चितकारा यूनिवर्सिटी कैंपस में भारत-ताइवान पार्टनरशिप के तहत सस्टेनेबल स्मार्ट सिटी रिसर्च लैब का उद्घाटन
चितकारा यूनिवर्सिटी कैंपस में भारत-ताइवान पार्टनरशिप के तहत सस्टेनेबल स्मार्ट सिटी रिसर्च लैब का उद्घाटन
संयुक्त राष्ट्र एसडीजी लक्ष्य 11 की उपलब्धि की दिशा में काम करते हुए, जो कि स्थायी शहर और समुदाय हैं, चितकारा विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय विज्ञान के सहयोग से एक सतत स्मार्ट सिटी रिसर्च लैब की स्थापना की है। तकनीकी परिषद और ताइवान के राष्ट्रीय चुंग चेंग विश्वविद्यालय। प्रयोगशाला को 4 साल की परियोजना के हिस्से के रूप में स्थापित किया गया है जिसका उद्देश्य एआई प्रौद्योगिकियों के साथ-साथ साइट पर…
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‘क्यूआर कोड’नुसार कचरा उचलणार
‘क्यूआर कोड’नुसार कचरा उचलणार
‘क्यूआर कोड’नुसार कचरा उचलणार
प्रायोगिक तत्त्वावर दोन झोनमध्ये अंमलबजावणी
नागपूर : शहरात स्वच्छ भारत अभियानाअंतर्गत कचरा संकलनाची व्यवस्था अधिक व्यापक आणि पारदर्शक करण्यासाठी क्यूआर कोड पद्धतीवर आधारित घराघरातून कचरा उचलला जाणार आहे. स्मार्ट अॅण्ड सस्टेनेबल सिटी डेव्हलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेडच्या संचालक मंडळाच्या बैठकीत हा विषय मंजूर करण्यात आला.
ऑनलाईन माध्यमातून ही बैठक घेण्यात आली. कचरागाडी…
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भोपाल-इंदौर की तरह अन्य स्मार्ट सिटी भी बनाएं पीपीपी और कन्वर्जेंस के प्रोजेक्ट : मंत्री भूपेन्द्र सिंह Divya Sandesh
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भोपाल-इंदौर की तरह अन्य स्मार्ट सिटी भी बनाएं पीपीपी और कन्वर्जेंस के प्रोजेक्ट : मंत्री भूपेन्द्र सिंह
भोपाल। भोपाल और इंदौर की तरह अन्य स्मार्ट सिटी भी पीपीपी और कन्वर्जेंस के प्रोजेक्ट बनाएं। स्मार्ट सिटी में पूरे अधिकार आपके पास ही हैं। अत: सभी प्रोजेक्ट समय-सीमा में पूरा करवाने की जिम्मेदारी भी आपकी ही है। यह निर्देश सोमवार को प्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने स्मार्ट सिटी और मेट्रो रेल के कार्यों की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को दिये। उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट हमारे प्रधानमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इसमें शहर के सम्पूर्ण विकास की अवधारणा निरुपित की गई है। अत: स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन में किसी भी स्तर पर कोताही नहीं होनी चाहिये। उन्होंने कहा कि शहर में संचालित सीवेज और जल आपूर्ति परियोजनाओं को समय-सीमा में पूरा करें।
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अब नहीं बने अनाधिकृत कॉलोनी
मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि अनाधिकृत कॉलोनियों को वैध करने के लिये एक्ट में संशोधन करने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत नियम बनाये जा रहे हैं। इस संबंध में 15 दिवस के अंदर नगर निगम कमिश्नर सुझाव दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि नगर निगम कमिश्नर अब ध्यान दें कि कोई भी अनाधिकृत कॉलोनी नहीं बनें। उन्होंने कहा कि कम्पाउंडिंग की सीमा 10 से बढ़ाकर 30 प्रतिशत की गई है। इसका क्रियान्वयन सुनिश्चित करें। इससे भवन स्वामियों की कठिनाई दूर होने के साथ ही निगम की आय बढ़ेगी। उन्होंने स्मार्ट सिटीज को भारत सरकार द्वारा विभिन्न पुरस्कार देने पर सभी अधिकारियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि एक परिवार की तरह कार्य कर नागरिकों को अधिक से अधिक सुविधाएं दिलाने का प्रयास करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ने मेट्रो रेल प्रोजेक्ट की समीक्षा करते हुए कहा कि सभी कार्य निर्धारित समय-सीमा में करें। जरूरी कार्यों के लिये टेण्डर प्रक्रिया जल्द करें। प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास मनीष सिंह ने कहा कि जो भी प्रोजेक्ट बनाएं वह सस्टेनेबल होना चाहिये। इस तरह का मेकेनिज्म बनाएं कि उसका लाभ नागरिकों को आगे भी मिलता रहे। उन्होंने कहा कि सागर और सतना में और तेजी से काम करने की जरूरत है। नगरीय प्रशासन एवं विकास आयुक्त निकुंज श्रीवास्तव ने स्मार्ट सिटी में चल रहे कार्यों की जानकारी दी। इसके साथ ही सभी स्मार्ट सिटी के सीईओ ने उनके द्वारा किये गये कार्यों के बारे में विस्तार से बताया। मेट्रो रेल प्रोजेक्ट का भी प्रजेंटेशन दिया गया।
6566 करोड़ के 567 प्रोजेक्ट
बैठक में बताया गया कि स्मार्ट सिटी मिशन में 7 स्मार्ट सिटी में 6566 करोड़ 70 लाख के 567 प्रोजेक्ट बनाये गये हैं। इनमें से 1577 करोड़ के 273 प्रोजेक्ट पूरे हो चुके हैं। शेष प्रोजेक्ट पूरा करने की समय-सीमा निर्धारित कर दी गयी है। भोपाल में 939 करोड़ के 75, इंदौर में 942 करोड़ के 161, जबलपुर में 940 करोड़ के 99, ग्वालियर में 926 करोड़ के 49, उज्जैन में 940 करोड़ 60, सागर में 964 करोड़ के 69 और सतना में 914 करोड़ रुपये के 54 प्रोजेक्ट बनाये गये हैं। इस दौरान संचालक टाउन एण्ड कंट्री प्लानिंग अजीत कुमार एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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जानिए वे बातें जो बनाती हैं अटल नगर को सबसे खास
छत्तीसगढ़ राज्य की नयी राजधानी के रूप में विकसित हो रहे अटल नगर के बारे में कई खास बातें हैं। मगर इससे पहले जानते हैं कि ग्रीनफील्ड स्मार्ट सिटी होती क्या है!
भारत में शुरू हुए स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में दो तरह के शहर सम्मिलित हैं। पहली तो ऐसी ग्रीनफील्ड सिटी जिसे ऐसी भूमि पर विकसित किया गया हो जहाँ पहले कभी कोई शहर ��थवा टाउनशिप नहीं हो। और दूसरी ब्राउनफील्ड सिटी यानि किसी भी पुराने शहर को नयी तकनीक के आधार पर सुधारा जाता है।
अटल नगर भारत का पहला ग्रीनफील्ड स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट है। आइए जानें इस शहर के बारे में ऐसी 11 बातें जो पूरे देश को गौरवांवित कर रही हैं।
अटल नगर भारत में गांधीनगर, चंडीगढ़ और भुवनेश्वर के बाद चौथी सुनियोजित राजधानी होगी। मगर इसके अलावा यह भारत की पहली ईकोफ्रेंडली स्मार्ट सिटी भी है।
अटल नगर स्मार्ट सिटी में 3 झीलें भी हैं जो इस शहर को बेहद खूबसूरत बनाती हैं। ये झीलें शहर में पर्यटन को बढ़ावा दे रही हैं।
इस शहर में 2500 हेक्टेयर क्षेत्र को सार्वजनिक क्षेत्र और उद्यानों के रूप में विकसित किया गया है। यह भारत की पहली ऐसी स्मार्ट सिटी होगी जिसके आसपास 500 मीटर चौड़ा ग्रीन बेल्ट कॉरिडोर है। पर्यावरण को स्वच्छ रखने वाली ये सुविधाएँ अटल नगर को ऐसे लोगों के लिए पसंदीदा जगह बनाती हैं जो प्रकृति के करीब रहना चाहते हैं।
शहर में विश्वस्तरीय अधोसंरचना के साथ ही अत्याधुनिक आवासों का निर्माण किया गया है। यहाँ गोल्फ़ कोर्स, शॉपिंग मॉल, मल्टीप्लेक्स, कंवेंशन सेंटर और थीम टाउनशिप आदि हैं। ये सभी मिलकर इसे एक शानदार शहर बनाते हैं।
पूरे अटल नगर में हर व्यक्ति के लिए फ्री वाई-फाई दी जाएगी। यहाँ के रहवासियों को रियल टाइम ट्रेफिक कंट्रोल और एक्सीडेंट मैनेजमेंट जैसी सुविधाएँ भी दी जाएँगी।
यहाँ बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम द्वारा अत्याधुनिक, सर्वसुविधायुक्त बसों का संचालन किया जा रहा है। इस बस सेवा से एक तरफ लोगों को रोजगार मिल रहा है और साथ ही सार्वजनिक परिवहन की लाजवाब सुविधा भी उपलब्ध हो रही है।
जीईएफ/ वर्ल्ड बैंक का सस्टेनेबल अर्बन ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट (एसयूटीपी) भी अटल नगर के लाभार्थियों में शामिल है। इसके अलावा यह शहर सबसे अधिक व्यवस्थित और सुनियोजित रूप से विकसित किया जा रहा है।
यह शहर निवेशकों को आकर्षित कर रहा है। यहाँ कई बड़ी कंपनियाँ निवेश के लिए प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही हैं।
अटल नगर ना केवल एक स्मार्ट सिटी है बल्कि भविष्य में विकसित होने वाले स्मार्ट शहरों के लिए प्रेरणा भी देगा। यह एक ऐसा शहर है जहाँ असीमित संभावनाएँ मौजूद हैं और जिस पर भारत को गर्व है।
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नागपुर के मेयर संदीप जोशी ने ery क्षमा ’के लिए नगर आयुक्त के खिलाफ एफआईआर की मांग की
नागपुर के मेयर संदीप जोशी ने ery क्षमा ’के लिए नगर आयुक्त के खिलाफ एफआईआर की मांग की
नागपुर के मेयर संदीप जोशी की फाइल फोटो।
नागपुर के मेयर संदीप जोशी ने कहा कि सरकार के सावधि जमा से स्मार्ट सिटी परियोजना के दो ठेकेदारों को 18 करोड़ रुपये देकर सिविक अधिकारियों ने जालसाजी की।
PTI
आखरी अपडेट: 23 जून, 2020, 12:14 AM IST
नागपुर के मेयर संदीप जोशी ने सोमवार को एक पुलिस शिकायत दर्ज की, जिसमें नगरपालिका आयुक्त तुकाराम मुंडे के खिलाफ एक आपराधिक अपराध दर्ज करने की मांग की गई,…
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वैश्विक पहचान के साथ हो अयोध्या का विकास: मुख्यमंत्री योगी Divya Sandesh
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वैश्विक पहचान के साथ हो अयोध्या का विकास: मुख्यमंत्री योगी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को यहां कहा कि अयोध्या की प्राचीन संस्कृति, विरासत व परम्पराओं को अक्षुण्ण रखते हुए सभी आधुनिक सुविधाओं का समावेश कर इसका सर्वांगीण विकास किया जाना हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के सहयोग से उप्र सरकार अयोध्या के समग्र विकास के लिए पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री योगी के समक्ष आज यहां अयोध्या के विजन डाॅक्युमेण्ट, कार्यान्वयन रणनीति एवं समेकित अवसंरचना विकास योजना के सम्बन्ध में प्रस्तुतीकरण किया गया। कार्यक्रम में प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अशोक कटारिया तथा अयोध्या के मण्डलायुक्त व जिलाधिकारी वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े हुए थे। मुख्यमंत्री ने विजन डाॅक्युमेण्ट के सम्बन्ध में सुझाव व आवश्यक दिशा-निर्देश देते हुए संशोधनों के साथ इसे शीघ्र प्रस्तुत किए जाने के निर्देश दिए।
अन्तर्विभागीय समन्वय के साथ विकास कार्य में तेजी लाने के निर्देश
इस दौरान मुख्यमंत्री योगी ने अन्तर्विभागीय समन्वय के आधार पर अयोध्या नगरी के विकास से सम्बन्धित सभी विभागों को तेजी से कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि अयोध्या के धार्मिक, आध्यात्मिक तथा सांस्कृतिक महत्व को दृष्टिगत रखते हुए इसे विश्वस्तरीय धार्मिक, वैदिक व सोलर सिटी के रूप में विकसित किए जाने सम्बन्धी कार्यों को प्रारम्भ करते हुए निर्धारित समयावधि में पूर्ण किया जाए। सभी विकास कार्यों में एक दीर्घकालिक दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ाना होगा।
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सनातन परम्परा के अनुसार हो विकास
मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या को सनातन परम्परा के अनुसार आध्यात्मिक केन्द्र, वैश्विक पर्यटन स्थली तथा सस्टेनेबल नगरी के रूप में विकसित किया जाए। अयोध्या के विकास से यह धाम वैश्विक पहचान स्थापित करते हुए अपने मौलिक, धार्मिक, ऐतिहासिक, सांस्कृतिक व आध्यात्मिक स्वरूप के साथ उभरेगा। उन्होंने कहा कि जलाशयों का संरक्षण, इण्टेलीजेण्ट ट्रैफिक मैनेजमेण्ट सिस्टम, पशु संरक्षण, बाहरी रिंग रोड और अन्य सड़क परियोजनाओं, सोलर सिटी, वृक्षारोपण, नई रोजगार गतिविधियों आदि के लिए कार्य योजना बनाकर तेजी से कार्यवाही की जाए।
भूमि अधिग्रहण के मामलों का सहमति के आधार पर हो निस्तारण
योगी ने कहा कि अयोध्या की विकास परियोजनाओं के सम्बन्ध में भूमि अधिग्रहण के मामलों को संवाद व सहमति के आधार पर शीघ्र निस्तारित किया जाए। प्रभावित दुकानदारों व निवासियों के व्यवस्थित पुनर्वास की व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। इस सम्बन्ध में दुकानों तथा आवासों की उपलब्धता की योजना बनाकर कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि जल निकासी, अण्डरग्राउण्ड केबलिंग के लिए यूटिलिटी डक्ट की व्यवस्थाएं पूर्व से ही सुनिश्चित कर ली जाएं, जिससे सड़कों की बार-बार खुदाई न करनी पड़े।
उन्होंने कहा कि हेरिटेज लाइटिंग की भी व्यवस्थाएं की जाएं। पंचकोसी, चैदह कोसी तथा चैरासी कोसी परिक्रमा के महत्व के दृष्टिगत मार्गों का निर्माण किया जाए। मार्गों पर पर्यटन विभाग द्वारा जन सुविधाएं विकसित करायी जाएं। उन्होंने पर्यटन विभाग को अयोध्या के पौराणिक, धार्मिक व ऐतिहासिक महत्व के स्थलों को ���ी विकसित करने के निर्देश दिए। उन्होंने अयोध्या के विकास कार्यों और परियोजनाओं के लिए हर स्तर पर त्वरित निर्णय लेकर सभी योजनाओं को निर्धारित टाइम लाइन में पूरा किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विभिन्न पंथ व सम्प्रदायों, अन्य संस्थाओं, अतिथि गृहों, विश्रामालय आदि के लिए भूमि की व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। प्रस्तावित अन्तर्राष्ट्रीय संग्रहालय को प्राचीन गौरव के साथ आधुनिक ज्ञान-विज्ञान की परम्परा से समावेशित करते हुए विकसित किया जाए।
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विकास में अयोध्या के पौराणिक स्वरूप की हो अनुभूति
मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या नगरी का विकास इस प्रकार किया जाए कि यहां आने वाले पर्यटकों व श्रद्धालुओं को अयोध्या के पौराणिक स्वरूप की अनुभूति हो। सरयू नदी में सिल्ट जमाव के दृष्टिगत अयोध्या के सभी घाटों को संरक्षित करते हुए, उनका सौन्दर्यीकरण किया जाए। रिवर फ्रण्ट का विकास हो। नगरवासियों को उत्कृष्ट बुनियादी सुविधाएं मिलें। यातायात की सुगम व्यवस्था हो।
प्रस्तुतीकरण के दौरान अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि अयोध्या के विकास के सम्बन्ध में सभी हितधारकों से बातचीत के आधार पर विजन डाॅक्युमेण्ट को तैयार किया गया है। अयोध्या मेन स्पाइन रोड, सुग्रीव किले से श्रीराम मन्दिर मार्ग, श्रृंगार हाट से श्रीराम मन्दिर तथा पंचकोसी परिक्रमा मार्ग से सम्बन्धित परियोजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं। इनके अलावा, मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, ग्रीनफील्ड टाउनशिप, पर्यटन सुविधा केन्द्र, अन्तर्राष्ट्रीय संग्रहालय, स्मार्ट रोड, रिवर फ्रण्ट डेवलेपमेण्ट परियोजनाओं पर भी कार्य किया जा रहा है। भूमि अधिग्रहण का भी कार्य किया जा रहा है।
इस अवसर पर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा, नगर विकास मंत्री आशुतोष टण्डन, जल शक्ति मंत्री डाॅ0 महेन्द्र सिंह, नागरिक उड्डयन मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता ‘नन्दी’, पर्यटन, संस्कृति एवं धर्मार्थ कार्य राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डाॅ0 नीलकंठ तिवारी, मुख्य सचिव आरके तिवारी, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं एमएसएमई नवनीत सहगल, सूचना निदेशक शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
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