स्मिता पाटिल की जयंती: स्मिता पाटिल (स्मिता पाटिल) का नाम सबसे अच्छा है। हिट होने की स्थिति में भी ऐसा ही किया जाता है। मूल रूप से स्मिता पाटिल फिल्म राज कुमार के साथ मिलकर ‘गलियां का बादशाह’ की योजना बनाई जाती है और यह कि वास्तव में ऐसी फिल्म से जुड़ी होती है। देखभाल करने के लिए स्मिता राज कुमार (Raj kumar) Vayas हैं हैं यह यह यह यह देखक देखक देखक देखक देखक देखक देखक स लौट आईं लेकिन लेकिन लेकिन…
Smita Patil: शबाना आजमी को फूटी आंख नहीं सुहाती थीं स्मिता पाटिल, महेश भट्ट थे दुश्मनी की वजह? - what was the reason of smita patil death what did shabana azmi say about smita know reason death anniversary tuesday tadka
Smita Patil: शबाना आजमी को फूटी आंख नहीं सुहाती थीं स्मिता पाटिल, महेश भट्ट थे दुश्मनी की वजह? – what was the reason of smita patil death what did shabana azmi say about smita know reason death anniversary tuesday tadka
बॉलीवुड सितारे जितनी दोस्ती करते हैं उतनी ही नफरत भी करते हैं। हिंदी सिनेमा में अभिनेताओं के बीच दोस्ती और दुश्मनी के कई किस्से हैं। इन्हीं में से एक है स्मिता पाटिल और शबाना आजमी की दुश्मनी। स्मिता 31 साल की उम्र में दुनिया छोड़कर चली गईं, लेकिन अपने पीछे कई यादें छोड़ गईं। इन यादों में शबाना से उनकी लड़ाई भी शामिल है। कई फिल्मों में साथ काम करने के बावजूद सेट पर इनकी नहीं बनती थी। शबाना ने भी…
Smita Patil Death Anniversary: When Actress Insisted On Getting Makeup Done Lying Down Due To This Reason - Smita Patil: जब लेटकर मेकअप कराने की जिद पर अड़ गई थीं स्मिता पाटिल, अंतिम विदाई पर यूं पूरी हुई थी इच्छा
Smita Patil Death Anniversary: When Actress Insisted On Getting Makeup Done Lying Down Due To This Reason – Smita Patil: जब लेटकर मेकअप कराने की जिद पर अड़ गई थीं स्मिता पाटिल, अंतिम विदाई पर यूं पूरी हुई थी इच्छा
दिवंगत अभिनेत्री स्मिता पाटिल हमारे बीच नहीं हैं। मगर, उनकी यादें आज भी जिंदा हैं। आज ही के दिन दिग्गज अभिनेत्री बेहद कम उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह गईं। बेटे प्रतीक बब्बर के जन्म के दो सप्ताह बाद ही 13 दिसंबर 1986 को चाइल्डबर्थ कॉम्प्लिकेशन के चलते एक्ट्रेस की मौत हो गई थी। मगर, उनसे जुड़े किस्से और बातें आज भी वक्त-मौकों पर याद आ जाते हैं। उनसे जुड़ा ऐसा ही एक किस्सा है, जब वह लेटकर मेकअप…
स्मिता पाटिल की जयंती पर प्रतीक बब्बर: यह मेरे लिए बेहद संवेदनशील दिन है | बॉलीवुड
स्मिता पाटिल की जयंती पर प्रतीक बब्बर: यह मेरे लिए बेहद संवेदनशील दिन है | बॉलीवुड
स्मिता पाटिल अपनी विरासत के लिए जाना जाने वाला एक नाम है जिसे उन्होंने पीछे छोड़ दिया है और उनके अभिनेता-पुत्र प्रतीक बब्बर उस विरासत को आगे बढ़ाने और इसे आगे बढ़ाने के अलावा कुछ नहीं चाहते हैं। अपनी जयंती पर, बब्बर, जो सार्वजनिक रूप से दिखाई देने से कतराते हैं, उस दिन पापराज़ी के साथ केक काटते हुए दिखाई देंगे। इसके अलावा, वह एक एनजीओ के साथ इस दिन को मनाने का भी इरादा रखता है जो आवारा लोगों को…
Smita Patil Birth Anniversary: बड़ी आंखें और सांवले रंग के साथ जो सिनेमाई दुनिया में छा गई, यहां जानें स्मिता पाटिल के कुछ अनसुने किस्से
Smita Patil Birth Anniversary: बड़ी आंखें और सांवले रंग के साथ जो सिनेमाई दुनिया में छा गई, यहां जानें स्मिता पाटिल के कुछ अनसुने किस्से
Image Source : INDIA TV
Smita Patil Birth Anniversary
Highlights
स्मिता पाटिल एक नारिवादी एक्टिविस्ट भी थीं
पाटिल ने हिंदी, मराठी, कन्नड़, गुजरात, मलयालम और बंगाली फिल्मों में भी काम किया था।
‘भीगी पलके’ की शूटिंग के दौरान उनकी मुलाकात अभिनेता राज बब्बर से हुई थी
Smita Patil Birth Anniversary: सांवला रंग, खूबसूरत चेहरा और बोलती हुई सुंदर सी आंखें… स्मिता पाटिल जब भी पर्दे आती तो सब उनको ही…
राज बब्बर ने दिवंगत पत्नी स्मिता पाटिल को उनकी पुण्यतिथि पर याद किया; उसे 'महान आत्मा' कहते हैं - टाइम्स ऑफ इंडिया
राज बब्बर ने दिवंगत पत्नी स्मिता पाटिल को उनकी पुण्यतिथि पर याद किया; उसे ‘महान आत्मा’ कहते हैं – टाइम्स ऑफ इंडिया
दिग्गज अभिनेता से राजनेता बने राज बब्बर ने अपनी दिवंगत पत्नी स्मिता पाटिल को उनकी पुण्यतिथि पर याद करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया। दिवंगत अभिनेत्री ने उनके काम के शरीर से प्रभावित किया था।
उनकी पुण्यतिथि पर, राज बब्बर ने ट्विटर पर एक भावनात्मक नोट लिखा। उन्होंने अपनी दिवंगत पत्नी की एक खूबसूरत तस्वीर साझा की और लिखा, “स्मिता एक महान आत्मा थीं – कुछ ऐसा जो उनके शिल्प में इतनी स्पष्ट रूप से…
मेरी पहली भेंट स्मिता पाटिल जी से ब्लैक एंड व्हाइट टीवी के माध्यम से हुई थी जिसमे "वारिस'' फ़िल्म प्रसारित हो रही थी । फ़िल्म की कहानी जमीन विवाद पर आधारित थी । उस समय मेरा जीवन ही ग्रमीण था । अधिक विषयवस्तुओं के लिए ग्रामीण परिवेष में संभावना भी नही होती है । सुबह की ओश और संध्या की बेला के बीच मे हँसते गुनगुनाते लोग , बैलों की घंटियाँ , लाहलाहते खेत , स्कूल , तालाब , नोंकझोंक इत्यादि के अलावा कुछ और यदि देखने की संभावना थी तो वह थी - टीवी पर शनिवार को दो बजे से हिंदी चलचित्र जो नेपाल चैनल से प्रसारित होती थी । एक बजे स्कूल में टिपिन होती थी और मैं हरेक शनिवार को टिपिन की घन्टी बजते ही स्कूल से भाग जाया करता था । फिर उस बचे हुए एक घण्टे में पता लगाना होता था कि किसके यहाँ बैटरी चार्ज है , दो बजे फ़िल्म सुरु हो जाएगी । ले देकर दो चार लोगों के पास ही उस समय टीवी हुआ करता था ।
इस क्रिया को दोहराने के क्रम में मैं स्मिता पाटिल जी से मिला । तारीख तो याद नही पर दिन तो शर्तिया शनिवार था । मासूम पारो को देखकर पता नही क्यों लेक���न मैं तो अपना दिल हार बैठा था । असर इतना गहरा था कि उस समय , उस छन को मैं आजतक नही भूल पाया ।
मुझे याद है मैं कैसे स्मिता जी का पोस्टर खरीदकर लाता था , अपने कमरे में चिपकाता था । उस समय मैं चाहकर भी जान नही सकता था कि ये कौन थी - आसान नही था आज की तरह एकबार में प्रोफाइल को जान लेना । बस पोस्टर ही मेले या किताबों के दुकान पर बिकते थे ।
जब मैं स्नातक कर रहा था, इंटरनेट से सामना हुआ तो सबसे पहले मैंने स्मिता पाटिल को ही ढूंढा। पढ़ते ही मैं हैरान हो गया कि जिस अभिनेत्री से मुझे स्नेह था वह तो बहुत पहले ही दुनिया छोड़ चुकी थी । जब मैं फ़िल्म देख रहा था तो उस समय भी यह जीवित नही थी । सोच कर मन को जोर का धक्का लगा ।
एक सम्पूर्ण नारी जिसे मेरे बालक मन ने चाहा था वह जीवित ही नही थी यह सोच सोच कर मैं परेशान हो उठा । उन दिनों साइबर कैफे में एक धंटे सर्फिंग करने के पचास रुपये लगते थे । मैं लगातार चार घंटे तक साइबर कैफ़े में बैठा रहा । स्मिता जी के जीवन मे घटित हरेक धटनाओं को उन चार घँटों में मैंने नोटपैड पर उतार लिया । दो सौ रुपये का मूल्य आप इसी बात से निर्धारित कर सकते हैं कि मुझे स्नातक करने में कुल सात सौ रुपये लगे थे । अजीब बात ये है कि साइबर कैफे में महज कुछ जानकारी के लिए मैंने दो सौ रुपये फूंक दिए थे ।
मुझे काफी इंतजार करना पड़ा था उन सभी फिल्मों को देखने के लिए जिसमे स्मिता जी ने अभिनय की है । लगभग 2004 में जब सीडी प्लयेर सस्ते दामों में बिकने लगी तो मैंने भी एक सीडी प्लेयर खरीदा । और फिर लिस्ट के हिसाब से स्मिता जी की सारी फिल्में देख डाली ।
एक सांवली लड़की को अनेक अवतारों में देखकर मैं चकित था । इतनी कम उम्र में इतना दमदार अभिनय - और उपलब्धियां ! कैसे भगवान इतने निष्ठुर हुए !
अब तो कोई भी फ़िल्म शेष नही जिसे मैंने ना देखी हो लेकिन स्मिता जी से मिलना शेष रह गया । आज कोई भले ही उन्हें याद करे या ना करे लेकिन आजीवन मैं तो याद करता ही रहूँगा । एक अभिनेत्री जिसने हिंदी सिनेमा में महज कुछ ही साल गुजारे और आँचल में भर दिया अनगिनत सितारे उन्हें बॉलीवुड के लोग भूल बैठे हैं । कभी किसी को इनके बारे में कुछ कहते नही सुना । ना अवार्ड शो में कृतज्ञता ना ही आदर और सम्मान । हां , नेशनल अवार्ड और पद्मश्री से जरूर इनको समान्नित किया गया परन्तु बॉलीवुड के लोग इनको तनिक भी याद नही करते ।
लेकिन कोई बात नही , वह खुद नही हैं तो क्या हुआ , एक ही अगर दिल से उन्हें याद करता आ रहा है तो काफ़ि है । सम्मान की बात है, कोई भी करे - बस सम्मान आत्मिक हो ।
खैर, कोई याद करे या ना करे , दूर कहीं कोने से मैं तो इनको याद करता रहूंगा । ये संबंध सूक्ष्म है । अटूट है ।
Interview: प्रतीक बब्बर बोले- मेरा सपना दौलत और शोहरत कमाना नहीं, मां स्मिता की विरासत के साथ न्याय करना है
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कोविड महामारी और लॉकडाउन का दौर पूरी दुनिया के लिए बेहद मुश्किल भरा रहा। अब फिल्मकार मधुर भंडारकर उसी दर्द भरे दौर को अपनी फिल्म ‘इंडिया लॉकडाउन’ से पर्दे पर लेकर आए हैं। फिल्म में अभिनेता प्रतीक बब्बर एक प्रवासी मजदूर के रूप में हैं जो अपने घर लौटने के लिए संघर्ष करता है। प्रतीक बब्बर ने कहा कि उन्होंने इस फिल्म में अपने रोल के लिए मा स्मिता पाटिल की फिल्म ‘आक्रोश’ और ‘चक्र’ देखीं। प्रतीक बब्बर…
82 की शरद ऋतु: फिल्मों और परवीन बाबी के साथ एक आजीवन आकर्षण
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परवीन बाबी की आकर्षक ‘ओहो’ की कोमल छाया के नीचे एक फिल्म-जुनून वाले छोटे शहर में बढ़ते हुए
1982 के उत्तरार्ध में, जब मेरे पिता मऊभंडार के तांबे के कारखाने की बस्ती में रह रहे थे (झारखंड के घाटशिला से लगभग 5 किलोमीटर दूर) और मेरी माँ गर्भवती थीं, मेरे पिता ने उन्हें और मेरे कुछ शब्द (चाची) अपने लैंब्रेटा स्कूटर पर (जिसे उन्होंने कई लोगों की तरह, लैंबी कहा जाता है) एक फिल्म देखने के लिए। वे…
इस गाने की शूटिंग के बाद Smita Patil ने रो-रोकर किया था बुरा हाल, Amitabh Bachchan ने दिया था सहारा
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बॉलीवुड की दिग्गज कलाकार स्मिता पाटिल ने अपने फिल्मी करियर में वो सब कुछ किया जो किसी एक्टर और एक्ट्रेस को नसीब होता है। इसी के साथ स्मिता पाटिल ने हर तरह की फिल्म में काम किया है। स्मिता पाटिल का नाम फिल्म ‘मिर्च मसाला’, ‘भूमिका’, ‘अक्रोश’, ‘चक्र’, जैसे।
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