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#महाशिवरात्रि 2020
hindidailynews2020 · 4 years
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Mahashivratri 2020 : एग्जाम में आने वाली दिक्कतें होंगी दूर, भगवान शिव की ऐसे करें पूजा
Mahashivratri 2020 : एग्जाम में आने वाली दिक्कतें होंगी दूर, भगवान शिव की ऐसे करें पूजा
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बोर्ड एग्जाम शुरू हो चुके हैं. कई छात्रों को पढ़ाई को लेकर कुछ दिक्कतें भी आ रही है. इन दिक्कतों को दूर किया जा सकता है. महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर भगवान शिव की पूजा करने से आने वाले दिक्कतों को कम किया जा सकता है और अच्छे परिणाम प्राप्त होते हैं.
By : एबीपी न्यूज़ | 20 Feb 2020 10:00 PM (IST)
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Mahashivratri 2020 :महाशिवरात्रि का पर्व परीक्षा…
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lightdoctors · 4 years
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Be blessed with the light of Shiva.
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bollywoodmixtape · 4 years
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Shiva Bhajan : Saare Gaon Se Doodh Mangakar Music Director: Arun Paudwal, Lyrics: Prof. J.k. Setpal Singer: Anuradha Paudwal -- महाशिवरात्रि 2020, सारे गाँव से दूध मँगाकर Saare Gaon Se Doodh, ANURADHA PAUDWAL, Full HD Video Song (via T-series Bhakti Sagar)
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news4views · 4 years
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महाशिवरात्रि पर 117 साल बाद बनेगा ग्रहों का ऐसा दुर्लभ योग, जानिए कैसे मिलेगी मुक्ति
महाशिवरात्रि पर 117 साल बाद बनेगा ग्रहों का ऐसा दुर्लभ योग, जानिए कैसे मिलेगी मुक्ति
आपको बता दें कि इससे पहले ऐसी स्थिति साल 1903 में महाशिवरात्रि के दिन बनी थी.
नई दिल्ली: इस साल की महाशिवरात्रि (Mahashivratri) बहुत ही विशेष रहने वाली है क्योंकि इस बार महाशिवरात्रि के दिन पूरे 117 सालों के बाद एक बार फिर शुक्र और शनि ग्रह का एक बहुत ही दुर्लभ योग बनने जा रहा है. महाशिवरात्रि के दिन शनि ग्रह अपनी राशि मकर में रहेगा और वहीं शुक्र ग्रह अपने से उच्च राशि मीन में रहेगा. आपको बता दें…
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newsreadersin · 4 years
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Kashi Mahakal Express: India's first train where Lord Shiva will travel with devotees
Kashi Mahakal Express: India’s first train where Lord Shiva will travel with devotees
Railway administration has also reserved a seat of the Lord Bholenath in ‘Kashi Mahakal Express Train’ running between two states from UP’s Varanasi to MP’s Indore. This train will travel to three Jyotirlingas of two states. Prime Minister Narendra Modi has already flagged it off on Sunday.
Kashi Mahakal Express has many special features but the most interesting thing is seat no. 64 reserved for…
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everynewsnow · 3 years
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महाशिवरात्रि 2021: महाशिवरात्रि पर ना खाएंगे
महाशिवरात्रि 2021: महाशिवरात्रि पर ना खाएंगे
भगवान शिव जितनी जल्दी प्रसन्न होते हैं, उतनी ही जल्दी नाराज भी जल्दी हो जाते हैं।इसलिए शिवरात्रि के दिन और पूजा में कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना आवश्यक है। नई दिल्ली। देशभर में आज (21 फरवरी 2020) महाशिवरात्रि का त्यौहार मनाया जा रहा है। हर साल फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह…
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amardwivedisworld · 3 years
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21/02/2020 महाशिवरात्रि
गरोठ, मन्दसौर
#mahashivratri #mahashivratri2020 #garoth #mandsaur #MadhyaPradesh #bharat #memmory
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dewans · 3 years
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|| आज का पंचांग || Aaj Ka Panchang - 11 March 2021, Thursday ( गुरुवार ) || देवांश पंचांग ||  Dewans Panchang || By - Dr Dadhichy - डॉ० दधीचि
आज का ज्ञान :-  अभिमान न हो पाकर लौकिक पद प्रतिष्ठा  ।  क्षण भर का चमक दमक पुनः रहे  मानवता ।।
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11 मार्च 2020, गुरुवार
तिथि:- त्रयोदशी , दिन  02 : 32 तक
पक्ष:- कृष्ण
मास:- फाल्गुन
सूर्योदय:- 6:08
सूर्यास्त:- 5:52
काल:- दक्षिण
महाशिवरात्रि व्रत , प्रदोष चतुर्दशी व्रत,  नक्तव्रत
नक्षत्र:-धनिष्ठा रात  09 : 40 उपरान्त  शतभिषा
योग:- शिव
करण:- वणिज
दिक्शूल:- दक्षिण
अर्द्धपहरा:- दिवा 7,8 रात्रि 5, 8
WhatsApp पर देवांश दैनिक पंचांग प्राप्त करने हेतु इस ग्रुप में जुड़ें और जोड़ें | ॐ || Invite Link:- https://chat.whatsapp.com/Eebfo76NqasGCQ9M08iE8t
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hindidailynews2020 · 4 years
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महाशिवरात्रि के खास मौके पर अपने करीबियों को ये मैसेज और तस्वीरें भेजकर दें शुभकामनाएं
महाशिवरात्रि के खास मौके पर अपने करीबियों को ये मैसेज और तस्वीरें भेजकर दें शुभकामनाएं
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Maha shivratri 2020
शिवपुराण के अनुसार फाल्गुन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भगवान शिव को अत्यंत ही प्रिय महाशिवरात्रि का व्रत किया जाता है। महाशिवरात्रि को लेकर कई मान्यताएं चली आ रही हैं। इनमें से एक है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। गरुड़ पुराण, स्कन्द पुराण, पद्मपुराण और अग्निपुराण आदि में भी शिवरात्रि का वर्णन मिलता है। कहते हैं शिवरात्रि के दिन जो व्यक्ति…
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zubaanhindi-blog · 4 years
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Kausani Tour 2020 | Beautiful Hill Stations | travel blog
कौसानी- उत्तराखण्ड के बाघेश्वर में बसा सुंदर हिल स्टेशन
उत्तराखण्ड राज्य के बाघेश्वर में स्थित कौसानी अपने 300 किलोमीटर में फैली हुई भारत की कुछ चुनिंदा ऊंची चोटियों जैसे कि नंदा देवी और पंचाचुली के ज़बरदस्त नज़ारों की वजह से प्रसिद्ध है। पर्यटकों और ख़ासतौर पर प्रकृति प्रेमियों के लिए किसी सोने की खान से कम नहीं है। इस लेख में पढ़ें कि आप अपनी कौसानी यात्रा को यादगार कैसे बना सकते हैं।
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1 कौसानी का मौसम-Weather of Kausani
2 कैसे पहुंचे- How to reach Kausani in Hindi
3 कौसानी में घूमने लायक जगह-Best Tourist Places in Kausani
4 कहाँ रुकें?- Where To stay in Kausani in Hindi
5 कहाँ खाएं?- Eating spots in Kausani
6 बजट- Budget
7 यात्रा कार्यक्रम- Kausani Itinerary in Hindi
8 कौसानी के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न- Kausani FAQ in Hindi
9 कौसानी एक नज़र में:
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कौसानी का मौसम-Weather of Kausani
1. गर्मी में– यहाँ पर ग्रीष्म ऋतु की शुरुआत मार्च के महीने से होती है और यह मई के महीने के आख़िर तक होता है। गर्मी के दिनों में यहाँ का तापमान औसतन 11 से 25 डिग्री सेल्शियस तक होता है।
2. बरसात में– यहाँ पर वर्षा ऋतु जून से शुरू होकर अगस्त के आख़िरी तक रहती है। कौसानी इस मौसम में होने वाली भारी बरसात के लिए भी जाना जाता है। बरसात के मौसम में यहाँ परऔसतन प्रतिवर्ष लगभग 300 से 450 मिलीमीटर की भारी वर्षा होती है।
3. ठंड में– सितम्बर की शुरुआत के साथ ही कौसानी में ठंड का आगमन हो जाता है और यह फ़रवरी के अंत तक रहती है। ठंड के चरम पर यानि दिसम्बर और जनवरी में यहाँ पर बर्फ़बारी भी होती है। ठंड के समय में यहाँ का तापमान -5 डिग्री सेल्शियस तक जा सकता है।
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कैसे पहुंचे- How to reach Kausani in Hindi
सड़क मार्ग–  कौसानी पहुंचने का सबसे सुलभ और अच्छा मार्ग सड़क मार्ग है। ज़्यादातर पर्यटक कार या बस द्वारा आना पसन्द करते हैं। कौसानी आने के लिए नई दिल्ली से बस या कैब ली जा सकती है। जो लगभग 10 घण्टों में 401 किलोमीटर की दूरी तय कर के आपको Kausani पहुंचाएगी। दिल्ली के अलावा दूसरा विकल्प चंडीगढ़ से है। चंडीगढ़ से सड़क मार्ग द्वारा लगभग 12 घण्टों में 536 किलोमीटर तय कर के Kausani पहुंच सकते हैं।
रेल मार्ग– भारत के प्रमुख रेल स्टेशन से काठगोदाम स्टेशन तक पहुंच सकते हैं। यह नैनीताल के नज़दीक है। यह कौसानी का नज़दीकी रेल स्टेशन है। उत्तराखण्ड की राजधानी देहरादून भी एक अच्छा विकल्प है। रेल मार्ग से इन जगहों तक आ कर आगे की यात्रा बस द्वारा की जा सकती है। काठगोदाम से बस ले कर 4 घण्टे में 136 किलोमीटर तय कर के कौसानी पहुंच सकते हैं।
हवाई मार्ग– कौसानी से नज़दीकी हवाई अड्डा 177 किलोमीटर की दूरी पर पन्त नगर है। नई दिल्ली हवाई अड्डे से पन्त नगर के लिए प्रति सप्ताह 9 हवाई उड़ानें उपलब्ध हैं।
यदि आप कौसानी आने का सोच रहे हों तो आने का सबसे अच्छा समय गर्मी के दिनों में अप्रैल से जून का है।इस वक़्त पर यहाँ का मौसम हल्की ठंडक लिए हुए होता है। और तापमान 9 से 26 ℃ तक होता है जो पर्यटकों को बाक़ी जगहों की अपेक्षा गर्मी से राहत भी देता है।
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कौसानी में घूमने लायक जगह-Best Tourist Places in Kausani
1. अनासक्ति आश्रम ( गांधी आश्रम )
● घूमने में लगने वाला समय- डेढ़ घण्टे
● प्रवेश शुल्क- मुफ़्त कौसानी स्थित अनासक्ति आश्रम महात्मा गांधी के उस आश्रम के रूप में प्रसिद्ध है जहाँ गांधी जी वर्ष 1929 में रहे थे। महात्मा गांधी कौसानी की प्राकृतिक सुंदरता से इस कदर प्रेम करते थे कि उन्होंने कौसानी को भारत का स्विट्ज़रलैंड तक कहा था।
2. रुद्रधारी झरने और गुफ़ाएँ
● घूमने में लगने वाला समय- 1 घण्टे
प्रवेश शुल्क- मुफ़्त कौसानी से 12 किलोमीटर की दूरी पर अल्मोड़ा रोड पर और काँटानी गाँव से 2 किलोमीटर अंदर जा कर स्थित रुद्रधारी फॉल्स और गुफ़ाएँ प्राकृतिक सुंदरता और रोमांच का मिला जुला एक ख़ूबसूरत स्थान है। आप यहाँ पर घूमते हुए न सिर्फ़ प्रकृति का आनंद ले सकते हैं बल्कि यहाँ से जुड़े हिन्दू मिथकों के बारे में भी बहुत कुछ जान सकते हैं।
3. बैजनाथ मन्दिर, बाघेश्वर
● घूमने में लगने वाला समय- 1 घण्टे
● कौसानी से दूरी- 36 किलोमीटर
● प्रवेश शुल्क – मुफ़्त गोमती नदी के किनारे बना बैजनाथ मन्दिर अपनी प्राचीन स्थापत्य कला के लिए मशहूर है। श्रद्धालु यहाँ महाशिवरात्रि के वक़्त ज़रूर आते हैं क्योंकि यह भगवान शिव को समर्पित एक बेहद प्राचीन मंदिर है।
4. सुमित्रानंदन पंत गैलरी
● घूमने में लगने वाला समय- 3 घण्टे
● प्रवेश शुल्क- 10 रुपये प्रति व्यक्ति हिंदी के प्रख्यात कवि सुमित्रानंदन पंत कौसानी से थे। इस गैलरी में आप इनके द्वारा रचित साहित्यिक कार्यों को हिंदी और अंग्रेजी दोनों ही भाषाओं में देख सकते हैं।
5. एप्रीकॉट और नासपाती के बाग
● घूमने में लगने वाला समय- 1 घण्टे
●प्रवेश शुल्क- मुफ़्त कौसानी में आप घूमते हुए एप्रिकॉट और नासपाती के बागानों को देख सकते है। Kausani की प्राकृतिक सुंदरता में चार चांद लगाते यह पेड़ बेहद ख़ूबसरत नज़र आते है।
6. चाय बागान
● घूमने में लगने वाला समय- 2 घण्टे
● प्रवेश शुल्क- मुफ़्त मुख्य शहर से 5 किलोमीटर दूर बाघेश्वर रोड पर स्थित 200 हेक्टेयर में फैला हुआ कौसानी चाय बागान इस छोटी जगह का सबसे बड़ा कारोबार है। यह बागान न सिर्फ अपनी चाय के लिए प्रसिद्ध है बल्कि यदि आप पक्षियों से प्यार करते हैं तो यह बागान आपके लिए स्वर्ग है। यहाँ आप बहुत सी दुर्लभ प्रजाति के पक्षियों को देख सकते हैं।
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1. कौसानी शॉल फैक्ट्री में ख़रीददारी
● समय की जरूरत: 1-2 घंटे
यह शॉल कारखाना स्थानीय लोगों द्वारा कौसानी, उत्तराखंड के लोगों के लिए रोजगार और विकास के अवसरों को बनाने में मदद करने के लिए एक पहल है। यहाँ से शॉल खरीद सकते हैं।
2. नंदा देवी के ऊपर सूर्योदय देखें
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● समय की जरूरत: 1-2 घंटे
हिमालय में दूर और मनोरम सूर्योदय देखने के लिए सबसे अच्छे स्थानों में से एक कौसानी में उगते सूर्य की सुंदरता को ज़रूर निहारें।
गर्मियों के महीनों में सूर्योदय: 6: 05- 6:15 बजे
सर्दियों के महीनों में सूर्योदय: 7: 00- 7:10 बजे
3. कौसानी में बर्डवॉचिंग
● समय की जरूरत: 2-3 घंटे
पक्षियों की 50 से अधिक विभिन्न और दुर्लभ प्रजातियों का घर, कौसानी किसी भी पक्षी प्रेमी के लिए जन्नत है। यहां कठफोड़वा, बरबटी, तोता, रॉबिन और फोर्किट जैसे पक्षी बहुतायत में पाए जाते हैं।
4. पिन्नाथ ट्रेक
● समय की ज़रूरत- 5 घण्टे
कौसानी से 5 किलोमीटर ट्रेक कर ने के बाद गोपाल कोट चोटी पर पहुंचते हैं। यहीं पर भैरव नाथ का एक मंदिर है जिसे ट्रेकर्स एक मार्क के तौर पर इस्तेमाल करते हैं। यदि ट्रेकिंग पसंद करते हैं तो यह ट्रेक ज़रूर करें।
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कहाँ रुकें?- Where To stay in Kausani in Hindi
कौसानी में रुकने के किये अच्छे 3 सितारा होटल भी उपलब्ध हैं जहाँ आप रुक सकते हैं। कुछ होटल:
●कौसानी बेस्ट इन
●द बुरांश होटल
●हिमालय दर्शन
कहाँ खाएं?- Eating spots in Kausani
कौसानी में भोजन के लिए कुछ अच्छी जगह हैं:
●योगी रेस्टोरेंट
●वैली रेस्टोरेंट
बजट- Budget
यदि 3 दिन 2 रातों के लिए कौसानी की यात्रा कार के द्वारा की जा रही हो तो रुकने एवं यात्रा का व्यय इस प्रकार हो सकता है।
सेल्फ ड्राइव कार (बेसिक सेडान) – INR 9000 (4 लोगों के लिए)
3/4 सितारा होटल में रहें – (INR प्रति व्यक्ति प्रति रात 2,000) INR 4000 प्रति व्यक्ति
3 बार भोजन प्रतिदिन 2.5 दिनों के लिए – (प्रति दिन 500 व्यक्ति प्रति व्यक्ति) INR 1,250 प्रति व्यक्ति
ख़रीददारी के लिए विविध व्यय (चाय, सेब, खुबानी) INR 600 प्रति व्यक्ति
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यात्रा कार्यक्रम- Kausani  Itinerary in Hindi
दिन 1: कौसानी में दर्शनीय स्थल कौसानी पहुंच कर चेक इन वगैरह करने के पश्चात थोड़ा आराम करें। इसके बाद प्रतिष्ठित गांधी आश्रम (अनासक्ति आश्रम), रुद्रधारी जलप्रपात, सुमित्रानंदन पंत गैलरी और यहाँ के खुबानी खेतों में घूमने के साथ अपने कौसानी टूर पैकेज की शुरुआत करें।
दिन 2: पूरा दिन ट्रेक से पिननाथ तक नाश्ते के साथ दिन की शुरुआत करें, क्योंकि आपको एक दिन में कार्ब्स के साथ लोड करने की आवश्यकता होगी। जिस दिन आप पिननाथ के सुंदर गांव के लिए 5 किमी तक ट्रेक करेंगे। स्थानीय लोगों को छोड़कर बहुत से लोग कौसानी की इस जगह के बारे में नहीं जानते हैं। शाम को वापस आएँ और एक अलाव के सामने शाम का आनंद लें, जिससे आपके पैरों को बहुत आराम मिलेगा।
दिन 3: बैजनाथ के लिए दिन यात्रा प्राचीन भगवान शिव मंदिर बैजनाथ, कौसानी के पश्चिम में 37 किमी दूर है। सुबह नाश्ते के बाद यहां के लिए रवाना हों। बाद में, दोपहर के भोजन के बाद वापस आएं और कौसानी के विश्व प्रसिद्ध चाय बागान का अनुभव करें।
Kausani में 3 दिन माँ प्रकृति के साथ बिता कर अच्छा महसूस कर सकते हैं।
कौसानी के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न- Kausani FAQ in Hindi
Q. कौसानी जाने का सबसे अच्छा समय क्या है? A. इस हिल स्टेशन में गर्मियों के दौरान सबसे अच्छा मौसम होता है। अप्रैल-जून और सितंबर-नवंबर सबसे बेहतर मौसम हैं।  इस दौरान मौसम काफी सुहावना रहता है और तापमान 27 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है और न्यूनतम 10 डिग्री के आसपास रहता है।
Q. कौसानी में बर्फ पड़ती है? A. यहाँ बर्फबारी दिसंबर के करीब शुरू होती है और फरवरी तक रहती है जो इस जगह को हनीमून और कपल्स के लिए रोमांटिक वेकेशन बनाती है। ��स दौरान तापमान 2 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहता है
Q. मैं कौसानी कैसे जा सकता हूं? A. कौसानी रेलवे और रोडवेज द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। Kausani का निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम है जो 132Kms की दूरी पर स्थित है। वहां से Kausani पहुंचने के लिए बस या टैक्सी लेनी पड़ती है।
Q. कौसानी जाने लायक है? A. कौसानी एक ऐसा स्थान है जो उन लोगों के लिए आदर्श है जो शहर के जीवन के शोर और प्रदूषण से दूर एक सुकून की छुट्टी चाहते हैं। चारों ओर से हरे-भरे हरियाली से घिरा यह स्थान देखने लायक है।
कौसानी एक नज़र में:
राज्य- उत्तराखण्ड
जिला- बाघेश्वर
मशहूर है- हिल स्टेशन के लिए
भाषा- हिंदी कुमाउनी
सर्वोत्तम समय- अप्रैल से जून, सितम्बर से नवम्बर
मौसम- गर्मी- 15-30 ℃
ठंड- 0-24°C
समुद्रतल से ऊंचाई- 1890 m
पिनकोड: 263639
एसटीडी कोड: 059628
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bollywoodmixtape · 4 years
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Shiv Bhajan : Chalo Bhole Baba Ke Dware Music Director: Surinder Kohli, Shekhar Sen, Durga Prasad Lyrics: Nandlal Pathak, Aashish Chandra, Suraj Ujjaini Singer: Anuradha Paudwal -- महाशिवरात्रि 2020 Special I इस भजन में शिवरात्रि की कहानी है, Chalo Bhole Baba Ke Dware I Anuradha (via T-series Bhakti Sagar)
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महाशिवरात्रि 2020: हरिद्वार में धारा 144 लागू, फिर भी भाजपा नेताओं के लिए खोले मंदिर के द्वार हरिद्वार में लॉकडाउन के चलते महाशिवरात्रि पर शिवालयों में जल चढ़ाने पर प्रतिबंध के बाद भी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत, कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक के साथ कनखल स्थित दक्ष मंदिर पहुंचे और पूजा अर्चना की। Source link
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jyotishseva1 · 4 years
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धर्म का मर्म सावन महा शिवरात्रि []•19, जुलाई 2020 आज महाशिवरात्रि•[] श्रवन मास में इस शिवरात्रि का विशेष महत्व माना गया है, सावन मास में शिव की पूजा करने से बाधाएं समाप्त होती है और जीवन में सुख समृद्धि आती है। सनातन धर्म कि मान्यता है कि चातुर्मास में भगवान शिव पृथ्वी का भ्रमण करते हैं और अपने भक्तों की खबर लेते हैं, उनके कष्टों को दूर करते हैं और अपना आर्शीवाद प्रदान करते हैं, इसलिए सावन में पड़ने वाले सोमवार पर भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है। शिवरात्रि का महत्व:- सावन शिवरात्रि के व्रत का बहुत अधिक महत्व होता है, इस दिन व्रत रखने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है, सावन शिवरात्रि के दिन व्रत रखने से क्रोध, ईष्र्या, अभिमान और लोभ से मुक्ति मिलती है। सनातन धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन शिवरात्रि का व्रत कुंवारी कन्याओं के लिए श्रेष्ठ माना गया है, यह व्रत करने से उन्हें मनचाहा वर प्राप्त होता है, वहीं जिन कन्याओं के विवाह में समस्याएं आ रही हैं उन्हें सावन शिवरात्रि का व्रत करना चाहिए। सावन शिवरात्रि का पूजा मुहूर्त:- चतुर्दशी तिथि प्रारंभ - 19 जुलाई को रात्रि 12 बजकर 41 मिनट से, चतुर्दशी तिथि समाप्त - 20 जुलाई को रात 12 बजकर 10 मिनट तक। पारण का समय- 20 जुलाई सुबह 5 बजकर 36 मिनट पर शिवरात्रि: चार प्रहार पूजा समय: इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है, शिव रात्रि के दिन चारों प्रहर में पूजा की जाती है, जो इस प्रकार हैं: √19 जुलाई- रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय: 07:19 PM से 09:53 PM, √19 जुलाई- रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय: 09:53 PM से 12:28 AM, √20 जुलाई- रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय: 12:28 AM से 03:02 AM, 20 जुलाई- रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय: 03:02 AM से 05:36 AM, महाशिवरात्रि की पूजन विधि महाशिवरात्रि के दिन सुबह-सवेरे उठकर स्‍नान कर स्‍वच्‍छ वस्‍त्र धारण करें और व्रत का संकल्‍प लें, इसके बाद शिव मंदिर जाएं या घर के मंदिर में ही शिवलिंग पर जल चढ़ाएं, जल चढ़ाने के लिए सबसे पहले तांबे के एक लोटे में गंगाजल लें, अगर ज्‍यादा गंगाजल न हो तो सादे पानी में गंगाजल की कुछ बूंदें मिलाएं, अब लोटे में चावल और सफेद चंदन मिलाएं और "ऊं नम: शिवाय" बोलते हुए शिवलिंग पर जल चढ़ाएं। जल चढ़ाने के बाद चावल, बेलपत्र, सुगंधित पुष्‍प, धतूरा, भां��, गाय का कच्‍चा दूध, गन्‍ने का रस, दही, शुद्ध देसी घी, शहद, पंच फल, पंच मेवा, पंच रस, इत्र, मौली, जनेऊ और पंच मिष्‍ठान एक-एक कर चढ़ाएं, साथ में माता पार्वती जी का श्रृंगार सहित पूजन करें, शिव को गेहूं से बनी चीजें अर्प https://www.instagram.com/p/CCziRlLHrov/?igshid=uru2gxcoq4r7
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onlyhindinewstoday · 4 years
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Sawan Shivratri 2020 date time shubh muhurat jalabhishek and significance: Sawan Shivratri 2020: जानिए कब है सावन की शिवरात्रि, साथ ही जानिए महत्व और शुभ मुहूर्त
Sawan Shivratri 2020 date time shubh muhurat jalabhishek and significance: Sawan Shivratri 2020: जानिए कब है सावन की शिवरात्रि, साथ ही जानिए महत्व और शुभ मुहूर्त
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Image Source : INSTAGRAM/SHIVANISINGH सावन शिवरात्रि
श्रावण कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को सावन की शिवरात्रि मनाई जाती हैं। आपको बता दें कि वैसे तो हर महीने को मास शिवरात्रि का व्रत रखकर भोले बाबा की पूजा अर्चना की जाती है। लेकिन इसके अलावा सावन की शिवरात्रि और फाल्गुन मास में पड़ने वाली महाशिवरात्रि का विशेष महत्व है। सावन शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की विधि विधान से पूजा…
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dainikviral · 4 years
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Maha Shivaratri 2020: महाशिवरात्रि के मौके पर इन 3 मंदिरों के जरूर करें दर्शन, पूरी होगी हर मनोकामना
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हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है महाशिवरात्रि. इस दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना की जाती है. फाल्गुन के महीने की शिवरात्रि को महाशिवरात्रि कहा जाता है. महाशिवरात्रि के दिन लोग व्रत रखते हैं और पूरे विधि विधान से भगवान शिव की पूजा करते हैं. इस साल महाशिवरात्रि का पर्व 21 फरवरी 2020 (शुक्रवार) को मनाया जाएगा.
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