021 रविवार: महावीर जयंती (कई राज्यों में अवकाश)
अप्रैल में रविवार और शनिवार की छुट्टियां:
4 अप्रैल – रविवार
10 अप्रैल – दूसरा शनिवार
11 अप्रैल – रविवार
18 अप्रैल – रविवार
24 अप्रैल – चौथा शनिवार
25 अप्रैल – रविवार
बहरहाल, भले ही बैंक इन दिनों बंद रहेंगे, लेकिन मोबाइल और इंटरनेट बैंकिंग हमेशा की तरह चालू रहेगी, इसलिए ग्राहक ऑनलाइन मोड के माध्यम से लेनदेन कर सकते हैं। यहां जानिए अप्रैल में कब कब बैंकों में रहेगी छुट्टियां
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