किताब पढ़ते बच्चे
बच्चों के लिए हिंदी की श्रेष्ठ 20 शैक्षिक पुस्तकों की सूची। ये किताबें मनोरंजक तरीके से ज्ञान बढ़ाएंगी और बच्चों के समग्र विकास में मदद करेंगी।बाल साहित्य बच्चों के मानसिक और भावनात्मक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अच्छी किताबें न केवल बच्चों की कल्पनाशीलता और रचनात्मकता को बढ़ावा देती हैं, बल्कि उन्हें नए विचारों और मूल्यों से भी परिचित कराती हैं। हिंदी में लिखी गई…
नवरात्रि हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो मां दुर्गा की पूजा के नौ दिनों को मनाता है। जानिए नवरात्रि के बारे में सब कुछ और जानें कैसे मनाएं इस त्योहार को।
नवरात्रि: मां दुर्गा की पूजा के नौ दिन
नवरात्रि भारतीय हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है जो देवी दुर्गा के जीवन के नौ दिनों को मनाता है। यह त्योहार हर साल अक्टूबर या नवंबर में मनाया जाता है और नौ दिनों के दौरान नौ रूपों में मां…
होली के रंगों के पीछे की कहानियां - Read short Bhartiya Sanskriti stories in hindi
होली सिर्फ रंगों का त्योहार नहीं, यह रंग-बिरंगी कहानियों को अपने अंदर समेटे हुए है। इस त्योहार में राधा-कृष्ण की रासलीला से प्रेम बरसता है, शिव के क्रोध की कथा समाई है और भक्त प्रहलाद की भक्ति का रस भी यह अपने में समेटे हुए है। सोलवेदा पर पढ़ें रंगों के त्योहार से जुड़ी भारतीय संस्कृति के बारे में।
Rewari News: भूलती जा रही है भारतीय संस्कृति को वर्तमान पीढी
Rewari News: भूलती जा रही है भारतीय संस्कृति को वर्तमान पीढी
रेवाडी: विश्व हिंदू परिषद की मातृ शक्ति शाखा की सह जिला संयोजिका राधिका यादव खलियावास ने कहा कि जागरूकता के अभाव में वर्तमान पीढी भारतीय सस्कृति को भूलती जा रही है। ऐसे में पाश्चात्य संस्कृति हावी होते जा रही है। अगर हम अपनी संस्कृति को लेकर जागरूक नहीं हुए तो वह समय दूर नहीं हमें संस्कृति को जानने लिए किताबो का अध्ययन करना पडेगा।
Rewari News: धारूहेडा सैनी सभा कार्यकारिणी शपथ समारोह…
संस्कृति मंत्रालय ने विरासत स्थलों को मैप करने के लिए Google के साथ साझेदारी की मांग की
संस्कृति मंत्रालय ने विरासत स्थलों को मैप करने के लिए Google के साथ साझेदारी की मांग की
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के तहत भारत में कुल 3,693 विरासत स्थल संरक्षित हैं।
नई दिल्ली:
अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी पर भरोसा करते हुए, संस्कृति मंत्रालय ने इन साइटों की बेहतर निगरानी के माध्यम से अधिक सुरक्षा और अतिक्रमण की जाँच के लिए 3,600 से अधिक केंद्र-संरक्षित स्मारकों की सीमाओं को डिजिटल रूप से मैप करने की योजना की कल्पना की है।
केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा है कि…
भारतीय राष्ट्रीय आभासी पुस्तकालय (एनवीएलआई) में कुल 3.04 लाख डिजिटल कलाकृतियां और 34.91 लाख से अधिक ग्रंथ सूची प्रविष्टियां हैं: श्री जी. किशन रेड्डी
भारतीय राष्ट्रीय आभासी पुस्तकालय (एनवीएलआई) में कुल 3.04 लाख डिजिटल कलाकृतियां और 34.91 लाख से अधिक ग्रंथ सूची प्रविष्टियां हैं: श्री जी. किशन रेड्डी
भारतीय राष्ट्रीय आभासी (वर्चुअल) पुस्तकालय को भारत की मूर्त और अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के सभी रूपों को प्रदर्शित करने के लिए 10.12.2019 को भारतीय संस्कृति पोर्टल (आईसीपी) के रूप में विकसित और लॉन्च किया गया था। इसका यूआरएल https://indianculture.gov.in है, जो पब्लिक डोमेन पर उपलब्ध है। इस पोर्टल की मौजूदा स्थिति का सारांश निम्नलिखित है: –
· इसमें मेटाडेटा के साथ कुल 3.04 लाख डिजिटल कलाकृतियां…
24.04.2024, लखनऊ | महान वैदिक ऋषि "महर्षि कश्यप" की जन्म जयन्ती के पावन अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा ट्रस्ट के सेक्टर 25, इंदिरा नगर स्थित कार्यालय में "श्रद्धापूर्ण पुष्पांजलि" कार्यक्रम का आयोजन किया गया । कार्यक्रम में ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल, न्यासी डॉ० रूपल अग्रवाल व ट्रस्ट के स्वयंसेवकों ने महर्षि कश्यप जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें सादर नमन किया |
इस अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने कहा कि, “महर्षि कश्यप भारतीय संस्कृति में एक महान ऋषि और प्राचीन विद्वान थे । उन्हें प्राचीन काल के महान ऋषियों में से एक माना जाता है जो ज्ञान, ध्यान और तप के माध्यम से आध्यात्मिक ज्ञान को प्राप्त करते थे । महर्षि कश्यप ऋषि-मुनियों में श्रेष्ठ माने जाते थे। सुर-असुरों के मूल पुरूष मुनिराज कश्यप का आश्रम मेरू पर्वत के शिखर पर था, जहां वे पर-ब्रह्म परमात्मा के ध्यान में मग्न रहते थे। मुनिराज कश्यप नीतिप्रिय थे और वे स्वयं भी धर्म-नीति के अनुसार चलते थे और दूसरों को भी इसी नीति का पालन करने का उपदेश देते थे | महर्षि कश्यप द्वारा संपूर्ण सृष्टि की सृजना में दिए गए महायोगदान के कारण उन्हें ‘सृष्टि के सृजक’ उपाधि से विभूषित किया गया।हमें भी महर्षि कश्यप की तरह धर्म और नीति के मार्ग पर चलकर एक विकसित राष्ट्र बनाने में अपना योगदान देना चाहिए |"
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Indian beauty- Belle indienne- भारतीय सुंदरता 印度美女 Belleza india インド美女 "Discover the Beauty of AI-Generated Indian Women! Dive into a mesmerizing collection of AI-generated portraits showcasing the stunning beauty of Indian women. From traditional attire to modern elegance, witness the diversity and grace of Indian culture through these captivating images. Subscribe now for a visual journey that celebrates the timeless allure of Indian femininity!" "Découvrez la Beauté des Femmes Indiennes Générées par IA ! Plongez dans une collection envoûtante de portraits générés par IA mettant en valeur la beauté époustouflante des femmes indiennes. Des tenues traditionnelles à l'élégance moderne, découvrez la diversité et la grâce de la culture indienne à travers ces images captivantes. Abonnez-vous dès maintenant pour un voyage visuel qui célèbre le charme intemporel de la féminité indienne !" "एआई द्वारा उत्पन्न भारतीय महिलाओं की सुंदरता की खोज करें! भारतीय महिलाओं की अद्भुत सुंदरता को प्रदर्शित करने वाले एआई द्वारा उत्पन्न पोर्ट्रेट्स का एक मंत्रमुग्ध कलेक्शन में डुबो जाएं। पारंपरिक वस्त्र से आधुनिक शानदारता तक, इन आकर्षक छवियों के माध्यम से भारतीय संस्कृति की विविधता और ग्रेस का अनुभव करें। भारतीय महिलाओं की अविनाशी सुंदरता का माननीय सफर मनाने के लिए अब सब्सक्राइब करें!" "探索由AI生成的印度女性之美! 跳入一个迷人的AI生成肖像画系列,展示印度女性令人惊叹的美丽。从传统的服饰到现代的优雅,通过这些引人入胜的图片,感受印度文化的多样性和优雅。立即订阅,享受一场庆祝印度女性永恒魅力的视觉之旅!" "¡Descubre la Belleza de las Mujeres Indias Generadas por IA! Sumérgete en una colección fascinante de retratos generados por IA que muestran la impresionante belleza de las mujeres indias. Desde atuendos tradicionales hasta elegancia moderna, contempla la diversidad y gracia de la cultura india a través de estas cautivadoras imágenes. ¡Suscríbete ahora para un viaje visual que celebra el encanto atemporal de la feminidad india!"
लखनऊ, 15.09.2023 | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार, उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (NCZCC) तथा समाज कार्य विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में भारतीय सभ्यता और संस्कृति को समर्पित सांस्कृतिक कार्यक्रम "धरोहर" के अंतर्गत सेमिनार विषयक "हमारी धरोहर, हमारा उत्तरदायित्व" का आयोजन राधा कमल मुखर्जी सभागार, समाज कार्य विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय में किया गया |
सेमिनार में सम्मानित वक्तागण के रूप में पद्मश्री डॉ विद्या बिंदु सिंह, साहित्यकार, डॉ रवि भट्ट, इतिहासविद, प्रो विभूति राय, डीन, विज्ञान विभाग लखनऊ विश्वविद्यालय, श्रीमती मीनू खरे, निदेशक, आकाशवाणी तथा प्रो श्री अनूप कुमार भरतिया, विभागाध्यक्ष, समाज कार्य विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय ने सहभागिता की | सेमिनार का शुभारंभ राष्ट्रगान एवं दीप प्रज्वलन से हुआ | सभी विद्वान वक्ताओं का ट्रस्ट की न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल तथा ट्रस्ट की आंतरिक सलाहकार समिति (जनसंपर्क) की सदस्य तथा सेमिनार की निवेदक वंदना त्रिभुवन सिंह द्वारा प्रशस्ति पत्र से सम्मान किया गया |
डॉ रूपल अग्रवाल ने सभी गणमान्य अतिथियों तथा श्रोताओं का स्वागत करते हुए कहा कि, धरोहर शब्द का अर्थ है विरासत जो कि हमें हमारे पूर्वजों से उपहार में मिली है | दुनिया भर में अनेक इमारतें हैं जिन्हें देखकर यकीन नहीं होता कि उन्हें इंसान ने बनाया है | इमारत के साथ-साथ हमारी भाषा, धर्म, संस्कृति, साहित्य सभी कुछ हमारी विरासत है, हमारा उपहार है और यह हम सबका कर्तव्य बनता है कि हम इसको सहेज कर रखें, संभाल कर रखें | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट समाज के सभी क्षेत्रों मे कार्य कर रहा है | ट्रस्ट द्वारा समय-समय पर धर्मार्थ, साँस्कृतिक, जागरूकता व अनेक प्रकार के कार्यक्रम कराए जाते हैं | आप सभी से अनुरोध है कि ट्रस्ट को उसके जन सेवा कार्यों मे अपना सहयोग प्रदान करें तथा यह संकल्प लें कि अपनी धरोहर, अपनी विरासत को संभाल कर रखेंगे एवं भारत का नाम विश्व पटल पर सुनहरे अक्षरों में अंकित करेंगे |
प्रोफेसर अनूप कुमार भरतिया ने भारत देश की धरोहर पर प्रकाश डालते हुए कहा कि, समय के अनुसार हर एक चीज परिवर्तित होती जाती है और उसकी प्रकृति में भी परिवर्तन होता जाता है | हमें हमारी संस्कृति, विश्वास और परंपराओं को पूरी तरह से आत्मसात करना चाहिए | पहले के समय में लोगों में सहयोग की भावना होती थी अगर कहीं शादी होती थी तो पूरा गांव शादी की तैयारी में जुट जाता था | लेकि�� आज यह संस्कृति समाप्त हो चुकी है आज सारा काम घर वाले नहीं बाहर वाले करते हैं और इसी वजह से लोगों के बीच आत्मीयता कम हो गई है | हमें अपनी उसी आत्मीयता के साथ अपनी धरोहर का अपनी विरासत का संरक्षण करना चाहिए व लोगों को भी इसके लिए जागरूक करना चाहिए |
प्रोफेसर विभूति राय ने लखनऊ विश्वविद्यालय का इतिहास बताते हुए कहा कि, लखनऊ विश्वविद्यालय एक ऐतिहासिक बिल्डिंग है और करीब 20 वर्ष पूर्व विश्वविद्यालय का नाम बदलने का प्रयास किया, जिसके खिलाफ सभी शिक्षकों को लेकर हम लोगों ने तत्कालीन सरकार के खिलाफ अनशन किया, प्रोटेस्ट मार्च निकाला और कुछ ऐतिहासिक ऐसे पत्र आदि मिल गए जिसके अनुसार इस विश्वविद्यालय का नाम बदला नहीं जा सका |
डॉ रवि भट्ट ने भारतीय इतिहास, संवाद, संस्कृति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि, धरोहर दो प्रकार की होती है, एक मूर्त और एक अमूर्त | मूर्त धरोहर वह धरोहर है जिसे हम छू सकते हैं, देख सकते हैं जैसे हमारी इमारतें लेकिन अमूर्त धरोहर को हम सिर्फ महसूस कर सकते हैं जैसे हमारी भाषा, संस्कृति, साहित्य आदि | मेरा ऐसा मानना है कि हमें मूर्त धरोहर के साथ-साथ अमूर्त धरोहर को सहेज कर रखना चाहिए क्योंकि अमूर्त धरोहर जैसे अपनी भाषा, संस्कृति, साहित्य, इतिहास के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी इकट्ठा करके हम आने वाली पीढ़ियों को जागरूक कर सकते हैं |
पद्मश्री डॉ विद्या बिंदु सिंह ने बताया कि किसी भी देश की धरोहर के आधार पर किसी भी राष्ट्र के महत्व का मूल्यांकन होता है ।मूर्त धरोहर में स्थापत्य कलाएं मूर्तियां चित्र आदि हैं और अमूर्त में जिन्हें देखा नहीं जा सकता वह धरोहर है। पूर्वजों से प्राप्त संस्कार, साहित्य, संगीत, कला संस्कृति के रूप में हम सुरक्षित इसे पाते हैं । इन सब का संरक्षण और भावी पीढ़ियों में इनका प्रसार करना हम सभी का दायित्व है ।
डॉ जानिसार आलम, असिस्टेंट प्रोफेसर, उर्दू विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय ने सेमिनार में अपना पेपर प्रस्तुतीकरण किया |
छात्र-छात्राओं ने विद्वान वक्ताओं से भारतीय धरोहर एवं विरासत के बारे में कई प्रश्न पूछे जिसका उत्तर पाकर उनके चेहरे खुशी से खिल उठे | प्रश्न पूछने वाले छात्र-छात्राओं को ट्रस्ट द्वारा सम्मानित किया गया |
सेमिनार में डॉ शिखा सिंह, असिस्टेंट प्रोफेसर, समाज कार्य विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय, स्वयंसेवकों व मीडिया कर्मियों की गरिमामयी उपस्थिति रही |
धरोहर | नाट्य मंचन काकोरी ट्रेन एक्शन | Dharohar | Stage Play Kakori Train Action
लखनऊ, 07.05.2023 | भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों व क्रान्तिकारियों को समर्पित नाटक 'काकोरी ट्रेन एक्शन का मंचन ऑडिटोरियम, शेरवुड कॉलेज ऑफ़ मैनेजमेंट, इंदिरा नगर, लखनऊ में किया गया । यह नाटक हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार व उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंन्द्र (NCZCC) के संयुक्त तत्वावधान में, धरोहर" थीम के अन्तर्गत आयोजित हुआ । काकोरी ट्रेन एक्शन नाटक द्वारा कलाकारों ने 09 अगस्त 1925 को काकोरी में घटित काकोरी कांड का सजीव चित्रण किया | चन्द्रभाष सिंह के लेखन एवं निर्देशन में नाटक 'काकोरी ट्रेन एक्शन' में अनुभवी व मंझे हुऐ कलाकारों के उत्कृष्ट प्रदर्शन ने सभागार में उपस्थित सभी दर्शकों को देश भक्ति की भावना से ओत-प्रोत कर दिया |
कार्यक्रम का शुभारम्भ राष्ट्रगान से हुआ तत्पश्चात हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हर्ष वर्धन अ��वाल, न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल तथा ट्रस्ट की आंतरिक सलाहकार समिति के सदस्यगण डॉ संतोष कुमार श्रीवास्तव, श्री एम० पी० अवस्थी, श्री अशोक कुमार जायसवाल, डॉ अलका निवेदन, श्री पंकज अवस्थी, द्वारा दीप प्रज्जवलन कर किया गया ।
सभागार में उपस्थित सभी अतिथिगणों का स्वागत करते हुऐ हर्ष वर्धन अग्रवाल ने कहा कि, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के लिए आज यह सौभाग्य का दिन हैं कि आज अपने वीर शहीद क्रांतिकारियों को, काकोरी ट्रेन एक्शन, नाटक के मंचन के माध्यम से याद करने का, श्रद्धांजलि अर्पित करने का अवसर मिला है | "काकोरी ट्रेन एक्शन" एक महत्वपूर्ण एतिहासिक घटना है, जिसने देश के स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई । इस घटना में, भारत के स्वाधीनता संग्राम के सैनिकों ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ एक स्वतंत्रता आंदोलन की शुरुआत की थी । हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के लिए अत्यंत गर्व की बात है कि हमें देश प्रेम की भावना से ओतप्रोत कार्यक्रम आयोजित करने का अवसर समय-समय पर मिला है | संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार तथा उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (NCZCC) का आभार है जिनके आर्थिक सहयोग से धरोहर थीम के अंतर्गत आज देश के महान क्रन्तिकारी वीरों को समर्पित काकोरी ट्रेन एक्शन का नाट्य मंचन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ | मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी का विशेष आभार है जिन्होंने वर्ष 2021 में वीर शहीदों की शहादत को नमन करते हुए आजादी की लड़ाई के संघर्ष की धरोहर का नामकरण काकोरी ट्रेन एक्शन कर दिया, जिसे पहले काकोरी कांड कहा जाता था |
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल ने देश के महान क्रांतिकारी वीरों, शहीदों, सैनिकों के सम्मान में 1 मिनट का मौन होकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि हमारा लक्ष्य है कि हम देश के समस्त 28 राज्यों में और 8 केंद्र शासित प्रदेशों की राजधानी में ट्रस्ट का कार्यालय स्थापित करें | निष्पक्षता, समानता और समावेशिता ट्रस्ट की कार्यशैली हैं । ट्रस्ट सभी संस्कृतियों के सम्मान के सिद्धांत पर काम करता है । पारदर्शिता और जवाबदेही ट्रस्ट के प्रमुख तत्व हैं। ट्रस्ट रचनात्मक और प्रभावी साझेदारी को पोषित करने के लिए प्रतिबद्ध है । प्रासंगिकता केवल लोगों और समुदाय के निरंतर सशक्तिकरण के साथ ही बनाए रखी जा सकती है । ट्रस्ट का उद्देश है जाति, पंथ या धर्म के भेद के बिना लोगों की सेवा करना । ट्रस्ट अनाथालय, वृद्धाश्रम, यूपीएस60+ क्लब, भगवद् गीता केंद्र, आध्यात्मिक संगीत अकादमी, बाल गोपाल शिक्षा योजना, स्वच्छता/स्वच्छ भारत मिशन, व्यावसायिक प्रशिक्षण और कौशल विकास कार्यक्रम, राष्ट्रीय एकता के लिए जागरूकता, शैक्षिक जागरूकता आदि, दान - रक्त, पुराने कपड़े, किताबें और अन्य पुन: प्रयोज्य वस्तुएं, खाने-पीने की चीजों का वितरण, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दिवसों पर कार्यक्रमों का आयोजन, परिवार परामर्श हेल्पलाइन, आपदा प्रबंधन, महामारी समर्थन, निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर, उत्कृष्ट व्यक्तित्वों का सम्मान करना, शैक्षिक और धर्मार्थ गतिविधियों, महिला अधिकारिता कार्यक्रम, वैज्ञानिक अनुसंधान, ग्रामीण और कृषि कार्यक्रम, सीएसआर गतिविधियो और कार्यक्रमो, के क्षेत्र में प्रयत्नशील तथा कार्यरत है | ट्रस्ट एक गैर-लाभकारी संगठन है । इसका लक्ष्य लोगों और समितियों को सामंजस्यपूर्ण, सामाजिक और पर्यावरणीय रूप से जिम्मेदार तरीके से संपन्न करने के लिए सशक्त बनाना है । ट्रस्ट शिक्षा, स्वास्थ्य और आजीविका के क्षेत्र में समाज के गरीब और वंचित वर्ग का समर्थन करता है । यह सभी प्रकार के मानवीय कष्टों और सामाजिक विखंडन के उन्मूलन में मदद करता है । ट्रस्ट का उद्देश्य राष्ट्रीय एकता में योगदान देने वाली संवेदनाओं और धारणाओं को परिष्कृत करना है । यह कला, संस्कृति साहित्य के प्रचार के लिए भी काम करता है और पवित्र शास्त्रों की शिक्षाओं का प्रचार करता है । हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की गतिविधियों का समर्थन करने के लिए दान करें । आप स्वयंसेवक, सहयोगी, दान दाता, प्रायोजक बनकर हमसे जुड़ें सकते हैं और ट्रस्ट के माध्यम से समाज की सेवा कर सकते हैं | आपकी सक्रिय सहभागिता से हम अपने जनसेवा के क्षेत्र को पुरे देश में फैला सकते है |
कार्यक्रम के अंत में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की आंतरिक सलाहकार समिति के सदस्य डॉ संतोष कुमार श्रीवास्तव ने सभी का धन्यवाद व आभार व्यक्त किया | कार्यक्रम का संचालन डॉ अलका निवेदन ने किया |
"मुझे गर्व है कि मैं एक ऐसे धर्म से हूं, जिसने दुनिया को स��नशीलता और सार्वभौमिक स्वीकृति का पाठ पढ़ाया है।"
सम्पूर्ण विश्व में भारतीय सनातन धर्म व संस्कृति का गौरव ध्वज लहराने वाले, महान संत, विचारक, युग प्रवर्तक एवं असंख्य युवाओं के प्रेरणास्रोत तथा आध्यात्मिक गुरु श्रद्धेय स्वामी विवेकानंद जी की जयंती पर उन्हें शत-शत नमन ।
देश व प्रदेश के समस्त युवाओं को 'राष्ट्रीय युवा दिवस' की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं ।
किताब पढ़ते बच्चे
बच्चों के लिए हिंदी की श्रेष्ठ 20 शैक्षिक पुस्तकों की सूची। ये किताबें मनोरंजक तरीके से ज्ञान बढ़ाएंगी और बच्चों के समग्र विकास में मदद करेंगी।बाल साहित्य बच्चों के मानसिक और भावनात्मक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अच्छी किताबें न केवल बच्चों की कल्पनाशीलता और रचनात्मकता को बढ़ावा देती हैं, बल्कि उन्हें नए विचारों और मूल्यों से भी परिचित कराती हैं। हिंदी में लिखी गई…
विश्व के समस्त हिन्दी प्रेमियों को 'विश्व हिन्दी दिवस' की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं ।
हमारी मातृभाषा हिन्दी अनेकता में एकता के मूल्यों के साथ-साथ प्राचीन भारतीय सभ्यता, संस्कृति एवं परम्पराओं को अपने में संजोए हुए विश्व की सर्वाधिक प्राचीन समृद्ध व सरल भाषा है ।
जिस पर गम्भीरता पूर्वक बिचार-मंथन करने की जरूरत हैं साथ ही भारतीय हिन्दू संस्कृति के प्रतीक #धर्मग्रंथ श्रीमद्भागवतगीता तथा श्रीरामचरित्रमानस रामायण पर भी चिन्तन-मनन तथा विश्लेषण करने की जरूरत हैं।
#हिन्दूधर्म_ग्रथों की मान्यता हैं कि वो समाज व परिवार में एकात्मवाद की प्रतीक हैं, जबकि इस्लामिक धर्मग्रंथ कुरआन शरीफ समाज मे भेदभाव को जन्म देने के साथ ही दूसरे समाज के लोगों का कत्ल करने का आदेश देती हैं - ऐसी स्थिति में कुरआन शरीफ को पूर्णरूप से प्रतिवंधित किये जानें की जरूरत हैं, परन्तु भारतीय #संसद_सभा में बिचार करने की जरूरत हैं।
#सबका_साथ_सबका_बिकास के मूलभूत सिद्धान्तों के आधार पर समान शिक्षानीति को लागू किये जाने की जरूरत हैं, जिससे कि समाज में सभी धर्मों में प्रति भाईचारा स्थापित हो और राष्ट्रवाद की स्थापना की जा सकें, जिसके लिए भगवान गौतमबुद्ध की नीतियों का समान रूप से बिस्तार कियें जानें की आवश्यकता हैं, जिससे कि एकोब्रह्मं द्वातियों नास्ति की कल्पना के आधार पर #एकात्म_मानवतावाद का सिद्धान्त साकार हो सकें।
भारत के प्रसिद्ध पारंपरिक नृत्य रूपों के बारे में आपको पता होना चाहिए
भारत के प्रसिद्ध पारंपरिक नृत्य रूपों के बारे में आपको पता होना चाहिए
भारत एक विविध और समृद्ध राष्ट्र है संस्कृति. यहां कई पारंपरिक नृत्य और कलात्मक विषयों का अभ्यास किया जाता है। भारतीय शास्त्रीय नृत्य शैलियों को दुनिया भर में जाना जाता है। भारतीय संस्कृति काफी हद तक नृत्य और से प्रभावित है संगीत. शास्त्रीय नृत्यों की विशिष्टता उनके विविध चेहरे के भाव, भव्य वेशभूषा, नाटकीय श्रृंगार और पारंपरिक संगीत की लय का परिणाम है। हालाँकि, भारतीय नृत्य की उत्पत्ति कहाँ से हुई…