Jharkhand garhwa 3 died of snake bite : जमीन पर सो रहे चार बच्चों को करैत सांप ने डंसा, तीन की मौत, चौथी बच्ची गंभीर हालत में गढ़वा सदर अस्पताल में इलाजरत, ग्रामीणों के अनुसार हाथियों के डर से लोग एक साथ सोने को हो रहे मजबूर
अभय तिवारी/गढ़वा : झारखंड के गढ़वा जिले के रंका अनुमंडल क्षेत्र में हाथियों की ऐसी दहशत है कि लोग अपनी जान बचाने के लिए एक स्थान पर भीड़ बनाकर सोने को मजबूर हैं. इसी का नतीजा हुआ कि डर के मारे एक जगह जमीन पर सोये चार बच्चों में से तीन की रात में करैत सांप के डंसने से मौत हो गई, जबकि चौथी बच्ची का गढ़वा सदर अस्पताल में इलाज चल रहा है. (नीचे भी पढ़ें)
बता दें कि चिनिया थाना क्षेत्र के चपकली गांव…
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आपात्काल के अतिरिक्त कोई मार्ग नहीं
विश्व कोरोना के कहर से भयभीत है। कुछ लोगों के अनुसार यह चीन द्वारा प्रयुक्त जैविक हथियार है। कुछ लोग इसे दवा एवं वैक्सीन कम्पनीज् का पूर्व नियोजित षड्यन्त्र बता रहे हैं। कुछ इसे साधारण रोग बता रहे हैं, जो भी हो, इतना सत्य है कि यह रोग गम्भीर सावधानी के द्वारा ही रोका जा सकता है। सरकारों के प्रयासों को जन सहयोग मिलना अत्यावश्यक है। देश व संसार में अनेक देश पूर्णतः बन्द हैं। इधर तबलीगी जमात वाले कोरोना जिहादियों ने देश को बेहाल कर दिया है। हमारे प्रधानमन्त्री कोरोना पर नियन्त्रण के लिए गम्भीर हैं, संसार में उनकी ख्याति भी बढ़ रही है परन्तु सम्भवतः इस ख्याति से अभिभूत होकर वे अपना दण्डधर्म भूल गये हैं। वे हाथ जोड़ रहे है, व डंसने वाले विषधर सर्पों की चिकित्सा करा रहे हैं, उनसे विनती कर रहे हैं।
देश में गृहमन्त्री पता नहीं कहाँ हैं? उनकी कोई आवाज तक उनकी सुनाई नहीं देती। इन दोनों की जोड़ी दुष्टदमन के लिए प्रसिद्ध थी परन्तु CAA के विरोध ने इनकी वीरता को ऐसा भयभीत कर दिया है, कि ये जमातियों के विरुद्ध बोलने का साहस भी नहीं जुटा पा रहे, तब उनके विरुद्ध कार्यवाही करने का तो स्वप्न भी नहीं देख सकते। वे भयभीत हैं अथवा शान्ति का नोबल पुरस्कार पाने की अभिलाषा है, यह तो वे ही जानें परन्तु जमाती खुले हुड़दंग कर रहे हैं, कहीं छुपकर वार कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश में योगी जी अवश्य साहस का परिचय दे रहे हैं। उन्हें देखकर कुछ और सरकारें उनका कुछ अनुकरण करने का प्रयास कर रही हैं। कांग्रेस आदि विपक्षी दल तो देश को बेचकर, तोड़कर भी तुष्टिकरण के लिए प्रसिद्ध हैं परन्तु मोदी जी व शाह जी तो तुष्टिकरण के विरुद्ध हुंकार भरते थे, आज इनकी हुंकार कहीं सुनाई नहीं देती। इन्होंने शाहीन बाग को सहा, खूनी दंगों को सहा परन्तु अपना पौरुष नहीं दिखाया।
योगी जी ने अपना प्रदेश अच्छा सम्भाला। मैंने तो तुष्टिकरण व भ्रष्टाचार की राजनीति को देख कर 15 वर्ष लगातार मतदान नहीं किया परन्तु जब मोदी जी प्रथम बार प्रधानमन्त्री पद के उम्मीदवार घोषित हुए, तब बड़ी आशा से 2014 में लोकसभा में मतदान किया। इन्होंने बहुत साहसिक कार्य किए थे परन्तु पिछले कुछ माह से इनकी शिथिलता वा कायरता से मन क्षुब्ध है। मान्यवर मोदी जी! आपको विश्व में सम्मान मिल सकता है, कोई बड़ा पुरस्कार भी मिल सकता है परन्तु उससे देशवासियों के प्राण नहीं बचेंगे? यदि कोरोना अमेरिका व यूरोप की भांति फैल गया, तो यहाँ बेचारे लाखों भारतीय मारे जायेंगे, इन सबका कलंक भी आपको ही मिलेगा। विपक्ष आपको तब अच्छी तरह घेरेगा। सैक्यूलरिज्म अच्छी बात है, सहनशीलता व शान्ति अच्छी बात है परन्तु जो शान्ति व सहनशीलता देश के लिए भावी घोर अशान्ति, असह्य पीड़ा व भयंकर रक्तपात लाती है, वह कदापि स्वीकार्य नहीं। ईश्वर करे ऐसा न हो परन्तु यदि ऐसा हो गया तो देश अराजकता की आग में धधक उठेगा, तब आपका सारा यश धूल घूसरित हो जायेगा। विदेशों को औषधि देना अच्छी बात है, मानवता है परन्तु यदि यहाँ जमातियों को कठोर दण्ड, जो केवल मृत्युदण्ड ही हो सकता है, न दिया गया, तो अपने भारतीयों के लिए दवा उपलब्ध करना असम्भव हो जायेगा? आप मन की बात में अपने मन की बात तो कर लेते हैं परन्तु देशवासियों के मन की बात कहाँ सुनते हैं? मैंने पिछले 5-6 वर्ष में अनेक पत्र लिखे, परिणाम शून्य रहा।
मान्यवर! आपसे विनम्र अनुरोध है कि आप इस देश को कोरोना जिहादियों से बचा लीजिये। इस समय आपसे ही आशा है अन्यथा देश आपको भी क्षमा नहीं करेगा। आपमें साहस है, बुद्धिमत्ता है, दूरदृष्टि है। इन सब गुणों का पूरा उपयोग करें, यदि इस अभागे तन्त्र में सम्भव न हो, तो कुछ माह के लिए देश में आपात् काल की घोषणा करके देश के शत्रुओं व उनके प्रत्यक्ष व परोक्ष संरक्षकों को कठोर दण्ड देकर कोरोना को समाप्त कर डालिए। ऐसा न हो कि इसमें देर हो जाये और देश ही स्वयं टूट जाये। मेरा सभी देशवासियों से अनुरोध है कि इस सन्देश को माननीय प्रधानमन्त्री व देश के गृहमन्त्री तक अपने-2 स्तर से पहुंचायें और देश से बचाने में सहयोग करें। सभी देशवासी साम्प्रदायिक, कथित जातीय, भाषा, प्रान्त एवं राजनैतिक मतभेदों को पूर्ण रूप से भुलाकर इसे प्रचारित करने का कष्ट करें।
- आचार्य अग्निव्रत नैष्ठिक
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जहरीले सांप के डंसने से महिला की मौत
जहरीले सांप के डंसने से महिला की मौत
Bihar: कैमूर जिले के दुर्गावती थाना क्षेत्र अंत��्गत इसड़ीं गांव में एक महिला को जहरीले सांप ने डंस लिया जिसके बाद परिजन तुरंत आनन फानन में उसे अस्पताल ले जाने के बजाय झाड़-फूंक कराने लेकर चले गए और इसी अंधविश्वास के चक्कर में महिला की मौत हो गई।
मौत
जानकारी के अनुसार इसड़ीं गांव निवासी सोनू बरेठा की पत्नी सुलेखा देवी सोमवार की शाम खाना बनाने के लिए घर कि एक कमरे में रखे उपले को लेने गई थी तभी…
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दो लड़कियों को सांपों ने डंसा, एक की हुयी मौत एक गंभीर
दो लड़कियों को सांपों ने डंसा, एक की हुयी मौत एक गंभीर
बाराचवर / गाज़ीपुर: बाराचवर विकासखंड अंतर्गत मुसेपुर में 13 वर्षीय बच्ची खुशी को करैत सर्प के डंसने और नसीराबाद में कविता नाम के लड़की को सर्प ने काट लिया।
मुसेपुर में 13 वर्षीय बच्ची खुशी को करैत सर्प के डंसने से मौत हो गयी। प्राप्त सूचना के अनुसार शुक्रवार रात्रि में खुशी (13) पुत्री सूर्यप्रकाश सिंह सोने के लिए विस्तर पर जाकर सो गयी। रात में बिस्तर पर दीवाल के सहारे बिल से आये करैत ने खुशी के…
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*_नाग को बहन से बंधवा रहा था राखी पैर में डंसने से गई भाई की जान_* _बिहार के सारण जिले में रक्षाबंधन के मौके पर बहन से सांप को राखी बंधवाना एक भाई को भारी पड़ गया. पैर की उंगली में सांप के डंसने से मनमोहन नामक युवक की मौत हो गई. वह पिछले 10 सालों से जहरीले सांपों के रेस्क्यू और सांप द्वारा डंसे गए लोगों का इलाज करने का काम करता था. पूरा मामला सारण जिले के मांझी थाना क्षेत्र का है_ _25 साल का मनमोहन उर्फ भूअर कई जहरीले सांपों का रेस्क्यू कर चुका था. रविवार को जब वह दो नागों की पूंछ पकड़कर अपनी बहन से उन्हें राखी बंधवा रहा था, तभी एक सांप ने मनमोहन की पैर की उंगली में डंस लिया. इस पूरी घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें मनमोहन सांपों को अपनी बहन से राखी बंधवाने की कोशिश कर रहा है_ _सांप के काटने के बाद युवक के परिजन झाड़-फूंक करके इलाज करने लगे. इस दौरान युवक की हालत और बिगड़ती गई. आनन-फानन में युवक को एकमा स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के लिए ले जाया गया. वहां पर एंटी-वेनम इंजेक्शन नहीं था, जिसकी वजह से उसके परिजन उसे छपरा सदर अस्पताल ले आए. यहां इलाज में देरी की वजह से डॉक्टरों ने युवक को मृत घोषित कर दिया_ polkholkhabrai.com
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(via सर्प के डंसने से युवक की मौत - असना समाचार)
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jamshedpur rural snake bitte - पटमदा में घर में सो रही बच्ची को सांप ने डंसा, मौत, मां सदमे में
जमशेदपुर: जमशेदपुर के ग्रामीण इलाका पटमदा स्थित महुलबना गांव के लायाडीह टोला में शनिवार की रात जहरीले सांप डंसने से 6 साल की बच्ची की मौत हो गई. घटना के संबंध में बताया जाता है कि अमित महतो, अपनी पत्नी व बेटी के साथ ही जमीन पर सो रहे थे कि घर में घुसे चीती सांप ने 6 साल की लड़की रिंकू महतो के पैर में डंस लिया. इसके बाद बच्ची के चीखने की आवाज से घर के सभी लोग जग गए, तो परिजनों ने चीती सांप को देखा…
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जानिए अहोई अष्टमी की कथा और पूजन विधि
हर साल कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को अहोई अष्टमी का पर्व मनाया जाता है. इस दिन माताएं अपनी पुत्र की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती है और रात में तारों को जल अर्पित करने के बाद व्रत का पारण करती हैं. अहोई अष्टमी के दिन पार्वती माता की पूजा की जाती है. इस बार अहोई अष्टमी का व्रत 8 नवंबर को रखा जाएगा. हालांकि कुछ लोग 7 नवंबर को भी ये व्रत रख रहे हैं.
इस दिन महिलाएं व्रत रखकर अपने संतान की रक्षा और दीर्घायु के लिए प्रार्थना करती हैं. जिन लोगों को संतान प्राप्ति के लिए ये व्रत विशेष है. जिनकी संतान दीर्घायु न होती हो उनके लिए भी ये व्रत शुभकारी होता है. सामान्यतः इस दिन विशेष प्रयोग करने से संतान की उन्नति और कल्याण भी होता है. ये उपवास आयुकारक और सौभाग्यकारक होता है.
पूजन विधि–
प्रातः स्नान करके अहोई की पूजा का संकल्प लें. अहोई माता की आकृति, गेरू या लाल रंग से दीवार पर बनाएं. सूर्यास्त के बाद तारे निकलने पर पूजन आरम्भ करें. पूजा की सामग्री में एक चांदी या सफेद धातु की अहोई, चांदी की मोती की माला, जल से भरा हुआ कलश, दूध-भात, हलवा और पुष्प, दीप आदि रखें. पहले अहोई माता की रोली, पुष्प, दीप से पूजा करें और उन्हें दूध भात अर्पित करें. फिर हाथ में गेंहू के सात दाने और कुछ दक्षिणा (बयाना) लेकर अहोई की कथा सुनें. कथा के बाद माला गले में पहन लें और गेंहू के दाने तथा बयाना सासु मां को देकर उनका आशीर्वाद लें. अब तारों को अर्घ्य देकर भोजन ग्रहण करें.
संतान का सुख पाने के लिए इस दिन अहोई माता और शिव जी को दूध भात का भोग लगाएं. चांदी की नौ मोतियां लेकर लाल धागे में पिरो कर माला बनायें. अहोई माता को माला अर्पित करें और संतान को संतान प्राप्ति की प्रार्थना करें. पूजा के उपरान्त अपनी संतान और उसके जीवन साथी को दूध भात खिलाएं. अगर बेटे को संतान नहीं हो रही हो तो बहू को,और बेटी को संतान नहीं हो पा रही हो तो बेटी को माला धारण करवाएं.
अहोई अष्टमी व्रत कथा–
साहूकार की बेटी जहां मिट्टी काट रही थी, उस स्थान पर साही अपने साथ बेटों से साथ रहती थी. मिट्टी काटते हुए गलती से साहूकार की बेटीकी खुरपी के चोट से स्याहु का एक बच्चा मर गया. इस पर क्रोधित होकर स्याहु ने कहा कि मैं तुम्हारी कोख बांधूंगी। स्याहु के वचन सुनकर साहूकार की बेटी अपनी सातों भाभियों से एक-एक कर विनती करती हैं कि वह उसके बदले अपनी कोख बंधवा लें. सबसे छोटीभाभी ननद के बदले अपनी कोख बंधवाने के लिए तैयार हो जाती है. इसके बाद छोटी भाभी के जो भी बच्चे होते हैं, वे सात दिन बाद मर जाते हैं सात पुत्रों की इस प्रकार मृत्यु होने के बाद उसने पंडित को बुलवाकर इसका कारण पूछा. पंडित ने सुरही गाय की सेवा करने की सलाह दी।
सुरही सेवा से प्रसन्न होती है और छोटी बहु से पूछती है कि तू किस लिए मेरी इतनी सेवा कर रही है और वह उससे क्या चाहती है? जो कुछ तेरी इच्छा हो वह मुझ से मांग ले. साहूकार की बहु ने कहा कि स्याहु माता ने मेरी कोख बांध दी है जिससे मेरे बच्चे नहीं बचते हैं. यदि आप मेरी कोख खुलवा देतो मैं आपका उपकार मानूंगी. गाय माता ने उसकी बात मान ली और उसे साथ लेकर सात समुद्र पार स्याहु माता के पास ले चली। रास्ते में थक जाने पर दोनों आराम करने लगते हैं. अचानक साहूकार की छोटी बहू की नजर एक ओर जाती हैं, वह देखती है कि एक सांप गरूड़ के बच्चे को डंसने जा रहा है और वह सांप को मार देती है. इतने में गरूड़ पंखनी वहां आ जाती है और खून बिखरा हुआ देखकर उसे लगता है कि छोटी बहूने उसके बच्चे को मार दिया है इस पर वह छोटी बहू को चोंच मारना शुरू कर देती है।
छोटी बहू इस पर कहती है कि उसने तो उसके बच्चे की जान बचाई है. गरूड़ पंखनी इस पर खुश होती है और सुरही सहित उन्हें स्याहु के पास पहुंचा देती है। वहां छोटी बहू स्याहु की भी सेवा करती है. स्याहु छोटी बहू की सेवा से प्रसन्न होकर उसे सात पुत्र और सात बहू होने का आशीर्वाद देती है. स्याहु छोटीबहू को सात पुत्र और सात पुत्रवधुओं का आर्शीवाद देती है। और कहती है कि घर जाने पर तू अहोई माता का उद्यापन करना। सात सात अहोई बनाकर सातकड़ाही देना। उसने घर लौट कर देखा तो उसके सात बेटे और सात बहुएं बेटी हुई मिली। वह ख़ुशी के मारे भाव-भिवोर हो गई। उसने सात अहोई बनाकर सातकड़ाही देकर उद्यापन किया।
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सांप के डंसने 4 साल के मासूम की मौत, सपड़ी में पेश आया हादसा ज्वालामुखी के सपड़ी में सांप के डंसने से एक 4 वर्षीय बच्चे की मौत हो गई है। जानकारी के अनुसार वीरवार शाम का है जब सपड़ी गांव का 4 वर्षीय मासूम समीर अपनी बहनों के साथ घर के नजदीक एक बावड़ी से पानी लेने गया हुआ था तो इसी बीच बच्चे के पैर पर एक जहरीले सांप ने डंक मार दिया। आनन-फानन में बच्चे को एक गांव में ही स्थित व्यक्ति के पास ले जाया गया, जिसने उसका जहर निकाला।
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जाने शास्त्रों के अनुसार इन 8 कारणों से इंसान को डसता है सांप
जाने शास्त्रों के अनुसार इन 8 कारणों से इंसान को डसता है सांप #Snake
हिंदू धर्म में सांप (Snake) को एक दैवीय प्राणी माना गया है, यही कारण है कि सांपों के कई प्राचीन मंदिर हमारे देश में मौजूद हैं। प्रतिवर्ष नागपंचमी के अवसर पर सभी नाग मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है वहीं घर-घर में नाग की पूजा की जाती है। सांपों से जुड़ी कई किवदंतियां भी हमारे समाज में व्याप्त हैं।सांप से हमेशा ही सावधान रहना चाहिए, क्योंकि इसके डंसने से मृत्यु भी हो सकती है।
सांप (Snake)…
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VIDEO: सांप को मिली महिला को डंसने की सजा, परिजनों ने बनाया बंधक सांप ने महिला को काट लिया जिसके बाद महिला के परिजनों ने सांप को पकड़कर एक बर्तन में रख दिया. परिजनों का कहना है कि जब तक महिला ठीक नहीं होगी सांप को नहीं छोड़ेंगे. Source link
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west singhbhum- आसनतलिया में जहरीला सांप काटने से युवक की स्थिति बिगड़ी, अनुमंडल अस्पताल में इलाज के बाद रेफर
रामगोपाल जेना, चक्रधरपुर: शनिवार देर रात को चक्रधरपुर प्रखंड के आसनतलिया गांव में जहरीला सांप डंसने से युवक(16) की स्थिति बिगड़ गई.रविवार की सुबह घायल युवक को इलाज के लिए चक्रधरपुर अनुमंडल अस्पताल में भर्ती किया गया. जहां युवक की गंभीर स्थिति को देखते हुए सदरअस्पताल चाईबासा रेफर कर दिया गया. घटना के संबंध में बताया जाता है कि गोइलकेरा प्रखंड के गुलरूवा गांव निवासी जॉर्ज हांसदा अपने दोस्त…
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