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#डोसा कैसे बनाते हैं
studycarewithgsbrar · 2 years
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डोसा-इडली के साथ खाएं नारियल और मूंगफली की चटनी, दोगुना हो जाएगा स्वाद - Punjab News Latest Punjabi News Update Today
डोसा-इडली के साथ खाएं नारियल और मूंगफली की चटनी, दोगुना हो जाएगा स्वाद – Punjab News Latest Punjabi News Update Today
मूंगफली नारियल की चटनी: आपने नारियल और मूंगफली की चटनी अलग-अलग खाई होगी, लेकिन क्या आपने कभी इन्हें एक साथ खाया है? अगर नहीं तो अगली बार जब आप डोसा या इडली बनाएं तो यह रेसिपी जरूर ट्राई करें। नारियल और मूंगफली से बनी चटनी का स्वाद बहुत अच्छा होता है. साथ ही इसका स्वाद थोड़ा अलग होता है। आइए जानते हैं इस स्वादिष्ट चटनी को बनाने की विधि। नारियल और मूंगफली की चटनी कैसे बनाते हैं? आवश्यक…
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irhindi · 2 years
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dosa kaise banta hai - डोसा कैसे बनाते हैं - dosa recipe in hindi
dosa kaise banta hai – डोसा कैसे बनाते हैं – dosa recipe in hindi
dosa kaise banta hai – डोसा कैसे बनाते हैं – dosa recipe in hindi dosa kaise banta hai – नमस्कार दोस्तों, इंडियन रेसिपी हिंदी में (Indian Recipes Hindi Mai) आपका स्वागत है। आज हम बनाएंगे डोसा (dosa) और डोसा कैसे बनाते हैं को जानेंगे हिंदी में, dosa recipe bahut hi aasaan hai jo ki hum aage bahtaange. dosa recipe in hindi. डोसा कैसे बनाते हैं – dosa kaise banta hai डोसा, जिसे दोसाई के रूप में भी…
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sharimpay · 2 years
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स्प्राउट्स डोसा रेसिपी: 15 मिनट में डोसा बनाने का तरीका स्वादिष्ट डोसा रेसिपी
स्प्राउट्स डोसा रेसिपी: 15 मिनट में डोसा बनाने का तरीका स्वादिष्ट डोसा रेसिपी
स्प्रा��ट्स डोसा रेसिपी: खस्ता, वेफर जैसा और कभी-कभी भरवां, डोसा स्वादिष्टता का प्रतीक है! भले ही डोसा की उत्पत्ति दक्षिण भारतीय व्यंजनों में हुई हो, लेकिन इसकी लोकप्रियता राज्य के बाहर भी फैली हुई है। नतीजतन, हमें देश भर के छोटे-छोटे कोनों और कोनों में कई डोसा जोड़ मिलते हैं। सबसे अच्छी बात यह है कि इस व्यंजन को हम घर पर भी बना सकते हैं! एक साधारण मसाला डोसा, रवा डोसा, से लेकर स्टेट स्पेशियलिटी…
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himanshu12563 · 4 years
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दोसा खस्ता, नमकीन पेनकेक्स है जो दक्षिण भारत में एक मुख्य भोजन है। दोसा देश के बाकी हिस्सों में भी काफी लोकप्रिय है, और उदीपी रेस्तरां लगभग हर उपनगर में अन्य दक्षिण भारतीय खाद्य पदार्थों के साथ उनकी सेवा करते हैं।
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raghav-shivang · 4 years
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सरस्वती टीके एक हाइपर रियलिस्टिक आर्टिस्ट हैं। उनकी पैदाइश चेन्नई में हुई। पॉन्डिचेरी से कंप्यूटर इंजीनियरिंग की डिग्री लेने के बाद उन्होंने शादी की और वे यूएई चली गईं। उसके बाद लगभग दस साल तक वे सिंगापुर रहीं और फिर न्यूजर्सी में सेटल हुईं।
हाइपर रियलिस्टिक फूड आर्ट में विशेष योग्यता रखने वाली इस आर्टिस्ट की राह बिल्कुल आसान नहीं थी। कई जगह से रिजेक्ट होने के बाद उसने कैसे ये मुकाम हासिल किया, जानिए उन्हीं की जुबानी :
मेरा विश्वास कभी भी ट्रेडिशनल जॉब करने में नहीं रहा। कंप्यूटर इंजीनियरिंग करने के बाद मैंने कुछ समय तक जॉब की। लेकिन जल्दी ही मैं एक जैसे रुटीन से बोर हो गई। 2007 और 2008 के बीच जब मैंने पेरिस के प्रतिष्ठित म्युजियम और सिंगापुर की आर्ट एग्जीबिशन के दौरान कई पेंटर्स की ड्राइंग देखी तो मेरी रुचि इस विषय में हुई। उन्हीं दिनों मैंने पेंटिंग को अपना करिअर बनाने का फैसला किया।
अपने काम की शुरुआत में मैंने स्केचिंग सीखी। एक दिन इंटरनेट पर ड्राइंग्स के ट्यूटोरियल्स सर्च करते हुए मेरी नजर अचानक ही पेंटिंग के कुछ वीडियोज पर गई। तब मैंने कैनवास पर ऑइल पेंटिंग करना शुरू किया। जल्दी ही मैंने पेंटिंग की गई विधाओं को सीख लिया।
मैं लैंडस्केप और एब्सट्रैक्ट पेंटिंग करने लगी। लेकिन फिर ये लगने लगा कि मेरे लिए अपने पैशन को पाना अभी भी बाकी है। तभी मुझे अपनी एग्जीबिशन लगाने का मौका मिला।
हालांकि कई एग्जीबिशन लगाने के बाद भी मुझे वो पहचान नहीं मिली जो मैं चाहती थी। 2012 में मैंने 'स्टील लाइफ' जेनर के तहत पेंटिंग की। मेरे इस आर्ट वर्क को एफोर्डेबल आर्ट फेयर, सिंगापुर में स्थान मिला।
उसके बाद मैंने जेसिका ब्राउन की स्टील लाइफ रियलिस्टिक पेंटिंग देखी। मुझे ये पेंटिंग बहुत पसंद आई। इसकी क्वालिटी और आर्ट वर्क तारीफ के काबिल था। उन्हीं दिनों मैंने हाइपर रियलिज्म के 1000 वीडियोज देखे। उसके बाद मैंने हाइपर रियलिज्म वर्क की शुरुआत की। मेरे शुरुआती काम को आर्ट एक्सपो, न्यूयॉर्क में सराहा गया।
यही से मुझे हाइपर रियलिज्म पेंटिंग बनाने का आत्मविश्वास मिला। लेकिन कई बार मेरे काम को यह कहकर रिजेक्ट कर दिया कि इसका विषय अच्छा नहीं है या इसमें यूनिकनेस की कमी है।
2015 के बाद मैंने इसी यूनिकनेस की तलाश शुरू की। मेरी तलाश डच पेंटर जाफ स्पार्नासी की मेगा रियलिस्टिक फूड पेंटिंग देखकर खत्म हुई। उन्होंने अपनी पेटिंग में बर्गर और फ्रेंच फ्राइज को खूबसूरती के साथ दर्शाया है। जेसिका ब्राउन की पेंटिंग की तरह इन पेंटिंग्स का कलर और टेक्सचर भी देखने के लायक था।
मैं ये जानने के लिए उत्सुक थी कि क्या भारत में हाइपर रियलिस्टिक या मेगा रियलिस्टिक पेंटिंग करने वाला कोई पेंटर है। मेरे इस सवाल का जवाब मुझे ना में मिला। तब मैंने इसी आर्ट वर्क को अपना करिअर बना लिया।
इंडियन फूड में हाइपर रियलिस्टिक वर्क करने के लिए मैंने सबसे पहले इडली, सांभर और नारियल चटनी को चुना। इस पेंटिंग को बनाते हुए मेरे बचपन की कई यादें ताजा हो गईं। मुझे इस पेंटिंग को लोगों के सामने लाने का मौका कल्चरल हेरिटेज शो डब्ल्यूडब्ल्यूएसी, न्यूजर्सी में मिला। उसके कुछ समय बाद मैंने न्यूजर्सी की मोनमाउथ म्युजियम में एग्जीबिशन लगाई।
विदेशियों के बीच अपने देश की एक से बढ़कर एक डिशेज की पेंटिंग मेरे लिए गर्व की बात थी। यहां हर कोई इन व्यंजनों के बारे में जानना चाहता था। मेरी दूसरी पेंटिंग में डोसा और सांभर को दर्शाया गया। मेरी तीसरी पेंटिंग में समोसा, इमली और हरे धनिए की चटनी को दिखाया गया। इसे अमेरिका की प्रतिष्ठित मैगजीन ''अमेरिकन आर्ट कलेक्टर'' में जगह मिली।
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फिलहाल सोशल मीडिया के माध्यम से मैं अपने आर्ट पीसेस फूड लवर्स और कला के कद्रदानों तक पहुंचा रही हूं। कुछ समय पहले मेरे डोसा और सांभर पर बने वीडियो को 135,000 व्यूज मिले। इंस्टाग्राम पर मेरी पेंटिंग को मिलने वाली तारीफ यकीनन हर दिन मेरा हौसला बढ़ाती है।
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Saraswati wanted to do something different from traditional jobs, hyper realistic food painting brought fame to the whole world
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gethealthy18-blog · 5 years
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कूटू के 15 फायदे, उपयोग और नुकसान – BuckWheat (Kuttu) Benefits, Uses and Side Effects in Hindi
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कूटू के 15 फायदे, उपयोग और नुकसान – BuckWheat (Kuttu) Benefits, Uses and Side Effects in Hindi
Saral Jain Hyderabd040-395603080 August 27, 2019
भारत के विभिन्न राज्यों में कई प्रकार के उत्सव मनाए जाते हैं और इनका आनंद उठाने के लिए बनते हैं विभिन्न प्रकार के पकवान। इन पकवानों का अपना अलग स्वाद और महत्व होता है। इन्हीं पकवानों में से एक है कूटू का आटा से बनने वाले स्वादिष्ट व्यंजन। उत्तर भारत में नवरात्र के समय खासकर कूटू का प्रयोग किया जाता है। अब आपके मन में एक सवाल आ सकता है कि कूटू क्या है? तो हम बता दें कि जंगली पौधे कूटू के बीजों से पीस कर कुट्टू का आटा बनाया जाता है, जिसका उपयोग आमतौर खाद्य पदार्थ के रूप में किया जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि कूटू के कई आयुर्वेदिक लाभ भी हैं। स्टाइलक्रेज के इस आर्टिकल में हम इसी बारे में बात करेंगे। इस आर्टिकल के माध्यम से हम जानेंगे कूटू के फायदे, उपयोग और कूटू के नुकसान के बारे में।
आइए, सबसे पहले हम कूटू के फायदे के बारे में जानते हैं।
विषय सूची
कूटू के फायदे – Benefits of BuckWheat in Hindi
कूटू के फायदे की बात करें, तो इसके अन्दर कई गुण मौजूद हैं, जो आपके स्वास्थ के लिए फायदेमंद है। यह ग्लूटेन-मुक्त स्यूडोसेरेल (Pseudocereal) है, जो पॉलीगोनैसे (Polygonaceae) परिवार से संबंधित है। कूटू में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने, न्यूरोप्रोटेक्शन, एंटीकैंसर, एंटीइंफ्लेमेटरी, एंटीडायबिटिक गुणों के साथ ही उच्च रक्तचाप की स्थिति में सुधार करने वाले गुण पाए जाते हैं। इसके अलावा, इसमें प्रीबायोटिक और एंटीऑक्सीडेंट भी पाए जाते हैं (1)।
जैसा कि आपने ऊपर पढ़ा कि कूटू में कौन-कौन से गुण पाए जाते हैं। इन्हीं गुणों के आधार पर सबसे पहले स्वास्थ के लिए कुट्टू के फायदे जानते हैं।
सेहत/स्वास्थ्य के लिए कूटू के फायदे – Health Benefits of BuckWheat (Kuttu) in Hindi
स्वाद से भरपूर कूटू में स्वास्थ के लिए भी बहुत फायदे मौजूद होते हैं, जो इस प्रकार हैं :
1. वजन को कम करने में कारगर
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कूटू में फाइबर की मात्रा पाई जाती है (2), जो पेट को भरने में मदद करती है। इस कारण से भूख कम लगती है। साथ ही शरीर को पर्याप्त ऊर्जा भी मिलती है। इसके अलावा, यह कैलोरी की संख्या को कम कर सकता है, जो वजन नियंत्रण में एक महत्वपूर्ण कारक है (3)। इसलिए, कूटू के फायदे में वजन को कम करना भी शामिल है।
2. स्तन कैंसर को कम करने के लिए 
कूटू में फाइबर की मात्रा पाई जाती है (2)। वहीं, वैज्ञानिक शोध से साबित हुआ है कि फाइबर से भरपूर अनाज खाने से स्तन कैंसर का खतरा कम हो सकता है (4)। इसके अलावा, कूटू में एंटी-ट्यूमर गुण भी होता है, जो स्तन कैंसर को बढ़ाने वाली कोशिकाओं को नष्ट करने में भी सहायक होता है (5)।
3. मधुमेह की रोकथाम में
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जैसा कि हम पढ़ चुके हैं कि कूटू में फाइबर पाया जाता है (2)। वहीं, वैज्ञानिक शोध के अनुसार आहार में फाइबर आपके रक्त शर्करा के स्तर को बहुत तेजी से बढ़ने से रोकता है (6)। इसके साथ ही कूटू में एंटीडायबिटिक गुण पाए जाते हैं, जो टाइप 2 मधुमेह के नियंत्रण में सहायक होते हैं (1)।
4. पित्त की पथरी को रोकने में 
एक शोध में पाया गया है कि कुट्टू में पाई जाने वाली प्रोटीन की मात्रा पित्त में मौजूद पथरी के गठन और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करती है। कुट्टू के प्रयोग से शरीर में बाइल ��सिड का निर्माण होता है, जिस कारण पित्त की पथरी से छुटकारा मिल सकता है (7)।
5. रक्तचाप को करे नियंत्रित
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कूटू को मैग्नीशियम का अच्छा स्रोत माना गया है (2), जो रक्त वाहिकाओं को आराम पहुंचा कर रक्तचाप में सुधार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह हानिकारक रसायनों के उपयोग के बिना स्वाभाविक रूप से रक्तचाप को कम करता है (9)।
6. ह्रदय स्वास्थ्य के लिए लाभकारी 
कूटू में नियासिन, फोलेट, विटामिन बी और विटामिन बी 6 जैसे जरूरी पोषक तत्व भी पाए जाते हैं (2), जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं। कूटू में मौजूद विटामिन रक्त में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम करता है। नियासिन के कारण एचडीएल कोलेस्ट्रॉल यानी अच्छे कोलेस्ट्रॉल के स्तर में सुधार होता है। इससे रक्त वाहिकाएं बेहतर तरीके से काम करती हैं और एलडीएल यानी खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद मिलती है। इसके अलावा, कूटू में मौजूद आयरन, मैग्नीशियम, फास्फोरस और मैंगनीज जैसे खनिज रक्तचाप को कम करने और रक्त में मौजूद ऑक्सीजन के स्तर में सुधार करने में मदद करते हैं। कूटू में उच्च गुणवत्ता वाले प्रोटीन होते हैं, जो एलडीएल को खत्म करता हैं (10)। इस प्रकार कमजोर दिल के और ह्रदय की समस्या वालों के लिए कूटू अधिक फायदेमंद है।
7. मजबूत हड्डियों के लिए
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कुट्टू कैल्शियम, प्रोटीन, मैग्नीशियम, फास्फोरस और पोटैशियम का अच्छा स्रोत है (2)। कैल्शियम एक आवश्यक पोषक तत्व है, जो हड्डियों और दांतों को मजबूती प्रदान करता है (11)। आपको बता दें कि हड्डियों के स्वस्थ विकास के लिए इन सभी पोषक तत्वों की जरूरत होती है (12)।
8. अस्थमा के इलाज के लिए 
प्रोटीन, फाइबर, फोलेट और मैग्नीशियम युक्त कूटू का सेवन अस्थमा के मरीजों के लिए रामबाण साबित हो सकता है (2)। कूटू में मौजूद ये सभी पोषक तत्व प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने के साथ ही अस्थमा की रोकथाम में भी सहायक हो सकते हैं (13)।
9. प्रोटीन 
कूटू में प्रोटीन की मात्रा मौजूद होती है (2), जो हमारे स्वास्थ के लिए जरूरी होता है। प्रोटीन का उपयोग एंजाइम, हार्मोन और शरीर के अन्य रसायनों को बनाने के लिए भी किया जाता है। हड्डियों, मांसपेशियों, त्वचा और रक्त कोशिकाओं के विकास के लिए प्रोटीन जरूरी है। शरीर को बड़ी मात्रा में इसकी आवश्यकता होती है (14)।
10. मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभदायक
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कूटू में एंटीऑक्सीडेंट और एंटीस्ट्रैस जैसे कई गुण होते हैं। ये गुण मानव के तनाव को दूर कर मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ाने में मदद करते हैं (15)।
मानव स्वास्थ के फायदोंं को जानने के बाद जानते हैं कि कूटू हमारी त्वचा को लिए कैसे फायदेमंद हो सकता है।
��्वचा के लिए कूटू के फायदे – Skin Benefits of BuckWheat in Hindi
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स्वस्थ और ग्लोइंग स्किन के लिए शरीर को पोषक तत्वों की आपूर्ति जरूरी है। पोषक तत्वों का अच्छा स्रोत होने के कारण त्वचा के लिए कूटू महत्वपूर्ण है। आइए, जानते हैं कि इससे त्वचा को क्या-क्या फायदे हो सकते हैं।
1. ग्लोइंग स्किन के लिए 
कूटू में विटामिन ई और प्रोटीन जैसे एंटीऑक्सीडेंट होते हैं (2), जो त्वचा के स्वास्थ्य और सौंदर्य को बढ़ावा देने में कारगर हो सकते हैं। साथ ही ये त्वचा को हानिकारक प्रभावों से बचाकर त्वचा को चमकदार बनाते हैं (16)।
कैसे करें उपयोग :
दो चम्मच कुट्टू का आटा, दो चम्मच बेसन और दाे चम्मच गुलाब जल को आपस में मिलाकर पेस्ट बनाएं।
फिर इसे फैस पैक की तरह इस्तेमाल करें।
2. प्राकृतिक सनटैन 
कूटू में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं (2), जो लिपिड पेरोक्सीडेशन के स्तर को कम करने में मददगार हो सकते हैं। इस गुण के कारण यह त्वचा को सूरज की पराबैंगनी किरणों से सुरक्षा प्रदान करता है। इसलिए, इसे प्राकृतिक सनटैन लोशन माना जा सकता है (17)।
कैसे करें उपयोग :
दो चम्मच गुलाब जल में एक चम्मच कूटू का आटा मिलाकर सनटैन से प्रभावित जगह पर लगाएं।
3. एंटी एजिंग गुणों से भरपूर 
कूटू में न्यूक्लिक एसिड पाया जाता है, जो उम्र बढ़ने से बचाता है। साथ ही इसमें पाए जाने वाले गुण चयापचय और कोशिका संरचना को भी नियंत्रित करते हैं। इसके अलावा, एंजाइम क्रिया और हार्मोन को संतुलित करने में भी मदद कर सकते हैं (18)।
कैसे करें उपयोग :
एक चम्मच कूटू का आटा को दो चम्मच दूध की मलाई के साथ अच्छे से मिलाकर हफ्ते में एक दिन चेहरे पर लगाएं।
कूटू त्वचा के साथ ही बालों के लिए भी बहुत फायदेमंद है। आइए, बालों के लिए जानते हैं इसका उपयोग।
बालों के लिए कूटू के फायदे – Hair Benefits of Buckwheat in Hindi
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1. बालों की ग्राेथ के लिए
कूटू में पाया जाने वाला अमीनो-एसिड बालों को स्वस्थ बनाने के साथ-साथ उनकी ग्रोथ में भी मददगार होता है (19)।
2. बालों को झड़ने से रोके
कूटू का उपयोग बालों को झड़ने से रोकने के लिए भी किया जा सकता है। इसमें पाया जाने वाला अमीनो-एसिड  हमारे बालों के विकास के साथ ही इन्हें झड़ने से रोकने में भी मदद करता है (19)।
बालों की ग्रोथ के लिए और झड़ने से रोकने के लिए कैसे करें उपयोग :
दो चम्मच कूटू के आटे को एक कटोरी दही के साथ मिलाकर नहाने से पहले बालों में लगाए और फिर नहाते समय बालों को धो लें।
कूटू के फायदों को जानने के बाद अब पता करते हैं कि इसमें ऐसे कौन से पोषक तत्व होते हैं, जो इसे इतना उपयोगी बनाते हैं।
कूटू के पौष्टिक तत्व – Buckwheat (Kuttu) Nutritional Value in Hindi
कूटू में पाए जाने वाले पोषक तत्व और उनकी मात्रा कुछ इस प्रकार हैं (2) :
पोषक तत्व पोषक मूल्य पानी 75.63 ग्राम कैलोरी 92 कैलोरी कार्बोहाइड्रेट 19.94 ग्राम वसा 0.62 ग्राम प्रोटीन 3.38 ग्राम शुगर 0.90 ग्राम फाइबर 2.7 ग्राम विटामिन नियासिन 0.940 मिलीग्राम राइबोफ्लेविन 0.039 मिलीग्राम थियामिन 0.040 मिलीग्राम फोलेट 14 µg विटामिन ए 0 आईयू विटामिन ई 0.09 मिलीग्राम µg विटामिन बी 6 0.077 मिलीग्राम विटामिन के 1.9 µg इलेक्ट्रोलाइट्स सोडियम 4 मिलीग्राम पोटैशियम 88 मिलीग्राम मिनरल्स कैल्शियम 7 मिलीग्राम आयरन 0.80 मिलीग्राम मैग्नीशियम 51 मिलीग्राम फास्फोरस 70 मिलीग्राम जिंक 0.61 मिलीग्राम लिपिड फैटी एसिड, कुल सैचुरेटेड 0.134 ग्राम फैटी एसिड, कुल मोनोसैचुरेटेड 0.188 ग्राम फैटी एसिड, कुल पोलीअनसैचुरेटेड 0.188 ग्राम
कूटू के पोषक तत्वों को जानने के बाद जानते हैं कि इसका उपयोग कब और कैसे करना चाहिए।
कूटू का उपयोग – How to Use Buckwheat in Hindi
कूटू इतना लाभकारी होता है कि इसका सीमित मात्रा में कभी भी उपयोग कर सकते हैं। इसका उपयोग कई सारी चीजों के लिए किया जा सकता है जैसे कि :
कूटू के आटे से कई व्यंजन बनाए जाते हैं, जाे स्वाद और स्वास्थ दोनों के लिए फायदेमंद हाेते हैं।
कूटू के आटे को आमतौर पर नवरात्र के दौरान रखे जाने वाले व्रत में खाया जाता है।
कूटू के आटे का उपयोग पूड़ियां और पकौड़े बनाने में किया जा सकता है।
इसके आटे का उपयोग पराठे बनाने में भी किया जा सकता है।
कूटू के आटे से आप इडली या फिर आटे में चावल मिलाकर आप स्वादिष्ट डोसा भी बना सकते हैं।
कब कर सकते हैं इसका उपयोग : 
वैसे तो कूटू का सेवन व्रत में करना चाहिए, क्योंकि यह शरीर को ऊर्जा देता है। कूटू के आटे को एक माह में खत्म कर देना चाहिए। इसके बाद इसमें कीड़े होने लग जाते हैं।
कूटू का उपयोग कितना करना चाहिए : 
कूटू का उपयोग सीमित मात्रा में ही करना चाहिए। इसके अधिक उपयोग से कुछ दुष्परिणामों का सामना करना पड़ सकता है, जिसके बारे में आगे विस्तार से बता रहे हैं।
सब जानकारियों के बाद जानते अब कूटू के नुकसान की भी चर्चा कर लेते हैं।
कूटू के नुकसान – Side Effects of Buckwheat (Kuttu) in Hindi 
हालांकि, इसके कोई खास नुकसान सामने नहीं हैं, लेकिन फिर भी इसे अधिक मात्रा में उपयोग करने पर निम्न प्रकार के दुष्प्रभाव देखे जा सकते हैं :
कुछ लोगों को कूटू का सेवन करने से स्किन एलर्जी हो सकती है (20)। इसके अधिक उपयोग से त्वचा पर रैशेज और सूजन भी हो सकती है (21)।
कुट्टू का आटा ज्यादा दिनों तक नहीं रखना चाहिए, क्योंकि यह एक महीने में खराब हो जाता है। खराब अनाज के सेवन से फूड पॉइजिंग हो सकती है।
यह ताे हम ऊपर पढ़ चुके हैं कि कुट्टू में फाइबर पाया जाता है और आहार में अधिक फाइबर पेट में गैस, ऐंठन और कब्ज का कारण बन सकता है (2) (22)।
कुट्टू में पोटैशियम की भी अच्छी मात्रा होती है और इसका ज्यादा मात्रा में सेवन हाइपरकलेमिया का कारण बन सकता है। इसकी वजह से मांसपेशियों में कमजोरी, पैरालाइसिस और दिल की धड़कन बंद हो सकती है (2) (23)।
नवरात्र जैसे व्रत में इस्तेमाल होने वाला कूटू स्वास्थ्य के लिहाज से कितना फायदेमंद है, आप इस लेख के माध्यम से समझ ही गए होंगे। साथ ही इसके दुष्परिणाम भी आपको पता चल चुके हैं। इसलिए, अगली बार जब आप अपने घर कूटू का आटा लेकर आएं, तो इसे सीमित मात्रा में खाएं और एक महीने से ज्यादा समय तक इसे न रखें। साथ ही आप हमें बता सकते हैं कि कूटू का सेवन करने से आपको किस प्रकार फायदा हुआ। आप अपने अनुभव हमारे साथ नीचे दिए कमेंट बॉक्स के माध्यम से शेयर कर सकते हैं।
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Saral Jain
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Source: https://www.stylecraze.com/hindi/kuttu-ke-fayde-upyog-aur-nuksan-in-hindi/
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zaykarecipes · 7 years
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यह शानदार टिप्स आपकी कुकिंग को इतना आसान बना देंगे की खाना बनाना आपके लिए खेल बन जायेगा खाना बनाना तो एक कला है कुछ लोग तो इस कला को बखुबी निभाते हैं तो कुछ लोगो को अपने खाने के मेनू को तैयार करने में काफी संघर्ष करना पड़ता हैं। और कुछ लोगों को खाना बनाने में वास्‍तव में रचनात्मक होना ही पड़ता है जबकि दूसरे लोग अपने समय को बचाकर स्‍मार्ट तरीके से काम कर लेते हैं। यहां पर आपको कुछ ऐसे ही टिप्स दिए जा रहे हैं जिसकी मदद से आपकी कुकिंग बहुत ही मजेदार और आसान हो जाएगी। और इसके साथ ही जो भी आपके इस योग्यता को जानेगा वह आपके लिए वाह-वाह ही करेगा। पुरी को क्रिस्पी कैसे बनाएं पुरी को फ्राई करने से पहले कुछ देर के लिए (करीब दस से पन्द्रह मिनट) फ्रिज में रख दें इससे पूरी गर्म तेल में डालने पर बहुत ज्‍यादा तेल की खपत किए बिना ही फूल जायेगी। और साथ ही पुरी को क्रिस्पी बनाने के लिए आटा गूंधते समय उसमें थोड़ी सी सूजी अवश्य मिलाएं। मुलायम परांठा बनाने का तरीका सभी को मुलायम रोटी या फिर परांठा पसंद होता है। और इसके लिए आप बहुत से उपाय भी करते रहते हो परन्तु फिर भी आपको यह बात आज तक समझ में नहीं आई होगी कि आखिर आपका परांठा रेस्‍तरां की तरह से मुलायम क्‍यों नहीं बनता है। तो फिर परांठे को लंबे समय तक मुलायम बनाने के लिए आप आटे को दूध के साथ में गूंधें। ज्‍यादा नमक पड़ने पर नमक आपके खाने को स्‍वादिष्‍ट बनाने का काम करता है परन्तु ज्‍यादा नमक स्‍वाद को बिगाड़ भी देता हैं। अगर कभी आपकी डिश में नमक तेज पड़ जाए तो आप परेशान न हो बस दूध के दो चम्‍मच खाने में मिलाने से नमक का स्‍वाद बेअसर हो जाता है। और अगर आपको इस बात का डर है कि कही इससे आपकी डिश ज्‍यादा तरल हो जायेगी, तो फिर आप इसमें एक कच्‍चा आलू भी मिला सकते हैं। लेमन थेरेपी भिंड़ी को काटते टाइम और पकाते वक्त आपके एक बात नोटिस की होगी कि वह आपस में चिपक जाती है और ऐसा ही चावल के साथ में भी होता है। अगर आप चाहते हैं किे आपकी भिंडी या फिर चावल के साथ ऐसा कुछ भी न हो तो फिर चिपचिपाहट को दूर करने के लिए आप उसमें नींबू की कुछ बूंदे मिला दें। भिंडी में कुछ बूंदें नींबू के रस की मिलाने पर भिंडी ज़्यादा क्रिस्पी और टेस्टी बनती है। और चावल बनाते वक्त उसमें नींबू के  रस की कुछ बूंदे मिलाने से चावल ज़्यादा सफेद बनेंगे और आपस में जुड़ेंगे भी नहीं। हलवा बनाने का सही तरीका सूजी का हलवा बनाते टाइम उसमें एक बड़ा चम्‍मच बेसन का मिलाना चाहिए। ऐसा करने से आपका हलवा आसानी से तो बनेगा ही साथ ही साथ इसका रंग और स्‍वाद इतना ज़्यादा बढ़ जाता है कि कोई भी इसको देखकर खाएं बिना रह ही नहीं सकता। दूध उबालने का सही तरीका आपको पता होना चाहिए अगर आप दूध को उबालते वक्त उसे छलकने से बचाना चाहती हैं तो फिर दूध को उबलने के लिए कम फ्लेम पर और बर्तन के Top पर एक चम्‍मच को रख दें। चम्‍मच दूध को छलकने से रोक लेती है। मटन खाने की तीव्र इच्छा मटन को नर्म व सॉफ्ट बनाना किसी टास्‍क से कम नहीं होता हैं। मटन को पकाने के लिए बहुत ज़्यादा समय और प्रयास की ज़रूरत होती है। मटन को नर्म व सॉफ्ट करने के लिए बनाने से पहले कच्‍चे पपीते के मिश्रण से कुछ देर के लिए इसको मैरीनेट करें। यह मटन पकाने की प्रक्रिया को काफी तेज कर देता है। ब्राउन प्याज़ प्‍याज़ को ब्राऊन करने में काफी समय लगता है लेकिन ऐसा करना करीब-करीब सारे व्‍यंजनों में स्‍वाद को और ज़्यादा बढ़ाने का काम करता है। इसीलिए आप प्‍याज़ को ब्राऊन करने की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए प्‍याज़ को भूनते वक्त उसमें एक चुटकी बेकिंग सोडा या फिर चीनी की मिला दें। पढ़े: पूरी, पराठा, डोसा और लड्डू बनाने के शानदार टिप्स, इन टिप्स को अपना कर बन जाएंगी आप सुपर मोम पढ़े: इन टिप्स की मदद से घर के खाने में लगाएं शेफ वाले स्वाद का तड़का 
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raghav-shivang · 4 years
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सरस्वती टीके एक हाइपर रियलिस्टिक आर्टिस्ट हैं। उनकी पैदाइश चेन्नई में हुई। पॉन्डिचेरी से कंप्यूटर इंजीनियरिंग की डिग्री लेने के बाद उन्होंने शादी की और वे यूएई चली गईं। उसके बाद लगभग दस साल तक वे सिंगापुर रहीं और फिर न्यूजर्सी में सेटल हुईं।
हाइपर रियलिस्टिक फूड आर्ट में विशेष योग्यता रखने वाली इस आर्टिस्ट की राह बिल्कुल आसान नहीं थी। कई जगह से रिजेक्ट होने के बाद उसने कैसे ये मुकाम हासिल किया, जानिए उन्हीं की जुबानी :
मेरा विश्वास कभी भी ट्रेडिशनल जॉब करने में नहीं रहा। कंप्यूटर इंजीनियरिंग करने के बाद मैंने कुछ समय तक जॉब की। लेकिन जल्दी ही मैं एक जैसे रुटीन से बोर हो गई। 2007 और 2008 के बीच जब मैंने पेरिस के प्रतिष्ठित म्युजियम और सिंगापुर की आर्ट एग्जीबिशन के दौरान कई पेंटर्स की ड्राइंग देखी तो मेरी रुचि इस विषय में हुई। उन्हीं दिनों मैंने पेंटिंग को अपना करिअर बनाने का फैसला किया।
अपने काम की शुरुआत में मैंने स्केचिंग सीखी। एक दिन इंटरनेट पर ड्राइंग्स के ट्यूटोरियल्स सर्च करते हुए मेरी नजर अचानक ही पेंटिंग के कुछ वीडियोज पर गई। तब मैंने कैनवास पर ऑइल पेंटिंग करना शुरू किया। जल्दी ही मैंने पेंटिंग की गई विधाओं को सीख लिया।
मैं लैंडस्केप और एब्सट्रैक्ट पेंटिंग करने लगी। लेकिन फिर ये लगने लगा कि मेरे लिए अपने पैशन को पाना अभी भी बाकी है। तभी मुझे अपनी एग्जीबिशन लगाने का मौका मिला।
हालांकि कई एग्जीबिशन लगाने के बाद भी मुझे वो पहचान नहीं मिली जो मैं चाहती थी। 2012 में मैंने 'स्टील लाइफ' जेनर के तहत पेंटिंग की। मेरे इस आर्ट वर्क को एफोर्डेबल आर्ट फेयर, सिंगापुर में स्थान मिला।
उसके बाद मैंने जेसिका ब्राउन की स्टील लाइफ रियलिस्टिक पेंटिंग देखी। मुझे ये पेंटिंग बहुत पसंद आई। इसकी क्वालिटी और आर्ट वर्क तारीफ के काबिल था। उन्हीं दिनों मैंने हाइपर रियलिज्म के 1000 वीडियोज देखे। उसके बाद मैंने हाइपर रियलिज्म वर्क की शुरुआत की। मेरे शुरुआती काम को आर्ट एक्सपो, न्यूयॉर्क में सराहा गया।
यही से मुझे हाइपर रियलिज्म पेंटिंग बनाने का आत्मविश्वास मिला। लेकिन कई बार मेरे काम को यह कहकर रिजेक्ट कर दिया कि इसका विषय अच्छा नहीं है या इसमें यूनिकनेस की कमी है।
2015 के बाद मैंने इसी यूनिकनेस की तलाश शुरू की। मेरी तलाश डच पेंटर जाफ स्पार्नासी की मेगा रियलिस्टिक फूड पेंटिंग देखकर खत्म हुई। उन्होंने अपनी पेटिंग में बर्गर और फ्रेंच फ्राइज को खूबसूरती के साथ दर्शाया है। जेसिका ब्राउन की पेंटिंग की तरह इन पेंटिंग्स का कलर और टेक्सचर भी देखने के लायक था।
मैं ये जानने के लिए उत्सुक थी कि क्या भारत में हाइपर रियलिस्टिक या मेगा रियलिस्टिक पेंटिंग करने वाला कोई पेंटर है। मेरे इस सवाल का जवाब मुझे ना में मिला। तब मैंने इसी आर्ट वर्क को अपना करिअर बना लिया।
इंडियन फूड में हाइपर रियलिस्टिक वर्क करने के लिए मैंने सबसे पहले इडली, सांभर और नारियल चटनी को चुना। इस पेंटिंग को बनाते हुए मेरे बचपन की कई यादें ताजा हो गईं। मुझे इस पेंटिंग को लोगों के सामने लाने का मौका कल्चरल हेरिटेज शो डब्ल्यूडब्ल्यूएसी, न्यूजर्सी में मिला। उसके कुछ समय बाद मैंने न्यूजर्सी की मोनमाउथ म्युजियम में एग्जीबिशन लगाई।
विदेशियों के बीच अपने देश की एक से बढ़कर एक डिशेज की पेंटिंग मेरे लिए गर्व की बात थी। यहां हर कोई इन व्यंजनों के बारे में जानना चाहता था। मेरी दूसरी पेंटिंग में डोसा और सांभर को दर्शाया गया। मेरी तीसरी पेंटिंग में समोसा, इमली और हरे धनिए की चटनी को दिखाया गया। इसे अमेरिका की प्रतिष्ठित मैगजीन ''अमेरिकन आर्ट कलेक्टर'' में जगह मिली।
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फिलहाल सोशल मीडिया के माध्यम से मैं अपने आर्ट पीसेस फूड लवर्स और कला के कद्रदानों तक पहुंचा रही हूं। कुछ समय पहले मेरे डोसा और सांभर पर बने वीडियो को 135,000 व्यूज मिले। इंस्टाग्राम पर मेरी पेंटिंग को मिलने वाली तारीफ यकीनन हर दिन मेरा हौसला बढ़ाती है।
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Saraswati wanted to do something different from traditional jobs, hyper realistic food painting brought fame to the whole world
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