20 रुपये दिहाड़ी मजदूरी से शुरू हुआ आसुराम का सफर, अब असिस्टेंट प्रोफेसर बनकर रचा इतिहास
20 रुपये दिहाड़ी मजदूरी से शुरू हुआ आसुराम का सफर, अब असिस्टेंट प्रोफेसर बनकर रचा इतिहास
बाड़मेर. सफलता हमेशा कठोर परिश्रम के मार्ग से ही होकर गुजरती है. कोई अगर इस पर पूरी शिद्दत से इस सफर को पूरा कर ले तो वह मंजिल तक पहुंच ही जाता है. जिंदगी की तमाम मुश्किलों के बावजूद की गई कड़ी मेहनत सफलता का ताज पहना ही देती है. ऐसा ही कुछ कर दिखाया है बाड़मेर के गुदड़ी के लाल आसुराम गढ़वीर (Asuram Gadhveer) ने. आसुराम ने 20 रुपये रोजना में दिहाड़ी मजदूरी भी की लेकिन अपनी पढ़ाई को जारी रखा. इसका…
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