Unnao News: उन्नाव में फीस नहीं जमा होने पर बच्चों को धूप में किया खड़ा, बीजेपी कार्यकर्ता ने जमा की फीस
Unnao News: उन्नाव में फीस नहीं जमा होने पर बच्चों को धूप में किया खड़ा, बीजेपी कार्यकर्ता ने जमा की फीस
यूपी के उन्नाव में फीस नहीं जमा करने पर स्कूल प्रबंधन ने बच्चों को धूप में खड़ा कर दिया। बच्चे स्कूल से घर पहुंचे और परिजनों को पूरी बात बताई। इस पर परिजन स्कूल पहुंच गए और जमकर हंगामा किया। मामला बढ़ता देख एक बीजेपी कार्यकर्ता ने बच्चों की फीस जमा कर दी।
उन्नाव: यूपी के उन्नाव जिले में फीस न जमा होने पर विद्यालय प्रबंधन ने मासूम छात्रों को धूप में खड़ा रखने का मामला सामने आया है। साथ ही बच्चों…
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अब पश्चिम बंगाल के स्कूलों में हर कक्षा के बाद दीक्षांत समारोह
अब पश्चिम बंगाल के स्कूलों में हर कक्षा के बाद दीक्षांत समारोह
पश्चिम बंगाल में स्कूली छात्रों के लिए अब एक ‘स्नातक समारोह’ आयोजित किया जाएगा, यदि वे एक कक्षा से अगले स्तर पर जाते हैं। काली पूजा की छुट्टियों के बाद स्कूलों को फिर से खोलने के बाद, राज्य के स्कूल शिक्षा विभाग ने प्राथमिक शिक्षा और मध्य शिक्षा बोर्ड को विस्तृत 13 सूत्री दिशा-निर्देश भेजे हैं।
स्कूल शिक्षा विभाग के दिशा-निर्देशों के अनुसार, यह कहता है कि “स्नातक समारोह” हर साल 2 जनवरी को या उसके…
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गया का यह स्कूल फीस के बदले लेता है प्लास्टिक कचरा, शहर की सफाई पर लक्ष्य
गया का यह स्कूल फीस के बदले लेता है प्लास्टिक कचरा, शहर की सफाई पर लक्ष्य
बिहार के गया जिले के बोधगया के सेवा बीघा में एक स्कूल ने बच्चों को नियमित रूप से अपने घर से प्लास्टिक कचरा लाने और स्कूल के गेट के पास रखे कूड़ेदान में डालने को कहा है. पदमपानी स्कूल बच्चों से कोई शुल्क नहीं लेता है। इसके पीछे प्राथमिक कारण बोधगया को स्वच्छ रखना है।
छात्रों द्वारा एकत्र किए गए कचरे को बेचकर स्कूल का खर्च पूरा किया जाता है। बच्चों द्वारा घर से या रास्ते में जो भी प्लास्टिक कचरा…
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Haryana News: फीस की प्रतिपूर्ति राशि के आवेदन के लिए भी पोर्टल खुलवाए सरकार- कुंडू
Haryana News: फीस की प्रतिपूर्ति राशि के आवेदन के लिए भी पोर्टल खुलवाए सरकार- कुंडू
हरियाणा: प्राइवेट स्कूल संघ हरियाणा ने अध्यक्ष सत्यवान कुंडू ने 12वीं का पैसा निर्धारित करते हुए इन कक्षाओं के छात्रों की फीस प्रतिपूर्ति राशि के लिए भी ऑनलाइन आवेदन के लिए शीघ्र पोर्टल खोलने की मांग की है।Haryana News: छात्राओ को पर्यावरण, जल संरक्षण, राष्ट्र सेवा के प्रति किया जागरूक
प्रवक्ता ब्रह्मप्रकाश सैनी धारूहेडा ने बताया कि प्राइवेट स्कूलों ने नौंवी से 12वीं कक्षा तक के बच्चों को नियम…
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प्रदेश में संचालित कोचिंग संस्थानों में अध्ययनरत/निवासरत विद्यार्थियों को मानसिक सम्बलन एवं सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से गाइडलाइन्स-2022 को स्वीकृति दी है। उक्त स्वीकृति से कोचिंग संस्थानों में पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों को एक तनावमुक्त तथा सुरक्षित माहौल मिल सकेगा।
गाइडलाइन्स में विद्यार्थियों पर प्रतिस्पर्धा एवं शैक्षणिक दबाव के कारण उत्पन्न हुए मानसिक तनाव एवं अवसाद के निराकरण हेतु मनोचिकित्सकीय सेवा प्रदान करना, प्रवेशित तथा छात्रावासों में निवास करने वाले विद्यार्थियों की पूर्ण सुरक्षा, विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य को सुदृढ़ करने की व्यवस्थाएं, जिला प्रशासन स्तर पर पर्याप्त निगरानी तंत्र की स्थापना, कोचिंग छात्र-छात्राओं के लिए सुविधा केन्द्र, साफ-सफाई का बेहतर प्रबंधन, कोचिंग संस्थानों के स्तर पर अपेक्षित कार्यवाही, कोचिंग संस्थानों में अध्ययनरत विद्यार्थियों एवं उनके अभिभावकों के लिए आमुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन, विद्यार्थियों की दिनचर्या में साइबर कैफे की सुविधा आदि दिशा-निर्देश शामिल किए गए हैं।
गाइडलाइन्स में कोचिंग संस्थानों में पढ़ रहे विद्यार्थियों को आईआईटी एवं मेडिकल संस्थानों की प्रवेश परीक्षाओं में उत्तीर्ण ना होने की स्थिति में उपलब्ध करिअर विकल्पों के बारे में बताया जाएगा। इसके अतिरिक्त संस्थान छोड़ने की स्थिति में ईजी एक्जिट पॉलिसी एवं फीस रिफण्ड का प्रावधान किया गया है। गाइडलाइन्स के तहत एक कम्पलेन्ट पोर्टल का निर्माण किया जाएगा। साथ ही, नई गाइडलाइन्स में कोचिंग सेंटर के सभी कार्मिकों का पुलिस वेरिफिकेशन सुनिश्चित किया जाएगा। आवासीय कोचिंग संस्थानों में सभी प्रकार के मूवमेंट का डाटा संधारित करने का प्रावधान भी गाइडलाइन्स में शामिल है। कोचिंग संस्थानों द्वारा किसी भी प्रकार की मिथ्या प्रचार की रोकथाम की व्यवस्था गाइडलाइन्स में की गई है। इन दिशा-निर्देशों की पालना नहीं करने पर कोचिंग संस्थानों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की जाएगी।
कोचिंग संस्थानों द्वारा गाइडलाइन्स का क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए राज्य स्तरीय समिति का गठन किया गया है। इसमें उच्च शिक्षा, स्कूल शिक्षा, मेड���कल शिक्षा, गृह विभाग सहित सभी संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं। इसके अतिरिक्त गाइडलाइन्स के अंतर्गत प्रत्येक जिले में जिला स्तरीय कोचिंग संस्थान निगरानी समिति का गठन किया गया है, जिसमें विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ-साथ अभिभावकों, कोचिंग संस्थानों, एनजीओ के प्रतिनिधि एवं मनोवैज्ञानिक तथा मॉटिवेशनल स्पीकर और जिले के अतिरिक्त जिला कलक्टर शामिल हैं।
प्रदेश के कोचिंग संस्थानों में अध्ययनरत विद्यार्थियों द्वारा की जा रही आत्महत्याओं की घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए कोचिंग संस्थानों के प्रभावी नियमन के लिए बनाए गए ‘राजस्थान निजी शिक्षण संस्थान विनियामक प्राधिकरण विधेयक-2022’ के लागू होने तक माननीय उच्च न्यायालय के आदेशों की अनुपालना में उक्त गाइडलाइन्स को मंजूरी दी है।
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बच्चों की 1 लाख रुपये की फीस नहीं दे पा रहा था पिता, रची बच्चों के अपहरण की कहानी, उल्टा फंसा...
नवीन समाचार, हरिद्वार, 14 सितंबर 2024 (Father was Unable to pay Fees-made False Story)। अपने बच्चों की स्कूल फीस न जमा करने के कारण एक पिता ने बच्चों के अपहरण का झूठा षड्यंत्र रचकर पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की। पुलिस द्वारा मामले की जांच शुरू होने के बाद अपहरण की यह कहानी झूठी निकली। ऐसे में अब शिकायतकर्ता के विरुद्ध ही आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
14 सितंबर को थाना पथरी में दर्ज कराई…
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HPBOSE की परीक्षा केंद्र पॉलिसी व फी स्ट्रक्चर ने उड़ाए विद्यालय प्रबंधकों के होश, जानें सिक्योरिटी के साथ कितनी लगेगी फीस
Himachal News: हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा प्रदेशभर में परीक्षा केंद्रों के लिए बनाई गई पॉलिसी व फी स्ट्रक्चर से विद्यालय प्रबंधकों के होश फाख्ता हो गए हैं। सभी सरकारी व निजी विद्यालयों को इस नई पॉलिसी के तहत 31 अगस्त तक सभी औपचारिकताओं के साथ आवेदन करना होगा, लेकिन इसमें सबसे अहम बात है कि कई दशकों से चल रहे सरकारी व निजी विद्यालयों के परीक्षा केंद्रों को दोबारा से केंद्रों के लिए…
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Jamshedpur ws students guardians demand : एमएनपीएस के कमजोर वर्ग के 8 बच्चों को फीस में 70 से 75 फीसदी छूट देने का आग्रह, डॉ उमेश कुमार के नेतृत्व में स्कूल प्रबंधन समिति से मिले बच्चों के अभिभावकों ने रखी मांग
जमशेदपुर : मोतीलाल नेहरू पब्लिक स्कूल, जमशेदपुर के कमजोर वर्ग के 8वीं पास कर 9वीं एवं 9वीं पास कर 10वीं कक्षा में पहुंचे 8 बीपीएल के बच्चों के अभिभावकों ने शनिवार को जमशेदपुर अभिभावक संघ के अध्यक्ष डॉ उमेश कुमार के नेतृत्व में स्कूल प्रबंधन समिति से मुलाकात कर उनके समक्ष अपनी बात रखी. इस दौरान प्रबंधन समिति को एक मांग पत्र भी सौंपा गया, जिसमें संबंधित अभिभावकों ने स्कूल के सामान्य वर्ग के बच्चों…
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शालेय स्तरीय प्रतियोगिताएं कल से प्रारंभ होंगी, कैलेंडर जारी
इटारसी। शालेय स्तरीय प्रतियोगिताओं के लिए स्कूल के खिलाडिय़ों के इंतजार की घड़ी समाप्त हुई, अब शालेय प्रतियोगिता के कैलेंडर घोषित हो गये हैं। इसके अंतर्गत विकासखंड की प्रतियोगिताएं 4 अगस्त से प्रारंभ होंगी। जिला स्तरीय प्रतियोगिता 9 अगस्त से तथा संभाग स्तरीय प्रतियोगिता का शुभारंभ 23 अगस्त से होगा।
इस वर्ष शालेय प्रतियोगिता में फीस नहीं देने वाले विद्यालयों के छात्रों को खेलने की पात्रता नहीं…
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मेवाड़ विश्वविद्यालय में स्कॉलरशिप स्कीम की डेट बढ़कर 14 अगस्त हुई
मेवाड़ विश्वविद्यालय अपनी स्थापना के समय से ही ध्येय वाक्य ‘पुअर टू पुअरस्ट’ और ‘रीच्ड टू अनरीच्ड’ तक पहुंच बनाकर वंचितों को शिक्षा से जोड़ने के लिए निरंतर प्रयासरत है। इसी के तहत मेवाड़ विश्वविद्यालय और मोतीलाल ओसवाल फाउंडेशन ने देश भर के 100 गरीब विद्यार्थियों को बेहतर हायर एजुकेशन देने के उद्देश्य से विभिन्न कोर्सेस में शत-प्रतिशत स्कॉलरशिप प्रोग्राम शुरु किए हुए है।
पहले चरण में स्टूडेंट्स के काफी अच्छे रिस्पांस को ध्यान में रखते हुए रजिस्ट्रेशन की तिथि बढ़ाकर 14 अगस्त कर दी गई है और ऑनलाइन परीक्षा तिथि 17 अगस्त निर्धारित की गई है। इस स्कीम का फायदा उठाने के लिए छात्रों को मेवाड़ विश्वविद्यालय की वेबसाइट www.mewaruniversity.org पर अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा । यह स्कॉलरशिप स्कीम बीटेक, बीबीए-एमबीए (एकीकृत), बीएचएम, बीफॉर्मा, बीएससी (एग्रीकल्चर), बीएमएलटी, बीआरआईटी, बीओटीटी, बीओटी, बीपीटीए बीए-एलएलबी, बीबीए-एलएलबी आदि पाठ्यक्रमों के लिए मान्य होगी।
इस स्कॉलरशिप स्कीम का लाभ जवाहर नवोदय विद्यालय, केंद्रीय विद्यालय, विद्याभारती, डीएवी स्कूल और दूसरे बोर्ड के स्कूलों में 12 वीं पास विद्यार्थियों को मिलेगा। इसमें ट्यूशन फीस (पंजीकरण शुल्क, परीक्षा शुल्क) और छात्रावास शुल्क (मेस समेत) का 50 प्रतिशत मेवाड़ विश्वविद्यालय द्वारा वहन किया जाएगा और शेष 50 प्रतिशत फीस मोतीलाल ओसवाल फाउंडेशन द्वारा विद्यार्थियों को प्रदान की जाएगी।
इस स्कॉलरशिप स्कीम का फायदा उठाने के लिए जवाहर नवोदय विद्यालय, केंद्रीय विद्यालय, डीएवी, विद्या भारती में पढ़ाई करने वाले 12 वीं पास विद्यार्थियों को 80 प्रतिशत या उससे अधिक जबकि अन्य स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के 85 प्रतिशत या उससे अधिक अंक होना अनिवार्य है। इसके अलावा 12वीं पास उन्हीं विद्यार्थियों को शामिल किया जाएगा जो आर्थिक रुप से कमजोर वर्ग के तबके से आते है। संबंधित विद्यार्थियों को डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट द्वारा पारित ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट रजिस्ट्रेशन के समय जमा करना होगा। विद्यार्थियों को ऑनलाइन एंट्रेस एग्जाम पास करना अनिवार्य होगा जिसमें मिले अंक और पर्सनल इंटरव्यू के आधार पर उनका चयन होगा। मेवाड़ विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. आलोक मिश्रा का कहना है कि विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों की पढ़ाई से लेकर अन्य सह-शैक्षणिक गतिविधियों समेत सभी पक्षों पर कार्य करते हुए उनका सर्वांगीण विकास किया जाता है। ऐसे में इस स्कॉलरशिप स्कीम के माध्यम से पात्र विद्यार्थियों को काफी लाभ पहुंचेगा।
To know more details: https://www.mewaruniversity.org/pages/Motilal_Oswal.aspx
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ताऊ की मर्जी के आगे बनी बाल वधू, पेपर से ठीक पहले हुआ बच्चा... दिल छू लेगी डॉक्टर रूपा यादव की कहानी
नई दिल्ली: आठ साल... हां यही उम्र थी रूपा की, जब परिवार के लोगों ने उसकी शादी कर दी। उस वक्त तो शायद उसे शादी शब्द के मायने भी ना पता होंगे। वो उम्र तो उसके लिए खेलने की थी। अपने बचपन को जीने की थी लेकिन उसके ताऊजी ने उसके ससुर से बहुत पहले ही वादा कर दिया था कि रूपा और उसकी बड़ी बहन रुक्मा की शादी उनके दोनों बेटों से ही होगी। पिता तो रूपा को अभी पढ़ाना चाहते थे लेकिन अपने बड़े भाई के वादे के सामने मजबूर थे। और आखिरकार उस छोटी सी उम्र में ही रूपा की शादी कर दी गई। अब रूपा केवल गौना होने तक अपने मायके में रह सकती थी।ये कहानी है राजस्थान में करीरी गांव की रहने वाली रूपा यादव की। उस रूपा की, जिसे कभी बाल वधू कहकर पुकारा गया। वो रूपा, जिसके दिल में अरमान थे कि वो एक एमबीबीएस डॉक्टर बने, लेकिन परीक्षाओं के दिनों में ही वो गर्भवती हो गई। जिसकी पढ़ाई-लिखाई के लिए परिवार को कर्ज तक लेना पड़ गया। और एक दिन यही रूपा अपने गांव में डॉक्टर बनकर लौटी। उन सभी तानों को उसने अपनी सफलता से जवाब दे दिया, जि���में कहा जाता था कि लड़की है, इसे इतना पढ़ाना ठीक नहीं। 12वीं हो गई, बस काफी है, अब घर बिठाओ।
10वीं में आए इतने नंबर, गांव में मच गया हल्ला
हालांकि, एक छोटे से गांव की बाल वधू से डॉक्टर बिटिया बनने तक की उसकी राह भारी मुश्किलों से भरी थी। उनके पिता मालीराम यादव को अपनी बेटी पर शुरुआत से ही नाज था और चाहते थे कि अभी वो बस पढ़ने-लिखने पर ध्यान दे। लेकिन जब सुना कि उनके बड़े भाई ने रूपा की शादी का वादा कर दिया है, तो कुछ ना कह सके। हालांकि, मायके में रहते हुए रूपा ने अपनी पढ़ाई जारी रखी और 86 फीसदी नंबरों के साथ 10वीं की परीक्षा पास कर ली। रूपा की इस सफलता पर पूरा गांव हैरान था। इससे पहले लड़की तो छोड़िए, कोई लड़का भी इतने अच्छे नंबर लेकर नहीं आया था।
जीजा ने किया वादा, रूपा की पढ़ाई नहीं रुकेगी
अलग-अलग संस्थाओं ने रूपा को सम्मानित किया। स्कूल से भी उन्हें पुरस्कार मिले और टीचरों ने सलाह दी कि इस बच्ची को खूब पढ़ाइए। लेकिन उसी दौरान उनके ताऊजी के वादे के मुताबिक, रूपा के गौने का समय आ गया। उसके पिता नहीं चाहते थे कि रूपा अभी से ससुराल चली जाए, लेकिन उसकी बड़ी बहन रुक्मा के पति ने वादा कर दिया कि चाहे जो हो जाए, ससुराल में रूपा की पढ़ाई नहीं रुकेगी। रूपा ससुराल पहुंची, तो उसके जीजा ने अपना वादा निभाया और दो साल बाद ही शानदार नंबरों के साथ उसने 12वीं की परीक्षा भी पास कर ली।
परिवार ने लिया कर्ज और आगे बढ़ने लगी रूपा
रूपा की सफलता पर उसके स्कूल टीचरों ने ससुराल के लोगों को बुलाया और कहा कि उसे डॉक्टरी की पढ़ाई के लिए नीट की तैयारी करनी चाहिए। ससुराल के लोग मान गए। रूपा की काबिलियत को देखकर कोचिंग सेंटर ने भी उसे नीट की तैयारी बिना फीस कराने का ऑफर दे दिया। बस फिर क्या था, रूपा ने बीएससी में एडमिशन लिया और साथ ही नीट की तैयारी में जुट गई। अपने पहले प्रयास में रूपा को 22000वीं रैंक मिली। परिवार ने फैसला किया कि उसे अब कोचिंग के लिए कोटा भेजना चाहिए। घर की आर्थिक स्थिति इतनी मजबूत नहीं थी लेकिन परिवार ने कर्ज लेकर रूपा को कोचिंग कराई।
रूपा का सपना और परिवार का सपोर्ट
हालांकि, इस बीच उन्हें ताने भी सुनने पड़े। लोगों ने कहा कि एक लड़की को इतनी ऊंची पढ़ाई के लिए घर से बाहर नहीं भेजना चाहिए था। लेकिन उनके और जीजा ने रूपा को खूब सपोर्ट किया। यहां तक कि ज्यादा घंटों तक काम भी किया, ताकि रूपा की पढ़ाई में कोई आर्थिक दिक्कत ना आए। उनके परिवार को सपोर्ट रंग लाया और तीन साल की मेहनत के बाद रूपा को साल 2017 में बीकानेर के सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज में एडमिशन मिल गया। एमबीबीएस की पढ़ाई के शुरुआती दो साल ठीक से बीते, लेकिन तीसरे साल में कोरोना वायरस महामारी की वजह से देशभर में लॉकडाउन लग गया और रूपा को घर लौटना पड़ा।
आधे टाइम में पूरा किया 3 घंटे का पेपर
इस बीच प्री-फाइनल परीक्षा से पहले रूपा गर्भवती हो गईं। अब रूपा के सामने दो विकल्प थे - या तो वो मां बनें या अपने करियर को चुनें। रूपा ने फैसला लिया कि वो अपनी इन दोनों जिम्मेदारियों को निभाएगी। रूपा की बेटी महज 25 दिन की थी, जब उसे प्री-फाइनल परीक्षा देनी थी। इस मोड़ पर उसकी बहन और सास ने रूपा की नन्हीं बेटी की देखभाल की और रूपा फिर से बढ़िया नंबर लाने में सफल रही। रूपा बताती हैं कि उनका फाइनल पेपर ठीक उस दिन पड़ा, जिस दिन उनकी बेटी का पहला जन्मदिन था। उन्होंने 3 घंटे का पेपर आधे वक्त में पूरा किया, बस से घर पहुंची और अपनी बेटी का जन्मदिन मनाया।28 अप्रैल 2022 को उनका रिजल्ट घोषित हुआ और गांव की रूपा अब बन गईं। रूपा चाहती हैं कि वो अपने उसी गांव में एक अस्पताल खोलें, जहां उन्होंने डॉक्टर बनने के सपने को साकार किया। उनके इसे सपने को पूरा करने के लिए ससुराल वाले भी पूरी तरह साथ… http://dlvr.it/T92WGw
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नीरजा फुटपाथ स्कूल गरीब बच्चों को प्लास्टिक के बदले मुफ्त शिक्षा दे रहा है
कहा जाता है कि ज्ञान को बांटने से ही वह बढ़ता है, और नीरजा सक्सेना इस कहावत की जिंदा मिसाल हैं। गाज़ियाबाद के इंदिरापुरम क्षेत्र में पिछले कई सालों से नीरजा फुटपाथ स्कूल का संचालन हो रहा है, जहां गरीब और उन्नति की इच्छा रखने वाले बच्चों से फीस के बदले प्लास्टिक वस्तुओं को मांगा जाता है। नीरजा सक्सेना, जो एक एनटीपीसी के पूर्व कार्यालयी प्रमुख हैं, पर्यावरण प्रेमी होने के साथ-साथ प्लास्टिक अपशिष्ट के खतरे के प्रति भी जागरूकता फैला रही हैं।
नीरजा सक्सेना ने अपने जीवन का एक उद्देश्य बना लिया है, जो है बच्चों को उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान करना। नीरजा के फुटपाथ स्कूल में छात्र-छात्राओं का स्वागत सुबह 10:30 बजे होता है। स्कूल 12:30 बजे तक चलता है, जहां वह अपने छात्रों को शिक्षा के साथ-साथ सभी महत्वपूर्ण जीवन ग्यान भी देना चाहती हैं, जो उनके जीवन में उपयोगी हो सकता है। इससे बच्चों का व्यक्तित्व विकसित होता है और उनकी जीवन में अनुशासन आता है।
नीरजा स्कूल के छात्रों को गायत्री मंत्र, राष्ट्रीय गीत, हिंदी और अंग्रेजी में प्रार्थना, शपथ, और राष्ट्रगान गाने का आयोजन किया जाता है। अगर किसी छात्र को कुछ समझने में कोई समस्या होती है तो उसे अलग समय देकर उनकी समस्या को हल करने में भी मदद की जाती है।
कैसे शुरू किया नीरजा फुटपाथ स्कूल
नीरजा सक्सेना ने साल 2019 में एनटीपीसी से सेवानिवृत्त हो गई थीं, और इसके कुछ महीने बाद ही पूरी दुनिया में कोरोना महामारी ने हलचल मचा दी थी। कोरोना के कारण, लोग अपने घरों में बंद हो गए थे। नीरजा ने DNN24 को बताया कि "उस समय, मैं टीवी देख रही थी और देखा कि कोरोना काल में भी लोग काम कर रहे हैं। यह दृश्य मुझे बहुत प्रेरित किया और मैं सोचने लगी कि मैं भी कुछ कर सकती हूँ।"
नीरजा ने बताया कि अन्नदान महादान समूह लोगों को ऑनलाइन खाना उपलब्ध कराता है, लेकिन कोरोना काल में अन्नदान महादान बंद हो गया। कोरोना महामारी के दौरान, अन्नदान महादान ने लोगों से मिले डोनेशन की मदद से लोगों को खाना ��ांटना शुरू किया, और इस संघर्ष में नीरजा भी उनके साथ जुड़ गईं।
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गया का यह स्कूल फीस के बदले लेता है प्लास्टिक कचरा, शहर की सफाई पर लक्ष्य
गया का यह स्कूल फीस के बदले लेता है प्लास्टिक कचरा, शहर की सफाई पर लक्ष्य
बिहार के गया जिले के बोधगया के सेवा बीघा में एक स्कूल ने बच्चों को नियमित रूप से अपने घर से प्लास्टिक कचरा लाने और स्कूल के गेट के पास रखे कूड़ेदान में डालने को कहा है. पदमपानी स्कूल बच्चों से कोई शुल्क नहीं लेता है। इसके पीछे प्राथमिक कारण बोधगया को स्वच्छ रखना है।
छात्रों द्वारा एकत्र किए गए कचरे को बेचकर स्कूल का खर्च पूरा किया जाता है। बच्चों द्वारा घर से या रास्ते में जो भी प्लास्टिक कचरा…
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134ए की फीस नहीं मिलने व दस साल बाद मान्यता फॉर्म का किया विरोध
भास्कर न्यूज | सोनीपत सरकार द्वारा स्कूलों को 10 वर्ष के बाद फार्म भरकर मान्यता लेने को हरियाणा संयुक्त विद्यालय संघ ने नियमों के विरुद्ध बताया है। वहीं सरकार द्वारा संचालित 134-ए की प्रक्रिया के तहत पढ़ रहे छात्रों की फीस पिछले 3 वर्षो से स्कूलों को नहीं मिली है। इससे स्कूल संचालकों में रोष है। वहीं आरटीई के तहत मिलने वाली राशि भी 4 साल से नहीं ली है। इन सब समस्याओं के समाधान की मांग को लेकर…
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संस्कृति विवि पहुंचे आस्ट्रिया के प्रतिनिधि, स्टूडेंट एक्सचेंज पर हुई चर्चा
संस्कृति विवि पहुंचे आस्ट्रिया के प्रतिनिधि, स्टूडेंट एक्सचेंज पर हुई चर्चा
संस्कृति विश्वविद्यालय सपत्नीक पहुंचे आस्ट्रियन दूतावास के सांस्कृतिक फोरम के निदेशक माइकल पाल ने यहां पहुंचकर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि हमारे छात्र-छात्राएं भारत की संस्कृति, शिक्षा और यहां के परिवेश के बारे में जानना चाहते हैं। हम संस्कृति विवि के साथ मिलकर स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम चलाकर विश्व बंधुत्व की भावना को बढ़ाने में योगदान देना चाहते हैं।
माइकल पाल के विवि पहुंचने पर उनका भारतीय परंपरा के अनुसार भावभीना स्वागत किया गया। उन्होंने संस्कृति विवि के वातावरण की सराहना करते हुए कहा कि यहां पढ़ाई के लिए बहुत अच्छा माहौल है। विश्वविद्यालय के अधिकारियों और विद्यार्थियों के साथ हुई बैठक और मुलाकात में आस्ट्रिया दूतावास के सांस्कृतिक फोरम के निदेशक माइकल ने आस्ट्रिया की शिक्षण व्यवस्था और उच्च शिक्षा व्यवस्था की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने आस्ट्रिया के उच्च स्तरीय शिक्षण संस्थानों पढ़ाए जाने प्रमुख विषयों के बारे में तो बताया ही साथ ही उन्होंने विभिन्न पाठ्यक्रमों की फीस का भी ब्यौरा दिया। उन्होंने कहा कि भारतीय विद्यार्थी जब आस्ट्रिया पढ़ने जाएंगे तो उन्हें भी आस्ट्रिया की संस्कृति, भाषा और शिक्षा व्यवस्था का ज्ञान होगा। वे वहां निश्चित रूप से अच्छा महसूस करेंगे। संस्कृति स्कूल आफ टूरिज्म एंड हास्पिटेलिटी के डीन रतिश शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि माइकल पाल ऑस्ट्रियाई विदेश मंत्रालय में 30 वर्षों से अधिक समय से विभिन्न अनुभागों में कांसुलर विभाग, कानूनी सेवा, विकास विभाग और कार्य परिषद के अध्यक्ष रूप में काम कर रहे हैं। उन्होंने ग्रीस और स्विट्जरलैंड से मान्यता प्राप्त थी, इसके बाद उत्तरी मैसेडोनिया में मिशन के उप प्रमुख, मॉस्को में महावाणिज्य दूत, डीएचओएम नाइजीरिया और कजाकिस्तान में पद पर नियुक्त किया गया था। भारत में अपना नया कार्यभार संभालने से पहले, ऑस्ट्रियाई दूतावास नई दिल्ली के सांस्कृतिक मंच के निदेशक के रूप में, वह मंत्रालय में विकास निदेशालय में यूनिट गुणवत्ता प्रबंधन और मूल्यांकन के प्रमुख के रूप में थे, बाद में कार्य परिषद के अध्यक्ष रहे।
बैठक में मिस्टर माइकल के अलावा संस्कृति विवि के डाइरेक्टर जनरल डा. जेपी शर्मा, एकेडमिक डीन डा. मीनू गुप्ता, डीन स्टूडेंट वेलफेयर डा.डीएस तोमर, संस्कृति इंक्युबेशन सेंटर के सीईओ अरुन त्यागी आदि अधिकारी और शिक्षक मौजूद रहे।
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Dhirubhai Ambani international School Fees Structure - क्या आपकी जेब उठा सकती है इसकी फीस का बोझ..?
Dhirubhai Ambani international School Fees Structure - क्या आपकी जेब उठा सकती है इसकी फीस का बोझ..?
धीरूभाई अंबानी इंटरनेशनल स्कूल: क्या आपकी जेब उठा सकती है इसकी फीस का बोझ?
मुंबई के सबसे चर्चित स्कूलों में से एक, धीरूभाई अंबानी इंटरनेशनल स्कूल (DAIS), अपनी शिक्षा और सुविधाओं के लिए तो जाना ही जाता है, लेकिन इसकी फीस भी उतनी ही चर्चा में रहती है। आखिर, इस स्कूल में पढ़ने का मौका पाने के लिए अभिभावकों को अपनी जेब कितनी ढीली करनी पड़ती है? आइए, आज उठाते हैं इस सवाल का पर्दा…
क्या है फीस का…
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