ERCP परियोजना - पूर्वी राजस्थान क्षेत्र के लाखों लोगों के लिए वरदान।
ERCP परियोजना - यह परियोजना पूर्वी राजस्थान क्षेत्र के लाखों लोगों के लिए बड़ी राहत है। लेकिन नेता नहीं चाहते थे कि इस क्षेत्र के लोग इस वरदान को पा सकें। पूर्वी राजस्थान के लोग इंतजार करते-करते थक चुके थे। लोग बदलाव चाहते थे। इसलिए, दिसंबर 2023 में डबल इंजन सरकार पर भरोसा दिखाया और मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में सरकार बनाई। भजनलाल सरकार ने जल प्रबंधन पर 5D दृष्टिकोण अपनाया।
किस्मत का खेल है कि पूर्वी राजस्थान में इन्हीं के नेतृत्व में जल से मुहूर्त हुआ और 2024 में लोगों की आशा जगी। 28 जनवरी, 2024 को श्री सीएम सर के नेतृत्वs में संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चंबल-ईस्टर्न राजस्थान कैनाल लिंक प्रोजेक्ट (ERCP) पर हस्ताक्षर हुए, जो राजस्थान, मध्य प्रदेश और केंद्र सरकार के बीच एक ऐतिहासिक समझौता था। इसके बाद राज्य में भी काम शुरू हो गया है। केंद्र सरकार भी इस परियोजना को पूरा करने में पूरी तरह से सहयोग कर रही है।
मिस्टर सीएम की इस परियोजना को लेकर प्रतिबद्धता का ही परिणाम है कि परियोजना की राशि अब 45 हजार करोड़ रुपये हो गई है। पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना से 21 जिलों के लाखों लोगों की प्यास बुझेगी और उन्हें सिंचाई के लिए जल भी मिलेगा. ईआरसीपी के कार्य की प्रगति और सीएम भजनलाल सर के 5D फोकस मॉडल के आधार पर, इस परियोजना को 5 वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य है।
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वसुंधरा राजे योजना लेकर आई, हम आगे बढ़ा रहे, ERCP पर कांग्रेस को घेरते हुए जानें क्या बोले CM भजनलाल शर्मा
जयपुर। पूर्व राजस्थान नहर परियोजना को लेकर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने एक बार फिर पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने ईआरसीपी पर सिर्फ राजनीति की। न केवल ईआरसीपी बल्कि यमुना का पानी लाने की योजना में भी कोई कार्रवाई करने के बजाय सिर्फ राजनीति की। भाजपा ने सत्ता में आते ही ईआरसीपी को लेकर मध्यप्रदेश सरकार के साथ समझौता किया और केंद्र सरकार ने इसे राष्ट्रीय परियोजना के रूप में मंजूरी भी दे दी। ईआरसीपी के अंतर्गत कई इलाके जोड़े गए हैं। विराट नगर क्षेत्र को भी ईआरसीपी से जोड़े जाने पर सोमवार 1 जुलाई को क्षेत्र के भाकरी गांव में अभिनंदन कार्यक्रम रखा गया। इस कार्यक्रम में बोलते हुए सीएम भजनलाल ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे इस योजना को लेकर आई है और हम इसे आगे बढा रहे हैं।
ईआरसीपी का पानी आने पर खेतों में सोना उगलेगा
कांग्रेस पर तंज कसते हुए सीएम भजनलाल शर्मा ने कहा कि आलू से सोना तो नहीं बन सकता लेकिन अगर किसान को खेती के लिए पर्याप्त पानी मिल जाए तो वह मिट्टी से सोना जरूर उगा सकता है। उन्होंने कहा कि भाजपा की पिछली सरकार ने ईआरसीपी पर काम किया। इस योजना को मूर्त रूप देकर आगे बढ़ाया लेकिन कांग्रेस ने पिछले पांच साल इस मामले पर केवल राजनीति की। ईआरसीपी को लेकर एक भी पत्र संबंधित मंत्रालय को नहीं लिखा। केंद्र की ओर से बैठक में बुलाए जाने के बाद भी ना तो तत्कालीन मुख्यमंत्री और ना ही जलदाय विभाग के मंत्री बैठक में शामिल हुए। यहां तक कि यमुना के पानी के लिए भी कभी केंद्र सरकार या दूसरे पक्ष को पूर्ववर्ती सरकार ने एक पत्र तक नहीं भेजा।
विराट नगर के 3 बांधों को जोड़ा गया ईआरसीपी से
कोटपूतली विराट नगर क्षेत्र के तीन बांधों छितोलीं, जवानपुरा धाबाई और बुचारा को ईआरसीपी योजना में जोड़ा गया है। इस उपलक्ष में स्थानीय लोगों की ओर से भाकरी गांव में धन्यवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया। अपने संबोधन में सीएम भजनलाल शर्मा ने जल संरक्षण का संदेश भी दिया। उन्होंने कहा कि राजस्थान का किसान पानी के लिए परेशान है क्योंकि कई इलाकों में जल स्तर काफी नीचे चला गया है। कई इलाके तो ऐसे भी हैं जहां पीने का पानी तक नहीं है। ऐसे में हम सब का दायित्व है कि हम जल का संरक्षण करें। http://dlvr.it/T91nX9
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स्वतंत्रता दिवस के मौके को और यादगार बनाने के लिए आज प्रदेशवासियों के हित में निम्न फैसले किए हैं-
➡️ जयपुर की पहचान रहे रामगढ़ बांध को पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) के तहत ईसरदा बांध से भरा जाएगा. इस पर 1250 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे जिससे आंधी, जमवारामगढ़, आमेर, जालसू, गोविन्दगढ़, शाहपुरा, विराटनगर, पावटा, कोटपूतली, थानागाजी एवं बानसूर ब्लॉक्स हेतु पेयजल योजना बनाई जा सकेगी.
➡️ 13 जिलों की महत्वपूर्ण पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) की पूर्ववर्ती सरकार द्वारा बनाई गई DPR में 26 बांध शामिल किए गए थे. ERCP की इस DPR में कई बांध वंचित रह गए थे. अब दौसा, सवाई माधोपुर, करौली, भरतपुर एवं अलवर जिले के 53 बांधों को ERCP से जोड़कर उन्हें भरा जाएगा. इससे ERCP की परियोजना लागत 1665 करोड़ रुपये बढ़ जाएगी और 13 विधानसभा क्षेत्रों के 11 लाख किसान लाभान्वित होंगे.
➡️ वर्तमान में लागू राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (NFSA) में भारत सरकार द्वारा अधिकतम लाभार्थियों की सीमा निश्चित की हुई है जिससे कई जरूरतमंद परिवार NFSA के लाभों से वंचित रह जाते हैं. कोविड के दौरान राज्य सरकार ने निराश्रित परिवारों का सर्वे करवाया था और करीब 33 लाख NFSA एवं नॉन-NFSA परिवारों को 5500 रुपये की आर्थिक सहायता दी. NFSA परिवारों के साथ-साथ जिन नॉन-NFSA परिवारों को कोविड में आर्थिक सहायता दी गई थी, उन्हें भी आज से शुरू हो रही अन्नपूर्णा राशन किट योजना में निशुल्क राशन किट उपलब्ध करवाई जाएगी.
➡️ राज्य में वर्तमान चिरंजीवी जीवन रक्षक योजना चल रही है जिसके माध्यम से सड़क दुर्घटना में घायल हुए लोगों को सही समय पर अस्पताल पहुंचाने वालों को 5000 रुपये एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाता है. इस योजना से सैकड़ों लोगों की जान बचाई गई है. अब इस योजना में सम्मान राशि को बढ़ाकर 10,000 रुपये की जाएगी एवं कानून व्यवस्था की समस्या उतपन्न होने पर पुलिस की सहायता करने वाले लोगों के लिए भी इस तरह की योजना लाई जाएगी.
➡️ प्रदेश में महिला सशक्तिकरण एवं डिजिटल डिवाइड कम करने के उद्देश्य से इन्दिरा गांधी स्मार्टफोन योजना के तहत पहले चरण में 40 लाख बालिकाओं व महिलाओं को स्मार्टफोन दिए जा रहे हैं. इस योजना को लेकर महिलाओं में बड़ा उत्साह है. इस योजना के अगले चरण में बजट घोषणा के मुताबिक करीब 1 करोड़ और महिलाओं को स्मार्टफोन दिए जाएंगे.जिसकी गारंटी के लिए 20 अगस्त से गारंटी कार्ड दिए जाएंगे जिनको दिखाकर अगले चरण में वो अपना स्मार्टफोन निशुल्क ले सकेंगी.
➡️ कांस्टेबल से लेकर पुलिस महानिदेशक स्तर तक सभी पुलिसकर्मियों को राजस्थान पुलिस के गठन के 75 वर्ष पूर्ण होने का विशेष “राजस्थान पुलिस पंचसती मेडल“ दिया जाएगा.
➡️ पुलिस विभाग में कांस्टेबल से लेकर निरीक्षक तक के पदों पर पदोन्नति की व्यवस्था वर्तमान में परीक्षा के माध्यम से पूरी की जाती है. अब इस व्यवस्था में बदलाव कर कांस्टेबल से लेकर पुलिस निरीक्षक पद तक की पदोन्नति भी समयबद्ध डीपीसी के माध्यम से की जाएगी.
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Cabinet Decision: डैमेज कंट्रोल में जुटी कांग्रेस सरकार, मंत्रिपरिषद की बैठक में 'वन स्टॉप शॉप' समेत कई फैसलों पर लगी मुहर
Cabinet Decision: डैमेज कंट्रोल में जुटी कांग्रेस सरकार, मंत्रिपरिषद की बैठक में ‘वन स्टॉप शॉप’ समेत कई फैसलों पर लगी मुहर
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कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं . (फाइल फोटो) Gehlot Cabinet Decisions: मंत्रिमंडल ने राजस्थान के 13 जिलों को पीने और सिंचाई के लिए जल उपलब्ध कराने की महत्वाकांक्षी पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा…
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ईआरसीपी - मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के प्रयासों से ईआरसीपी के पानी की उम्मीद को धरातल पर उतार सका, जो दो दशक से राजनीति में उलझा हुआ था।
भजनलाल ने ईआरसीपी कार्य की शुरुआत की
“समस्या है तो उसका समाधान भी है,” कहते हैं, लेकिन महत्वपूर्ण बात यह है कि आपको समस्या को हल करने का लक्ष्य है या नहीं। इस कथन को पूर्वी राजस्थान में ERCP परियोजना पर लागू किया जा सकता है। यह परियोजना इस क्षेत्र के लाखों लोगों के लिए बड़ी राहत है। लेकिन नेता नहीं चाहते थे कि इस क्षेत्र के लोग इस वरदान को पा सकें।
भजनलाल सरकार ने जल प्रबंधन के लिए 5 D फोकस मॉडल बनाया
पूर्वी राजस्थान के लोग इंतजार करते-करते थक चुके थे। लोग बदलाव चाहते थे। इसलिए, दिसंबर 2023 में डबल इंजन सरकार पर भरोसा दिखाया और मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में सरकार बनाई। भजनलाल सरकार ने जल प्रबंधन पर 5D दृष्टिकोण अपनाया।
किस्मत का खेल है कि पूर्वी राजस्थान में इन्हीं के नेतृत्व में जल से मुहूर्त हुआ और 2024 में लोगों की आशा जगी। 28 जनवरी, 2024 को श्री सीएम सर के नेतृत्व में संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चंबल-ईस्टर्न राजस्थान कैनाल लिंक प्रोजेक्ट (ERCP) पर हस्ताक्षर हुए, जो राजस्थान, मध्य प्रदेश और केंद्र सरकार के बीच एक ऐतिहासिक समझौता था। इसके बाद राज्य में भी काम शुरू हो गया है। केंद्र सरकार भी इस परियोजना को पूरा करने में पूरी तरह से सहयोग कर रही है।
मिस्टर सीएम की इस परियोजना को लेकर प्रतिबद्धता का ही परिणाम है कि परियोजना की राशि अब 45 हजार करोड़ रुपये हो गई है। पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना से 21 जिलों के लाखों लोगों की प्यास बुझेगी और उन्हें सिंचाई के लिए जल भी मिलेगा. ईआरसीपी के कार्य की प्रगति और सीएम भजनलाल सर के 5D फोकस मॉडल के आधार पर, इस परियोजना को 5 वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य है।
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राजस्थान - 5D फोकस मॉडल
पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना एक महत्वाकांक्षी राजस्थानी परियोजना है जो चुनौतियों, कानूनी मुद्दों, राजनीतिक मुद्दों और अंततः एक राष्ट्रीय परियोजना बनने के लिए अग्रसर है। राजस्थान के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सत्ता में आते ही ऐसे काम किए जो बड़े-बड़े नेता नहीं कर पाए थे। श्री सीएम सर ने अपनी राजनीतिक समझ, अनुभव और परिपक्वता के बल पर दो दशकों से चल रहे पानी के विवाद को हल करके पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपयी के सपने को पूरा करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। सीएम सर के 5D फोकस मॉडल की पहचान कम समय में ऐसे महत्वपूर्ण निर्णय लेना है।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने मध्यप्रदेश के मुख्यमं��्री के साथ हाल ही में एक बैठक में सालों पुराने विवाद को सुलझाया. श्री सीएम सर ने राजस्थान की जनता को खुशी दी है। उन्होंने प्रधानमंत्री प्रदेश की जनता से किया गया वादा पूरा करने का काम किया है। साथ ही, उन्होंने विपक्षियों को बताया कि हम शिलान्यास और उद्घाटन करते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही ईआरसीपी की शुरुआत करेंगे। उससे पहले, राजस्थान में ERCP का इतना महत्व क्यों है?
वास्तव में, ये परियोजनाएं राज्य के 21 जिलों को पानी की कमी से छुटकारा दिलाने वाली हैं। इस परियोजना से पूर्वी राजस्थान को न केवल पेयजल के लिए पानी मिलेगा, बल्कि उद्योगों, सिंचाई और अन्य उद्देश्यों के लिए भी पानी मिलेगा। 2.80 लाख हेक्टेयर जमीन इस परियोजना से सिंचाई होगी। इससे लगभग २५ लाख किसान लाभान्वित होंगे और उनकी आय में सुधार होगा। प्रदेश की चालिस प्रतिशत आबादी को पेयजल उपलब्ध होगा, जिससे जीवन स्तर और स्वास्थ्य में सुधार होगा। पूर्वी राजस्थान में भी उद्योग और पर्यटन को बल मिलेगा। लोगों को रोजगार मिलेगा, जो राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा। इस परियोजना से मिट्टी की उर्वरता और भूमिगत जल स्तर भी बढ़ेंगे।
ईआरसीपी से जल प्रबंधन में भागीरथ भजनलाल के सफल प्रयास से सीएम सर का 5D फोकस दिखाई देता है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने परियोजना के समझौते के बाद राजस्थान की जनता के लिए भागीरथ बनने वाले भजनलाल शर्मा के साथ पीकेसी-ईआरसीपी लिंक प्रोजेक्ट से जुड़े बांधों का हवाई दौरा किया। राजस्थान को बहुचर्चित पार्वती-कालीसिंध-चंबल ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट से 3677 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी मिलेगा। इसके लिए एक महीने में डीपीआर बनाकर जल्द ही काम शुरू होगा।
इस परियोजना से राज्य के 21 जिले लाभान्वित होंगे: झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, गंगापुर नगर, करौली, धौलपुर, भरतपुर, डीग, दौसा, अलवर, खैरथल-तिजारा, जयपुर, जयपुर ग्रामीण, कोटपूतली-बहरोड़, अजमेर, ब्यावर, केकड़ी, टोंक और दूदू। ईआरसीपी, श्री सीएम सर के प्रयासों से बना हुआ है, राजस्थान के विकास और लोगों की खुशहाली में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
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ERCP परियोजना
“समस्या है तो उसका समाधान भी है,” कहते हैं, लेकिन महत्वपूर्ण बात यह है कि आपको समस्या को हल करने का लक्ष्य है या नहीं। इस कथन को पूर्वी राजस्थान में ERCP परियोजना पर लागू किया जा सकता है। यह परियोजना इस क्षेत्र के लाखों लोगों के लिए बड़ी राहत है। लेकिन नेता नहीं चाहते थे कि इस क्षेत्र के लोग इस वरदान को पा सकें। पूर्वी राजस्थान के लोग इंतजार करते-करते थक चुके थे। लोग बदलाव चाहते थे। इसलिए, दिसंबर 2023 में डबल इंजन सरकार पर भरोसा दिखाया और मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में सरकार बनाई। भजनलाल सरकार ने जल प्रबंधन पर 5D दृष्टिकोण अपनाया।
किस्मत का खेल है कि पूर्वी राजस्थान में इन्हीं के नेतृत्व में जल से मुहूर्त हुआ और 2024 में लोगों की आशा जगी। 28 जनवरी, 2024 को श्री सीएम सर के नेतृत्व में संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चंबल-ईस्टर्न राजस्थान कैनाल लिंक प्रोजेक्ट (ERCP) पर हस्ताक्षर हुए, जो राजस्थान, मध्य प्रदेश और केंद्र सरकार के बीच एक ऐतिहासिक समझौता था। इसके बाद राज्य में भी काम शुरू हो गया है। केंद्र सरकार भी इस परियोजना को पूरा करने में पूरी तरह से सहयोग कर रही है।
मिस्टर सीएम की इस परियोजना को लेकर प्रतिबद्धता का ही परिणाम है कि परियोजना की राशि अब 45 हजार करोड़ रुपये हो गई है। पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना से 21 जिलों के लाखों लोगों की प्यास बुझेगी और उन्हें सिंचाई के लिए जल भी मिलेगा. ईआरसीपी के कार्य की प्रगति और सीएम भजनलाल सर के 5D फोकस मॉडल के आधार पर, इस परियोजना को 5 वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य है।
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13 जिलों की जनता के लिए जलापूर्ति, कृषि व समृद्धि हेतु महत्वपूर्ण पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिलाने के लिए प्रदेश सरकार प्रारंभ से ही प्रयासरत है।
केंद्र का सहयोग न मिलने पर भी प्रदेश सरकार ने इस हेतु बजट प्रावधान कर इसके प्रथम चरण का कार्य भी प्रारंभ कर दिया।
आज ERCP संयुक्त मोर्चा के ज्ञापन का संज्ञान लेते हुए उन्हें आश्वस्त किया कि इस जनहितकारी परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिलाने व पूर्ण करने हेतु हम प्रतिबद्ध हैं।
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माननीय प्रधानमंत्री श्री Narendra Modi जी,
आपने आज अच्छा अवसर गंवा दिया. आप पिछले विधानसभा चुनाव से पहले किए गए पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने के आश्वासन को पूरा करते तो प्रदेश की जनता स्वागत करती.
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बजट में केवल मीडिया में हेडलाइन बनाने वाले जुमलों का प्रयोग किया गया है लेकिन गरीब लोगों के लिए कोरोना काल में संजीवनी साबित हुई महात्मा गांधी नरेगा जैसी योजनाओं में केन्द्र सरकार द्वारा इस योजना में वर्ष 2023-24 का बजट प्रावधान 33 प्रतिशत (लगभग राशि रुपये 30,000 करोड) कम करना साबित करता है कि यह बजट गरीब, भूमिहीन किसान, एवं आमजन विरोधी है।
इस बजट में कृषि एवं कृषक कल्याण से संबंधित बहुत सारी थोथी घोषणाएं की गई है लेकिन कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्रालय के बजट में पिछले वर्ष से लगभग 6 प्रतिशत (लगभग राशि रुपये 7,500 करोड़) कम राशि का प्रावधान किया गया है। इसी प्रकार यूरिया सब्सिडी मद में गत वर्ष की तुलना में 15 प्रतिशत (लगभग राशि रुपये 23,000 करोड़) की उल्लेखनीय कमी कर दी है।
केन्द्र सरकार द्वारा शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक न्याय एवं महिला एवं बाल विकास जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों की उपेक्षा करते हुए गत वर्षों की तुलना में इस बजट में नगण्य वृद्धि की गई है।
समस्त देश विगत वर्षों से मंहगाई से त्रस्त है, आम आदमी के प्रतिदिन काम में आने वाले आटा, दालों, तेल, साबुन आदि की कीमतों में काफी वृद्धि हुई जिससे आम आदमी का जीवनयापन दूभर हुआ। मंहगाई को कम करने के संबंध में कोई पॉलिसी स्टेटमेंट नहीं आने से आम आदमी का जीवन और भी मुश्किल होगा।
केन्द्रीय बजट की यदि राजस्थान प्रदेश के संदर्भ में बात की जाये तो यह बजट प्रदेश के लिए घोर निराशाजनक रहा। राजस्थान राज्य के विकास से संबंधित महत्वपूर्ण परियोजना ERCP को राष्ट्रीय दर्जा देने की हमारी वाजिब मांग को केन्द्र सरकार द्वारा स्वीकार नहीं किये जाने से प्रदेशवासियों को निराशा हुई है। जबकि चुनावों को ध्यान में रखते हुए कर्नाटक राज्य को उपरी भद्रा परियोजना के लिए अतिरिक्त सहायता के रूप में राशि रुपये 5,300 करोड़ उपलब्ध कराया जाना केन्द्र का राजस्थान के प्रति मोदी सरकार के सौतेले व्यवहार को दिखाता है। राजस्थान की जनता इस सौतेले व्यवहार का समय आने पर माकूल जवाब देगी।
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दैनिक भास्कर की इस रिपोर्ट से स्पष्ट होता है कि पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) को BJP सिर्फ राजनीतिक कारणों एवं 2018 के चुनाव हारने के द्वेष के कारण रोक रही है। 13 जिलों की जनता के हक का पानी समुद्र में व्यर्थ जा रहा है पर BJP गैर वाजिब जिद पर अड़ी हुई है।
मध्य प्रदेश ने इन्हीं नियमों से अपने राज्य में बड़ी परियोजनाएं बना ली हैं। यदि BJP की गलत मांग को माना तो ERCP से 13 जिलों के किसानों को पानी नहीं मिलेगा। क्या BJP अपनी किसान विरोधी नीतियों के कारण प्रदेश में भी इन 13 जिलों के किसानों को पानी देने के विरोध में है?
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श्री अमित शाह द्वारा जोधपुर में की गई बयानबाजी पूर्णत: झूठ एवं हास्यास्पद
यह बेहद आश्चर्य की बात है कि आज जोधपुर में केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने जो बयान दिए हैं वो तथ्यात्मक रूप से गलत हैं। देश की जनता गृहमंत्री के तौर पर उनके भाषण में तथ्यात्मक बातें होने की उम्मीद करती है क्योंकि उन्हें जो इनपुट सरकारी अधिकारियों, इंटेलिजेंस एवं भाजपा नेताओं तथा कार्यकर्ताओं द्वारा उपलब्ध करवाए जाएं वो सत्य होने चाहिए परन्तु इस भाषण में ऐसा प्रतीत होता है कि उन्हें तथ्य बताए ही नहीं गए। इसी कारण उन्होंने झूठ से परिपूर्ण भाषण दिया।
श्री अमित शाह गृह मंत्री के साथ देश के सहकारिता मंत्री भी हैं। जयपुर में उत्तरी राज्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक में उन्होंने कहा था कि राजस्थान एवं गुजरात के लोग सहकारिता के नाम पर हुए घोटालों के सबसे अधिक पीड़ित हैं। पश्चिमी राजस्थान के लोगों को आशा थी कि वो सहकारिता के नाम पर वहां के लोगों के साथ हुए संजीवनी, आदर्श इत्यादि घोटालों पर बात करेंगे और पीड़ितों को राहत दिलवाने का काम करेंगे परन्तु ऐसा नहीं हुआ। आज पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों के किसानों को आशा थी कि गृह मंत्री राजस्थान आए हैं तो वो प्रधानमंत्री द्वारा पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने के लिए किए गए वादे को पूरा करने की बात कहेंगे मगर आश्चर्य की बात है कि श्री अमित शाह ने ERCP को लेकर एक शब्द अपने मुख से नहीं निकाला।
श्री अमित शाह ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने 3 लाख रुपये तक निशुल्क इलाज की व्यवस्था की। शायद उनकी जानकारी में नहीं है कि यह योजना सिर्फ राष्ट्��ीय खाद्य सुरक्षा योजना (NFSA) के पात्र परिवारों तक ही सीमित थी। हमारी सरकार ने चिंरजीवी योजना शुरू की है जिसमें राजस्थान के हर परिवार को 10 लाख रुपये तक का कैशलेस बीमा तथा 5 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा मिल रहा है जो पूरे देश में अन्य किसी राज्य नहीं है। श्री शाह ने कहा कि पिछली सरकार ने किसानों को 1000 रुपये सब्सिडी दी। पूर्ववर्ती सरकार ने आचार संहिता लगने के एक दिन पहले घोषणा की थी कि किसानों को 833 रुपये प्रति महीने की सब्सिडी दी जाएगी पर इसका कोई वित्तीय प्रावधान नहीं था और ये केवल हवाई घोषणा थी। हमारी सरकार ने मुख्यमंत्री किसान मित्र ऊर्जा योजना शुरू कर किसानों को 1000 रुपये प्रति वर्ष सब्सिडी दी है जिससे करीब 8 लाख किसानों का बिजली बिल शून्य हो गया है।
श्री अमित शाह ने कहा कि वसुंधरा जी की सरकार ने 50,000 तक की कर्जमाफी की। 2018 के चुनावी साल में बीजेपी सरकार ने सहकारी बैंकों से किसानों के 50,000 रुपये तक के कर्जमाफ करने की घोषणा की जिसके लिए 8000 करोड़ रुपये की जरूरत थी परन्तु बीजेपी सरकार सिर्फ 2000 करोड़ का ही प्रावधान किया था। इस घोषणा के बाकी 6000 करोड़ रुपये हमारी सरकार ने चुकाए। हमारी पार्टी ने किसान कर्जमाफी का वादा सरकार में आने के तीसरे दिन ही पूरा कर सहकारी बैंकों से करीब 21 लाख किसानों की 8000 करोड़ रुपये की कर्जमाफी की। हमारी सरकार ने कोई सीमा नहीं रखी और हर एक किसान की जानकारी जनसूचना पोर्टल पर अपलोड की है। राष्ट्रीयकृत बैंकों के कर्जमाफ करने के लिए केन्द्र सरकार को कई दफा 'वन टाइम सैटलमेंट' के लिए पत्र लिखे परन्तु वहां से कोई जवाब नहीं आया। मोदी सरकार बड़े पूंजीपतियों के कर्जमाफ करने में व्यस्त रहती है इसलिए किसानों की ओर ध्यान नहीं गया होगा। यूपीए सरकार ने 2008 में 72 हजार करोड़ रुपये की किसान कर्जमाफी की थी परन्तु मोदी सरकार ने अभी तक किसानों की कर्जमाफी नहीं की है।
श्री अमित शाह ने नौकरियों की बात कर एक 20 लाख नौकरियों का काल्पनिक आंकड़ा बोला। वो बताएं कि जो 2 करोड़ नौकरी हर साल देने की बात की थी उसमें से कितनी नौकरी वो दे चुके हैं। अभी कुछ दिन पहले आंकड़े सामने आए कि 22 करोड़ लोगों ने केन्द्र सरकार से नौकरी के लिए आवेदन किया और सिर्फ 7 लाख लोगों को नौकरी मिली। अभी तक हमारी सरकार ने अब तक 1 लाख 31 हजार 363 युवाओं को सरकारी नौकरी दी है। इसके अलावा 1 लाख 23 हजार 197 पदों पर भर्ती की जा रही है तथा 2022-23 की घोषणा के मुताबिक 1 लाख अतिरिक्त पदों पर भर्तियां की जाएंगी। बेरोजगारी भत्ते की बात गृहमंत्री श्री अमित शाह ने की है वो अब 4000 व 4500 रुपए है एवं अबतक लगभग 6 लाख युवा इससे लाभान्वित हो चुके हैं। वहीं 1565 करोड़ की राशि भत्ते के रूप में वितरित हुई है। अब बेरोजगारी भत्ते के साथ रोजगारपरक इंटर्नशिप भी दी जा रही है।
श्री अमित शाह ने कहा कि मोदीजी ने वैट कम किया पर राजस्थान की सरकार ने नहीं किया और यहां राज्य का सबसे महंगा डीजल और पेट्रोल मिलता है। शायद वो भूल गए कि जयपुर से महंगा डीजल पेट्रोल तो भाजपा शासित मध्य प्रदेश के भोपाल में मिलता है। राजस्थान में प्रदेश सरकार ने जनवरी 2021 में वैट कम किया गया, नवंबर 2021 में वैट कम किया गया। इसके अलावा जब एक्साइज में मोदी सरकार ने कटौती की तो दोनों बार स्वत: स्टेट का वैट कम हुआ। राज्य को स्टेट वैट में कटौती से अभी तक 7500 करोड़ की आर्थिक हानि हुई है। ��न्हें जवाब देना चाहिए कि बीते तीन महीने में क्रूड ऑइल 27% सस्ता हुआ है परन्तु केन्द्र सरकार ने डीजल पेट्रोल के दाम कम क्यों नहीं किए हैं जबकि जब क्रूड ऑइल के दाम बढ़ते हैं तो तुरंत दाम बढ़ाते हैं। UPA सरकार के समय में जब कच्चे तेल के दाम 111 डॉलर प्रति बैरल गए थे तब भी पेट्रोल 71 रुपए थे। आज कच्चे तेल का दाम 92 डॉलर प्रति बैरल है तो पेट्रोल 100 रुपए के पार बिक रहा है। श्री अमित शाह ने कहा कि यहां सबसे महंगी बिजली है। शायद उन्हें जानकारी नहीं दी गई कि राजस्थान में 50 यूनिट बिजली फ्री और 300 यूनिट तक बिजली पर सब्सिडी है। 44 लाख लोगों का बिजली बिल यहां शून्य है।
श्री अमित शाह ने उदयपुर की घटना का जिक्र किया। जब श्री कन्हैयालाल की हत्या के अगले दिन भाजपा के नेतागण हैदराबाद के फाइव स्टार होटल में लंच और डिनर करते हुए बैठक कर रहे थे। मैं स्वयं, गृह राज्य मंत्री, चीफ सैक्रेट्री, डीजीपी श्री कन्हैलाल के घर शोक मना रहे थे तब भाजपा नेतागण हैदराबाद के फाइव स्टार होटलों में आराम फरमा रहे थे। उदयपुर घटना के मुख्य आरोपी रियाज अत्तारी भाजपा का सक्रिय सदस्य था। घटना से एक महीने पहले मकान मालिक के साथ रियाज अत्तारी का विवाद हुआ तब भाजपा के स्थानीय नेताओं ने थाने में फोन कर उसके खिलाफ मामला दर्ज ना करने का दबाव पुलिस पर बनाया। रियाज अत्तारी की भाजपा में शामिल होते हुए तस्वीरें पूर्व में सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी हैं। NIA को जांच करनी चाहिए कि कहीं इसमें कोई राजनीतिक साजिश भी तो नहीं थी।
अपराध के आंकड़ों को लेकर श्री अमित शाह ने टिप्पणियां कीं। उनकी जानकारी के लिए यह बताना आवश्यक है कि राजस्थान में FIR के अनिवार्य पंजीकरण की नीति के बावजूद 2021 में 2019 की तुलना में करीब 5% अपराध कम दर्ज हुए हैं जबकि MP, हरियाणा, गुजरात, उत्तराखंड समेत 17 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में अपराध अधिक दर्ज हुए हैं। गुजरात में अपराधों में करीब 69%, हरियाणा में 24% एवं MP में करीब 20% की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। भाजपा शासित राज्यों में अपराध के नए रिकॉर्ड कायम हो रहे हैं एवं कार्रवाई के लिए पीड़ितों को थानों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। श्री अमित शाह की जानकारी में होगा कि हत्या, महिलाओं के विरुद्ध अपराध एवं अपहरण में उत्तर प्रदेश देश में सबसे आगे है। सबसे अधिक कस्टोडियल डेथ्स गुजरात में हुईं हैं। नाबालिगों से बलात्कार यानी पॉक्सो एक्ट के मामले में मध्य प्रदेश देश में पहले स्थान पर है जबकि राजस्थान 12वें स्थान पर है। SC के खिलाफ अपराधों में उत्तर प्रदेश प्रथम है, ST के खिलाफ अपराधों में मध्य प्रदेश प्रथम है। दहेज हत्या के मामलों में उत्तर प्रदेश पहले नंबर पर है।
श्री अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने राज्य को 23 मेडिकल कॉलेज दिए हैं। यहां भी उनके भाषण लिखने वाले व्यक्ति ने गलती कर दी। Establishment of new medical colleges attached with existing district referral hospitals स्कीम के तहत यूपीए सरकार ने हर जिले में मेडिकल कॉलेज बनाने का काम शुरू किया। पहले इसका फंडिंग पैटर्न केन्द्र और राज्य के बीच 75:25 था जो अब 60:40 हो गया है। 2014 से पूर्व ही इस स्कीम से प्रदेश को 7 मेडिकल कॉलेज मिल गए थे। बाकी ये मेडिकल कॉलेज तो यूपीए की इस स्कीम से राजस्थान को मिलने ही थे।
श्री राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को जो जनसमर्थन मिला है उससे भाजपा बौखला गई है। मैंने पहले भी कहा कि जैसे जैसे ये यात्रा आगे बढ़ेगी वैसे भाजपा की बौखलाहट बढ़ती जाएगी। आज अमित शाह ने जो अपने भाषण में जो बातें भारत जोड़ो यात्रा के लिए कहीं वो इसी बौखलाहट का प्रतीक है।
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पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) के संबंध में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान से वार्ता कर उन्हें अवगत करवाया कि 2005 में राजस्थान-मध्य प्रदेश अन्तर्राज्यीय नियंत्रण मण्डल की 13वीं बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार ही ERCP योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। राजस्थान राज्य में चंबल की सहायक नदियों से प्राप्त हो रहे पानी पर आधारित इस प्रोजेक्ट में मध्य प्रदेश से बहकर आने वाले पानी के 10 प्रतिशत से कम हिस्से का उपयोग होगा। अत: वर्ष 2005 में लिए गए निर्णय के अनुसार ऐसी परियोजनाओं के लिए मध्य प्रदेश की सहमति की आवश्यकता नहीं है। पूर्व में राजस्थान ने भी मध्य प्रदेश द्वारा इस प्रकार चंबल एवं सहायक नदियों पर बनाई गई परियोजनाओं में आपत्ति प्रकट नहीं की थी तथा मध्य प्रदेश ने उन नदियों पर बांधों का निर्माण कर लिया। इसी प्रकार ERCP पर भी मध्य प्रदेश का सहयोग अपेक्षित है। श्री चौहान ने दोनों राज्यों के सभी मुद्दों पर चर्चा एवं सहमति बनाने के लिए दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के स्तर पर एक बैठक रखने पर सहमति जताई है।
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मुख्यमंत्री निवास पर ERCP पर सर्वदलीय बैठक को संबोधित किया। पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) राज्य के 13 जिलों में पेयजल और सिंचाई के लिए पानी उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। राज्य सरकार 13 जिलों में पानी पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। यह विषय राजनीति से परे है। सरकार इसमें किसी भी तरह से राजनीति नहीं कर रही है। इसीलिए राज्य हित में सभी दलों को मिलकर राष्ट्रीय परियोजना घोषित कराने के प्रयास करने चाहिए। इसमें राज्य सरकार द्वारा अपने सीमित संसाधनों से कार्य कराए जाते है तो अधिक समय लगेगा। इसमें केंद्र से राशि मिलेगी तभी यह समय से पूरी हो सकेगी और जनता को पानी मिलेगा।
राज्य सरकार द्वारा केंद्र को 11 बार पत्र लिखकर राष्ट्रीय परियोजना घोषित कराने के लिए मांग रखी। इसके बावजूद केंद्र द्वारा किसी भी तरह का जवाब नहीं मिला और जब राज्य सरकार द्वारा ईआरसीपी के लिए राज्य के संसाधनों से ही कार्ययोजना बनाई गई तो उसे रोकने के लिए केंद्र ने पत्र लिख दिया। ईआरसीपी सभी तकनीकी मापदंडो को पूर्ण करती है।
जल जीवन मिशन में घर-घर नल में पानी पहुंचाने के लिए पानी का स्त्रोत होना आवश्यक है। ईआरसीपी नहीं आई तो नलों में पानी कैसे आएगा। सभी दलों के सहयोग से ही इसे लागू कराना अतिआवश्यक है। प्रधानमंत्री तक यह संदेश जाना चाहिए कि सर्वदलीय बैठक में इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित कराने की सहमति बनी है।
वर्तमान सरकार तो राज्य हित में इसे आगे बढ़ा रही है। इसकी शुरूआत भाजपा सरकार में हुई थी। इसलिए राजनीति से परे हमें आगे बढ़ना चाहिए। तकनीकी पहलुओं के लिए राज्य सरकार तकनीकी विशेषज्ञों को केंद्र में वार्ता के लिए भेजने के लिए भी तैयार है।
राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सी.पी. जोशी ने कहा कि जल जीवन मिशन की सफलता के लिए ईआरसीपी बेहद जरूरी है, ऐसा नहीं होने पर सारा पैसा व्यर्थ चला जाएगा। उन्होंने कहा कि केंद्रीय जलशक्ति मंत्री की महत्वपूर्ण भूमिका है। वे राज्य हित में अपने अधिकारों का पूर्ण उपयोग करते हुए तकनीकी कमियों को पूरा कराने के लिए नियमों में संशोधन कराएं। हमें पूरी उम्मीद है कि नियमों में शिथिलता मिलेगी। उन्होंने कहा कि परियोजना पर चर्चा के लिए विधानसभा का विशेष सत्र भी बुलाया जा सकता है।
राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेशाध्यक्ष श्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि ईआरसीपी संवेदनशील विषय है। यह 13 जिलों की जीवन रेखा है। इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित कराने के लिए केंद्र सरकार नियमों में शिथिलता प्रदान करें। इस परियोजना से जनता की आशाएं जुड़ी है। सबको मिलकर आगे बढ़ना चाहिए।
जल संसाधन मंत्री श्री महेन्द्रजीत सिंह मालवीया ने कहा कि परियोजना राज्य के 13 जिलों के लिए महत्वपूर्ण है। राज्य सरकार इसकी क्रियान्विति के लिए गंभीरता के साथ कार्य कर रही है। इसे गति देने के लिए 86 अधिकारियों की नियुक्ति भी की जा चुकी है। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा जताई जा रही आपत्ति निराधार है, उनसे एनओसी प्राप्त करने की भी कोई आवश्यकता नहीं है।
उपनेता प्रतिपक्ष श्री राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि यह न राजनीति का विषय है और ना ही हम परियोजना के खिलाफ है। ईआरसीपी के तकनीकी पहलुओं पर चर्चा होना जरूरी है। जनता को पानी मिले, इसके लिए हम राज्य सरकार के हर कदम के साथ है। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी नहर परियोजना से आज भी किसानों को लाभ मिल रहा है। भारतीय जनता पार्टी के विधायक श्री रामलाल शर्मा ने कहा कि ईआरसीपी को लेकर हमारा सकारात्मक दृष्टिकोण है। राज्य और केंद्र सरकार, दोनों ही अपनी-अपनी जिम्मेदारियां निभाएं।
जल संसाधन राज्यमंत्री श्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि इससे 13 जिलों की पेयजल समस्या का निवारण होगा। साथ ही, जल जीवन मिशन योजना की सफलता भी परियोजना पर निर्भर करती है। सभी दलों को साथ मिलकर राजनैतिक मतभेद से ऊपर उठकर केंद्र के समक्ष ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की मांग रखनी चाहिए।
राष्ट्रीय लोकदल के प्रतिनिधि व तकनीकी शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने कहा कि इस परियोजना से प्रदेश की 40 प्रतिशत आबादी को पेयजल उपलब्ध होगा। साथ ही, इस परियोजना से ��ारतमाला प्रोजेक्ट के अन्तर्गत सभी औद्योगिक क्षेत्रों को भी पर्याप्त मात्रा में जल उपलब्ध हो सकेगा। उन्होंने सभी राजनैतिक दलों से अनुरोध किया कि राज्य के हित के लिए एकजुट होना चाहिए।
बीटीपी के प्रतिनिधि व विधायक श्री रामप्रसाद ने कहा कि केंद्र की सहभागिता के बिना पूर्ण नहीं हो सकती। निर्दलीय विधायक श्री रामकेश मीणा ने कहा कि सभी दलों को राजनीति से ऊपर उठकर इस काम को आगे बढ़ाना चाहिए। निर्दलीय विधायक श्री लक्ष्मण मीणा ने कहा कि पश्चिमी राजस्थान के लिए कई पेयजल व सिंचाई परियोजनाएं चलाई गईं। मगर पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों के लिए ईआरसीपी एकमात्र आशा की किरण है। हम सबको के एक साथ एक आवाज में इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित करवाने के लिए प्रयास करना चाहिए।
सीपीआई (एम) के प्रतिनिधि श्री बलवान पूनिया ने कहा कि यह मामला राजस्थान की जनता के सुनहरे भविष्य का है। विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर सर्वसम्मति से इस पर फैसला लेना चाहिए। सीपीआई के सचिव श्री नरेंद्र आचार्य ने भी विधानसभा के विशेष सत्र बुलाने की मांग दोहराई। साथ ही उन्होंने कहा कि सभी राजनैतिक दल यह चाहते हैं कि राजस्थान के लोगों को उनका हक मिले।
किसान महापंचायत के प्रतिनिधि श्री रामपाल जाट ने कहा कि प्रदेश की विषम परिस्थितियों को देखते हुए इस परियोजना का जल्द से जल्द कार्य शुरू होना आवश्यक है। इस परियोजना से पेयजल और सिंचाई के अलावा जल स्तर भी बढ़ेगा। पूर्ण होने पर यह परियोजना राजस्थान की जीवन रेखा कहलाएगी। श्री जाट ने पुरजोर शब्दों में विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग की।
मुख्य अभियंता ईआरसीपी श्री रवि सोलंकी ने बताया कि केंद्रीय जल आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार ही योजना बनाई गई है। इसमें मध्यप्रदेश से अनापत्ति लेना आवश्यक नहीं है। उन्होंने बताया कि 20 हजार मिलियन क्यूबिक मीटर पानी प्रतिवर्ष यमुना नदी के माध्यम से समुद्र में व्यर्थ बह जाता है। जबकि इस योजना में मात्र 3500 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी की ही आवश्यकता है।
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