Kausani Tour 2020 | Beautiful Hill Stations | travel blog
कौसानी- उत्तराखण्ड के बाघेश्वर में बसा सुंदर हिल स्टेशन
उत्तराखण्ड राज्य के बाघेश्वर में स्थित कौसानी अपने 300 किलोमीटर में फैली हुई भारत की कुछ चुनिंदा ऊंची चोटियों जैसे कि नंदा देवी और पंचाचुली के ज़बरदस्त नज़ारों की वजह से प्रसिद्ध है। पर्यटकों और ख़ासतौर पर प्रकृति प्रेमियों के लिए किसी सोने की खान से कम नहीं है। इस लेख में पढ़ें कि आप अपनी कौसानी यात्रा को यादगार कैसे बना सकते हैं।
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1 कौसानी का मौसम-Weather of Kausani
2 कैसे पहुंचे- How to reach Kausani in Hindi
3 कौसानी में घूमने लायक जगह-Best Tourist Places in Kausani
4 कहाँ रुकें?- Where To stay in Kausani in Hindi
5 कहाँ खाएं?- Eating spots in Kausani
6 बजट- Budget
7 यात्रा कार्यक्रम- Kausani Itinerary in Hindi
8 कौसानी के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न- Kausani FAQ in Hindi
9 कौसानी एक नज़र में:
कौसानी का मौसम-Weather of Kausani
1. गर्मी में– यहाँ पर ग्रीष्म ऋतु की शुरुआत मार्च के महीने से होती है और यह मई के महीने के आख़िर तक होता है। गर्मी के दिनों में यहाँ का तापमान औसतन 11 से 25 डिग्री सेल्शियस तक होता है।
2. बरसात में– यहाँ पर वर्षा ऋतु जून से शुरू होकर अगस्त के आख़िरी तक रहती है। कौसानी इस मौसम में होने वाली भारी बरसात के लिए भी जाना जाता है। बरसात के मौसम में यहाँ परऔसतन प्रतिवर्ष लगभग 300 से 450 मिलीमीटर की भारी वर्षा होती है।
3. ठंड में– सितम्बर की शुरुआत के साथ ही कौसानी में ठंड का आगमन हो जाता है और यह फ़रवरी के अंत तक रहती है। ठंड के चरम पर यानि दिसम्बर और जनवरी में यहाँ पर बर्फ़बारी भी होती है। ठंड के समय में यहाँ का तापमान -5 डिग्री सेल्शियस तक जा सकता है।
कैसे पहुंचे- How to reach Kausani in Hindi
सड़क मार्ग– कौसानी पहुंचने का सबसे सुलभ और अच्छा मार्ग सड़क मार्ग है। ज़्यादातर पर्यटक कार या बस द्वारा आना पसन्द करते हैं। कौसानी आने के लिए नई दिल्ली से बस या कैब ली जा सकती है। जो लगभग 10 घण्टों में 401 किलोमीटर की दूरी तय कर के आपको Kausani पहुंचाएगी। दिल्ली के अलावा दूसरा विकल्प चंडीगढ़ से है। चंडीगढ़ से सड़क मार्ग द्वारा लगभग 12 घण्टों में 536 किलोमीटर तय कर के Kausani पहुंच सकते हैं।
रेल मार्ग– भारत के प्रमुख रेल स्टेशन से काठगोदाम स्टेशन तक पहुंच सकते हैं। यह नैनीताल के नज़दीक है। यह कौसानी का नज़दीकी रेल स्टेशन है। उत्तराखण्ड की राजधानी देहरादून भी एक अच्छा विकल्प है। रेल मार्ग से इन जगहों तक आ कर आगे की यात्रा बस द्वारा की जा सकती है। काठगोदाम से बस ले कर 4 घण्टे में 136 किलोमीटर तय कर के कौसानी पहुंच सकते हैं।
हवाई मार्ग– कौसानी से नज़दीकी हवाई अड्डा 177 किलोमीटर की दूरी पर पन्त नगर है। नई दिल्ली हवाई अड्डे से पन्त नगर के लिए प्रति सप्ताह 9 हवाई उड़ानें उपलब्ध हैं।
यदि आप कौसानी आने का सोच रहे हों तो आने का सबसे अच्छा समय गर्मी के दिनों में अप्रैल से जून का है।इस वक़्त पर यहाँ का मौसम हल्की ठंडक लिए हुए होता है। और तापमान 9 से 26 ℃ तक होता है जो पर्यटकों को बाक़ी जगहों की अपेक्षा गर्मी से राहत भी देता है।
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कौसानी में घूमने लायक जगह-Best Tourist Places in Kausani
1. अनासक्ति आश्रम ( गांधी आश्रम )
● घूमने में लगने वाला समय- डेढ़ घण्टे
● प्रवेश शुल्क- मुफ़्त
कौसानी स्थित अनासक्ति आश्रम महात्मा गांधी के उस आश्रम के रूप में प्रसिद्ध है जहाँ गांधी जी वर्ष 1929 में रहे थे। महात्मा गांधी कौसानी की प्राकृतिक सुंदरता से इस कदर प्रेम करते थे कि उन्होंने कौसानी को भारत का स्विट्ज़रलैंड तक कहा था।
2. रुद्रधारी झरने और गुफ़ाएँ
● घूमने में लगने वाला समय- 1 घण्टे
प्रवेश शुल्क- मुफ़्त
कौसानी से 12 किलोमीटर की दूरी पर अल्मोड़ा रोड पर और काँटानी गाँव से 2 किलोमीटर अंदर जा कर स्थित रुद्रधारी फॉल्स और गुफ़ाएँ प्राकृतिक सुंदरता और रोमांच का मिला जुला एक ख़ूबसूरत स्थान है। आप यहाँ पर घूमते हुए न सिर्फ़ प्रकृति का आनंद ले सकते हैं बल्कि यहाँ से जुड़े हिन्दू मिथकों के बारे में भी बहुत कुछ जान सकते हैं।
3. बैजनाथ मन्दिर, बाघेश्वर
● घूमने में लगने वाला समय- 1 घण्टे
● कौसानी से दूरी- 36 किलोमीटर
● प्रवेश शुल्क – मुफ़्त
गोमती नदी के किनारे बना बैजनाथ मन्दिर अपनी प्राचीन स्थापत्य कला के लिए मशहूर है। श्रद्धालु यहाँ महाशिवरात्रि के वक़्त ज़रूर आते हैं क्योंकि यह भगवान शिव को समर्पित एक बेहद प्राचीन मंदिर है।
4. सुमित्रानंदन पंत गैलरी
● घूमने में लगने वाला समय- 3 घण्टे
● प्रवेश शुल्क- 10 रुपये प्रति व्यक्ति
हिंदी के प्रख्यात कवि सुमित्रानंदन पंत कौसानी से थे। इस गैलरी में आप इनके द्वारा रचित साहित्यिक कार्यों को हिंदी और अंग्रेजी दोनों ही भाषाओं में देख सकते हैं।
5. एप्रीकॉट और नासपाती के बाग
● घूमने में लगने वाला समय- 1 घण्टे
●प्रवेश शुल्क- मुफ़्त
कौसानी में आप घूमते हुए एप्रिकॉट और नासपाती के बागानों को देख सकते है। Kausani की प्राकृतिक सुंदरता में चार चांद लगाते यह पेड़ बेहद ख़ूबसरत नज़र आते है।
6. चाय बागान
● घूमने में लगने वाला समय- 2 घण्टे
● प्रवेश शुल्क- मुफ़्त
मुख्य शहर से 5 किलोमीटर दूर बाघेश्वर रोड पर स्थित 200 हेक्टेयर में फैला हुआ कौसानी चाय बागान इस छोटी जगह का सबसे बड़ा कारोबार है। यह बागान न सिर्फ अपनी चाय के लिए प्रसिद्ध है बल्कि यदि आप पक्षियों से प्यार करते हैं तो यह बागान आपके लिए स्वर्ग है। यहाँ आप बहुत सी दुर्लभ प्रजाति के पक्षियों को देख सकते हैं।
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1. कौसानी शॉल फैक्ट्री में ख़रीददारी
● समय की जरूरत: 1-2 घंटे
यह शॉल कारखाना स्थानीय लोगों द्वारा कौसानी, उत्तराखंड के लोगों के लिए रोजगार और विकास के अवसरों को बनाने में मदद करने के लिए एक पहल है। यहाँ से शॉल खरीद सकते हैं।
2. नंदा देवी के ऊपर सूर्योदय देखें
● समय की जरूरत: 1-2 घंटे
हिमालय में दूर और मनोरम सूर्योदय देखने के लिए सबसे अच्छे स्थानों में से एक कौसानी में उगते सूर्य की सुंदरता को ज़रूर निहारें।
गर्मियों के महीनों में सूर्योदय: 6: 05- 6:15 बजे
सर्दियों के महीनों में सूर्योदय: 7: 00- 7:10 बजे
3. कौसानी में बर्डवॉचिंग
● समय की जरूरत: 2-3 घंटे
पक्षियों की 50 से अधिक विभिन्न और दुर्लभ प्रजातियों का घर, कौसानी किसी भी पक्षी प्रेमी के लिए जन्नत है। यहां कठफोड़वा, बरबटी, तोता, रॉबिन और फोर्किट जैसे पक्षी बहुतायत में पाए जाते हैं।
4. पिन्नाथ ट्रेक
● समय की ज़रूरत- 5 घण्टे
कौसानी से 5 किलोमीटर ट्रेक कर ने के बाद गोपाल कोट चोटी पर पहुंचते हैं। यहीं पर भैरव नाथ का एक मंदिर है जिसे ट्रेकर्स एक मार्क के तौर पर इस्तेमाल करते हैं। यदि ट्रेकिंग पसंद करते हैं तो यह ट्रेक ज़रूर करें।
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कहाँ रुकें?- Where To stay in Kausani in Hindi
कौसानी में रुकने के किये अच्छे 3 सितारा होटल भी उपलब्ध हैं जहाँ आप रुक सकते हैं। कुछ होटल:
●कौसानी बेस्ट इन
●द बुरांश होटल
●हिमालय दर्शन
कहाँ खाएं?- Eating spots in Kausani
कौसानी में भोजन के लिए कुछ अच्छी जगह हैं:
●योगी रेस्टोरेंट
●वैली रेस्टोरेंट
बजट- Budget
यदि 3 दिन 2 रातों के लिए कौसानी की यात्रा कार के द्वारा की जा रही हो तो रुकने एवं यात्रा का व्यय इस प्रकार हो सकता है।
सेल्फ ड्राइव कार (बेसिक सेडान) – INR 9000 (4 लोगों के लिए)
3/4 सितारा होटल में रहें – (INR प्रति व्यक्ति प्रति रात 2,000) INR 4000 प्रति व्यक्ति
3 बार भोजन प्रतिदिन 2.5 दिनों के लिए – (प्रति दिन 500 व्यक्ति प्रति व्यक्ति) INR 1,250 प्रति व्यक्ति
ख़रीददारी के लिए विविध व्यय (चाय, सेब, खुबानी) INR 600 प्रति व्यक्ति
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यात्रा कार्यक्रम- Kausani Itinerary in Hindi
दिन 1: कौसानी में दर्शनीय स्थल
कौसानी पहुंच कर चेक इन वगैरह करने के पश्चात थोड़ा आराम करें। इसके बाद प्रतिष्ठित गांधी आश्रम (अनासक्ति आश्रम), रुद्रधारी जलप्रपात, सुमित्रानंदन पंत गैलरी और यहाँ के खुबानी खेतों में घूमने के साथ अपने कौसानी टूर पैकेज की शुरुआत करें।
दिन 2: पूरा दिन ट्रेक से पिननाथ तक
नाश्ते के साथ दिन की शुरुआत करें, क्योंकि आपको एक दिन में कार्ब्स के साथ लोड करने की आवश्यकता होगी। जिस दिन आप पिननाथ के सुंदर गांव के लिए 5 किमी तक ट्रेक करेंगे। स्थानीय लोगों को छोड़कर बहुत से लोग कौसानी की इस जगह के बारे में नहीं जानते हैं। शाम को वापस आएँ और एक अलाव के सामने शाम का आनंद लें, जिससे आपके पैरों को बहुत आराम मिलेगा।
दिन 3: बैजनाथ के लिए दिन यात्रा
प्राचीन भगवान शिव मंदिर बैजनाथ, कौसानी के पश्चिम में 37 किमी दूर है। सुबह नाश्ते के बाद यहां के लिए रवाना हों। बाद में, दोपहर के भोजन के बाद वापस आएं और कौसानी के विश्व प्रसिद्ध चाय बागान का अनुभव करें।
Kausani में 3 दिन माँ प्रकृति के साथ बिता कर अच्छा महसूस कर सकते हैं।
कौसानी के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न- Kausani FAQ in Hindi
Q. कौसानी जाने का सबसे अच्छा समय क्या है?
A. इस हिल स्टेशन में गर्मियों के दौरान सबसे अच्छा मौसम होता है। अप्रैल-जून और सितंबर-नवंबर सबसे बेहतर मौसम हैं। इस दौरान मौसम काफी सुहावना रहता है और तापमान 27 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है और न्यूनतम 10 डिग्री के आसपास रहता है।
Q. कौसानी में बर्फ पड़ती है?
A. यहाँ बर्फबारी दिसंबर के करीब शुरू होती है और फरवरी तक रहती है जो इस जगह को हनीमून और कपल्स के लिए रोमांटिक वेकेशन बनाती है। ��स दौरान तापमान 2 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहता है
Q. मैं कौसानी कैसे जा सकता हूं?
A. कौसानी रेलवे और रोडवेज द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। Kausani का निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम है जो 132Kms की दूरी पर स्थित है। वहां से Kausani पहुंचने के लिए बस या टैक्सी लेनी पड़ती है।
Q. कौसानी जाने लायक है?
A. कौसानी एक ऐसा स्थान है जो उन लोगों के लिए आदर्श है जो शहर के जीवन के शोर और प्रदूषण से दूर एक सुकून की छुट्टी चाहते हैं। चारों ओर से हरे-भरे हरियाली से घिरा यह स्थान देखने लायक है।
कौसानी एक नज़र में:
राज्य- उत्तराखण्ड
जिला- बाघेश्वर
मशहूर है- हिल स्टेशन के लिए
भाषा- हिंदी कुमाउनी
सर्वोत्तम समय- अप्रैल से जून, सितम्बर से नवम्बर
मौसम- गर्मी- 15-30 ℃
ठंड- 0-24°C
समुद्रतल से ऊंचाई- 1890 m
पिनकोड: 263639
एसटीडी कोड: 059628
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धर्म का मर्म सावन महा शिवरात्रि []•19, जुलाई 2020 आज महाशिवरात्रि•[] श्रवन मास में इस शिवरात्रि का विशेष महत्व माना गया है, सावन मास में शिव की पूजा करने से बाधाएं समाप्त होती है और जीवन में सुख समृद्धि आती है। सनातन धर्म कि मान्यता है कि चातुर्मास में भगवान शिव पृथ्वी का भ्रमण करते हैं और अपने भक्तों की खबर लेते हैं, उनके कष्टों को दूर करते हैं और अपना आर्शीवाद प्रदान करते हैं, इसलिए सावन में पड़ने वाले सोमवार पर भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है। शिवरात्रि का महत्व:- सावन शिवरात्रि के व्रत का बहुत अधिक महत्व होता है, इस दिन व्रत रखने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है, सावन शिवरात्रि के दिन व्रत रखने से क्रोध, ईष्र्या, अभिमान और लोभ से मुक्ति मिलती है। सनातन धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन शिवरात्रि का व्रत कुंवारी कन्याओं के लिए श्रेष्ठ माना गया है, यह व्रत करने से उन्हें मनचाहा वर प्राप्त होता है, वहीं जिन कन्याओं के विवाह में समस्याएं आ रही हैं उन्हें सावन शिवरात्रि का व्रत करना चाहिए। सावन शिवरात्रि का पूजा मुहूर्त:- चतुर्दशी तिथि प्रारंभ - 19 जुलाई को रात्रि 12 बजकर 41 मिनट से, चतुर्दशी तिथि समाप्त - 20 जुलाई को रात 12 बजकर 10 मिनट तक। पारण का समय- 20 जुलाई सुबह 5 बजकर 36 मिनट पर शिवरात्रि: चार प्रहार पूजा समय: इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है, शिव रात्रि के दिन चारों प्रहर में पूजा की जाती है, जो इस प्रकार हैं: √19 जुलाई- रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय: 07:19 PM से 09:53 PM, √19 जुलाई- रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय: 09:53 PM से 12:28 AM, √20 जुलाई- रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय: 12:28 AM से 03:02 AM, 20 जुलाई- रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय: 03:02 AM से 05:36 AM, महाशिवरात्रि की पूजन विधि महाशिवरात्रि के दिन सुबह-सवेरे उठकर स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और व्रत का संकल्प लें, इसके बाद शिव मंदिर जाएं या घर के मंदिर में ही शिवलिंग पर जल चढ़ाएं, जल चढ़ाने के लिए सबसे पहले तांबे के एक लोटे में गंगाजल लें, अगर ज्यादा गंगाजल न हो तो सादे पानी में गंगाजल की कुछ बूंदें मिलाएं, अब लोटे में चावल और सफेद चंदन मिलाएं और "ऊं नम: शिवाय" बोलते हुए शिवलिंग पर जल चढ़ाएं। जल चढ़ाने के बाद चावल, बेलपत्र, सुगंधित पुष्प, धतूरा, भां��, गाय का कच्चा दूध, गन्ने का रस, दही, शुद्ध देसी घी, शहद, पंच फल, पंच मेवा, पंच रस, इत्र, मौली, जनेऊ और पंच मिष्ठान एक-एक कर चढ़ाएं, साथ में माता पार्वती जी का श्रृंगार सहित पूजन करें, शिव को गेहूं से बनी चीजें अर्प https://www.instagram.com/p/CCziRlLHrov/?igshid=uru2gxcoq4r7
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