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#डिग्री सेल्सियस
indlivebulletin · 7 hours
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दिल्ली में न्यूनतम तापमान 25.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज, हल्की बारिश की संभावना
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बृहस्पतिवार को हल्की बारिश होने और गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। मौसम विभाग के अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली में बृहस्पतिवार को न्यूनतम तापमान 25.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इस मौसम के औसत तापमान से दो डिग्री सेल्सियस अधिक है। मौसम विभाग ने राजधानी में दिन में बादल छाए रहने, बहुत हल्की बारिश होने, गरज के साथ छींटे पड़ने…
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snehagoogle · 10 days
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Jupiter is bright due to its internal heat source
Jupiter is bright due to its internal heat source, which is powered by the gravitational collapse that occurred when the planet first formed. This heat source keeps Jupiter warm enough to avoid freezing into an icy world. The temperature in the clouds of Jupiter is about -145 degrees Celsius (-234 degrees Fahrenheit), but the temperature near the planet's center is much hotter. The core temperature may be about 24,000 degrees Celsius (43,000 degrees Fahrenheit), which is hotter than the surface of the sun. 
Jupiter's belts glow brightly in the infrared as they pump heat from the planet's interior out into the universe.
What Is Jupiter? (Grades 5-8)
NASA (.gov)
https://www.nasa.gov › solar-system › what-is-jupiter-g...
10 Aug 2011
What Is Jupiter Like?
Jupiter is called a gas giant planet. Its atmosphere is made up of mostly hydrogen gas and helium gas, like the sun. The planet is covered in thick red, brown, yellow and white clouds. The clouds make the planet look like it has stripes.
One of Jupiter’s most famous features is the Great Red Spot. It is a giant spinning storm, resembling a hurricane. At its widest point, the storm is about 3 1/2 times the diameter of Earth. Jupiter is very windy. Winds range from 192 mph to more than 400 mph.
Jupiter has three thin rings that are difficult to see. NASA’s Voyager 1 spacecraft discovered the rings in 1979. Jupiter’s rings are made up mostly of tiny dust particles.
Jupiter rotates, or spins, faster than any other planet. One rotation equals one day. Jupiter’s day is only about 10 hours long. Jupiter’s orbit around the sun is elliptical, or oval-shaped. Jupiter takes 12 Earth years to make one revolution around the sun, so one year on Jupiter is equal to 12 years on Earth.
The temperature in the clouds of Jupiter is about minus 145 degrees Celsius (minus 234 degrees Fahrenheit). The temperature near the planet’s center is much, much hotter. The core temperature may be about 24,000 degrees Celsius (43,000 degrees Fahrenheit). That’s hotter than the surface of the sun!
If a person could stand on the clouds at the top of Jupiter’s atmosphere, the force of gravity he or she would feel would be about 2.4 times the force of gravity on the surface of Earth. A person who weighs 100 pounds on Earth would weigh about 240 pounds on Jupiter.
Jupiter has an extremely powerful magnetic field, like a giant magnet. Deep under Jupiter’s clouds is a huge ocean of liquid metallic hydrogen. On Earth, hydrogen is usually gas. But on Jupiter, the pressure is so great inside its atmosphere that the gas becomes liquid. As Jupiter spins, the swirling, liquid metal ocean creates the strongest magnetic field in the solar system. At the tops of the clouds (tens of thousands of kilometers above where the field is created), Jupiter’s magnetic field is 20 times stronger than the magnetic field on Earth.
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उज्ज्वलता का अहंकार में बृहस्पति ग्रह और शुक्र ग्रह में तातपर्य बहुत है
शुक्र ग्रह बहुत उज्ज्वल है क्योंके कार्बन डाइऑक्साइड की मोटी बादल की चादरें
विकिरण को रोकके रखता है
बृहस्पति ग्रह सूरज में से 484 मिलियन मील दूर रहने कारण विकिरण से बनी तापमात्रा माइनस 145 डिग्री सेलसियस बनता है
लेकिन हो सकता है धीमा मगर उज्ज्वलता में शुक्र से बहुत कम नहीं
क्या कारण है तापमात्रा माइनस 145 डिग्री सेलसियस होते हुए भी बृहस्पति ग्रह उज्ज्वल है
बृहस्पति अपने आंतरिक ताप स्रोत के कारण चमकीला है, जो ग्रह के पहली बार बनने के समय हुए गुरुत्वाकर्षण पतन से संचालित होता है। यह ताप स्रोत बृहस्पति को इतना गर्म रखता है कि यह बर्फीले संसार में जमने से बच जाता है। बृहस्पति के बादलों में तापमान लगभग -145 डिग्री सेल्सियस (-234 डिग्री फ़ारेनहाइट) है, लेकिन ग्रह के केंद्र के पास का तापमान बहुत अधिक गर्म है। कोर का तापमान लगभग 24,000 डिग्री सेल्सियस (43,000 डिग्री फ़ारेनहाइट) हो सकता है, जो सूर्य की सतह से अधिक गर्म है। बृहस्पति की बेल्टें अवरक्त में चमकती हैं क्योंकि वे ग्रह के आंतरिक भाग से गर्मी को ब्रह्मांड में पंप करती हैं। बृहस्पति क्या है? (ग्रेड 5-8) नासा (.gov) https://www.nasa.gov › solar-system › what-is-jupiter-g... 10 अगस्त 2011 बृहस्पति कैसा है? बृहस्पति को गैस विशाल ग्रह कहा जाता है। इसका वायुमंडल सूर्य की तरह अधिकतर हाइड्रोजन गैस और हीलियम गैस से बना है। यह ग्रह घने लाल, भूरे, पीले और सफेद बादलों से ढका हुआ है। बादलों के कारण ग्रह ऐसा दिखता है जैसे उस पर धारियां हों। बृहस्पति की सबसे प्रसिद्ध विशेषताओं में से एक ग्रेट रेड स्पॉट है। यह एक विशाल घूमता हुआ तूफान है, जो तूफान जैसा दिखता है। अपने सबसे चौड़े बिंदु पर, तूफान पृथ्वी के व्यास का लगभग साढ़े 3 गुना है। बृहस्पति पर बहुत हवा चलती है। हवाओं की रफ्तार 192 मील प्रति घंटे से लेकर 400 मील प्रति घंटे से अधिक तक होती है। बृहस्पति के तीन पतले छल्ले हैं जिन्हें देख पाना मुश्किल है। नासा के वॉयेजर 1 अंतरिक्ष यान ने 1979 में इन छल्लों की खोज की थी। बृहस्पति के छल्ले अधिकतर छोटे धूल कणों से बने होते हैं। बृहस्पति किसी भी अन्य ग्रह की तुलना में तेजी से घूमता है या घूमता है। एक चक्कर एक दिन के बराबर होता है। बृहस्पति का दिन केवल लगभग 10 घंटे लंबा होता है। सूर्य के चारों ओर बृहस्पति की कक्षा अण्डाकार या अंडाकार है। बृहस्पति को सूर्य के चारों ओर एक चक्कर लगाने में 12 पृथ्वी वर्ष लगते हैं, इसलिए बृहस्पति पर एक वर्ष पृथ्वी पर 12 वर्षों के बराबर होता है। बृहस्पति के बादलों में तापमान लगभग माइनस 145 डिग्री सेल्सियस (माइनस 234 डिग्री फ़ारेनहाइट) होता है। ग्रह के केंद्र के पास का तापमान बहुत ज़्यादा गर्म होता है। कोर का तापमान लगभग 24,000 डिग्री सेल्सियस (43,000 डिग्री फ़ारेनहाइट) हो सकता है। यह सूर्य की सतह से भी ज़्यादा गर्म है! यदि कोई व्यक्ति बृहस्पति के वायुमंडल के शीर्ष पर बादलों पर खड़ा हो सकता है, तो वह जो गुरुत्वाकर्षण बल महसूस करेगा वह पृथ्वी की सतह पर गुरुत्वाकर्षण बल का लगभग 2.4 गुना होगा। पृथ्वी पर 100 पाउंड वजन वाले व्यक्ति का वजन बृहस्पति पर लगभग 240 पाउंड होगा। बृहस्पति के पास एक बहुत शक्तिशाली चुंबकीय क्षेत्र है, एक विशाल चुंबक की तरह। बृहस्पति के बादलों के नीचे तरल धात्विक हाइड्रोजन का एक विशाल महासागर है। पृथ्वी पर, हाइड्रोजन आमतौर पर गैस होती है। लेकिन बृहस्पति पर, इसके वायुमंडल के अंदर दबाव इतना अधिक होता है कि गैस तरल बन जाती है। बृहस्पति के घूमने से तरल धातु का घूमता हुआ सागर सौरमंडल में सबसे मजबूत चुंबकीय क्षेत्र बनाता है। बादलों के शीर्ष पर (जहां क्षेत्र बनता है, उससे हजारों किलोमीटर ऊपर), बृहस्पति का चुंबकीय क्षेत्र पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र से 20 गुना अधिक मजबूत है।
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rightnewshindi · 11 days
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Elon Musk ने रचा इतिहास, चारों एस्ट्रोनॉट को वापस धरती पर लेकर आया ड्रैगन स्पेसक्रॉफ्ट; जानें कब हुआ लैंड
Spacex News: स्पेसएक्स का पोलारिस डॉन क्रू रविवार को पृथ्वी पर सकुशल वापस लौट गया। ��्रैगन स्पेसक्रॉफ्ट ने दोपहर एक बजकर छह मिनट पर फ्लोरिडा के ड्राई टोर्टुगास कोस्ट पर लैंडिंग की। पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करते समय स्पेसक्राफ्ट की रफ्तार 27,000 किलोमीटर प्रति घंटे थी। हवा से टकराने के कारण घर्षण पैदा हुआ और तापमान 1900 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। एलन मस्क की कंपनी के फाल्कन-9 रॉकेट से…
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subkuz · 1 month
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झारखंड के 14 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है।
 झारखंड मौसम समाचार राजधानी रांची में पिछले कुछ दिनों से हो रही रुक-रुक कर वर्षा ने तापमान में गिरावट ला दी है। रांची का अधिकतम तापमान अब 30 डिग्री सेल्सियस से नीचे गिर गया है, जबकि न्यूनतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। इस वर्षा ने कृषि को नई ऊर्जा प्रदान की है।
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#SugaStays#ItsGonnaBeAlright#ULTIMAHORA#Vaazhai#NationalSpaceDay#Kalki2898AD#YoongiNeverWalksAlone#YESUNG#Release_Tre3Anskey_Result#HONORMagic6Pro5G
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subkuz00 · 1 month
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झारखंड के 14 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है।
 झारखंड मौसम समाचार राजधानी रांची में पिछले कुछ दिनों से हो रही रुक-रुक कर वर्षा ने तापमान में गिरावट ला दी है। रांची का अधिकतम तापमान अब 30 डिग्री सेल्सियस से नीचे गिर गया है, जबकि न्यूनतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। इस वर्षा ने कृषि को नई ऊर्जा प्रदान की है।
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दिल्ली की बरसात और हवा के प्रभाव...
नई दिल्ली: स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर गुरुवार को दिल्ली में मौसम ने अच्छा साथ दिया। सूरज और बादलों की छांव के बीच राजधानी के विभिन्न क्षेत्रों में हल्की बारिश हुई। इस दौरान हवा भी कभी-कभी चलती रही। मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि दो दिनों में हल्की वर्षा हो सकती है, जबकि इसके बाद रविवार से तीन दिनों के लिए येलो अलर्ट जारी किया हैं। गुरुवार को अधिकतम तापमान सामान्य स्तर पर 34.0 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री अधिक 27.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। हवा में नमी का स्तर 98 से 71 प्रतिशत तक बना रहा।
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danzer91 · 2 months
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100 डिग्री सेल्सियस - हिंदी डब थ्रिलर फिल्म जो सोचने पर मजबूर कर देगी - ...
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dainiksamachar · 2 months
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10 हजार से अधिक लोगों की जिंदगी लील गई लू, देखें किस राज्य में सबसे अधिक असर
नई दिल्ली : पिछले कुछ समय में जलवायु परिवर्तन का असर साफ रूप से दिखने लगा है। इसका अस��� अधिक गर्मी के साथ ही अधिक सर्दी के रूप में दिख रहा है। 2013 से 2022 के बीच देश में लू यानी हीटवेव के कारण 10 हजार से अधिक मौतें दर्ज की गई हैं। यह जानकारी बुधवार को लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में सरकार की तरफ से उपलब्ध कराई गई। पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा उपलब्ध कराए गए डेटा को साझा किया, जो गृह मंत्रालय के अंतर्गत आता है। इसमें मौतों की संख्या की पुष्टि की गई। किस राज्य में कितनी मौत आंकड़ों के अनुसार 9 साल के दौरान कुल 10,617 मौतें हुईं। इनमें आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, पंजाब और बिहार सबसे अधिक प्रभावित राज्य रहे। इन राज्यों में क्रमशः 2,203, 1,485, 1,172, 1,030 और 938 मौतें हीटवेव से हुईं। केंद्र शासित प्रदेशों के आंकड़ों से पता चला कि उपर दी गई अवधि में दिल्ली और जम्मू-कश्मीर में हीटवेव से संबंधित 18 मौतें हुईं। 2014 से 2024 के बीच, 219 दिनों की भीषण गर्मी के साथ, उत्तर प्रदेश में आंध्र प्रदेश की तुलना में दोगुने दिन हीटवेव देखे गए। हालांकि,न दक्षिणी राज्य में हीटवेव से सबसे अधिक मौत दर्ज की गईं। गर्मी ने तोड़ा 80 साल का रिकॉर्ड रिपोर्ट के अनुसार 50 डिग्री सेल्सियस के पार टेंपरेचर जाने के साथ, इस साल अभूतपूर्व गर्मी ने 80 साल के रिकॉर्ड को तोड़ दिया। उत्तर और मध्य भारत के कई क्षेत्रों में इस साल लंबे समय तक तीव्र लू देखी गई। इस वर्ष लोकसभा चुनाव भी भीषण गर्मी के बीच हुए। जिसमें बिहार, ओडिशा और उत्तर प्रदेश में कई लोगों की जान चली गई, जिनमें कुछ चुनाव अधिकारी भी शामिल थे। डीएमके नेता कनिमोझी करुणानिधि ने भी चुनाव के दौरान भीषण गर्मी के कारण ड्यूटी पर मारे गए सरकारी कर्मचारियों के परिवारों को दिए जाने वाले मुआवजे के बारे में मंत्रालय से सवाल किया। इस पर मंत्री ने जवाब दिया कि राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (SDRF) और राज्य आपदा न्यूनीकरण कोष (SDMF) में राज्य के आपदा प्रबंधन से संबंधित मुद्दों के लिए संसाधन उपलब्ध हैं। आगे की वित्तीय सहायता के लिए, राज्य संबंधित दिशा-निर्देशों के अनुसार आपदा प्रबंधन के लिए केंद्र सरकार के फंड का लाभ उठा सकते हैं। http://dlvr.it/TBMPV1
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leftdreamlandlover · 2 months
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कबेला में रख कर 4 दिन खाना नहीं खिलाएंगे.. क्योंकि मेरे खून में हीमोग्लोबिन घुलकर नस में अटक जाता है!
मैं बेहोश हो जाऊंगा.. तब मैं बह जाऊंगा
मुझ पर डाला गया 200 डिग्री सेल्सियस गर्म पानी मुझे चक्कर आ रहा है।
फिर याद आता है (इंसान) मेरा दूध पीते हुए।
मुझे लाठी से जोर से मारा जाता है, क्योंकि मेरी त्वचा आसानी से गिर जाती है।
वे मेरे दोनों पैरों को ऊपर बांधते हैं, मुझे उल्टा लटकाते हैं, फिर मेरे शरीर की त्वचा छीलते हैं।
सुनो धरती के जीवों।
मैं अभी तक मरा नहीं हूँ!!
मैं बेचैन निगाहों से देखूंगा कि क्या इस कबेला में इंसानियत पैदा होगी!
उस समय मुझे बचाने कोई नहीं आएगा।
शातिर कसाई मेरी चमड़ी मारेंगे जब तक मैं जिंदा हूँ..
। मैं तरसते और घुटते मर रहा हूँ।
मैं अपने खिलाफ हुई क्रूर कृत्य को भी बर्दाश्त नहीं कर सकता।
सिर्फ इसलिए कि...
* मैं एक स्तनपान कराने वाली मां हूँ सही... *
पवित्र भारत में गौ रक्षा के लिए किसी धर्म और कानून का पालन करने की आवश्यकता नहीं है।
इंसानियत की कदर करो।
कृपया गायों को बचाइये
2 मिनट का समय देकर गाय के इस दर्द को सभी तक पहुंचाएं और अपने सभी दोस्तों और रिश्तेदारों को शेयर करें।
गाय को मारना क्रूर है!!!
जय गौ माता की..... जय जय गौ माता 🙏🙏
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100newsup · 3 months
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UP News: झांसी में 8 घंटे में 42 मिमी बारिश, दो दिन और हो सकती है बरसात, उमस भरी गर्मी से मिलेगी राहत
UP News: झांसी में आज यानी शनिवार सुबह से जोरदार बारिश हो रही है। तड़के करीब 3 बजे से बारिश का दौर शुरू हुआ, जो रुक रुककर लगातार जारी है। पिछले 8 घंटे में 42 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है। मौसम विभाग का कहना है कि आज से अलगे दो दिनों तक अच्छी बारिश हो सकती है। बारिश की वजह से तापमान में भी गिरावट आएगी। शुक्रवार को अधिकतम तापमान 33.7 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।…
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indlivebulletin · 13 hours
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पिछले कुछ दिनों से पड़ रही गर्मी ने सितंबर और जून जैसा अहसास करा दिया है, जानें मौसम का ताजा हाल
लुधियाना: पिछले चार-पांच दिनों से पड़ रही गर्मी ने लोगों को सितंबर में जून-जुलाई जैसा अहसास कराने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। दिन के साथ-साथ रात में भी गर्मी ने लोगों को परेशान कर दिया है. मौसम विज्ञान केंद्र चंडीगढ़ की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक बुधवार को फरीदकोट का अधिकतम तापमान 39.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. इसी तरह चंडीगढ़ में 36.4, अमृतसर में 35.4, लुधियाना में 36.3, पटियाला में 36.2,…
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snehagoogle · 24 days
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While 70 percent of the radiation gets converted into space
While 70 percent of the radiation gets converted into space
How does the remaining 30 percent radiation keep Venus warm at a temperature of 460 degrees Celsius
Does nuclear fusion sometimes occur on Venus too
What is the reason for the heat remaining on Venus
Venus is the hottest planet in our solar system due to a runaway greenhouse effect caused by its thick atmosphere and high carbon dioxide concentration: 
Greenhouse effect
The atmosphere traps heat like a blanket, preventing it from escaping into space. 
Carbon dioxide
Venus's atmosphere has over 2,000 times more carbon dioxide than Earth's, which acts as a greenhouse gas. 
Thick atmosphere
The thick atmosphere blocks most of the heat that would otherwise escape. 
Surface temperature
The surface temperature of Venus is 870 degrees Fahrenheit (465 degrees Celsius) on average, which is hot enough to melt lead. 
Venus is the second planet from the sun, but it's hotter than Mercury because of its greenhouse effect. 
Its thick atmosphere traps heat in a runaway greenhouse effect, making it the hottest planet in our solar system with surface temperatures hot enough to melt lead. Below the dense, persistent clouds, the surface has volcanoes and deformed mountains.
Why is Venus So hot? We Asked a NASA Scientist
NASA (.gov)
https://www.nasa.gov › general › why-is-venus-so-hot-...
14 Jun 2023 — So light from the Sun passes through the Earth's atmosphere. But CO2 absorbs some of the heat that would otherwise have escaped back into space.
One day on Earth is 24 hours. Similarly, on Earth, Mars, Jupiter, Saturn, Uranus and Neptune, day and night are converted into days.
On Mercury, the same orbit is at least equal to the day and night.
On Venus, the same day and night process is completed in 248 Earth days.
That is, even after a complete rotation of 222 days, it is surprising.
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जबकि 70 प्रतिशत रेडिएशन परिवर्तित हो जाता है अंतरिक्ष में
बाकी 30 प्रतिशत रेडिएशन शुक्र ग्रह को कैसे इतने 460 डिग्री सेलसियस ताप से गर्म रखता है
क्या शुक्र ग्रह में भी कभी कभार परमाणु संलयन होता है
शुक्र ग्रह में उत्ताप बरकरार रहने का कारण क्या है
शुक्र हमारे सौरमंडल का सबसे गर्म ग्रह है, क्योंकि इसका घना वायुमंडल और उच्च कार्बन डाइऑक्साइड सांद्रता के कारण ग्रीनहाउस प्रभाव होता है:
ग्रीनहाउस प्रभाव
वायुमंडल गर्मी को एक कंबल की तरह फँसाता है, जिससे यह अंतरिक्ष में नहीं जा पाती।
कार्बन डाइऑक्साइड
शुक्र के वायु���ंडल में पृथ्वी के वायुमंडल की तुलना में 2,000 गुना अधिक कार्बन डाइऑक्साइड है, जो ग्रीनहाउस गैस के रूप में कार्य करता है।
घना वायुमंडल
घना वायुमंडल अधिकांश गर्मी को रोकता है जो अन्यथा बाहर निकल जाती।
सतह का तापमान
शुक्र की सतह का तापमान औसतन 870 डिग्री फ़ारेनहाइट (465 डिग्री सेल्सियस) है, जो सीसा पिघलाने के लिए पर्याप्त गर्म है।
शुक्र सूर्य से दूसरा ग्रह है, लेकिन यह अपने ग्रीनहाउस प्रभाव के कारण बुध से अधिक गर्म है।
इसका घना वायुमंडल गर्मी को ग्रीनहाउस प्रभाव में फँसाता है, जिससे यह हमारे सौरमंडल का सबसे गर्म ग्रह बन जाता है, जिसकी सतह का तापमान सीसा पिघलाने के लिए पर्याप्त गर्म होता है। घने, लगातार बादलों के नीचे, सतह पर ज्वालामुखी और विकृत पहाड़ हैं।
शुक्र इतना गर्म क्यों है? हमने नासा के एक वैज्ञानिक से पूछा
NASA (.gov)
https://www.nasa.gov › general › why-is-venus-so-hot-...
14 जून 2023 — तो सूर्य से आने वाला प्रकाश पृथ्वी के वायुमंडल से होकर गुजरता है। लेकिन CO2 कुछ ऊष्मा को अवशोषित कर लेती है जो अन्यथा अंतरिक्ष में वापस चली जाती।
पृथ्वी का एक दिन 24 घंटा ऐसे ही घंटों की हिसाव से पृथ्वी मंगल वृहस्पति शनि अरूण नेपच्यून में दिन रात बन जाता है
बुध की यही अध्याय कम से कम आँर्बिट बराबर होता है
शुक्र में वही दिन रात प्रकृया 248 पृथ्वी दिवस 
अर्थात् 222 दिवस की पूर्ण चक्कर के भी बाद ताज्जुब है
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subkuz · 1 month
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झारखंड के 14 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है।
 झारखंड मौसम समाचार राजधानी रांची में पिछले कुछ दिनों से हो रही रुक-रुक कर वर्षा ने तापमान में गिरावट ला दी है। रांची का अधिकतम तापमान अब 30 डिग्री सेल्सियस से नीचे गिर गया है, जबकि न्यूनतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। इस वर्षा ने कृषि को नई ऊर्जा प्रदान की है।
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navprabhattimes · 3 months
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जलवायु संकट पर कार्रवाई की तत्काल आवश्यकता
कई वर्षों से वैज्ञानिक वैश्विक तापमान में वृद्धि और पूर्व-औद्योगिक स्तर से 1.5 डिग्री सेल्सियस की ऊपरी सीमा को लेकर निरंतर चेतावनी देते आए हैं। हालिया स्थिति देखें तो पिछले 11 महीनों (जुलाई 2023 से मई 2024) का औसत तापमान निरंतर इस निर्धारित सीमा से ऊपर रहा है। युरोपीय संघ के कॉपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस का दावा है कि पिछले महीने (मई 2024) का तापमान पूर्व-औद्योगिक औसत से 1.52 डिग्री अधिक…
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radhikavlogs · 3 months
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-12 डिग्री सेल्सियस में भी जियो की टीम काम पर लगी हुई है ताकि आप जैसे Tourists को कोई तकलीफ ना हो
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dainiksamachar · 3 months
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जुलाई में जमकर बरसेंगे बदरा, कई जगह तो बाढ़ का खतरा, जान लीजिए अपने राज्य का हाल
नई दिल्ली : जून में बारिश में कमी के बाद अब जुलाई में देश के ज्यादातर हिस्सों में 'सामान्य से ज्यादा बारिश' देखने को मिल सकती है। पूर्वोत्तर, पूर्वी यूपी और पश्चिमी बिहार में ही इस महीने सामान्य से कम बारिश देखने को मिलेगी। भारत मौसम विभाग (आईएमडी) के मुताबिक, जून में 1901 के बाद से उत्तर-पश्चिम भारत इस साल सबसे ज्यादा गर्म रहा। जुलाई में सामान्य से ज्यादा बारिश का पूर्वानुमान अच्छी खबर है क्योंकि इसी महीने में खरीफ के फसलों की बुवाई, रोपाई होती हैं। आईएमडी के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी में मंगलवार को भारी बारिश का अनुमान है। दिल्ली में बारिश के साथ तूफान आने, बिजली चमकने और तेज हवाएं चलने का भी अनुमान है।दिल्ली में मंगलवार को भी बारिश के अनुमानमौसम विभाग के मुताबिक, दिल्ली में मंगलवार को न्यूनतम तापमान 30.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इस मौसम के सामान्य तापमान से 2.8 डिग्री सेल्सियस अधिक है। सुबह साढ़े आठ बजे आर्द्रता 76 प्रतिशत दर्ज की गई। अधिकतम तापमान 33 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है। आईएमडी के अनुसार, भारी बारिश को एक दिन में 64.5 से 124.4 मिलीमीटर के बीच बारिश के रूप में परिभाषित किया जाता है। दिल्ली में मंगलवार के लिए ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया गया है। आईएमडी रंगों पर आधारित चार स्तर की चेतावनियां जारी करता है जो क्रमश: ‘ग्रीन (कोई कार्रवाई आवश्यक नहीं), ‘येलो’ (सतर्क रहें और जानकारी रखें), ‘ऑरेंज’ (तैयार रहें) और ‘रेड’ (कार्रवाई करें) हैं। जुलाई में हिमालयी क्षेत्रों में बाढ़ की आशंकाआईएमडी ने सोमवार को कहा कि जुलाई में भारत में सामान्य से अधिक वर्षा हो सकती है। भारी वर्षा के कारण पश्चिमी हिमालयी क्षेत्रों और देश के मध्य भाग में नदी घाटियों में बाढ़ आने की आशंका है। आईएमडी ने पूर्वोत्तर भारत में सामान्य से कम वर्षा का पूर्वानुमान जताया है। आईएमडी प्रमुख मृत्युंजय महापात्र ने डिजिटल तरीके से आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पूरे देश में जुलाई की औसत बारिश सामान्य से अधिक होने की संभावना है जो लंबी अवधि के औसत (एलपीए) 28.04 सेमी से 106 प्रतिशत अधिक रह सकती है।इन क्षेत्रों में बारिश में देखने को मिल सकती है कमीउन्होंने कहा, ‘पूर्वोत्तर भारत के कई हिस्सों और उत्तर-पश्चिम, पूर्व और दक्षिण-पूर्वी प्रायद्वीपीय भारत के कुछ हिस्सों को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है।’आईएमडी प्रमुख ने कहा कि सामान्य से अधिक वर्षा का अनुमान ‘निश्चित रूप से’ कुछ क्षेत्रों में बहुत भारी वर्षा की संभावना को दर्शाता है। उन्होंने कहा, ‘विशेष रूप से, यदि हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर जैसे राज्यों के अलावा पश्चिमी हिमालय की तराई को देखें तो हम सामान्य से अधिक वर्षा की उम्मीद कर रहे हैं।’महापात्र ने कहा, ‘यह वह क्षेत्र है जहां बादल फटने, भारी वर्षा के कारण भूस्खलन, बाढ़ के रूप में विनाशकारी प्रभाव हो सकते हैं। कई नदियां भी यहीं से निकलती हैं। मध्य भारत में भी गोदावरी, महानदी और अन्य नदी घाटियों में सामान्य से अधिक वर्षा का अनुमान है। इसलिए वहां बाढ़ की आशंका अधिक है।’पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन और बाढ़ का खतरा ज्यादा रहेगानेपाल स्थित अंतर-सरकारी संगठन अंतरराष्ट्रीय एकीकृत पर्वतीय विकास केंद���र (आईसीआईएमओडी) के विशेषज्ञों ने भी बांग्लादेश, भूटान, भारत, नेपाल और पाकिस्तान सहित हिंदुकुश हिमालयी क्षेत्र के देशों के लिए मॉनसून के दौरान मौसम की चरम घटनाओं की चेतावनी दी है। आईसीआईएमओडी में जलवायु सेवा के लिए कार्यक्रम समन्वयक मंदिरा श्रेष्ठ ने कहा, ‘पिछले वर्ष हिंदुकुश हिमालयी देशों के कई इलाकों में औसत से कम वर्षा हुई थी, इस तथ्य के बावजूद हिंदुकुश हिमालय के क्षेत्रों में समुदाय कई बार विनाशकारी बाढ़ से प्रभावित हुए।’उन्होंने कहा, ‘इस संदर्भ में, इस वर्ष का मॉनसून पूर्वानुमान चिंताजनक है। यह समग्र तापमान वृद्धि की प्रवृत्ति के भी विपरीत है, जिसके बारे में हम जानते हैं कि यह बर्फ और हिमनदों के अधिक पिघलने के नुकसान से जुड़ा है। बर्फ का पिघलना अक्सर विनाशकारी बाढ़ और भूस्खलन का एक प्रमुख कारक होता है जिसे हम इस समय अपने क्षेत्र में देख रहे हैं।’वर्ष 2023 में जुलाई और अगस्त में हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में तथा अक्टूबर में पूर्वी हिमालय में तीस्ता नदी में विनाशकारी बाढ़ आई थी। भारत में जून में सामान्य से 11 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई। महापात्र ने जून में सामान्य से कम वर्षा के लिए मौसम प्रणालियों की कमी के कारण देश के उत्तरी और पूर्वी भागों में मॉनसून की धीमी प्रगति को जिम्मेदार ठहराया।आईएमडी ने कहा कि पश्चिमी तट को छोड़कर उत्तर-पश्चिम भारत और दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत के कई हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से नीचे रहने की संभावना है। मौसम विभाग ने कहा, ‘मध्य… http://dlvr.it/T930wG
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