#रणवीर रणवीर का नया घर
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lok-shakti · 2 years ago
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रणबीर सिंह-दीपिका अकाउंट ने मुंबई में खरीदा नया घर, वीडियो में देखें झलक
रणबीर सिंह-दीपिका अकाउंट ने मुंबई में खरीदा नया घर, वीडियो में देखें झलक
रणवीर सिंह दीपिका पादुकोण न्यू हाउस : बॉलीवुड अभिनेता रणवीर सिंह (रणवीर सिंह) और दीपिका पादुकोण (दीपिका पादुकोण) इंडस्ट्री के फेमस कपल में से एक हैं। रणवीर और दीपिका पादुकोण बॉलीवुड के क्यूट कपल हैं और अक्सर अपनी स्पेशल बॉन्डिंग से कई कपल्स को इंस्पायर करते हैं। दीपवीर एक बार फिर से अधिसूचनाओं में हैं। रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण ने मुंबई में अपना एक नया फ्लैट खरीदा है। मुंबई में नया फ्लैट…
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mwsnewshindi · 2 years ago
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दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह के नए अलीबाग होम के अंदर। देखें गृह प्रवेश Pics
दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह के नए अलीबाग होम के अंदर। देखें गृह प्रवेश Pics
दीपिका पादुकोण के साथ रणवीर सिंह। (शिष्टाचार: रणवीर सिंह) नई दिल्ली: अलीबाग में घर खरीदने वाले दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह ने किया होस्ट गृह प्रवेश पूजा शुक्रवार को। अंतरंग उत्सव से तस्वीरें साझा की गईं 83 अपनी इंस्टाग्राम कहानियों पर अभिनेता। 2021 में, रणवीर और दीपिका समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट ��े अनुसार, अलीबाग में 22 करोड़ रुपये में एक बंगला खरीदा। अभिनेता ने एक हाउस इमोजी, एक बुरी नजर…
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rudrjobdesk · 2 years ago
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रणवीर सिंह ने खरीदा 119 करोड़ का बंगला, शाहरुख खान के 'मन्नत' के पास है इनका है ये आशियाना
रणवीर सिंह ने खरीदा 119 करोड़ का बंगला, शाहरुख खान के 'मन्नत' के पास है इनका है ये आशियाना
रणवीर सिंह लग्जरी लाइफ जीते हैं, इस बात को सब जानते हैं। वह स्टाइलिश और वाइब्रेंट लुक में नजर आते हैं। बॉलीवुड एक्टर ने बांद्रा में नया घर खरीदा है और शाहरुख खान के नए पड़ोसी बन गए हैं। Source link
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tezlivenews · 3 years ago
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उर्फी जावेद का ड्रेसिंग सेंस इंटरनेट पर मचा रहा धमाल, फैंस बोले- 'फीमेल रणवीर सिंह'
उर्फी जावेद का ड्रेसिंग सेंस इंटरनेट पर मचा रहा धमाल, फैंस बोले- ‘फीमेल रणवीर सिंह’
मुंबई: ‘बिग बॉस ओटीटी (Bigg Boss OTT)’ की एक्स-कंटेस्टेंट उर्फी जावेद (Urfi Javed), जब से बिग बॉस के घर से बाहर निकली हैं, तब से वह आए दिन सुर्खियों में रहती हैं. उर्फी हर रोज अपने आउटफिट को फ्लॉन्ट करते देखी जाती हैं. हाल ही में उर्फी का नया अवतार दिखा. उनके फैंस ने उन्हें फीमेल रणवीर सिंह से कंपेयर कर दिया. (फोटो साभार: @Urfi instagram) Source link
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iabstarnews · 4 years ago
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इस दिन Release होने जा रही है फिल्म ‘Godzilla vs Kong’
Akshay Kumar की फिल्म को टक्कर दे सकती है ‘गॉडजिला वर्सेस कॉन्ग’
Coronavirus के चक्कर में न जाने कितनी फिल्मों की शूटिंग रुक गई, कितनी फ़िल्में रिलीज़ नहीं हो पाई लेकिन अब लोगों को काफी कुछ नया देखने को मिलने वाला है। अक्षय कुमार और रणवीर सिंह स्टारर फिल्म सूर्यवंशी को टक्कर देने हॉलीवुड की एक बहुप्रतीक्षित फिल्म आने वाली है।
फिल्म Godzilla vs Kong का ट्रेलर लॉन्च हो गया है। फिल्म 26 मार्च 2021 को भारत में बड़े पर्दे पर रिलीज होगी। ट्रेलर देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है इसमें आपदा और तबाही के बारे में दिखाया गया है। बता दें कि कॉन्ग और उनके रक्षक अपने असली घर को ढूंढने के लिए एक खतरनाक यात्रा पर निकलते हैं। उनके साथ एक छोटी अनाथ बच्ची जिया है, ये मिलकर एक शक्तिशाली गठबंधन बनाते हैं। इसी बीच अप्रत्याशित रूप से वह गॉडजिला के रास्ते में आ जाते हैं।
पहले गॉडजिला वर्सेस कॉन्ग को 2020 में सिनेमाघरों में रिलीज किया जाना था लेकिन Covid-19 की वजह से इसकी तारीख को आगे बढ़ा दिया गया। बता दें कि फिल्म सूर्यवंशी भी मार्च के आखिरी हफ्ते में रिलीज होगी। मेकर��स का प्लान है कि Film को होली पर लाया जाए। फिल्म लंबे समय से बनकर तैयार है।
फिल्म में Alexander Skarsgard, Millie Bobby Brown, Rebecca Hall, Brian Tyree Henry, Shun Oguri, Eiza González, Julian Dennison और Kyle Chandler हैं।
Film को Adam Wingard ने निर्देशित किया है। Warner Bros. Pictures और Legendary Pictures मिलकर इसे प्रस्तुत कर रहे हैं। फिल्म हिंदी, अंग्रेजी, तमिल और तेलुगु भाषा में रिलीज होगी।
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manishajain001 · 4 years ago
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हाल ही में रिलीज हुई वेब सीरीज 'परिवार' में अभिनेता गजराज राव एक बार फिर अपनी एक्टिंग का जलवा दिखा रहे हैं। उनका कहना है कि इस वेब सीरीज को उन्होंने सिर्फ इस मकसद से साइन किया क्योंकि उन्हें फिल्म 'भेजा फ्राई' के डायरेक्टर के साथ काम करना था। दैनिक भास्कर से खास बातचीत में उन्होंने इसकी शूटिंग और अपने जीवन से जुड़े किस्से साझा किए।
Q- इस कोरोनाकाल ने हम सभी को बहुत कुछ सिखाया है आपने इस मुश्किल समय से क्या सीख ली है?
गजराज- 'हम सभी ने कोरोना काल में यह सीखा है कि कैसे खुद को बचा कर के काम करना है, सुरक्षित रहना है। मुझे नहीं लगता कि यह मास्क हमारी जिंदगी से अगले 1 या 2 सालों में कहीं जाने वाला है लेकिन आज भी जब लोग मास्क को नाक के नीचे पहनते हैं तो गुस्सा आता है। कुछ दिन पहले ही मैं बैंक गया था जहां लोग मास्क को नाक के नीचे पहने दिखे। मेरा मन किया कि मैं जाकर कुछ बोलूं लेकिन आजकल लोग बहुत जल्दी भड़क जाते हैं। हम सभी को यह समझना होगा कि मास्क हम अपनी सुरक्षा के लिए पहन रहे हैं, मात्र एक ड्यूटी के लिए नहीं।'
Q- इस वेब सीरीज में आपका लुक बहुत इंटरेस्टिंग है, पहली बार आपको बड़े बालों में देखा जा रहा है?
गजराज- ''परिवार' में मेरा लुक डायरेक्टर सागर बल्लारी ने डिसाइड किया है। मैं उनकी फिल्म 'भेजा फ्राई' का बहुत बड़ा फैन हूं और उसे करीब 25 से 50 बार देख चुका हूं। तो मैं बहुत खुश था कि मुझे उनके साथ काम करने का मौका मिला और चीजें अपने आप आसान होती गईं। इस लुक को भी उन्होंने ही डिसाइड किया था और सबको ये बहुत पसंद आ रहा है।'
Q- रणवीर शौरी, विजय राज और अभिषेक बनर्जी सभी अपनी कॉमिक टाइमिंग के लिए जाने जाते हैं, क्या सेट पर भी हल्का-फुल्का मजाक हुआ करता था?
गजराज- 'ये सभी एक्टर्स इंडस्ट्री के धुरंधर हैं और मैं बहुत खुशनसीब हूं कि मुझे इन सबके साथ काम करने का मौका मिला। हालांकि हमारा जो शेड्यूल था वो बहुत हेक्टिक था और हमने भरी गर्मी में लखनऊ में आउटडोर लोकेशन पर शूट किया है। जिसकी वजह से सभी की हालत बहुत खराब थी। हम लोग अक्सर हंसी ठिठोली किया करते थे पर हेक्टिक शेड्यूल की वजह से सभी का फोकस काम पर ज्यादा रहता था।'
Q- 'बधाई हो' की सक्सेस के बाद से आपके पास फिल्मों के बहुत ऑफर आ रहे हैं लेकिन किसी भी प्रोजेक्ट को चुनने के पीछे आप का क्या उद्देश्य होता है?
गजराज- 'मुझे ऐसा लगता है कि रोल मुझे खुद चुन लेते हैं, स्क्रिप्ट्स मुझे चुनती हैं। इस सीरीज को करने के पीछे उद्देश्य सिर्फ यही था कि मुझे 'भेजा फ्राई' के डायरेक्टर के साथ काम करना था और प्रोड्यूसर के पिछले कुछ शोज मैंने देखे थे जो मुझे काफी पसंद आए थे तो मैं इस सीरीज का हिस्सा बनने के लिए उत्सुक था। हर प्रोजेक्ट को चुनने के पीछे अलग-अलग कारण होते हैं और सबसे महत्वपूर्ण कारण होता है स्क्रिप्ट।'
Q- 'इंडिया वाली मां' सीरियल का प्रोमो आपने हाल ही में डायरेक्ट किया वो भी अपने घर पर बैठे-बैठे कैसे संभव हुआ?
गजराज- 'मैं दरअसल एक प्रोडक्शन कंपनी में 15 से 17 सालों से प्रोमो डायरेक्ट कर रहा हूं। यह एक नया अनुभव इसलिए था क्योंकि मैं घर पर था और मेरी पूरी टीम स्टूडियो में थी। इस प्रोमो को मैंने रिमोट की मदद से शूट किया और सभी को बहुत पसंद आ रहा है।'
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फिल्म 'बधाई हो' के सेट पर नीना गुप्ता और सुरेखा सीकरी के साथ गजराज राव।
Q- आपकी फिल्म 'बधाई हो' की को-स्टार सुरेखा जी की तबीयत नासाज है क्या हाल ही में कभी उनसे आपकी बात हुई है?
गजराज- 'मैं सुरेखा जी से नियमित टच में हूं। उनसे बात करता रहता हूं उनकी, उनके स्वास्थ्य की जानकारी लेता रहता हूं। कुछ दिन पहले उनसे मेरी बात हुई थी और वो बात कर पा रही थीं। जहां तक आर्थिक मदद का सवाल है तो सुरेखा जी खुद ही इतनी सक्षम हैं कि उन्हें किसी की भी मदद की जरूरत नहीं है। वे एक बहुत ही जिजीविषा वाली महिला है और मुझे पूरा विश्वास है कि 2 महीने में वे अपने पै��ों पर खड़ी हो जाएंगी और फिर से काम करने लगेंगी, क्योंकि एक्टिंग उनका पैशन है और उनमें जीवन जीने की ललक बहुत है। मुझे वे बहुत प्रिय है और हम सभी को बहुत इंस्पायर करती हैं।'
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Badhai Ho fame Gajraj Rao says- I don't choose any role, the rolls themselves choose me, Surekha ji is so capable that she does not need any help.
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inhindinewstoday · 4 years ago
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रणवीर सिंह को दीपिका पादुकोण ने घर बैठे-बैठे दिया नया लुक, सोशल मीडिया पर फोटो देख ही उतावले हुए फैंस
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बॉलीवुड स्टार रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण फिल्म इंडस्ट्री के करीबी कपल्स की लिस्ट में आता है। ये दोनों की केमिस्ट्री फैंस के सिर चढ़कर बोलती है। इस बीच हाल ही में एक्टर ने अपनी लेटेस्ट फोटो सोशल मीडिया पर पोस्ट की है। इस फोटो को देखते ही दोनों पक्षों के फैंस खुशी से झूमने लगे हैं। दरअसल, इस नई पोस्ट में रणवीर सिंह ने अपना नया लुक फैंस को दिखाया है। खास बात ये है कि ये नया लुक उन्हें उनकी बटोरहाफ दीपिका पादुकोण ने ही घर में दिया है। इस नए लुक से एक्टर खुद इतने खुश हैं कि फैंस के साथ अपनी इन फोटो शेयर करने से खुद को रोक नहीं सके। रणवीर सिंह ने इस फोटो को शेयर करते हुए लिखा है, 'हा स्टाइल- दीपिका पादुकोण, आपको ये स्टाइल कैसा लगा? मुझे बेहद पसंद आया है। ' रणवीर सिंह की ये फोटो ��प यहां देख सकते हैं। प्रभास के साथ बनी दीपिका की जोड़ी एक ओर जहां रणवीर सिंह अपनी वाइफ दीपिका पादुकोण के साथ घर पर क्वालिटी टाइम बिता रहे हैं तो वहीं, दीपिका पादुकोण इन दिनों प्रभास के साथ आने वाली अगली फिल्म को लेकर सुर्खियां बटोर रही है। हाल ही में ऐलान हुआ कि दीपिका पादुकोण 'बाहुबली' स्टार के साथ निर्देशक नागवरिन की फिल्म में दिखने वाली है। हालांकि इस फिल्म का नाम अभी तक फाइनल नहीं हुआ है। दीपिका पादुकोण और प्रभास की इस फिल्म के ऐलान के साथ ही फैंस जरुर खुशी से झूमने लगे।) यह भी पढ़ें - कंगना रनौत से पहले ये 7 बॉलीवुड स्टार के निशाने पर आ चुके हैं करण जौहर, कैमरे के सामने खोल दी थी पोल फिर दिखेगी रणवीर सिंह-दीपिका पादुकोण की जोड़ी तो वहीं, एक बार फिर ये रियल लाइफ कपल लाइफ में भी साथ दिखने वाला है। रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण कबीर खान के निर्देशन में बन रही फिल्म 83 में दिखाई देने Read the full article
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vsplusonline · 5 years ago
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Film Wrap: कोरोना वायरस से परेशान राखी सावंत, घर में वर्कआउट कर रहे रणवीर सिंह
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Film Wrap: कोरोना वायरस से परेशान राखी सावंत, घर में वर्कआउट कर रहे रणवीर सिंह
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फिल्म रैप के जरिए जानिए सोमवार के दिन फिल्म, टीवी, बॉलीवुड, हॉलीवुड समेत एंटरटेनमेंट की दुनिया में क्या रहा खास.
घर में वर्कआउट कर रहे हैं रणवीर सिंह, दीपिका के साथ शेयर की तस्वीर
कोरोना वायरस के मरीजों की लगातार बढ़ती संख्या से सरकार काफी चिंतित है और इसके लिए लगातार कदम उठाए जा रहे हैं. पंजाब के बाद अब महाराष्ट्र में कर्फ्यू लगाने का ऐलान कर दिया गया है. बॉलीवुड सितारे भी इस दौरान सेल्फ क्वारनटाइन में चले गए हैं.
लंदन से वापस लौटे फिल्म निर्देशक मणि रत्नम के बेटे, खुद को किया क्वारनटीन
जैसे-जैसे देश में कोरोना वायरस का खतरा बढ़ता जा रहा है वैसे-वैसे लोगों द्वारा सतर्कता भी खूब बरती जा रही है. कनिका कपूर की लापरवाही जगजाहिर होने के बाद से सितारे काफी ज्यादा सतर्क हो गए हैं और देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी का पूरी तरह से पालन कर रहे हैं. जो भी सितारे या सितारों के परिवार का कोई सदस्य विदेश से वापस आ रहा है, वो पहले कुछ दिनों के लिए खुद को क्वारनटाइन कर ले रहा है. इस फहरिश्त में नया नाम साउथ सिनेमा के फिल्ममेकर मणि रत्नम का जुड़ गया है.
जब कैद हुए लोग और सड़कों पर पसरा सन्नाटा, इन फिल्मों में दिखा लॉकडाउन
देश में कोरोना वायरस फैलने के बाद से ही आइसोलेशन, जनता कर्फ्यू और लॉकडाउन जैसे शब्द काफी आम हो गए हैं. हालांकि केवल रियल लाइफ में ही नहीं बल्कि फिल्मों में भी कई बार लॉकडाउन की परिस्थितियों को दिखाया गया है. जानते हैं ऐसी ही कुछ फिल्मों के बारे में जब फिल्म का कोई किरदार या पूरा शहर ही लॉकडाउन की चपेट में आ गया था.
कोरोना वायरस से परेशान राखी सावंत ने शेयर किया वीडियो, मांगी प्रभु से माफी
देशभर में कोरोना वायरस से निपटने के लिए सरकारें कदम उठा रही हैं. बावजूद अनेक प्रयासों ने कोरोना के संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है. सेलिब्रिटीज भी अपने फैन्स को सावधान रहने की सलाह दे रही हैं.
जनता कर्फ्यू के सपोर्ट में छत पर आया बच्चन परिवार, यूजर्स ने पूछा ये सवाल
अमिताभ बच्चन शुरू से ही कोरोना वायरस से लोगों को बचने के तरीके बता रहे हैं. उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट के जरिए जनता में जागरूकता फैलाने की कई कोशिशें की हैं और इसके साथ ही उन्होंने विज्ञापन में भी काम किया है.
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filmykhabarmantra · 6 years ago
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सपनो को परवाज़ देती फ़िल्म गल्ली बॉय फ़िल्म समीक्षक इदरीस खत्री द्वारा निर्देशक:-ज़ोया अख्तर अदाकार:- रणवीर सिंह, आलिया भट्ट, विजय राज, कल्कि, सुरवीन चावला, सिद्धांत, अमृता सुभाष, संगीत:- अंकुर तिवारी दोस्तो, फ़िल्म से पहले एक छोटी चर्चा कर लेते हैं, फ़िल्म रैप संगीत पर आधारित है यह भी संगीत का एक आयाम है जो कि ब्राज़ील, अमेरिका से होता हुआ भारत पहुचा है, भारत मे करीब 15 साल पहले एक गायक बाबा सहगल रैप गानों को गाते थे जिन्हें रैपर कहा जाता है, लेकिन इस विषय पर भारत मे पहली फ़िल्म बनी है,,भारत के स्ट्रीट सिंगर्स डिवाइन की ज़िंदगी से प्रेरित फ़िल्म है गल्ली बॉय कहानी मुराद शेख(रणवीर), धारावी की झुग्गी बस्ती में अपने वालिद वालदा के साथ बेहद गुरबत में जी रहा है, उसके वालिद(विजय राज) एक ड्रायवर की नोकरी करते है और मानते है कि उनका बेटा भी यही करे, लेकिन मुराद की आंखे उन सपनों में खोई है जो कि रेपर सिंगर बनने का है,, मुराद के पिता दूसरा निकाह पड़ लेते है तो वह मुराद की वालदा के साथ बदसलूकी करने लगते है,, मुराद की माशूका सफीना अली(आलिया) जो कि मुराद को बेइंतेहा चाहती है और कोई दूज़री लड़की मुराद को देख भी ले तो उसका सर फोड़ने को तैयार रहती है,,जो कि डॉक्टर बनना चाहती है, मुराद का परिवार गुरबत में जिंदगी जी रहा है सफीना का परिवार आफ़ियत की ज़िंदगी बसर कर रहा लेकिन सफीना के पारिवारिक धार्मिक बन्धनो को निर्वाहन किया जाता है, मुराद में रेप सांग्स लिखने की कला है जिसे वह जान लेता है और उसी कला को विकसित कर ज़िन्दगी जीना चाहता है,, उसकी जिंदगी की असलियत और घुस्सा वह कई बार रेप सांग्स से बताना चाहता है, फिर मुराद की मुलाक़ात शे�� या (सिद्धार्थ चतुर्वेदी) एक रेपर सिंगर है जिससे मुराद की दोस्ती हो जाती है और दोनों रेपर सिंगर बनने की ख्वाईशो को परवाज देने लगते है, 18 गांनो से सजी फ़िल्म कहि भी आप पर भारी नही पड़ती, सारे गाने फ़िल्म की कहानी को आगे बढ़ाते लगते है,, भारत मे रेप गांनो का चलन तो नही लेकिन फ़िल्म के गाने में में घर करने लगते है जो कि जावेद अख्तर ने लिखे है,, फ़िल्म की कहानी में नया कुछ नही है इस तरह सपनो को परवाज़ देती कई फिल्में बन गई है लेकिन ज़ोया का निर्देशन और प्रस्तुतिकरण इतना शानदार है कि आप पिछली सब फिल्मे भूल जाते है, पटकथा भी लाजवाब लिखी गई है,, एक दृश्य में मुराद, सफीना को बतौर ड्रायवर घर छोड़ने जाता होता है तब सफीना मन की बाते करते करते जज्बाती होकर रोने लगती है,, लेकिन मुराद उसे सहारा नही दे पाता इस दृश्य ने अमीरी गरीबी के फासले को बड़ी संजीदगी से दिखाया क्या मुराद अपने ख्वाब पूरा कर पाता है सफीना ओपरेशन कर पाती है, तो आपको फ़िल्म देखनी पड़ेगी,, अदाकारी पर बात करे तो रणवीर लाजवाब है, अलाउद्दीन, सिम्बा के बाद एक नए किरदार को जीवंत कर गए, आलिया कदम दर कदम निखरती अदाकारा होती जा रही है फ़िल्म में रणवीर, आलिया का अभिनय और ज़ोया का निर्देशन आपको बांध कर रख देता है जो कि फ़िल्म की सफलता की ग्यारंटी है फ़िल्म को 3.5 स्टार्स
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4srfriends · 6 years ago
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दीपिका के घर में शिफ्ट होने जा रहे हैं रणवीर, ये है वजह
ताजा रिपोर्ट्स के मुताबिक जब तक दीपवीर का नया बंगला पूरी तरह से बनकर तैयार नहीं हो जाता, तब तक... from आज तक https://ift.tt/2RZCB11 via IFTTT from Blogger https://ift.tt/2Du24M8 via IFTTT
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jodhpurnews24 · 6 years ago
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रणवीर के साथ काम करना बेहतरीन अनुभव: कृति खरबंदा
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बॉलीवुड अभिनेत्री कृति खरबंदा का कहना है कि रणवीर सिंह के साथ काम करना उनके लिये बेहतरीन अनुभव रहा है। कृति खरबंदा की हाल ही में फिल्म ‘यमला पगला दीवाना : फिर से’ रिलीज़ हुई थी जो बॉक्स ऑफिस पर खास कमाल नहीं दिखा सकी। इसके पहले कृति खरबंदा ने ‘शादी में ज़रूर आना’ और ‘गेस्ट इन लंदन’ में काम किया था। कृति इन दिनों साजिद नाडियाडवाला की फिल्म ‘हाउसफुल-4’ में काम कर रही हैं।
डेब्यू फिल्म से सुपरहिट हुईं थीं अनु अग्रवाल 29 दिनों तक रही थीं कोमा में, अब दिखती हैं ऐसी, करती हैं ये काम
42 साल की उम्र में ‘खिचड़ी’ की ये एक्ट्रेस बनीं दुल्हन, तस्वीरें हुईं वायरल
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  कृति खरबंदा अब रणवीर सिंह के साथ स्क्रीन स्पेस शेयर करती दिखेंगी। कृति विज्ञापन फिल्म में रणवीर के साथ नजर आयेंगी। कृति और रणवीर जल्द ही एक पेंट बनाने वाली कंपनी के विज्ञापन में साथ नज़र आएंगे। अभी हाल ही में इन दोनों ने मुंबई के एक स्टूडियो में इसकी शूटिंग पूरी की है।
नील नितिन मुकेश के घर आई नन्ही परी, देखें बेटी की पहली तस्वीर
कॉमेडियन भारती सिंह और उनके पति को साथ ��ुई ये बीमारी, हॉस्पिटल में दोनों हुए एडमिट
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कृति खरबंदा ने कहा , “यह मेरे लिए काफी सम्मान की बात है कि मुझे इतने प्रतिष्ठित ब्रैंड जो दशकों से अपने क्षेत्र में लीडर है उसका हिस्सा बनने का मौका मिला। रणवीर के साथ स्क्रीन स्पेस शेयर करना मेरे लिए बहुत ही बेहतरीन अनुभव रहा और इस ऐड की शूटिंग के दौरान हमने काफी इंजॉव्य किया।”
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PHOTOS: विराट संग अनुष्का ने ससुराल में बिताए खास पल, तस्वीरों में देखिए दोनों की क्यूट कैमिस्ट्री
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Hindi News Latest Hindi News
Hindi News रणवीर के साथ काम करना बेहतरीन अनुभव: कृति खरबंदा appeared first on Kranti Bhaskar.
source http://hindi-news.krantibhaskar.com/latest-news/hindi-news/entertainment-news/bollywood-news/26428/
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storiesmart-blog · 7 years ago
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कैप्टेन रणवीर सिंह
कैप्टेन रणवीर सिंह भाग प्रथम इससे पहले की देर हो जाए मैं आपको एक कहानी सुनना चाहता हूँ| कहानी एक फेरीवाले की| कि कैसे एक अधेड़ उम्र का फेरीवाला कैप्टेन बन गया? या फिर यु कहूँ की एक कैप्टेन फेरी वाला बन गया| ये मामला थोडा पेंचीदा हैं| तो क्यों न हम शुरू से शुरू करें! मैं अपने घर में अपने एक दोस्त के साथ रहता हूँ| वो थोडा शांत ही रहता हैं| हर वक्त मेरी बातें सुनता रहता हैं| हम दोनों सुबह अपनी बेकरी की दूकान पर चले जातें हैं और शाम को वापस आते हैं| मेरा दोस्त हर वक्त मेरे साथ ही रहता हैं| हम अपना हर काम साथ-साथ करते हैं| सबसे अच्छी बात ये हैं कि मेरा दोस्त मेरी हर बात सुनता हैं| वैसे अब मैं भी नब्बे के करीब पहुँच चूका हूँ| थोडा सा थक जाता हूँ, चीजे याद नहीं रख सकता| पर मेरा दोस्त हैं ना| कभी मेरे पास भी घर था| एक माँ-पिता और एक बड़ा भाई| पर आज... बस मेरा दोस्त ह�� सब कुछ हैं मेरा परिवार, भाई सब कुछ| चलो, ये सब छोड़ते हैं, मैं कुछ ज्यादा ही भावुक हो रहा हूँ| मैंने अपने दोस्त का परिचय करवा दिया हैं अब नाम भी बता देता हूँ, देव| मेरा सबसे अच्छा दोस्त| जिसने मुझे कचरे से उठाया और एक इंसान बनाया|
ये कहानी शुरू होती हैं 1985 से| मैं आजकल अपनी जिन्दगी कचरा बीनने और घर-घर जाकर गुब्बारें और टॉफी बेचने में बिताता हूँ| ये अक्टूबर के अंतिम दिन चल रहे थे| रात काफी हो चुकी थी और ठण्ड भी हड्डियों को जमा रही थी| वैसे इतनी ज्यादा ठण्ड होती तो नहीं हैं पर इस बार इन्द्रदेव ज्यादा ही मेहरबान थे| मैं अँधेरी रात में सड़क के किनारे-किनारे चल रहा था| हल्की बारिश की बूंदों से मेरे फटे चिथड़े भीग चुके थे| हर कोई अपने घर में दुबक कर बैठे थे और मैं इतनी ठण्ड में एक कदम भी नहीं चल पा रहा था| पर सर पर छत भी तो नहीं थी| था तो बस क़दमों के नीचे एक रास्ता और वो बस मुझे एक अनजानी राह पर ले जा रहा था| ठण्ड से मेरा बदन मानो कि बर्फ हो चूका था| साँसे भी अब तो जमने सी लगी थी| मुझे अपनी ही हालत पर तरस आ रहा था| मेरी हालत मालिक द्वारा दुत्कार दिए गए कुते जैसी हो गयी थी जिसका ना कोई घर था और ना ही कोई मंजिल| बस बिना मकसद के चलते जाओ| दिल में एक दर्द था| पर किसी को दिखा भी तो नहीं सकते थे| वैसे तो जीने की अब कुछ खास वजह बची नहीं थी पर मर भी तो नहीं सकते थे| मेरे पैर एक भी कदम चलने को मना कर रहे थे| पर जान बचाना ज्यादा जरूरी था| मैं थका हारा चलता जा रहा था और मेरे साथ साथ रात भी| रात्रि भी ढल कर सुबह की और चल दी थी| पर बारिश अब भी कभी-कभी हल्के से फुव्वार के साथ आ रही थी| चलते चलते में दुसरे शहर तक पहुँच गया| बस अब ओर नहीं चल सकता था| हार कर सड़क के किनार एक पेड़ के तने का सहारा लेकर बैठ गया| ठण्ड अब ज्यादा परेशान करने लगी थी| पर शायद अब तो पूरी जिन्दगी यही बितानी हैं| जब मौत सिर पर हो तो हर चीज खूबसूरत लगती हैं और यही तो दुनिया में सबसे अच्छी बात हैं| जो चीज आपके हाथ से निकल जाये या फिर जाने वाली हो उसका महत्व समझ आने लगता हैं और फिर यहाँ तो जान जा रही थी| अब कोई और चारा नहीं बचा था बस अपनी पूरी जिन्दगी की अच्छी यादों को फिर से दोहराने के| मैं अपने जीवन की हर अच्छी बात को याद कर रहा था| तभी अचानक मेरे कानों में धम्म-धम्म की आवाज आई| मुझे लगा शायद कोई गैराज होगा| अब शायद ठण्ड से कुछ छुटकारा मिल ��ायेगा मैं वहाँ त�� जाऊंगा और रात भर उनके यहाँ रुकने के लिए गुजारिश करूँगा| पर मेरे पैर मेरी बात नहीं मान रहे थे| मैं खड़ा भी नहीं हो पा रहा था| ठण्ड ने मुझे पूरी तरह से जकड लिया| पर जब बात जान बचाने की हो ना तो फिर पहाड़ भी चढ़ जाते हैं| मैंने अपनी सारी हिम्मत इकठ्ठा की और उस आवाज के दिशा में चल दिया| जैसे-जैसे मैं आवाज के पास पहुँचता गया मुझे अहसास होने लगा था कि यहाँ से तो शहर शुरू हो चूका हैं| मैं आवाज वाली जगह पहुँच चूका था| यहाँ का मुख्य दरवाजा बहुत बड़ा था| जिसे देखकर अंदाजा हो गया था कि शायद ये कोई उत्पादन गृह हैं| मैंने दरवाजे को खटखटाया पर शायद किसी ने उस आवाज को नहीं सुना| मैंने बहुत कोशिश की पर कोई जवाब नहीं आया| शायद दरवाजे का प्रहरी भी ठण्ड में घोड़े बेचकर सो गया| जान बचने की उम्मीद तो पहले ही कम थी| वहाँ न सही चलो पर यहाँ जिन्दगी का अंत होगा| मैं कोने में दुबक कर बैठ गया| कुछ ही देर हुई थी की तभी एक बड़ा सा वाहन आया और दरवाजे को खोला गया| मैं भी गाड़ी के पीछे-पीछे अंदर घुस गया| अंदर घुसते ही मुझे एक जगह पर हल्की सी आग दिखाई दी मैं उस तरफ बढ़ गया| मैं उधर चला ही था कि किसी ने मुझे आवाज दी और कहा ये तुम वहीँ रुको| तुम अंदर नहीं आ सकते और कौन हो तुम? मैं मन ही मन सोचने लगा अब क्या मुसीबत हैं? तब तक उस गार्ड ने मेरे कंधे पर हाथ रखा| और कहा अरे आपके कपड़े तो भीग चुके हैं! और आप इतनी बड़ी गन्दी दाढ़ी में भदे लग रहे हो| साहब ठण्ड ने हड्डिया जमा दी हैं बस कुछ देर आग तपनी हैं फिर मैं खुद यहाँ से चला जाऊंगा| मैंने हाथ जोड़कर कहा| शायद उस इंसान को दया आ गयी उसने मुझे हाथ का ईशारा करते हुए बताया की उधर एक भट्टी हैं| पर नजदीक मत जाना| और वहाँ से हड़बड़ी में चला गया| मैं भट्टी के पास आकर बैठ गया| ये गर्म जरूर थी पर शायद मुझे कुछ देर और लगेगी इसकी गर्मी महसूस होने में| मेरे कपड़ो से पानी वाष्प बनकर निकलने लगा था| तभी वो आदमी फिर से आया| उसके एक हाथ में एक बर्तन था और दुसरे में कम्बल| उसने दोनों चीजे मुझे दी और कहा कपड़े सुखने को डाल दो| और ये खाना हैं ज्यादा तो नहीं हैं पर काम चल सकता हैं| मैने उस आदमी से वो दोनों चीजे ले ली| तभी उसने मुझसे फिर सवाल किया इस शहर के तो लगते नहीं हो! मैने जवाब दिया दुसरे शहर से आया हूँ साहब| आपकी आखों में गहरे राज दीखते हैं पर अभी वक्त नहीं हैं| तुम आराम से यहाँ बैठो मुझे कुछ और काम हैं| और हाँ कल अपनी ये गन्दी दाढ़ी और बाल जरूर कटवा लेना और ये कम्बल मेरे दोस्त की हैं जाते वक्त लौटा देना| कहते हुए वो आदमी वहाँ से चला गया| मुझे उसकी बाल कटाने वाली राय क�� कुछ असर हो ये तो हो ही नहीं सकता था| और रही बात आखों में राज की तो अब तो जिन्दगी ही एक राज थी| जी रहे थे पर मकसद पता ही नहीं था| मैने सारी बात छोड़ कर खाने पर ध्यान लगाया| खाना सचमुच कम था पर उस इंसान का दिल और एहसान बड़ा था| जिसने मुझे खाना दिया| मैने खाना खा लिया और कपड़े सुखाने को डाल दिए| अब ठण्ड कम लग रही थी और सब सामान्य हो रहा था| मैं दीवार का सहारा लेकर बैठ गया| मुझे नींद आने लगी थी| जब मेरी आँखे खुली तब मेरे सामने एक चालीस-पेंतालिश साल की उम्र की एक औरत खड़ी थी| सूर्यदेव दर्शन दे चुके थे| रात जितनी गन्दी थी दिन उतना ही खूबसूरत| मेरे आँखे खोलते ही उसने मुझसे कहा देखो तुम भट्टी के इतने नजदीक आ चुके हो और ये गर्म हैं| वैसे आपको यहाँ से जाना चाहिए| मैंने कहा ठीक हैं और एक बार उस औरत की नज़रों से नजर मिली| उसने मुझे पुकारा कैप्टेन रणवीर| मैं वहाँ से उठा और चल दिया और उससे कहा कौन कैप्टेन? मैं फेरीवाला हूँ| जानती हूँ पर मेरा एक दोस्त हुआ करता था और वो आप जैसा ही दिखाता था| औरत ने कहा| पर मैं किसी का दोस्त नहीं हूँ कहते-कहते मैंने दरवाजे पर आकर गार्ड की कम्बल लौटा दी| पर एक बार मेरी पूरी बात तो सुन लो क्या आपको इसमें कोई एतराज हैं! औरत ने फिर एक प्रश्न किया| तब तक मैं दरवाजे के बाहर जा चूका था| मैं लौट कर वापस आया और कहा एक राह चलते आदमी को एक रात रहने का आश्रय देने का शुक्रिया| मैं आपका आभारी रहूँगा की कल रात मेरी जान बच गयी| और हाँ मैं ना किसी का दोस्त हूँ, और ना ही बनाना चाहता हूँ| कहते हुए मैं चल दिया| जानती हूँ मैं, औ�� ये भी की हमेशा वादा करके बदलना आदत हैं आपकी| एक कर्ज जो पच्चीस साल से बकाया हैं वो चुकाने का मौका हैं आपके पास| पर मैं जानती हूँ आप ये नहीं कर सकते| क्योंकि जो अपनी ही जिन्दगी से भाग रहा हो वो कुछ नहीं कर सकता| उसने मुझे ताना मारा| बात दिल को लग गयी| मैने पूछा क्या चाहिए? क्यों मेरे पीछे पड़ी हो सुबह-सुबह! मैं आपकी मदद करना चाहती हूँ कैप्टेन| उसने जवाब दिया| मैं कैप्टेन नहीं हूँ, आप किसी और की बातें मेरे साथ कर रही हो| मैं कर्जदार हूँ आपके एहसान का| पर मुझे जाना हैं| मैने कहा| ठीक हैं पर कहाँ जाना हैं? और आप मानते हो की आप पर कर्ज हैं तो क्या उसे उतरना चाहोगे! उसने मुझसे फिर सवाल किया| इस बार मेरे पास कोई जवाब भी नहीं था| क्योंकि कहाँ जाना हैं! ये मैं भी नहीं जनता और उस कर्ज वाली बात को तो मैने यु ही एहसान जताने को बोला था| मुझसे फिर पुछा गया क्या हुआ? आपका कोई जवाब नहीं आया| मैने कहा ठीक हैं क्या करू आपका कर्ज उतरने के लिए! उसकी आँखों में एक चमक सी आई की चलो उसने मुझसे एक बात तो मनवा ली उसने कहा मेरे साथ घर चलोगे| मैने पूछा आप हो कौन? और आपका घर कहा हैं? चलो ��पको सब बताती हूँ| और वो आगे-आगे चल दी| मैं भी उसके पीछे-पीछे चलने लगा| और एक गाड़ी तक पहुँच गए| हम दोनों एक गाड़ी में बैठ कर रवाना हो चुके थे| पर मेरे लिए बात अब भी वही थी मुझे अब भी नहीं पता था कि मैं कहाँ जा रहा हूँ और क्यों? गाड़ी खुली सड़क पर अपनी हल्की रफ़्तार के साथ चल रही थी| मुझे कुछ चीजे याद आ रही थी पर जिस कैप्टेन को मैं तेरह साल पहले छोड़ चूका था वो अब मेरे पीछे क्यों पड़ा था? मैं मन ही मन बहुत सारी चीजे सोच रहा था| तभी उसने मुझसे कहा क्या सोच रहे हो? मैं बोला आप कौन हो और यहाँ क्या कर रही थी? उसने जवाब दिया ये लोहे का कारखाना मेरे पापा ने स्थापित किया था और अब इसे मैं और मेरा छोटा भाई मिलकर चलाते हैं| ओ तो आप एक व्यापारी हैं| तभी मैं सोचू की आप हर बात को एक नया रूप क्यों दे देते हो? मैने कहा| मजाक अच्छा था पर हंसी नहीं आई| औरत ने मेरे साथ फिर मजाक की| और हँसने लगी मैं भी उसके साथ-साथ हँसने लगा| पर अब भी मुझे सब कुछ अच्छा नहीं लग रहा था| हम थोड़ी ही देर में घर पहुँच गए|
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