नाबालिग़ बेटी से घरवालें करवा रहे थे ये काम, मामले का ख़ुलासा होने पर हुआ ये
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही। ये जानते हुए भी की बाल विवाह अभिशाप के साथ-साथ गंभीर अपराध भी है लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में अशिक्षा के कारण आज भी अपनी नाबालिग़ लड़के लड़कियों शादी जबरन कर देते है, जिसका खामियाजा आने वाले समय में नाबालिक दूल्हा-दुल्हन और उनके परिवार को भुगतना पड़ता है।
ऐसा ही एक मामला गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले की पेंड्रा थाना अंतर्गत आने वाले ग्राम पीथमपुर में एक 15 वर्षीय नाबालिक लड़की…
📖 *आज का पंचांग, चौघड़िया व राशिफल (तृतीया तिथि)*📖
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
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※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
दिनांक :-14-जनवरी-2023
वार :-------रविवार
तिथी :---03तृतीया:-08:00/ 04चतुर्थी:-28:59
पक्ष:------शुक्लपक्ष
माह:------पौषमास
नक्षत्र:------धनिष्ठा:-10:23
योग:-----व्यतिपात:-26:40
करण:-----गर:-08:00
चन्द्रमा:-----कुम्भ
सूर्योदय:----07:31
सूर्यास्त:-----18:02
दिशा शूल-----पश्चिम
निवारण उपाय:---पान का सेवन
ऋतु :----- शिशिर ऋतु
गुलीक काल:-15:18से 16:40
राहू काल:-16:40से18:02
अभीजित---11:55से12:45
विक्रम सम्वंत .........2080
शक सम्वंत ............1945
युगाब्द ..................5125
सम्वंत सर नाम:------पिंगल
🌗चोघङिया दिन🌓
चंचल:-08:49से10:07तक
लाभ:-10:07से11:25तक
अमृत:-11:25से12:44तक
शुभ:-14:02से15:20तक
🌞चोघङिया रात🌞
शुभ:-18:02से19:44तक
अमृत:-19:44से21:26तक
चंचल:-21:26से23:06तक
लाभ :-02:30से04:12तक
शुभ :-05:50से07:31तक
🍁आज के विशेष योग🍁
वर्ष का 297वाँ दिन, भद्रा प्रारंभ 18:28 से 28:59 तक पृथ्वी-लोक अशुभ दिशा पश्चिम, सूर्य मकर पर 26:44, मंगल पूषा.पर 21:58 बं. माध मास प्रा. विनायक चतुर्थी, राजयोग 07:28 से08:00 तक, रवियोग 10:23 से, भोगी (दक्षिण भारत), व्यतिपात पुण्य,
🌺 👉 टिप्स 👈🌺
पौष मास में पिले रगं कि वस्तुओं का दान करे।
*सुविचार*
सफलता तुम्हारा परिचय दुनिया से करवाती है और असफलता तुम्हें दुनिया का परिचय करवाती है।
👍🏻 राधे राधे...
*💊💉आरोग्य उपाय🌿🍃*
*बाल बढ़ाने के घरेलू उपाय -*
*एलोवेरा -*
एलोवेरा में मौजूद पोषक तत्व बालों के विकास बहुत ही सहायता करता है। इसके अलावा यह चमक को बरकरार रखने में मदद करता है। इसके लिए आप एलोवेरा को काटकर उसके अंदर का जेल निकाल लें और उसे अपने बालों में लगाएं। जेल लगाने के एक घंटे बाद अपने बालों को शैम्पू से धो लें। इस बात का ध्यान दीजिए कि अगर बालों पर एलोवेरा लगाने के बाद आपको खुजली महसूस हो, तो तुरंत अपने बाल धो लें।
*🐑🐂 राशिफल🐊🐬*
☀️ मेष राशि :- आज किसी विशेष व्यक्ति का प्रवेश जीवन में तौर-तरीके बदल देगा। आकस्मिक धन लाभ होगा। विरोधी आप को नीचा दिखाने के हर संभव प्रयास करेंगे। मन की बात अपनों को बता दें रास्ता मिल जायगा।
☀️ वृषभ राशि :- आज जरूरत से ज्यादा किसी की घनिष्ठता संबंधों को कमजोर कर देगी। आप सहने की शक्ति रखें। जल्द ही आप क्रोध से भर जाते हैं। स्वयं पर काबू रखें। व्यवसाय स्थल पर विवाद हो सकता है। उधार दिया पैसा न आने से मुश्किलें बढ़ेगी।
☀️ मिथुन राशि :- आज समय के साथ स्वयं को भी बदलें। अपने व्यवहार में नम्रता लाएं। कारोबार विस्तार के लिए धन एकत्रित करने में लगे रहेंगे। भूमि संबंधित विवाद के चलते चिंता रहेगी।
☀️ कर्क राशि :- आज अपने विवेक से हर कार्य सफल कर लेंगे। निजी जीवन में दूसरों को प्रवेश न दें। मित्रों के साथ यात्रा आनंदप्रद रहेगी। आजीविका के लिए भटकना पड़ेगा। माता-पिता के स्वास्थ्य में सुधार होगा। किसी विशेष जन से संबंध बनेंगे।
☀️ सिंह राशि :- आज व्यवसाय में नई योजना लाभदायक रहेगी। जीवन-साथी का साथ आपको आगे बढ़ने में मदद करेगा। संतान के विवाह संबंधित समस्या से परेशान रहेंगे। भवन परिवर्तन के योग है। वाहन का प्रयोग सावधानी से करें।
☀️ कन्या राशि :- आज अपनों से धोखा मिलेगा। राजनीति से जुड़े लोगों को पद मिल सकता है। पारिवारिक जनों की सहायता करनी होगी। आजीविका के श्रोत में वृद्धि होगी। पिता के साथ ताल मेल स्थापित न होने से तनाव हो सकता है।
☀️ तुला राशि :- आज भविष्य के प्रति चिंतित होंगे। मन में बुरे विचारों को न आने दें। स्वयं पर नियंत्रण रखें, नकारात्मक सोच के कारण ही आप पीछे हैं। पारिवारिक माहौल सामान्य रहेगा। मित्रों के साथ समय व्यतीत होगा। नौकरी में स्थान परिवर्तन संभव है।
☀️ वृश्चिक राशि :- आज कार्यस्थल पर सहकर्मियों से मन मुटाव होगा। क्रोध की अधिकता रहेगी। आय के नए श्रोत स्थापित होंगे। अपने कर्मचारियों के कारण परेशान होंगे। आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। धार्मिक कार्यों में धन लगेगा।
☀️ धनु राशि :- आज स्वास्थ्य में सुधार होगा। अपने आगामी भविष्य को लेकर चिंतित रहेंगे। मन में कई विचार आएंगे। व्यवसाय में उन्नति होगी। भूमि भवन संबंधित मामले पक्ष में हल होंगे। प्रशासन से जुड़े कार्य सहज हो जाएंगे। यात्रा संभव है।
☀️ मकर राशि :- आज अपनी संतान से विवाद हो सकता है। आजीविका को लेकर आप चिंतित हैं। विवाह योग्य जातकों के लिए समय उपयुक्त है। कारोबार विस्तार करने का मन होगा। वाहन सुख की प्राप्ति संभव है।
☀️ कुंभ राशि :- आज अपने मन की बात हर किसी को बताने से नुकसान आपका ही है। सुख सुविधा की वस्तुओं पर धन खर्च होगा। आपकी उन्नति से विरोधी नाखुश होंगे। अपके वाक् चातुर्य से अधिकारी प्रभावित होंगे। बाहर जाने के योग बन रहे हैं।
☀️ मीन राशि :- आज मित्रों के सहयोग से कोई जरूरी कार्य पूर्ण होगा। अपनों से संबंधों में मजबूती आएगी। आलस की अधिकता से कार्य में रूचि नहीं रहेगी। आर्थिक मामले आज पक्ष में हल होंगे। राजनीति से जुड़े लोग सम्मान प्राप्त करेंगे।
किराने की ख़रीदारी के लिए मुख्य दुकान, बुवा शेडगे की थी और फुटकर ख़रीदारी पास के भाऊ एजेंट की दुकान से की जाती। भाऊ एजेंट की दुकान पर जगन सेठ बैठते थे। तब घर-घर में नहाने के लिए लाइफ़बॉय और कपड़े धोने के लिए पाँच-सौ-एक साबुन का इस्तेमाल किया जाता था। साबुन लाने के बाद सबसे पहला काम होता था, पुराने चाकू या फिर माँझे से लाइफ़बॉय और पाँच-सौ-एक साबुन के दो टुकड़े करना। परिवार के सभी सदस्यों के स्नान के लिए साबुन की एक ही बट्टी होती थी। उसके ख़त्म होने पर ही दूसरे टुकड़े को इस्तेमाल में लाया जाता था। लाइफ़बॉय से स्नान करने पर उसका अरोमा बना रहता और नाख़ून में फंसे उसके लाल अंश बाद में भी नज़र आते थे।
स्कूल में कक्षाओं के विस्तारीकरण के लिए जगह कम पड़ती थी। इसके लिए उपाय निकाला गया कि श्रमदान किया जाए। निर्माण कार्य के लिए रेती, खड़िया, सीमेंट और अन्य वस्तुओं का परिवहन करने के लिए स्कूल की खरीदी हुई बैलों की जोड़ी और बैलगाड़ी उपलब्ध रहती थी। बैलों के नाम थे- टिक्या और फुल्या। सातवीं कक्षा के दौरान एक दोपहर समाज सेवा के पीरियड में हमें नींव के पत्थर तोड़ने के लिए लोहे के रंभे थमा दिए गए। एक ओर से गुणशेखर और दूसरी ओर से मैं पत्थर फोड़ रहे थे, कि अचानक गुणशेखर का पैर फिसल गया और मेरा रंभा उसके पैर के अँगूठे और दूसरी उँगली के सिरे में आर-पार घुस गया। खून की धार बहने लगी, हडकंप मच गया। उसके पैर में कपड़ा बांधकर अस्पताल तक ले जाया गया। मैं बहुत घबरा गया और आगे क्या होगा, यह सोचकर रोने लगा। मुझे किसी ने कुछ नहीं कहा, लेकिन बच्चों के हाथ में रंभा थमाने के लिए गुणशेखर के पिता ने हेडमास्टर की अच्छी तरह ख़बर ली।
ज़ख्म ठीक होने तक रोज़ स्कूल का चपरासी पोपटराव वाघोले, गुणशेखर को कंधे पर बिठाकर मरहम-पट्टी करवाने अस्पताल लेकर जाता था। मुझे आज भी वह दिन याद है, जब गुणशेखर ठीक होकर स्कूल आया। मैं पाँचवी कक्षा के ऊपरी मंजिल की कक्षा में बैठा था। उसे देखकर मैं तनाव में आ गया। लेकिन वह मेरे पास आया और मुस्कुराते हुए, मुझ से हाथ मिलाकर बातचीत की। गुणशेखर के इस दिलदार स्वभाव के चलते हम जिगरी दोस्त बन गए और आज भी हैं। हालाँकि मेरे मन का मलाल आज भी पूरी तरह दूर नहीं हुआ है।
स्कूल से ज़्यादा धमाल गाँव में होता था। तमाशा ग्रामीण मनोरंजन का सरताज़ था। चैत्र मास में अष्टमी को गाँव में यात्रा का आयोजन होता था। भगवान के विवाह के बाद छबिना (बारात) और उसके बाद तमाशा शुरू होता था। पगड़ी बाँधकर, सभी कलाकार गणेश वंदन से शुरुआत करते थे। इसके तुरंत बाद ढोल की थाप पर तमाशे की सिग्नेचर धुन बजती। घुंघरू छनकाते, सिर पर पल्लू लिए क़मर लचकाती कलावंतियों का समूह मंच पर आ जाता। ‘पीछे लौटेंगे बाएँ से’ की तर्ज़ पर थिरकते कदमों से अपने स्थान लेतीं। निश्चित ठेके पर सभी ‘एक साथ पीछे मुड़’ की तर्ज़ पर जब बेपर्दा हो जातीं, सीटियों का शोर और तालियों की गड़गड़ाहट उठने लगती। ऐेकाsss (सुनोsss) की पुकार के साथ लावणी की शुरुआत होती थी।
सात ताळाच्या ग माडीवरती,
सुंदर एक दिसली,
हातात आईना केस मोकळे,
रूप न्याहालत बसली...
साडी अंजिरी ग चोळी मंजिरी,
दंडामध्ये रूतली
फुलबागेला बहर आला
ज्वानीनं मुसमुसली दाजी रं जी रं...
(सात माले की इमारत में एक सुंदरी नज़र आयी, हाथ में आईना और खुले बाल, रुप निखारने बैठी। साड़ी अंजीरी चोली मंजिरी रंग की, कसके पहनी हुई। फुलबाग खिल उठी जवानी जैसे नदिया भरपूर। दाजी रं जी जी रं )
कमाल के पट्ठे बापूराव कवि और उनकी पद्य रचनाएँ! तमाशे की धमाल! किसना, पेंद्या, ग्वालन और मेरी ऑलटाइम फ़ेवरिट मौसी, मथुरा के बाज़ार जाने निकली गोपियों की टीम लीडर। तमाशा मुख्य रूप से, पुरुषोंके लिए होने के कारण, अश्लील के पथ्य का पालन नहीं होता था। मौसी की भूमिका निभाने वाला पुरुष कॉमेडियन स्किट और लोकनाट्य की कथा वस्तु में अलग-अलग अवतारों में प्रकट होता था। मुझे ऐसा लगता है कि यह कलाकार डायलॉग डिलिवरी, कॉमिक एक्सप्रेशन और टाइिमंग के मामले में, किसी भी सुप्रसिद्ध कॉमेडियन की पंक्ति में बिल्कुल फिट बैठेगा। दर्शकों का खालिस मनोरंजन किस तरह होता था, यह कहने की नहीं बल्कि अनुभव करने की बात थी।
गणगौळण के बाद स्किट की बारी आती थी। यहाँ भी मौसी का किरदार निभाने वाला कलाकार अपनी छाप छोड़ जाता था। उदाहरण के तौर पर: दो चार मित्र प्रतीकात्मक घेरे में घूमते मुंबई पहुँच जाते है। एक वर्चुअल बोर्ड पढ़ता है - ‘येथे नाचत माशे चालतात।’ (यहाँ नाचती मछलियाँ चलती हैं) फिर दूसरा अच्छी तरह पढ़ता है ̶ ‘येथे नाच-तमाशे चालतात।’ (यहाँ नाच-तमाशा होता है)। गाँव की यात्रा के लिए तमाशा की तारीख़ और मुआवजा निश्चित करने के लिए डेमो का खूब रंग जमता है। नर्तिकाओं के प्रदर्शन का डेमो दिया जाता है। इस दौरान कितना पैसा तय करना है, इसे लेकर मज़ेदार संवाद होते हैं। द्विअर्थी संवादों से ये कलाकार दर्शकों को खूब हँसाते हैं। बतावणी के बाद वगनाट्य की तैयारी होती है। कलाकारों के कपड़े बदलकर तैयार होने तक ढोलकी का ‘सोलो’ चलता है। इसमें झिलकारी तुणतुणे और टाल की संगत देते हैं। यदि ऐतिहासिक कथावस्तु है, तो माहौल तैयार करने के लिए शाहीर पोवाड़ा गाता है जैसे कि ̶
घेऊनशानी फौज तानाजी,
बंधू सूर्याजी आणिक संगतीला
मामा शेलार
शाहिरनं बाबाला मुजरा के ला रं
जी जी जी...
(तानाजी ने फौज कूच करने के लिए तैयार की, साथ में भाई सूर्याजी तथा मामा शेलार को ले लिया, शाहिर ने (शायर ने) बाबा को मुजरा (आदाब) किया)
हंटर वाले महाराज, रानी साहिबा, प्रधानजी और दो सोंगाडे (हास्य कलाकार)। अक्सर यह लोकप्रिय कथा-वस्तु होती ̶ प्रधानजी और रानी साहिबा के बीच प्रेम, महाराज का कांटा निकालने का प्रयास और सोंगाडे सारे षड्यंत्र पर पानी फेर देते। कालू-बालू और बाबूराव कांबरेकर-जयवंत की जोड़ी मुझे बहुत अच्छी लगती थी। ये कलाकार दशर्कों के सामने हास्य, रुदन, षड्यंत्र आदि रंगों का इंद्रधनुष खींच देते थे। आस-पास के गाँवों में, विशेषकर वीर म्हस्कोबा की यात्रा में स्टेज पर तमाशा देखने का अवसर मिलता था। अमन तांबे का स्कूल के स्टेज पर तमाशा हुआ था। वगनाट्य था ̶ ‘लग्नाआधी भंगला चुड़ा।’ (शादी से पहले चुड़ियाँ टूट गईं) इसी तरह किसी अन्य के लोकनाट्य की कथावस्तु थी ̶ ‘सखा माझा मंत्री झाला।' (मेरे दिलबर मंत्री बन गए) मैंने तमाशे की सूक्ष्मता को इस गहराई से देखा है कि ‘सवर्श्रेष्ठ श्रोता’ की प्रतियोगिता में प्रोत्साहन सम्मान ज़रूर झटक लेता। इस संपदा के मामले में, मैं तीन गाइड ̶ अनंत माने, राम कदम, जगदीश खेबुडकर ̶ के मागदर्शन में ‘श्रोतृत्व की डॉक्टरेट’ सहज प्राप्त कर लेता।
गाँव के अन्य उत्सवों की रुचिकर कालावधि, घटस्थापना से दशहरा तक होती। इस कालावधि में रोज़ श्रीनाथ म्हस्कोबा मंदिर के बेसमेंट मंडप में कोल्हाटनी (नर्तकियों की) की संगीतबारी चलती थी। चबूतरे पर सोने जाने का बहाना बनाकर कभी-कभार हम चोरी-चुपके वहाँ जाया करते थे। गाँव के लोग पैसे देकर गाने की फ़रमाइश करते थे। किसी ने २५ पैसे देकर गाना शुरू करवाया कि, कोई दूसरा ५० पैसे देकर उसे तोड़ देता और अपनी फ़रमाइश का गाना लगवाता। कई बार गाना तोड़ने पर प्रतिष्ठा का सवाल खड़ा हो जाता और प्रतिस्पर्धा शुरू हो जाती थी। इसी तरह एक बार नवरात्रि में राजा तेली कोल्हाटनी का गाना तोड़ने की प्रतिस्पर्धा में जुट गया। उसने बीस-पच्चीस रुपए तक ज़ोर दिखाया। लेकिन सामने वाले ने फिर गाना तोड़ दिया। ऐसा माहौल बन गया कि अब दुगने पैसे लगाने पर ही गाना टूटेगा। इतने पैसे उसके पास नहीं थे। राजा के पिता उसे - भनक लगे दिए बिना - गुस्से में सारा खेल देख रहे थे। अचानक वे आगे बढ़े और कमीज़ की जेब से नोट निकाल कर राजा के सामने पकड़ के बोले ̶ ‘राजा, ये ले पैसे और तोड़ गाना... अपना गाना होना ही चाहिए!’ गाँव के लोगों का हँसी-ठहाका गूँज उठा। राजा घबरा कर वहाँ से भाग गया। उस समय यह अपवाह चलती थी कि कमली नामक एक कोल्हाटिन गाँव के एक प्रसिद्ध व्यक्ति की मदद से फ़िक्सिंग करती थी और प्रतिस्पर्धा में लगाए गए पैसे बाद में उसे लौटा देती थी।
बेटी से तय हुआ था रिश्ता…दामाद के साथ शादी करने मंडप में बैठ गई सास…मौके पर पहुंची पुलिस…
NCG NEWS DESK आगर मालवाः सरकार बाल विवाह रोकने का हरसंभव प्रयास कर रही है, लेकिन ऐसे मामले थमने का नाम नहीं ले रहा है। मध्य प्रदेश के आगर मालवा जिले से ऐसे ही नाबालिग लड़की की शादी का मामला सामने आया है। महिला अपनी नाबालिग बेटी की शादी करा रही थी। उसके पति ने पुलिस से शिकायत की। मौके पर पहुंची पुलिस और अन्य अधिकारियों की टीम ने शादी समझाइश देकर शादी रूकवाई।
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-ललित गर्ग-
बाल विवाह के खिलाफ असम सरकार ने व्यापक अभियान शुरू करके एक सराहनीय एवं सामाजिक उन्नयन का कार्य किया है। वहां की पुलिस ने ऐसे आठ हजार लोगों को चिह्नित किया है, जिन्होंने कम उम्र में शादी की या कराई। ऐसे विवाह कराने वाले पंडित और मौलवी के खिलाफ भी कदम उठाये जा रहे हैं। वहां की पुलिस ने इस मामले में दो हजार से अधिक लोगों को गिरफ्तार भी किया है। राज्य सरकार का कहना है कि ऐसे विवाहों को…
झारखंड में 13 साल की लड़की ने अपने नाबालिग दोस्त को शादी से बचाया
झारखंड में 13 साल की लड़की ने अपने नाबालिग दोस्त को शादी से बचाया
एक्सप्रेस न्यूज सर्विस
रांची: एक 13 वर्षीय लड़की ने झारखंड के कोडरमा में स्थानीय अधिकारियों को सूचित करके अपने दोस्त के बाल विवाह को विफल कर दिया और उनसे उसे बचाने का अनुरोध किया क्योंकि वह आगे पढ़ना चाहती थी. उसके दोस्त द्वारा सूचना दिए जाने के बाद स्थानीय प्रशासन हरकत में आया और लड़की को छुड़ाया और हिरासत में ले लिया.
इस खबर के फ्लैश होने के बाद, झारखंड उच्च न्यायालय ने मामले में स्वत: संज्ञान…
जमशेदपुर /घाटसीला मे 10 वां फ़िल्म महोत्सव 2022 का आयोजन किया गया, जिसमे मेराकी संस्था के सचिव रीता पात्रों को मेमोंटो देकर सम्मानित किया गया
जमशेदपुर /घाटसीला मे 10 वां फ़िल्म महोत्सव 2022 का आयोजन किया गया, जिसमे मेराकी संस्था के सचिव रीता पात्रों को मेमोंटो देकर सम्मानित किया गया
आर्यन सिंह की रिपोर्ट जमशेदपुर ब्यूरो /घाटसीला मे 10 वां फ़िल्म महोत्सव 2022 का आयोजन किया गया, जिसमे मेराकी संस्था के सचिव रीता पात्रों को मेमोंटो देकर सम्मानित किया गया।पिछले 30 सालो से सामाजिक क्षेत्र मे लगतार काम कर रही मेराकी संस्था के सचिव रीता पात्रों आज किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं, हमेशा सामाजिक क्षेत्र में बढ़- चढ़कर काम करती है, डायन प्रथा, बाल विवाह, घरेलु हिंसा आदि जैसे मामले को लेकर…
ADVOCATE ATUL SHARMA is highly experienced and strongly believes that each client is unique and each case is different. His solutions are never “one size fits all. He prides himself on listening to his clients, reviewing all facets of each case, and using his deep knowledge of Indian law to come up with individualized solutions for each client.
He is an exceptionally bright, out-of-the-box thinker and a brilliant strategist who can tackle and resolve complex legal issues with ease and efficiency. Advocate Atul Sharma has a well-earned reputation as a knowledgeable and effective attorney who fights for their client's legal rights.
Advocate Atul Sharma has been a member of various national and local bar associations.
PRACTICE AREAS:
Criminal Law:
Advocate Atul Sharma is a Criminal Defense Lawyer with expertise in Criminal Bail and Appeal (Anticipatory Bail, Regular Bail, Interim Bail in False Accusations of Criminal Cases such as Murder 302, Rape 376, Fraud / Forgery 419, 420, 467, 468, 471, Criminal Appeals, Drug Crimes, Expungement, Fraud, Gun Crimes, Internet Crimes, Sex Crimes, Theft, Violent Crimes, etc.
एडवोकेट अतुल शर्मा अत्यधिक अनुभवी हैं और उनका दृढ़ विश्वास है कि प्रत्येक ग्राहक अद्वितीय है और प्रत्येक मामला अलग है। उनके समाधान कभी नहीं "एक आकार सभी के लिए उपयुक्त है। वह अपने ग्राहकों को सुनने, प्रत्येक मामले के सभी पहलुओं की समीक्षा करने और प्रत्येक ग्राहक के लिए व्यक्तिगत समाधान के साथ आने के लिए भारतीय कानून के अपने गहन ज्ञान का उपयोग करने पर गर्व करता है।
वह एक असाधारण रूप से उज्ज्वल, आउट-ऑफ-द-बॉक्स विचारक और एक शानदार रणनीतिकार हैं जो जटिल कानूनी मुद्दों से आसानी और दक्षता से निपट सकते हैं और हल कर सकते हैं। एडवोकेट अतुल शर्मा की एक जानकार और प्रभावी वकील के रूप में अच्छी-खासी ख्याति है, जो अपने मुवक्किल के कानूनी अधिकारों के लिए लड़ते हैं।
अधिवक्ता अतुल शर्मा विभिन्न राष्ट्रीय और स्थानीय बार संघों के सदस्य रहे हैं।
अभ्यास क्षेत्र
फौजदारी कानून:
एडवोकेट अतुल शर्मा आपराधिक जमानत और अपील में विशेषज्ञता के साथ एक आपराधिक रक्षा वकील हैं (अग्रिम जमानत, नियमित जमानत, आपराधिक मामलों के झूठे आरोपों में अंतरिम जमानत जैसे कि हत्या 302, बलात्कार 376, धोखाधड़ी / जालसाजी 419, 420, 467, 468, 471 , आपराधिक अपील, ड्रग अपराध, निष्कासन, धोखाधड़ी, बंदूक अपराध, इंटरनेट अपराध, यौन अपराध, चोरी, हिंसक अपराध, आदि।
पारिवारिक कानून / वैवाहिक विवाद:
दत्तक ग्रहण, बाल हिरासत, बाल सहायता, पिता के अधिकार, संरक्षकता और संरक्षकता, पितृत्व, विवाह और वैवाहिक समझौते, निरोधक आदेश, समान-लिंग परिवार कानून, घरेलू हिंसा आपराधिक रक्षा, घरेलू हिंसा निरोधक आदेश, पीड़ितों के अधिकार, दहेज उत्पीड़न (498A) , तलाक, विवादित तलाक, सैन्य तलाक, संपत्ति प्रभाग, पति-पत्नी का भरण-पोषण, समर्थन और गुजारा भत्ता।
व्यक्तिगत चोट:
पशु और कुत्ते के काटने, मस्तिष्क की चोट, कार दुर्घटनाएं, निर्माण दुर्घटनाएं, मोटरसाइकिल दुर्घटनाएं, परिसर देयता, ट्रक दुर्घटनाएं, गलत तरीके से मौत।
उत्तराखंड: 14 वर्षीय नाबालिक की शादी कराने से पंडित ने किया इंकार.. तो यूपी का युवक जबरदस्ती उठा ले गया.. युवक, रिश्तेदार समेत नाबालिग की मां गिरफ्तार..
उत्तराखंड: 14 वर्षीय नाबालिक की शादी कराने से पंडित ने किया इंकार.. तो यूपी का युवक जबरदस्ती उठा ले गया.. युवक, रिश्तेदार समेत नाबालिग की मां गिरफ्तार..
देहरादून: ऋषिकेश में अपनी 14 साल की नाबालिग बच्ची की शादी मेरठ के युवक के साथ कराना महिला को भारी पड़ गया। पंडित ने मंदिर में नाबालिग की शादी करने से जब इंकार किया तो युवक उसे जबरदस्ती कार में बैठाकर मेरठ ले जाने लगा। इस पर पुलिस ने चेकिंग अभियान चलाकर वाहन को पकड़ा। मामले में युवक, उसके सहयोग करने वाले 02 अभियुक्त और बाल विवाह कराने वाली नाबालिग की मां को गिरफ्तार किया गया.
पुलिस के अनुसार,…
उत्तराखंड: 14 वर्षीय नाबालिक की शादी कराने से पंडित ने किया इंकार.. तो यूपी का युवक जबरदस्ती उठा ले गया.. युवक, रिश्तेदार समेत नाबालिग की मां गिरफ्तार..
उत्तराखंड: 14 वर्षीय नाबालिक की शादी कराने से पंडित ने किया इंकार.. तो यूपी का युवक जबरदस्ती उठा ले गया.. युवक, रिश्तेदार समेत नाबालिग की मां गिरफ्तार..
देहरादून: ऋषिकेश में अपनी 14 साल की नाबालिग बच्ची की शादी मेरठ के युवक के साथ कराना महिला को भारी पड़ गया। पंडित ने मंदिर में नाबालिग की शादी करने से जब इंकार किया तो युवक उसे जबरदस्ती कार में बैठाकर मेरठ ले जाने लगा। इस पर पुलिस ने चेकिंग अभियान चलाकर वाहन को पकड़ा। मामले में युवक, उसके सहयोग करने वाले 02 अभियुक्त और बाल विवाह कराने वाली नाबालिग की मां को गिरफ्तार किया गया.
पुलिस के अनुसार,…
उत्तराखंड: 14 वर्षीय नाबालिक की शादी कराने से पंडित ने किया इंकार.. तो यूपी का युवक जबरदस्ती उठा ले गया.. युवक, रिश्तेदार समेत नाबालिग की मां गिरफ्तार..
उत्तराखंड: 14 वर्षीय नाबालिक की शादी कराने से पंडित ने किया इंकार.. तो यूपी का युवक जबरदस्ती उठा ले गया.. युवक, रिश्तेदार समेत नाबालिग की मां गिरफ्तार..
देहरादून: ऋषिकेश में अपनी 14 साल की नाबालिग बच्ची की शादी मेरठ के युवक के साथ कराना महिला को भारी पड़ गया। पंडित ने मंदिर में नाबालिग की शादी करने से जब इंकार किया तो युवक उसे जबरदस्ती कार में बैठाकर मेरठ ले जाने लगा। इस पर पुलिस ने चेकिंग अभियान चलाकर वाहन को पकड़ा। मामले में युवक, उसके सहयोग करने वाले 02 अभियुक्त और बाल विवाह कराने वाली नाबालिग की मां को गिरफ्तार किया गया.
पुलिस के अनुसार,…
उत्तराखंड: 14 वर्षीय नाबालिक की शादी कराने से पंडित ने किया इंकार.. तो यूपी का युवक जबरदस्ती उठा ले गया.. युवक, रिश्तेदार समेत नाबालिग की मां गिरफ्तार..
उत्तराखंड: 14 वर्षीय नाबालिक की शादी कराने से पंडित ने किया इंकार.. तो यूपी का युवक जबरदस्ती उठा ले गया.. युवक, रिश्तेदार समेत नाबालिग की मां गिरफ्तार..
देहरादून: ऋषिकेश में अपनी 14 साल की नाबालिग बच्ची की शादी मेरठ के युवक के साथ कराना महिला को भारी पड़ गया। पंडित ने मंदिर में नाबालिग की शादी करने से जब इंकार किया तो युवक उसे जबरदस्ती कार में बैठाकर मेरठ ले जाने लगा। इस पर पुलिस ने चेकिंग अभियान चलाकर वाहन को पकड़ा। मामले में युवक, उसके सहयोग करने वाले 02 अभियुक्त और बाल विवाह कराने वाली नाबालिग की मां को गिरफ्तार किया गया.
पुलिस के अनुसार,…
बाल विवाह रोकने पहुंची चाइल्डलाइन टीम के साथ परिजनों ने की मारपीट, गाली-गलौज
बाल विवाह रोकने पहुंची चाइल्डलाइन टीम के साथ परिजनों ने की मारपीट, गाली-गलौज
Bihar: मधुबनी जिले के हरलाखी थाना क्षेत्र अंतर्गत फुलहर गांव के गिरिजा मंदिर में बाल विवाह रोकने पहुंचे चाइल्डलाइन की टीम के साथ परिजनों के द्वारा मारपीट की गई और लड़की को वहां से भगा ले गए इस मामले में चाइल्डलाइन की मेंबर गीतांजलि कुमारी द्वारा बेनीपट्टी एसडीओ को लिखित आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की गई है।
बालविवाह
जानकारी के अनुसार चाइल्ड हेल्पलाइन के टोल फ्री नंबर 1098 पर सूचना मिली कि फुलहर…
‘दहेज’ शब्द अरबी भाषा के ‘जहेज’ शब्द से रूपान्तरित होकर उर्दू और हिन्दी में आया है, जिसका अर्थ होता है ‘सौगात’। इस भेंट या सौगात की परम्परा भारतीय रीति-नीति में कब से प्रचलित हुई, यह सृष्टि के आदि क्षणों एवं शनैः-शनैः विकासवाद की खोज के साथ जुड़ी हुई है।
प्राचीन आर्य ग्रन्थों के अनुसार, अग्नि कुण्ड के समक्ष शास्त्रज्ञ विद्वान विवाह सम्पन्न कराता था तथा कन्या का हाथ वर के हाथ में देता था। कन्या के माता-पिता अपनी सामर्थ्य और शक्ति के अनुरूप कन्या के प्रति अपने स्नेह और वात्सल्य के प्रतीक रूप में कुछ उपहार भेंट कर दिया करते थे और यह भेंट ही बाद में दहेज जैसी कुप्रथा में परिवर्तित हो गई।
दहेज प्रथा की क्रूरता और भयावहता से क्षुब्ध होकर सन् 1928 में गाँधीजी ने कहा था, “दहेज की पातकी प्रथा के खिलाफ जबरदस्त लोकमत बनाया जाना चाहिए और जो नवयुवक इस प्रकार गलत ढंग से लिए गये धन से अपने हाथों को अपवित्र करते हैं, उन्हें जाति से बहिष्कृत कर देना चाहिए।” इसमें तनिक भी संदेह नहीं कि यह हृदयहीन बुराई है। महात्मा गाँधी ने दहेज को भारतीय भाल पर कलंक कहा था ।
समय के साथ-साथ यह भयानक रोग समाज में बढ़ता गया। आए दिन दहेज प्रताड़ना के मामले समाचार-पत्रें तथा न्यूज के माध्यम से प्रसारित होने लगे। 1860 के आईपीसी में दो महत्वपूर्ण प्रावधान धारा 498-क (दहेज प्रताड़ना) तथा 304-ख (दहेज मृत्यु) के कृत्य को दण्डनीय बनाते हैं, लेकिन भारतीय दण्ड संहिता के प्रावधानों से ही दहेज तथा उससे संबंधित अपराधों पर काबू पाना मुश्किल प्रतीत हो रहा था। अतः केन्द्र सरकार ने पं- नेहरू के प्रधानमंत्रित्व काल में सन् 1961 में दहेज प्रतिषेध अधिनियम पारित किया।
इस कानून के अनुसार दहेज लेने, देने या इसके लेन-देन में सहयोग करने पर 5 वर्ष की कैद और 15,000 रुपए के जुर्माने का प्रावधान है। दहेज के लिए उत्पीड़न करने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 498-ए जो कि पति और उसके रिश्तेदारों द्वारा सम्पत्ति अथवा कीमती वस्तुओं के लिए अवैधानिक मांग के मामले से संबंधित है, के अन्तर्गत 3 साल की कैद और जुर्माना हो सकता है। धारा 406 के अन्तर्गत लड़की के पति और ससुराल वालों के लिए 3 साल की कैद अथवा जुर्माना या दोनों, यदि वे लड़की के स्त्रीधन को उसे सौंपने से मना करते हैं।
यदि किसी लड़की की विवाह के सात साल के भीतर असामान्य परिस्थितियों में मौत होती है और यह साबित कर दिया जाता है कि मौत से पहले उसे दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाता था, तो भारतीय दंड संहिता की धारा 304-बी के अन्तर्गत लड़की के पति और रिश्तेदारों को कम से कम सात वर्ष से लेकर आजीवन कारावास की सजा हो सकती है।
दहेज से सम्बंधित किसी भी कानून को प्रभाव�� बनाने के लिए सरकार को अपनी पहल पर कदम उठाने होंगे।
दहेज़ निषेध अधिनियम, 1961 के महत्वपूर्ण प्रावधान:
दहेज़ निषेध अधिनियम, 1961 की धारा 2 को दहेज़ (निषेध) अधिनियम संशोधन अधिनियम 1984 और 1986 के तौर पर संशोधित किया गया जिसमें दहेज़ को निम्न प्रकार से परिभाषित किया गया है:-
“दहेज़” का अर्थ है प्रत्यक्ष या परोक्ष तौर पर दी गयी कोई संपत्ति या मूल्यवान प्रतिभूति सुरक्षा या उसे देने की सहमति”:-
विवाह के एक पक्ष के द्वारा विवाह के दूसरे पक्ष को; या
विवाह के किसी पक्ष के अभिभावकों द्वारा; या
विवाह के किसी पक्ष के किसी व्यक्ति के द्वारा किसी अन्य व्यक्ति को;
शादी के वक्त, या उससे पहले या उसके बाद कभी भी जो कि उपरोक्त पक्षों से संबंधित हो जिसमें मेहर की रकम सम्मिलित नहीं की जाती, अगर व्यक्ति पर मुस्लिम पर्सनल लॉ (शरियत) लागू होता हो।
इस प्रकार दहेज़ से संबंधित तीन स्थितियां हैं-
विवाह से पूर्व;
विवाह के अवसर पर;
विवाह के बाद;
दंडनीय है-
दहेज़ देना - दहेज़ लेना
दहेज़ लेने और देने के लिए उकसाना
वधु के माता-पिता या अभिभावकों से सीधे या परोक्ष तौर पर दहेज़ की मांग
मुख्य विधि में मौजूद कमियों को दूर करने के लिए दहेज़ निषेध अधिनियम में संशोधन किये गये। महिला एवम बाल विकास मंत्रालय दहेज निषेध अधिनियम के मौजूदा प्रावधानों में और बदलाव करना चाह रही है ताकि दहेज़ निषेध कानूनों को और अधिक धारदार बनाया जा सके। 2009 में राष्ट्रीय महिला आयोग ने इस अधिनियम में कुछ परिवर्तन प्रस्तावित किये थे। इन सिफारिशों पर एक अंतर-मंत्रालयी बैठक में विचार-विमर्श किया गया और विधि एवम न्याय मंत्रालय के परामर्श से दहेज़ निषेध (संशोधन) विधेयक 2010 की रूपरेखा तैयार की गयी। इसके कुछ महत्वपूर्ण प्रावधान इस प्रकार हैं :
1)घरेलू हिंसा अधिनियम 2005 के लिए नियुक्त किये गए सुरक्षा अधिकारियों को दहेज़ सुरक्षा अधिकारियों के दायित्व भी निभाने के लिए अधिकृत किया जाए।
2 )महिला जहाँ कहीं भी स्थायी या अस्थायी तौर पर रह रही है वहीँ से दहेज की शिकायत दर्ज करने की अनुमति दी जाए।
3) दहेज़ देने के लिए कम सजा और दहेज़ लेने के लिए अधिक दंड की व्यवस्था की जाए क्योंकि अक्सर लड़की के माता-पिता अपनी मर्जी के खिलाफ दहेज़ देने के लिए मजबूर किये जाते हैं। और उनके लिए भी समान दंड की व्यवस्था की जाए जो लड़कीवालों को शिकायत करने के लिए हतोत्साहित करते हैं।
4) स्वैच्छिक तौर पर दिए गये “उपहारों” और दबाव या मजबूरी में आकर दिए गये तोहफों में साफ़ अंतर किया जाना चाहिए।
5) दंपत्ति के लिए शपथ पत्र के प्रपत्र में विवाह के सम्बन्ध में आदान-प्रदान किये गए उपहारों की सूची बनाई जाए और दहेज़ निषेध अधिकारी के द्वारा सूची को नोटरी द्वारा प्रमाणित किया जाए।
6) उपरोक्त सम्बन्ध में गैर-अनुपालन वर, वधु और उनके माता-पिता के लिए दंडनीय अपराध होगा।
दहेज प्रथा के उन्मूलन के लिए देश के युवा वर्ग में जागृति परमावश्यक है। पुरातन रीति-रिवाजों में विश्वास रखने वाले पुराने लोगों की प्रवृत्ति में आमूल-चूल परिवर्तन होना असम्भव-सा ही है। इसके लिए दृढ़ प्रतिज्ञ होकर शिक्षित युवक-युवतियों को आगे आना होगा। इस दिशा में युद्ध स्तर पर सामाजिक क्रान्ति का आह्वान किया जाना आवश्यक है, इसमें भी नेतृत्व युवा वर्ग के हाथों में ही हो, ताकि दहेज रूपी बुराई से मुक्त समाज का निर्माण किया जा सके और भारत माता के भाल पर लगा दहेज रूपी कुप्रथा का कलंक मिटाया जा सके।।
महिला सुरक्षा सखियां महिलाओं में आत्मविश्वास पैदा करने और उन्हें सशक्त बनाने की दिशा में अहम भूमिका अदा कर रही हैं। आने वाले समय में महिला सुरक्षा सखी कार्यक्रम का दायरा बढ़ाते हुए और महिलाओं व बालिकाओं को इससे जोड़ा जाएगा। प्रदेश में बालिकाओं को दिए जा रहे आत्मरक्षा कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम का भी विस्तार किया जाएगा।
निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से प्रदेश के विभिन्न थानों से जुडी महिला सुरक्षा सखियों से संवाद किया। सुरक्षा सखियां अपनी भूमिका बेहतर तरीके से निभा रही हैं। आपने बालिकाओं में सुरक्षा की भावना और उनमें आत्मविश्वास मजबूत करने का काम किया है। इसके लिए आप सभी बधाई की पात्र हैं।
उच्चैन, भरतपुर की महिला सखी श्रीमती मंजू ने जब बताया कि वे 10वीं कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद आगे नहीं पढ़ पाई तो उन्हें आगे पढ़ने की प्रेरणा देते हुए पुलिस अधिकारियों को उनकी आगे की पढ़ाई सुनिश्चित करने में सहयोग करने के निर्देश दिए। सोड़ाला थाना क्षेत्र की महिला सखी श्रीमती टीना ने बताया कि मनचलों की छेडछाड से परेशान लडकियों को पुलिस की मदद दिलाने में उन्होंने सहयोग किया तो उनकी हौंसला अफजाई की।
बांसवाड़ा की श्रीमती अंजली खरबंदा ने बताया कि किस तरह उन्होंने गैंगरेप पीडिता की मदद कर आरोपियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया। जब उनसे पूछा कि आपको डर नहीं लगता तो अंजली का जवाब था कि महिला सुरक्षा सखी बनने के बाद वे डर के फेज से आगे निकल चुकी हैं। अब किसी भी मामले को लेकर पुलिस के पास अप्रोच करने में किसी तरह की झिझक नहीं होती। सुरक्षा सखियों का कहना था कि इस कार्यक्रम से महिलाओं में सुरक्षा का भाव बढ़ा है। खातौली, कोटा की श्रीमती आशा नामा, भिवाडी की श्रीमती नीलम ठाकुर, पाली की सुश्री हिमांशी ने संवाद के दौरान बताया कि कैसे उन्होंने स्कूल जाने वाली बालिकाओं से छेडछाड रोकने, बाल विवाह रूकवाने और पति के अत्याचार से पीड़ित महिलाओं को न्याय दिलाने में पुलिस के सहयोग से कामयाबी हासिल की।
संवाद के दौरान अधिकतर महिला सखियों का सुझाव था कि महिला सखियों की बैठकें वार्ड अथवा मोहल्ले में हों तो महिलाएं अपनी पीड़ा बताने के लिए आगे आएंगी और पुलिस की मदद ले पाएंगी। इससे मनचलों एवं छेडछाड करने वालों में भी भय पैदा होगा।
सुरक्षा सखियों की सक्रियता से छेडछाड करने वाले मनचलों एवं महिलाओं पर अत्याचार करने वालों के खिलाफ कार्यवाही करने में पुलिस को काफी मदद मिली है। इस कार्यक्रम की सराहना करते हुए पुलिस एवं गृह विभाग को बधाई दी। आगे भी इस तरह का संवाद महिला सुरक्षा सखियों के साथ कायम रखने और उनकी हौसला अफजाई करने की बात कही।
पुलिस की कार्यशैली में बदलाव को आज की जरूरत बताया और कहा कि पुलिस अधिकारी एवं पुलिसकर्मी ईमानदारी से अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए महिलाओं के खिलाफ उत्पीडन व अपराध की घटनाओं पर संवेदनशीलता के साथ कार्यवाही करें। थानों में अनिवार्य एफआईआर दर्ज करने के नवाचार के बाद काफी हद तक थानों का माहौल बदला हैै। अनिवार्य एफआईआर लागू होने के बाद कोर्ट से इस्तगासे के माध्यम से दर्ज होने वाले मामले 33 प्रतिशत से घटकर 16 प्रतिशत पर आ गए हैं।
महिलाओं एवं बच्चों के विरूद्ध होने वाले गंभीर अपराधों के प्रभावी अनुसंधान एवं पर्यवेक्षण के लिए प्रदेश के सभी जिलों में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन यूनिट फॉर क्राइम अगेंस्ट विमन का गठन किया गया है। इसमें एएसपी स्तर के अधिकारी को लगाया गया है। थाने में आने वाले हर फरियादी के साथ सम्मानजनक व्यवहार हो यह सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ने थानों में स्वागत कक्ष बनाए हैं। एफएसएल लैब्स में फॉरेंसिक जांच का समय 15 दिन से घटकर 3 से 5 दिन होने के कारण अपराधों के अनुसंधान की गति बढ़ी है।
महिला सुरक्षा सखी मार्गदर्शिका एवं महिला सुरक्षा सखी संदर्भिका पुस्तकों का विमोचन भी किया। सुरक्षा सखियों से सुझाव भी आमंत्रित किए।
ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री श्री रमेश मीणा ने कहा कि राजीविका के विभिन्न समूहों से जुड़ी महिलाएं सुरक्षा सखियों के रूप में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध रोकने में पुलिस की म��बूत कड़ी बन सकती हैं। महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती ममता भूपेश ने कहा कि महिला सलाह एवं सुरक्षा केन्द्रों तथा वन स्टॉप सखी संेटर के माध्यम से पीडित महिलाओं की समझाइश एवं उन्हें चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने बताया कि शिक्षा सेतु योजना के माध्यम से 1 लाख 36 हजार महिलाओं एवं बालिकाओं को शिक्षा से जोडा गया है।
गृृह राज्यमंत्री श्री राजेन्द्र सिंह यादव ने कहा कि अब तक 12 हजार 339 सुरक्षा सखियों का चयन किया जा चुका है। सुरक्षा सखियां पुलिस और जनता के बीच में एक ऐसा माध्यम है, जो समाज में होने वाले अपराधों के प्रति जागरूक करने एवं अपराध नियंत्रण में सेतु का काम कर रही हैं। सभी सुरक्षा सखियों को महिला हेल्प डेस्क द्वारा वाट्सएप ग्रुप से जोड़कर पुलिस के सहायक के रूप में जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने महिलाओं की शिक्षा पर जोर दिया साथ ही इंटरनेट पर ऑनलाइन कंटेंट के इस्तेमाल में सावधानियां बरतने की आवश्यकता जताई।
मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा ने कहा कि महिलाओं को सुरक्षित एवं भयमुक्त वातावरण प्रदान करने में महिला सुरक्षा सखियां महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही हैं। उन्होंने कहा कि सुरक्षा सखी पुलिस थानों एवं क्षेत्र की जनता के बीच संवाद सेतु बन रही हैं।
पुलिस महानिदेशक श्री एमएल लाठर ने महिला सुरक्षा सखी कार्यक्रम के राज्य में कम्यूनिटी पुलिसिंग में बेहतर योगदान का जिक्र करते हुए कहा कि सुरक्षा सखी की सक्रियता राज्य की कानून-व्यवस्था को और सुदृृढ़ बनाने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। उन्होंने ऑनलाइन कंटेंट के बच्चों पर दुष्प्रभाव की प्रभावी निगरानी के लिए किए जा रहे प्रयासों की भी जानकारी दी।
कार्यक्रम में जनअभाव अभियोग निराकरण समिति के अध्यक्ष श्री पुखराज पाराशर, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह श्री अभय कुमार, राजस्थान पुलिस अकादमी के निदेशक श्री राजीव कुमार शर्मा, एडीजी सिविल राइट्स एण्ड एंटी हयूमन ट्रैफिकिंग श्रीमती स्मिता श्रीवास्तव, पुलिस मुख्यालय के अधिकारी, संभागीय आयुक्त, पुलिस महानिरीक्षक, जिला कलेक्टर एवं जिला पुलिस अधीक्षक, सीईओ जिला परिषद, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, उपखण्ड अधिकारी, उप अधीक्षक, उप निदेशक आईसीडीएस, सीडीपीओ, एसएचओ, ग्राम विकास अधिकारी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, राजीविका से जुड़े महिला स्वयं सहायता समूहों की सदस्य, महिला सुरक्षा सखी, ग्राम रक्षक आदि भी वीसी से जुडे़।