मदरसे में चल रही थी नकली नोट छापने की फैक्ट्री, मौलवी समेत चार लोग गिरफ्तार; बाजार में खपा चुके है लाखों के नोट
Uttar Pradesh News: यूपी पुलिस ने नकली नोट बनाने वाली फैक्ट्री पकड़ी है। नकली नोट बनाए जाने का खेल मदरसे में हो रहा था। इसी मदरसे से नकली करेंस बनाए जाने की फैक्ट्री को संचालित किया जा रहा था। इस काम में मदरसे का मौलवी भी शामिल था। पुलिस ने छापा मारकर मौलवी समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसके बाद पुलिस ने मौके से नकली नोट बनाए जाने की सामग्री भी पकड़ी है।
पूरा मामला प्रयागराज जिले का है।…
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योगी के यूपी में अंतिम सांस ले रहे मदरसे
योगी के यूपी में अंतिम सांस ले रहे मदरसे
‘धर्मनिरपेक्षता’ की मूल परिकल्पना राज्य को धार्मिक संस्थाओं से अलग करने की वकालत करती है। हालांकि, छद्म धर्मनिरपेक्षतावादी शासनों ने अपने संभावित वोट बैंकों के लाभ के लिए धर्मनिरपेक्षता के आदर्शों को चुना है। जिससे विनम्र करदाता की कड़ी आलोचना को जन्म देना जिसका पैसा धार्मिक लक्ष्यों और विचारधाराओं के प्रचार के लिए उपयोग किया जाता है।
भारत में वर्तमान शासन करदाताओं के बढ़ते आक्रोश के प्रति काफी…
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भारत नेपाल सीमा की नो मेंस लैंड पर खड़े हो गए कई अवैध मदरसे, बस गईं नई बस्तियां, देखिए ये खास रिपोर्ट
श्रावस्ती: यूपी में मदरसों के सर्वे के बीच श्रावस्ती से चौकाने वाली खबर सामने आयी है। भारत-नेपाल की खुली सीमा से श्रावस्ती जिले का 62 किलोमीटर लंबा क्षेत्रफल सटा हुआ है। सीमा के दोनों ओर बीते पांच सालों में मस्जिद, मदरसे और बस्तियों की बाढ़ सी आ गई है। इस सीमा पर नो मेंस लैंड पर भी बस्तियां बस चुकी हैं। यहां के मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र भरथा, रोशन गढ़, ककरदरी जैसे कई गांव हैं, जहां नो मेंस लैंड पर मदरसे संचालित हैं। इन मदरसों के गेट तो भारत में खुलते है, लेकिन खिड़कियां भारत-नेपाल के नो मेंस लैंड में खुलती हैं।
यहां पर कुछ ऐसे मदरसे भी हैं, जहां कुछ बच्चे नेपाल से भी आकर दीनी तालीम लेते हैं। क्योंकि यहां पर किसी प्रकार की कोई रोक-टोक नहीं है। ऐसे में यहां एक कदम में भारत तो एक कदम में नेपाल में बड़ी आसानी से आ जा सकते हैं। अगर देखा जाए तो यहां के ज्यादातर मदरसे गैर मान्यता प्राप्त हैं। यहां के मुस्लिम समुदाय के लोग खुद पैसे जमा करके मौलवियों को तनखा देते हैं, और अपने बच्चों को दीनी तालीम दिलवाते हैं।
नो मेंस लैंड में खुले हैं कई मदरसे
इसी सिलसिले में आज नवभारत टाइम्स की टीम पर बसे गांव ककरदरी पहुंची। ककरदरी गांव पहुंचकर हम यहां के मदरसा दारुल उलूम गुलशने रजा पहुचें जो नो मेंस लैंड से सटा हुआ मदरसा है। इसका मेन गेट नो मेंस लैंड के पिलर नंबर 12/640 में खुलता है। यहां पर 80 से ज्यादा बच्चे दीनी तालीम हासिल करते हैं। इन बच्चों को कुरान, अरबी, उर्दू तालीम दी जाती है। लेकिन यहां के मौलवी नफीस बताते हैं कि हम बच्चों को हिंदी इंग्लिश की भी तालीम देते हैं। जबकि एक मौलवी 80 बच्चों को हर सब्जेक्ट की तालीम कैसे दे सकता है। ऐसे में जब हमने बच्चों से बात की तो उनके पास ना हिंदी की किताब नजर आई ना अंग्रेजी की, सिर्फ दीनी तालीम देने वाली उर्दू और अरबी की किताबें दिखाई दीं।
नेपाल के मदरसों में भी तालीम ले रहे यहां के बच्चे
लोगों से बात करते हुए जानकारी हुई कि यहां के कुछ बच्चे नेपाल के मदरसों में जाकर भी शिक्षा ले रहे हैं। मदरसा दारुल उलूम गुलशने रजा में कुछ दिन पहले तक नेपाल के एक मौलवी के द्वारा संचालन किया जा रहा था। अब वह मौलवी फिर नेपाल में जाकर लोगों को दीनी तालीम दे रहा है। गांव के ही लोग मौलवी को अपने पास से तनख्वाह देते हैं।
यहां पर कोई सरकारी मदद नहीं है। मौलवी नफीस बताते हैं कि 20 साल पहले ही इस मदरसे का रजिस्ट्रेशन कराया गया था। जब कागज मांगा गया तो वह रजिस्ट्रेशन का कोई कागजात न दिखा सके। यहां तक कि मौलवी साहब को यह भी नहीं पता कि मान्यता कहां से कराई जाती है। अब बड़ा सवाल ये है कि आखिर मदरसों में पढ़ने वाले इन बच्चों का मुस्तकबिल क्या होगा।
गायब कर दिए शिलापट
ककरदरी, रोशनगढ़, तुरम्मा, असनहरिया और कुंडवा जैसे कई गांव में नो मेंस लैंड पर बस्ती बनने का नजारा साफ नजर आता है। जैसे-जैसे बस्तियां बंटती जा रही हैं, दोनों देशों को अलग करने वाले शिलापट भी गायब होते जा रहे हैं। सिर्फ दो साल में ही चार फुट ऊंचा शिलापट महज नौ इंच बचा है। पूरे इलाके को पाटकर सघन आबादी बस गई है। वर्ष 2020 तक यहां झुग्गी झोपड़ियां थीं, आज पक्के मकान बन गए हैं। यहां मस्जिद के साथ-साथ 22 से अधिक मदरसे बन चुके हैं। एक मदरसे की मान्यता का भी दावा किया जा रहा है। अल्पसंख्यक समुदाय के इन लोगों के पास नेपाल की नागरिकता है तो भारत का आधार कार्ड भी ये दोनों देशों में बेखौफ घूमते हैं।
क्या बोले अधिकारी
इस मामले पर जब हमने जिला अल्पसंख्यक अधिकारी देवेंद्र राम से बात की तो उन्होंने कहा कि श्रावस्ती के अलावा प्रदेश भर में मदरसों की जांच कराई गई है। सब की रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है, जो भी कार्रवाई होगी शासन के द्वारा तय की जाएगी।
रिपोर्ट-आलोक मिश्रा http://dlvr.it/Sc5vm9
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यूपी के मदरसा में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के लिए खुशखबरी, अब हाईटेक तरीके से होगी उनकी पढ़ाई
यूपी के मदरसा में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के लिए खुशखबरी, अब हाईटेक तरीके से होगी उनकी पढ़ाई
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UP News
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मदरसा के बच्चों के लिए मोबाइल ऐप किया गया लॉन्च
अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्मपाल सिंह ने किया लोकार्पण
मजदूर के बेटे भी हुजूर बनेंगे: अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री
UP News: उत्तर प्रदेश के मदरसा में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के लिए खुशखबरी है। राज्य के अनुदानित व मान्यता प्राप्त मदरसों के छात्र-छात्राएं अब मोबाइल ऐप (Mobile App) से भी पढ़ाई कर सकेंगे।…
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मान्यता प्राप्त मदरसों में 15 जुलाई से ऑफ़लाइन अध्ययन, नए सत्र में दाखिले होंगे उत्तर प्रदेश के मान्यता प्राप्त अनुदानित मदरसों में बुधवार 15 जुलाई से ऑनलाइन पढ़ाई शुरू होगी। राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण, मुस्लिम वक्फ और हज, राजनैतिक पेंशन, नागरिक उड्डयन मंत्री ...। Source link
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मदरसे के बच्चों ने तिरंगा रैली में लगाए 'पाकिस्तान-जिंदाबाद' के नारे: देखें वीडियो
मदरसे के बच्चों ने तिरंगा रैली में लगाए ‘पाकिस्तान-जिंदाबाद’ के नारे: देखें वीडियो
भारत में ही ‘पाकिस्तान-जिंदाबाद’ के नारे लगना कोई नई बात नहीं। हालिया मामला यूपी के एक मदरसे का है, जहां के बच्चों ने तिरंगा रैली के दौरान पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उत्तर प्रदेस के एक मदरसे की तिरंगा रैली का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। यह वीडियो 15 अगस्त का बताया जा रहा है, जिसमें मदरसे के बच्चे तिरंगा रैली के दौरान पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे…
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UP Madarsa : मदरसों में अब राष्ट्रगान अनिवार्य, जानिए और क्या हुए फैसले UP Madarsa: लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मदरसे...
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🚩असम के मुख्यमंत्री जैसा हर राज्य का मुख्यमंत्री हो तो भारत उन्नत हो जाएगा - 04 दिसंबर 2021
🚩असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने गुरुवार (2 दिसंबर 2021) को कहा कि वह भारतीय संस्कृति के प्रति काम करने के लिए ही सत्ता में आए हैं। उन्होंने कहा कि हर हिंदुस्तानी हिंदू है, क्योंकि बाबर के आने से पहले यहाँ सभी हिंदू ही थे। भारत में हिंदू सभ्यता थी और आगे भी रहेगी।
🚩CAA को लेकर उन्होंने कहा, “जहाँ भी हिंदू समुदाय के लोगों को तकलीफ होती है, उन्हें भारत लौटकर आने का अधिकार होना चाहिए। हर हिंदू की मातृभूमि भारत है। इसलिए मैं हमेशा CAA का समर्थन करता हूँ। हजारों साल से भारत हिंदू समुदाय का देश रहा है और रहेगा, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि दूसरे समुदाय के लोग यहाँ नहीं रह सकते।
🚩उन्होंने कहा कि भारत का हर नागरिक हिंदू है, क्योंकि जब बाबर ने यहाँ हमला नहीं किया था, तब तक सभी हिंदू ही थे। उन्होंने कहा, “आज मंदिर की बात करने वाला सांप्रदायिक, लेकिन दूसरे धर्म का स्थान बनाने वाला सेक्युलर हो जाता है। हम सीधे-सीधे हिंदू हैं और हिंदू रहेंगे, लेकिन हिंदू सभी धर्मों का सम्मान करना जानते हैं।”
🚩न्यूज़ 18 के शो ‘चौपाल’ में मदरसे के मुद्दे पर बात करते हुए असम के मुख्यमंत्री ने कहा, “मदरसों को बंद करने का इरादा है। लगभग सात सौ मदरसे बंद हो चुके हैं, बाकी मदरसों को नर्सिंग स्कूल और मेडिकल-इंजीनियरिंग कॉलेजों में बदलने का इरादा है। मैं चाहता हूँ कि मेरे मुसलमान भाई मदरसों में ना जाए और उसकी जगह लोग डॉक्टरी-इंजीनियरिंग की शिक्षा लें, समाज को रोशन करें।” उन्होंने आगे कहा कि इससे लोग खुश हैं। जब मैं मदरसे में गया और पूछा कि क्या बनोगे बेटा, तो बच्चा बोला, ‘मैं डॉक्टर बनूँगा’ तो मैं बोला कि गलत जगह आ गए हो, यहाँ तो मौलवी बनते हैं। इसलिए बच्चों की राय लेकर मदरसों को सामान्य स्कूल में बदलने का फैसला किया। मैंने कौम की भलाई के लिए मदरसा बंद किया।
🚩मुस्लिम वोट के सवाल पर सरमा ने कहा, “मैं अगर बोलूँ कि मियाँ वोट दो, क्या वे मुझे वोट देंगे? मुझे पक्का मालूम है कि वे मुझे देंगे तो क्यों वोट माँगू? जिस दिन ये बच्चे डॉक्टर-इंजीनियर बन जाएँगे, उस दिन वो लोग मुझे जरूर वोट देंगे। अभी वो स्थिति नहीं है।”
असम में मंदिर के पाँच किलोमीटर के दायरे में बीफ बैन करने पर उन्होंने कहा, “मंदिर हो, उसमें तकलीफ नहीं है। तकलीफ होती है, जब गोवध होता है।”
🚩मथुरा पर यूपी के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के बयान को लेकर पूछे गए सवाल पर सरमा ने कहा कि मथुरा में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था तो उसको लेकर कोई मंदिर की बात कहता है तो बुरा क्यों लगता है? इसमें कम्यूनल की क्या बात है? दूसरे समुदाय के धर्म स्थान के बारे में बात करने पर सेक्युलर माना जाता है। हमें इस सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है। हिंदू स्वभाव से सेक्युलर होता है।
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यूपी में मदरसों की कक्षाएं ऑनलाइन शुरू Divya Sandesh
#Divyasandesh
यूपी में मदरसों की कक्षाएं ऑनलाइन शुरू
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने मदरसा छात्रों के लिए ऑनलाइन कक्षाएं शुरू करने की अनुमति दे दी है। इससे इन मदरसों में नामांकित लगभग 18 लाख छात्रों को लाभ होगा। तमाम मदरसे इन ऑनलाइन ट्यूटोरियल के लिए समूह चैट बनाने के लिए उपयोग किए जाने वाले विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के बीच चयन करने के लिए स्वतंत्र होंगे।
अल्पसंख्यक कल्याण के लिए कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल नंदी ने मदरसा के छात्रों के लिए पहली कक्षा से स्नातकोत्तर स्तर तक ऑनलाइन कक्षाओं के लिए यूपी बोर्ड ऑफ मदरसा शिक्षा के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
यूपी के मंत्री नंद गोपाल नंदी ने कहा, जब तक मदरसे फीजिकली शिक्षा देना शुरू नहीं कर सकते, तब तक ऑनलाइन कक्षाओं को फिर से शुरू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है।”
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, राज्य में लगभग 16,000 मान्यता प्राप्त मदरसे हैं, जिनमें 560 सरकारी सहायता प्राप्त मदरसे शामिल हैं।
इन संस्थानों में पहली कक्षा से माध्यमिक (मुंशी / मौलवी), वरिष्ठ माध्यमिक (आलिम), कामिल (स्नातक) और फाजिल (स्नातकोत्तर) तक लगभग 18 लाख छात्र नामांकित हैं।
रमजान के लिए मदरसे 14 अप्रैल से 24 मई तक बंद थे।
यह खबर भी पढ़ें: चरित्रहीन महिलाओं की होती हैं ये निशानियां! आप भी जान लें…
मंत्री ने कहा, “राज्य में मामले तेजी से घट रहे हैं और महामारी ने शिक्षा को बुरी तरह प्रभावित किया है। ऑनलाइन कक्षाएं पाठ्यक्रम में नुकसान की भरपाई करेंगी और तत्काल प्रभाव से शुरू होंगी।”
–आईएएनएस
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Uttar Pradesh Madarsa Students Have Quran in One Hand And Computer In Other: Deputy CM Dinesh Sharma 'यूपी के मदरसों के छात्रों के हाथ में कुरान-कंप्यूटर हो, सबके साथ वे भी बढ़ें'
Uttar Pradesh Madarsa Students Have Quran in One Hand And Computer In Other: Deputy CM Dinesh Sharma ‘यूपी के मदरसों के छात्रों के हाथ में कुरान-कंप्यूटर हो, सबके साथ वे भी बढ़ें’
बहुत साफ नीयत के साथ योगी सरकार ने मदरसों की शिक्षा व्यवस्था के आधुनिकीकरण के प्रयास किए और कर रही है.
उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा. (Photo Credit: न्यूज नेशन)
highlights
मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों की डिग्री सुधार रही योगी सरकार
मकसद यही कि मदरसे के छात्र देश के अन्य छात्रों संग बढ़ें
मदरसों की शिक्षा व्यवस्था को आधुनिक रूप-स्वरूप दे रही सरकार
लखनऊ:
उत्तर प्रदेश की योगी…
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यूपी मदरसा सर्वे: बलरामपुर में चल रहे 389 अवैध मदरसे, योगी सरकार को जिला प्रशासन ने दी रिपोर्ट
यूपी मदरसा सर्वे: बलरामपुर में चल रहे 389 अवैध मदरसे, योगी सरकार को जिला प्रशासन ने दी रिपोर्ट
बलरामपुर: उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में अवैध मदरसों या बिना मान्यता के चल रहे मदरसों के सर्वे का काम खत्म हो गया है। जिला प्रशासन और अल्पसंख्यक विभाग ने प्रदेश सरकार, मदरसा बोर्ड, अल्पसंख्यक मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट फाइल कर दी है। जिले के बलरामपुर सदर, तुलसीपुर और गैंसड़ी ब्लॉक में बिना मान्यता के मदरसों की बाढ़ सी आ गई है। बलरामपुर सदर ब्लॉक में 56, हरैया सतघरवा में 19, श्रीदत्तगंज ब्लॉक में…
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आखिर संघ से क्यों नफरत करते हैं ओवैसी? AIMIM चीफ ने बताई वजह
नई दिल्ली : ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुसलमीन (AIMIM) के नेता और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को लेकर अपने विरोध, अंकिता भंडारी मर्डर केस, मोहन भागवत के मदरसे दौरे से लेकर यूपी में मदरसा सर्वे समेत तमाम मुद्दों पर अपनी राय रखी। मोहन भागवत के मदरसे जाने और मुस्लिम नेताओं को लेकर ओवैसी ने कहा कि मोहन भागवत साहब कहीं भी जा सकते हैं। ओवैसी ने कहा कि वह मदरसा जाकर मुसलमानों को मैसेज देना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि मोहन भागवत यदि मुसलमानों तक पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं तो वो बिलकिस बानो, इखलाक और पीलू खान से क्यों नहीं मिले। ओवैसी ने कहा कि मोहन भागवत उन मुसलमानों से मिल रहे हैं जो उनके प्यादे हैं। इसके जरिये ओवैसी ऑल इंडिया इमाम ऑर्गेनाइजेशन (AIIO) के प्रमुख डॉ. उमर अहमद इलियासी पर निशाना साध रहे थे। उन्होंने कहा कि वे लोग कई सालों से उन्हीं के आदमी हैं।
आरएसएस से विचारधारा को लेकर परेशानीउन्होंने कहा कि मुझे आरएसएस से दिक्कत है, यह विचारधारा के स्तर पर है और रहेगी। उन्होंने कहा कि संघ की विचारधार में क्या हैं, हम इसे देख रहे हैं, देख चुके हैं और प्रैक्टिकली देख भी रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेरी विचारधार भाजपा और संघ के खिलाफ थी है और रहेगी। हिंदुओं और मुसलमानों के डीएनए संबंधी बयान का जिक्र करने पर ओवैसी ने भारत को लेकर एक स्टडी का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि स्टडी के अनुसार 65 हजार साल पहले ईरान से किसान भारत आए थे। फिर सेंट्रल एशिया और ईस्ट एशिया से आए। आर्यन आए, इसके बाद भारत बना। उन्होंने कहा कि डीएनए का क्या मतलब है।
क्या हिंदू राजाओं ने मंदिर नहीं तोड़ेमंदिर तोड़ने वालों की प्रशंसा के सवाल पर ओवैसी ने उलटा सवाल किया कि ये गलत बात है। उन्होंने कहा कि क्या हिंदू राजाओं ने मंदिर नहीं तोड़े। उन्होंने कहा कि जिसने भी हमला किए उन्होंने सब तोड़े। मंदिर तोड़ने में मुगल भी शामिल थे। उन्होंने सवाल उठाया कि लोकतांत्रिक देश में किसने मस्जिद तोड़ी। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को वादा करने के बाद भी मस्जिद को तोड़ा गया। उन्होंने कहा कि वे मुसलमानों और ईसाइयों को आंतरिक खतरा बताते हैं।
मदरसा सर्वे क्यों करा रही सरकार?ओवैसी ने यूपी में मदरसा सर्वे को लेकर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि सरकार मदरसा सर्वे क्यों करा रही है। सर्वे के बाद जो डेटा मिलेगा उससे आप क्या करेंगे? उन्होंने कहा कि इसके बाद मदरसों को परेशान किया जाएगा। सर तन से जुदा स्लोगन को लेकर पूछे जाने पर ओवैसी ने कहा कि मैं पहले दिन से कह रहा हूं कि लोकतंत्र में आप किसी की जान नहीं ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि मैं खुलेआम इसकी निंदा कर रहा हूं। ओवैसी ने कहा कि मैंने कन्हैया लाल की हत्या की भी निंदा की थी। उन्होंने सर तन से जुदा करने की झूठी धमकी की खबरों को भी प्रमुखता से नहीं दिखाने को लेकर सवाल उठाए। ओवैसी ने अंकिता भंडारी मर्डर केस को लेकर उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने रिजॉर्ट पर बुलडोजर चला कर सबूतों को बर्बाद कर दिया। http://dlvr.it/SZLLnf
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UP Top Ten News: प्रदेश के 91 अनुदानित मदरसों के शिक्षकों व कर्मचारियों के वेतन पर सरकार ने लगाई रोक [Source: Patrika : India's Leading Hindi News Portal]
UP Top Ten News: प्रदेश के 91 अनुदानित मदरसों के शिक्षकों व कर्मचारियों के वेतन पर सरकार ने लगाई रोक [Source: Patrika : India’s Leading Hindi News Portal]
यूपी के 91 अनुदानित मदरसों के शिक्षकों व कर्मचारियों के वेतन पर रोक
गोरखपुर. प्रदेश के कई जिलों के 91 अनुदानित मदरसों के शिक्षकों व कर्मचारियों के वेतन �� अनुदान पर सरकार ने रोक लगा दी है। गोरखपुर-बस्ती मंडल के करीब एक दर्जन अनुदानित मदरसे शामिल हैं। सोसाइटी रजिस्ट्रेशन का नवीनीकरण न होने पर शहर का सबसे पुराना मदरसा अंजुमन इस्लामियां को इस सूची में रखा गया है। मदरसा शिक्षा परिषद के रजिस्ट्रार आरपी…
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यूपी के ये जिले है सबसे ज्यादा संक्रमित ,मरीजों की संख्या 1 हजार के पास
लखनऊ : उत्तर प्रदेश में सात जिले कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा संक्रमित हैं | इन जिलों में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या कम होने का नाम नहीं ले रही है | हालांकि, प्रशासन ने वायरस को रोकने के लिए पूरी शक्ति लगा दी है | इसके बावजूद भी इन सात जिलों में आए दिन कोरोना पॉजिटिव के मामले सामने आ रहे हैं | इससे अफसरों की चिंताएं बढ़ गई हैं | वहीं, प्रदेश में पिछले 24 घंटे के अंदर 135 नए संक्रमित मिलने से प्रदेश में कोरोना मरीजों की संख्या 1600 से पार हो गयी है जबकि 1300 से अधिक केस एक्टिव है |
बता दें कि उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस की शुरुआत फरवरी महीने में आगरा और नोएडा से हुई थी | अब वायरस ने प्रदेश के 57 जिलों को अपने चपेट में ले लिया है | हालांकि, इस महीने की शुरुआत में कोरोना वायरस का प्रकोप मात्र 16 जिलों तक ही सीमित था | तब मरीजों की संख्या 113 थी | लेकिन इस समय मरीजों की संख्या 14 गुना अधिक हो चुकी है |
मुरादाबाद जिले में 96 कोरोना पॉज़िटिव मरीज़ मिले हैं
बता दें कि मुरादाबाद जनपद में कोरोना संक्रमितों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है | अब तक मुरादाबाद जिले में 96 कोरोना पॉज़िटिव मरीज़ मिले हैं | जहां तीन लोगों की इलाज के दौरान मौत हो गई | वहीं एक पॉज़िटिव मरीज को स्वास्थ्य होने पर अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया हैं | वहीं, कानपुर जिले में शुक्रवार मदरसे के 13 छात्र कोरोना वायरस से संक्रमित मिले हैं | ये छात्र कोरोना वायरस से संक्रमित तबलीगी जमात के लोगों के साथ कथित तौर पर संपर्क में आए थे | इसके साथ ही कानपुर में संक्रमितों की संख्या 115 हो गई है |
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ISIS मॉड्यूल केसः UP के हापुड़ से पंजाब के लुधियाना तक NIA की ताबड़तोड़ छापेमारी - isis module case nia searches underway in western up and punjab
ISIS Module के खुलासे के बाद नेशनल इनवेस्टिगेशन टीम (NIA) ने उत्तर प्रदेश के कई शहर और पंजाब के लुधियाना में छापेमारी की है. एनआईए ने यह छापेमारी रामपुर, बुलंदशहर, मेरठ, हापुड़, अमरोहा और लुधियाना में की है. बता दें कि इससे पहले 26 दिसंबर को एनआईए ने आईएसआईएस से प्रेरित हरकत-उल-हर्ब-ए-इस्लाम का खुलासा किया था. इस सिलसिले में 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया था.
बुलंदशहर के कलौली गांव में NIA की टीम हबीब नाम के शख्स को पूछताछ के लिए ले गई है. यह शख्स कई सालों तक सऊदी अरब में रह चुका है और यहां पर एक जनरल स्टोर चलाता था. वहीं, मेरठ में एनआईए की टीम एक संदिग्ध अवसार मौलवी के घर पहुंची. मौलवी के घर से खुफिया कागजात बरामद किए गए हैं. वहीं हापुड़ से NIA की टीम ने 2 सदिंग्धों को हिरासत में लिया है. दोनों से पूछताछ जारी है.
पंजाब के लुधियाना में भी एनआईए की टीम तफ्तीश कर रही है. लुधियाना से एनआईए की टीम को कई महत्वपूर्ण जानकारी मिली है. जांच एजेंसी की टीम यहां से एक संदिग्ध को गिरफ्तार की है. मोहम्मद पाशा नाम के एक मौलवी को NIA की टीम ने बुधवार रात गिरफ्तार किया.
NIA की टीम ने पंजाब पुलिस के साथ मिलकर यहां के एक मस्जिद में छापेमारी की. यहीं से मौलवी की गिरफ्तारी हुई है. बताया जा रहा है कि वह आईएसआईएस मॉड्यूल का हिस्सा हो सकता है. वह साथ महीने पहले लुधियाना आया था. उसने यूपी के एक मदरसे में पढ़ाई की जहां वह आईएसआईएस संदिग्धों के संपर्क में आया. NIA इस गिरफ्तारी से इंकार कर रही है, लेकिन लुधियाना पुलिस गिरफ्तारी की बात मानी है. उसके पास से कोई हथियार बरामद नहीं हुआ है.
इससे पहले दिल्ली की एक अदालत ने आईएसआईएस से प्रेरित समूह के सदस्य होने के शक में गिरफ्तार किए गए दो आरोपियों को 22 जनवरी तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया. दोनों संदिग्ध आतंकियों पर आतंकी हमलों की साजिश रचने का आरोप है.
अमरोहा के एक मस्जिद से भी मौलवी हो चुका है गिरफ्तार
NIA ने आतंकी संगठन ISIS के मॉड्यूल पर आधारित उत्तर प्रदेश और राजधानी दिल्ली में चल रहे संगठन का पर्दाफाश किया था. NIA ने उत्तर प्रदेश एटीएस, दिल्ली पुलिस के साथ मिलकर चलाए गए स्पेशल ऑपरेशन में कुल 10 संदिग्धों को गिरफ्तार था. एजेंसी के मुताबिक इन सभी का प्लान था कि वह देश के कुछ नामी नेताओं और बड़े संस्थानों पर आत्मघाती हमला करें.
NIA ने उत्तर प्रदेश के अमरोहा से मस्जिद के एक मौलवी और एक सिविल इंजीनियर को पकड़ा. इस पूरे मॉड्यूल का मास्टरमाइंड एक 29 वर्षीय इंजीनियर मुफ्ती मोहम्मद सुहैल बताया जा रहा है. सुहैल ने ही अपने सहयोगियों के लिए पैसा इकट्ठा किया. ये सभी फिदायीन हमले की तैयारी में थे. गणतंत्र दिवस से पहले दिल्ली और आसपास के इलाके इस संगठन के निशाने पर थे. लेकिन NIA ने इनके मंसूबों पर पानी फेर दिया.
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छात्रवृत्ति में गड़बड़ी करने वाले मदरसों पर होगी एफआइआर, सरकार तैयार कर रही है ऐसे मदरसों व संस्थानों की सूची
छात्रवृत्ति में गड़बड़ी करने वाले मदरसों पर होगी एफआइआर, सरकार तैयार कर रही है ऐसे मदरसों व संस्थानों की सूची
लखनऊ : प्रदेश सरकार अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति में गड़बड़ी करने वाले मदरसों व अन्य संस्थानों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर काली सूची में डालने जा रही है। इनमें ज्यादातर संस्थान व मदरसे पश्चिम यूपी के हैं। यहां कई संस्थानों ने फर्जी मान्यता के आधार पर छात्रवृत्ति आवेदन किया था। जबकि मदरसों ने ऐसे छात्र-छात्रओं के आवेदन करा दिए जिनके आधार नंबर ही गड़बड़ थे। सरकार अब ऐसे संस्थानों व मदरसों की सूची तैयार करवा रही है। 1प्रदेश सरकार ने अल्पसंख्यक छात्र-छात्रओं की छात्रवृत्ति योजना में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए आधार नंबर जरूरी कर दिया है। यही वजह है कि इस बार काफी संख्या में ऐसे छात्र पाए गए हैं जिनके आधार नंबर गलत मिले हैं। सरकार पहले चरण में ऐसे संस्थानों को चिह्न्ति कर वहां इन छात्रों की जांच कराने जा रही है। कार्रवाई से पहले सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि इसमें कोई वास्तविक छात्र परेशान न हों। कई बार ऑनलाइन फीड करने में नंबर गलत लिख जाता है। इसलिए इसमें सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं। सरकार ने यह निर्णय पिछले दिनों पश्चिम यूपी के उन संस्थानों के सामने आने के बाद लिया है जिनमें फर्जी मान्यता के आधार पर छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति हड़पी जा रही थी। ऐसे संस्थानों के खिलाफ सरकार प्राथमिकी दर्ज कराकर काली सूची में डाल चुकी है।
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