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#सत_भक्ति_संदेश गीता वाला काल कौन है?
जानने के लिए अवश्य पढ़ें पवित्र पुस्तक ज्ञान गंगा। https://jagatgururampalji.org

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#सत_भक्ति_संदेश गीता वाला काल कौन?
गीता अध्याय 18 श्लोक 43 में गीता ज्ञान दाता ने क्षत्री के स्वभाविक कर्मों का उल्लेख करते हुए कहा है कि ‘‘युद्ध से न भागना’’ आदि-2 क्षत्री के स्वभाविक कर्म हैं। इससे सिद्ध हुआ कि गीता जी का ज्ञान श्री कृष्ण जी ने नहीं बोला। क्योंकि श्री कृष्ण जी स्वयं क्षत्री होते हुए कालयवन के सामने से युद्ध से भाग गए थे। व्यक्ति स्वयं किए कर्म के विपरीत अन्य को राय नहीं देता। न उसकी राय श्रोता को ठीक जचेगी। वह उपहास का पात्र बनेगा। यह गीता ज्ञान ब्रह्म(काल) ने प्रेतवत् श्री कृष्ण जी में प्रवेश करके बोला था। भगवान श्री कृष्ण रूप में स्वयं श्री विष्णु जी ही अवतार धार कर आए थे। https://jagatgururampalji.org

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#सत_भक्ति_संदेश गीता वाला काल कौन?
गीता अध्याय 4 श्लोक 9 में कहा है कि हे अर्जुन! मेरे जन्म और कर्म दिव्य हैं। भावार्थ है कि काल ब्रह्म अन्य के शरीर में प्रवेश करके कार्य करता है। जैसे श्री कृष्ण जी ने प्रतिज्ञा कर रखी थी कि मैं महाभारत के युद्ध में किसी को मारने के लिए शस्त्र भी नहीं उठाऊँगा। श्री कृष्ण में काल ब्रह्म ने प्रवेश होकर रथ का पहिया उठाकर अनेकों सैनिकों को मार डाला। पाप श्री कृष्ण जी के जिम्मे कर दिए। प्रतिज्ञा भी समाप्त करके कलंकित किया।
- जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज https://jagatgururampalji.org

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#सत_भक्ति_संदेश गीता वाला काल कौन?
पवित्र गीता जी को बोलने वाला काल (ब्रह्म-ज्योति निरंजन) है, न कि श्री कृष्ण जी। क्योंकि श्री कृष्ण जी ने पहले कभी नहीं कहा कि मैं काल हूँ तथा बाद में कभी नहीं कहा कि मैं काल हूँ। श्री कृष्ण जी काल नहीं हो सकते। उनके दर्शन मात्र को तो दूर-दूर क्षेत्र के स्त्री तथा पुरुष तड़फा करते थे। पशु-पक्षी भी उनको प्यार करते थे।

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#सत_भक्ति_संदेश गीता वाला काल कौन?
गीता अध्याय 7 श्लोक 24-25 में गीता ज्ञान दाता प्रभु ने कहा है कि बुद्धिहीन जन समुदाय मेरे उस घटिया (अनुत्तम) अटल विधान को नहीं जानते कि मैं कभी भी मनुष्य की तरह किसी के सामने प्रकट नहीं होता। मैं अपनी योगमाया से छिपा रहता हूँ।
गीता ज्ञान दाता श्री कृष्ण जी नहीं है क्योंकि श्री कृष्ण जी तो सर्व समक्ष साक्षात् थे। श्री कृष्ण नहीं कहते कि मैं अपनी योगमाया से छिपा रहता हूँ। इसलिए गीता जी का ज्ञान श्री कृष्ण जी के अन्दर प्रेतवत् प्रवेश करके काल ने बोला था। https://jagatgururampalji.org

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#सत_भक्ति_संदेश गीता वाला काल कौन?
गीता ज्ञान श्री कृष्ण ने नहीं कहा’
अध्याय 11 श्लोक 21 व 46 में अर्जुन कह रहा है कि भगवन्! आप तो ऋषियों, देवताओं तथा सिद्धों को भी खा रहे हो, जो आप का ही गुणगान पवित्र वेदों के मंत्रों द्वारा उच्चारण कर रहे हैं तथा अपने जीवन की रक्षा के लिए मंगल कामना कर रहे हैं। कुछ आपके दाढ़ों में लटक रहे हैं, कुछ आपके मुख में समा रहे हैं। हे सहस्रबाहु अर्थात् हजार भुजा वाले भगवान! आप अपने उसी चतुर्भुज रूप में आईये। मैं आपके विकराल रूप को देखकर धीरज नहीं रख पा रहा हूँ।
श्री कृष्ण जी तो अर्जुन के साले थे। श्री कृष्ण की बहन सुभद्रा का विवाह अर्जुन से हुआ था। क्या व्यक्ति अपने साले को भी नहीं जानता? इससे सिद्ध है कि गीता का ज्ञान श्री कृष्ण ने नहीं कहा, काल ब्रह्म ने बोला था।
- जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज https://jagatgururampalji.org

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#सत_भक्ति_संदेश 📙 गीता वाला काल कौन?
‘‘गीता ज्ञान श्री कृष्ण ने नहीं कहा’’:-
जब कुरुक्षेत्र के मैदान में पवित्र गीता जी का ज्ञान सुनाते समय अध्याय 11 श्लोक 32 में पवित्र गीता बोलने वाला प्रभु कह रहा है कि ‘अर्जुन मैं बढ़ा हुआ काल हूँ। अब सर्व लोकों को खाने के लिए प्रकट हुआ हूँ।‘ जरा सोचें कि श्री कृष्ण जी तो पहले से ही श्री अर्जुन जी के साथ थे। यदि पवित्र गीता जी के ज्ञान को श्री कृष्ण जी बोल रहे होते तो यह नहीं कहते कि अब प्रवृत्त हुआ हूँ।
- जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज https://jagatgururampalji.org

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#सत_भक्ति_संदेश गीता वाला काल कौन?
गीता अध्याय 4 श्लोक 9 में कहा है कि हे अर्जुन! मेरे जन्म और कर्म दिव्य हैं। भावार्थ है कि काल ब्रह्म अन्य के शरीर में प्रवेश करके कार्य करता है। जैसे श्री कृष्ण जी ने प्रतिज्ञा कर रखी थी कि मैं महाभारत के युद्ध में किसी को मारने के लिए शस्त्र भी नहीं उठाऊँगा। श्री कृष्ण में काल ब्रह्म ने प्रवेश होकर रथ का पहिया उठाकर अनेकों सैनिकों को मार डाला। पाप श्री कृष्ण जी के जिम्मे कर दिए। प्रतिज्ञा भी समाप्त करके कलंकित किया।
- जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज https://jagatgururampalji.org

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#KalyugMein_SatyugKi_Shuruaat
सन्त रामपाल जी महाराज की अन्नपूर्णा मुहिम हर गरीब को दे रही है सम्मानजनक जीवन, जहां रोटी, कपड़ा,मकान और शिक्षा है सभी के लिए सुलभ!
👉देखिए Factful Debates YtChannel पर विशेष वीडियो "कलयुग में सतयुग की शुरुआत

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#KalyugMein_SatyugKi_Shuruaat
🏵️सन्त रामपाल जी महाराज की अन्नपूर्णा मुहिम हर गरीब के जीवन में ला रही है नई रोशनी, जहां रोटी, कपड़ा, मकान और शिक्षा है सबके लिए मुफ्त।
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#KalyugMein_SatyugKi_Shuruaat
धरती पर अवतार
सन्त रामपाल जी महाराज का नारा है
रोटी, कपड़ा और मकान सबको देगा कबीर साहेब।अब किसी को भूखे पेट नहीं सोने देंगे।
👉देखिए Factful Debates YtChannel पर विशेष वीडियो "कलयुग में सतयुग की शुरुआत

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#KalyugMein_SatyugKi_Shuruaat
🍁संत रामपाल जी महाराज का नारा है
रोटी, कपड़ा, शिक्षा और मकान हर गरीब को देगा कबीर भगवान। अब कोई भूखा नहीं सोएगा।
देखिए Factful Debates यूट्यूब चैनल पर विशेष वीडियो "कलयुग में सतयुग की शुरुआत"
Factful Debates YtChannel

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#सत_भक्ति_संदेश
प्रीति बहुत संसार मे, नाना बिधि की सोय
उत्तम प्रीति सो जानिय, राम नाम से जो होय।
कबीर साहेब जी कहते हैं कि संसार में अनेक प्रकार के प्रेम होते हैं। बहुत सारी चीजों से प्रेम किया जाता है।
पर सर्वोतम प्रेम वह है जो राम के नाम से किया जाये।

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#सत_भक्ति_संदेश
कबीर साहेब जी कहते हैं कि प्रेम का प्याला केवल वही पी सकता है जो अपने सिर का बलिदान करने को तत्पर हो।
एक लोभी-लालची अपने सिर का बलिदान कभी नहीं दे सकता भले वह कितना भी प्रेम-प्रेम चिल्लाता हो।

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#सत_भक्ति_संदेश
कबीर सबसे हम बुरे, हमसे भला सब कोय ।
जिन ऐसा करि बुझिया, मीत हमारा सोय ॥
परमात्मा कबीर साहिब जी कहते हैं कि ‘सबसे बुरे हम स्वयं हैं बाकी सभी लोग हमसे अच्छे भले हैं।' जिसके मन मे ऐसा विचार उत्पन्न हो गया हो, वही हमारा सच्चा मित्र है।

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