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#दीया तले
thedhongibaba · 2 years
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*आकांक्षा और मांगने को बाकी है*
एक बड़ी प्राचीन, तिब्बत में कहानी है। एक आदमी यात्रा से लौटा है--लंबी यात्रा से। अपने मित्र के घर ठहरा और उसने मित्र से कहा रात, यात्रा की चर्चा करते हुए, कि एक बहुत अनूठी चीज मेरे हाथ लग गई है। और मैंने सोचा था कि जब मैं लौटूंगा तो अपने मित्र को दे दूंगा, लेकिन अब मैं डरता हूं, तुम्हें दूं या न दूं। डरता हूं इसलिए कि जो भी मैंने उसके परिणाम देखे वे बड़े खतरनाक हैं।
मुझे एक ऐसा ताबीज मिल गया है कि तुम उससे तीन आकांक्षायें मांग लो, वे पूरी हो जाती हैं। और मैंने तीन खुद भी मांग कर देख लीं। वे पूरी हो गई हैं और अब मैं पछताता हूं कि मैंने क्यों मांगीं?
मेरे और मित्रों ने भी मांग कर देख लिए हैं, सब छाती पीट रहे हैं, सिर ठोक रहे हैं। सोचा था तुम्हें दूंगा, लेकिन अब मैं डरता हूं, दूं या न दूं।
मित्र तो दीवाना हो गया। उसने कहा, ‘तुम यह क्या कहते हो; न दूं? कहां है ताबीज? अब हम ज्यादा देर रुक नहीं सकते।
क्योंकि कल का क्या भरोसा?’
पत्नी तो बिलकुल पीछे पड़ गई उसके कि निकालो ताबीज।
उसने कहा कि ‘भई, मुझे सोच लेने दो।
क्योंकि जो परिणाम, सब बुरे हुए।’ उसके मित्र ने कहा, ‘तुमने मांगा ढंग से न होगा। गलत मांग लिया होगा।’
हर आदमी यही सोचता है कि दूसरा गलत मांग रहा है, इसलिए मुश्किल में पड़ा। मैं बिलकुल ठीक मांग लूंगा।
लेकिन कोई भी नहीं जानता कि जब तक तुम ठीक नहीं हो, तुम ठीक मांगोगे कैसे? मांग तो तुमसे पैदा होगी। नहीं माना मित्र, नहीं मानी पत्नी।
उन्होंने बहुत आग्रह किया तो ताबीज देकर मित्र उदास चला गया। सुबह तक ठहरना मुश्किल था। दोनों ने सोचा, क्या मांगें?
बहुत दिन से एक आकांक्षा थी कि घर में कम से कम एक लाख रुपया हो। तो पहला लखपति हो जाने की आकांक्षा थी।
और लखपति तिब्बत में बहुत बड़ी बात है।
तो उन्होंने कहा, वह पहली आकांक्षा तो पूरी कर ही लें, फिर सोचेंगे। तो पहली आकांक्षा मांगी कि लाख रुपया।
जैसे ही कोई आकांक्षा मांगोगे, ताबीज हाथ से गिरता था झटक कर। उसका मतलब था कि मांग स्वीकार हो गई।
बस, पंद्रह मिनट बाद दरवाजे पर दस्तक पड़ी। खबर आई कि लड़का जो राजा की सेना में था, वह मारा गया और राजा ने लाख रुपये का पुरस्कार दिया।
पत्नी तो छाती पीट कर रोने लगी कि यह क्या हुआ?
उसने कहा कि दूसरी आकांक्षा इसी वक्त मांगो कि मेरा लड़का जिंदा किया जाए। बाप थोड़ा डरा। उसने कहा कि यह अभी जो पहली का फल हुआ…पर पत्नी एकदम पीछे पड़ी थी कि देर मत करो कहीं वे दफना न दें, कहीं लाश सड़-गल न जाए, जल्दी मांगो।
तो दूसरी आकांक्षा मांगी कि लड़का हमारा वापिस लौटा दिया जाए। ताबीज गिरा। पंद्रह मिनट बाद दरवाजे पर किसी ने दस्तक दी।
लड़के के पैर की आहट थी। उसने जोर से कहा, ‘पिताजी।’
आवाज भी सुनाई पड़ी, पर दोनों बहुत डर गये। इतने जल्दी लड़का आ गया?
बाप ने बाहर झांक कर देखा, वहां कोई दिखाई नहीं पड़ता।
खिड़की में से देखा, वहां कोई दिखाई नहीं पड़ता, कोई चलता-फिरता मालूम होता है।
वह लड़का प्रेत होकर वापिस आ गया। क्योंकि शरीर तो दफना दिया जा चुका था। पत्नी और पति दोनों घबड़ा रहे हैं, कि अब क्या करें? दरवाजा खोलें कि नहीं?
क्योंकि तुमने भला कितना ही लड़के को प्रेम किया हो,
अगर वह प्रेत होकर आ जाए तो हिम्मत पस्त हो जायेगी।
बाप ने कहा, ‘रुक अभी एक आकांक्षा और मांगने को बाकी है।’
और उसने ताबीज से कहा, ‘कृपा कर और इस लड़के से छुटकारा। नहीं तो अब यह सतायेगा जिंदगी भर।
यह प्रेत अगर यहां रह गया घर में…इससे छुटकारा करवा दे।’
और पति आधी रात गया ताबीज देने अपने मित्र को वापिस।
और कहा कि, ‘इसे तुम कहीं फेंक ही दो। अब किसी को भूल कर मत देना।’
तुम्हारी पूरी जिंदगी की कथा इस ताबीज की कथा में छिपी है। जो तुम मांगते हो वह मिल जाता है। नहीं मिलता है तो तुम परेशान होते हो।
मिल जाता है, फिर तुम परेशान होते हो। गरीब दुखी दिखता है, अमीर और भी दुखी दिखता है। जिसकी शादी नहीं हुई वह परेशान है, जिसकी शादी हो गई है वह छाती पीट रहा है, सिर ठोंक रहा है।
जिसको बच्चे नहीं हैं वह घूम रहा है साधु-संतों के सत्संग में, कि कहीं बच्चा मिल जाए। और जिनको बच्चे हैं, वे कहते हैं, कैसे इनसे छुटकारा होगा। यह क्या उपद्रव हो गया।
तुम्हारे पास कुछ है तो तुम रो रहे हो; तुम्हारे पास कुछ नहीं है तो तुम रो रहे हो। और मौलिक कारण यह है कि तुम गलत हो। इसलिए तुम जो भी चाहते हो, वह गलत ही चाहते हो।
ओशो; दीया तले अंधेरा--(झेन-कथा) प्रवचन-05
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writerss-blog · 3 years
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दीया तले अंधेरा
हम तो अंधेरा मिटाने को दीया जलाएं बैठे है, दीया तले का अंधेरा मिटाएं कैसे, दूसरों को जो रोशनी देते हैं, खुद को जलाते हैं , सूरज खुद जलता है फिर दुनिया को प्रकाश देता है, दीया तिल तिल जलता है फिर रोशनी देता है ।।
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संपादित:सीमा शर्मा
सामान्य आचरण व्यवहार के लिए भाषा शब्दो एवं वाक्य में ,बोली शब्दो एवं वाक्यो का विशेष उच्चारण या   सांकेतिक भाषा का आमजन प्रयोग करते है। भाषा का उपयोग आपसी संवाद, प्रश्नोत्तरी, वक़्ता, उद्देशयित तक संदाय करने के लिए, स्वयं के विचार रखने के लिए , विचारधारा का समुचित प्रचार करने के लिए , भाषा का आधुनिक भाषाशैली में अधिकाधिक प्रयोगात्मक उपयोग स्तर उत्थान के लिए अवश्यम्भावी है। जैसे लिखकर के किसी साहित्यिक रत्न में पिरोना अत्यंत महत्वपूर्ण कार्य है। आधुनिक समय में कई सोशल मीडिया साइट पर या मंच पर भाषा का सामान्य स्तर या यूं कहें सभ्यता का स्तर गिरता जा रहा हैं, आवश्यक यह है, की पाठक स्वयं आत्मविलोकन करके अपने अच्छे बुरे पर विचार करे।
जो बात चित्त को प्रसन्न करने वाली न भी हो तो उसे मुहावरे या लोकोक्ति के माध्यम से कहने से भी उद्देश्य की पूर्ति होती है,   कटाक्षपूर्ण या व्यंग्यात्मक शैली में भी इनका प्रयोग उचित है।
मुहावरे(मूलतः अरबी परंतु हिंदी में प्रयोग समुचित, वाक्यांश)
उदाहरण :-  
               १.औंधी खोपड़ी का होना
अर्थ:- मूर्ख होना
प्रयोग:- औंधी खोपड़ी के व्यक्तियों को समझाना समय व्यर्थ करना हैं।
                 २.      अंधे की लकड़ी
अर्थ:- एक मात्र आश्रय
प्रयोग:-  प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक उपभोग करने के पश्चात मनुष्य के पास  केवल जीर्णोद्धार ही अंधे की लकड़ी प्रमाणित होगी।
                 ३. अपना राग अलापना
अर्थ:- अपनी ही बात कहना
प्रयोग:- आजकल के राजनीतिज्ञ जनता की बात नही सुनते केवल अपनी ही राग अलापते रहते है।
                  ४. अंधे को दीया दिखाना
अर्थ:- व्यर्थ के काम करना
प्रयोग:- आलसी को काम के अनुभव देना अंधे को दिया दिखाना हैं।
                 ५. अंग अंग ढीला होना
अर्थ:-थक जाना
प्रयोग:- जेठ की गर्मी और ऊपर से पानी की कमी ने खेती किसानी करने वालो का अंग अंग ढीला कर दिया हैं।
                 ५. आस्तीन का सांप
अर्थ:- मित्रता के आड़ में छल
प्रयोग:- भ्रष्टाचार करने वाले आधुनिक युग में राष्ट्र के लिए आस्तीन के सांप हैं।
                ६.उन्नीस बीस का अंतर
अर्थ:- बहुत कम अंतर
प्रयोग:- उन्नीस बीस का अंतर बता कर बहुत से लोग असली सामान के बदले नकली क्रय कर देते है।
                 ७. खाला जी का घर
अर्थ:- आसान काम
प्रयोग:- कानून का सख्ती से पालन आपराधिक मानसिकता के असर को खाला जी का घर बनने से रोकता हैं।
                ८. घड़ो पानी भर जाना
अर्थ:- अत्यंत लज्जित हो जाना
प्रयोग:- चोरी करते रंगे हाथ पकड़े जाने पर उसे घड़ो पानी भर गए।
               ९. कलेजे पर सांप लोटना
अर्थ:-ईर्ष्या से दुखी 
प्रयोग:- विजेता के घोषित होते ही निश्चय ही कइयों के कलेजे पर सांप लोटने लगेगा।
               १०. कोल्हू का बैल
अर्थ:- दिन रात काम करना
प्रयोग:- घड़ी के कांटे कोल्हू के बैल की तरह समयचक्र पूरा करते रहते है।
               ११.चोली दामन का साथ
अर्थ:- दृढ़ संबद्धता
प्रयोग:- अंधेरे और रात का चोली दामन का साथ है।
               १२. नौ दो ग्यारह होना
अर्थ :- भागना
प्रयोग:-हेडमास्टर की कड़क स्वर से शोर करते बच्चे नौ दो ग्यारह हो गए।
               १३. बहती गंगा में हाथ धोना
अर्थ:- मौके का लाभ 
प्रयोग:-  सामयिक प्रसंग में उपस्थिति दिखा कर प्रबुद्धजन बहती गंगा में हाथ धो लेते है।
              १४.राई का पर्वत बनाना
अर्थ:- छोटी सी बात को बढ़ा कर कहना
प्रयोग:- बातूनी लोग राई का पर्वत बनाने में माहिर होते है।
              १५.घी के दिये जलाना
अर्थ:- खुशी मनाना
प्रयोग:- गांव में पहली बार चिकित्सालय के खुलने पर ग्रामीणों ने घी के दिये जलाये।
               १६. दौड़ धूप करना
अर्थ:- बहुत प्रयत्न करना
प्रयोग:- धुन होकर जीवन भर दौड़ धूप करने के बाद  आज अब आराम करने की बारी आई है।
               १७. भीगी बिल्ली बनना
अर्थ:-  भय में आना
प्रयोग:- सच सामने आने पर आरोपी भीगी बिल्ली बन गया।
               १८. पत्थर का कलेजा होना
अर्थ:- कठोर हृदय
प्रयोग:- पत्थर का कलेजा कर के कई अभिभावक छात्रों  को पैतृक स्थान  से  उच्च अध्धयन करने  विदेश भेजते है।
              १९. दांत खट्टे करना
अर्थ:- बुरी तरह से परास्त करना
प्रयोग:-  एक छोटी चींटी भी हाथी के सूंड में घुस कर हाथी के दांत खट्टे कर सकती है।
             २०. इति श्री करना
अर्थ:- सम्पति
प्रयोग:- पाठ्यक्रम पूरा होते ही शिक्षक महोदय ने छात्रों को पढ़ाने से इति श्री कर ली।
                                     ◆◆◆लोकोक्ति◆◆◆
यह पूर्ण वाक्य कहलाते है, उक्तियां जो जन प्रसिद्ध है। यह स्वतंत्र वाक्य है।
उदाहरण:-
             १. आंखों का अंधा नाम नयन सुख
अर्थ:- नाम के प्रतिकूल 
प्रयोग:- हमारे कॉलोनी के एक व्यक्ति का नाम यो तो सखाराम है पर है पर उसके किसी से बनती नहीं, ठीक ही है आँखों का अंधा नाम नयनसुख।
             २. चोर-चोर मौसरे भाई
अर्थ:- दो  लोगो मे एक समान अवगुण होना
प्रयोग:- अधिवक्ता ने पकड़े गए दोनो आरोपियों को अपराधी प्रमाणित करने के लिए उन दोनों को चोर-चोर मौसेरे भाई की संज्ञा दी।
             ३. अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गयी खेत
अर्थ:- सही समय मे कार्य ना करना और नुकसान के ऊपर बाद में पछताना
प्रयोग:-  सही समय मे समस्या का समाधान ना करना आज हेडमास्टर को भारी पड़ा तब प्रधानाध्यापक ने कहा अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गयी खेत।
             ४.उल्टे बांस बरेली को
अर्थ:- अपरंपरागत कार्य
प्रयोग:-  पहले ही गिरती स्थिति में स्थानीय  वस्तुओ को बढ़ावा न देते हुवे विदेशी वस्तुओ के संचार, उल्टे बांस बरेली को चरितार्थ करती है।
             ५. दिया तले अंधेरा
अर्थ:- किसी ऐसी वस्तु जिस के पास अन्य चीज़ों की जानकारी है परंतु वह स्वयं के स्तिथि के साथ अनभिज्ञ है
प्रयोग:- मास्टरजी के पुत्र के  उन्ही के विषय के परीक्षा  में असफल रहने पर मास्टरजी ने कहा उन्होंने दिया तले अंधेरा को चरितार्थ कर दिया।
              ६. ना नौ मन तेल होगा ना राधा नाचेगी
अर्थ:- काम ना करने का बहाना
प्रयोग:-  एन समय में कामगार ने कुछ अपरिहार्य शर्त रख दिये तो ठेकेदार ने कहा ये तो ऐसा है ना नौ मन तेल होगा ना राधा नाचेगी।
               ७.हाथ सुमिरनी बगल कतरनी
अर्थ:- छलपूर्ण व्यवहार करना
प्रयोग:- साथ सफर करने के बहाने से भेष बनाये डाकू ने लूटने की योजना जाहिर कर लोगो को लूट लिया। सही ही है हाथ सुमिरनी बगल कतरनी।
               ८.हंसा थे सो उड़ गए, कागा भये दीवान
अर्थ:- किसी अच्छे व्यक्ति के स्थान पर दुर्जन को अधिकार मिलना
प्रयोग:-  लाभप्रद पदों पर अशिक्षितों की नियुक्ति और  शिक्षितो का बेकार रहना, हंस थे सो उड़ गए, कागा भये दीवान को चरितार्थ करती है।
              ९.सावन के अंधे को हरा ही हरा सूझता है
अर्थ:-  कोई कमी ना होने पर बाकी सभी को भी उसी स्तर का समझना
प्रयोग:- मंदी काल में कई के पास सामान्य खर्चे चलाने के लिए धन नहीं है और तरह तरह के  महंगे विज्ञापन देख  कर के मन से निकलता है सावन के अंधे को हरा ही हरा दिखता हैं।
             १०. हर्रा लगे न फ़िटकरी रंग चोखा आये
अर्थ:- मुफ्त में काम होना
प्रयोग:- कामगारों को एक काम के लिए बुला के सेठ जी अपने अधिकाधिक काम करा लेते है यह देख के मुनीमजी ने कहा हर्रा लगे ना फ़िटकरी रंग चोखा आये।
              ११. आधी छोड़ पूरी को धावै, आधी रहे न पूरी पावै
अर्थ:- लालच के कारण हाथ आयी वस्तु गवाना
प्रयोग:- शेर ने पहले खरगोश को पकड़ा फिर दूर से हिरण को देख कर खरगोश को छोड़ दिया, हिरण पहले ही सतर्क हो कर कुलांचे भरता चला गया और खरगोश चपलता से वहां 
छुप गया। ठीक ही है ,आधी छोड़ पूरी को धावै, आधी रहे न पूरी पावै।
               १२.कोउ नृप होइ हमे का हानि
अर्थ:- ऊंचे पद पर कोई भी आसीन हो 
प्रयोग:-  राजनीतिज्ञों से अविश्वास के कारण अब तो आम जनता कहने लगी है कोउ नृप होइ हमे का हानि।
              १३.आम के आम गुठलियों के दाम
अर्थ:- दोहरा लाभ
प्रयोग:- गाय पालन करने से  दूध समेत गोधन भी सुलभ होता है, इसे कहते है आम के आम गुठलियों के............और पढ़े। Read More.........https://homemakerwithpen.blogspot.com/2020/07/Hindi.html
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ग्रामीण सत्ता समाज के लिए दिया तले अंधेरा
दीया तले अंधेरा वाली मुहावरे तो गांव की गलियों में जरूर सुनी होगी। ग्रामीण जीवन में प्रकाश के बदले अंधेरा दिखता है । जैसे लगता है उजाले ने अंधेरे को घेर रखा है ।
बात ग्रामीण जीवन की करते हैं। सदियों से भारत का समाज गांव में रहते आया है। ग्रामीण जीवन जीते आया है। अपने आप को ग्रामीण संस्कारों के अधीनस्थ अंधकार में झेलते आ रहा है। क्या यह अंधकार समाज में उजाला ला सकता है। जो खुद उजाले के नीचे दबा है। 
कभी सोच कर देखिए कभी अपने आप को वहां पर खड़ा करके भेजिए समाज के उजाले के लिए जो कार्य किए जाते हैं प्रबंधन के द्वारा, समाज के अंधेरा को दूर करने के लिए जो योजनाएं बनाई जाती है प्रबंधन के द्वारा उन योजनाओं को ग्रामीण सत्ता कैसे अंधेरे में तब्दील कर देती है। 
हां मैं कहना चाहूंगा आज अंधकार को परिभाषित करने बाली ग्रामीण सत्ता खुद उजाला खोजते हुए समाज के बीच अपने आपको भ्रष्टाचार के अधिकारों रखना ज्यादा पसंद करती है। तभी तो योजनाएं सही से लागू नहीं हो पाती। 
इसका जिम्मेदार समाज और समाज के वैसे लोग हैं जो अंधकररूपी ग्रामीण सत्ता के पक्षधर हैं। ग्रामीण सत्ता के कर्यागुनत कार्यों के परोक्ष कार्यों में भी अपने आपको हस्तांतरित करना श्रेस्कर  समझताा है।
वर्तमान भारतीय समुदाय ग्रामीण सत्ता को भी एक राजनीतिक नजर से देखने लगा है । ग्रामीण सत्ता पर भारत की राजनीतिक पार्टियां हाबी होती नजर आ रही है। जिसके परिणाम स्वरूप ग्रामीण सत्ता का समाज में  राजनीतिकरण हो गया है।
वर्तमान ग्रामीण सत्ता के भ्रष्टाचार से समाज को हानी
1. ग्रामीण विकास के कार्यों में देरी। 
2. कार्यों का समायोजन तथा उसकी आवश्यकता की पूर्ति उस हिसाब से नहीं हो पाती जो योजनाओं में वर्णित या कहा गया होता है।
3. समाजिक कार्यों का अनेक टुकड़ों में विभाजन, निष्पादन में देरी।
4. समाज के वैचारिक वातावरण में असंतोष।
5. समाजिक विवाद का बढ़ना
ग्रामीण सत्ता विकासशील हो, क्या करना चाहिए
1. ग्रामीण सत्ता का राजनीतिकरण से दूरी
2. सामाजिक विकास के लिए  अराजनैतिक लोगों को चुनाव।
3. सामाजिक मुद्दे पर ग्रामीण सत्ता के गलतियों के खिलाफ आपसी बैठक और सर्वसम्मति भी जरूरी है। 
भारत सरकार के द्वारा ग्रामीण विकास योजनाएं
प्रधानमंत्री ग्रामीण विकास अध्येता योजना
ग्रामीण विकास मंत्रालय की प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना
स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना
दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्या योजना
अगर समाज का विकास ठीक से नहीं होगा तो समाज प्रगति नहीं कर पाएगा और ग्रामीण सत्ता में अगर राजनीति रहेगी तो ग्रामीण जीवन ही राजनीतिक हो जाएगा जिस वजह से ग्रामीण सत्ता समाज के लिए दीए तले अंधेरा हो रहा है।
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jainyupdates · 4 years
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पांच अप्रैल को दीया जलाने की अपील कर प्रधानमंत्री मोदी ने किया विरोधियों को परास्त
शशिधर पाठक, अमर उजाला, नई दिल्ली Updated Fri, 03 Apr 2020 04:50 PM IST
नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो) – फोटो : PTI
सार
तमसो मा ज्योर्तिगमय एक आशा, कांग्रेस न करे राजनीति- नलिन कोहली
पीएम का दीया जलाना चिराग तले अंधेरा, समाधान नहीं तो भटका रहे- सुष्मिता देव
लॉकडाउन से ऊबे लोगों में नई उर्जा का संचार- डा. अश्विन चौबे
सबका साथ, सबका विकास और सबके साथ कोविड-19 से जंग का संदेश, दुनिया भी मानेगी…
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mp3lyricsstuff · 5 years
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Amrapali Dubey Bhojpuri Holi Video Song Holiya Me Lage Badi Dar Trending On YouTube – Bhojpuri Holi Video Song: आम्रपाली दुबे के होली सॉन्ग ने रिलीज होते ही मचाया तहलका, बार-बार देखा जा रहा Video
खास बातें
आम्रपाली दुबे का होली सॉन्ग रिलीज
आम्रपाली दुबे ने किया जबरदस्त डांस
यूट्यूब पर वीडियो की मची धूम
नई दिल्ली:
आम्रपाली दुबे (Amrapali Dubey) ने दर्शकों की डिमांड पर इस साल का पहला भोजपुरी होली सॉन्ग (Bhojpuri Holi Song) रिलीज कर दिया है. इस वीडियो सॉन्ग ने रिलीज होते ही यूट्यूब पर कोहराम मचा दिया है. इस गाने को रिलीज हुए एक घंटा भी नहीं हुआ और इसे हजारों व्यूज मिल चुके हैं. आम्रपाली दुबे (Amrapali Dubey) के इस गाने का नाम है ‘होलिया में लागे बड़ी डर’ (Holiya Me Lage Badi Dar) है. इस गाने में भोजपुरी यूट्यूब क्वीन आम्रपाली दुबे पूरी तरह से होली के रंग में रंगी नजर आ रही हैं. सोशल मीडिया पर उनका यह नया गाना वायरल हो रहा है.
सपना चौधरी ने हरियाणवी सॉन्ग पर डांस से मचाया गदर, देसी क्वीन का Video हुआ वायरल
देखें वीडियो:
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आम्रपाली दुबे (Amrapali Dubey) के गाने  ‘होलिया में लागे बड़ी डर’ (Holiya Me Lage Badi Dar) में उनका जबरदस्त डांस दर्शकों को देखने को मिल रहा है. इस गाने को अनन्या क्राफ्ट एंड विजन म्यूजिक के बैनर तले रिलीज किया गया है. इस गाने को खुशबू जैन ने गाया है जबकि एक्ट आम्रपाली दुबे ने किया है. गाने के बोल पवन पांड ने लिखे हैं, जबकि इसका म्यूजिक आजाद सिंह ने लिखा है.
तैमूर अली खान की बहन इनाया ने फर्श पर लेटकर की घर की सफाई, खूब देखा जा रहा Video
आम्रपाली दुबे (Amrapali Dubey) मूलरूप उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के चनहर गांव में पैदा हुई हैं. उन्होंने भवन कॉलेज, मुंबई से स्नातक की उपाधि प्राप्त की. अपनी पढ़ाई के दौरान प्रारंभ में वह एक डॉक्टर बनना चाहती थी, लेकिन बाद में उन्होंने अपने करियर को अभिनय के क्षेत्र में आगे बढ़ाया. उन्होंने ‘रहना है तेरी पलकों की छांव में’ में सुमन के रूप में मुख्य भूमिका निभाई. उन्हें 2014 में भोजपुरी सिनेमा में दिनेश लाल यादव की फिल्म ‘निरहुआ रिक्शावाला’ से प्रसिद्धि मिली. वर्ष 2015 में उन्हें भोजपुरी इंटरनेशनल फिल्म अवार्डस (बीआईएफए) में फिल्म ‘निरहुआ हिंदुस्तानी’ के लिए सर्वश्रेष्ठ डेब्यू अभिनेत्री के पुरस्कार से सम्मानित किया गया. वर्ष 2017 में भोजपुरी सिनेमा इंडस्ट्री के इतिहास में पहली बार ‘राते दीया बुताके’ गाने को साढ़े 10 करोड़ से ज्यादा यूट्यूब पर देखने वाले मिले हैं. अभी तक उन्होंने कुल 25 फिल्में की हैं जो ज्यादातर हिट रही हैं.
टिप्पणियां
…और भी हैं बॉलीवुड से जुड़ी ढेरों ख़बरें…
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vaanishree · 6 years
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दीया तले अन्धेरा को सत्य करती बिदुपुर थाना
दीया तले अन्धेरा को सत्य करती बिदुपुर थाना
नलिनी भारद्वाज, वैशाली।  बिदुपुर थाना के निकट के दिव्या मोबाइल शॉप में भीषण चोरी की घटना को चोरों ने अंजाम दिया। बिदुपुर थाना से महज 30 गज की दूरी पर स्थित दिव्या मोबाइल शॉप की करकट की छत और सेल्लिंग को काट कर चोरों ने मोबाईल एवं अन्य सामान की चोरी कर ली और CCTV कैमरे का हार्डडिस्क को भी अपने साथ ले गये।
सवाल उठाना और उठना लाजमी है की आखिर थाना से महज कुछ दुरी पर ही आय दिन चोरी और छिनतई की घटना…
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hindisahitya · 7 years
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दीया....... काजल सोनी
जलता है दीया….. चला है खुद जलकर दुजो को रौशन करने…. दिखता नहीं उसे दीया तले का अंधेरा…… पुछने पर बड़े प्यार से बोला….. जलाती है जिंदगी सबको मेरी तरह….. मिलेगी कलेजे को कुछ तो ठंडक…. किसी का अंधेरा मिटा कर…. दीया तले का अंधेरा मैं उम्र भर नहीं मिटा स...
http://www.hindisahitya.org/105451
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islamicpalace-blog · 7 years
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जानिए जवानी की इबादत कैसी है
जानिए जवानी की इबादत कैसी है
Janiye jawani ki ibadat kesi hai
Janiye jawani ki ibadat kesi hai
जानिए जवानी की इबादत कैसी है
जवानी की इबादत
सदियाँ गुज़र गयी हमने खात्मे नुबुव्वत का काम छोड़ दीया।
भूल गए और फिर यह भी भूल गए।
आज इस उम्मत का आदमी बूढ़ा हो जाए अल्लाह को उसकी अदा पसन्द है,
इस उम्मत का आदमी जवान हो इताअत में हो अल्लाह को अदा पसन्द,
वह जो जवान जो जवानी को पाकदामनी से गुज़ारे,
इबादत में गुज़ारे तो अर्श के साए तले हो जाए
औ…
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