DA and Diwali Bonus: इस राज्य के सरकारी कर्मचारियों को दिवाली पर मिलेगा बोनस और महंगाई भत्ते की घोषणा,आदेश जारी कर दिया गया है
DA and Diwali Bonus: इस राज्य के सरकारी कर्मचारियों को दिवाली पर मिलेगा बोनस और महंगाई भत्ते की घोषणा,आदेश जारी कर दिया गया है
सरकारी कर्मचारियों के बाद दैनिक वेतनभोगियों को भी दिवाली का तोहफा देगी इस राज्य कि सरकार,बोनस और महंगाई भत्ते की घोषणा,आदेश जारी
उत्तर प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों के बाद दैनिक वेतनभोगियों को भी दिवाली का तोहफा दे दिया गया है। यूपी सरकार की ओर से दैनिक वेतनभोगियों के लिए दिवाली पर बोनस और महंगाई भत्ते की घोषणा की गई है। सरकार दिवाली पर इस साल सरकारी कर्मचारियों को 1184 रुपये बोनस देगी। वहीं, डीए…
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NPS Vatsalya Yojana: निर्मला सीतारमण 18 सितंबर को करेंगी शुरुआत, जानें लाभ और पात्रता
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 18 सितंबर को ‘एनपीएस-वात्सल्य योजना’ (NPS Vatsalya Yojana) की शुरुआत करने जा रही हैं। यह योजना राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के तहत एक नई पहल है, जिसका उद्देश्य देश के नागरिकों को सुरक्षित और सुनिश्चित भविष्य प्रदान करना है। इस योजना से वे लोग भी लाभान्वित होंगे, जो अपने रिटायरमेंट के लिए एक स्थिर और दीर्घकालिक निवेश विकल्प की तलाश कर रहे हैं।
योजना का उद्देश्य
NPS…
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Unified Pension Scheme (U.P.S.) की जानकारी-
केन्द्र सरकार द्वारा जारी UPS( एकीकृत पेंशन योजना) की श्रोतों द्वारा अर्जित की गई जानकारी निम्नलिखित है-
कैबिनेट ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) में सुधार के लिए एकीकृत पेंशन योजना (UPS) की शुरुआत को मंजूरी दे दी है। सरकारी कर्मचारी मांग करते रहे हैं कि उन्हें अपनी पेंशन में निश्चितता की आवश्यक���ा है, विशेष रूप से पेंशन, पारिवारिक पेंशन और न्यूनतम पेंशन । जबकि सरकार इन चिंताओं को पूरी तरह समझती है, सरकार की आम नागरिक के हितों की रक्षा करने की भी जिम्मेदारी है ताकि भविष्य में पेंशन के कारण उन पर उच्च करों का भारी बोझ न पड़े। इसे ध्यान में रखते हुए, सरकार ने मौजूदा एनपीएस की समीक्षा करने और मामले में सिफारिशें करने के लिए वित्त सचिव की अध्यक्षता में एक समिति नियुक्त की थी। समिति ने राज्य सरकारों के साथ-साथ कर्मचारियों के प्रतिनिधियों से परामर्श किया और संघों, विशेषज्ञों आदि के सुझावों पर विचार किया। समिति ने अंतरराष्ट्रीय अनुभव को भी देखा और भारतीय रिजर्व बैंक से परामर्श किया। कमेटी ने अब अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। यूपीएस समिति की सिफारिशों पर आधारित है और समिति की सिफारिशों पर राष्ट्रीय संयुक्त सलाहकार मशीनरी परिषद (जेसीएम) के कर्मचारी पक्ष के माध्यम से कर्मचारियों के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा की गई। कर्मचारी प्रतिनिधियों ने व्यापक सहमति बनाने के लिए समिति को बहुमूल्य सुझाव दिये। यूपीएस की व्यापक रूपरेखा में निम्नलिखित शामिल हैं:-
1-जिन कर्मचारियों के पास पर्याप्त सेवा है, उन्हें पेंशन के रूप में उनके पिछले 12 महीनों के मूल वेतन का औसत वेतन कम से कम 50% सुनिश्चित पेंशन मिलेगी।2-कम से कम 10 साल की सेवा वाले कार्मिकों को न्यूनतम 10,000 रुपये प्रति माह पेंशन दी जाएगी।
3- जीवनसाथी को पारिवारिक पेंशन पेंशन का 60% धनराशि के रूप में दिया जाएगा।
4-सुनिश्चित पेंशन, न्यूनतम पेंशन और पारिवारिक पेंशन पर महंगाई राहत दी जाएगी न कि मंहगाई भत्ता।
5-इसके अतिरिक्त, सेवानिवृत्ति के समय एकमुश्त धनराशि प्रदान की जाएगी।
6. स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) के मामले में अभी नियम और इसका मूल ढांचा तैयार न होने तक स्थिति पूर्ण रूप से स्पष्ट नहीं हो पा रही है कि किसी कर्मचारी द्वारा VRS लेने के उपरांत उसे पेंशन तत्काल मिलना प्रारंभ होगा अथवा उसके वास्तविक सेवानिवृत की दिनांक के पश्चात अर्थात कितने वर्ष पश्चात उसे पेंशन देना प्रारंभ किया जाएगा।
7. कर्मचारियों के वेतन से दिया जा रहे अंशदान में कोई बढ़ोतरी नहीं होगी बल्कि केंद्र सरकार अपना अंशदान 18.5 % कर देगी, जो लोग एनपीएस के तहत पहले ही सेवानिवृत्त हो चुके हैं वे भी इस लाभ के पात्र होंगे। ऐसे पूर्व सेवानिवृत्त लोगों को उनके द्वारा पहले ही की गई निकासी को समायोजित करने के बाद बकाया का भुगतान किया जाएगा।
योजना का विवरण और पात्रताएं नीचे दी गई हैं-
1- कर्मचारी के योगदान (मूल वेतन + डीए) के 10% पर कटौती जारी रहेगी।
2- सरकारी योगदान वर्तमान 14% से बढ़कर 18.5% हो जाएगा।
पेंशन कोष दो फंडों में बांटा जाएगा-
2 (A) - एक व्यक्तिगत पेंशन निधि जिसमें कर्मचारी का योगदान (मूल वेतन और डीए का 10%) और समान सरकारी योगदान जमा किया जाएगा।
2(B) - अकेले अतिरिक्त सरकारी योगदान के साथ एक अलग पूल कॉर्पस (सभी कर्मचारियों के मूल और डीए का 8.5%)
2(C) -कर्मचारी अकेले व्यक्तिगत पेंशन कोष के लिए निवेश का विकल्प चुन सकता है। कर्मचारी सुनिश्चित पेंशन में आनुपातिक कटौती के साथ व्यक्तिगत पेंशन कोष का 60% तक निकाल सकता है।
2(D) -सुनिश्चित पेंशन पीएफआरडीए द्वारा अधिसूचित निवेश पैटर्न के 'डिफ़ॉल्ट मोड' पर आधारित होगी और व्यक्तिगत पेंशन कॉर्पस के पूर्ण वार्षिकीकरण पर विचार किया जाएगा। यदि बेंचमार्क वार्षिकी सुनिश्चित वार्षिकी से कम है, तो कमी को पूरा किया जाएगा। यदि व्यक्तिगत कर्मचारी कोष सुनिश्चित वार्षिकी (कर्मचारी द्वारा चुने गए निवेश विकल्प के आधार पर) से अधिक उत्पन्न करता है, तो कर्मचारी ऐसी उच्च वार्षिकी का हकदार होगा। हालाँकि, यदि उत्पन्न वार्षिकी डिफ़ॉल्ट मोड से कम है, तो यूपीएस के माध्यम से सरकार द्वारा प्रदान किया गया टॉप अप बेंचमार्क वार्षिकी तक सीमित होगा।
2(E) - न्यूनतम 25 वर्ष की अर्हक सेवा के लिए पूर्ण सुनिश्चित पेंशन उपलब्ध होगी। कम सेवा के लिए, कम से कम 10 वर्षों से शुरू करके, आनुपातिक सुनिश्चित पेंशन दी जाएगी।
2(F) -कर्मचारियों के पास यूपीएस चुनने का विकल्प होगा। यदि कोई कर्मचारी चाहे तो एनपीएस को जारी रखना चुन सकता है।
यूपीएस 01.04.2025 से प्रभावी होगा। आवश्यक प्रशासनिक/कानूनी सहायता ढांचा स्थापित किया जाएगा, इस योजना को राज्य सरकारें भी अपना सकती हैं। इससे 90 लाख से अधिक कर्मचारियों (23 लाख केंद्र सरकार के कर्मचारी, केंद्रीय स्वायत्त निकायों के 3 लाख कर्मचारी और राज्य सरकारों के 56 लाख कर्मचारी और राज्य सरकारों द्वारा अपनाए जाने पर राज्य स्वायत्त निकायों के 10 लाख कर्मचारी) को लाभ होने की उम्मीद है कर्मचारियों को लाभ पहुंचाने के साथ-साथ यह आम नागरिकों के कल्याण की भी रक्षा करेगा क्योंकि यह योजना पूरी तरह से वित्त पोषित होगी, यानी सरकार हर साल अपना योगदान पूरी तरह से भुगतान करेगी और पेंशन व्यय को स्थगित नहीं करेगी, इस प्रकार नागरिकों की भावी पीढ़ियों के लिए वित्तीय कठिनाई को रोका जा सकेगा।
इस लेख की कुछ जानकारी श्रवण कुमार कुशवाहा जी के पत्र से भी ले गई है अतः उनका बहुत बहुत आभार
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EPS 95 Pension: क्या हमें मिलेगी ज्यादा पेंशन? आई पॉजिटिव खबर, 78 लाख पेंशनर्स का मामला
ईपीएस-95 एनएसी ने न्यूनतम पेंशन को बढ़ाकर 7,500 रुपये प्रति माह करने की मांग की है, जिसमें महंगाई भत्ता और पेंशनभोगी के जीवनसाथी के लिए मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाएं शामिल हों।
पेंशनभोगियों के संगठन ईपीएस-95 राष्ट्रीय आंदोलन समिति (एनएसी) ने शुक्रवार को कहा कि सरकार ने अधिक पेंशन की मांग पर विचार करने का आश्वासन दिय��� है। ईपीएस-95 योजना के करीब 78 लाख पेंशनभोगी न्यूनतम मासिक पेंशन बढ़ाकर 7,500 रुपये…
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रिटायरमेंट के बाद पेंशन का लाभ पाने के लिए अभी से इन स्कीमों में निवेश करना करें शुरू : Pension Scheme for Investment
News Desk | Pension Scheme for Investment : नौकरी के साथ साथ भविष्य की प्लैनिंग कर लेना भी काफी जरूरी हो जाता है क्युकी जब रिटायरमेंट का समय आता है उसके बाद आप फिर से नौकरी नहीं कर सकते है क्युकी तब तक आपकी आयु 60 वर्ष तक हो जाती है और इस उम्र में ज्यादा काम नहीं किया जा सकता है ऐसे में यह जरूरी हो जाता है की रिटायरमेंट के बाद पैसों का लाभ पाते रहने के लिए नौकरी के साथ निवेश करना शुरू कर देना चाहिए ।
इन स्कीमों में निवेश कर मिलेगा पेंशन का लाभ
रिटायरमेंट के बाद पेंशन का लाभ पाने के लिए आप बताए गए स्कीम में निवेश कर सकते है जो की खास तौर पर पेंशन का लाभ देने के लिए बनाया गया है जिसमे आप अटल पेंशन स्कीम से लेकर नेशनल पेंशन स्कीम तक निवेश कर सकते है ।
नेशनल पेंशन योजना में प्राइवेट कर्मचारी भी कर सकते है निवेश
नेशनल पेंशन स्कीम का लाभ पहले केवल सरकारी कर्मचारियों को दिया जाता था लेकिन अब इसका लाभ प्राइवेट क्षेत्र में काम कर रहे लोगों को भी दिया जाता है इस स्कीम में 18 से लेकर 70 वर्ष की आयु तक निवेश कर सकते है जिसमे निवेश किए गए पैसे में 60 फीसदी पैसे का लाभ पहले दे दिया जाता है बाकी 40 फीसदी पैसे का लाभ आपको आपके रिटायरमेंट के समय में पेंशन के रूप में दिया जाता है ।
राष्ट्रीय पेंशन योजना के फ्रेमवर्क पर आधारित पेंशन योजना
सरकार ने नौकरी पेशे व्यक्तियों के लिए अटल पेंशन योजना कि शुरुआत की थी जो की राष्ट्रीय पेंशन योजना के फ्रेमवर्क पर आधारित है इस योजना में 60 वर्ष की आयु तक निवेश कर सकते है जिसमे आपके निवेश किए गए पैसे के आधार पर आपको 1000 रुपए से लेकर 5000 रुपए तक की राशि रिटायरमेंट के समय पर पेंशन के रूप में दी जाती है ।
कर्मचारियों का बनाया जाता पीएफ अकाउंट पेंशन के लिए
नौकरी पेशे व्यक्तियों का कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के द्वारा पीएफ अकाउंट बनाया जाता है जिसमे कर्मचारियों के वेतन का 12% हिस्सा इस पेंशन में निवेश किया जाता है कर्मचारी जितने पैसे का निवेश करते है उतने ही पैसे का निवेश आपकी कंपनी आपके अकाउंट में करती है जिससे की निवेश की रकम डबल हो जाती है जिसका लाभ आपको आपके रिटायरमेंट के समय पर दिया जाता है ।
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विकसित भारत संकल्प यात्रा कार्यक्रम में लोगों जनकल्याणकारी योजनाओं की दी गयी जानकारी
सिद्धार्थनगर। खुनियांव विकास खण्ड अन्तर्गत ग्राम पंचायत धौरहरा मय प्रसादी खात में गुरूवार को विकसित भारत संकल्प यात्रा के तहत कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को जानकारी दी गयी।
विकसित भारत संकल्प यात्रा कार्यक्रम में खण्ड विकास अधिकारी राकेश कुमार शुक्ल एवं सहायक विकास अधिकारी पंचायत विकास चौधरी तथा अन्य विभाग के कर्मचारियों ने अपने विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दिया। कार्यक्रम में उपस्थित ग्रामवासियों को केंद्र सरकार व राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं के बारे में बताया गया।
कार्यक्रम में प्रोजेक्टर लगाकर प्रधानमंत्री जी के कार्यक्रम को लोगों ने लाइव देखा और सीख लिया। विकसित भारत संकल्प यात्रा कार्यक्रम के अंतर्गत मेरी कहानी, मेरी जुबानी के क्रम में लाभार्थियों ने योजना से मिले लाभ से अपने जीवन में आए परिवर्तन एवं उन्नति का अनुभव सभी से साझा किया।
कार्यक्रम में खण्ड विकास अधिकारी राकेश कुमार शुक्ल तथा सहायक विकास अधिकारी पंचायत विकास चौधरी ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मि��न, ग्रामीण एवं शहरी स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस, मनरेगा, किसान सम्मान निधि, विधवा, वृद्धा पेंशन, स्मार्ट कार्ड, प्रधानमंत्री तथा मुख्यमंत्री आवास आदि भारत सरकार एवं प्रदेश सरकार द्वारा चलायी जा रही विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे में लोगों को क्रमवार विस्तार से जानकारी दिया।
कैंप में लोगों को निशुल्क दवाएं दी गयी। इस अवसर पर एडीओआईएसबी जगनारायण चौधरी, सचिव हरेंद्र नाथ पाण्डेय, सचिव यशवंत यादव, सचिव सईदुल्ला, ग्राम प्रधान परमात्मा, बोरिंग टेक्नीशियन पंकज चौधरी, खंड प्रेरक सदानंद, कृषि विभाग, हेल्थ डिपार्मेंट, पशुपालन विभाग, एनआरएलएम से अजय अभिषेक सहित भारी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे।
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पी.बी.आर.पी. एकेडमी जसवंतपुर में मिशन शक्ति के तहत हुआ खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन
मिशन शक्ति के तहत कार्यक्रम का आयोजन बड़े ही जोश के साथ हुआ
पी.बी.आर.पी. एकेडमी जसवंतपुर में मिशन शक्ति के तहत कार्यक्रम का आयोजन बड़े ही जोश के साथ हुआ ।कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय के प्रबंधक इंजी. दिनेश कुमार पांडे की उपस्थिति में हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता आयना थाना के SHO राजकुमार सिंह ने अपनी टीम के साथ की । उनकी एवं उनकी टीम की गरिमामई उपस्थिति से छात्र -छात्राओं में हर्षोल्लास का ठिकाना ना रहा । थाना अयाना से आई महिला पुलिसकर्मी सविता , लवली एवं निले��� का पूर्ण सहयोग रहा।उन्होंने महिलाओं और बच्चियों के साथ होने वाले अपराधो और उनके उत्पीड़न की रोकथाम के लिए चलाए जा रहे अभियान मिशन शक्ति के तहत सार्वजनिक स्थलों पर जैसे चौराहे ,बाजार, कॉलेज, कोचिंग संस्थान अन्य सार्वजनिक स्थलों को असामाजिक तत्वों से मुक्त कराए जाने, महिलाओं और बालिकाओं के साथ राह चलते छेड़खानी, अभद्रता,अश्लील प्रदर्शन तथा अभद्र टिप्पणियां आदि की घटनाओं को रोकने के लिए जागरूक किया गया। वही खेलकूद प्रतियोगिता के तहत कबड्डी प्रतियोगिता में मोनिका गुर्जर की विजयी टीम ने अपनी प्रतिद्वंद्वी टीम के हौसले को परास्त कर विजय प्राप्त की।
उन्होंने मिशन शक्ति के तहत सशक्त नारी सशक्त प्रदेश का संदेश प्रेषित किया , जिसमें उन्होंने अनेक पहलुओं जैसे कन्या सुमंगला योजना, निराश्रित महिला पेंशन योजना, बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंट सखी योजना, राष्ट्रीय पोषण मिशन आदि योजनाओं के विषय में प्रत्येक पहलुओं को विस्तार से छात्र -छात्राओं को अवगत कराया।
उन्होंने लाभार्थियों की पात्रता, अनुदान राशि, आवेदन प्रक्रिया आदि की भी जानकारी देते हुए छात्र-छात्राओं को इस मिशन के प्रचार प्रसार को बेहतर करने के लिए सहयोग की आकांक्षा व्यक्त की तथा यातायात नियमों को बताते हुए उन्हें पालन करने व करवाने के लिए शपथ दिलाई। इस अवसर पर विद्यालय के प्रबंधक इंजी. दिनेश कुमार पांडे, प्रधानाचार्य श्याम पाठक,एवं शिक्षक शिक्षिकाएं मौजूद रहे।
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Pradhan Mantri Kusum Yojana | Mandi Rate
कुसुम योजना भारत सरकार द्वारा स्थापित एक राष्ट्रीय पेंशन योजना है जो सभी विधवा महिलाओं के लिए है। यह योजना उन महिलाओं के लिए है जो विधवा हो गई हैं और उनके पास कोई स्रोत आय नहीं है। योजना के तहत, उन विधवाओं को आर्थिक मदद दी जाती है जो अपने पति के निधन के बाद आर्थिक रूप से कमजोर हो जाती हैं।
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#MNTvLive पुरानी पेंशन योजना बहाली को लेकर चल रहे आंदोलन व उसके समाधान पर विशेष चर्चा सत्र. दि.19 मार्च 2023, शाम ठिक 7 बजे(IST) #MNTv के फेसबुक पेज पर सीधा प्रसारण. सहभाग - 1) मा.चौधरी विकास पटेल, राष्ट्रीय अध्यक्ष, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा, नई दिल्ली. 2) प्रा.गोरखनाथ वेताल, राष्ट्रीय प्रभारी, प्रोटॉन, नई दिल्ली. 3) मा.विक्की बेलखोडे, राष्ट्रीय संयोजक, भारतीय बेरोजगार मोर्चा, नई दिल्ली. 4) मा.राजेंद्र राजदिप, राज्य अध्यक्ष, राष्ट्रीय मूलनिवासी बहुजन कर्मचारी संघ, महाराष्ट्र. 5) मा.श्रीकांतदादा होवाळ, राज्य अध्यक्ष, बहुजन मुक्ति पार्टी, महाराष्ट्र. #BanEVM #EVM_हटाओ_लोकतंत्र_बचाओ #BanEVM_SaveDemocracy #BanEVM_SaveFarmers #EVM_हटाओ_किसान_बचाओ_देश_बचाओ https://www.instagram.com/p/Cp-B-3EM4hi/?igshid=NGJjMDIxMWI=
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राजस्थान विधानसभा में बजट पर चर्चा के दौरान दिए गए जवाब में कहा कि राज्य सरकार के कुशल वित्तीय प्रबंधन से बजट 2023-24 में युवा, शिक्षा, चिकित्सा, कृषि, सड़क, सामाजिक सुरक्षा, पेंशनधारियों सहित हर क्षेत्र के सर्वोंगीण विकास के लिए घोषणाएं की गई हैं। बजट की पूरे देश में चर्चा और सराहना हो रही है। सभी घोषणाएं निश्चित रूप से धरातल पर उतरेगी। इस बजट डॉक्यूमेंट को हर राज्य के मुख्यमंत्री को भेजा जा रहा है, ताकि वे इसे आधार मानकर आमजन को लाभ पहुंचा सके। हमारे वित्तीय प्रबंधन से ही राजस्थान देश में जीडीपी की विकास दर में भी दूसरे स्थान पर आ गया है। बजट चर्चा का जवाब देते हुए आगामी वर्ष में 1 लाख भर्तियों की भी घोषणा की।
राज्य सरकार समावेशी बजट, कुशल वित्तीय प्रबंधन और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के बढ़ते दायरे के कारण प्रति व्यक्ति आय में बढ़ोतरी हुई है। प्रति व्यक्ति आय को बढ़ाने के लिए सतत प्रयास कर रहे हैं। बताया कि वर्ष 2022-23 में राज्य की प्रति व्यक्ति आय 1 लाख 56 हजार 149 रही, जो कि गत वर्ष से 14.85 प्रतिशत अधिक है। पिछले 11 वर्षों में प्रति व्यक्ति आय में सर्वाधिक वृद्धि गत वर्ष 18.10 प्रतिशत और इस वर्ष 14.85 प्रतिशत रही है। राजस्थान की प्रति व्यक्ति आय में पिछले 4 वर्षाें में 10.01 प्रतिशत की औसत वृद्धि हुई है, जबकि अखिल भारतीय स्तर पर यह वृद्धि 7.89 प्रतिशत ही रही है।
गत 3 वर्षों में राजस्थान अन्य राज्यों की तुलना में सर्वाधिक प्रति व्यक्ति आय वाले पिछडे़ राज्यों से निकलकर अग्रणी राज्यों में खड़ा हो गया है। सांख्यिकी कार्यक्रम इम्प्लीमेंटेशन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा अगस्त, 2022 में जारी विभिन्न राज्यों की जीएसडीपी के अनुसार विभिन्न राज्यों में गत 10 वर्षों में रही वृद्धि दर के विश्लेषण से स्पष्ट होता है कि सर्वाधिक प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि वाले राज्यों में राजस्थान का स्थान अग्रणी रहा है।
पिछली सरकार के समय में वर्ष 2016-17 में 21वें, वर्ष 2017-18 में 30वें और वर्ष 2018-19 में 19वें स्थान पर रहा था। वहीं, राज्य सरकार की कुशल आर्थिक नीतियों के कारण सर्वाधिक प्रति व्यक्ति आय वाले राज्यों में राजस्थान वर्ष 2019-20 में 12वें, वर्ष 2020-21 में 10वें और वर्ष 2021-22 में 9वें स्थान पर रहा है। पूर्ववर्ती सरकार द्वारा 5 साल के कार्यकाल में शिक्षा, खेल, स्वास्थ्य, परिवार कल्याण, जल एवं स्वच्छता, सामाजिक सुरक्षा एवं सेवाएं, सड़क एवं पुल आदि क्षेत्रों में कुल 3,06,479.23 करोड़ रुपए खर्च किए। वहीं, वर्तमान सरकार द्वारा 2,26,280 करोड़ रुपए अधिक खर्च किए गए है।
13 जिलों की जनता के लिए पानी उपलब्धता के लिए ईआरसीपी में 13 हजार 500 करोड़ रुपए का बजट आवंटन किया गया है। प्रधानमंत्री ने हाल ही ईआरसीपी में राजस्थान-मध्यप्रदेश को शामिल कर नया विषय खड़ा कर दिया गया है। कर्नाटक में 21 हजार 450 करोड़ रुपए के ऊपरी भद्रा प्रोजेक्ट को हालांकि राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा तो नहीं दिया, लेकिन केंद्र द्वारा 5300 करोड़ रुपए देने का प्रावधान किया गया है। वहीं, राजस्थान को इस संबंध में राहत प्रदान नहीं की गई। वहीं, केंद्र सरकार की प्रस्तावित योजना में 2 लाख हैक्टेयर जमीन की सिंचाई के लिए पानी नहीं मिलेगा।
मानवीय दृष्टिकोण से पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) लागू की। इस बजट में बोर्ड, निगम सहित सभी के लिए ओपीएस की घोषणा की गई है। इससे कार्मिकों का भविष्य सुरक्षित होगा और उनकी चिंताएं दूर होंगी। राज्य सरकार द्वारा बजट में लम्पी रोग में अकाल मृत्यु प्राप्त गायों के परिवारों को 40 हजार रुपए प्रति गाय दिए जाने का प्रावधान किया गया है। साथ ही प्रति परिवार 2-2 दुधारू पशुओं का बीमा किया है। गत सरकार द्वारा 4 साल में 143 करोड़ रुपए का अनुदान दिया गया, जबकि वर्तमान में 2313 करोड़ रुपए का अनुदान दिया जा रहा है।
केंद्र सरकार ने हर क्षेत्र के बजट में कटौती की है। पर्यावरण वानिकी में 40 प्रतिशत, सीमा क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम में 71.73 प्रतिशत, राष्ट्रीय शिक्षा मिशन में 17.54 प्रतिशत, स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण में 30.47 प्रतिशत, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में 32.90 प्रतिशत, पशुधन सहायक और रोग नियंत्रण कार्यक्रम में 30 प्रतिशत, प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य मिशन में 71.19 प्रतिशत, महात्मा गांधी नरेगा योजना में 32.88 प्रतिशत की लगभग कटौती की गई। इसके साथ ही मिड-डे मील में लगभग 10 प्रतिशत, यूरिया सब्सिडी में 14 प्रतिशत, अनुसंधान में 13 प्रतिशत, आईसीडीएफ में 38 प्रतिशत, एनएफएसए में 17 प्रतिशत, इलेक्ट्रोनिक एवं आईटी हार्डवेयर में 41 प्रतिशत, अटल पेंशन योजना में 28 प्रतिशत, पवन ऊर्जा में 14 प्रतिशत, आत्म निर्भर भारत रोजगार योजना में 7 प्रतिशत की लगभग कटौती की गई है।
केंद्र का सकल कर 33 लाख 52 हजार 79 करोड़ रुप�� है। इसका राज्यों को देय 41 प्रतिशत यानी 13 लाख 74 हजार 352 करोड़ रुपए होता है। यह राज्यों में वितरित होना चाहिए, जबकि केंद्र द्वारा 30 से 33 प्रतिशत हिस्सा ही राज्यों को हस्तांतरित किया जाता है। इसमें राजस्थान का हिस्सा लगभग 6.026 प्रतिशत है, जिसमें 82 हजार 818 करोड़ रुपए राजस्थान को मिलने चाहिए। केंद्रीय बजट वित्तीय वर्ष 2023-24 में राजस्थान के लिए 61 हजार 552 करोड़ रुपए रखा गया। इसमें राजस्थान को 21 हजार 266 करोड़ रुपए कम मिलेंगे। इसके लिए पक्ष-विपक्ष को मिलकर राजस्थान के हित में केंद्र सरकार से मांग करनी चाहिए।
15वें वित्त आयोग ने राज्यों का हिस्सा 32 प्रतिशत से 42 प्रतिशत बढ़ाया, लेकिन केंद्र सरकार द्वारा राज्यों का हिस्सा कम दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पहले राष्ट्रीय खाद सुरक्षा मिशन में केंद्र का शेयर 100 प्रतिशत था, जिसे अब राज्य का 40 और केंद्र का 60 प्रतिशत कर दिया गया है। इसी प्रकार, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में केंद्र पर 100 प्रतिशत शेयर को अब 40ः60, समेकित बाल विकास सेवाएं में 10ः90 को अब 40ः60, प्रोजेक्ट टाइगर में 15ः85 को 40ः60, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन में 25ः75 को 40ः60, मरूस्थलीय क्षेत्रों में सिंचाई निर्माण में 10ः90 को अब 40ः60, इंदिरा गांधी नहर परियोजना में 25ः75 को अब 50ः50, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में 25ः75 को अब 40ः60, समेकित महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम में 0ः100 को अब 40ः60 और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में 0ः100 शेयर पैटर्न को अब 40ः60 प्रतिशत कर दिया गया है।
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निर्माण श्रमिकों हेतु संचालित कल्याणकारी योजनाएं की सूची
60 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके कामगारों को 1,000 प्रति माह की दर से पेंशन तथा 65 वर्ष की आयु होने पर 1,500 प्रति माह की पेंशन दी जाएगी। पेंशनभोगी की मृत्यु की दशा में पारिवारिक पेंशन उत्तरजीवी पति या पत्नी को 500 प्रति माह।
कामगारों को मकान की खरीद ⁄ निर्माण हेतु 50,000 रुपये तक अग्रिम ऋण राशि की सुविधा बोर्ड द्वारा विनर्नदिष्ट शर्तों के अधीन। भवन क्रय ⁄ निर्माण हेतु अग्रिम ऋण प्राप्त करने के लिए कर्मकार को पांच वर्षों से निधि का सदस्य होना तथा अधिवर्षता आयु से कम से कम 15 वर्ष का समय शेष होना आवश्यक है। इस ऋण पर कम से कम 5% वार्षिक दरसे ब्याज भी देय है।
लकवा, कुष्ठरोग अथवा दुर्घटना आदि के कारण स्थायी रूपसे निःशक्तता पर 1,000 प्रतिमाह की दर से निःशक्तता पेंशन तथा 40,000 रुपये तक की अनुग्रह राशि।
नियोजन (कार्य के दौरान) दुर्घटना में मृत्यु होने पर 5,00,000 तथा सामान्य मृत्यु होने की दशा में मृतक कर्मकार के नामितों ⁄ आश्रितों को 2,00,000 रुपये की आर्थिक सहायता।
अन्त्येष्टि संस्कार के खर्च के लिए मृतक कर्मकार के नामितों ⁄ आश्रितों को 10,000 की सहायता, बोर्ड द्वारा विर्निदिष्ट शर्तों के अधीन।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (National Health Insurance Scheme) के अन्तर्गत चिकित्सा सहायता तथा योजना के अन्तर्गत देय प्रीमियम का भुगतान बोर्ड की निधि से किया जाएगा।
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Aligarh News:18 जनवरी को निकलेगी तिरंगा यात्रा, नई पेंशन योजना में कटौती का होगा विरोध - Tiranga Yatra For New Pension Yojana On January 18
Aligarh News:18 जनवरी को निकलेगी तिरंगा यात्रा, नई पेंशन योजना में कटौती का होगा विरोध – Tiranga Yatra For New Pension Yojana On January 18
उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के पदाधिकारी
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
नई पेंशन योजना में कटौती के विरोध में उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ शाखा अलीगढ़ के बैनर तले 18 जनवरी को तिरंगा यात्रा निकलेगी। यह यात्रा नुमाइश मैदान में गांधी चौक से निकलेगी।
रविवार को शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. प्रशांत शर्मा ने पत्रकारों को बताया कि 18 जनवरी को दोपहर 12 बजे…
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एनसीजीजी, मसूरी में आज अरुणाचल प्रदेश,बंगलादेश और मालदीव के सिविल सेवकों के लिए सुशासन पर पहले क्षमता निर्माण कार्यक्रम की शुरुआत
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एनसीजीजी, मसूरी में आज अरुणाचल प्रदेश,बंगलादेश और मालदीव के सिविल सेवकों के लिए सुशासन पर पहले क्षमता निर्माण कार्यक्रम की शुरुआत
देहरादून / आज बांग्लादेश, मालदीव और अरुणाचल प्रदेश के सिविल सेवकों के लिए दो सप्ताह का क्षमता निर्माण कार्यक्रम का उद्घाटन आज मसूरी स्थित राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी) में किया गया। इसमें बांग्लादेश (56वें बैच) के 39 प्रतिभागी, मालदीव (20वें बैच) के 26 प्रतिभागी और अरुणाचल प्रदेश के पहले क्षमता निर्माण कार्यक्रम में 22 प्रतिभागी शामिल हुए। यह कार्यक्रम सिविल सेवकों को उनके ज्ञान और कौशल को उन्नत करने में मदद करेगा, जिससे वे नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए विभिन्न नीतियों और कार्यक्रमों के कार्यान्वयन में तेजी ला सकें। इस कार्यक्रम को वैज्ञानिक रूप से भागीदारी के रूप में विकसित किया गया है, जिससे सिविल सेवकों को आम लोगों तक निर्बाध सार्वजनिक सेवाएं प्रदान करने के लिए समर्थ बनाया जा सके।
कार्यक्रम की अवधारणा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के विजन और ‘पड़ोसी पहले’ वाली नीति के अनुरूप है, जिसे आगे बढ़ाते हुए एनसीजीजी ने विदेश मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से बांग्लादेश और मालदीव के सिविल सेवकों के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम की शुरूआत की है। उत्तर पूर्व और सीमावर्ती राज्यों में शासन और सार्वजनिक सेवा वितरण में और ज्यादा सुधार लाने के लिए, केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी एवं पृथ्वी विज्ञान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्यमंत्री, डॉ जितेंद्र सिंह ने अरूणाचल प्रदे��� के सिविल सेवकों के लिए विशेष कार्यक्रम का आयोजन करने का निर्देश दिया है। एनसीजीजी पहले से ही जम्मू और कश्मीर के सिविल सेवकों के लिए इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है, जिसे बड़ी सफलता प्राप्त हो रही है। एनसीजीजी ने 2024 तक मालदीव के 1,000 सिविल सेवकों की क्षमता निर्माण के लिए सिविल सेवा आयोग, मालदीव के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है जबकि 2024 तक 1,800 सिविल सेवकों के क्षमता निर्माण के लिए बांग्लादेश सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है। पहली बार, अरुणाचल प्रदेश के सिविल सेवकों को भी 2022 में हस्ताक्षर किए गए समझौता ज्ञापन के अनुसार एनसीजीजी के क्षमता निर्माण कार्यक्रम के अंतर्गत प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता श्री भरत लाल, राष्ट्रीय सुशासन केंद्र के महानिदेशक ने की। अधिकारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने प्रभावी सार्वजनिक सेवाएं प्रदान करने पर बल दिया। उन्होंने एक सक्षम माहौल तैयार करने के लिए सिविल सेवकों की भूमिका के बारे में विस्तार से बताया, जहां प्रत्येक नागरिक के साथ समान रूप से व्यवहार किया जाता है और गुणवत्तापूर्ण सार्वजनिक सेवाओं तक उनकी पहुंच होती है। उन्होंने सुशासन मॉडल का भी उदाहरण प्रस्तुत किया, जिसके माध्यम से नागरिकों को पेयजल, बिजली, स्वच्छ रसोई गैस कनेक्शन तक पहुंच और त्वरित इंटरनेट कनेक्शन जैसी निर्बाध सेवाएं प्रदान करने में सहायता प्राप्त हुई है। उन्होंने प्रधानमंत्री के इस बात को बल देकर रेखांकित किया कि ‘कोई भी न छूटे’। महानिदेशक ने कहा कि सुशासन में नवाचार और नए प्रतिमान स्थापित करने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करना और नवाचारों को लाना बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने प्रतिभागियों से आग्रह किया कि वे इस कार्यक्रम से प्राप्त शिक्षा का उपयोग करें और अपनी स्वयं की कार्य योजना तैयार करें, जिसे वे संबंधित देशों/ राज्यों में अपने कार्य क्षेत्रों में लागू करना चाहते हैं।
बांग्लादेश, मालदीव और अरुणाचल प्रदेश के सिविल सेवकों के लिए इस 2 सप्ताह के कार्यक्रमों में, सिविल सेवक विभिन्न विषयों पर विशेषज्ञों के साथ बातचीत करेंगे, जैसे शासन के बदलते प्रतिमान, 2047 में भारत का दृष्टिकोण और सिविल सेवकों की भूमिका, विकेंद्रीकृत नगरपालिका, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, शासन को मजबूत करने की दिशा में सरकारी भर्ती एजेंसी की भूमिका, दूरदराज के क्षेत्रों में स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं, शासन में नैतिक दृष्टिकोण, आपदा प्रबंधन, देश में ग्रामीण विकास का अवलोकन, 2030 तक एसडीजी के लिए दृष्टिकोण, भारत में स्वास्थ्य शासन, जलवायु परिवर्तन और जैव विविधता पर इसका प्रभाव – नीतियां और वैश्विक प्रथाएं, भ्रष्टाचार विरोधी प्रथाएं, लाइफ, परिपत्र अर्थव्यवस्था आदि सहित अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्र।
राष्ट्रीय सुशासन केंद्र की स्थापना 2014 में भारत सरकार द्वारा देश के एक शीर्षस्थ संस्थान के रूप में की गई, जिसमे भारत के साथ-साथ अन्य विकासशील देशों के सिविल सेवकों के लिए सुशासन, नीतिगत सुधार, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण पर काम करने का जनादेश प्राप्त है। यह सरकार के थिंक टैंक के रूप में भी काम करता है। विदेश मंत्रालय के साथ साझेदारी में, एनसीजीजी ने अब तक 15 देशों के सिविल सेवकों को प्रशिक्षण प्रदान किया है, जिसमें बांग्लादेश, केन्या, तंजानिया, ट्यूनीशिया, सेशेल्स, गाम्बिया, मालदीव, श्रीलंका, अफगानिस्तान, लाओस, वियतनाम, भूटान, म्यांमार और कंबोडिया शामिल हैं। इसे कंटेंट और वितरण के लिए जाना जाता है, क्षमता निर्माण कार्यक्रम की मांग की जाती है और एनसीजीजी विभिन्न देशों के सिविल सेवकों को ज्यादा से ज्यादा संख्या को समायोजित करने के लिए अपनी क्षमता का विस्तार कर रहा है।
प्रतिभागियों को स्मार्ट सिटी, इंदिरा पर्यावरण भवन: शून्य ऊर्जा भवन, भारतीय संसद, नई दिल्ली नगरपालिका परिषद, प्रधानमंत्री संग्रहालय आदि जैसे विभिन्न संस्थानों का दौरा भी कराया जाएगा।
आज के उद्घाटन में मालदीव के पाठ्यक्रम समन्वयक, डॉ. ए. पी. सिंह, अरुणाचल प्रदेश के पाठ्यक्रम समन्वयक, डॉ. बी. एस. बिष्ट, बांग्लादेश के पाठ्यक्रम समन्वयक, डॉ. मुकेश भंडारी और एनसीजीजी, मसूरी के संकाय डॉ. संजीव शर्मा भी शामिल हुए।
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अग्निपथ स्कीम के बाद अब सपोर्ट स्टाफ की कटौती करेगी सेना, मकसद भविष्य की जंग से जुड़ा है
नई दिल्ली: भारतीय सेना को 24 घंटे किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहना होता है। पिछले करीब तीन साल से चीन के साथ बॉर्डर पर तनाव बरकरार है। पड़ोसी पाकिस्तान से भी अलर्ट रहने की जरूरत है। ऐसे में हाईटेक हथियारों की खरीद के साथ आधुनिकीकरण पर जोर दिया जा रहा है। 12 लाख जवानों वाली ताकतवर फौज अब अपने टूथ-टेल रेशियो (Tooth To Tail Ratio) को सुधारने के लिए कई प्रस्तावों पर काम कर रही है। सेना में T3R रेशियो दरअसल, जंग लड़ने वाली यूनिटों जैसे- सैनिक, बख्तरबंद विंग और सपोर्ट सेवाओं जैसे- लॉजिस्टिक्स, सिंग्नल्स का अनुपात होता है। सेना अपने सपोर्ट मैनपावर में कटौती की दिशा में बढ़ रहा है। यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब पिछले साल अग्निपथ योजना शुरू होने से पहले दो साल तक सेना में भर्ती प्रक्रिया बंद थी। सेना के इस फैसले का मकसद भविष्य की जंग से जुड़ा है।
राष्ट्रीय राइफल्स में भी कटौती!
इन प्रस्तावों में कुछ पुरानी लीगेसी यूनिटों में कटौती और लॉजिस्टिक्स सेवाओं को आउटसोर्स करने के साथ ही जम्मू-कश्मीर में तैनात स्पेशल राष्ट्रीय राइफल्स का पुनर्गठन शामिल है। दरअसल, सैलरी और पेंशन पर खर्च बढ़ने के कारण सेना को अपने आधुनिकीकरण के लिए बहुत कम फंड बच पाता है जिससे अत्याधुनिक तकनीकों को शामिल किया जा सके। पिछले साल जून में बिना पेंशन और अन्य लाभ के अग्निपथ स्कीम के तहत सैनिकों की भर्ती की घोषणा की गई थी। इससे पहले सेना ने कोरोना महामारी के कारण 2020-21 और 2021-22 के दौरान भर्ती प्रक्रिया बंद रखी थी।
सैनिकों की उम्र
एक अधिकारी ने कहा, 'इससे 1.2 लाख सैनिक घटे हैं। अग्निपथ के पहले साल में, हम दो बैच में केवल 40,000 अग्निवीरों को शामिल कर रहे हैं।' प्लान के अनुसार सैनिकों की औसत उम्र को वर्तमान में 32 साल से घटाकर अगले छह-सात साल में 24-26 साल करना है और भविष्य की जंग के लिए तकनीक में दक्ष युवाओं को शामिल करना है। 2032 तक सेना में 50% अग्निवीर होंगे।
एक अधिकारी ने कहा कि ऐसे में खाना बनाने वाले, नाई, धोबी और सफाईवाले जैसे 'ट्रेड्समैन' मैनपावर को कम करने की भी पर्याप्त संभावना बन��ी है। सेना में इस समय इनकी संख्या क���ीब 80,000 है।
... क्योंकि आतंकवाद घटा है
जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद घटा है। 1990 में राष्ट्रीय राइफल्स एक छोटी फोर्स के तौर पर खड़ी की गई थी लेकिन अब इसकी 63 बटालियन हो चुकी है। सेना महसूस कर रही है कि इसका पुनर्गठन करने की जरूरत है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने TOI को बताया, '2020 में चीन की घुसपैठ के बाद पूर्वी लद्दाख में RR की एक डिविजनल लेवल फोर्स को तैनात किया गया। हम इस बात का आकलन कर रहे हैं कि अगर आतंकवाद फिर से नहीं बढ़ता है तो क्या आरआर बटालियन की संख्या या हर बटालियन में कंपनियों की संख्या को घटाया जा सकता है।'
एनिमल की जगह ड्रोन
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि सेना ने धीरे-धीरे 'एनिमल ट्रांसपोर्ट कंपनियों' को बंद करने का फैसला किया है। 2030 तक इनकी संख्या को 70 प्रतिशत तक घटाया जाएगा। इसकी जगह लॉजिस्टिक्स ड्रोन का इस्तेमाल किया जा सकता है।
सेना ने पिछले महीने 570 लॉजिस्टिक्स ड्रोन खरीदने के लिए RFI (सूचना के लिए अनुरोध) जारी किया है। इसमें 12,000 फीट की ऊंचाई पर तैनाती के लिए डिजाइन किए गए ड्रोन भी शामिल हैं। एक अधिकारी ने कहा कि इन ड्रोन की मदद से बॉर्डर पर तैनात जवानों के लिए डिलिवरी भी की जा सकती है। इससे पहले सेना चीन बॉर्डर पर ऑपरेशनल लॉजिस्टिक्स को बढ़ाने के लिए सैनिकों के लिए 363 ड्रोन की जल्द खरीद के लिए आरएफआई जारी कर चुकी है। एक अधिकारी ने बताया कि ये ड्रोन आपूर्ति और हथियार पहुंचाने में जवानों या पोर्टर्स और एनिमल ट्रांसपोर्ट की जरूरत कम करेंगे। शेकतकर समिति ने दिसंबर 2019 में रक्षा खर्च का फिर से बैलेंस बनाने के साथ युद्धक क्षमता बढ़ाने और नॉन-ऑपरेशनल कटौती का सुझाव दिया था। इसके तहत सेना ने आगे कदम बढ़ा दिया है। http://dlvr.it/SgFGDB
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एनपीएस के नजरिए 1 और 2 अकाउंट के होते हैं अलग-अलग नुकसान, वारंट बेनिफिट के साथ मिलते हैं ये लाभ
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पेंशन योजना: दिखावे के बाद नियमित आय लोगों की सुंदरता को पूरा करता है। नियमित आय के लिए कई योजनाएँ हैं, जो आपको हर महीने पेंशन (पेंशन योजना) का लाभ देती हैं। अगर आप भी इन पेंशन योजनाओं में निवेश की योजना बना रहे हैं, तो आपके लिए राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) एक अच्छा विकल्प हो सकता है। एनपीएस निर्धारित में दो प्रकार के खाते आते हैं 1 और विनिर्देश 2 खाते हैं। यह एक टैक्स सेविंग कमीशन है और…
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