Tumgik
#पड़त
pawankumar1976 · 1 month
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#असलीभक्ति_VS_नकलीभक्ति
असली भक्ति vs नकली भक्ति
असली भक्ति करने से साधक के पाप नाश हो जाते हैं। जोकि दुखों का मूल कारण है। जिसका प्रमाण यजुर्वेद अध्याय 5 मंत्र 32, अध्याय 8 मंत्र 13 में है।
जबकि धर्मगुरुओं द्वारा कहा जाता है कि भक्ति से पाप नाश नहीं होते, उन्हें तो भोगना ही पड़त
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abhinews1 · 5 months
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सफलता का मंत्र है नियमित अभ्यास:अरुण पांचजन्य
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सफलता का मंत्र है नियमित अभ्यास:अरुण पांचजन्य
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मथुरा विभाग प्रचारक अरुण पांचजन्य ने कृष्ण भाग के शारीरिक प्रधान कार्यक्रम में बोलते हुए कहा की नियमित अभ्यास के द्वारा सफलता को प्राप्त किया जा सकता है। संघ के संस्थापक परम पूजनीय डॉक्टर हेडगेवार जी ने जो नियमित अभ्यास का मार्ग हमें दिखाया है उसके द्वारा हम लक्ष्य प्राप्ति कर सकते हैं आगे बोलते हुए अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि आज स्वयंसेवकों ने कृष्ण भाग के इस शारीरिक प्रधान कार्यक्रम में जो सामूहिक और अनुशासित प्रदर्शन किया है। वह उनके नियमित अभ्यास का परिणाम है। कबीर दास जी के दोहे को उदाहरण के तौर पर रखते हुए उन्होंने कहा "करत करत अभ्यास के, जड़मत होत सुजान, रसडी आवत जात ते, सिल पर पड़त निशान" अर्थात वह अभ्यास ही है जो अंधेरे में भी भोजन करने पर हमारा हाथ खाने के गस्से को मुंह में ही लेकर जाता है यह बात उन्होंने महाभारत के एक प्रसंग के साथ प्रस्तुत की । अतः अभ्यास जितना और जैसा होगा कार्य का परिणाम भी उसके अनुरूप ही होता है।इसलिये पूर्ण सफलता के लिये नियमित अभ्यास आवश्यक है।कार्यक्रम का प्रारंभ गणगीत से हुआ तथा पांच प्रकार के शारीरिक प्रदर्शन कार्यकर्ताओं द्वारा इतनी गर्मी के बाद भी पूरे जोश और मनोयोग से संघ के मथुरा विभाग कार्यालय केशव भवन सरस्वती कुंड के मैदान पर किये गए ।जिनमें दंड प्रहार, गण समता, सामूहिक समता, नियुद्ध, घोष वादन तथा योग और तिष्ठ योग शामिल रहे। मंच पर कार्यक्रम की अध्यक्षता माननीय भाग संघचालक श्रीमान सत्यनारायण जी ने की।तथा योग के शिक्षकों में महानगर शारीरिक प्रमुख दुर्गा प्रसाद जी, दीनदयाल नगर कार्यवाह मनोज जी, सीताराम जी आदि रहे। कार्यक्रम के मुख्य शिक्षक शिवांशु जी तथा एकल गीत विपिन जी ने प्रस्तुत किया। परिचय गायत्री नगर कार्यवाह मनीष जी और केशव नगर कार्यवाह अखिलेश जी ने कराया।कार्यक्रम में विभाग शारीरिक प्रमुख शिवकुमार जी,विभाग सह सम्पर्क प्रमुख प्रदीप जी,मथुरा महानगर प्रचारक आर्येन्द्र जी,महानगर सेवा प्रमुख जगदीश जी,सह महानगर कार्यवाह श्री ओम जी,द्वारकेश नगर कार्यवाह पवन जी,कृष्ण भाग प्रचारक कुलदीप जी आदि प्रमुख रूप से रहे।
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indrabalakhanna · 1 year
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Live : Nepal 1 TV 12-8-2023 || Episode: 1297 || Sant Rampal Ji Maharaj S...
#GodMorningSaturday
#SaturdayMotivation
#SaturdayThoughts
#SaturdayFeeling
#KabirIsGod
🥀पूर्ण परमात्मा कबीर जी🥀
🥀Sant Rampal Ji Maharaj🥀
तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज द्वारा श्रीमद्भगवतगीता का वास्तविक अर्थ _👉ब्रह्म का साधक ब्रह्म को और पूर्ण ब्रह्म का साधक पूर्ण ब्रह्म को ही प्राप्त होता है आजीवन अपने इष्ट की पूजा करते हुए हम प्रतिदिन आठ पहर जैसा अभ्यास करते हैं उस अभ्यास के अनुसार अंतिम समय में हमारा सिमरन होता है और वह सिमरन ही निश्चित करता है कि हम अपने इष्ट के लोक में जाएंगे या अन्य लोक में आएंगे क्योंकि भक्ति करके हम जिस भी चीज की इच्छा करते हैं हमें उसी की प्राप्ति होती है लेकिन इच्छापूर्ति भी अभ्यास पर निश्चित है, सतगुरु देव कहते हैं_ "जहाँ आसा तां वासा होई , मन-कर्म-वचन सुमरियो सोई"🙏
अर्थात है प्राणी तू मन कर्म वचन से अपने पुज्य इष्ट का ही सिमरन कर, जिसके लोक में जाने की तू कामना करता है तेरे सिमरन का अभ्यास ही अंतिम सांस में तेरे संग होगा और वही तुझे तेरा मन चाहा फल दिलाएगा | अपने पूज्य इष्ट के लोक में जाने के लिए प्रतिदिन अपने परमेश्वर का ही सुमिरन ध्यान चिंतन करना चाहिए, आजीवन सतगुरु द्वारा बताई मर्यादा का पालन करते हुए हमें अपने इष्ट की पूजा करनी चाहिए क्योंकि परमेश्वर कबीर जी ने कहा है_ "सतगुरु पूर्ण ब्रह्म है"
🥀 मम संत जानिए मेरा ही स्वरूपम 🥀 अर्थात जैसा अभ्यास हमारा हमारे सतगुरु के प्रति होता है ��ैसा ही इष्ट के प्रति बनता है | वैसे भी संसार में कहावत है _"करत-करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान | रसरी आवत जात ते सिल पर पड़त निशान"||
यदि हमारी संसार की किसी वस्तु में किसी पदार्थ में किसी आत्मा में किसी स्थान में खाने पीने पहनने में किसी में भी आत्मा की इच्छा अटक जाती है तो आत्मा को इस संसार में वापस लौटना पड़ता है और इस संसार में जन्म मरण बना रहेगा हम सत भक्ति करके ही मोक्ष की प्राप्ति कर सकते हैं सत् भक्ति करते हुए सतगुरु मर्यादा का पालन करना अनिवार्य है सावधानी की अति आवश्यकता है
ओम के जाप से ब्रह्मलोक अर्थात ब्रह्म से मिलने वाला लाभ प्राप्त होता है किंतु ब्रह्म अपनी साधना को अनुत्तम बताता है। जबकि अपने से अन्य पूर्ण ब्रह्म की भक्ति साधना के लिए तीन मंत्रों का संकेत करता है। जिससे साधक पूर्ण परमात्मा को ही प्राप्त होता है।
गीता में छुपे हुए रहस्यमई सत्य को पूर्ण रूप से जानने के लिए🙏👇
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@MuktiBodh
@AlKabirIslamic
🙏Visit 👉jagatgururampalji. Org
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bhagwattandan · 2 years
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🌈संत रामपाल जी महाराज जी ने समाज को जीव हिंसा न करने का संदेश दिया है।🌈
मानव कल्याण हेतु तथा आध्यात्मिक ज्ञान के प्रचार–प्रसार हेतु संत रामपाल जी महाराज ने जीवों की हत्या पर रोक लगाई है। संत रामपाल जी महाराज जी का कहना है कि मांसाहार से मानव पाप मुक्त नहीं हो सकता तथा पाप से बचने के लिए मांसाहार को त्यागना होगा।
संत रामपाल जी महाराज जी का कहना है कि हम सब एक पिता की संतान है चींटी से लेकर हाथी तक सब परमेश्वर के बच्चे हैं। पिता की छोटी संतान को मारा जाए या फिर बड़ी कष्ट तो समान ही होता है इस प्रकार जीव हिंसा करना परमात्मा को कष्ट देने के बराबर है।
जीव हिंसा करना महापाप है–
आज मांसाहार अपनी चरम सीमा पर है जहां पहले ब्राह्मण समाज मांस को हाथ नहीं लगाते थे आज वही ब्राह्मण समाज भी मांस भक्षण कर रहा है। आज लगभग सभी धर्म के लोग मांसाहार को श्रेष्ठ मानते हैं। जबकि जीवो को मार कर खाना महापाप है इससे परमात्मा रुष्ठ होता है परमात्मा की छोटी संतान मारी जाए या बड़ी संतान मरी जाए कष्ट समान होता है। जीवो की हत्या पर रोक लगाने के लिए संत रामपाल जी महाराज जी ने अपने अनुयायियों को मांस भक्षण करना निषेध किया है।
परमेश्वर कबीर साहिब जी ने कहा है,
“बकरी पाती खात है, ताकि काढ़ी खाल ।
जो नर बकरी खात हैं, तिनका कौन हवाल ।।”
अर्थात् परमात्मा कबीर साहिब जी समझाना चाह रहे हैं कि
बकरी केवल पत्ते खाती है उसकी तो तुम हत्या कर देते हो उसकी खाल उतार देते हो । विचार करो भोले मनुष्यों! जो बकरी को खाता होगा उनका क्या हाल होता होगा। अर्थात वह नरक में जाएंगे।
मांसाहार राक्षस आहार है–
संत रामपाल जी महाराज जी का कहना है मनुष्य के लिए परमेश्वर ने शुद्ध शाकाहार भोजन दिया है। इसके अतिरिक्त जो मांसाहार को भक्षण करते हैं वह राक्षस की श्रेणी में आते हैं। कबीर साहिब जी ने अनेक दोहों में मांस भक्षण को निषेध किया है। उन्होंने कहा है,
“मांसाहारी मानवा, परतछ राक्षस अंग।
ताकी संगत मत करो, पड़त भजन में भंग ॥”
“मांस मछरिया खात है, सुरापान सों हेत।
ते नर नरके जायेंगे, मात पिता समेत ॥”
“मांस मांस सब एक है, मुरगी हिरनी गाय।
आँखि देखि नर खात है, ते नर नरकहि जाय॥”
मांसाहार अन्य धर्म ग्रंथों में भी निषेध है। पूर्ण परमात्मा ने माँस खाने का आदेश कभी नहीं दिया। पवित्र बाईबल (उत्पत्ति ग्रन्थ 1:29,1:28) में मनुष्य को आहार करने के लिए फलदार वृक्ष, शुद्ध शाकाहार भोजन करने का आदेश दिया है।
अतः सर्व मानव समाज से करबद्ध प्रार्थना है कि विचार करें मनुष्य जन्म बहुत ही अनमोल है । इसे जीव हत्या करके, मांसाहार करके पाप इकठ्ठा ना करें। संत रामपाल जी महाराज का उद्देश्य है सभी मनुष्य शुद्ध शाकाहार अपनाएं जिससे हम पाप मुक्त हो सके तथा अपने निजलोक अर्थात सत्यलोक जा सके।
अधिक जानकारी के लिए Download करें हमारी Official App “Sant Rampal Ji Maharaj”
#महानपरोपकारीसंतरामपालजी
#8सितंबरसंतरामपालजीअवतरणदिवस
#SantRampalJiMaharaj
#8thSeptember_AvataranDiwas
अधिक जानकारी के लिए अवश्य download करें
पवित्र पुस्तक “धरती पर अवतार”
https://bit.ly/DhartiParAvtar
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coralsoulrebel · 2 years
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🌈संत रामपाल जी महाराज जी ने समाज को जीव हिंसा न करने का संदेश दिया है।🌈
मानव कल्याण हेतु तथा आध्यात्मिक ज्ञान के प्रचार–प्रसार हेतु संत रामपाल जी महाराज ने जीवों की हत्या पर रोक लगाई है। संत रामपाल जी महाराज जी का कहना है कि मांसाहार से मानव पाप मुक्त नहीं हो सकता तथा पाप से बचने के लिए मांसाहार को त्यागना होगा।
संत रामपाल जी महाराज जी का कहना है कि हम सब एक पिता की संतान है चींटी से लेकर हाथी तक सब परमेश्वर के बच्चे हैं। पिता की छोटी संतान को मारा जाए या फिर बड़ी कष्ट तो समान ही होता है इस प्रकार जीव हिंसा करना परमात्मा को कष्ट देने के बराबर है।
जीव हि���सा करना महापाप है–
आज मांसाहार अपनी चरम सीमा पर है जहां पहले ब्राह्मण समाज मांस को हाथ नहीं लगाते थे आज वही ब्राह्मण समाज भी मांस भक्षण कर रहा है। आज लगभग सभी धर्म के लोग मांसाहार को श्रेष्ठ मानते हैं। जबकि जीवो को मार कर खाना महापाप है इससे परमात्मा रुष्ठ होता है परमात्मा की छोटी संतान मारी जाए या बड़ी संतान मरी जाए कष्ट समान होता है। जीवो की हत्या पर रोक लगाने के लिए संत रामपाल जी महाराज जी ने अपने अनुयायियों को मांस भक्षण करना निषेध किया है।
परमेश्वर कबीर साहिब जी ने कहा है,
“बकरी पाती खात है, ताकि काढ़ी खाल ।
जो नर बकरी खात हैं, तिनका कौन हवाल ।।”
अर्थात् परमात्मा कबीर साहिब जी समझाना चाह रहे हैं कि
बकरी केवल पत्ते खाती है उसकी तो तुम हत्या कर देते हो उसकी खाल उतार देते हो । विचार करो भोले मनुष्यों! जो बकरी को खाता होगा उनका क्या हाल होता होगा। अर्थात वह नरक में जाएंगे।
मांसाहार राक्षस आहार है–
संत रामपाल जी महाराज जी का कहना है मनुष्य के लिए परमेश्वर ने शुद्ध शाकाहार भोजन दिया है। इसके अतिरिक्त जो मांसाहार को भक्षण करते हैं वह राक्षस की श्रेणी में आते हैं। कबीर साहिब जी ने अनेक दोहों में मांस भक्षण को निषेध किया है। उन्होंने कहा है,
“मांसाहारी मानवा, परतछ राक्षस अंग।
ताकी संगत मत करो, पड़त भजन में भंग ॥”
“मांस मछरिया खात है, सुरापान सों हेत।
ते नर नरके जायेंगे, मात पिता समेत ॥”
“मांस मांस सब एक है, मुरगी हिरनी गाय।
आँखि देखि नर खात है, ते नर नरकहि जाय॥”
मांसाहार अन्य धर्म ग्रंथों में भी निषेध है। पूर्ण परमात्मा ने माँस खाने का आदेश कभी नहीं दिया। पवित्र बाईबल (उत्पत्ति ग्रन्थ 1:29,1:28) में मनुष्य को आहार करने के लिए फलदार वृक्ष, शुद्ध शाकाहार भोजन करने का आदेश दिया है।
अतः सर्व मानव समाज से करबद्ध प्रार्थना है कि विचार करें मनुष्य जन्म बहुत ही अनमोल है । इसे जीव हत्या करके, मांसाहार करके पाप इकठ्ठा ना करें। संत रामपाल जी महाराज का उद्देश्य है सभी मनुष्य शुद्ध शाकाहार अपनाएं जिससे हम पाप मुक्त हो सके तथा अपने निजलोक अर्थात सत्यलोक जा सके।
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#8सितंबरसंतरामपालजीअवतरणदिवस
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पवित्र पुस्तक “धरती पर अवतार”
https://bit.ly/DhartiParAvtar
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traitor6 · 2 years
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एनवीडिया क आरटीएक्स 3090 टीआई ग्राफिक्स कार्ड क कीमत 2000 डॉलर अछि
एनवीडिया क आरटीएक्स 3090 टीआई ग्राफिक्स कार्ड क कीमत 2000 डॉलर अछि
एनवीडिया केरऽ नया फ्लैगशिप ग्राफिक्स कार्ड आखिरकार बाजार म॑ आबी गेलऽ छै । जीफोर्स आरटीएक्स 3090 टीआई दुनिया क सबस शक्तिशाली ग्राफिक्स कार्ड अछि, जेकर आधार मूल्य 2,000 डॉलर अछि । फेसबुकट्विटर ईमेल शेयर करे
एनवीडिया एकटा नव फ्लैगशिप पेश केलक अछि जखन कि ग्राफिक्स कार्ड के दाम एखनो बहुत बेसी अछि. पहिने अनावरण कएल गेल आरटीएक्स 3090 टीआई किछु सुधार क संग 2000 स 2200 डॉलर क खगोलीय कीमत पर उपलब्ध होएत । एनवीडिया के असल मे कीमत 2000 डॉलर अछि, मुदा एनवीडिया के पार्टनर कार्ड के दाम बेसी भ सकैत अछि. ईवीजीए पहिल आरटीएक्स 3090 टीआई कए 2200 डॉलर मे लॉन्च करत । मुदा बाजार मे एहि कार्ड क वास्तविक दाम शायद आओर बेसी होएत।
आरटीएक्स 3090 टीआई ग्राफिक्स कार्ड आरटीएक्स 3090 टीआई ग्राफिक्स कार्ड विनिर्देश
ठीक आरटीएक्स 3090 क तरह एनवीडिया क नव फ्लैगशिप ग्राफिक्स कार्ड मे 24जीबी जीडीडीडीआर6एक्स मेमोरी आ 8 नैनोमीटर जीए102 चिप अछि । मुदा एहि कार्ड क मेमोरी बैंडविड्थ मे आरटीएक्स 3090 क मुकाबले करीब 7.7% क बढ़ोतरी भेल अछि आ इ 1008 जीबी/सेकंड तक पहुंच गेल अछि ।
एनवीडिया के अनुसार 1560 मेगाहर्ट्ज के बेस फ्रीक्वेंसी वाला ई ग्राफिक्स कार्ड म॑ लगभग 40 टेराफ्लॉप ग्राफिक्स पावर छै, जे आरटीएक्स 3090 स॑ लगभग 11% अधिक छै । एहि ग्राफिक्स कार्ड मे 10725 CUDA कोर, 78 TFLOPs बीम ट्रैकिंग पावर आ 320 TFLOPs टेंसर सेहो अछि ।
एनवीडिया ई ग्राफिक्स कार्ड अधिकतर ब्लेंडर, माया आरू सिनेमा4डी जैसनऽ प्रोजेक्ट के साथ-साथ रिसर्च एप्लीकेशन लेली भी उपलब्ध करै छै । एहि तरहें आरटीएक्स 3090 टीआई कए गेमर्स क लेल मार्केटिंग आ दाम नहि देल गेल अछि । हालांकि एनवीडिया एहि कार्ड कए 8K गेमिंग क लेल आदर्श मानैत अछि, मुदा समीक्षा इ साबित करैत अछि । बहुत अधिक बिजली खपत
आरटीएक्स 3090 क॑ लगभग 400 वाट के बिजली खपत वाला उच्च खपत वाला कार्ड होय के कारण टीआई संस्करण लेली हालात आरू खराब छै । इ ग्राफिक्स कार्ड किछ मामला मे 500 वाट सं बेसि बिजली कें खपत त कयर सकय छै.
बिजली की खपत RTX 3090 Ti
एहि उच्च खपत कए देखैत एनवीडिया कम स कम 850 वाट क बिजली आपूर्ति क उपयोग करबाक सलाह दैत अछि, आ कंपनी 1000 वाट क मॉडल क सिफारिश करैत अछि । एकरऽ अलावा अधिक बिजली खपत अधिक ताप उत्पादन स॑ जुड़लऽ छै । एहि तरहें एहि कार्ड बनेनिहार कए एनवीडिया क नव फ्लैगशिप लेल एकटा आओर पैघ आ शक्तिशाली कूलर डिजाइन करय पड़त । आरटीएक्स 3090 टीआई के आरटीएक्स 3090 के साथ तुलना करू
एनवीडिया केरऽ जीफोर्स आरटीएक्स 3090 टीआई ग्राफिक्स कार्ड आरटीएक्स 3090 स॑ मात्र लगभग 9% तेज छै आरू आरटीएक्स 3080 टीआई स॑ 15% तलक तेज छै । एहि तरहें, दाम मे पैघ अंतर क कारण अगर अहां क लक्ष्य खेलनाय अछि त शायद आरटीएक्स 3080 टीआई या आरटीएक्स 3080 बेहतर विकल्प होएत ।
लिनस टेक टिप्स यूट्यूब चैनल न॑ आरटीएक्स 3090 टीआई आरू आरटीएक्स 3090 के बीच कुछ उपयोगी तुलना करलकै । जेना कि अहां देख सकय छी जे एहि ग्राफिक्स कार्ड आओर पिछला फ्लैगशिप मे अंतर ओतेक पैघ नहिं अछि आओर निश्चित रूप सं 500 डॉलर के दाम बढ़य के जायज नहिं ठहराबैत अछि.
गेम म॑ सबसें बड़ऽ अंतर तब॑ आबै छै जब॑ आपने आरटीएक्स या ब���म इंटरसेप्शन क॑ सक्षम करै छियै । एहि मामला मे दूनू झंडाधारी क बीच खेल मे 10 स 12 प्रतिशत क अंतर अछि। बिना आरटीएक्स के अंतर 8 सं 9 प्रतिशत तक कम भ जायत अछि. ई जखन कि एहि दूनू कार्ड क दाम मे अंतर कम स कम 33% अछि। इहो ध्यान देबय के चाही जे ई तुलना आरटीएक्स 3090 के एफई संस्करण आओर आरटीएक्स 3090 टीआई के ईवीजीए एफटीडब्ल्यू3 संस्करण के बीच कएल गेल छल . अगर अहां पिछला फ्लैगशिप के ईवीजीए कार्ड देखब त शायद एकर परिणाम आओर करीब होएत.
ओना अगर अहां दुनिया क सबस तेज ग्राफिक्स कार्ड क तलाश मे छी त एहि मे कोनो संदेह नहि जे RTX 3090 Ti सबस नीक विकल्प अछि । ओना त अहां लग कोनो प्रतिष्ठित ब्रांड के कम सं कम 850 वाट के पावर सप्लाई होबाक चाही. एकरऽ अलावा ई जानना अच्छा छै कि हमरा उम्मीद छै कि एनवीडिया ई साल 5 नैनोमीटर लिथोग्राफी आरू बेहतर प्रदर्शन वाला अपनऽ आरटीएक्स 4000 सीरीज के ग्राफिक्स कार्ड लॉन्च करतै । एहि स एहि नव फ्लैगशिप कए खरीदबाक प्रस्ताव देब आओर मुश्किल भ गेल अछि।.
Source:Shopingserver.net
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news27udr · 2 years
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न्यूज़27/उदयपुर/भरत/आबकारी विभाग का विशेष अभियान 16 प्रकरण दर्ज।
न्यूज़27/उदयपुर/भरत/आबकारी विभाग का विशेष अभियान 16 प्रकरण दर्ज।
आबकारी विभाग का विशेष अभियान 16 प्रकरण दर्ज, अवैध शराब बरामद उदयपुर, 10 अप्रेल (वि.)-आबकारी आयुक्त श्री चेतन देवड़ा के निर्देशन में पड़त मदिरा दुकानों के क्षेत्रों में चल रहे विशेष अभियान के तहत विभिन्न स्थानों पर दबिश जारी है। जिला आबकारी अधिकारी श्री अजय जैन ने बताया कि पिछले दो दिनों में जिले के खैरवाड़ा, मावली, सलूम्बर, गोगुंदा आदि आबकारी सर्किल में धावे देकर अवैध मदिरा बरामद की गई। जैन ने…
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hindiemejane · 3 years
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रहीम दास का जीवन परिचय Biography of Abdurrahim Khankhana
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रहीम दास का जीवन परिचय Biography of abdul rahim khan-i-khana
जो गरीब सों हित करें, धनि रहीम ये लोग। कहाँ सुदामा चापुरी, कृष्ण मिताई जोग ।। जो लोग गरीबों ��ा भला करते हैं वास्तव में ये ही धन्य हैं। कहाँ द्वारिका के राजा कृष्ण और कहाँ गरीब ब्राह्मण सुदामा। दोनों के बीच अमीरी-गरीबी का बहुत बड़ा अंतर था, फिर भी श्री कृष्ण ने सुदामा से मित्रता की और उसका निर्वाह किया। उक्त पंक्तियों की रचना महान कवि रहीम ने की। रहीम ने कविताओं व दोहों में नीति और व्यवहार पर बल दिया और समाज को आदर्श मार्ग दिखाया। रहीम दास मुसलमान होते हुए भी भगवान श्री कृष्ण के  भक्त थे। उन्होंने काव्य के द्वारा जिस सामाजिक मर्यादा को प्रस्तुत किया वह आज भी अनुकरणीय है। रहीम का पूरा नाम अब्दुल रहीम ख़ान-ए-ख़ानाँ (abdul rahim khan-i-khana) था। रहीम का जन्म लाहौर (जो अब पाकिस्तान में है) में 1556 ई0 में हुआ। इनके पिता बैरम खाँ हुमायूँ के अतिविश्वसनीय सरदारों में से एक थे।हुमायूँ की मृत्यु के बाद बैरम खाँ ने तेरह वर्षीय अकबर का राज्याभिषेक करदिया तथा उनके संरक्षक बन गए। हज यात्रा के दौरान मुबारक लोहानी नामक एक अफगानी पठान ने बैरम खाँ की हत्या कर दी। रहीम उस समय मात्र पाँच वर्ष के थे। रहीम अपनी माँ के साथ अकबर के दरबार में पहुंचे। read also रहीम दास के दोहे
रहीम का जीवन परिचय (rahim biography in hindi) एक नज़र में
नाम अब्दुल रहीम ख़ान-ए-ख़ानाँ (abdul rahim khan-i-khana)  उपनाम रहीम दास  माता का नाम सुल्ताना बेगम पिता का नाम बैरम खां व्यक्तिगत जीवन जन्म की तारीख 17 दिसंबर 1556, जन्मस्थान लाहौर, मुगल साम्राज्य पत्नी का नाम माहबानो  धर्म इस्लाम  प्रतिभा कवि, सेनापति, प्रशासक, शरणार्थी, दार्शनिक, राजनयिक, परोपकारी और विद्वान  पद अकबर के दरबार मीर अर्ज
रहीम की शिक्षा
अकबर ने रहीम के लालन-पालन की व्यवस्था राजकुमारों की तरह की। अकबर ने रहीम को 'मिर्जा की उपाधि भी प्रदान की जो केवल राजकुमारों को दी जाती थी। उन्होंने रहीम की शिक्षा के लिए मुल्ला अमीन को नियुक्त किया। रहीम ने मुल्ला अमीन से अरबी, फारसी, तुर्की, गणित, तर्कशास्त्र आदि का ज्ञान प्राप्त किया। अकबर ने रहीम के लिए संस्कृत अध्ययन की भी व्यवस्था की। बचपन से ही अकबर जैसे उदार व्यक्ति का संरक्षण प्राप्त होने के कारण रहीम में उदारता और दानशीलता के गुण भर गए। रहीम को काव्य सृजन का गुण पैतृक परम्परा से प्राप्त हुआ था। इसके अतिरिक्त उन्हें राज्य संचालन, वीरता और दूरदर्शिता भी पैतृक रूप में मिली। मिर्जा खाँ रहीम की कार्य कुशलता, लगन और योग्यता देखकर अकबर ने उन्हें शासक वंश से जोड़ने का निश्चय किया। अकबर ने रहीम का विवाह माहमअनगा की बेटी तथा खाने जहाँ अजीज कोका की बहन से करा दिया। सन् 1573 ई0 में मिर्जा खाँ रहीम का राजनीतिक जीवन आरंभ हुआ। अकबर गुजरात के विद्रोह को शान्त करने के लिए अपने कुछ विश्वसनीय सरदारों को लेकर गए थे। उनमें सत्रह वर्षीय मिर्जा खाँ भी थे। 1576 ई0 में अकबर ने उन्हें गुजरात का सूबेदार बनाया। 1580 तक मिर्जा खाँ ने राजा भगवानदास और कुँवर मानसिंह जैसे योग्य सेनापतियों की संगति में रहकर अपने अन्दर एक अच्छे सेनापति के गुणों को विकसितकर लिया। प्रधान सेनापति के रूप में उन्होंने बहुत लडाइयाँ जीती। अकबर ने उन्हें वकील की पदवी से सम्मानित किया। उनके पहले यह सम्मान केवल उनके पिता बैरम खां को था  । उच्च कोटि के सेनापति और राजनीतिज्ञ होने के साथ ही रहीम श्रेष्ठ कोटि के कवि भी थे। अकबर का शासन काल हिंदी साहित्य का स्वर्णकाल माना जाता है। इसी समय रहीम ने ब्रजभाषा, अवधी तथा खडी बोली में रचनाएँ की। उनकी प्रमुख रचनाएं रहीम सतसई. बरवै नायिका भेद, रास पंचाध्यायी, शृंगार सोरहा रहीम समाज की कुरीतियों, आडम्बरों के भी आलोचक थे। वे मानवता के रचनाकार थे। उन्होंने एक सम्प्रदाय से दूर रह कर राम रहीम को एक माना। रहीम ने राम, सरस्वती, गणेश, कृष्ण, सूर्य, शिव-पार्वती हनुमान और गंगा की स्तुति की है। भाषा, धर्म-सम्प्रदाय में न उलझकर उन्होंने मानवधर्म को परम धर्म माना। राजद्रोह के अभियोग में उन्हें कैद करवा लिया। उनकी सारी सम्पत्ति पर कब्जा कर लिया। जहाँगीर से रहीम की नहीं बनी। वह दुःखी होकर चित्रकूट चले आए। उन्होंने लिखा चित्रकूट में रमि रहे, रहिमन अवध नरेस। जा पर विपदा पड़त है, वहि आवत यहि देस।। रहीम के अंतिम दिन बहुत ही संघर्षपूर्ण रहे ! वह बीमार पड़ गए। उन्हें दिल्ली लाया गया जहाँ 1628 में उनकी मृत्यु हो गई। उन्हें हुमायूँ के मकबरे के सामने अपने ही द्वारा बनवाए गए अधूरे मकबरा में दफनाया गया। अब्दुर्रहीम खानखाना अपनी रचनाओं के कारण आज भी जीवित हैं। अकबर के नवरत्नों में वे अकेले ऐसे रत्न थे जिनका कलम और तलवार पर समान अधिकार था। उन्होंने समाज के सामने 'सर्वधर्म समभाव' का अनोखा उदाहरण प्रस्तुत किया जो मानव मात्र के लिए ग्रहणीय है। Read Also: रहीम के दोहे अर्थ सहित रहीमदास का साहित्यिक परिचय रहीम का हिंदी साहित्य में बहुत महत्वपूर्ण स्थान है उनकी गिनती भक्ति काल के श्रेष्ठ कवि जैसे तुलसीदास , कबीरदास , सूरदास ,मीराबाई आदि में की जाती है रहीम दास को संस्कृत, अरबी, हिंदी, फ़ारसी जैसी कई भाषाओं का ज्ञान था। उनके दोहे आम जन के दिलो को छू लेते है। रहीम दास की रचनाओं में भक्ति–प्रेम, नीति और श्रृंगार रस का भरपूर आनंद मिलता है ।
रहीम की भाषा शैली
रहीम दास जी  ने अवधी और ब्रज भाषा दोनों में कविता लिखी है उनकी कविता में रचित, शांत और हास्य रस पाए जाते हैं।उनकी भाषा बहुत सरल हैउनकी कविता में भक्ति, नैतिकता, प्रेम और श्रंगार का सुंदर समावेश है। दोहा, सोरठा, बरवै, कवित्त और सवैया उनके प्रिय छंद हैं। रहीम की रचनाएँ रहीम दोहावली, बरवै, नायिका भेद, मदनाष्टक, रास पंचाध्यायी, नगर शोभा आदि रहीम का पूरा नाम क्या है ? रहीम का पूरा नाम अब्दुल रहीम ख़ान-ए-ख़ानाँ था। रहीम किस काल के कवि हैं ? रहीम भक्ति काल के कवि हैं। रहीम का जन्म कहां हुआ था ? रहीम का जन्म लाहौर (जो अब पाकिस्तान में है) में 1556 ई0 में था। रहीम के पिता कौन थे ? रहीम के पिता का नाम  बैरम खां था । रहीम की मृत्यु कब हुई ? रहीम के अंतिम दिन बहुत ही संघर्षपूर्ण रहे 1628 में उनकी मृत्यु हो गई अन्य पढ़े Read the full article
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ilovemithila · 4 years
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बङ्गाली विद्यार्थी जँका कोनो दिन अपनोसभकेँ आन्दोलन करेैले तयार रह' पड़त
बङ्गाली विद्यार्थी जँका कोनो दिन अपनोसभकेँ आन्दोलन करेैले तयार रह’ पड़त
विश्वके आधुनिकिकरण सङ्गे भाषामे व्यापक असर पड़ैत गेल अछि। जानकारसभ बतबैत छथि जे विशेष खतरामे मातृभाषा अछि। एहने सन्दर्भमे अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस सेहो 21 Feb आइये अछि। विज्ञसभ कहै छथि: मातृभाषा किए जरुरी छै ? एकर असली महत्व विद्यार्थी जिवनमे बहुत देखाए पड़ै छै। सेहे बात मनन करैत सङोर मिथिला नेपाल सङ्गे ILoveMithila.Com द्वारा लहानक एक अन्तरक्रिया कएलक । Lord Buddha Niketan मा. वि. मे…
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satyam-mathematics · 4 years
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1.जेईई मेन 2021 की तैयारी के लिए 9 टिप्स (9Tips for Preparation of JEE Main 2021) –
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जेईई मेन 2021 की तैयारी के लिए 9 टिप्स (9Tips for Preparation of JEE Main 2021) के अनुसार परीक्षा सेशन का चुनाव करें।चार सेशन में होने वाली परीक्षा के फायदे तथा सही सेशन का चुनाव करने के लिए इस आर्टिकल को पढ़ें।
आईआईटी और इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट में प्रवेश पाने के लिए होने वाली परीक्षा में सफल होने के लिए जेईई मेन 2021 की तैयारी के लिए 9 टिप्स (9Tips for Preparation of JEE Main 2021) के बारे में जाने। अब परीक्षा में लगभग एक महीना शेष रहा है।
जेईई-मेन परीक्षा में सभी टॉपिक को कवर करने की कोशिश करें।कई बार हमें जो टॉपिक बोरिंग लगते हैं उनको छोड़ देते हैं या कठिन लगने के कारण छोड़ देते हैं।उन टॉपिक्स पर ध्यान नहीं देते हैं।ऐसी स्थिति में आप परीक्षा में सफल होने से वंचित रह जाते हैं।
लाॅकडाउन में घर पर रहकर परीक्षा की तैयारी पूरी करने के बाद अब परीक्षा की तैयारी गंभीरतापूर्वक प्रारंभ कर देनी चाहिए।
इस बार परीक्षा के सिलेबस में तो परिवर्तन नहीं किया है परंतु परीक्षा में भाग लेने के लिए 75% न्यूनतम पास मार्क्स तथा परसेंटाइल की बाध्यता हटा दी है।
परीक्षा की तैयारी अपनी पूरी प्लानिंग तथा मजबूती से करें।
(1.) परीक्षा सेशन का चुनाव परीक्षा की तैयारी के अनुसार करें (Choose exam session according to preparation of exam),चार सेशन में होने वाली परीक्षा के फायदे और सही सेशन के चुनाव का तरीका (Benefits of examination in four sessions and method of choosing right session)-
जेईई-मेन इस बार चार सेशन में आयोजित हो रही है।हर स्टूडेंट एक या अधिक सेशन में भाग ले सकता है।
परंतु जिन छात्रों ने लाॅकडाउन के दौरान या गत छह महीने से तैयारी नहीं की है उन्हें अन्तिम सेशन में परीक��षा देने का विकल्प चुनना चाहिए।
जो स्टूडेंट्स गत छह माह तथा लाॅकडाउन के दौरान तैयारी कर रहे हैं वे स्टूडेंट्स फरवरी 2021 अर्थात् प्रथम सेशन में भाग ले सकते हैं।क्योंकि इस प्रकार के स्टूडेंट्स की जेईई-मेन की परीक्षा की तैयारी पूरी हो चुकी होगी।
(2.)चैप्टर और टाॅपिक के अनुसार तैयारी करें (Prepare according to chapter and topics)-
भौतिकी कंसेप्चुअल सब्जेक्ट है जिसमें कांसेप्ट का महत्त्व होता है।इसलिए हर कंसेप्ट को क्लियर करें अर्थात् रटकर याद न करें बल्कि हर कांसेप्ट को समझकर याद करें।
12वीं की फिजिक्स, 11वीं की फिजिक्स को दोबारा पढ़ना चाहिए तथा किसी रेफरेंस बुक से भी तैयारी करना चाहिए।
फिजिक्स में मैकेनिक्स बहुत महत्त्वपूर्ण है।वहीं माॅडर्न फिजिक्स में सेमी-कंडक्टर टाॅपिक शुरुआत में बोरिंग लगता है लेकिन थ्योरी के साथ प्रैक्टिकल को भी पढ़ा जाए तो यह काफी इंटरेस्टिंग है।
जेईई-मेन में फिजिक्स,कैमस्ट्री और मैथेमेटिक्स तीनों सब्जेक्ट से सवाल पूछे जाते हैं।इसलिए चैप्टर तथा टॉपिक की तैयारी परीक्षा के सेशन के अनुसार करें।
हर टाॅपिक के शार्ट नोट्स और फाॅर्मूले की सूची बनाएं।ये शॉर्ट नोट्स परीक्षा के समय तैयारी करने व रिवीजन में सहायता करेंगे।
(3.)फाॅर्मूलों को याद करें (Remember the formulas)-
गणित,विज्ञान अर्थात् फिजिक्स व केमिस्ट्री में फाॅर्मूलों का बहुत महत्त्व है।इसलिए फाॅर्मूलों के लिए अलग से एक छोटी नोटबुक बनाएं और जब भी मौका मिले उन्हें दोहराते रहें। बिना फाॅर्मूलों के आप सवाल हल नहीं कर सकते हैं।
परीक्षा की पूर्ण तैयारी करने के बावजूद स्टूडेंट्स सवालों को हल करते समय फाॅर्मूलों को भूल जाते हैं और वे सवालों को हल नहीं कर पाते हैं।इसलिए शुरू से ही फाॅर्मूलों की छोटी नोटबुक तैयार करके उन फाॅर्मूलों को समय-समय पर दोहराते रहें।
(4.)बार-बार अभ्यास करें (Practice again and again)-
कहावत है कि करत-करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान रसरी आवत जावत ते सिल पर पड़त निशान के अनुसार यदि आप चैप्टर का बार-बार अभ्यास करेंगे तो हर टाॅपिक व चैप्टर पर आपकी अच्छी पकड़ हो जाएगी।
पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों,मॉडल पेपर्स को बार-बार हल करें। उनके क्वेश्चन को हल करें।इसके अलावा क्वेश्चन बैंक को हल करें।माॅक टेस्ट देकर अपनी तैयारी की जांच करते रहे।जिस टाॅपिक व चैप्टर
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nageshchandramishra · 4 years
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💓विषय : किसान आंदोलन पर
विद्वान रचनाकार पंकज सुबीर जी का फ़ेसबुक पोस्ट दिनांक 30/12/2020 और उनके एक फ़ैन नागेश चन्द्र मिश्र का उत्तर 💓:-
“अभी जाकर अमेज़न पर सर्च कीजिए मक्के के आटे के बारे में। मैंने सर्च किया तो यह मिला-
Magic Makka Atta Corn Meal Flour,no Preservative Pack, Yellow Color (1000 g) M.R.P.: ₹ 420.00 Price: ₹ 399.00 (₹ 399.00 / kg)
आपको पता है मक्का का न्यूनतम समर्थन मूल्य क्या है ? लगभग दो हज़ार रुपये प्रति क्विंटल और उसी मक्के का आटा बिक रहा है चार सौ रुपये प्रति किलो की दर से मतलब चालीस हज़ार रुपये प्रति क्विंटल की दर से । और यह भी समझ लीजिए कि यह न्यूनतम समर्थन मूल्य भी किसान को नहीं मिलता है, अक्सर तो दस से पन्द्रह रुपये प्रति किलो ही मिलता है उसे । यदि बीस रुपये प्रति किलो को ही पकड़ कर चलें तो उस बीस का बीस गुना कमा रही है वह कंपनी जो उस मक्का को पीस कर केवल आटा बनाने का काम कर रही है। वह किसान जिसने हल चलाया, बीज बोया, पानी फेरा, खाद दिया, दिन भर धूप में खड़े रहकर दानों को पंछियों से बचाया, फिर कटाई की, भुट्टों से मक्का को निकाला, मंडी ले जाकर बेचा; उस किसान को इस श्रम का मूल्य तक भी नहीं मिल पाया और उस दाने को एक चक्की में पीस कर बाज़ार में लाने वाली कंपनी ने बीस गुना कमाई एक झटके में कर ली।
कई लोग कहते हैं कि किसानों को आयकर नहीं देना पड़ता है, उनको भी आयकर के दायरे में लाना चाहिए। मैं उन सब से कहना चाहता हूँ कि किसान हम सब से कहीं ज़्यादा अप्रत्यक्ष आयकर भर रहा है। अप्रत्यक्ष आयकर इस रूप में कि देश में सबको खाने के लिए अनाज मिल सके इसलिए ज़रूरी अनाजों का न्यूनतम समर्थन मूल्य उतना नहीं बढ़ाया जाता, जिस हिसाब से महँगाई की दर बढ़ रही है। एक बार कहा गया था कि यदि देश में सबको भर पेट भोजन देना है तो किसानों को सेक्रीफाइज़ करना होगा। और किसान आज तक सेक्रीफाइज़ करता आ रहा है। आज गेहूँ का न्यूनतम समर्थन मूल्य लगभग दो हज़ार रुपये प्रति क्विंटल है जबकि महँगाई की दर के हिसाब से इसे आज कम से कम बीस हज़ार रुपये प्रति क्विंटल होना चाहिए था, क्योंकि इस बीच डीज़ल, खाद, बीज, बिजली सबके दामों में इसी हिसाब से बढ़���तरी हुई है। इस हिसाब से देखा जाए तो किसान इस देश में सबसे ज़्यादा आयकर भरता है। वह तो आज भी लगभग अठारह हज़ार रुपये प्रति क्विंटल की दर से आयकर देश के लिए भर रहा है। और उसके पास तो कोई दूसरा उपाय भी नहीं छोड़ा गया है कि वह इससे बच सके।
मैं पहले भी कई बार कह चुका हूँ और फिर से कह रहा हूँ कि इस देश के किसानों को खेती करनी एकदम बंद कर देनी चाहिए। क्यों परेशान होते हैं इन कृतघ्न लोगों के लिए। क्यों कर रहे हैं ऐसा काम जिससे उनके घर में दोनो वक्त का चूल्हा भी नहीं जल पाता है। छोड़ दें सारी ज़मीनों को पड़त। जब कारपोरेट खेती प्रारंभ हो जाएगी तब सबको पता चलेगा कि किसान का मतलब क्या होता था। क्योंकि कारपोरेट तो फिर बीस हज़ार रुपये क्विंटल की दर से ही बेचेगा गेहूँ को।
पर ये सब लिखने से क्या मतलब है। असल में इस देश की जनता एक नशे की आदी हो गई है। नशा उन सूचनाओं का जिनका कोई मतलब नहीं ��ै। किसान के आंदोलन के सामने ज़्यादा महत्त्वपूर्ण है अंबानी के घर पोता पैदा होना, या फिर अनुष्का तथा विराट के घर बच्चा पैदा होने की प्रतीक्षा। यह सब नशे हैं, जो हमें लगातार मदहोश रखने के लिए दिए जा रहे हैं। लेते रहिए इस नशे को और सोचते रहिए कि यही दुनिया है।
आधा देश अडानी का और आधा अंबानी का है
जिसे उठा कर चल देना है अपना बस वो झोला है
————————————+++++———————————
👇🇮🇳 पंकज सुबीर के एक फ़ैन नागेश चन्द्र मिश्र का उत्तर 🇮🇳👇
पंकज सुबीर जी 💓🙏🏽
एक रचनाकार के रूप में आपका फ़ैन हूँ मैं , पर तर्क की कसौटी पर #किसान_आन्दोलन से संबंधित आपके स्टेटमेण्ट में निम्नांकित #लोच की ओर आपका ध्यान आकर्षित करने की चेष्टा कर रहा हूँ :
1) M.R.P. ( Maximum Retail Price ) और M.S.P. ( Minimum Support Price ) में उतना ही फ़र्क़ है जितना #लघुत्तम_महत्तम में ❗️
इसलिये मेरे जैसे #पचहत्तरवें_फेल को फिर से ‘यादव चन्द्र चक्रवर्ती’ वाला #अंकगणित के चक्रव्यूह से #किसान वाला “हल” के पेंच से गुजरना होगा जो अपने-आप में अलग तरह का “ आग 🔥 का दरिया है और डूब के जाना है “ 🤞‼️
2) “अति दर्पे हता: लंका, अति माने च कौरवा: । अति दाने बलि बद्धो अति सर्वत्र वर्जयेत् ।।” श्लोक विज्ञान की कसौटी पर भी खरा उतरता है - चाहे वह Strength of Materials Young’s Modulus of Elasticity हो या खेती के लिये ‘बाढ़ और सुखाड़ जैसा #अति से निबटने का पारिस्थितिकी हो !
Welfare State के लिये भी CronyCapitalism और CronySocialism दोनों ख़तरनाक है ! Democracy का मतलब न ‘अम्मा कैंटीन’ है और न ‘केजरीवाल वाला Free Bees’ या “राहुल गॉंधी वाला Loan माफ़” ! दु:ख इस बात का है कि ‘वोट की राजनीति’ ने Democracy को इस देश में KLEPTOCRACY का रूप दे दिया है !
इसलिये प्रजातंत्र की दुहाई देते हुए आपसे निवेदन है कि महात्मा गांधी के रूह से आपने #जिन्हें_जुर्म_ए_इश्क_पे_नाज_था से जो डायलॉग दिलवाया है - उसे याद कर एक बार अपने स्टेटमेण्ट पर पुनरावलोकन करने की महती कृपा करेंगे 🙏🏽
यदि मेरा वश चलता तो देश के प्रधानमंत्री सहित विपक्ष के सभी नेताओं से निवेदन करता कि #किसान_आंदोलन के संबंध में विज्ञान भवन में चल रहे बातचीत का हल निकालने के लिये #सकारात्मक_रूख अख़्तियार करने में सहायक हों - “ If I am not a part of the Solution, then I too am a part of the Problem “ में मेरी निष्ठा रही है !
यदि , इसके बावजूद तथाकथित #किसान_संगठनों_का_समूह अपने हठ पर अड़े हों , तो नरेन्द्र मोदी सरकार 14 जनवरी मकर संक्रांति ( पोंगल ) 2020 के तुरंत बाद पार्लियामेंटरी सेशन आहूत करे और खुलकर तीनों किसान बिलों पर सार्थक बहस हो - जिसमें किसी पार्टी की ओर से व्हिप जारी नहीं हो और वोटिंग कराकर किसान बिलों में सम्यक् संशोधन कराने की व्यवस्था की जाय !
3) आपने अपने स्टेटमेण्ट में अन्नदाताओं के पक्ष में जो #जजमेंट सुनाया है - उस पर मैं भी बहुत कुछ कह सकता हूँ, पर जबतक गॉंधी जी की तरह पूरे देश का भ्रमण कर सभी प्रदेशों के किसानों की समस्याओं से अवगत नहीं हो जाता हूँ , तबतक इस बहस में कूदकर अपनी ओर से ( सिर्फ बिहारी नन रेज़िडेंट फार्मर के बतौर ) कोई #जजमेण्ट नहीं सुनाऊँगा!
अंत में , सिर्फ इतना ही कहूँगा कि जबतक मेरे पिता जी और चाचा जी जीवित थे , बीस -पचीस बीघा ज़मीन से पूरे परिवार के लिये साल भर के लिये पर्याप्त अनाज का पैदावार हो जाता था ; उन सबों के चले जाने के बाद , #दो_बीघा_जमीन जोतने के लिये #विमल_राय के सभी #बलराज_साहनी या तो शहरी हो चुके #Absentee_Landlords की ज़िंदगी बिता रहे हैं या #हमहूँ_जेबै_पंजाब की शक्लों में पंजाब जाकर #दिहाड़ी_मजदूर #Migrant_Labourers अपने परिवारों का पेट पालने को मजबूर हो गये हैं 🥲❗️
ऐसे में , न राघव चड्ढा की शक्ल में अरविन्द केजरीवाल जैसा #सेवादार बहुरूपिया बनकर सिंधु बोर्डर पर WiFi लगाने का काम करूँगा और साथ - साथ #भिंडरावाले जैसा भूत बनकर
#अडानी_अंबानी के टावर तोड़ने जैसा क्रिमिनल कार्य कर दंगा - फ़साद फैलाऊँगा 😡!! ( राहुल गांधी जैसा नानी याद भी नहीं दिलाऊँगा )
अभी - अभी ख़बर आ रही है कि विज्ञान भवन में चल रहे सातवें राउण्ड की बैठक में कोई फैसला नहीं हो सका , पर बर्फ़ कुछ पिघला ज़रूर है ( सरकार के नुमाइन्दों ने किसानों का खाना साथ साथ खाया ) 🥰 और आठवें राउंड की बैठक नये साल में चार जनवरी 2020 को तय हुआ है ‼️
तब तक अल्प विराम और नये साल की अशेष शुभकामना सहित सस्नेह नमस्कार 💐💐💐💐💐आपका : नागेश चन्द्र मिश्र 🙏🏽
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indrabalakhanna · 1 year
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Live : Nepal 1 TV 12-8-2023 || Episode: 1297 || Sant Rampal Ji Maharaj S...
#GodMorningSaturday
#SaturdayMotivation
#SaturdayThoughts
#SaturdayFeeling
#KabirIsGod
🥀पूर्ण परमात्मा कबीर जी🥀
🥀Sant Rampal Ji Maharaj🥀
तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज द्वारा श्रीमद्भगवतगीता का वास्तविक अर्थ _👉ब्रह्म का साधक ब्रह्म को और पूर्ण ब्रह्म का साधक पूर्ण ब्रह्म को ही प्राप्त होता है आजीवन अपने इष्ट की पूजा करते हुए हम प्रतिदिन आठ पहर जैसा अभ्यास करते हैं उस अभ्यास के अनुसार अंतिम समय में हमारा सिमरन होता है और वह सिमरन ही निश्चित करता है कि हम अपने इष्ट के लोक में जाएंगे या अन्य लोक में आएंगे क्योंकि भक्ति करके हम जिस भी चीज की इच्छा करते हैं हमें उसी की प्राप्ति होती है लेकिन इच्छापूर्ति भी अभ्यास पर निश्चित है, सतगुरु देव कहते हैं_ "जहाँ आसा तां वासा होई , मन-कर्म-वचन सुमरियो सोई"🙏
अर्थात है प्राणी तू मन कर्म वचन से अपने पुज्य इष्ट का ही सिमरन कर, जिसके लोक में जाने की तू कामना करता है तेरे सिमरन का अभ्यास ही अंतिम सांस में तेरे संग होगा और वही तुझे तेरा मन चाहा फल दिलाएगा | अपने पूज्य इष्ट के लोक में जाने के लिए प्रतिदिन अपने परमेश्वर का ही सुमिरन ध्यान चिंतन करना चाहिए, आजीवन सतगुरु द्वारा बताई मर्यादा का पालन करते हुए हमें अपने इष्ट की पूजा करनी चाहिए क्योंकि परमेश्वर कबीर जी ने कहा है_ "सतगुरु पूर्ण ब्रह्म है"
🥀 मम संत जानिए मेरा ही स्वरूपम 🥀 अर्थात जैसा अभ्यास हमारा हमारे सतगुरु के प्रति होता है वैसा ही इष्ट के प्रति बनता है | वैसे भी संसार में कहावत है _"करत-करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान | रसरी आवत जात ते सिल पर पड़त निशान"||
यदि हमारी संसार की किसी वस्तु में किसी पदार्थ में किसी आत्मा में किसी स्थान में खाने पीने पहनने में किसी में भी आत्मा की इच्छा अटक जाती है तो आत्मा को इस संसार में वापस लौटना पड़ता है और इस संसार में जन्म मरण बना रहेगा हम सत भक्ति करके ही मोक्ष क��� प्राप्ति कर सकते हैं सत् भक्ति करते हुए सतगुरु मर्यादा का पालन करना अनिवार्य है सावधानी की अति आवश्यकता है
ओम के जाप से ब्रह्मलोक अर्थात ब्रह्म से मिलने वाला लाभ प्राप्त होता है किंतु ब्रह्म अपनी साधना को अनुत्तम बताता है। जबकि अपने से अन्य पूर्ण ब्रह्म की भक्ति साधना के लिए तीन मंत्रों का संकेत करता है। जिससे साधक पूर्ण परमात्मा को ही प्राप्त होता है।
गीता में छुपे हुए रहस्यमई सत्य को पूर्ण रूप से जानने के लिए🙏👇
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durgeshkulshrestha · 4 years
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#वेद_और_धर्म# #वेद_और_धर्म #durgeshkulshrestha जी अति सुंदर जो भटके है वह धीरे धीरे ही समझ पायेंगे बस हमें "करत करत अभ्यास से जड़मती होय सूजान रसरी आवत जात से सिल पर पड़त निशान" वाली बात सदा याद रखनी चाहिए क्योकि हम परिवार को जोड़ने जैसे काम की जिम्मदारियां ली है। समाज किसी एक व्यक्ति से नहीं होता वरन जब हम मै छोड़ देते हैं तो हम बन जाते हैं उसी का नाम समाज है। Read my thoughts on @YourQuoteApp #yourquote #quote #stories #qotd #quoteoftheday #wordporn #quotestagram #wordswag #wordsofwisdom #inspirationalquotes #writeaway #thoughts #poetry #instawriters #writersofinstagram #writersofig #writersofindia #igwriters #igwritersclub https://www.instagram.com/p/CGUU6C9B5QR/?igshid=1e2qmoqojp2xr
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bhagwattandan · 2 years
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🌈संत रामपाल जी महाराज जी ने समाज को जीव हिंसा न करने का संदेश दिया है।🌈
मानव कल्याण हेतु तथा आध्यात्मिक ज्ञान के प्रचार–प्रसार हेतु संत रामपाल जी महाराज ने जीवों की हत्या पर रोक लगाई है। संत रामपाल जी महाराज जी का कहना है कि मांसाहार से मानव पाप मुक्त नहीं हो सकता तथा पाप से बचने के लिए मांसाहार को त्यागना होगा।
संत रामपाल जी महाराज जी का कहना है कि हम सब एक पिता की संतान है चींटी से लेकर हाथी तक सब परमेश्वर के बच्चे हैं। पिता की छोटी संतान को मारा जाए या फिर बड़ी कष्ट तो समान ही होता है इस प्रकार जीव हिंसा करना परमात्मा को कष्ट देने के बराबर है।
जीव हिंसा करना महापाप है–
आज मांसाहार अपनी चरम सीमा पर है जहां पहले ब्राह्मण समाज मांस को हाथ नहीं लगाते थे आज वही ब्राह्मण समाज भी मांस भक्षण कर रहा है। आज लगभग सभी धर्म के लोग मांसाहार को श्रेष्ठ मानते हैं। जबकि जीवो को मार कर खाना महापाप है इससे परमात्मा रुष्ठ होता है परमात्मा की छोटी संतान मारी जाए या बड़ी संतान मरी जाए कष्ट समान होता है। जीवो की हत्या पर रोक लगाने के लिए संत रामपाल जी महाराज जी ने अपने अनुयायियों को मांस भक्षण करना निषेध किया है।
परमेश्वर कबीर साहिब जी ने कहा है,
“बकरी पाती खात है, ताकि काढ़ी खाल ।
जो नर बकरी खात हैं, तिनका कौन हवाल ।।”
अर्थात् परमात्मा कबीर साहिब जी समझाना चाह रहे हैं कि
बकरी केवल पत्ते खाती है उसकी तो तुम हत्या कर देते हो उसकी खाल उतार देते हो । विचार करो भोले मनुष्यों! जो बकरी को खात��� होगा उनका क्या हाल होता होगा। अर्थात वह नरक में जाएंगे।
मांसाहार राक्षस आहार है–
संत रामपाल जी महाराज जी का कहना है मनुष्य के लिए परमेश्वर ने शुद्ध शाकाहार भोजन दिया है। इसके अतिरिक्त जो मांसाहार को भक्षण करते हैं वह राक्षस की श्रेणी में आते हैं। कबीर साहिब जी ने अनेक दोहों में मांस भक्षण को निषेध किया है। उन्होंने कहा है,
“मांसाहारी मानवा, परतछ राक्षस अंग।
ताकी संगत मत करो, पड़त भजन में भंग ॥”
“मांस मछरिया खात है, सुरापान सों हेत।
ते नर नरके जायेंगे, मात पिता समेत ॥”
“मांस मांस सब एक है, मुरगी हिरनी गाय।
आँखि देखि नर खात है, ते नर नरकहि जाय॥”
मांसाहार अन्य धर्म ग्रंथों में भी निषेध है। पूर्ण परमात्मा ने माँस खाने का आदेश कभी नहीं दिया। पवित्र बाईबल (उत्पत्ति ग्रन्थ 1:29,1:28) में मनुष्य को आहार करने के लिए फलदार वृक्ष, शुद्ध शाकाहार भोजन करने का आदेश दिया है।
अतः सर्व मानव समाज से करबद्ध प्रार्थना है कि विचार करें मनुष्य जन्म बहुत ही अनमोल है । इसे जीव हत्या करके, मांसाहार करके पाप इकठ्ठा ना करें। संत रामपाल जी महाराज का उद्देश्य है सभी मनुष्य शुद्ध शाकाहार अपनाएं जिससे हम पाप मुक्त हो सके तथा अपने निजलोक अर्थात सत्यलोक जा सके।
अधिक जानकारी के लिए Download करें हमारी Official App “Sant Rampal Ji Maharaj”
#महानपरोपकारीसंतरामपालजी
#8सितंबरसंतरामपालजीअवतरणदिवस
#SantRampalJiMaharaj
#8thSeptember_AvataranDiwas
अधिक जानकारी के लिए अवश्य download करें
पवित्र पुस्तक “धरती पर अवतार”
https://bit.ly/DhartiParAvtar
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shaileshg · 4 years
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दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल की नई बनी इमारत के बाहर लोगों की भीड़ है। वहीं एक कोने में एक बुजुर्ग उदास बैठे हैं। उनके इर्द-गिर्द लोग जुटे हैं। कुछ को वो जानते हैं, कुछ को नहीं। कुछ उन्हें सांत्वना दे रहे हैं, कुछ ये भरोसा की उनकी बेटी जिंदगी की जंग जीत जाएगी।
दो सप्ताह पहले उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में गैंगरेप का शिकार हुई उनकी बेटी अस्पताल में वेंटीलेटर पर है। उसकी जीभ काट दी गई थी। रीढ़ की हड्डी टूटी हुई है। जिस्म पर कई गहरे जख्म हैं। दुपट्टे से उसका गला घोटा गया और उसे मरा जानकर छोड़ा गया।
उसके पास अभी कोई नहीं है। उसका छोटा भाई जो पिछले दो सप्ताह से उसकी देखभाल कर रहा है, दिल्ली पुलिस के जवानों के साथ गया है, जो ये देखने आए थे कि परिवार को अस्पताल में सुरक्षा मिली है या नहीं। पिता दीवार से कमर टिकाए गुमसुम बैठे हैं। लोग उनसे क्या कह रहे हैं इसका उन्हें बहुत ज्यादा होश नहीं है। मैं उनसे बात करने की कोशिश करती हूं तो वो कहते हैं कि मैं बहुत बोल नहीं पाउंगा। मैं उनके पास ही बैठ जाती हूं।
कुछ देर बाद वो बोलना शुरू करते हैं। बेटी का नाम आते ही फफक पड़ते हैं। चेहरा मास्क से ढका था, आंखों में दर्द और डर साफ नजर आ रहा था। वो कहते हैं, "ये लोग गांव के ठाकुर हैं। ये लोग मेरी बेटी से दरिंदगी करने से पहले मेरे पिता से भी मारपीट कर चुके हैं। उनकी उंगलियां तक काट दी थी। इनकी विचारधारा पहले से ऐसी ही है। ये हमें डराते-धमकाते रहते थे, हम हमेशा बर्दाश्त करते और सोचते कि चलो जाने दो। अब इन्होंने हमारी बेटी के साथ ऐसा अत्याचार किया है।"
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हाथरस में गैंगरेप की शिकार दलित लड़की की हालत नाजुक है। उसे आईसीयू में शिफ्ट किया गया है।
वो बोलते-बोलते अचानक खामोश हो जाते हैं। खौफ उनके चेहरे पर तैरने लगता है। दलित संगठनों से जुड़े लोग उन्हें भरोसा देने की कोशिश करते हैं कि उन्हें और उनके परिवार को अब कुछ नहीं होगा। लेकिन उनका डर कम नहीं होता।
इसी बीच उनका सबसे छोटा बेटा हांफता हुआ आता है। उसका फोन दोपहर से ही बंद है। बहन की देखभाल, कागजों की लिखत-पड़त और अस्पताल में अलग-अलग जगहों के चक्कर काटने में उसे इतना भी समय नहीं मिला है कि कुछ देर रुककर अपना फोन ही चार्ज कर सके।
उसके आते ही कई फोन बात करने के लिए उसे पकड़ा दिए जाते हैं। कुछ पारिवारिक रिश्तेदारों के हैं, कुछ पत्रकारों के, सभी बस वेंटिलेटर पर भर्ती उसकी बहन का हाल जानना चाहते हैं।
वो बताता है, "मैं 12 दिनों से घर नहीं गया हूं। बहन बोल नहीं पा रही है। बस वो आंखों से पहचान रही है। कभी-कभी इशारा करती है। उसकी हालत देखी नहीं जा रही है। मैं उसकी आवाज सुनने को बेचैन हूं। वो मौत से लड़ रही है।"
वो कहता है, "मैं नोएडा में रहकर काम करता था। फोन करता था तो बहन से बहुत बात नहीं हो पाती थी। वो घर के काम-धंधों में लगी रहती थी। अभी मैं कोशिश कर रहा हूं कि बहन से दो बातें हो जाएं तो वो बोल ही नहीं पा रही है क्योंकि उसकी जीभ कटी हुई है।"
13 दिन अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के मेडिकल कॉलेज में इलाज कराने के बाद उसे एंबुलेंस के जरिए सोमवार को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल लाया गया है।
14 सितंबर को हुआ क्या था?
परिवार के मुताबिक, 14 सितंबर को सुबह-सुबह पीड़िता, उसका बड़ा भाई और मां गांव के जंगल में घास काटने गए थे। जब घास की एक गठरी बंध गई तो बड़ा भाई उसे लेकर घर चला आया। मां और बेटी खेत में अकेले रह गए। मां आगे घास काट रही थी। बेटी पीछे कुछ दूर उसे इकट्ठा कर रही थी। इसी दौरान चारों अभियुक्तों ने पीड़िता के गले में पड़े दुपट्टे से उसे बाजरे के खेत में खींच कर उसका गैंगरेप किया।
उस दिन की घटना के बारे में पीड़िता का भाई बताता है, "मां ने बहन को आवाज़ें दी तो उसका कोई जवाब नहीं आया। पहले उन्हें पानी देने के लिए बनाई गई मेढ़ में उसके चप्पल दिखे, फिर बाजरे के टूटे पौधे दिखे तो वो खेत में अंदर गईं जहां बीस मीटर भीतर वो बहुत ही बुरी हालत में बेहोश पड़ी हुई थी। मां चिल्लाई तो कुछ बच्चे आए, उन्होंने उन्हें तुरंत लोगों को बुलाने और पानी लाने भेजा। बच्चे मेढ़ में भरा पानी पॉलीथीन में भरकर लाए। वो उसके मुंह पर डाला लेकिन उसे होश नहीं आया।"
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परिवार के मुताबिक14 सितंबर की घटना है ये जब वे लोग खेत में घास काटने गए थे।
वो बताते हैं, "मेरी मां और भाई उसे तुरंत थाने गए और तहरीर दी। तब तक ये नहीं पता था कि किसने हमला किया है। कितने लोग थे और उसके साथ क्या हुआ है।" पीड़िता के पिता बताते हैं, 'वो दरिंदे खेत के चक्कर लगा रहे थे। लेकिन मेरी बेटी और पत्नी उनके इरादे को भांप नहीं पाए। उन्होंने मेरी बेटी को घात लगाकर शिकार बनाया। उन्हें किसी का डर नहीं था।'
पुलिस की भूमिका पर उठ रहे हैं सवाल
हाथरस पुलिस ने अब तक इस मामले में संदीप, रामकुमार, लवकुश और रवि नाम के चार अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। चारों ही तथाकथित उच्च जाति के है। हालांकि दलित संगठनों का आरोप है कि पुलिस ने इस मामले में लीपापोती करने की कोशिश की।
पहले सिर्फ हत्या की कोशिश का मामला दर्ज किया। एक ही व्यक्ति को अभियुक्त बनाया गया। दस दिनों तक किसी क��� गिरफ्तार नहीं किया। जब दलित नेता चंद्रशेखर ने ट्वीट किया और अलीगढ़ जाने का ऐलान किया तब अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया। गैंगरेप की धारा भी बाद में जोड़ी गई। हालांकि पुलिस का कहना है कि परिवार ने जो शिकायत दी थी उसी के आधार पर पहला मुकदमा दर्ज किया गया था और बाद में पीड़िता के बयान के आधार पर गैंगरेप का मुकदमा दर्ज किया गया।
पीड़िता को अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। जहां पुलिस 19 सितंबर को उसका बयान लेने के लिए पहुंची थी। यानी घटना के पांच दिन बाद। उस दिन पीड़िता की हालत गंभीर थी और वो अपना बयान दर्ज नहीं करा सकी थी। फिर 21 और 22 सितंबर को सर्किल ऑफिसर और महिला पुलिस कर्मी पीड़िता का बयान लेने पहुंचे थे।
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हाथरस के थाना चंदपा इलाके के गांव में 14 सितंबर को चार दबंग युवकों ने 19 साल की दलित लड़की के साथ बाजरे के खेत में गैंगरेप किया था।
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traitor6 · 2 years
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इंटेल कोर i9-12900KS पेश केलक; दुनिया के सबसे तेज डेस्कटॉप प्रोसेसर
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Source:Ded9.com
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