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#भारत-ताइवान साझेदारी
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19.5 अरब डॉलर की डील फॉक्सकॉन ने वेदांता से तोड़ी
ताइवान की दिग्गज मल्टीनेशनल कंपनी फॉक्सकॉन ने कल भारत में सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग को लेकर वेदांता ग्रुप के साथ की गई डील तोड़ दी। इस डील के खत्म होने से देश में सेमीकंडक्टर के भविष्य को बड़ा झटका लगा है. दोनों कंपनियों के बीच 19.5 अरब डॉलर (करीब 1.60 लाख करोड़ रुपए) की बड़ी निवेश साझेदारी हुई। इस मुद्दे पर एप्पल आईफोन बनाने वाली कंपनी फॉक्सकॉन खुलकर सामने आ गई है। ताइवानी कंपनी ने डील से…
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studycarewithgsbrar · 2 years
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चितकारा यूनिवर्सिटी कैंपस में भारत-ताइवान पार्टनरशिप के तहत सस्टेनेबल स्मार्ट सिटी रिसर्च लैब का उद्घाटन
चितकारा यूनिवर्सिटी कैंपस में भारत-ताइवान पार्टनरशिप के तहत सस्टेनेबल स्मार्ट सिटी रिसर्च लैब का उद्घाटन
संयुक्त राष्ट्र एसडीजी लक्ष्य 11 की उपलब्धि की दिशा में काम करते हुए, जो कि स्थायी शहर और समुदाय हैं, चितकारा विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय विज्ञान के सहयोग से एक सतत स्मार्ट सिटी रिसर्च लैब की स्थापना की है। तकनीकी परिषद और ताइवान के राष्ट्रीय चुंग चेंग विश्वविद्यालय। प्रयोगशाला को 4 साल की परियोजना के हिस्से के रूप में स्थापित किया गया है जिसका उद्देश्य एआई प्रौद्योगिकियों के साथ-साथ साइट पर…
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bhaskarhindinews · 3 years
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Gogoro Viva इलेक्ट्रिक स्कूटर भारत में जल्द होगा लॉन्च, फुल चार्ज में चलेगा 85 किमी
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हाईलाइट
Hero MotoCorp और Gogoro की साझेदारी
दोनों कंपनियां मिलकर नया स्कूटर लॉन्च करेंगी
Viva फुल चार्ज में चलेगा 85 किमी चलेगा
इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की ओर अब ना सिर्फ वाहन कंपनियों बल्कि लोगों का रुझान भी बढ़ने लगा है। यही कारण है कि दुनियाभर की कंपनियां इस सेगमेंट में वाहन लॉन्च कर रही हैं। भारतीय बाजार में अब तक कई कंपनियों ने टू व्हीलर वाहनों को उतारा है। वहीं अब इस क्रम में एक और नाम जुड़ने जा रहा है। दरअसल, ताइवान की इलेक्ट्रिक स्कूटर बनाने वाली कंपनी Gogoro (गोगोरो) यहां अपने वाहन लॉन्च करेगी।
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newsindiaguru · 3 years
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Hero MotoCorp, Taiwan’s Gogoro to Launch Electric Scooters in India
Hero MotoCorp, Taiwan’s Gogoro to Launch Electric Scooters in India
हीरो मोटोकॉर्प ने अपने बैटरी-स्वैपिंग प्लेटफॉर्म को भारत में लाने के लिए ताइवान के गोगोरो के साथ साझेदारी की है और हीरो-ब्रांडेड इलेक्ट्रिक स्कूटर बनाने में सहयोग किया है। साझेदारी का उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के बाजार को बढ़ावा देने और स्थायी गतिशीलता की ओर बढ़ने के लिए देश के लक्ष्य का विस्तार करना है। हालांकि सौदे की शर्तें सार्वजनिक नहीं हैं, हीरो मोटोकॉर्प देश में अपने बैटरी-स्वैपिंग…
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chaitanyabharatnews · 4 years
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कोरोना संकट : देश में पहली बार बनेंगे एंटी वायरस कपड़े, महीने के आखिर तक होंगे लॉन्च
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चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. इस समय पूरा विश्व कोविड-19 महामारी से जूझ रहा है। लोगों का रोजाना का जीवन पूरी तरह बदल गया है। खाने-पीने से लेकर लाइफस्टाइल में बहुत बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। इसी के साथ फैशन इंडस्ट्री में भी बदलाव देखा जा रहा है। देशभर में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच देश में पहली बार एंटी वायरस टेक्सटाइल टेक्नोलॉजी से बने कपड़े लॉन्च करने की तैयारी है। अरविंद लिमिटेड ने एंटीवायरल कपड़े बनाने का फैसला किया है। के लिए कंपनी ने स्विस टेक्सटाइल्स इनोवेशन फर्म हैक मटेरियल एजी के साथ साझेदारी की है। जून के आखिर तक इस तकनीक से बने सूटिंग-शर्टिंग फैब्रिक्स और तैयार कपड़े बाजार में आ जाएंगे। कंपनी इंटेलीफैब्रिक्स ब्रांड के तहत पहली बार देश में एंटी वायरल टेक्सटाइल टेक्नोलॉजी का उपयोग करेगी। दावा किया जा रहा है कि इसमें 99.99 फीसदी रोगाणुओं को कम करने की क्षमता है। इस एंटी वायरस कपड़ों का निर्माण स्विस टेक्सटाइल इनोवेशन कंपनी हैक मटीरियल्स एजी और ताइवान की प्रमुख स्पेशलिटी केमिकल कंपनी जिंटेक्स कॉर्पोरेशन के सहयोग से अरविंद लिमिटेड कर रही है। कंपनी के एक अधिकारी ने कहा कि, 'इंटेलिफैब्रिक्स का वर्तमान में एक हजार करोड़ रुपए का बिक्री राजस्व है और कंपनी की योजना अगले कुछ महीनों में एंटी वायरस फैब्रिक्स और गारमेंट्स के जरिए 50 से 100 करोड़ रुपए की बिक्री बढ़ाना है।' उन्होंने यह भी कहा कि, 'अनुसंधान से पता चलता है कि वायरस और बैक्टीरिया, कपड़ा सतहों पर दो दिनों तक सक्रिय रह सकते हैं। कपड़ों के माध्यम से रोगाणुओं के पुन: संचरण की क्षमता को कम करने में मदद करने के लिए एचईक्यू  वायरोब्लॉक के साथ ट्रीट किए गए कपड़े वायरस को रोकते हैं।' अरविंद लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक कुलीन लालभाई ने बताया कि, 'कोरोनावायरस महामारी ने दुनियाभर में अस्थिरता फैलाई है। ऐसे समय में हमारे ग्राहक सुरक्षित रहें, इसके लिए हम प्रतिबद्ध हैं। यही कारण है कि हमने वायरोब्लॉक क्रांतिकारी तकनीक भारत में लाने के लिए हैक के साथ साझेदारी की है। जल्द ही भारतीय बाजारों में हम ऐसे कपड़े लाएंगे जो वायरस से लड़ने में मदद करेगा और फैशनेबल भी होंगे।' Read the full article
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khabaruttarakhandki · 4 years
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भारत-चीन संबंधों पर आया अमेरिका का अहम बयान – ‘चीन अपने पड़ोसी देशों के साथ…’
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (फाइल फोटो)
वाशिंगटन:
भारत के अपने क्षेत्र में चीन की दखलअंदाजी का कड़ा विरोध किए जाने के कदम का अमेरिका के एक शीर्ष राजनयिक द्वारा समर्थन करने के एक दिन बाद व्हाइट हाउस ने गुरुवार को कहा कि चीन भारत समेत अपने पड़ोसी देशों के साथ उकसावे वाली और बलपूर्वक सैन्य एवं अर्द्धसैन्य गतिविधियों में संलिप्त है. व्हाइट हाउस ने एक रिपोर्ट में कहा, ‘‘बीजिंग पीला सागर, पूर्व तथा दक्षिण चीन सागरों, ताइवान जलडमरूमध्य और चीन-भारत सीमा इलाकों में उकसावे वाली और बलपूर्वक सैन्य तथा अर्द्धसैन्य गतिविधियों में संलिप्त होकर अपने पड़ोसियों से की गई प्रतिबद्धताओं का उल्लंघन करता तथा अपने बयान से विरोधाभासी रुख अपनाता है.’ ‘चीन गणराज्य की ओर अमेरिका का कूटनीतिक रुख” शीर्षक की यह रिपोर्ट कांग्रेस को सौंपी गई.
यह भी पढ़ें
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘चूंकि चीन की ताकत बढ़ी है तो अपने हितों के लिए माने जा रहे खतरों को खत्म करने तथा वैश्विक रूप से कूटनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति करने की कोशिशों में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की धमकी देने और बल का इस्तेमाल करने की इच्छा तथा क्षमता प्रबल हुई है.’
दरअसल चीन से लगी भारत की सीमा पर तनाव के बीच अमेरिका ने नयी दिल्ली का समर्थन किया. एक शीर्ष अमेरिकी राजनयिक ने बीजिंग पर आरोप लगाया कि वह अपने अतिसक्रिय और परेशान करने वाले व्यवहार से यथास्थिति को बदलने की कोशिश कर रहा है और उसका विरोध करना चाहिए.
अमेरिकी व��देश विभाग में दक्षिण एवं मध्य एशिया ब्यूरो की निवर्तमान प्रमुख एलिस वेल्स ने बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मुझे लगता है कि सीमा पर जो तनाव है वह इस बात को याद दिलाता है कि चीन आक्रामक रुख जारी रखे हुए है. चाहे वह दक्षिण चीन सागर हो, या भारत से लगी सीमा, हम चीन द्वारा उकसाने वाला और परेशान करने वाला व्यवहार लगातार देख रहे हैं. यह इस बारे में सवाल खड़े करता है कि चीन अपनी बढ़ती शक्ति का इस्तेमाल किस तरह से करना चाहता है.”
व्हाइट हाउस ने कहा कि अमेरिका खुली और मुक्त व्यवस्था के साझा सिद्धांतों का समर्थन करने के लिए विदेशी सहयोगियों, साझेदारों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ सहकारी साझेदारी और सकारात्मक विकल्प तैयार कर रहा है.
वीडियो: लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के पास भारत को गश्‍त लगाने में बाधा डाल रहा चीन : विदेश मंत्रालय
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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technofyworld · 3 years
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वैश्विक कमी के बीच वेदांत के साथ भारत में चिप्स बनाने के लिए iPhone-निर्माता फॉक्सकॉन
वैश्विक कमी के बीच वेदांत के साथ भारत में चिप्स बनाने के लिए iPhone-निर्माता फॉक्सकॉन
ताइवान के फॉक्सकॉन ने सोमवार को कहा कि उसने दक्षिण एशियाई देश में अर्धचालक बनाने के लिए भारतीय समूह वेदांत के साथ साझेदारी की है, क्योंकि इलेक्ट्रॉनिक्स की दिग्गज कंपनी वैश्विक चिप की कमी के बीच अपने कारो��ार में विविधता लाने की कोशिश कर रही है। Foxconnदुनिया का सबसे बड़ा अनुबंध इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माता और एक प्रमुख सेब आपूर्तिकर्ता, ने हाल के वर्षों में इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) और अर्धचालक सहित…
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khabaruttarakhandki · 4 years
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भारत-चीन संबंधों पर आया अमेरिका का अहम बयान – ‘चीन अपने पड़ोसी देशों के साथ…’
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (फाइल फोटो)
वाशिंगटन:
भारत के अपने क्षेत्र में चीन की दखलअंदाजी का कड़ा विरोध किए जाने के कदम का अमेरिका के एक शीर्ष राजनयिक द्वारा समर्थन करने के एक दिन बाद व्हाइट हाउस ने गुरुवार को कहा कि चीन भारत समेत अपने पड़ोसी देशों के साथ उकसावे वाली और बलपूर्वक सैन्य एवं अर्द्धसैन्य गतिविधियों में संलिप्त है. व्हाइट हाउस ने एक रिपोर्ट में कहा, ‘‘बीजिंग पीला सागर, पूर्व तथा दक्षिण चीन सागरों, ताइवान जलडमरूमध्य और चीन-भारत सीमा इलाकों में उकसावे वाली और बलपूर्वक सैन्य तथा अर्द्धसैन्य गतिविधियों में संलिप्त होकर अपने पड़ोसियों से की गई प्रतिबद्धताओं का उल्लंघन करता तथा अपने बयान से विरोधाभासी रुख अपनाता है.’ ‘चीन गणराज्य की ओर अमेरिका का कूटनीतिक रुख” शीर्षक की यह रिपोर्ट कांग्रेस को सौंपी गई.
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रिपोर्ट में कहा गया है, ‘चूंकि चीन की ताकत बढ़ी है तो अपने हितों के लिए माने जा रहे खतरों को खत्म करने तथा वैश्विक रूप से कूटनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति करने की कोशिशों में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की धमकी देने और बल का इस्तेमाल करने की इच्छा तथा क्षमता प्रबल हुई है.’
दरअसल चीन से लगी भारत की सीमा पर तनाव के बीच अमेरिका ने नयी दिल्ली का समर्थन किया. एक शीर्ष अमेरिकी राजनयिक ने बीजिंग पर आरोप लगाया कि वह अपने अतिसक्रिय और परेशान करने वाले व्यवहार से यथास्थिति को बदलने की कोशिश कर रहा है और उसका विरोध करना चाहिए.
अमेरिकी विदेश विभाग में दक्षिण एवं मध्य एशिया ब्यूरो की निवर्तमान प्रमुख एलिस वेल्स ने बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मुझे लगता है कि सीमा पर जो तनाव है वह इस बात को याद दिलाता है कि चीन आक्रामक रुख जारी रखे हुए है. चाहे वह दक्षिण चीन सागर हो, या भारत से लगी सीमा, हम चीन द्वारा उकसाने वाला और परेशान करने वाला व्यवहार लगातार देख रहे हैं. यह इस बारे में सवाल खड़े करता है कि चीन अपनी बढ़ती शक्ति का इस्तेमाल किस तरह से करना चाहता है.”
व्हाइट हाउस ने कहा कि अमेरिका खुली और मुक्त व्यवस्था के साझा सिद्धांतों का समर्थन करने के लिए विदेशी सहयोगियों, साझेदारों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ सहकारी साझेदारी और सकारात्मक विकल्प तैयार कर रहा है.
वीडियो: लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के पास भारत को गश्‍त लगाने में बाधा डाल रहा चीन : विदेश मंत्रालय
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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