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#शिशु की देखभाल के सुझाव
guiasmaternos · 1 year
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शांति बनाए रखना: रोते शिशु को शांत करने के तरीके
रोते शिशु को शांत करने के प्रभावी तरीके खोजें। यह व्यापक गाइड बच्चे के रोने के साथ सामना करने और नवजात शिशु की सुखद वातावरण को बढ़ावा देने के उपयोगी सुझाव प्रदान करता है।
अपने बच्चे को रोते हुए देखना माता-पिता के लिए सबसे मुश्किल अनुभवों में से एक है। कभी-कभी ऐसा लगता है कि आप जो कुछ भी करें, वह रोना नहीं बंद होता है। अच्छी खबर यह है कि रोते हुए शिशु को शांत करने और माता-पिता की चिंता को कम करने के कई प्रभावी तरीके हैं। इस व्यापक गाइड में, हम आपको अपने शिशु के रोने को शांत करने और पूरे परिवार के लिए एक शांतिपूर्ण वातावरण को प्रोत्साहित करने के प्रमाणित तथा…
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pranjal0199 · 11 months
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4 Months Pregnancy in Hindi
4 महीने की गर्भावस्था (4 Months Pregnancy in Hindi) के दौरान माता और शिशु के स्वास्थ्य की देखभाल करना महत्वपूर्ण है। इस लेख में, हम आपको चर्चा करेंगे कि गर्भवती महिलाओं को 4 महीने के बाद क्या समस्याएँ और बदलाव होते हैं, साथ ही उन्हें कैसे सम्भालना चाहिए। गर्भावस्था में सही आहार, व्यायाम और सुरक्षा के बारे में महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए हैं। इस चरण में फीलिंग्स, बच्चे के विकास, और स्वास्थ्य के साथ गर्भवती महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की गई है.
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gethealthy18-blog · 5 years
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बकरी के दूध के फायदे और नुकसान – Goat Milk Benefits and Side Effects in Hindi
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बकरी के दूध के फायदे और नुकसान – Goat Milk Benefits and Side Effects in Hindi
बकरी के दूध के फायदे और नुकसान – Goat Milk Benefits and Side Effects in Hindi Bhupendra Verma Hyderabd040-395603080 November 7, 2019
जिस तरह लोग अच्छी सेहत और तंदुरुस्ती के लिए गाय के दूध का सेवन करते हैं। उसी तरह बकरी के दूध का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। यह दूध आपको पोषण देने के साथ-साथ कई तरह की शारीरिक और मानसिक समस्याओं से भी राहत पहुंचा सकता है। इस लेख को पढ़ने पर आप खुद ही समझ जाएंगे कि बकरी का दूध किस प्रकार हमारे लिए लाभदायक हो सकता है। ध्यान रहे कि बकरी का दूध हर किसी को फायदा पहुंचाए, यह संभव नहीं है। कुछ लोगोंं को इससे नुकसान भी हो सकता है। इसलिए, बकरी के दूध का सेवन डॉक्टर से पूछकर ही करना चाहिए। स्टाइलक्रेज के इस लेख में बकरी के दूध के उपयोग और बकरी के दूध के फायदे बारे में विस्तार से बताया गया है।
आइए, अब बकरी के दूध के फायदे के बारे में विस्तार से जानेंगे।
विषय सूची
बकरी के दूध के फायदे – Benefits of Goat Milk in Hindi
1. हृदय के लिए अच्छा
हमारे शरीर के सबसे अहम अंग में से एक हृदय है। इसे स्वस्थ रखने पर हम बड़े जोखिम से बच सकते हैं। एक शोध के अनुसार, बकरी के दूध में मैग्नीशियम की अच्छी मात्रा पाई जाती है, जो हृदय के लिए विशेष रूप से फायदेमंद माना जाता है। मैग्नीशियम हृदय की धड़कन को बनाए रखने में मददगार होता है (1)। इसलिए, ऐसा कहा जा सकता है कि बकरी के दूध से लाभ में स्वस्थ हृदय भी शामिल है।
2. सूजन को कम करने के लिए
शायद आपको यकीन न हो, लेकिन यह बात पूरी तरह सत्य है कि बकरी के दूध के उपयोग से शरीर की सूजन को कम किया जा सकता है। दरअसल, बकरी के दूध में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो आपके शरीर की सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं (2)।
3. हड्डियों की मजबूती
बकरी के दूध के उपयोग से हड्डियों को लाभ पहुंचाया जा सकता है। एक वैज्ञानिक रिसर्च के अनुसार, बकरी के दूध का सेवन करने पर हड्डियों को मजबूत करने में मदद मिल सकती है। दरअसल, बकरी के दूध को कैल्शियम का अच्छा स्रोत माना गया है। साथ ही इसमें कुछ मात्रा मैग्नीशियम की भी होती है। मैग्नीशियम और कैल्शियम दोनों मिलकर हड्डियों को स्वस्थ रखने का काम करते हैं (1)।
4. चयापचय के लिए
बकरी के दूध से लाभ में बेहतर चयापचय भी शामिल है। एक अध्ययन के मुताबिक, बकरी का दूध उन लोगों के लिए फायदेमंद माना जाता है, जिनका शरीर पोषक तत्वों को अवशोषित करने में असमर्थ होता है। इसका सेवन करने से शरीर में आयरन और कॉपर के चयापचय में मदद मिल सकती है (3)। इसलिए, बकरी के दूध का सेवन करना अन्य दूध की तुलना में ज्यादा बेहतर हो सकता है।
5. आसानी से पचने योग्य
बकरी के दूध और उससे बने खाद्य पदार्थ को पचाने में आपको आसानी हो सकती है। बकरी के दूध में पाया जाने वाले प्रोटीन गाय के दूध में मिलने वाले प्रोटीन के मुकाबले जल्दी पच जाता है। साथ ही इसमें कम लैक्टोज होते हैं, जो पाचन में मदद कर सकते हैं। इससे पेट को स्वस्थ रखने में मदद मिल सकती है (4) (5)।
6. गाय के दूध से बेहतर
बकरी के दूध में गाय के दूध की तुलना में ज्यादा ग्लिसरॉल इथर (रंग रहित, मीठा व चिपचिपा तरल कंपाउंड) होता है, जो नवजात शिशु के पोषण के लिए महत्वपूर्ण होता है। बकरी के दूध में एल्कलाइन, जबकि गाय के दूध में एसिड होता है और एल्कलाइन आपके लिए फायदेमंद हो सकता है (4)।
7. मस्तिष्क स्वास्थ्य में सुधार
बकरी का दूध शरीर के विकास के साथ-साथ मस्तिष्क में भी मददगार साबित हो सकता है। दरअसल, बकरी के दूध में लिनोलिक एसिड पाया जाता है। लिनोलिक एसिड मस्तिष्क के विकास को बढ़ावा देने का काम करता है। इसके अलावा, चिंता से मुक्त करने में भी सहायता पहुंचा सकता है (6)।
8. गर्भावस्था के दौरान लाभदायक
गर्भावस्था के दौरान ज्यादातर महिलाओं को कब्ज की समस्या होने लग सकती है। जैसा कि ऊपर बताया गया है कि बकरी का दूध आसानी से पच जाता है, इसलिए ऐसा माना जा सकता है कि बकरी के दूध का इस्तेमाल गर्भवती को कब्ज के समस्या से दूर रख सकता है। फिलहाल, इस पर किसी तरह का सटीक वैज्ञानिक प्रमाण मौजूद नहीं है।
9. एनीमिया को रोकना
शरीर में आयरन की कमी होने से एनीमिया होने का खतरा बढ़ जाता है। एनीमिया होने पर खून पूरे शरीर में ऑक्सीजन की सप्लाई करने में असमर्थ होता है (7)। वहीं, बकरी के दूध में आयरन की अच्छी मात्रा पाई जाती है। इसलिए, ऐसा कहा जा सकता है कि एनीमिया की समस्या को दूर करने में बकरी का दूध फायदेमंद हो सकता है (1)। इसलिए, कह सकते हैं कि बकरी के दूध के उपयोग से एनीमिया को होने से रोकने में मदद मिल सकती है।
10. शरीर के पीएच स्तर में संतुलन
जब आपके शरीर का पीएच स्तर असंतुलित होता है, तो कई तरह की शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में बकरी के दूध में पाए जाने वाले एल्कलाइन आपके शरीर में पीएच के स्तर को सामान्य बनाए रखने में मदद कर सकते हैं (8), (9)।
11. त्वचा की सेहत बढ़ाने के लिए
बकरी के दूध के फायदे आपकी त्वचा पर भी नजर आ सकते हैं। ऐसे में त्वचा को स्वस्थ रखने के लिए एंटीऑक्सीडेंट गुण मददगार हो सकते हैं। एंटीऑक्सीडेंट गुण त्वचा के फ्री रेडिकल्स को खत्म करने का काम कर सकते हैं (10)। वहीं, बकरी के दूध में एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है (1)। इसलिए, ऐसा कहा जा सकता है कि बकरी का दूध त्वचा के स्वास्थ्य में सुधार करने का काम कर सकता है।
12. बाल स्वास्थ्य में सुधार
एक शोध के अनुसार, कई पोषक तत्वों की कमी के कारण बालों का झड़ना शुरू हो सकता है। इनमें विटामिन-ए और विटामिन-बी भी शामिल है (11)। वहीं, बकरी के दूध में विटामिन ए और विटामिन बी पाए जाते हैं (12), जो आपके बालों के स्वास्थ्य में सुधार करने का काम कर सकते हैं।
लेख के अगले भाग में हम बकरी के दूध में पाए जाने वाले पोषक तत्वों के बारे में बता रहे हैं।
बकरी के दूध के पोषक तत्व – Goat Milk Nutritional Value in Hindi
बकरी के दूध के फायदे जानने के बाद हमारे लिए यह पता करना भी जरूरी है कि इसमें कौन-कौन से पोषक तत्व पाए जाते हैं, जिसके बारे में हम यहां चार्ट के जरिए बता रहे हैं (13)।
पोषक तत्व मात्रा पानी 87.00 % प्रोटीन 3.52 % फैट 4.25 % मिनरल (प्रति 100 g) कैल्शियम, Ca 134 mg आयरन, Fe 0.07 mg मैग्नीशियम, Mg  16 mg फास्फोरस, P 121 mg पोटैशियम, K 181 mg सोडियम, Na 41 mg जिंक, Zn 0.56 mg विटामिन (प्रति 100 g) विटामिन सी 1.29 mg थाइमिन 0.068 mg राइबोफ्लेविन 0.21 mg नियासिन 0.27 mg विटामिन बी-12 0.065 mg फोलिक एसिड 1.0 µg विटामिन ए 185 IU विटामिन डी 2.3 IU विटामिन-बी6 0.046 mg
आइए, अब यह जान लेते हैं कि बकरी के दूध को किस-किस तरह से इस्तेमाल कर सकते हैं।
बकरी के दूध का उपयोग – How to Use Goat Milk in Hindi
कैसे करें सेवन :
बकरी के दूध को ऐसे ही पिया जा सकता है।
बकरी के दूध से चाय बनाई जा सकती है।
बकरी के दूध से बने पनीर को खाने के लिए उपयोग में लाया जा सकता है।
इसे मिठाई बनाने में उपयोग किया जा सकता है।
बकरी के दूध को आइसक्रीम बनाने में इस्तेमाल किया जा सकता है।
कब करें :
बकरी के दूध से बनी चाय को सुबह के समय पीना चाहिए।
इससे बनी मिठाई को आप दिन में कभी भी खा सकते हैं।
बकरी के दूध को रात में सोने से पहले भी पी सकते हैं।
इससे बने पनीर की सब्जी बनाकर किसी भी समय सेवन किया जा सकता है।
कितना सेवन करें :
प्रतिदिन एक गिलास दूध या एक कप चाय पी जा सकती है।
अब हम बकरी के दूध से होने वाले नुकसान के बारे में जानेंगे।
बकरी के दूध के नुकसान – Side Effects of Goat Milk in Hindi
बकरी के दूध के फायदे के साथ-साथ कुछ दुष्प्रभाव भी हैं, जो इस प्रकार हैं (14), (15) :
जिन लोगों को जल्दी एलर्जी होती है, उन्हें बकरी के दूध का सेवन करने से समस्या हो सकती है।
बेशक, बकरी के दूध में लैक्टोज की मात्रा कम होती है, लेकिन इसका अधिक सेवन करने से भी लैक्टोज इनटॉलेरेंस की समस्या हो सकती है।
अगर आप फैट को कम करने के बारे में सोच रहे हैं, तो बकरी का दूध पीने से उल्टा असर हो सकता है, क्योंकि इसमें फैट की अधिक मात्रा पाई जाती है।
बकरी का दूध शिशुओं के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
उम्मीद है कि अब आपको स्पष्ट हो गया होगा कि कई मामलों में बकरी का दूध अन्य प्रकार के दूध से बेहतर क्यों है। इसके अलावा, आप यह भी जान गए होंगे कि बकरी के दूध के सेवन से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को किस प्रकार बेहतर किया जा सकता है। इसके बावजूद, बकरी का दूध पीने से पहले खासकर छोटे बच्चे को देने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें, क्योंकि कुछ मामलों में यह नुकसानदायक हो सकता है। इस विषय से संबंधित किसी अन्य तरह के सवाल या सुझाव के लिए आप नीचे दिए कमेंट बॉक्स की मदद से हमें संपर्क कर सकते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
ताजा बकरी के दूध और पाउडर दूध में क्या अंतर है?
बकरी का ताजा दूध ,बकरी के दूध पाउडर से ज्यादा फायदेमंद हो सकता है। इसमें पाउडर दूध से ज्यादा मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते हैं (16)।
क्या हम बकरी का कच्चा दूध पी सकते हैं?
बकरी का कच्चा दूध हानिकारक बैक्टीरिया को मारने में सक्षम नहीं होता है। इसलिए, बेहतर होगा कि बकरी के कच्चा दूध पीने से बचें (17)।
अगर हम गाय के दूध के प्रति संवेदनशील हैं, तो क्या हम बकरी के दूध का उपयोग कर सकते हैं?
जी नहीं, अगर आप गाय के दूध के प्रति संवेदनशील हैं, तो बकरी का दूध इस्तेमाल करने से बचें। बकरी के दूध के कारण आपको एलर्जी हो सकती है (14)।
क्या बकरी के दूध के कोई दुष्प्रभाव हैं?
जी हां, बकरी के दूध के उपयोग से कुछ नुकसान हो सकते हैं। इसके बारे में लेख में ऊपर विस्तार से बताया गया है (14)।
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Bhupendra Verma
भूपेंद्र वर्मा ने सेंट थॉमस कॉलेज से बीजेएमसी और एमआईटी एडीटी यूनिवर्सिटी से एमजेएमसी किया है। भूपेंद्र को लेखक के तौर पर फ्रीलांसिंग में काम करते 2 साल हो गए हैं। इनकी लिखी हुई कविताएं, गाने और रैप हर किसी को पसंद आते हैं। यह अपने लेखन और रैप करने के अनोखे स्टाइल की वजह से जाने जाते हैं। इन्होंने कुछ डॉक्यूमेंट्री फिल्म की स्टोरी और डायलॉग्स भी लिखे हैं। इन्हें संगीत सुनना, फिल्में देखना और घूमना पसंद है।
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Source: https://www.stylecraze.com/hindi/bakri-ke-doodh-ke-fayde-aur-nuksan-in-hindi/
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mugdha0009 · 7 years
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बच्चे की बेहतरीन देखभाल कैसे हो?
जब आपके बच्चे की बात आती है, तब तक कुछ भी पर्याप्त नहीं होता! हां, हम हमेशा बच्चे की अच्छी नींद के सर्वोत्तम तरीकों को जानना चाहते हैं, सबसे अच्छे आहार बच्चे को देने के लिए, नवजात शिशु के बीमार होने पर सबसे अच्छी देखभाल करने के लिए और कई सारी चीज़ें। इसलिए, बेहद अनुभवी बाल रोग विशेषज्ञ डा निहार पारेख और डा पंकज पारेख से सुनिए  दिलचस्प और बेहतरीन परवरिश के तरीके  है। बच्चे के विकास और देखभाल के बारे में सुझाव और मार्गदर्शन के लिए अपने चैनल 'Child and You ' से जुड़े।
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chaitanyabharatnews · 4 years
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विश्व एड्स दिवस : जानिए क्या है एचआईवी एड्स और किन वजहों से होती है यह बीमारी, भारत में हैं इसके लाखों मरीज,
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chaitanyabharatnews · 4 years
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चैतन्य भारत न्यूज दुनियाभर में एचआईवी (HIV) संक्रमण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 1 दिसंबर को 'विश्व एड्स दिवस' (World AIDS Day) मनाया जाता है। यह दिन पूरी दुनिया को इस बीमारी के खिलाफ एक जुट होकर लड़ने का मौका देता है। सबसे पहले विश्व एड्स दिवस को वैश्विक स्तर पर मनाने की शुरूआत वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) में एड्स की जागरुकता अभियान से जुड़े जेम्स डब्ल्यू बुन और थॉमस नेटर ने अगस्त 1987 में की थी। विश्व एड्स दिवस इस जानलेवा रोग के बारे में जागरूकता फैलाने का अवसर देता है और एचआईवी तथा एड्स की रोकथाम, उपचार और देखभाल को बढ़ावा देता है। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); विश्व एड्स दिवस विश्व एड्स दिवस मनाने का मकसद एचआईवी संक्रमण की वजह से होने वाली महामारी एड्स के बारे में जागरूकता फैलाना है। एड्स वर्तमान युग की सबसे बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है। UNICEF की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनियाभर में एड्स के कारण अब तक ढाई करोड़ से ज्यादा लोग मर चुके हैं। अफ्रीका में सबसे ज्यादा एड्स रोगी पाए जाते हैं, जबकि इस मामले में भारत दूसरे नंबर पर है। भारत सरकार द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, भारत में अभी करीब 1.25 लाख एड्स के मरीज हैं और प्रतिदिन इनकी संख्या बढ़ती जा रही है। भारत में पहला एड्स मरीज 1986 में मद्रास में पाया गया। क्या है एचआईवी एड्स एचआईवी वायरस के कारण एड्स की बीमारी हो सकती है। एड्स तब होता है जब व्यक्ति का इम्यून सिस्टम इंफेक्शन से लड़ने में कमजोर पड़ जाता है। जिसके चलते शरीर खुद की रक्षा नहीं कर पाता है और शरीर में कई तरह की बीमारियां, संक्रमण हो जाते हैं। बता दें एचआईवी, (ह्यूमन इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस) एक वायरस है। एचआईवी वायरस प्रतिरक्षा प्रणाली की टी सेल्स पर हमला करता है। जबकि एड्स एक मेडिकल सिंड्रोम है, जो एचआईवी संक्रमण के बाद सिंड्रोम के रुप में प्रकट होती है। ध्यान रहे एचआईवी एक इंसान से दूसरे इंसान को हो सकता है लेकिन एड्स नहीं हो सकता है। अगर कोई व्यक्ति एचआईवी से संक्रमित है तो यह जरूरी नहीं कि उसे एड्स हुआ हो। AIDS का मतलब A यानी एक्वायर्ड यानी यह रोग किसी दूसरे व्यक्ति से लगता है। ID यानी इम्यूनो डिफिशिएंसी यानी यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता समाप्त कर देता है। S यानी सिंड्रोम यानी यह बीमारी कई तरह के लक्षणों से पहचानी जाती है। विश्व एड्स दिवस 2020 की थीम विश्व एड्स दिवस 2020 के लिए अमेरिकी सरकार की थीम एचआईवी/एड्स महामारी समाप्त हो रही है: लचीलापन और प्रभाव। इस वर्ष COVID-19 महामारी के कारण यह विषय विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। इसने दुनिया भर में एचआईवी / एड्स को खत्म करने की तात्कालिकता को मजबूत किया है। एचआईवी के लक्षण? बुखार पसीना आना ठंड लगना थकान भूख कम लगना वजन घटा उल्टी आना गले में खराश रहना दस्त होना खांसी होना सांस लेने में समस्या शरीर पर चकत्ते होना स्किन प्रॉब्लेम इन वजहों से होता है एड्स असुरक्षित यौन संबंध के जरिए एड्स के वायरस एड्स ग्रस्त व्यक्ति से स्वस्थ व्यक्ति में तुरंत प्रवेश कर जाते हैं। बिना जांच किए खून मरीज को देना भी एड्स फैलाने का माध्य होता है। बाहरी खून से इसके वायरस सीधे खून में पहुंच जाते हैं और बीमारी जल्दी घेर लेती है। यदि मां एड्स से संक्रमित है, तो होने वाला शिशु भी संक्रमित ही पैदा होता है। जानकारी के मुताबिक, ट्रांसप्लांटेशन संक्रमण से भी एड्स लगभग 60 प्रतिशत तक फैलता है। बाकी बचा 40 प्रतिशत स्तनपान से शिशु में पहुंच जाता है। एक बार इस्तेमाल की जानी वाली सुई को दूसरी बार इस्तेमाल करने से भी यह बीमारी फैलती है। संक्रमिक ब्लेड यूज करने से इस बीमारी के होने का खतरा बढ़ सकता है। (विशेष ध्यानार्थः यह आलेख केवल पाठकों की अति सामान्य जागरुकता के लिए है। चैतन्य भारत न्यूज का सुझाव है कि इस आलेख को केवल जानकारी के दृष्टिकोण से लें। इनके आधार पर किसी बीमारी के बारे में धारणा न बनाएं या उसके इलाज का प्रयास न करें। यह भी याद रखें कि स्वास्थ्य से संबंधित उचित सलाह, सुझाव और इलाज प्रशिक्षित डॉक्टर ही कर सकते हैं।) ये भी पढ़े... विश्व पर्यावरण संरक्षण दिवस : प्रदूषण कम कर रहा आपकी सांसें, हो जाइए सावधान, अपनी प्रकृति को बचाएं मांसाहार निषेध दिवस : बेजुबान पशुओं की हत्या से बना भोजन क्यों? राष्ट्रीय मिर्गी दिवस : भारत में मिर्गी के 1.20 करोड़ मरीज, जानिए क्या होती है मिर्गी, इसके प्रकार लक्षण और बचाव के तरीके Read the full article
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chaitanyabharatnews · 5 years
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विश्व एड्स दिवस : आखिर क्यों मनाया जाता है विश्व एड्स दिवस, भारत में है 1.25 लाख एड्स के मरीज
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चैतन्य भारत न्यूज दुनियाभर में एचआईवी (HIV) संक्रमण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 1 दिसंबर को 'विश्व एड्स दिवस' (World AIDS Day) मनाया जाता है। यह दिन पूरी दुनिया को इस बीमारी के खिलाफ एक जुट होकर लड़ने का मौका देता है। सबसे पहले विश्व एड्स दिवस को वैश्विक स्तर पर मनाने की शुरूआत वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) में एड्स की जागरुकता अभियान से जुड़े जेम्स डब्ल्यू बुन और थॉमस नेटर ने अगस्त 1987 में की थी। विश्व एड्स दिवस इस जानलेवा रोग के बारे में जागरूकता फैलाने का अवसर देता है और एचआईवी तथा एड्स की रोकथाम, उपचार और देखभाल को बढ़ावा देता है। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); विश्व एड्स दिवस विश्व एड्स दिवस मनाने का मकसद एचआईवी संक्रमण की वजह से होने वाली महामारी एड्स के बारे में जागरूकता फैलाना है। एड्स वर्तमान युग की सबसे बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है। UNICEF की रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक 36.9 मिलियन लोग एचआईवी के शिकार हो चुके हैं। दुनियाभर में एड्स के कारण अब तक ढाई करोड़ लोग मर चुके हैं। अफ्रीका में सबसे ज्यादा एड्स रोगी पाए जाते हैं, जबकि इस मामले में भारत दूसरे नंबर पर है। भारत सरकार द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, भारत में अभी करीब 1.25 लाख एड्स के मरीज हैं और प्रतिदिन इनकी संख्या बढ़ती जा रही है। भारत में पहला एड्स मरीज 1986 में मद्रास में पाया गया। क्या है एचआईवी एड्स एचआईवी वायरस के कारण एड्स की बीमारी हो सकती है। एड्स तब होता है जब व्यक्ति का इम्यून सिस्टम इंफेक्शन से लड़ने में कमजोर पड़ जाता है। जिसके चलते शरीर खुद की रक्षा नहीं कर पाता है और शरीर में कई तरह की बीमारियां, संक्रमण हो जाते हैं। बता दें एचआईवी, (ह्यूमन इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस) एक वायरस है। एचआईवी वायरस प्रतिरक्षा प्रणाली की टी सेल्स पर हमला करता है। जबकि एड्स एक मेडिकल सिंड्रोम है, जो एचआईवी संक्रमण के बाद सिंड्रोम के रुप में प्रकट होती है। ध्यान रहे एचआईवी एक इंसान से दूसरे इंसान को हो सकता है लेकिन एड्स नहीं हो सकता है। अगर कोई व्यक्ति एचआईवी से संक्रमित है तो यह जरूरी नहीं कि उसे एड्स हुआ हो। AIDS का मतलब A यानी एक्वायर्ड यानी यह रोग किसी दूसरे व्यक्ति से लगता है। ID यानी इम्यूनो डिफिशिएंसी यानी यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता समाप्त कर देता है। S यानी सिंड्रोम यानी यह बीमारी कई तरह के लक्षणों से पहचानी जाती है। विश्व एड्स दिवस 2019 की थीम हर वर्ष विश्व एड्स दिवस की कोई न कोई थीम निर्धारित की जाती है। इस साल की थीम है 'कम्युनिटीज मेक द डिफरेंस'। एचआईवी के लक्षण? बुखार पसीना आना ठंड लगना थकान भूख कम लगना वजन घटा उल्टी आना गले में खराश रहना दस्त होना खांसी होना सांस लेने में समस्या शरीर पर चकत्ते होना स्किन प्रॉब्लेम इन वजहों से होता है एड्स असुरक्षित यौन संबंध के जरिए एड्स के वायरस एड्स ग्रस्त व्यक्ति से स्वस्थ व्यक्ति में तुरंत प्रवेश कर जाते हैं। बिना जांच किए खून मरीज को देना भी एड्स फैलाने का माध्य होता है। बाहरी खून से इसके वायरस सीधे खून में पहुंच जाते हैं और बीमारी जल्दी घेर लेती है। यदि मां एड्स से संक्रमित है, तो होने वाला शिशु भी संक्रमित ही पैदा होता है। जानकारी के मुताबिक, ट्रांसप्लांटेशन संक्रमण से भी एड्स लगभग 60 प्रतिशत तक फैलता है। बाकी बचा 40 प्रतिशत स्तनपान से शिशु में पहुंच जाता है। एक बार इस्तेमाल की जानी वाली सुई को दूसरी बार इस्तेमाल करने से भी यह बीमारी फैलती है। संक्रमिक ब्लेड यूज करने से इस बीमारी के होने का खतरा बढ़ सकता है। (विशेष ध्यानार्थः यह आलेख केवल पाठकों की अति सामान्य जागरुकता के लिए है। चैतन्य भारत न्यूज का सुझाव है कि इस आलेख को केवल जानकारी के दृष्टिकोण से लें। इनके आधार पर किसी बीमारी के बारे में धारणा न बनाएं या उसके इलाज का प्रयास न करें। यह भी याद रखें कि स्वास्थ्य से संबंधित उचित सलाह, सुझाव और इलाज प्रशिक्षित डॉक्टर ही कर सकते हैं।) ये भी पढ़े... विश्व पर्यावरण संरक्षण दिवस : प्रदूषण कम कर रहा आपकी सांसें, हो जाइए सावधान, अपनी प्रकृति को बचाएं मांसाहार निषेध दिवस : बेजुबान पशुओं की हत्या से बना भोजन क्यों? राष्ट्रीय मिर्गी दिवस : भारत में मिर्गी के 1.20 करोड़ मरीज, जानिए क्या होती है मिर्गी, इसके प्रकार लक्षण और बचाव के तरीके Read the full article
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विश्व एड्स दिवस : आखिर क्यों मनाया जाता है विश्व एड्स दिवस, भारत में है 1.25 लाख एड्स के मरीज
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