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#भगवानगणेश
hinduactivists · 1 year
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भारत के नए संसद भवन में प्रवेश के लिए गणेश चतुर्थी का दिन चुना गया है। इस खास मौके पर पूजा पाठ के बाद ही नए संसद भवन में कामकाज शुरुआत होगी। जैसा कि आप जानते होंगे किसी शुभ कार्य से पहले किसकी की पूजा की जाती है। New Parliament House work start after ganesh chaturthi.
#गणेशचतुर्थी #गणपतीबाप्पामोरया #गणेश #गणपती #गणपत #गणेशोत्सव #गणेशोत्सव2023 #गणेशचतुर्थी२०२३ #गणेशचतुर्थीच्याहार्दिकशुभेच्छा #श्रीगणेश #भगवानगणेश
https://www.instagram.com/p/CxVeuj6Pwsi/?igshid=ODk2MDJkZDc2Zg==
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chaitanyabharatnews · 3 years
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विनायक चतुर्थी व्रत आज, इस विधि से करें भगवान गणेश की आराधना, टल जाएंगे विघ्न
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चैतन्य भारत न्यूज हिंदू धर्म में अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं। मान्यता है कि विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा करके बड़े से बड़े विघ्न को भी आसानी से टाला जा सकता है। साथ ही भगवान गणेश की पूजा का महत्व विनायक चतुर्थी के दिन और भी बढ़ जाता है। इस बार विनायक चतुर्थी 12 अगस्त को है। आइए जानते हैं विनायक चतुर्थी का महत्व और पूजन-विधि। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
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विनायक चतुर्थी का महत्व भगवान गणेश को सभी देवताओं में सर्वप्रथम पूजनीय माना गया है। इसलिए हमारे शास्त्र में विनायक चतुर्थी की महिमा का बहुत बड़ा महत्व है। इस दिन भगवान श्रीगणेश का विधि -विधान से पूजन और इस व्रत का आस्था और श्रद्धा से पालन करने पर भगवान श्रीगणेश की कृपा से मनोरथ पूरे होते हैं। जीवन में निरंतर सफलता भी प्राप्त होती है। विनायक चतुर्थी को वरद विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि जो श्रद्धालु विनायक चतुर्थी का उपवास करते हैं भगवान गणेश उसे ज्ञान और धैर्य का आशीर्वाद देते हैं।
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विनायक चतुर्थी की पूजन-विधि इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर स्वच्छ हो जाएं। उसके बाद गणेश जी की पूजा आरंभ करें। भगवान गणेश की पूजा करते वक्त पूर्व या फिर उत्तर दिशा की ओर मुंह करें। गणपति जी की प्रतिमा के नीचे लाल रंग का कपड़ा बिछाएं। श्री गणेश के सामने दीपक जलाएं और लाल गुलाब के पुष्प से भगवान को सजाएं। पूजन के समय श्री गणेश स्तोत्र, अथर्वशीर्ष, संकटनाशक गणेश स्त्रोत, गणेश पुराण आदि  का पाठ करें। श्री गणेश को बूंदी से बने हुए 21 मोदकों का भोग लगाएं। पूजा के बाद ब्राह्मण को भोजन करवाकर दक्षिणा दें। ये भी पढ़े... घर में सुख-समृद्धि पाने के लिए बुधवार को भगवान गणेश की ऐसे करें पूजा ये हैं भगवान गणेश का ऐसा अनोखा मंदिर जहां लगातार बढ़ रहा है मूर्ति का आकार भगवान गणेश क्यों कहलाएं लंबोदर, जानिए इस अवतार की महिमा Read the full article
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गणपति बाप्पा मोरया
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bulksmsplans · 3 years
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hencedigital · 3 years
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Ashtavinayak Ganesh (Devotional Video) Episode 1
अष्टविनायक गणेश ग���ेश देवतेच्या प्रवासाचे प्रदर्शन करतात आणि अत्युत्तम उत्पादन डिझाइन, दिव्य पोशाख आणि हुशार ऑडिओ-व्हिज्युअल अनुभवासह एक जादुई व्हिज्युअल बहिष्कार सादर करतात. गणेश अतुलनीय आणि यथार्थवादी अनुभवांतून "प्राथमेश" या नात्याने अतुलनीय बालकापासून कसे भावनात्मक प्रवास करतात.
#अष्टविनायक #गणेश #गणपति #सिद्धिविनायक #गजानन #विनायक #महागणपति #महोदर #विघ्नकर्त्ता #विघ्नहर्ता #महेश्य #श्रीविघ्नेश्वरय #विघ्नहर्तागणेश #बालगणेश #भगवानगणेश #गनेशचतुर्थीपूजा #गणेशउतसव #गणेशविसर्जन #गणेशआरती #गणेशभजन #गणेशगीत #भक्ति #गणेशभक्तिगीत #गणेशपूजा #गणेशपूजा #जयगणेश #विनायकचतुर्थी #गणपति #ashtavinayak #ganesh #ganpati #Siddhivinayak #Gajanana #Vinayaka #Mahaganapati #Mahodara #Vighnakarta #Vignaharta #Maheshaya #ShriVighneshwaraya #vighnahartaganesh #balganesh #bappa #lordganesh #shankar #parvati #new serial #ganeshchaturthi #godganesha #ganesh #ganeshchaturthipuja #ganeshutsav #ganesh visarjan #ganeshaarti #ganeshbhajan #ganeshsongs #devotional #ganeshdevotionalsongs #ganeshpuja #ganeshpooja #jaiganesh #vinayakachavithi #ganpatibappamorya #shivganesh
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shimlatimes · 7 years
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chaitanyabharatnews · 3 years
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संकष्टी चतुर्थी व्रत आज, इस विधि से पूजा करने पर जरूर प्रसन्न होंगे गणपति महाराज
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चैतन्य भारत न्यूज संकष्टी गणेश चतुर्थी का त्योहार हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। इस दिन गणेश जी की अराधना की जाती है। कहा जाता है जो भी भक्त गणेश जी की पूजा सच्चे मन से करते हैं उनकी हर मनोकामना पूरी होती है। इस बार 27 जुलाई को संकष्टी गणेश चतुर्थी है। आइए जानते हैं संकष्टी गणेश चतुर्थी का महत्व और पूजा-विधि। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); संकष्टी गणेश चतुर्थी का महत्व भगवान गणेश को सभी देवताओं में सर्वप्रथम पूजनीय माना गया है। इसलिए हमारे शास्त्र में गणेश चतुर्थी की महिमा का बहुत बड़ा महत्व है। इस दिन भगवान श्रीगणेश का विधि-विधान से पूजन और व्रत करने से जीवन में निरंतर सफलता प्राप्त होती है। मान्यता है कि जो श्रद्धालु गणेश चतुर्थी का उपवास करते हैं भगवान गणेश उसे ज्ञान और धैर्य का आशीर्वाद देते हैं। साथ ही उनके सारे दुःख हर लेते हैं। संकष्टी गणेश चतुर्थी पूजा-विधि सुबह के समय जल्दी उठकर स्नान आदि करके लाल रंग के वस्त्र धारण करें और सूर्य भगवान को तांबे के लोटे से अर्घ्य दें। व्रत संकल्प मंत्र के बाद श्रीगणेश की षोड़शोपचार पूजन-आरती करें और मूर्ति पर सिंदूर चढ़ाएं। पूजन के समय श्री गणेश स्तोत्र, अथर्वशीर्ष, संकटनाशक गणेश स्त्रोत का पाठ करें। ब्राह्मण को भोजन करवाकर दक्षिणा दें। शाम के समय गणेश चतुर्थी कथा, श्रद्धानुसार गणेश स्तुति, श्री गणेश सहस्रनामावली, गणेश चालीसा, गणेश पुराण आदि का पाठ करें। पूजा के दौरान भगवान श्री गणेश के बीज मंत्रों का जप भी करना चाहिए। इसके बाद भगवान गणेश के आगे दीप जला कर फूलों की माला अर्पित करें। ये भी पढ़े... खजराना गणेश मंदिर ने रचा इतिहास, इस मामले में वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ नाम गणेश की इस पूजन विधि से करेंगे आराधना तो पूरी हो जाएगी हर मनोकामना ये हैं पोटली वाले गणपति बप्पा, रुकी हुई शादियों की मन्नत करते हैं पूरी Read the full article
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chaitanyabharatnews · 3 years
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संकष्टी चतुर्थी व्रत आज, इस विधि से पूजा करने पर जरूर प्रसन्न होंगे गणपति महाराज
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चैतन्य भारत न्यूज संकष्टी गणेश चतुर्थी का त्योहार हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। इस दिन गणेश जी की अराधना की जाती है। कहा जाता है जो भी भक्त गणेश जी की पूजा सच्चे मन से करते हैं उनकी हर मनोकामना पूरी होती है। इस बार 27 जुलाई को संकष्टी गणेश चतुर्थी है। आइए जानते हैं संकष्टी गणेश चतुर्थी का महत्व और पूजा-विधि। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); संकष्टी गणेश चतुर्थी का महत्व भगवान गणेश को सभी देवताओं में सर्वप्रथम पूजनीय माना गया है। इसलिए हमारे शास्त्र में गणेश चतुर्थी की महिमा का बहुत बड़ा महत्व है। इस दिन भगवान श्रीगणेश का विधि-विधान से पूजन और व्रत करने से जीवन में निरंतर सफलता प्राप्त होती है। मान्यता है कि जो श्रद्धालु गणेश चतुर्थी का उपवास करते हैं भगवान गणेश उसे ज्ञान और धैर्य का आशीर्वाद देते हैं। साथ ही उनके सारे दुःख हर लेते हैं। संकष्टी गणेश चतुर्थी पूजा-विधि सुबह के समय जल्दी उठकर स्नान आदि करके लाल रंग के वस्त्र धारण करें और सूर्य भगवान को तांबे के लोटे से अर्घ्य दें। व्रत संकल्प मंत्र के बाद श्रीगणेश की षोड़शोपचार पूजन-आरती करें और मूर्ति पर सिंदूर चढ़ाएं। पूजन के समय श्री गणेश स्तोत्र, अथर्वशीर्ष, संकटनाशक गणेश स्त्रोत का पाठ करें। ब्राह्मण को भोजन करवाकर दक्षिणा दें। शाम के समय गणेश चतुर्थी कथा, श्रद्धानुसार गणेश स्तुति, श्री गणेश सहस्रनामावली, गणेश चालीसा, गणेश पुराण आदि का पाठ करें। पूजा के दौरान भगवान श्री गणेश के बीज मंत्रों का जप भी करना चाहिए। इसके बाद भगवान गणेश के आगे दीप जला कर फूलों की माला अर्पित करें। ये भी पढ़े... खजराना गणेश मंदिर ने रचा इतिहास, इस मामले में वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ नाम गणेश की इस पूजन विधि से करेंगे आराधना तो पूरी हो जाएगी हर मनोकामना ये हैं पोटली वाले गणपति बप्पा, रुकी हुई शादियों की मन्नत करते हैं पूरी Read the full article
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chaitanyabharatnews · 3 years
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विनायक चतुर्थी व्रत आज, इस विधि से करें भगवान गणेश की आराधना, टल जाएंगे विघ्न
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चैतन्य भारत न्यूज हिंदू धर्म में अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं। मान्यता है कि विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा करके बड़े से बड़े विघ्न को भी आसानी से टाला जा सकता है। साथ ही भगवान गणेश की पूजा का महत्व विनायक चतुर्थी के दिन और भी बढ़ जाता है। इस बार विनायक चतुर्थी 13 जुलाई को है। आइए जानते हैं विनायक चतुर्थी का महत्व और पूजन-विधि। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
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विनायक चतुर्थी का महत्व भगवान गणेश को सभी देवताओं में सर्वप्रथम पूजनीय माना गया है। इसलिए हमारे शास्त्र में विनायक चतुर्थी की महिमा का बहुत बड़ा महत्व है। इस दिन भगवान श्रीगणेश का विधि -विधान से पूजन और इस व्रत का आस्था और श्रद्धा से पालन करने पर भगवान श्रीगणेश की कृपा से मनोरथ पूरे होते हैं। जीवन में निरंतर सफलता भी प्राप्त होती है। विनायक चतुर्थी को वरद विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि जो श्रद्धालु विनायक चतुर्थी का उपवास करते हैं भगवान गणेश उसे ज्ञान और धैर्य का आशीर्वाद देते हैं।
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विनायक चतुर्थी की पूजन-विधि इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर स्वच्छ हो जाएं। उसके बाद गणेश जी की पूजा आरंभ करें। भगवान गणेश की पूजा करते वक्त पूर्व या फिर उत्तर दिशा की ओर मुंह करें। गणपति जी की प्रतिमा के नीचे लाल रंग का कपड़ा बिछाएं। श्री गणेश के सामने दीपक जलाएं और लाल गुलाब के पुष्प से भगवान को सजाएं। पूजन के समय श्री गणेश स्तोत्र, अथर्वशीर्ष, संकटनाशक गणेश स्त्रोत, गणेश पुराण आदि  का पाठ करें। श्री गणेश को बूंदी से बने हुए 21 मोदकों का भोग लगाएं। पूजा के बाद ब्राह्मण को भोजन करवाकर दक्षिणा दें। ये भी पढ़े... घर में सुख-समृद्धि पाने के लिए बुधवार को भगवान गणेश की ऐसे करें पूजा ये हैं भगवान गणेश का ऐसा अनोखा मंदिर जहां लगातार बढ़ रहा है मूर्ति का आकार भगवान गणेश क्यों कहलाएं लंबोदर, जानिए इस अवतार की महिमा Read the full article
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chaitanyabharatnews · 3 years
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विनायक चतुर्थी व्रत आज, इस विधि से करें भगवान गणेश की आराधना, टल जाएंगे विघ्न
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चैतन्य भारत न्यूज हिंदू धर्म में अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं। मान्यता है कि विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा करके बड़े से बड़े विघ्न को भी आसानी से टाला जा सकता है। साथ ही भगवान गणेश की पूजा का महत्व विनायक चतुर्थी के दिन और भी बढ़ जाता है। इस बार विनायक चतुर्थी 13 जुलाई को है। आइए जानते हैं विनायक चतुर्थी का महत्व और पूजन-विधि। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
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विनायक चतुर्थी का महत्व भगवान गणेश को सभी देवताओं में सर्वप्रथम पूजनीय माना गया है। इसलिए हमारे शास्त्र में विनायक चतुर्थी की महिमा का बहुत बड़ा महत्व है। इस दिन भगवान श्रीगणेश का विधि -विधान से पूजन और इस व्रत का आस्था और श्रद्धा से पालन करने पर भगवान श्रीगणेश की कृपा से मनोरथ पूरे होते हैं। जीवन में निरंतर सफलता भी प्राप्त होती है। विनायक चतुर्थी को वरद विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि जो श्रद्धालु विनायक चतुर्थी का उपवास करते हैं भगवान गणेश उसे ज्ञान और धैर्य का आशीर्वाद देते हैं।
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विनायक चतुर्थी की पूजन-विधि इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर स्वच्छ हो जाएं। उसके बाद गणेश जी की पूजा आरंभ करें। भगवान गणेश की पूजा करते वक्त पूर्व या फिर उत्तर दिशा की ओर मुंह करें। गणपति जी की प्रतिमा के नीचे लाल रंग का कपड़ा बिछाएं। श्री गणेश के सामने दीपक जलाएं और लाल गुलाब के पुष्प से भगवान को सजाएं। पूजन के समय श्री गणेश स्तोत्र, अथर्वशीर्ष, संकटनाशक गणेश स्त्रोत, गणेश पुराण आदि  का पाठ करें। श्री गणेश को बूंदी से बने हुए 21 मोदकों का भोग लगाएं। पूजा के बाद ब्राह्मण को भोजन करवाकर दक्षिणा दें। ये भी पढ़े... घर में सुख-समृद्धि पाने के लिए बुधवार को भगवान गणेश की ऐसे करें पूजा ये हैं भगवान गणेश का ऐसा अनोखा मंदिर जहां लगातार बढ़ रहा है मूर्ति का आकार भगवान गणेश क्यों कहलाएं लंबोदर, जानिए इस अवतार की महिमा Read the full article
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chaitanyabharatnews · 3 years
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बुधवार को करें ये उपाय, विघ्न- बाधाएं होंगी पल में दूर, गणपति महाराज देंगे सिद्धि का वरदान
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चैतन्य भारत न्यूज हिंदू धर्म में हर दिन का अपना एक अलग महत्व होता है। सप्ताह का प्रत्येक दिन किसी एक देवी देवता को समर्पित होता है। जैसे सोमवार का दिन भगवान शिव का होता है, मंगलवार का दिन हनुमान जी का होता है, बुधवार का दिन भगवान गणेश जी का होता है, गुरुवार को भगवान बृहस्पति का, शनिवार को भगवान शनि देव का और रविवार को सूर्य देव का दिन माना जाता है। बुधवार को किए जाने वाले उपाय सरल और प्रभावशाली होते हैं, जिससे भगवान गणेश जी भी शीघ्र ही प्रसन्न होते हैं और आपकी मनोकामनाएं भी पूरी करते हैं। तो आइए जानते हैं बुधवार के दिन किए जाने वाले उपायों के बारे में। बुधवार के दिन गणेश जी को सिन्दूर अर्पित करें। इस दिन सिन्दूर चढ़ाने से समस्त परेशानियां दूर होती हैं और सभी समस्याओं का समाधान होता है। बुधवार को गणेश जी के मंदिर में जाकर दर्शन करें, पूजा-आराधना करें। गणेश जी को हरी दूर्वा घास अर्पित करें। क्योंकि गणेश जी को दूर्वा अति प्रिय है। लगातार सात बुधवार तक गुड़ का भोग गणेश जी को लगाएं और प्रसाद के रूप में गुड़ की बांटें। आपकी मनोकामना अवश्य पूरी होगी। हर बुधवार गाय को हरी घास खिलाइए। क्योंकि गाय में 33 कोटि देवी-देवताओं का वास होता है। ऐसे में अगर आप बुधवार को गाय को हरी घास खिलाते हैं तो आपको गणेश जी के साथ-साथ सभी देवी-देवताओं का आशीर्वाद मिलता है और आपको हर कार्य में सफलता मिलती है। अगर आपको परीक्षा में सफलता चाहिए तो आप भगवान गणेश जी को मूंग के लड्डुओं का भोग लगायें। और परीक्षा में सफल होने की कामना करें। अगर आपकी कोई मनोकामना है और वह पूरी नहीं हो पा रही है तो इन उपायों को करने से वह जरुर पूरी होगी और भगवान गणेश जी का आपको आशीर्वाद मिलेगा। Read the full article
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chaitanyabharatnews · 3 years
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बुधवार को करें ये उपाय, विघ्न- बाधाएं होंगी पल में दूर, गणपति महाराज देंगे सिद्धि का वरदान
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चैतन्य भारत न्यूज हिंदू धर्म में हर दिन का अपना एक अलग महत्व होता है। सप्ताह का प्रत्येक दिन किसी एक देवी देवता को समर्पित होता है। जैसे सोमवार का दिन भगवान शिव का होता है, मंगलवार का दिन हनुमान जी का होता है, बुधवार का दिन भगवान गणेश जी का होता है, गुरुवार को भगवान बृहस्पति का, शनिवार को भगवान शनि देव का और रविवार को सूर्य देव का दिन माना जाता है। बुधवार को किए जाने वाले उपाय सरल और प्रभावशाली होते हैं, जिससे भगवान गणेश जी भी शीघ्र ही प्रसन्न होते हैं और आपकी मनोकामनाएं भी पूरी करते हैं। तो आइए जानते हैं बुधवार के दिन किए जाने वाले उपायों के बारे में। बुधवार के दिन गणेश जी को सिन्दूर अर्पित करें। इस दिन सिन्दूर चढ़ाने से समस्त परेशानियां दूर होती हैं और सभी समस्याओं का समाधान होता है। बुधवार को गणेश जी के मंदिर में जाकर दर्शन करें, पूजा-आराधना करें। गणेश जी को हरी दूर्वा घास अर्पित करें। क्योंकि गणेश जी को दूर्वा अति प्रिय है। लगातार सात बुधवार तक गुड़ का भोग गणेश जी को लगाएं और प्रसाद के रूप में गुड़ की बांटें। आपकी मनोकामना अवश्य पूरी होगी। हर बुधवार गाय को हरी घास खिलाइए। क्योंकि गाय में 33 कोटि देवी-देवताओं का वास होता है। ऐसे में अगर आप बुधवार को गाय को हरी घास खिलाते हैं तो आपको गणेश जी के साथ-साथ सभी देवी-देवताओं का आशीर्वाद मिलता है और आपको हर कार्य में सफलता मिलती है। अगर आपको परीक्षा में सफलता चाहिए तो आप भगवान गणेश जी को मूंग के लड्डुओं का भोग लगायें। और परीक्षा में सफल होने की कामना करें। अगर आपकी कोई मनोकामना है और वह पूरी नहीं हो पा रही है तो इन उपायों को करने से वह जरुर पूरी होगी और भगवान गणेश जी का आपको आशीर्वाद मिलेगा। Read the full article
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chaitanyabharatnews · 3 years
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विनायक चतुर्थी व्रत आज, इस विधि से करें भगवान गणेश की आराधना, टल जाएंगे विघ्न
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चैतन्य भारत न्यूज हिंदू धर्म में अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं। मान्यता है कि विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा करके बड़े से बड़े विघ्न को भी आसानी से टाला जा सकता है। साथ ही भगवान गणेश की पूजा का महत्व विनायक चतुर्थी के दिन और भी बढ़ जाता है। इस बार विनायक चतुर्थी 15 मई को है। आइए जानते हैं विनायक चतुर्थी का महत्व और पूजन-विधि। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
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विनायक चतुर्थी का महत्व भगवान गणेश को सभी देवताओं में सर्वप्रथम पूजनीय माना गया है। इसलिए हमारे शास्त्र में विनायक चतुर्थी की महिमा का बहुत बड़ा महत्व है। इस दिन भगवान श्रीगणेश का विधि -विधान से पूजन और इस व्रत का आस्था और श्रद्धा से पालन करने पर भगवान श्रीगणेश की कृपा से मनोरथ पूरे होते हैं। जीवन में निरंतर सफलता भी प्राप्त होती है। विनायक चतुर्थी को वरद विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि जो श्रद्धालु विनायक चतुर्थी का उपवास करते हैं भगवान गणेश उसे ज्ञान और धैर्य का आशीर्वाद देते हैं।
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विनायक चतुर्थी की पूजन-विधि इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर स्वच्छ हो जाएं। उसके बाद गणेश जी की पूजा आरंभ करें। भगवान गणेश की पूजा करते वक्त पूर्व या फिर उत्तर दिशा की ओर मुंह करें। गणपति जी की प्रतिमा के नीचे लाल रंग का कपड़ा बिछाएं। श्री गणेश के सामने दीपक जलाएं और लाल गुलाब के पुष्प से भगवान को सजाएं। पूजन के समय श्री गणेश स्तोत्र, अथर्वशीर्ष, संकटनाशक गणेश स्त्रोत, गणेश पुराण आदि  का पाठ करें। श्री गणेश को बूंदी से बने हुए 21 मोदकों का भोग लगाएं। पूजा के बाद ब्राह्मण को भोजन करवाकर दक्षिणा दें। ये भी पढ़े... घर में सुख-समृद्धि पाने के लिए बुधवार को भगवान गणेश की ऐसे करें पूजा ये हैं भगवान गणेश का ऐसा अनोखा मंदिर जहां लगातार बढ़ रहा है मूर्ति का आकार भगवान गणेश क्यों कहलाएं लंबोदर, जानिए इस अवतार की महिमा Read the full article
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विनायक चतुर्थी व्रत आज, इस विधि से करें भगवान गणेश की आराधना, टल जाएंगे विघ्न
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चैतन्य भारत न्यूज हिंदू धर्म में अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं। मान्यता है कि विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा करके बड़े से बड़े विघ्न को भी आसानी से टाला जा सकता है। साथ ही भगवान गणेश की पूजा का महत्व विनायक चतुर्थी के दिन और भी बढ़ जाता है। इस बार विनायक चतुर्थी 15 मई को है। आइए जानते हैं विनायक चतुर्थी का महत्व और पूजन-विधि। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
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विनायक चतुर्थी का महत्व भगवान गणेश को सभी देवताओं में सर्वप्रथम पूजनीय माना गया है। इसलिए हमारे शास्त्र में विनायक चतुर्थी की महिमा का बहुत बड़ा महत्व है। इस दिन भगवान श्रीगणेश का विधि -विधान से पूजन और इस व्रत का आस्था और श्रद्धा से पालन करने पर भगवान श्रीगणेश की कृपा से मनोरथ पूरे होते हैं। जीवन में निरंतर सफलता भी प्राप्त होती है। विनायक चतुर्थी को वरद विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि जो श्रद्धालु विनायक चतुर्थी का उपवास करते हैं भगवान गणेश उसे ज्ञान और धैर्य का आशीर्वाद देते हैं।
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विनायक चतुर्थी की पूजन-विधि इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर स्वच्छ हो जाएं। उसके बाद गणेश जी की पूजा आरंभ करें। भगवान गणेश की पूजा करते वक्त पूर्व या फिर उत्तर दिशा की ओर मुंह करें। गणपति जी की प्रतिमा के नीचे लाल रंग का कपड़ा बिछाएं। श्री गणेश के सामने दीपक जलाएं और लाल गुलाब के पुष्प से भगवान को सजाएं। पूजन के समय श्री गणेश स्तोत्र, अथर्वशीर्ष, संकटनाशक गणेश स्त्रोत, गणेश पुराण आदि  का पाठ करें। श्री गणेश को बूंदी से बने हुए 21 मोदकों का भोग लगाएं। पूजा के बाद ब्राह्मण को भोजन करवाकर दक्षिणा दें। ये भी पढ़े... घर में सुख-समृद्धि पाने के लिए बुधवार को भगवान गणेश की ऐसे करें पूजा ये हैं भगवान गणेश का ऐसा अनोखा मंदिर जहां लगातार बढ़ रहा है मूर्ति का आकार भगवान गणेश क्यों कहलाएं लंबोदर, जानिए इस अवतार की महिमा Read the full article
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chaitanyabharatnews · 3 years
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बुधवार व्रत रखने वाले इस विधि से करें भगवान गणेश की पूजा, पूरी होगी मनोकामना
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चैतन्य भारत न्यूज हिंदू धर्म में सप्ताह के हर दिन को किसी न किसी देवता के नाम किया गया है। इसी क्रम में आज का दिन यानी बुधवार भगवान गणेश को समर्पित है। हिंदू धर्म में प्रमुख पांच देवी-देवता यानी कि सूर्य, विष्णु, शिव, शक्ति और गणपति में भगवान गणेश की पूजा सबसे पहले की जाती है। श्री गणेश की आराधना शुभ फलदायी होती है। आइए जानते हैं बुधवार व्रत का महत्व और पूजन-विधि। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
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बुधवार व्रत का महत्व इस दिन भगवान गणेश जी की आराधना की जाती है। मान्यता है कि, इस दिन सच्चे मन से भगवान गणेश की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है। साथ ही गणेश जी की पूरे विधि-विधान के साथ पूजा करने से सारी इच्छाएं पूरी होती हैं। यह भी माना जाता है कि, यदि बुधवार को श्री गणेश की पूजा की जाए तो वे शीघ्र प्रसन्न होते हैं और मनचाहा वरदान देते हैं। बुधवार के व्रत की शुरुआत किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष के पहले बुधवार से की जानी चाहिए।
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बुधवार व्रत पूजा-विधि बुधवार के सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर स्वच्छ हो जाएं। उसके बाद गणेश जी की पूजा आरंभ करें। भगवान गणेश की पूजा करते वक्त पूर्व या फिर उत्तर दिशा की ओर मुंह करें। गणपति जी की प्रतिमा के नीचे लाल रंग का कपड़ा बिछाएं। श्री गणेश के सामने दीपक जलाएं और लाल गुलाब के पुष्प से भगवान को सजाएं। गणेश जी की पूजा में तिल के लड्डू गुड़ रोली, मोली, चावल, पुष्प तांबे के लौटे में जल, धूप, प्रसाद के तौर पर केला और मोदक रखें। पूजा के दौरान भगवान श्री गणेश के बीज मंत्रों का जप भी करना चाहिए। संकष्टी चतुर्थी का उपवास तिल के लड्डू या तिल खाकर खोलना चाहिए। ये भी पढ़े... खजराना गणेश मंदिर ने रचा इतिहास, इस मामले में वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ नाम ये हैं भगवान गणेश का ऐसा अनोखा मंदिर जहां लगातार बढ़ रहा है मूर्ति का आकार तो इसलिए भगवान गणेश को लेना पड़ा धूम्रवर्ण अवतार, जानें इसका रहस्य Read the full article
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