मरवाही सीट से चुनावी मैदान पर उतर सकते है ये बीजेपी नेता
आगामी कुछ महीने में छत्तीसगढ़ में विधान सभा चुनाव होने जा रहा हैं, वही अब मरवाही में कुछ महीने पूर्व भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए वरिष्ठ आदिवासी नेता और छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम के अध्यक्ष नंदकुमार साय ने मरवाही विधानसभा से चुनाव लड़ने की मंशा जाहिर की है। उन्होंने पत्रकारों से चर्चा करते हुए एक सवाल के जवाब में कहा कि यदि पार्टी उन्हें मरवाही विधानसभा से खड़ा करती है तो वे पूरे…
View On WordPress
0 notes
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा 5 और 6 जनवरी को चुनावी राज्य कर्नाटक का दौरा करेंगे
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा 5 और 6 जनवरी को चुनावी राज्य कर्नाटक का दौरा करेंगे
छवि स्रोत: पीटीआई / फ़ाइल भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा चुनावी राज्य कर्नाटक का दौरा करेंगे
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा 5 और 6 जनवरी को चुनावी राज्य कर्नाटक के दो दिवसीय दौरे पर होंगे। वह तुमकुरु, चित्रदुर्ग और दावणगेरे जिलों का दौरा करेंगे, इस दौरान पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ बैठकों में भाग लेंगे। , वह प्रमुख वीरशैव मदरसा- सिद्धगंगा मठ सहित कुछ प्रमुख…
View On WordPress
0 notes
Brahmin Saansadon ka Bhaaratiya Raajaniti Mein Badhata Dabdaba
भारत की राजनीति में जाति का महत्वपूर्ण स्थान रहा है। समय के साथ कई जातियों और वर्गों ने सत्ता में अपनी पकड़ मजबूत की है। इन्हीं जातियों में ब्राह्मण समुदाय भी एक प्रमुख भूमिका में रहा है। "भारत में ब्राह्मण सांसद" इस बात का प्रमाण है कि भारतीय लोकतंत्र में यह जाति सदियों से प्रभावी भूमिका निभाती आई है। चाहे वह स्वतंत्रता संग्राम का दौर हो या आधुनिक लोकतांत्रिक व्यवस्था, ब्राह्मण समाज ने सत्ता के विभिन्न स्तरों पर अपनी उपस्थिति दर्ज की है।
ब्राह्मणों का ऐतिहासिक और राजनीतिक महत्व
भारतीय समाज में ब्राह्मणों का स्थान सदियों से ऊँचा माना जाता रहा है। उन्हें विद्या, धर्म, और नीति का संरक्षक माना गया है। प्राचीन समय से ही यह समुदाय राजा और शासकों के सलाहकार की भूमिका में रहा है। वे न केवल धार्मिक कार्यों में अग्रणी रहे, बल्कि नीति-निर्धारण और प्रशासनिक जिम्मेदारियों में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
आधुनिक भारत में भी ब्राह्मणों ने स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर संविधान सभा तक अपनी पहचान बनाई है। महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, राजेन्द्र प्रसाद, और गोविंद बल्लभ पंत जैसे प्रमुख नेताओं का संबंध ब्राह्मण समुदाय से रहा है, जिन्होंने भारतीय राजनीति में महत्वपूर्ण योगदान दिया। स्वतंत्रता के बाद से भारत में ब्राह्मण सांसदों की संख्या और उनका प्रभाव लगातार बना हुआ है, हालांकि यह समय-समय पर घटता-बढ़ता रहा है।
ब्राह्मण सांसदों की वर्तमान स्थिति
भारत में ब्राह्मण सांसदों की स्थिति समय के साथ बदलती रही है। 1950 और 1960 के दशक में, जब कांग्रेस पार्टी का प्रभुत्व था, तब ब्राह्मण नेता भारतीय राजनीति में शीर्ष पर थे। पंडित जवाहरलाल नेहरू से लेकर इंदिरा गांधी तक, कई प्रमुख नेता ब्राह्मण समाज से थे। लेकिन समय के साथ, विशेष रूप से 1980 के दशक के बाद, मंडल आयोग और पिछड़ी जातियों के आरक्षण के बाद, जातिगत राजनीति ने एक नया मोड़ लिया।
हालांकि, इसके बावजूद, आज भी संसद और राज्य विधानसभाओं में ब्राह्मण सांसदों का महत्वपूर्ण स्थान है। वे न केवल बड़े राजनीतिक दलों के प्रमुख नेता बने हुए हैं, बल्कि कई राज्यों में मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री जैसे महत्वपूर्ण पदों पर भी आसीन हैं। उदाहरण के तौर पर उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में ब्राह्मण सांसदों की संख्या और प्रभाव आज भी चर्चा का विषय बना रहता है।
जातिगत समीकरण और ब्राह्मणों का दबदबा
भारत में जातिगत राजनीति ने हमेशा चुनावी समीकरणों को प्रभावित किया है। पिछले कुछ दशकों में, पिछड़ी जातियों और दलितों के उभरने के बावजूद, ब्राह्मण समुदाय ने अपनी पकड़ बनाए रखी है। इसका कारण यह है कि ब्राह्मण नेता उच्च राजनीतिक सूझ-बूझ और व्यापक प्रशासनिक अनुभव के कारण विभिन्न दलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे हैं।
ब्राह्मण नेताओं का महत्व इस बात में भी देखा जा सकता है कि जब किसी भी पार्टी को चुनाव जीतने के लिए जातिगत समीकरणों की जरूरत होती है, तब ब्राह्मण समाज को नजरअंदाज करना कठिन होता है। भाजपा, कांग्रेस, और अन्य प्रमुख राजनीतिक दलों ने समय-समय पर ब्राह्मण नेताओं को अपने शीर्ष पदों पर बिठाया है ताकि ब्राह्मण मतदाताओं का समर्थन प्राप्त किया जा सके।
विभिन्न राज्यों में ब्राह्मणों का प्रभाव
उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में ब्राह्मण सांसदों का महत्वपूर्ण प्रभाव है। उत्तर प्रदेश, जो देश का सबसे बड़ा राज्य है, वहां के चुनावी समीकरण जातिगत आधार पर तय होते हैं। यहां पर ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या अधिक है, और इसलिए, चाहे भाजपा हो या कांग्रेस, सभी पार्टियां ब्राह्मण नेताओं को टिकट देने में पीछे नहीं रहतीं।
बिहार में भी स्थिति कुछ ऐसी ही है। यहां जातिगत समीकरण में ब्राह्मणों का महत्वपूर्ण स्थान है। राज्य में जब चुनाव होते हैं, तो ब्राह्मण वोटरों को साधने के लिए राजनीतिक पार्टियां अपने प्रमुख नेताओं के रूप में ब्राह्मणों को पेश करती हैं। नीतीश कुमार की पार्टी जदयू और भाजपा दोनों ने ब्राह्मण समुदाय से कई महत्वपूर्ण नेताओं को चुनावी मैदान में उतारा है।
ब्राह्मण सांसदों की भूमिका और चुनौतियाँ
हालांकि ब्राह्मण सांसदों का दबदबा आज भी बरकरार है, लेकिन उन्हें कई चुनौतियों का भी सामना करना पड़ रहा है। एक तरफ जहां पिछड़ी जातियों और दलितों का राजनीतिक सशक्तिकरण हो रहा है, वहीं दूसरी तरफ ब्राह्मण नेताओं को जातिगत राजनीति के भीतर अपनी प्रासंगिकता बनाए रखने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ रही है।
इसके अलावा, मंडल आयोग के बाद से ब्राह्मणों की राजनीतिक स्थिति कुछ ��द तक कमजोर हुई है, क्योंकि आरक्षण नीति ने पिछड़ी जातियों को अधिक अवसर प्रदान किए हैं। फिर भी, ब्राह्मण सांसदों ने अपनी राजनीतिक कौशल और कूटनीति से अपने लिए एक मजबूत आधार बनाए रखा है।
भविष्य में ब्राह्मणों की भूमिका
भारत में ब्राह्मण सांसदों की भूमिका भविष्य में भी महत्वपूर्ण बनी रहेगी। हालांकि राजनीति का जातिगत समीकरण समय-समय पर बदलता रहेगा, लेकिन ब्राह्मण नेताओं की बौद्धिक और संगठनात्मक क्षमता के कारण उनका स्थान हमेशा खास रहेगा। वर्तमान समय में जब राजनीति का ध्रुवीकरण हो रहा है, तब ब्राह्मण समुदाय को अपनी एकता और प्रभाव को बनाए रखना होगा।
इसके अलावा, ब्राह्मण समाज को सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर अधिक संवेदनशील और प्रगतिशील होना पड़ेगा, ताकि वे बदलते भारत के साथ तालमेल बिठा सकें। अगर वे इन चुनौतियों का सामना कर पाते हैं, तो निश्चित रूप से भारत में ब्राह्मण सांसदों का प्रभाव भविष्य में भी बरकरार रहेगा।
निष्कर्ष
"भारत में ब्राह्मण सांसद" एक ऐसा विषय है जो भारतीय राजनीति के कई आयामों को छूता है। ब्राह्मणों का दबदबा केवल जातिगत समीकरणों के आधार पर नहीं है, बल्कि यह उनकी राजनीतिक कुशलता, शिक्षा, और अनुभव के कारण भी है। हालांकि, बदलते सामाजिक और राजनीतिक परिदृश्य में ब्राह्मण नेताओं को नई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा, लेकिन उनके ऐतिहासिक और सामाजिक प्रभाव को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि भारतीय राजनीति में ब्राह्मण सांसदों की भूमिका हमेशा महत्वपूर्ण बनी रहेगी।
0 notes
दिल्ली राजनीति: BJP's New Strategy for Assembly Elections – Smriti Irani's Role and Challenges Ahead
Delhi Politics: BJP's New Strategy for Assembly Elections – Smriti Irani Role and Challenges Ahead
जैसे-जैसे दिल्ली अपने अगले Assembly Elections की तैयारी कर रही है, राजनीतिक परिदृश्य तेजी से बदल रहा है और नई strategies और प्रमुख चेहरे उभर रहे हैं। पूर्व Amethi MP Smriti Irani, जो Bharatiya Janata Party (BJP) की एक प्रमुख नेता हैं, को पार्टी के Campaign में महत्वपूर्ण भूमिका सौंपा गया है। उनकी हाल की गतिविधियाँ, जिसमें दिल्ली के चौदह districts में से सात districts में सदस्यता अभियान की निगरानी शामिल है, BJP द्वारा एक strategic कदम को दर्शाती हैं। Smriti Irani की बढ़ती भागीदारीSmriti Irani की दिल्ली राजनीति में बढ़ती उपस्थिति उनके हाल में South Delhi में एक घर खरीदने से स्पष्ट होती है। यह कदम न केवल उनके दिल्ली में BJP की गतिविधियों के प्रति commitment को दर्शाता है, बल्कि पार्टी द्वारा elections से पहले अपने आधार को मजबूत करने के लिए एक व्यापक strategy का भी संकेत है। Party insiders सुझाव देते हैं कि उनकी भागीदारी आगामी electoral battle में एक बड़ी भूमिका का पूर्व संकेत हो सकती है। BJP की Strategy और Leadership Dynamics2020 के Assembly Elections में, BJP ने किसी Chief Ministerial Candidate की घोषणा किए बिना चुनाव लड़ा, जिसका परिणाम आठ seats पर सीमित प्रदर्शन था। इसके विपरीत, आम आदमी पार्टी (AAP), जिसका नेतृत्व Chief Minister Arvind Kejriwal कर रहे थे, ने बहुमत प्राप्त किया। इस बार BJP की approach अलग हो सकती है, क्योंकि सीधे तौर पर Kejriwal को चुनौती देने के लिए एक prominent leader को मैदान में उतारने की चर्चा बढ़ रही है। BJP के नेता विभिन्न options पर विचार कर रहे हैं, जिनमें Smriti Irani, MP Manoj Tiwari, Basuri Swaraj, Delhi unit के अध्यक्ष Virendra Sachdeva, और पूर्व West Delhi MP Pravesh Verma शामिल हैं। विचार यह है कि पार्टी को एक नेता के तहत एकजुट किया जाए ताकि एक strong, consolidated front पेश किया जा सके। Historical Context और Future ProspectsBJP का experience Kiran Bedi को Chief Ministerial Candidate के रूप में प्रस्तुत करने का 2015 के elections में विशेष रूप से सफल नहीं रहा। इसके कारण कुछ पार्टी के अंदरूनी लोग एक ही चेहरे को elections में प्रस्तुत करने की effectiveness पर सवाल उठा रहे हैं। पार्टी की वर्तमान deliberations पिछले गलतियों से बचने और एक ऐसी strategy अपनाने की इच्छा को दर्शाती हैं जो voters के साथ बेहतर गूंज सके। Smriti Irani की संभावित candidacy पर सवाल उठते हैं, विशेष रूप से 2019 के Lok Sabha elections में Rahul Gandhi के खिलाफ उनकी high-profile हार को देखते हुए। इस हार के बावजूद, BJP में उनकी stature में वृद्धि हुई है, और उनकी हाल की गतिविधियाँ संकेत देती हैं कि वे पार्टी की Kejriwal के खिलाफ strategy में एक प्रमुख खिलाड़ी हो सकती हैं। Conclusionजैसे-जैसे BJP दिल्ली Assembly Elections की तैयारी कर रही है, Smriti Irani और अन्य संभावित उम्मीदवारों की भूमिका पर करीबी नजर रखी जा रही है। पार्टी का निर्णय कि वह एक प्रमुख चेहरे को प्रस्तुत करेगी या एक अलग strategy अपनाएगी, चुनावी सफलता के निर्धारण में महत्वपूर्ण होगा। Smriti Irani के दिल्ली में अधिक active होने के साथ, राजनीतिक परिदृश्य एक दिलचस्प और competitive चुनावी सत्र के लिए तैयार है। Also Read:BJD ने Rajya Sabha MP Sujeet Kumar को Resignation के बाद किया Expel
Read the full article
0 notes
Jammu Kashmir Assembly Elections: विधानसभा चुनाव में अकेले मैदान में उतरी PDP, सूबे में चढ़ा सियासी पारा
जम्मू-कश्मीर में करीब 10 साल बाद विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। 90 सीटों वाली विधानसभा के लिए तीन चरणों में मतदान संपन्न कराए जाएंगे। फिलहाल चुनावी प्रक्रिया चल रही है। चुनाव से पहले की तमाम बड़े राजनीतिक दलों ने यहां पर सियासी बिसात बिछानी शुरूकर दी है। ऐसे में इस चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की जम्मू कश्मीर पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी भी मैदान में है। बता दें कि पीडीपी अकेले…
0 notes
चुनाव के नजदीक आने के साथ ही भाजपा ने अपने उम्मीदवारों की सूची जारी करना शुरू कर दिया
जिसमें कई नेताओं के परिजनों को टिकट दिए गए हैं। दिलचस्प बात यह है कि भाजपा, जो आमतौर पर परिवारवाद (वंशवाद) को लेकर अन्य पार्टियों पर आरोप लगाती रही है, अब खुद भी परिवारवाद के आरोपों का सामना कर रही है। इस बार भाजपा ने 10 नेताओं के परिजनों को टिकट देकर चुनावी मैदान में उतारा हैं।
1 note
·
View note
विनेश फोगाट के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरे कैप्टन योगेश बैरागी का आया बयान
Haryana Election 2024: भाजपा ने कांग्रेस की उम्मीदवार विनेश फोगाट को चुनौती देने के लिए कैप्टन योगेश बैरागी को जुलाना विधानसभा सीट से मैदान में उतारा है। बैरागी ने एयर इंडिया में सीनियर कैप्टन की नौकरी छोड़कर राजनीति में कदम रखा है।
हरियाणा के जींद जिले की जुलाना विधानसभा सीट इन दिनों काफी चर्चा में है। कांग्रेस ने यहां से पहलवान विनेश फोगाट को उम्मीदवार बनाया है, जबकि भाजपा ने मंगलवार को कैप्टन…
0 notes
'अगर ट्रंप हार जाते हैं तो आखिरी वास्तविक चुनाव होगा', मस्क का अवैध प्रवासियों को लेकर डेमोक्रेट्स पर हमला
टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने एक बार फिर अवैध प्रवासियों के मुद्दे को लेकर डेमोक्रेटिक पर निशाना साधा। उन्होंने दावा किया कि अगर डोनाल्ड ट्रंप हार जाते हैं तो आगामी राष्ट्रपति चुनाव संयुक्त राज्य अमेरिका में आखिरी वास्तविक चुनाव होगा। बता दें, अमेरिका में पांच नवंबर को राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होना है। ऐसे में, डेमोक्रेट्स की ओर से उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और रिपब्लिकन की ओर से ट्रंप चुनावी मैदान…
0 notes
भाजपा ने जारी की 67 उम्मीदारों की पहली लिस्ट, जानें किसको कहां से मिला टिकट; यहां देखें पूरी लिस्ट
BJP Candidate List Haryana: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए अपनी पहली सूची जारी कर दी है। इस सूची में कुल 67 उम्मीदवारों के नाम शामिल किए गए हैं। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को लाडवा विधानसभा क्षेत्र से चुनावी मैदान में उतारा जाएगा। पार्टी ने विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों से प्रमुख नेताओं को चुनावी मैदान में उतारने का निर्णय लिया है। भाजपा ने सीएम नायब सिंह सैनी को चुनावी…
0 notes
चुनावी मैदान छोड्न बाइडेनमाथि दबाब बढ्दै
काठमाडौँ,५ साउन । अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेनलाई राष्ट्रपति चुनावबाट आफ्नो उम्मेदवारी फिर्ता लिन दबाब बढ्दै गएको छ । पूर्वराष्ट्रपति बाराक ओबामाले पनि बाइडेनको उम्मेदवारीप्रति चिन्ता व्यक्त गरेका छन् । बाइडेनलाई लिएर डेमोक्र्याटिक पार्टी भित्र धेरै आवाज उठ्न थालेका छन् ।
अर्कोतर्फ रिपब्लिकन पार्टीका उम्मेदवार डोनाल्ड ट्रम्पले अग्रता लिइरहेको देखिन्छ । यस्तो अवस्थामा बाइडेनको अभियान थप दबाबमा…
0 notes
Jamshedpur rural proud - बहरागोड़ा के शुभजीत की पेंटिंग को पीएम मोदी ने सराहा, भेजा प्रशस्ति पत्र
बहरागोड़ा : बहरागोड़ा प्रखंड के मालाकुलिया गांव निवासी छात्र शुभजीत पाल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रशंसा पत्र प्राप्त हुआ है. ज्ञात हो की बीते माह घाटशिला के मैदान में आयोजित नरेंद्र मोदी के चुनावी जनसभा में शुभजीत पाल ने नरेंद्र मोदी की तस्वीर बनाकर उन्हें भेंट की थी. इसे नरेंद्र मोदी ने स्वीकार कर शुभजीत के उज्ज्वल भविष्य की कामना की ��ै. पीएम नरेंद्र मोदी ने शुभजीत को प्रशंसा पत्र देकर…
View On WordPress
0 notes
Jammu-Kashmir Chunaav: Doosare Charan Mein 20 Pratishat Ummeedavaaron Par Darj Hain Aaparaadhik Maamale
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में 20 प्रतिशत उम्मीदवारों पर अपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें हत्या, बलात्कार और अन्य आरोप शामिल हैं। यह जानकारी भारतीय निर्वाचन आयोग (ईसीआई) में दाखिल किए गए हलफनामों से मिली है। चुनाव आयोग के निर्धारित नियमों के अनुसार, उम्मीदवारों द्वारा नामांकन पत्रों के साथ स्व-शपथ पत्र दाखिल किए गए। ये उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं क्योंकि कानून स्पष्ट रूप से कहता है कि अदालत में आरोप सिद्ध होने तक हर नागरिक को निर्दोष माना जाना चाहिए।
Read More: https://www.deshbandhu.co.in/states/jammu-and-kashmir-elections-20-percent-of-the-candidates-in-the-second-phase-have-criminal-cases-registered-against-them-494988-1
0 notes
अरुणाचल प्रदेश में किसकी सरकार? देखें चुनाव रिजल्ट
ईटानगर : अरुणाचल प्रदेश की 60 विधानसभा सीटों में से 50 सीटों पर मतदान हुआ था। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में बंद 133 उम्मीदवारों की चुनावी किस्मत का फैसला होने वाला है। यानी विधानसभा चुनाव के नतीजे रविवार को घोषित हो रहे हैं। सत्तारूढ़ भाजपा ने 10 सीटों पर निर्विरोध जीत हासिल की है। इसके बाद शेष 50 विधानसभा सीटों पर 19 अप्रैल को चुनाव हुआ था। अरुणाचल प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) पवन कुमार सेन ने कहा, 'वोटों की गिनती रविवार सुबह 6 बजे से शुरू है। तीन स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है और पहले दो स्तरों पर केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल तैनात किया गया है।' भाजपा ने 10 सीटों पर निर्विरोध जीत दर्ज की, 1 पर बढ़त पर चल रही है। 1 लोकसभा विधानसभा सीट पर एनपीईपी आगे चल रही है और एक पर आईएनडी आगे है।पवन कुमार ने बताया कि सभी 50 विधानसभा सीटों के नतीजे दोपहर तक घोषित होने की उम्मीद है। निवर्तमान अरुणाचल प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल 2 जून को समाप्त हो रहा है। सीईओ ने कहा कि 25 जिलों में 24 मतगणना केंद्र (48 मतगणना हॉल) बनाए गए हैं। सभी मतगणना केंद्रों के आसपास कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं।
2 हजार से ज्यादा अधिकारी तैनात
सबसे पहले पोस्टल बैलेट कीअरुणाचल प्रदेश की 50 विधानसभा सीट के लिए हुए चुनाव में 133 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला रविवार को होगा जब परिणाम सामने आएंगे। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) राज्य की 60 सदस्यीय विधानसभा में पहले ही 10 सीट निर्विरोध जीत चुकी है। इसने 2019 के चुनाव में 41 सीट पर जीत दर्ज की थी।गिनती की होगी और उसके बाद ईवीएम वोटों की गिनती की जाएगी। मतगणना के लिए 2 हजार से ज्यादा अधिकारियों को नियुक्त किया गया है। जबकि चुनाव आयोग ने इस प्रक्रिया की निगरानी के लिए 27 पर्यवेक्षकों को नियुक्त किया है। इसके अलावा कुल 489 माइक्रो-ऑब्जर्वर भी नियुक्त किए गए हैं।
ये दिग्गज मैदान में
मुक्तो विधानसभा सीट से मुख्यमंत्री पेमा खांडू, चौखाम से उपमुख्यमंत्री चौना मीन, ईटानगर से पार्टी के वरिष्ठ नेता तेची कासो, तलिहा से न्यातो दुकाम और रोइंग से मुचू मिथी समेत दस भाजपा उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित हुए।
पड़े थे 83 फीसदी वोट
विधानसभा चुनाव में 82.71 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया, जबकि राज्य की दो लोकसभा सीट के लिए हुए चुनाव में 77.51 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। राज्य की दो लोकसभा सीट के लिए मतों की गिनती चार जून को सुबह आठ बजे से 25 केंद्रों पर की जाएगी। अरुणाचल प्रदेश में संसदीय चुनाव में केंद्रीय मंत्री किरेन रीजीजू सहित 14 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा। भाजपा ने 2019 के चुनावों में दोनों लोकसभा सीट और 41 विधानसभा सीट पर जीत हासिल की थी। http://dlvr.it/T7jcnB
0 notes
चुनावी चक्रव्यूह की आखिरी लड़ाई में 57 सीटों पर वोटिंग; जानें 2019 में किसे मिली थीं कितनी सीट
0 notes
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के लिए भाजपा टिकट वितरण
अब केवल नामों की घोषणा की जानी बाकी है। यह प्रक्रिया कई दिनों से चल रही है, और पार्टी ने उम्मीदवारों की संभावित सूची पर विचार-विमर्श पूरा कर लिया है। टिकट के लिए नामों की घोषणा के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि कौन-कौन से उम्मीदवार चुनावी मैदान में होंगे और किसे टिकट नहीं मिलेगा।
0 notes
हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए BJP उम्मीदवारों की पहली LIST जारी
चंडीगढ़: बीजेपी ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए अपनी तैयारी पूरी करते हुए अपने उम्मीदवारों की पहली सूची की घोषणा कर दी है। CM नायब सिंह सैनी करनाल की बजाय कुरुक्षेत्र की लाडवा सीट से चुनावी मैदान में उतरेंगे। पिछले चुनाव में लाडवा से कांग्रेस को जीत मिली थी।
https://twitter.com/AHindinews/status/1831344648700264457
0 notes