एन एस एस छात्राओं द्वारा रक्तदान कार्यक्रम संपन्न.
एन एस एस छात्राओं द्वारा रक्तदान कार्यक्रम संपन्न.
अमरनाथ गर्ल्स डिग्री कॉलेज की राष्ट्रीय सेवा योजना की इकाई के द्वारा रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया ।छात्राओं को आशीर्वाद देते हुए डॉ अनिल वाजपेयी ने कहा कि राष्ट्रहित, समाज हित में रक्त दान सर्वश्रेष्ठ कार्य है। शिविर हेतु लगभग 200 रक्त दाताओं ने नाम पंजीकृत कराएं ।
रक्तदान के लिए संकल्पित सभी रक्तदाता छात्राओं का उत्साह देखते ही बनता था । रक्त दाताओं को प्रोत्साहित करने के लिए शिविर में पधारे विशिष्ट अतिथि - सर्व हर स्वरूप गौतम,प्रो डा अमर कुमार के आर पीजी कॉलेज मथुरा ,प्रो डॉ पल्लवी सिंह के आर गर्ल्स कॉलेज मथुरा, डॉ भावना वार्ष्णेय बीएसए कॉलेज, मथुरा ,स्काउट कमिश्नर निखिल अग्रवाल, प्रोफेसर पुनीत सिंह हार्वर्ड यूनिवर्सिटी, डॉ पूनम कुलश्रेष्ठ ,डा नवीन कुमार , गीता गुप्ता सचिव डी. पी. एजूकेशनल इंस्टीट्यूट चौमुहां मथुरा डॉ वीके गुप्ता छात्राओं की भूरी -भूरी प्रशंसा की। रवींद्र बंसल के निर्देशन में- रक्त मित्र फाउंडेशन द्वारा उपरोक्त रक्तदान शिविर की सभी उत्तम व्यवस्था की गयी।
रक्तदान करने वाले सभी रक्त वीरों को निशुल्क हेलमेट ,प्रमाण पत्र, डोनर कार्ड, फ्रूट एवं जूस प्रदान किया गया। अरविन्द सोसाइटी, चित्रगुप्त वेलफेयर सोसाइटी इस महाअभियान की सहभागी रही। एन एस एस कार्यक्रम अधिकारी डॉ निर्मल वर्मा, संयोजक डॉ आरती पाठक, डा मनोरमा कौशिक,डा सरिता,डा डिम्पल, नूतन ,मांडवी ,चंचल , दीक्षा,हिना, कनिका,शालनी शायमा ,काजल ,मोनिका, विट्ठल पाराशर,दामोदर घोष,की भूमिका प्रमुख रही।
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राज्य सरकार युवाओं के विदेशों में उच्च शिक्षा ग्रहण करने के सपने को पूरा कर रही है। इसी क्रम में राजीव गांधी स्कॉलरशिप फॉर एकेडमिक एक्सीलेंस योजना में वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 65 क��ोड़ रुपये के अतिरिक्त बजट प्रावधान को मंजूरी दी है।
विदेशों के प्रतिष्ठित संस्थानों में निःशुल्क अध्ययन के लिए पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री राजीव गांधी की जयंती (20 अगस्त 2021) पर ‘राजीव गांधी स्कॉलरशिप फॉर एकेडमिक एक्सीलेंस‘ योजना शुरू की थी। इसमें प्रतिवर्ष 200 विद्यार्थियों को विदेश में निःशुल्क शिक्षा दिलाने का प्रावधान है।
योजना में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी, स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी, कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी, प्रिंसटन यूनिवर्सिटी, टोरंटो यूनिवर्सिटी सहित विश्व की टॉप 150 यूनिवर्सिटी/इंस्टीट्यूट में पढ़ने का अवसर दिया जा रहा है।
योजना में 8 लाख रुपये से कम पारिवारिक आय वाले विद्यार्थियों को प्राथमिकता दी जा रही है। इसमें 25 लाख रुपये तक पारिवारिक आय वाले विद्यार्थी भी आवेदन कर सकते हैं। इसमें महिला विद्यार्थियों के लिए 30 प्रतिशत सीट आरक्षित हैं। विद्यार्थी राजस्थान का मूल निवासी होना आवश्यक है।
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परफेक्ट रिज्यूमे और कवर लेटर कैसे लिखें? हार्वर्ड विश्वविद्यालय बताते हैं
परफेक्ट रिज्यूमे और कवर लेटर कैसे लिखें? हार्वर्ड विश्वविद्यालय बताते हैं
नौकरी की तलाश करने की कोशिश कर रहे किसी भी व्यक्ति के लिए रिज्यूमे और कवर लेटर कैसे लिखना है, यह जानना बुनियादी कौशल है। हालाँकि, यह देखते हुए कि कोई सार्वभौमिक रूप से स्वीकृत लेखन प्रारूप नहीं है, चीजें भ्रमित हो सकती हैं। जब एक अच्छा बायोडाटा लिखने की बात आती है तो हम सब थोड़ी मदद कर सकते हैं। दिलचस्प बात यह है कि हार्वर्ड यूनिवर्सिटी, जो दुनिया के शीर्ष संस्थानों में से एक है, के पास मुफ्त…
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परफेक्ट रिज्यूमे और कवर लेटर कैसे लिखें? हार्वर्ड विश्वविद्यालय बताते हैं
परफेक्ट रिज्यूमे और कवर लेटर कैसे लिखें? हार्वर्ड विश्वविद्यालय बताते हैं
नौकरी की तलाश करने की कोशिश कर रहे किसी भी व्यक्ति के लिए रिज्यूमे और कवर लेटर कैसे लिखना है, यह जानना बुनियादी कौशल है। हालाँकि, यह देखते हुए कि कोई सार्वभौमिक रूप से स्वीकृत लेखन प्रारूप नहीं है, चीजें भ्रमित हो सकती हैं। जब एक अच्छा बायोडाटा लिखने की बात आती है तो हम सब थोड़ी मदद कर सकते हैं। दिलचस्प बात यह है कि हार्वर्ड यूनिवर्सिटी, जो दुनिया के शीर्ष संस्थानों में से एक है, के पास मुफ्त…
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ओबामा की बेटी का बॉयफ्रेंड और लॉकडाउन -
इस बार पूरी दुनिया में लोगों ने कोरोना महामारी का सामना किया |बस सबका अलग -अलग रूप था | पूरी दुनिया में भी लॉक डाउन हो गया | क्या आम जान मानस क्या खास सबको कठिनायों का सामना करना पड़ा |ऐसी कठिनायों के बारे में ओबामा ने भी बात की और बताया की कैसे उनके बेटी का बॉयफ्रेंड लॉक डाउन में उनकी घर रुका |ओबामा ने बताया कि कोरोना वायरस का असर शुरू होने के बाद से ही मेरी बेटी मालिया का बॉयफ्रेंड रोरी पर्कुहर्सन हमारे घर पर ही था.|उन्होंने बताया कि मालिया का बॉयफ्रेंड रोरी उनकी बेटी से ज्यादा खाना खाता है| इस वजह से उनकी ग्रॉसरी का बिल भी 30 फीसद तक बढ़ गया|
ओबामा ने भी बताया की वो अपनी बेटी के बॉयफ्रेंड को पसंद नहीं करते थे लेकिन रहने के दौरान वो उसे पसंद करने लगे |और कहा की वो एक अच्छा लड़का है |
मालिआ ओबामा -
बराक ओबामा अमेरिका के 44 राष्ट्रपति थी | उनकी और मिशेल ओबामा की दो बेटियों में से एक मिलिआ ओबामा है |मिलिआ उनकी बड़ी बेटी है | उसका जन्म 4 जुलाई 1998 को हुआ था |मालिआ की उम्र 22 वर्ष है |मालिआ का बॉयफ्रेंड रोरी उसके साथ ही हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में पड़ते है |और वीज़ा की दिक्कत की वजह से मालिआ का बॉयफ्रेंड को ओबामा के घर पर रुकना पड़ गया था लॉक डाउन के दौरान और इसी समय के वाकया को ओबामा बता रहे थे |मालिआ का बॉयफ्रेंड का पूरा नाम रोरी फ़ार्कूहार्सन है |ओबामा ने ये भी बताया की हम लोग साथ में मिलके खाली समय में कार्ड भी खेले और खूब एन्जॉय भी किया |
मालिआ और रोरी फ़ार्कूहार्सन ने कब से डेटिंग शुरू की -
दुनिया को मालिआ और रोरी के डेटिंग के बारे तब बता चला जब एक किसिंग वीडियो वायरल हो गयी | ये वीडियो हार्वर्ड और येल के बीच फूटबाल खेल की थी |जिसमे मालिआ सिगरेट पी रही है |और हॅसते हुए एक दूसरे को किस कर रहे है |ये घटना नवंबर 2017 की है | लेकिन अभी कुछ लोगों ने ये अंदाज़ा ही लगाया था |की मालिआ और रोरी एक दूसरे को डेट कर रहे है |लेकिन जनवरी 2018 में फिर एक दूसरे के साथ न्यूयोर्क की सड़कों पर गले हाथ डाले दिख जाते है | जो को मीडिया से बहुत मुश्किल से ही बच पाया |फिर ये कन्फर्म हो गया की मालिआ और रोरी की डेटिंग चल रही है |
कौन है रोरी फ़ार्कूहार्सन-
लंदन के एक इन्वेस्टमेंट फर्म के चीफ एग्जीक्यूटिव कैथरीन फ़ार्कूहार्सन, चार्ल्स फ़ार्कूहार्सन की संतान है |इनका बहुत ही पढ़े -लिखे लोगों का परिवार है |इसके पिता भी चार्ल्स ने भी भी कैंब्रिज में पढ़ाई की और रोरी भी स्कूल और कॉलेज में पढ़ाई में बहुत अच्छा है |पढ़ाई के साथ ये खेल में भी हमेशा नंबर 1 ही रहा है |वैसे हार्वर्ड में ये क्या सब्जेक्ट ले रखा है इसमें लोगों को संशय है लेकिन लोगों को लगता है की इसने अकाउंट ले रखा है |इसका फॅमिली बैकग्राउंड अच्छा है और इनके परिवार का शाही परिवार से भी कनेक्शन है |लंदन में इनका एक सिक्स बैडरूम का आलीशान बंगला है |मालिआ और रोरी की उम्र लगभग सामान ही है | इसने अपनी गर्लफ्रेंड के प्राइवेसी का बहुत ख्याल रखा है |
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Social Media का लगातार होता दुरुपयोग ! सब कुछ जानें 2021 में
Social Media का लगातार होता दुरुपयोग ! सब कुछ जानें 2021 में
Social Media क्या है ?
जब हम कभी इंटरनेट के माध्यम से किसी को अपनी जानकारी शेयर करते हैं या किसी से कोई जानकारी वर्चुअल तरीके से लेते हैं, यानी की इसमें हम physical रूप से उपस्थित न होते हुए भी देश दुनिया की सभी जानकारी हासिल करते हैं, तो यह सभी क्रिया कलाप Social Media के माध्यम से ही पूरा किया जाता है।
Social Media जब धीरे धीरे प्रचलित हो रहा था तो उस समय ���ब यही सोचते थे कि यह हमारे समाज के…
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कैम्ब्रिज सिटी कॉउंसिल ने CAA और NRC के खिलाफ प्रस्ताव किया पारित
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कैम्ब्रिज सिटी कॉउंसिल ने CAA और NRC के खिलाफ प्रस्ताव किया पारित
कैम्ब्रिज सिटी कॉउंसिल ने कहा भारतीय संसद शरणार्थियों की मदद के लिए कदम उठाए
कैम्ब्रिज सिटी कॉउंसिल (Cambridge City Council) ने एकमत से पारित प्रस्ताव में भारत से मांग की कि वह शरणार्थियों पर संयुक्त राष्ट्र की संधियों की अभिपुष्टि करते हुए शरणार्थियों की मदद के लिए कदम उठाए?
वाशिंगटन. अमेरिका की कैम्ब्रिज सिटी कॉउंसिल ने भारतीय संसद से हाल में पारित संशोधित नागरिकता कानून (CAA) वापस लेने और प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) को खत्म करने की मांग करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया है. उल्लेखनीय है कि हार्वर्ड यूनिवर्सिटी और मैसाच्युसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IMT) जैसे दुनिया के कुछ प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान इसका हिस्सा हैं.
वृहद बोस्टन का हिस्सा कैम्ब्रिज सिटी कॉउंसिल ने एकमत से पारित प्रस्ताव में भारत से मांग की कि वह शरणार्थियों पर संयुक्त राष्ट्र की संधियों की अभिपुष्टि करते हुए शरणार्थियों की मदद के लिए कदम उठाए? भारत सरकार लगातार कहती रही है कि सीएए देश का आंतरिक मामला है और उसका लक्ष्य पड़ोसी देशों के प्रताड़ित अल्पसंख्यकों की रक्षा करना है.
दो साल की उम्र में पाकिस्तान के कराची से अमेरिका आई कैम्ब्रिज की महापौर संबुल सिद्दीकी ने सोमवार को सिटी कॉउंसिल बैठक की अध्यक्षता की. सिटी कॉउंसिल में यह उनका दूसरा कार्यकाल है और पहली बार वह महापौर चुनी गई है. सीएए और एनआरसी से जुड़े प्रस्ताव का पार्षद क्विंटन ज़ोनडेरवन, जीवन सोब्रिन्हो-व्हीलर और पैट्रिशिया नोलान के साथ सिद्दीकी सह प्रायोजक थी.
प्रस्ताव में आरोप लगाया गया कि मोदी सरकार की नीतियां नस्लभेदी हैं. यह कैम्ब्रिज के मूल्यों के विपरीत है जो दक्षिण एशिया से आने वाले किसी भी जाति और धर्म के लोगों का स्वागत करता रहा है. राष्ट्रीय स्तर पर यह नीति अपनाने से लाखों लोगों की नागरिकता चली जाएगी और उन्हें फिर से नागरिकता देने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा.कैम्ब्रिज नगर परिषद ने प्रस्ताव में कहा कि पिछले साल हाउडी मोदी कार्यक्रम दक्षिणपंथी राजनीतिज्ञों की एकजुटता का कार्यक्रम था. सितंबर में इस कार्यक्रम में मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 50,000 भारतीय अमेरिकियों को संबोधित किया था.
भारतीय ससंद ने दिसंबर 2019 में सीएए पारित किया था जिसमें पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में उत्पीड़ित अल्पसख्ंयकों को नागरिकता देने का प्रावधान है.
ये भी पढ़ें: ट्रंप ने की मोदी की तारीफ,कहा-वह मेरे दोस्त, भारत यात्रा का बेसब्री से इंतजार
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First published: February 12, 2020, 8:13 AM IST
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ट्रंप प्रशासन के इस फैसले से 2 लाख भारतीय छात्र प्रभावित होंगे, इन्होंने किया मुकदमा
ट्रंप प्रशासन के इस फैसले से 2 लाख भारतीय छात्र प्रभावित होंगे, इन्होंने किया मुकदमा
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हार्वर्ड यूनिवर्सिटी और एमआईटी ने ट्रंप प्रशासन पर मुकदमा कर दिया है. हार्वर्ड विश्वविद्यालय (Harvard University) और मैसाचुसेट्स प्रौद्योगिकी संस्थान (Massachusetts Institute of Technology) ने ट्रंप प्रशासन पर मुकदमा (Case Filed Against Trump…
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AMU की उपलब्धि: वैश्विक समस्याओं के निदान में मदद करेगा विश्वविद्यालय एएमयू देश का ऐसा पहला विश्वविद्यालय बन गया है, जिसे संयुक्त राष्ट्र के ग्लोबल जियो स्पेशल इनफॉरमेशन मैनेजमेंट की परीक्षा प्रदान की गई है।) इससे वैश्विक समस्याओं के निदान के लिए आवश्यक कदम उठाने में ...। Source link
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गीता गोपीनाथ और अमिताभ का तारीफ करना -
गीता गोपीनाथ को शायद सब लोग जानते नहीं होंगे |और हो सके इससे पहले उनका नाम भी कम ही सुना होगा |अमिताभ बच्चन को तो पूरी दुनिया जानती है |लेकिन क्या ऐसा हुआ की अमिताभ की आलोचना गीता गोपीनाथ को लेकर होने लगी |तारीफ भला किसे अच्छी नहीं लगती। लेकिन कई बार यह विवादास्पद हो जाती है। कुछ लोगों को तारीफ करने का अंदाजा भाता नहीं है और वे इसकी आलोचना करने और खुलकर इस बारे में बोलने से गुरेज नहीं करते। हाल ही में ऐसा ही एक नाम गीता गोपीनाथ का सामने आया, जिनकी 'महानायक' अमिताभ बच्चन ने जब तारीफ की तो सोशल मीडिया पर उसे लेकर बहस छिड़ गई। कुछ लोगों ने इसे सकारात्मक ढंग से लिया तो बड़ी संख्या लोगों ने इसकी आलोचना भी की है। अब सवाल है कि कौन हैं गीता गोपनाथ, जिनकी तारीफ पर अमिताभ बच्चन को आलोचना झेलनी पड़ गई।और आखिर अमिताभ ने कहा क्या था |आये जानते है |
गीता और अमिताभ विवाद -
ये एक वीडियो है अमिताभ के कौन बनेगा करोड़पति का जिसमे किसी प्रश्न के अंतर्गत गीता का नाम आता है और अमिताभ कह बैठते है की "इतना खूबसूरत चेहरा है इनका , इकॉनमी के साथ कोई जोड़ ही नहीं सकता "|लेकिन कुछ लोगों को 'महानायक' का अंदाज पसंद नहीं आया और उन्होंने इसे 'सेक्सिस्ट' यानी महिलाओं के प्रति पूर्वाग्रह से भरा बताया।भले ही गीता ने ये वीडियो क्लिप शेयर करके अमिताभ के तारीफ से खुश नज़र आयी और कहा की मेरे लिए उनके प्रसंशक की भाती ये बहुत ही अच्छी फीलिंग है |सोशल मीडिया पर कई लोगों ने इस कमेंट पर नाराजगी दिखाई और कहा की उनके इस कमेंट के कई मतलब निकले जा सकते है जैसे की खूबसूरत महिलाओं अर्थशास्त्री नहीं बन सकती |लेकिन विवाद जब बाद गया तो अमिताभ बच्चन ने गीता गोपीनाथ के ट्वीट्स पर कहा की -"उन्होंने जो कहा है वो बड़ी ईमानदारी से कहा है" |
गीता गोपीनाथ का परिचय क्या है -
गीता गोपीनाथ वर्ष 2019 से अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की प्रमुख अर्थशास्त्री हैं|इससे पहले वह हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में इंटरनेशनल स्टडीज ऑफ इकनॉमिक्स में प्रोफेसर रह चुकी हैं। उनकी गिनती दुनिया के प्रमुख अर्थशास्त्रियों में होती है। उन्होंने इंटरनेशनल फाइनेंस और मैक्रो-इकनॉमिक्स में रिसर्च भी किया है।आईएमएफ की चीफ इकनॉमिस्ट के तौर पर उनकी नियुक्ति का ऐलान 2018 में तत्कालीन आईएमएफ प्रमुख क्रिस्टीन लेगार्ड ने किया था, जिन्होंने गीता गोपीनाथ को दुनिया के बेहतरीन अर्थशास्त्रियों में से एक बताते हुए कहा था कि उनके पास शानदार अकादमिक ज्ञान, बौद्धिक क्षमता और व्यापक अंतरराष्ट्रीय अनुभव है।
गीता गोपीनाथ की प्रारम्भिक शिक्षा से अमेरिका के नागरिक होने का सफर =
गीता का जन्म भारत के मैसूर शहर में हुआ है |उनके पिता टी.वी. गोपीनाथ केरल के कन्नूर जिले के किसान और उद्यमी हैं|उन्होंने स्नातक की डिग्री लेडी श्रीराम कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय से ली है फिर दिल्ली स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स से अर्थशास्त्र में ही मास्टर की पढाई पूरी की। इसके बाद 1994 में वह वाशिंगटन यूनिवर्सिटी चली गईं। साल 1996 से 2001 तक उन्होंने प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में शोधकार्य किया और इस तरह उनकी पीएचडी पूरी हुई।गीता पढ़ाई में बहुत अच्छी थी और 2001 से 2005 तक वह शिकागो यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर रहीं है |फिर उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर ज्वाइन किया।अगले पांच वर्षों में यानी 2010 में वह इसी यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर बन गईं।वैसे तो वो अब अमेरिका की नागरिक है |
नोटबंदी पर दिए गए विचार से भी चर्चा में आयी थी -
पिछले सालों में वो तब चर्चा में जब उन्होंने भारत में नोटबंदी को आर्थिक रूप से नकारात्मक बताया था |और तो और भारत की को वैश्विक आर्थिक विकास की गिरावट के लिए भी जिम्मेदार बताया था |गोपीनाथ ने यह भी कहा था कि किसी विकासशील देश के लिए नोटबंदी काफी कड़ा फैसला है. यह खतरनाक होने के साथ-साथ हानिकारक भी है जो कुछ सेक्टर में स्थायी क्षत पंहुचा सकता है |गीता का पूरा परिवार वामपंथी विचारधारा से जुड़ा है |गीता का दादा गोविन्द नाम्बियार कम्यूनिस्ट पार्टी के बड़े समर्थक माने जाते थे |गीता ने इक़बाल धालीवाल से शादी की है उनका एक बेटा भी है |इकबाल इक्नोमिक्स से स्नातक है और 1995 बैच के आईएएस टॉपर रहे है उन्होंने आईएएस की नौकरी छोड़ प्रिस्टन पढ़ने चले गये और यही इनकी मुलाकात गीता से हुई |हमारा उद्देश्य हमेशा ये रहता है की आप तक ज्यादा से ज्यादा जानकारी पंहुचा सके |
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फेसबुक कंपनी का मालिक कौन है? फेसबुक किस देश की कंपनी है?
शायद आप मैं से कई लोग इस सवाल का जवाब जानते होंगे परन्तु आपमें से ही कई लोग इस सवाल से अंजान होंगे इसीलिए हम आज की इस पोस्ट मैं फेसबुक का मालिक कौन है ? फेसबुक किस देश की कंपनी है ? फेसबुक क्या है ? इन्ही टॉपिक के बारे मैं बात करने वाले है क्योंकि इस पोस्ट मैं हम आपको सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक से जुड़ी सारी जानकारी मिलेगी।
फेसबुक किस देश की कंपनी है?
बर्तमान मैं फेसबुक के मालिक मार्क जुकरबर्ग न्यूयॉर्क अमेरिका के निवासी है और इन्होंने फेसबुक को न्यूयॉर्क के हार्वर्ड यूनिवर्सिटी बनाया था इसीलिए फेसबुक को अमेरिकन कंपनीभी कहा जाता हैं.
और पड़ने के लिए यंहा क्लिक करे
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पावर ऑफ पॉजिटिविटी(power of positivity)खुशी चाहते हैं तो काम में एकाग्रता की कोशिश करें:-
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में हैप्पीनेस मामलों के विशेषज्ञ डैनियल
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Shah Faesal Image Source : FILE PHOTO
श्रीनगर: पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फैसल, जो नौकरशाह से राजनेता बने, उनके प्रशासन में वापस शामिल होने की संभावना है। दरअसल अधिकारियों ने उन्हें अवगत कराया है कि उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है। यह जानकारी शीर्ष अधिकारियों ने दी। दिलचस्प बात तो यह है कि फैसल द्वारा इस्तीफा देने और जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट (जेकेपीएम) नामक एक राजनीतिक पार्टी बनाने के बावजूद उनका नाम सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर से जम्मू एवं कश्मीर के कैडर आईएएस की सूची से नहीं हटाया गया।
कुछ खबरों के अनुसार, फैसल के अपने ट्विटर हैंडल से राजनीतिक बायो को हटाकर वापस प्रशासन सेवा में शामिल होने की संभावना जताई है। उन्होंने अपने ट्विटर बायो पर रविवार शाम को लिखा, "एडवर्ड एस फेलो, एचकेएस हार्वर्ड यूनिवर्सिटी, मेडिको। फुलब्राइट। सेंटट्रिस्ट।" इससे यह साफ नजर आता है कि उन्होंने जेकेपीएम के संस्थापक के रूप में अपने राजनीतिक बायो हटा दिया है।
गौरतलब है कि उन्होंने साल 2010 की सिविल सेवा परीक्षा में टॉप किया था और उन्हें आईएएस का होम कैडर आवंटित किया गया था। एक ईमानदार अधिकारी के रूप में लोकप्रिय फैसल के शुभचिंतकों ने उन्हें साल 2018 में राजनीति में शामिल होने के लिए इस्तीफा देने पर आगाह किया था कि हो सकता है राजनीति उन्हें रास न आए।
वहीं सूत्रों का यह भी कहना है कि सरकार ने हाल ही में उन्हें यह महसूस कराया कि उनके सिविल सेवा में वापस शामिल होने से 'उन्हें कोई ऐतराज नहीं' है। यदि वह वापस प्रशासन सेवा में शामिल होने का विकल्प चुनते हैं, तो वह जम्मू और कश्मीर में सबसे कम राजनीतिक कैरियर के लिए एक और रिकॉर्ड बनाएंगे।
उन्होंने जेकेपीएम की स्थापना 2019 की शुरुआत में काफी धूमधाम से की थी।
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Education: हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में छात्रों को पढ़ने को मौका, 67 ऑनलाइन कोर्स फ्री किए
कोरोना वायरस के कारण दुनिया के कई देशों में लॉकडाउन है। जिसके कारण स्कूल, कॉलेज और शिक्षण संस्थान बंद है। इस बीच हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने एक बड़ा कदम उठाया है। विश्वविद्यालय ने दुनियाभर के छात्रों के लिए 67 ऑनलाइन कोर्स फ्री कर दिए हैं। विद्यार्थी घर बैठे कोर्स में दाखिला ले सकते हैं। इन विभिन्न कोर्सों की अवधि 1 से 12 हफ्ते हैं।
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