Krishna Bhajan: यशोमती मैया से बोले नंदलाला राधा क्यों गोरी मैं क्यों कालाYasomati Maiya se Bole Nandlala: हिंदू धर्म में भगवान श्री कृष्ण एक ऐसे देवता हैं जिन्हें पूर्णावतार माना जाता है। भगवान श्री कृष्ण की भक्ति जीवन के सभी दुखों और परेशानियों को पलक झपकते ही दूर करने वाली मानी जाती है।
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सलमान के ख़ास दोस्त यूलिया पढ़ रही हैं गीता, छिप कर जाती हैं मंदिर
सलमान के ख़ास दोस्त यूलिया पढ़ रही हैं गीता, छिप कर जाती हैं मंदिर
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Publish Date:Tue, 16 Oct 2018 07:03 PM (IST)
रूपेशकुमार गुप्ता, मुंबई l हिंदी फिल्मों में कदम रखने को तैयार यूलिया वेंतूर जल्द फिल्म ‘राधा क्यों गोरी मैं क्यों काला’ में नज़र आएंगी l यह उनकी पहली फिल्म होगी l
इस फिल्म के बारे में बताते हुए यूलिया ने कहा कि वह फिल्म में एक कृष्ण भक्त की भूमिका निभा रही हैं जिसके चलते वह गीता के अध्याय पढ़ रही हैं और इसके अलावा भारत की संस्कृति और सभ्यता…
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इस बॉलीवुड फिल्म से डेब्यू करेगी सलमान खान की गर्लफ्रेंड यूलिया वंतूर, खुद दी जानकारी यूलिया वंतूर (Iulia Vantur) बॉलीवुड में डेब्यू करने के लिए पूरी तरह से तैयार है| उनकी फिल्म 'राधा क्यों गोरी मैं क्यों काला' #bollywood#debut #salmankhan#actor #radhakyongorimainkyonkaala http://www.headlinehindi.com/entertainment-news-hindi/salman-khan-rumored-girlfriend-iulia-vantur-will-debut-radha-kyon-gori-main-kyon-kaala/?feed_id=14554&_unique_id=5f9c23de53f4a
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Rangtaari Lyrics in Hindi - English - LoveYatri - Dev Negi
Rangtaari Lyrics: A youth anthem song is sung by Dev Negi, features Yo Yo Honey Singh on his rap from Bollywood movie LoveYatri. The song is like a peppy and fun track, which is composed by Taniskh Bagchi and lyrics penned by Shabbir Ahmed. So let’s read the lyrics of this song in the below.
Rangtaari Lyrics - LoveYatri
Song: Rangtaari
Singer: Dev Negi
Rap Singer: Yo Yo Honey Singh
Music: Tanishk Bagchi
Rap Lyrics: Yo Yo Honey Singh & Hommie Dilliwala
Lyrics: Shabbir Ahmed
Movie: LoveYatri
Director: Abhiraj Minawala
Starring: Aayush Sharma, Warina Hussain,
Anshuman Jha, Ram Kapoor and Ronit Roy.
Rangtaari Lyrics in Hindi
हे हे हे… हे… हे
अरे यशोमति मैया से बोले नंद लाला
अरे राधा क्यों गोरी मैं क्यों काला
(आयेह)
अरे जा झूटी जा रे काहे आँखों से मारे
तेरी बेतुकी बातें पिया
जिया रे मेरा लूट ले रे
अरे आ पास आ रे काहे पल्लू तू झाडे
मुझे तेरा बना ले पिया
जिया रे मेरा लूट ले रे
यहाँ वहां कहीं तेरे जैसा कोई नही
तेरी मेरी लगे जोड़ी प्यारी
रंगतारि…
रंगतारि रंगतारि
तूने आँखें घुमा के जो मारी
रंगतारि रंगतारि
तूने आँखें घुमा के जो मारी
ओह होय…
यो यो हनी सिंह।
हालो रे… पुट योर हैंड्स उप
उठा लो रे…
से हालो
हालो रे… गरबा पार्टी बुला लो रे
से हालो
तोह क्या हुआ जो कन्हैया तेरा काला रे
��िल से लगा ले है बड़े दिल वाला रे
जल्दी कर दे हैं, क्यों बीच में टांगा है
नवरात्रि की रात मा से तुझको माँगा है
पल्लू सम्भाल गोरी उड़ी उड़ी जाए रे
धाम धाम बाजे बाजे
धाम धाम बाजे बाजे
आगे बढूं तू पीछे मुडी मुडी जाए रे
धाम धाम बाजे बाजे
धाम धाम बाजे बाजे
पल्लू सम्भाल गोरी उड़ी उड़ी जाए रे
आगे बढूं तू पीछे मुडी मुडी जाए रे
यहाँ वहां कहीं तेरे जैसा कोई नही
तेरी मेरी लगे जोड़ी प्यारी
रंगतारि… (शु वात चे…)
रंगतारि रंगतारि
तूने आँखें घुमा के जो मारी
रंगतारि रंगतारि
तूने आँखें घुमा के जो मारी
आये फोडी नाकि पेटी
आये फोटी नाकि तबलों
Rangtaari Lyrics
Hey hey hey… hey… hey
Arey Yashomati maiya se bole Nand lala
Arey Radha kyun gori Main kyun kaala
(Aayeah)
Arey ja jhooti ja re kaahe aankhon se maare
Teri betuki baatein piya
Jiya re mera loot le re
Arey aa paas aa re kaahe pallu tu jhaade
Mujhe tera bana le piya
Jiya re mera loot le re
Yahaan wahaan kahin tere jaisa koi nahi
Teri meri lage jodi pyaari
Rangtaari…
Rangtari Rangtari
Tune aankhein ghuma ke jo maari
Rangtari Rangtari
Tune aankhein ghuma ke jo maari
Oh hoy..
Yo Yo Honey Singh!
Haalo re.. put your hands up
Uthaa lo re…
Say haalo!
Haalo re.. Garba party bula lo re
Say haalo!
Toh kya hua jo Kanhaiya tera kaala re
Dil se laga le hai bade dil waala re
Jaldi kar de haan, kyun beech mein taanga hai
Navratri ki raat Maa se tujhko maanga hai
Pallu sambhal gori udi udi jaaye re
Dham dham baaje baaje
Dham dham baaje baaje
Aage badhun tu peeche mudi mudi jaaye re
Dham dham baaje baaje
Dham dham baaje baaje
Pallu sambhal gori udi udi jaaye re
Aage badhun tu peeche mudi mudi jaaye re
Yahaan wahaan kahin tere jaisa koi nahi
Teri meri lagi jodi pyaari
Rangtaari.. (shu vaat che…)
Rangtaari Rangtaari
Tune aankhein ghuma ke jo maari
Rangtaari Rangtaari
Tune aankhein ghuma ke jo maari
Aye phodi naaki peti
Aye phodi naaki tablo
from Blogger http://www.osm-lyrics.com/2020/06/rangtaari-lyrics-in-hindi-english.html
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‘राधा क्यों गोरी, मैं क्यों काला’ का हिस्सा नहीं होगी सोनाक्षी सिन्हा
‘राधा क्यों गोरी, मैं क्यों काला’ का हिस्सा नहीं होगी सोनाक्षी सिन्हा
बॉलीवुड डेस्क.रोमानिया की एक्ट्रेस और सलमान खान की खास दोस्त यूलिया वंतूर डायरेक्टर प्रेम सोनी की फिल्म ‘राधा क्यों गोरी, मैं क्यों काला’ से बॉलीवुड डेब्यू करने वाली हैं। इस फिल्म की अनाउंसमेंट पिछले साल हुई थी और इसे प्रेरणा अरोरा प्रोड्यूस करने वाली थीं। प्रेरणा के जेल जाने के बाद यह फिल्म फ्लोर पर नहीं जा पाई और फाइनेंशियल इश्यूज के चलते यह फिल्म अब तक शुरू नहीं हुई। अब इस फिल्म को लेकर चर्चा…
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#MeToo : 'राधा क्यों गोरी..' के निर्माताओं ने विक्की सिडाना से नाता तोड़ा
#MeToo : ‘राधा क्यों गोरी..’ के निर्माताओं ने विक्की सिडाना से नाता तोड़ा
लुलिया वंतूर की फिल्म ‘राधा क्यों गोरी मैं क्यों काला’ के निर्माताओं ने कास्टिंग डायरेक्टर विक्की सिडाना से नाता तोड़ लिया है। उन पर एक्ट्रेस कृतिका शर्मा ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। एक्ट्रेस कृतिका ने विक्की सिडाना पर वर्ष 2013 में उनके साथ दुष्कर्म करने के प्रयास का आरोप लगाया है। कई रपटों के मुताबिक, उन्होंने महाराष्ट्र सरकार के गृह मंत्रालय में एक आधिकारिक शिकायत दायर की है।
‘राधा क्यों…
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Hari Bol!
🔔"JAI JAI SRI SRI RADHA SHYAM SUNDAR KI" एक दिन की बात है, श्रीराधा यमुना तट पर जल भरने आई थीं। गोरी-गोरी छोटी-सी बालिका नीले रंग की साड़ी पहने अति आकर्षक लग रही थी। संयोग से कान्हा भी वहां आ गए। एक-दूसरे को देखकर दोनों ही अपनी सुध-बुध खो बैठे। कुछ देर बाद श्री श्याम सुंदर ने उन्हें अकेली देख पूछ ही लिया, ‘लली तुम कहां रहती हो?’ ‘हम बरसाना रहते हैं जी’ श्री राधा ने मधुर वाणी में उत्तर दिया। ‘तुम्हें आज से पहले कभी नहीं देखा, तुम किसकी पुत्री हो, अपना पूरा परिचय दो सुमुखी।’ श्रीकृष्ण के मुख मंडल की ओर निहारती हुई श्रीराधा कहने लगीं, मैंने अपने गांव का नाम तो बता ही दिया है, पिता का नाम श्री वृषभानुजी और माता का नाम है श्रीमती कीर्ती कुमारी। श्रीकृष्ण ने तुरंत ही कहा, ‘और तुम्हारा नाम राधा है।’ वंशीवारे के मुख से अपना नाम सुनकर राधा के हृदय की धड़कन बढ़ गई, उन्होंने कंपन युक्त स्वर में पूछा, तुम कौन हो जी और मेरा नाम कैसे जानते हो? मंद-मंद मुस्कान भरे मुख की खनखनाती वाणी में श्याम कहने लगे- तुम्हारे रूप और ऐश्वर्य की ख्याति सारे ब्रजमंडल में फैली हुई, ऐसा कोई अभागा ही होगा, जो तुम्हारे नाम से परिचित न हो। मैं श्री नंदरायजी का पुत्र कृष्ण हूं। कृष्ण का नाम सुनकर राधा कह उठीं, मैंने भी सुना था कि ब्रज में श्यामसुंदर नाम के एक बड़े चोर हैं। क्या तुम वही हो, जिसके नाम की चर्चा घर-घर में हो रही है। श्यामसुंदर ने हंसकर कहा, तुम भी मुझे चोर कहती हो, मैंने तुम्हारा क्या चुराया है? चोर तो ये हैं ही, इन्होंने प्रथम दृष्टि में मेरा मन चुरा लिया, परंतु सत्य को कैसे कहें यमुना किनारे दो चोर मिले हैं और जब एक ही जाति के दो जब मिलते हैं प्रीत होनी स्वाभाविक है। राधा बोलीं, हे श्यामसुंदर। अब मैं जाती हूं, राधा के मुख से ये वचन सुनकर कन्हैया विचलित हो गए। उन्होंने बड़े प्यार से कहा, अभी क्यों जाती हो राधा! आओ थोड़ी देर यमुना किनारे मिलकर खेलें। राधा ने सोचा, इसकी वाणी में कितना आकर्षण है, कितनी मोहकता है। राधा ने विनम्रतापूर्वक कहा, मुझे अब जाने दो मोहन, मेरी मां प्रतीक्षा कर रही होगी। मैं फिर कभी आऊंगी, इतना कहकर राधा जैसे ही घूमी, श्याम ने उसकी नीली चुनरी पकड़कर रोक लिया। राधा ने चुनरी छुड़ाने का कोई प्रयत्न नहीं किया, शंकित दृष्टि से इधर-उधर देखकर कहा, अब मुझे छोड़ दो, मैं कल फिर आऊंगी, परंतु एक बात है कोई बहाना बनाकर माताजी की आज्ञा लेनी होगी। यह तो बहुत सरल बात है। श्याम ने कहा सुनो राधा, तुम्हारा खिरक हमारे खिरक के पास में ही है, गौओं को दुहाने के बहाने आ जाना, राधा ने कहा मैं सब जानती हूं, आ जाऊंगी, अब मुझे जाने दो कान्हा। राधा ने अपना हाथ छुड़ाना चाहा तो कान्हा ने उसकी चुनरी खींच ली। राधा ने कहा, देखो नंदलाला तुम ऐसे छेड़छाड़ करोगे तो मैं फिर कभी नहीं आऊंगी। राधा की प्यार भरी धमकी से कृष्ण डर गए। उन्होंने भूल से चुनरी की जगह अपना पीताम्बर उन्हें उढ़ा दिया। आज दोनों ही एक-दूसरे से बातें करते हुए अपने तन-मन की सुधि भूल गए। राधा को पता ही न लगा कि उन्होंने अपनी चुनरी की जगह श्रीकृष्ण का पीताम्बर ओढ़ रखा है और कृष्ण भी नहीं जान पाए कि उन्होंने राधा की चुनरी ओढ़ रखी है। राधा रानी अपने घर की ओर भाग गर्इं और कन्हैया माता यशोदा के पास आ गए। मैया ने कान्हा को चुनरी ओढ़े देखा पूछा, तू किसकी ओढ़नी ओढ़ आया रे, मैं तो समझी कोई छोरी मेरे घर में आ गई। चोरी पकड़ी देख कन्हैया सिटपिटा गए और कहने लगे, मैया अपनी जो सांवली गैया है न, वह आज बिदक कर जैसे ही भागने लगी, एक गोरी-सी छोरी की चूनरी उसके सींगों में उलझ गई, उसे रोता देख मैंने अपना पीताम्बर उढ़ा दिया और गाय को रोककर चुनरी मैंने ले ली। मैया मैं उस छोरी को जानता हूं, कल दे आऊंगा। मैया ने कहा, बहुत अच्छा किया बेटा, अपने घर में पीताम्बर बहुत हैं, नया निकाल ले। कन्हैया ने नया पीताम्बर धारण कर लिया और चुनरी को छिपा कर रख दिया। उधर जैसे ही राधा ने घर में प्रवेश किया, मैया ने डांटना फटकारना प्रारंभ कर दिया। और जब बेटी के सिर पर पीताम्बर देखा तो मैया के क्रोध की सीमा नहीं रही, बहुत देर तक ताने मारने के बाद मैया जब शांत हुई तो राधा ने कहा, ‘मैया अब जरा मेरी भी सुन लो।’ मैया ने कहा ठीक है तू अपनी भी सुना। राधा ने कहा, ‘मैया मैं ललिता के साथ जब खिरक की ओर गई तो देखा चारों ओर गैयान के नीचे गोबर फैला पड़ा है, मैंने वह गोबर उठाकर वहां सफाई कर दी और फिर अपने हाथ-पैर धोने यमुना किनारे चली गई। मैया मैं जैसे ही जल में घुसने लगी, मैंने देखा एक काला सर्प मेरी ओर देख रहा है, मैं डरकर भागने लगी तो मेरी चुनरी जमुना में जा पड़ी और बह गई। मैं बाल-बाल बच गई मैया, नहीं तो वह काला सर्प आज मुझे डस ही लेता।’ मैया ने राधा को अपनी ओर खींचकर अपनी छाती से चिपटा लिया, राधा मैया की छाती में लिपटी हुई पुन: कहने लगी, मैया और सुन, ‘जब मैं डरकर भागने लगी तो सामने से एक सांवला-सा छोरा आ गया, मुझे नंगे सिर देख कहने लगा, अरे तू तो वृषभानु बाबा की छोरी है। ले मेरे पीताम्बर से अपना सिर ढक ले। मैंने परिचित जान उसका पीताम्बर लेकर ओढ़ लिया और सुन मैया, मुझे डरी हुई देखकर अपनी खिरक के पास तक छोड़ने भी आया था, कह रहा था कि उनकी खिरक भी पास में ही है।’ अपनी बेटी को सकुशल देख मैया बार-बार मुख चूमने लगीं। स्थिति अनुकूल जान राधा ने मैया से पूछा, मैया तुम जानती हो, वह कारो-सो छोरा कौन है, मुझसे बार-बार कह रहा था, हमारे घर खेलने आना, मैंने तो कोई जवाब नहीं दिया, चुपचाप अपने घर आ गई। मैया ने कहा बेटी, वह नंदबाबा का बेटा है, उसकी मैया यशोदा रानी मेरी सहेली है और उसका नाम है कृष्ण। बड़ा ही नटखट है, सारा ब्रज जानता है उसे। उनके यहा�� जाने में कोई बात नहीं है, अपना ही घर है। कल वहां खेलने चली जाना और एक नया पीताम्बर उसे दे आना। माता के मुख से अनुकूल वाणी सुन राधा प्रसन्न हो गर्इं। यही वह शुभ समय है, शुभ घड़ी है, जब श्रीराधा और श्रीकृष्ण की प्रेमलीला प्रारंभ हुई। माता के अनुकूल संकेत पर राधा जब भी इच्छा हो, जब भी अवसर मिलता, श्रीकृष्ण से मिलने जाने लगीं, उधर श्रीकृष्ण भी अनेक रूप धारण उनके अंत:पुर में चले जाते। इस प्रकार दोनों में स्नेह बढ़ने लगा, प्रेम में परस्पर कभी खेलने लगते, कभी-कभी झगड़ा भी कर बैठते थे। मान मनुहार होता और फिर यह मनुहार प्रणय रूप में परिणित हो गया। दोनों भिन्न होते हुए भी एक रूप हो गए। इनका प्रेम देखकर मैया बाबा ही नहीं, सारा ब्रजमंडल हर्षित हो गया। "JAI JAI SRI SRI RADHA SHYAM SUNDAR KI" 🔔 HARE KRISHNA! SUPRABHATAM!!
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