CIN /जीतनराम मांझी स्पष्ट करें कि डबल इंजन सरकार में शराब माफियाओं को किन सफेद -पोशों के द्वारा संरक्षण दिया जा रहा है ,और गरीबों को तंग -तबाह कौन कर रहा है : एजाज अहमद
Kaushlendra Pandey :राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा कि केंद्रीय मंत्री श्री जीतन राम मांझी जब यह मान रहे हैं कि बिहार में सफ़ेद पोश के द्वारा शराबबंदी को विफल करने का कार्य किया जा रहा है और राज्य सरकार की दोहरी नीतियों के कारण ही गरीब शोषित ,वंचित वर्ग के लोगों को शराबबंदी के नाम पर तंग तबाह किया जा रहा है और उन्हें जेल की सलाखों में डाला जा रहा है ।तो उन्हें यह भी बता देना…
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UP के इस अफसर का बिहार में जलवा, 'कड़क' IAS केके पाठक का प्रयागराज से क्या है नाता?
बलिया: बिहार में एक IAS अफसर का इन दिनों खूब जलवा है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। वे अपने कार्यशैली को लेकर लगातार सुर्खियों में रहते हैं। केके पाठक का जन्म 1968 में यूपी में हुआ था। 1990 बैच के अधिकारी पाठक ने अपनी पढ़ाई-लिखाई प्रयागराज से की है। उनका परिवार मूलरूप से बलिया का रहने वाला बताया जाता है। वर्ष 2021 में फेम इंडिया मैगजीन ने देश के 50 असरदार ब्यूरोक्रेट्स की सूची जारी की थी, जिसमें केके पाठक का नाम भी शामिल था। 1990 में केके पाठक को पहली नियुक्ति बिहार के कटिहार जिले में मिली थी। इसके बाद वह गिरिडीह में एसडीओ रहे। इसके बाद वह बेगूसराय, शेखपुरा और बाढ़ में भी एसडीओ पर तैनात रहे। 1996 में पहली बार केके पाठक डीएम बने और उन्हें गिरिडीह में नियुक्त किया गया। जब राबड़ी देवी बिहार की मुख्यमंत्री थीं, तब पाठक को लालू यादव के गृह जिले गोपालगंज की जिम्मेदारी भी मिली। इसी दौरान पहली बार पाठक चर्चा में आए क्योंकि उन्होंने गोपालगंज में एमपी फंड से बने एक अस्पताल का शुभारंभ एक सफाईकर्मी से करवा दिया था। यह फंड गोपालगंज के तत्कालीन सांसद और राबड़ी देवी के भाई साधु यादव ने दिया था। केके पाठक के इस फैसले से बिहार में काफी बवाल मचा था। इसके बाद उन्हें डीएम के पद से हटाकर वापस सचिवालय बुला लिया गया था।
नीतीश कुमार के खास अफसरों में शुमार
कहा जाता है कि केके पाठक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के चहेते अफसरों शामिल हैं। 2005 में नीतीश की सरकार बनने पर केके पाठक को बड़ा पद मिला। उन्हें बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण का प्रबंध निदेशक बनाया गया। नीतीश के करीबी अफसर अरुण कुमार के निधन के बाद पाठक को शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी दी गई। 2010 में केके पाठक केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर चले गए थे। महागठबंधन की सरकार बनने पर नीतीश कुमार ने पाठक को 2015 में दिल्ली से वापस बिहार बुला लिया था। 2017 में एक बार फिर पाठक केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली भेजे गए। फिर 2021 में वह प्रमोशन के साथ बिहार वापस लौटे। बिहार में शराबबंदी लागू करने की कमान उन्हें ही सौंपी गई।
दागदार भी रहा है करियर
केके पाठक जहां एक तरफ अपने कड़क फैसलों के लिए जाने जाते हैं, दूसरी तरफ उनका करियर दागदार भी रहा है। 2018 में पटना हाईकोर्ट ने केके पाठक पर 1.75 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। SBI के सात बैंक मैनेजरों ने उन पर मनमानी का आरोप लगाया था। स्टैंप ड्यूटी देर से जमा करने से जुड़े इस मामले में कोर्ट ने आरोप सही पाए थे। पटना हाईकोर्ट में हाजिरी ना लगाने को लेकर वॉरंट से लेकर विभागीय बैठक में अपशब्दों के कथित इस्तेमाल तक केके पाठक के खिलाफ आरोपों की लंबी फेहरिस्त है। http://dlvr.it/T4xpD3
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भागलपुर में ग्राम रक्षा दल सह पुलिस मित्र के द्वारा समाहरणालय परिसर में अपनी मांगों को लेकर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया
भागलपुर में ग्राम रक्षा दल सह पुलिस मित्र के द्वारा समाहरणालय परिसर में अपनी मांगों को लेकर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया
भागलपुर में,ग्राम रक्षा दल सह पुलिस मित्र के द्वारा समाहरणालय परिसर में अपनी मांगों को लेकर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार के द्वारा चलाई जा रही महत्वाकांक्षी योजनाओं में इन लोगों ने कार्य किया है। और लगातार कार्य कर भी रहे हैं।
वही ग्राम रक्षा दल के पुलिस मित्र भागलपुर इकाई के द्वारा प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि सरकार के माध्यम से चलाए गए विभिन्न योजनाओं जैसे बाल विवाह दहेज प्रथा शराबबंदी नशा मुक्ति अभियान स्वच्छता तिरंगा यात्रा अभियान जैसे कई कार्यक्रमों में हम लोगों ने बढ़-चढ़कर अपना सहयोग किया। साथ ही इन लोगों का यह भी कहना है कि पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव मिहिर कुमार सिंह के द्वारा विभागीय साप्ताहिक समीक्षा बैठक के दौरान 7 नवंबर 2022 को पंचायत सरकार भवन में ग्राम रक्षा दल सदस्यों की सुरक्षा कर्मी , सफाई कर्मी के नियोजन हेतु निर्देश दिया गया। वही विशेष कार्य पदाधिकारी के द्वारा षष्टम राज्य वित्त आयोग पटना के द्वारा पंचायत सरकार भवन में सुरक्षाकर्मी और सुरक्षा को लेकर संविदा कर्मियों का नियोजन प्रस्तावित है। लेकिन सरकार की टालमोल रवैया के कारण इन लोगों का नियोजन नहीं किया जा रहा है। इन लोगों का कहना है कि मानदेय, स्थायीकरण, जीवन सुरक्षा बीमा, पंचायत सरकार भवन में नियुक्ति, ग्राम पंचायत में मानव बल की नियुक्ति, नियोजन में प्रथम प्राथमिकता सहित सरकारी नियुक्ति में प्राथमिकता सहित अन्य मांगों को लेकर एक दिवसीय धरना दिया गया।
वहीं लोगों का कहना है बिहार सरकार अगर इन लोगों की मांगे पूरी नहीं की जाती है तो इसके लिए चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा।
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बिहार में नीतीश कुमार सरकार ने शराबबंदी क़ानून में एक बार फिर से बदलाव किया है. यह बदलाव शराबबंदी क़ानून के तहत ज़ब्त किए गए वाहनों को लेकर किया गया है.
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रायपुर। छत्तीसगढ़ में शराबबंदी की कवायद जारी है. प्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होना है. इससे पहले राज्य सरकार घोषणा पत्र में किये वादे शराबबंदी को पूरा करने की तैयारी में है.
जिसको लेकर सरकार द्वारा गठित की गई शराबबंदी अध्ययन दल बिहार के लिए रवाना हुई है. बिहार से लौटकर अध्ययन टीम मिजोरम जाएगी. इसकी जानकारी आबकारी मंत्री कवासी लखमा Kawasi Lakhma ने दी है.
आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने बताया कि अध्ययन टीम अभी बिहार के लिए रवाना हुई है. बिहार के बाद टीम मिजोरम जाएगी. वहां से आने के बाद अध्ययन टीम सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी. लखमा ने कहा कि छग में शराब बंदी होगी या नहीं अभी कहना जल्दबाजी होगी.
बस्तर के लोग पूजा पाठ में भी शराब का उपयोग करते हैं. बस्तर में शराब बंदी का सवाल ही नहीं उठता. इस दौरान मंत्री लखमा ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा शराबबंदी को लेकर गंभीर नहीं है. भाजपा के लोग झूठ बोलने में माहिर हैं, इसलिए बैठक में नहीं आते और कमेटी में मेंबर नहीं भेजते.
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Gorakhpur News:गोरखपुर में बोले राजभर, शराबबंदी की लड़ाई सदन से लेकर सड़क तक लड़ेगी सुहेलदेव पार्टी - Omprakash Rajbhar National President Of Subhaspa In Gorakhpur
सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर
– फोटो : अमर उजाला।
विस्तार
सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने रविवार को महंत दिग्विजय नाथ पार्क में पार्टी द्वारा आयोजित ‘‘महिला हक-अधिकार महारैली’’ के माध्यम से प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी का मुद्दा उठाया। कहा कि पार्टी इस लड़ाई को सदन से लेकर सड़क तक लड़ेगी। महिलाएं एकजुट हो जाएं तो बिहार व गुजरात की तरह यूपी में भी पूर्ण शराबबंदी हो सकती…
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सूखे बिहार के सीवान जिले में ताजा जहरीली शराब से चार लोगों की मौत, एक दर्जन से अधिक बीमार | In a recent hooch catastrophe in Siwan, arid Bihar, four people pass away and over a dozen get sick;
जहरीली शराब कांड में
इस घटना में छह लोगों की आंखों की रोशनी चली गई है जबकि 16 को गिरफ्तार किया गया है।
बिहार के सीवान जिले में हाल ही में जहरीली शराब कांड में कम से कम चार लोगों की मौत हो गई और एक दर्जन से अधिक गंभीर रूप से बीमार हो गए। इस घटना में छह लोगों की आंखों की रोशनी चली गई है जबकि 16 को गिरफ्तार किया गया है। अप्रैल 2016 में बिहार को ड्राई स्टेट घोषित किया गया था।
घटना सीवान जिले के भोपतपुर पंचायत के बाला गांव की है जहां ग्रामीणों ने 21 जनवरी को जहरीली शराब पी ली और रविवार की रात से उनकी हालत बिगड़ने लगी और उन्हें सीवान जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।
सीवान जिला प्रशासन की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, 'सीवान जिला अस्पताल में शाम करीब 7 बजे कम से कम 10 लोगों को भर्ती कराया गया. एम। रविवार को पेट दर्द, जी मिचलाने और चक्कर आने की शिकायत के बाद। जिलाधिकारी अमित कुमार पांडेय ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत के कारणों का पता चलेगा। 'हमने ग्रामीणों से भी बात की है और उनसे आग्रह किया है कि वे अपने क्षेत्र में अवैध शराब के कारोबार के बारे में निडर होकर रिपोर्ट करें। किसी भी मासूम को परेशान नहीं किया जाएगा और एक मेडिकल टीम गांव में डेरा डाले हुए है। एक जांच दल का गठन किया गया है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद हम और अधिक ��ानकारी दे पाएंगे', श्री पांडे ने कहा।
जिले के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी
नाम न छापने की शर्त पर जिले के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने द हिंदू को स्वीकार किया कि कम से कम चार लोगों की मौत हो गई है और 14 सीवान, गोरखपुर (पूर्वी उत्तर प्रदेश में) और पटना के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं। हालांकि, ग्रामीणों ने कहा कि सीवान में मरने वालों की संख्या सात हो गई है, जबकि छह लोगों की आंखों की रोशनी चली गई।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक जितेंद्र सिंह गंगवार ने कहा कि इस घटना में 16 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। आगे की जांच के लिए जिले के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी गांव पहुंचे हैं। सैनेटाइजर बनाने के लिए कलकत्ता से स्पिरिट लाया गया था, जिसे 18 जनवरी को मुजफ्फरपुर से सीवान पहुंचाया गया था, श्री गंगवार ने मीडियाकर्मियों को बताया।
'मौत का आंकड़ा'
इस बीच, ग्रामीणों ने दावा किया कि मरने वालों की संख्या सात हो गई है और उन्होंने सीवान जहरीली शराब त्रासदी में मृतकों के नाम सूचीबद्ध किए हैं: सुरेंद्र रावत (30), नरेश रावत (42), धुरंधर मांझी (37), जनकदेव रावत (30)। , जितेंद्र मांझी (18), राजेश रावत (25) और राजू मांझी (35)। 'इन सभी ने अन्य ग्रामीणों के साथ स्थानीय स्तर पर जहरीली शराब पी थी और घर लौट आए थे। रविवार रात उनकी हालत बिगड़ गई और अगली सुबह तक उनकी मौत हो गई। उन्होंने कहा, 'इसके अलावा, कई ग्रामीणों की हालत गंभीर है और उन्हें विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।'
इससे पहले दिसंबर 2022 में पड़ोसी जिले सारण में जहरीली शराब पीने से कम से कम 42 लोगों की मौत हो गई थी. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने जांच के लिए सारण घटना का स्वत: संज्ञान लिया था। इस घटना ने बिहार विधानसभा में भी राजनीतिक गतिरोध पैदा कर दिया था, विपक्षी भाजपा नेताओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस्तीफे की मांग की थी, क्योंकि उनकी सरकार राज्य में प्रभावी ढंग से शराबबंदी लागू करने में विफल रही थी। भाजपा नेताओं ने यह भी दावा किया कि सारण जहरीली शराब घटना में 100 से अधिक लोग मारे गए थे...
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बिहार: सिवान में संदिग्ध अवस्था में छह की मौत , पांच गंभीर, जहरीली शराब से मौत की आशंका
सिवान। बिहार में शराबबंदी कानून लागू है, लेकिन इसके बावजूद सूबे के अंदर धड़ल्ले से अवैध शराब का कारोबार जारी है। कुछ दिन पूर्व सारण जिले में शराब पीने से हुई दर्जनों लोगों की मौत के बाद अब सिवान जिले के लकड़ी नवीगंज थाना क्षेत्र में बीती रात से अबतक संदिग्ध अवस्था में छह लोगों की मौत हो गई है।वहीं पांच लोगों की बीमार होने की सूचना मिल रही है।
स्थानीय लोगों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक जिले में…
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शराबबंदी वाले राज्य बिहार में क्यों है जहरीली शराब की गिरफ्त। SA NEWS
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मानवाधिकार आयोग पर भड़के नीतीश ने कहा, संविधान जान लीजिए, दौरे का कोई मतलब नहीं
बिहार के सारण जिले में जहरीली शराब से हुई लोगों की मौत की जांच करने पहुंची मानवाधिकार आयोग की टीम पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सवाल खड़ा करते हुए कहा संविधान जान लीजिए, शराबबंदी किसका अधिकार है।
उन्होंने भाजपा के मृतकों के परिजनों को मुआवजा को लेकर धरने पर बैठने और हंगामा को भी गलत बताया।
https://www.deshbandhu.co.in/news/leadstory-nitish-got-angry-on-the-human-rights-commission-said-know-the-constitution-there-is-no-point-in-the-tour-312941-1
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वाह डॉक्टर साहब वाह! कागज पर फूंक मरवा कर शराब पीने की कर दी जांच
मोतिहारी: वाह डॉक्टर साहब वाह! ब्रेथ एनालाइजर वाला तो डूब कर मर जाएगा। ये डॉक्टर साहब बिहार के रक्सौल में पाए जाते हैं। कागज का कुप्पा बनाया, उसमें फूंक मरवाई, फिर अपने सूंघा और फिर अपने सामने वाले डॉक्टर को सूंघाई और बता दिया कि शराब पिया है या नहीं। बात सिर्फ शराब पीने और नहीं पीने की नहीं है। बल्कि इनके सूंघा-सूंघी बाद दिए गए सर्टिफिकेट के बाद समस्या शुरू होती है, जब पुलिस उस आदमी को शराब पीने के आरोप में जेल भेज देती है क्योंकि बिहार में शराबबंदी कानून है।
रक्सौल में खुल गई शराब जांच की पोल
शराबबंदी वाले बिहार में कोई शराब पिया है या नहीं, इसके जांच के दो ही तरीके हो सकते हैं। जिसमें एक ब्रेथ एनालाइजर मशीन है और दूसरा ब्लड टेस्ट। ब्रेथ एनालाइजर से पुलिस थाने में ही पता लगा लेती है। ब्रेथ एनालाइजर नहीं होने पर शक के आधार पर हिरासत में लिए गए लोगों को ब्लड टेस्ट के लिए अस्पताल भेज दिया जाता है। पूर्वी चंपारण जिले के रक्सौल अनुमंडलीय अस्पताल का वीडियो तो पूरे सिस्टम का पोल खोल रहा है।
सूंघा-सूंघी के बाद 9 लोग भेज दिए गए जेल
दरअसल, दो दिन पहले नेपाल से कुछ लोग बिहार की सीमा में दाखिल हुए। इनमें से 11 लोगों को पुलिस शराब पीने के आरोप में पकड़ा। जांच के लिए रक्सौल अनुमंडलीय अस्पताल भेजा गया। ड्यूटी पर दो डॉक्टर मौजूद थे। सरकारी अस्पताल के डॉक्टर ने एक-एक कर पकड़े गए 11 लोगों से कागज पर फूंक मरवाया। उसे सूंघा और सर्टिफिकेट बना दिया। सब के सब कम पढ़े-लिखे और गरीब तबके लोग थे। डॉक्टर के दिए सर्टिफिकेट के आधार पर 11 में से 9 लोगों को जेल भेज दिया गया।
जब अस्पताल में साधन नहीं तो कैसे हो रही जांच?
बताया जा रहा है कि रक्सौल अस्पताल में ना तो ब्रेथ एनालाइजर है और ना ही ब्लड में अल्कोहल टेस्ट का कोई साधन। ऐसे में डॉक्टरों ने अपना जुगाड़ सेट कर लिया है। पता नहीं कब से वो इस जुगाड़ को चला रहे हैं और न जाने कितने लोगों को कागज पर फूंक मरवा कर जेल भेज चुके हैं। इस बाबत मीडिया ने जब रक्सौल अनुमंडलीय अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ राजीव रंजन से सवाल पूछा तो उन्होंने बताया कि उनके पास ब्रेथ एनालाइजर या फिर शराब की पुष्टि करने का कोई संसाधन उपलब्ध नहीं है।
जांच मामले की जांच के लिए बनी जांच कमेटी
वीडियो वायरल होने बाद स्वास्थ्य विभाग के अफसरों के हाथ-पांव फूल रहे हैं। पूर्वी चंपारण के सिविल सर्जन डॉ अंजनी कुमार सिंह ने मीडिया को बताया कि रक्सौल अस्पताल में कागज के कुप्पे से शराब की जांच मामले की जांच के लिए जांच कमेटी बना दी गई है। रिपोर्ट आने के बाद उचित कार्रवाई जरूर की जाएगी। http://dlvr.it/SyFph8
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Bihar Hooch Tragedy: बिहार में सख्त शराबबंदी के हैं बड़े गंभीर नतीजे
Bihar Hooch Tragedy: बिहार में 1 अप्रैल 2016 से शराबबंदी लागू हुई थी। सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक शराबबंदी कानून का उल्लंघन करने पर अब तक पांच लाख से ज्यादा मामले दर्ज किए जा चुके हैं. बिहार में पिछले छह साल में करीब 25 लाख लीटर अवैध शराब जब्त की गई है।
आइए जानते हैं कि हाल की घटना के लिए कौन जिम्मेदार है।
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बिहार शराब केस: केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का सीएम नीतीश कुमार पर शराबबंदी पर बड़ा हमला
बिहार शराब केस: केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का सीएम नीतीश कुमार पर शराबबंदी पर बड़ा हमला
पटना: बिहार में एक तरफ जहां जहरीली शराब से लोगों की मौत हो रही है वहीं दूसरी तरफ नेताओं के बयान भी जारी हैं. छपरा में जहरीली शराब से मौत के बाद बिहार की सियासत लगातार गरमा रही है. सरकार पर सवाल उठ रहे हैं कि शराबबंदी कानून का ठीक से पालन नहीं हो रहा है. प्रशासन की मिलीभगत से अवैध रूप से इसका धंधा चल रहा है। इस बीच सोमवार को जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने…
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सुपौल डीएम कौशल कुमार के द्वारा छातापुर के घिवहा में (Jeevika ) जीविका द्वारा संचालित गरिमा संकुल स्तरीय संघ में मुख्यमंत्री, बिहार, नीतीश कुमार के समाधान यात्रा में मुख्यमंत्री से संवाद करने वाली दीदियों के साथ समीक्षा की ।
इस अवसर पर उन्होंने सतत् जीविकोपार्जन योजना से लाभांवित एवं उद्यमी दीदियों के साथ बात की । इस बैठक में उन्होंने कहा कि जीविका की दीदी बेहतर उद्यमी का जीता जागता उदारण है ।
लेकिन अब समय आ गया है कि उस उद्यम को समूह स्तर पर किया जाए। इससे प्रखंड स्तर पर रोजगार में बढ़ोत्तरी होगी । इसके साथ ही जिलाधिकारी महोदय ने शराबबंदी, बाल विवाह, दहेज प्रथा एवं घरेलू हिंसा जैसे कुरुतियों के खिलाफ जीविका दीदियों द्वारा किये जा रहे कार्य की सराहना की ।
इस दौरान उन्होंने संकुल स्तरीय संघ पर वृक्षारोपण भी किया ।
इसके बाद डीएम श्री कुमार राजेश्वरी पश्चिमी पंचायत के बैरिया गांव में जीविका द्वारा संचालित वाद्य यंत्र उत्पादक समूह का भी भ्रमण किया । भ्रमण के दौरान उन्होंने पदाधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि स्कूलों में जो संगीत की कक्षा के लिए वाद्य यंत्र खरीदे जाते हैं वो जीविका द्वारा संचालित वाद्य यंत्र उत्पादक समूहों से खरीदें । उत्पादक समूह की दीदी रंजना द्वारा बताया गया अभी हारमोनियम,तबला, ढोलक इत्यादि का उत्पादन किया जा रहा है ।
दीदियों द्वारा इसका उत्पादन हाथ से किया जाता है जिससे प्रतिदिन 40 हारमोनियम का ही उत्पादन हो पाता है। मशीन से इसका उत्पादन तीन गुणा बढ़ सकता है ।
इसके साथ ही डीएम ने आईसक्रीम, चप्पल एवं स्वेटर उत्पादक समूह बनाने के लिए जिला परियोजना प्रबंधक जीविका को निर्देश दिया।
इस अवसर पर अनुमंडल पदाधिकारी, त्रिवेणीगंज शेख जियाउल हसन, जिला परियोजना प्रबंधक जीविका विजय कुमार साहनी, प्रखंड विकास पदाधिकारी छातापुर रीतेश कुमार सिंह, अंचलाधिकारी छातापुर उपेन्द्र कुमार, प्रखंड परियोजना प्रबंधक छातापुर रमाकांत मंडल के साथ साथ जीविका छातापुर के सभी कर्मी एवं जीविका दीदी शामिल थी ।
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#हमारी_सोंच विपक्ष को मौत पर राजनीति में समय बर्बाद ना कर,साथ में आकर जागरूकता में साथ देना चाहिए।शराबबंदी एक बेहतर पहल है,जिसके सफल होने की जिम्मेदारी पक्ष-विपक्ष के साथ साथ हम आम नागरिक पर भी है।मिलकर जागरूकता लाएंगे तो जरूर बिहार शराब मुक्त हो जाएगा।
कर्मजीत प्रताप सिंह
युवा जदयू नेता
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