On the honorable occasion of the 74th Army Day, we extend our gratitude to the brave warriors for their selfless service to the nation. Happy Indian Army Day!
Celebrated every year on January 15, Indian Army day is held as an important event that marks General KM Cariappa replacing General Sir Francis Robert Roy Bucher and took charge of the Indian Army in 1949.
पूर्व पीएम श्री.मनमोहन सिंहजी 12,000 फीट पर सियाचिन जाने वाले पहले पीएम थे. सियाचिन को सबसे ऊंचा युद्धक्षेत्र कहा जाता है जहां रहना बहुत मुश्किल है! सिंहजी PM मोदीजी सें उमर में बड़े थे__लेकिन उन्होंने धूप का चश्मा, साथ में सैन्य पोशाक भी नहीं पहनी थी, और ना ही बिना किसी PR स्टंट के, चीनियों सें लद्दाख को वापस ले लिया... . . . . . . #primeministersofindia #pmofindia #manmohansingh #siyachin #siyachinborder #welovecongress #welovecongress_ #pmofindia🇮🇳 #manmohansinghji #congressleader #congresslife #congressleaders #rgvmindia #ladakh #indianarmy🇮🇳 #भारतीयसेना #🇮🇳🇮🇳🇮🇳 #laddakhdiaries https://www.instagram.com/p/CV5yumUNQ5H/?utm_medium=tumblr
भारत, चीन की सेनाओं ने सिक्किम सेक्टर के लिए हॉटलाइन स्थापित की; जानिए सिक्किम में भारत-चीन संघर्ष के बारे में सब कुछ
क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर विश्वास को और बढ़ावा देने के लिए भारतीय और चीनी सेनाओं ने उत्तरी सिक्किम सेक्टर में एक हॉटलाइन स्थापित की है। यह खबर अधिकारियों द्वारा 1 अगस्त, 2021 को साझा की गई थी।
भारतीय सेना ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि हॉटलाइन स्थापित करने का कार्यक्रम भी आज चीन के पीएलए (पीपुल्स लिबरेशन आर्मी) दिवस के साथ हुआ।
भारतीय सेना ने यह भी बताया कि हॉटलाइन के उद्घाटन में संबंधित सेनाओं के ग्राउंड कमांडरों ने भाग लिया और एक हॉटलाइन के माध्यम से दोस्ती और सद्भाव के संदेश का आदान-प्रदान किया गया।
पूर्वी लद्दाख में कई घर्षण बिंदुओं पर दोनों देशों के बीच जारी गतिरोध के बीच भारत और चीन की सेनाओं के बीच हॉटलाइन की स्थापना हुई है।
भारत और चीन के बीच हॉटलाइन कहाँ स्थापित की गई है?
यह हॉटलाइन उत्तरी सिक्किम के कोंगरा ला में भारतीय सेना और तिब्बती स्वायत्त क्षेत्र के खंबा द्ज़ोंग में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के बीच स्थापित की गई है।
उद्देश्य:
भारतीय सेना के अनुसार, भारत और चीन की सेनाओं के बीच हॉटलाइन का उद्देश्य क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर विश्वास और सौहार्दपूर्ण संबंधों की भावना को आगे बढ़ाना है।
भारत और चीन के बीच संचार के लिए तंत्र:
• भारत और चीन के सशस्त्र बलों के पास जमीनी कमांडरों के स्तर पर संचार के लिए सुस्थापित तंत्र हैं।
• विभिन्न क्षेत्रों में इस प्रकार क�� हॉटलाइन सीमाओं पर शांति और शांति को बढ़ाने और बनाए रखने में एक लंबा रास्ता तय करती है।
• यह छठी हॉटलाइन भी है जिसे भारत और चीन के बीच स्थापित किया गया है, जिसमें सिक्किम, पूर्वी लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में दो-दो शामिल हैं।
सिक्किम में भारत-चीन संघर्ष: आप सभी को जानना आवश्यक है
• नाथू ला और चो ला संघर्ष जिन्हें कभी-कभी 1967 के चीन-भारतीय युद्ध के रूप में भी जाना जाता है, में सिक्किम के हिमालयी साम्राज्य की सीमा के साथ-साथ दोनों देशों के बीच सीमा संघर्षों की एक श्रृंखला शामिल थी, जो उस समय एक भारतीय रक्षक था।
• नाथू ला संघर्ष 11 सितंबर, 1967 को शुरू हुआ, जब चीन के पीएलए ने पूर्वी सिक्किम जिले के नाथू ला में भारतीय चौकियों पर हमला किया और 15 सितंबर, 1967 तक चला।
• एक और सैन्य द्वंद्व, अक्टूबर 1967 में, चो ला में हुआ और उसी दिन समाप्त हुआ। चोल ला हिमालय की चो ला रेंज में एक पहाड़ी दर्रा है जो भारत के सिक्किम को चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र से जोड़ता है।
• संघर्ष में, भारत ने निर्णायक सामरिक लाभ हासिल किया और चीनी सेना को पीछे धकेलने में कामयाब रहा। नाथू ला में पीएलए किलेबंदी को नष्ट कर दिया गया।
• पर्यवेक्षकों के अनुसार, इन संघर्षों ने भारत के खिलाफ चीन के बल प्रयोग में दावे की ताकत में गिरावट का संकेत दिया। भारत सरकार भी नाथू ला संघर्षों में अपनी सेना के युद्ध प्रदर्शन से प्रसन्न थी और इसे 1967 में भारत-चीन युद्ध में अपनी हार के बाद से सुधार के संकेत के रूप में देखा।
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ड्रैगन की नई चालबाजी से निपटने के लिए भारत ने की तैयारियां, लद्दाख में तैनात किए 15 हजार से जवान
चैतन्य भारत न्यूज
लद्दाख. पू्र्वी लद्दाख में चीनी आक्रमण को रोकने के लिए भारतीय सेना ने आतंकवाद विरोधी अभियान वाली अपनी यूनिट्स को जम्मू-कश्मीर से पूर्वी लद्दाख सेक्टर में ट्रांसफर कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक, "जम्मू-कश्मीर स्थित आतंकवाद विरोधी गठन से लगभग 15,000 सैनिकों को कई महीने पहले लद्दाख क्षेत्र में चीनी आक्रमण से निपटने के लिए ले जाया गया था।" लद्दाख सेक्टर में पिछले कुछ समय से सैनिकों को तैनात किया गया है और ये जवान पीपुल्स लिबरेशन आर्मी द्वारा भविष्य में किसी भी कदम का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने के लिए लेह स्थित 14 कोर मुख्यालय की सहायता करेंगे।
पूर्वी लद्दाख में पिछले साल अप्रैल महीने से चीन ने चालबाजी करने की शुरुआत की थी। कई महीनों तक चली बातचीत के बाद कुछ प्वाइंट्स पर चीनी सैनिक पीछे हटे, लेकिन अभी भी कई प्वाइंट्स हैं, जहां पर दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने की स्थिति में हैं। चीन की आक्रामकता को देखते हुए भारत ने एक डिवीजन के बजाय अतिरिक्त बख्तरबंद और अन्य तत्वों के साथ दो पूर्ण डिवीजनों के आधार पर जवानों की संख्या में बढ़ोतरी की है।
भारतीय सेना की 17 माउंटेन स्ट्राइक कोर को चीन सीमा पर किसी भी अनहोनी से निपटने के लिए 10,000 अतिरिक्त सैनिकों के रूप में एक बड़ा बूस्ट मिला है। 17 माउंटेन स्ट्राइक कोर भारतीय सेना की एकमात्र स्ट्राइक कोर है जो युद्ध की स्थिति में चीन के खिलाफ आक्रामक अभियान चलाने के लिए जिम्मेदार है।
इसकी ताकत ऐसे समय में बढ़ाई गई है जब भारत और चीन पिछले एक साल से अधिक समय से सैन्य गतिरोध में लगे हुए हैं। पिछले साल से सीमा पर बड़ी संख्या में भारतीय और चीनी सैनिक तैनात हैं। मथुरा स्थित वन स्ट्राइक कोर को भी उत्तरी सीमा की ओर फिर से किया गया है, जबकि इसकी एक बख्तरबंद फॉर्मेशन इसके पास बनी रहेगी।
इसके अलावा, अन्य सेक्टरों में फॉर्मेशन और सैनिकों की तैनाती को भी मजबूत किया गया है। पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर भारत के सामरिक अभियानों के कारण, भारतीय सेना चीनी सेना को पीछे हटाने में कामयाब रही है। अब दोनों पक्षों के बीच क्षेत्र में अन्य प्वाइंट्स से डिस-एंगेजमेंट और तनाव को कम करने के लिए बातचीत चल रही है।
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लेह: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी उठाई राइफल, भारतीय सेना ने दिखाया अपना शौर्य
New Delhi: अपनी दो दिवसीय यात्रा पर लेह पहुंचे राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने लेह के स���ताकना में भारतीय सेना के एक खास कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
स्ताकना में भारतीय सेना के खास कार्यक्रम में जवानों ने पैरा ड्रॉपिंग और अन्य करतबों से शक्ति का खास प्रदर्शन किया। इस दौरान सेना के अधिकारियों के साथ रक्षामंत्री (Rajnath Singh) खुद एक राइफल से निशाना लगाते दिखे।
सैन्य अधिकारियों के साथ स्ताकना पहुंचे रक्षामंत्री
शुक्रवार सुबह दिल्ली से विशेष विमान के जरिए लेह पहुंचे राजनाथ सिंह सबसे पहले स्ताकना के एक बेस पर पहुंचे। इस दौरान सेना की उत्तरी कमान के कई वरिष्ठ अधिकारी, सीडीएस जनरल बिपिन रावत और सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे भी उनके साथ रहे।
पीका मशीन गन के जरिए निशाना
स्ताकना पहुंचे राजनाथ सिंह ने यहां पर सेना के अफसरों के साथ एक शक्ति प्रदर्शन कार्यक्रम में हिस्सा लिया। सेना के अधिकारियों के साथ राजनाथ ने यहां काफी बातचीत की। इसके अलावा कार्यक्रम में शामिल हुए सैन्यकर्मी भी रक्षामंत्री से बात करते दिखे। इसी बीच सेना की पीका मशीन गन की जांच की और अधिकारियों से इसके बारे में जानकारी भी ली।
जब लेह में राजनाथ सिंह ने खुद उठा ली राइफल, देखें वीडियो
https://twitter.com/ANI/status/1283978883948146694
आसमान
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#नरसिंहजयंती के पावन अवसर पर #भारतीयसेना ने आतंक और #आतंकवादी का मर्दन किया। On the auspicious day of #narasimhachaturdashi ,#indianarmy has avenged for #Handwaramartyrs! All patriots please write #JAIHIND in the comments. #हंदवाडा शहीदों को मिला न्याय। #बुरहानबानी गँग का हुआ खात्मा। हिज्ब/#हिज्बूल कमांडर #रियाज नायकू मारा गया है और गौर करने की बात है कि रियाज़ अध्यापक था, तो तय है की पढ़ा लिखा था, अब वे लोग क्या बोलेंगे जो बोलते हैं कि अशिक्षा के कारण विशेष समुदाय के लोग आतंकी बन जाते हैं। ? जय नरसिम्हा जय जय नरसिम्हा🙏 अदम्य साहस से लबरेज़ भारत की सेना! जो भी देशभक्त है, सेना के साथ है, वो कमेंट में "।। जय हिंद !!" जलूर लिखे! #Indianarmy ki #JaiHo! https://www.instagram.com/p/B_2nD0FnPZ2/?igshid=1me9pzwl2eelo
Prasar Bharati News Services ने Koo पर साझा किया समाचार- राष्ट्रपति कोविंद कू ऐप पर Ladakh के द्रास क्षेत्र के सैनिकों के साथ मनाएंगे दशहरा ! @pbns.india Bio में दिए गए link पर visit कर पूरी ख़बर पढ़ें- #visitmybioforlink @media_kesari #mediakesari #koo #prasarbharatinewsservices #ladakh #ladakhtourism #dras #ramnathkovind #presidentofindia #LG #dussehra2021 #drasregion #indianarmyjawans #jammukashmir #udhampur #nationalnews #sindhudarshanpuja #राष्ट्रपति #रामनाथकोविंद #दशहरा #द्रास_जम्मू_कश्मीर #भारतीयसेना #मीडिया_केसरी #latestnews (at India) https://www.instagram.com/p/CVA-OssPCyC/?utm_medium=tumblr
थल सेना दिवस पर अदम्य साहस, बहादूरी और पराक्रम की परिचायक भारतीयसेना के वीर जवानों को नमन एवं भारतीय थल सेना दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ । #IndianArmy https://www.instagram.com/p/CKDHAxAlGs5/?igshid=197r7g7d2y4jw
BREAKING : भारतीय सेना ने LoC के पास मार गिराया पाक सेना का एक क्वाडकॉप्टर #breaking #loc #क्वाडकॉप्टर #गिराया #पाकिस्तान #पाकिस्तानीकमांडर #भारतीयसेना #सेना
ड्रैगन की नई चालबाजी से निपटने के लिए भारत ने की तैयारियां, लद्दाख में तैनात किए 15 हजार से जवान
चैतन्य भारत न्यूज
लद्दाख. पू्र्वी लद्दाख में चीनी आक्रमण को रोकने के लिए भारतीय सेना ने आतंकवाद विरोधी अभियान वाली अपनी यूनिट्स को जम्मू-कश्मीर से पूर्वी लद्दाख सेक्टर में ट्रांसफर कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक, "जम्मू-कश्मीर स्थित आतंकवाद विरोधी गठन से लगभग 15,000 सैनिकों को कई महीने पहले लद्दाख क्षेत्र में चीनी आक्रमण से निपटने के लिए ले जाया गया था।" लद्दाख सेक्टर में पिछले कुछ समय से सैनिकों को तैनात किया गया है और ये जवान पीपुल्स लिबरेशन आर्मी द्वारा भविष्य में किसी भी कदम का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने के लिए लेह स्थित 14 कोर मुख्यालय की सहायता करेंगे।
पूर्वी लद्दाख में पिछले साल अप्रैल महीने से चीन ने चालबाजी करने की शुरुआत की थी। कई महीनों तक चली बातचीत के बाद कुछ प्वाइंट्स पर चीनी सैनिक पीछे हटे, लेकिन अभी भी कई प्वाइंट्स हैं, जहां पर दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने की स्थिति में हैं। चीन की आक्रामकता को देखते हुए भारत ने एक डिवीजन के बजाय अतिरिक्त बख्तरबंद और अन्य तत्वों के साथ दो पूर्ण डिवीजनों के आधार पर जवानों की संख्या में बढ़ोतरी की है।
भारतीय सेना की 17 माउंटेन स्ट्राइक कोर को चीन सीमा पर किसी भी अनहोनी से निपटने के लिए 10,000 अतिरिक्त सैनिकों के रूप में एक बड़ा बूस्ट मिला है। 17 माउंटेन स्ट्राइक कोर भारतीय सेना की एकमात्र स्ट्राइक कोर है जो युद्ध की स्थिति में चीन के खिलाफ आक्रामक अभियान चलाने के लिए जिम्मेदार है।
इसकी ताकत ऐसे समय में बढ़ाई गई है जब भारत और चीन पिछले एक साल से अधिक समय से सैन्य गतिरोध में लगे हुए हैं। पिछले साल से सीमा पर बड़ी संख्या में भारतीय और चीनी सैनिक तैनात हैं। मथुरा स्थित वन स्ट्राइक कोर को भी उत्तरी सीमा की ओर फिर से किया गया है, जबकि इसकी एक बख्तरबंद फॉर्मेशन इसके पास बनी रहेगी।
इसके अलावा, अन्य सेक्टरों में फॉर्मेशन और सैनिकों की तैनाती को भी मजबूत किया गया है। पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर भारत के सामरिक अभियानों के कारण, भारतीय सेना चीनी सेना को पीछे हटाने में कामयाब रही है। अब दोनों पक्षों के बीच क्षेत्र में अन्य प्वाइंट्स से डिस-एंगेजमेंट और तनाव को कम करने के लिए बातचीत चल रही है।
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गलवान घाटी में रहस्यमय आग के चलते हुई झड़प : वीके सिंह
New Delhi: पूर्वी लद्दाख स्थित गलवान घाटी (Galvan Valley) में 15 जून को भारत और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे। इस बीच एलएसी पर हुई हिंसक झड़प को लेकर केंद्रीय मंत्री और पूर्व आर्मी चीफ वीके सिंह ने बड़ा खुलासा किया है। वीके सिंह ने बताया कि गलवान घाटी में भारत-चीन सैनिकों के बीच एक रहस्यमय आग की वजह से हिंसक झड़प हुई। ये आग चीनी सैनिकों के टेंटों में लग गई थी। इसका खुलासा खुद उन्होंने एक चैनल के साथ बातचीत में किया।
वीके सिंह ने कहा कि अचानक लगी आग से भारतीय सैनिक भड़क उठे थे। उन्होंने कहा कि फिलहाल यह कह पाना मुश्किल है कि चीनी सैनिकों ने टेंट में क्या रखा हुआ था, जिसके चलते वह आग लगी। हालांकि, वीके सिंह का यह दावा उस बात के बिल्कुल उलट है, जिसमें कहा गया था कि चीनी सैनिकों के पीछे न हटने की बात पर भारतीय सैनिकों ने टेंट उखाड़कर फेंका था।
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भारतीय सेना ने बताई बिहार रेजिमेंट की शौर्य गाथा, शेयर किया VIDEO
बिहार रेजिमेंट स्वतंत्रता के बाद भारतीय सेना द्वारा लड़े गए सभी प्रमुख युद्धों का एक हिस्सा रही है.
नई दिल्ली:
लद्दाख की गालवान घाटी में 15 जून को चीन का कायराना हरकत का जिस तरह से भारतीय सेना की बिहार रेजीमंट के जवानों ने जवाब दिया है उसका लोहा पूरी दुनिया मान चुकी है. ऐसा कोई पहली बार नहीं है जब बिहार रेजीमेंट के जवानों ने देश के दुशमनों के खिलाफ अदम्य साहस और शौर्य का परिचय दिया हो. भारतीय सेना ने शनिवार को बिहार रेजिमेंट के सैनिकों के साहस और वीरता को सलाम करते हुए एक वीडियो ट्वीट किया और 21 साल पहले कारगिल युद्ध में उनके योगदान को याद किया.
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इंडियन आर्मी की नॉर्दन कमांड की के ऑफिशियल ट्विटर अकाउंड से जारी किए गए इस वीडियो में बिहार रेजीमेंट की शौर्य गाथा दिखाई गई है. इस ट्वीट के साथ सेना ने लिखा है, ‘#भारतीयसेना #कारगिल के 21 साल…ध्रुव योद्धाओं की गाथा और बिहार रेजीमेंट के शेर लड़ने के लिए जन्में हैं. वे बैट नहीं बैटमैन हैं. हर सोमवार के बाद मंगलवार आता है. बजरंग बली की जय’
#IndianArmy#21yearsofKargil
The Saga of #DhruvaWarriors and The Lions of #BiharRegiment.
“Born to fight.They are not the bats. They are the Batman.”
“After every #Monday, there will be a #Tuesday. Bajrang Bali Ki Jai”@adgpi@MajorAkhill#NationFirstpic.twitter.com/lk8beNkLJ7
— NorthernComd.IA (@NorthernComd_IA) June 20, 2020
1 मिनट 57 सेकंड के वीडियो में 1857 से 1999 तक रेजिमेंट द्वारा उठाए गए कुछ सबसे अधिक हर्कुलियन मिशन का पता चलता है, जब बिहार रेजिमेंट की पहली बटालियन ने पाकिस्तानी सेना से कारगिल में एक रणनीतिक क्षेत्र पर कब्जा कर लिया था.
वीडियो में मेजर अखिल प्रताप कहते हैं, “यह वही महीना था, 21 साल पहले. बिहार रेजिमेंट ने कारगिल घुसपैठियों को मार गिराया था. वे ऊंचाइयों पर भी थे और क्या वे तैयार थे. वे हिम्मत के साथ गए और गौरव के साथ वापस आए, “
सेना ने कर्नल संतोष बाबू को भी श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्होंने इस सप्ताह पूर्वी लद्दाख में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में भारत के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया.
कर्नल बाबू, जो 16 बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग ऑफिसर थे, उन 20 बहादुरों में से थे, जो 15 जून की आधी रात को एक चीनी सेना के साथ हुई झड़प में वीरगति को प्राप्त हुए थे. इस झड़प में बिहार रेजिमेंट के 12 सैनिकों को जान गवांनी पड़ी थी.
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