CHAPTER 66 “ONE LINER” #journeyofdirectorismailumarkhan हमारी फ़ील्ड में वन लाइनर लोगों ने बहुत इजाद किए है, या तकिया कलाम कहलो, कुछ बहुत ही फ़नी है। Directors जानी सर “सब प्रडूसर को लूटने आते है” “कोई मुझे बताएगा क्या हो रहा है” “कोई सेंट पर खड़ा नहीं होगा, सब दौड़ते हुए दिखाई देने चाहिए” (हमलोग सर को देखते ही भाग जाते थे) कूकूँ सर “बैल” क़ैद सर “नहीं चाहिए BC” “मोर्चा पार” “धंधे पर ध्यान दो” “छाप सिकंदर” Producers एकता कपूर “यू हैव F@#€ माई शो, बास्टर्ड डोनट एंटर माई प्रेमिसेस” DOP हनीफ़ भाई “लमसोडा”(लैम्प शेड्ज़) दुर्गा प्रसाद “बकलोल” रिशि राज शर्मा “भग ले “ अनुज डीवीदी “गाँव भेज दूँगा” सदानंद पिल्लै “कड़क” मेरा अपना (इसमाईल) “ स्क्रिप्ट अंधे की तरह फ़ॉलो करो “ “क्षमा ही धर्म है “ इसी के साथ दोस्तों वॉल्यूम १ की समाप्ति, आप लोगों ने पड़ा, रिलेट किया, लाइक किया कॉमेंट किया, कनेक्ट किया उसके लिए बहुत बहुत शुक्रिया।किसी को कोई बात बुरी लगी हो तो “क्षमा ही धर्म है “ उतर चढ़ाव भारी ज़िन्दगी है, फ़ील्ड कोई भी क्यों ना हो, चुनौती भारी सिचूएशन आएँगी, आपको हर चुनौती का सामना करना है । क़िस्मत आप अमित जी, SRK या सलमान की लिखवा के आते, तब भी ज़िन्दगी की चुनौती से बच नहीं पाते।इसलिए डटे रहिए । वॉल्यूम २ यानी अध्याय २ में इक्यावन और मर्यम का सफ़र बताऊँगा और साथ में बताऊँगा मेरी डिजिटल फ़िल्म “वन स्टॉप फ़ॉर लव” के बारे में (पारिवारिक शब्दावली से भर पुर) आपका मनोरंजन फिर एक बार करूँगा और शेर करूँगा अपना सफ़र.. तब तक इन्तज़ार कीजिए। आज का दिन मेरे लिए एतिहासिक दिन, सब बताऊँगा आने वाले दिनो में।दुआ में याद रखिएगा । तब तक शब्बा खैर ! ❤️🤗😇 #filmindustrybychoice #safaranama #directorsjourney #storytellingbymasterrs #rewind https://www.instagram.com/p/BtklBgcnI0J/?utm_source=ig_tumblr_share&igshid=199encp9roi7d
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Chapter 64 “SCOWLED” #journeyofdirectorismailumarkhan एक शो पर अक्टर ने, मेरे देर से आने पर हल्ला कर बैटा,मैं पूरी ईमानदारी से अपना काम करता हूँ, आधा घंटा सुबह में यहाँ वहाँ हो सकता हूँ लेकिन एक बर शूट पर पहुँच जाऊँ, उसके बाद पैकउप से पहले सेट से बाहर नहीं आता।मैंने कभी नहीं कहा की, मेरा अस्सोसीयटे शूट करेगा, या मै सेट के बाहर बैटा हूँ और पुरा दिन अस्सोसीयटे शूट कर रहा हो, ऐसा भी नहीं किया की ११ बजे आकर शाम ५ बजे, या लंच करके निकल गया हूँ।मैंने पुरी तरह से हमेशा शो की ज़िम्मेदारी उटायी है, प्रोडुसर के अलवा कोई मेरे सुबह लेट आने पर टोक नहीं सकता, वो अकटर तो कभी नहीं जो ख़ुद भी कभी लेट आया हो, या चालु शोट मे हीरोईन के साथ हँसी मज़ाक़ कर मेरा और प्रोडुसर का वक़्त ज़ाया किया हो। कभी कभी अससिस्टंट की ग़लती पर ज़ोर ज़ोर से गलियाँ बकने लगता, मैंने उससे यह बात समझायी थी की, डिरेक्टर के अलवा किसी की भी आवाज़ ऊँची नहीं होनी चाहिए, ख़ैर अब तक वो अकटर मेंचोर हो गया होगा।मेरे कही डिरेक्टर दोस्त उसके साथ काम कर चुके है। वो अकटर बेशक ग़ज़ब है ।मेरा ताल-मेल बढ़ियाँ था उस के साथ फिर अचानक उसका ऐसा बर्ताव देखकर मै हैरान था।ख़ैर बात पुरानी है।लेट लतीफ़ी की मेरी आदत भी पुरानी है । मेरे साथ ही यह आदत जाएगी क्योंकि मैं देर करता नहीं देर हो जाती है। दोस्तों मैंने भी बहुत इन्तज़ार किया है, मुझे भी लोगों ने बहुत इन्तज़ार करवाया है। यह उस समय की बात जब मैं डिरेक्टर तो बन गया था, लेकिन इस्टैब्लिश नहीं हुआ था, एक नामी प्रडूसर जब भी उनसे मिलने के लिए फ़ोन करता तो वो ऑफ़िस बुला लेते, लेकिन २-३ घंटे इन्तज़ार करवाते, लेकिन मिलते नहीं थे।मुझे लगता के वो मुझे परख ना चाहते हैं । इस तरह ३ बार मेरे साथ हुआ, मैंने सोचा अब इन्हें फ़ोन नहीं करूँगा, जब इन्हें ज़रूरत होगी तब मिलूँगा और वो दिन भी आया, मुझसे मीटिंग भी हुई, मैं हैरान था, उनके कैबिन में CCTV था, जो रिसेप्शन एरीअ को मॉनिटर करता।उस वक़्त CCTV का कोई खाँस चलन नहीं था। ख़ैर कोई वजह रही होगी, मीटिंग में होंगे, जो मिले नहीं मुझसे, लेकिन अब मीटिंग नहीं मुझ से शो करवाया । सब्र का फल देर से मिलता है। मगर मिलता ज़रूर है। #filmindustrybychoice #safaranama #directorsjourney #storytellingbymasterrs #rewind https://www.instagram.com/p/BtgiOW7HpDp/?utm_source=ig_tumblr_share&igshid=1o02do6cp7ipo
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Chapter 63 BUSINESS #journeyofdirectorismailumarkhan एक क्रीएटिव और मिली हमें, मेरे ऐंगल उन्हें पसंद नहीं थे, कहती की 3D शॉट मत लगाइए, मैं समझ नहीं पाता उनकी बात, पता चला हम लोग मास्टर शॉट्स जो वाइड ऐंगल से लेते, रूम के कॉर्नर से, ताकि रूम बड़ा दिखाई दे, डेप्थ दिखाई दे, उन्हें उससे ऐतराज़ था, कहती सेंटर में रखकर शॉट लीजिए, इन्हें कौन समझाए की उसे फ़्लैट ऐंगल कहते हैं।वही लोगों से स्क्रिप्ट पर सवाल खड़े करो, तो कन्विन्सिंग जवाब नहीं मिलता, जैसा है वैसा शूट कीजिए चैनल ने अप्रूव किया है,बाद में जागते है रोते हैं। कंधा धूँडते हैं। कही बार हम पर ही सवाल खड़े करते हैं , आपने टोका क्यों नहीं । एक और क्रीएटिव ब्लॉक समझने लगी, लाइटिंग होने के बाद, रिहर्सल के दौरान, यह उस वक़्त की बात है , जब दिमाग़ मेरा बहुत ख़राब रहता था।लेकिन मैंने बहस नहीं की और ना ही नाराज़ हुआ, मैंने कहा जो आप चाहती है, वो इस रूम में नहीं होगा, रूम छोटा है,यह सीन हॉल में चींट करते है, लेकिन उपर प्रडूसर से इजाज़त ले लीजिए, मुझे लगा था, ना में जवाब मिलेगा, पता नहीं उसने क्या पूछा, प्रडूसर ने हाँ कह दिया, मैंने हॉल में वो सीन कर दिया, बाद में इस कॉल पर हल्ला हो गया, क्योंकि वो कॉंटिनूयटी वाली लोकेशन पर ही होना था, उसका कनेक्टिंग सीन ऐक्चूअल लोकेशन पर शूट हुआ, लोकेशन मैच नहीं हो रहा था। उसके बाद मुझे ब्लॉक बताने, वो कभी भी नहीं आयी।मैंने नए और मंजे हुए दोनो क्रीएटिव के साथ काम किया है। नए में जोश ज़्यादा होता है, बहुत अच्छी बात है । लेकिन आपने कुछ सोच रखा है तो पहले डिस्कस करे, लाइटिंग के बाद टाइम किल ना करवाए, जो टाइम बर्बाद होगा, वो मेरे सीन पर रेफ़्लेक्ट करेगा, प्रडूसर का नुक़सान होगा वो अलग,याद रखिए काम ख़त्म नहीं होता तो सवाल डिरेक्टर से किया जाता है। क्रीएटिवस से साथ मेरा तालमेल हमेशा अच्छा रहा है, क्योंकि है तो टीम वर्क, डेली सोप में आप सारे काम नहीं कर सकते, जिस शो पर क्रीएटिव काम में बढ़ियाँ हो, एक अच्छा शो यक़ीनन बनेगा, बाक़ी नसीब है, कोई यह नहीं कहेगा काम ख़राब हुआ या शो अच्छा नहीं बना या राइटिंग की प्रोबलेम थी, ऑडीयन्स नकार दे तो कोई कुछ भी नहीं कर सकता।ऑडीयन्स की नस पकड़ ने में कोई पूरी तरह कामयाब है तो सिर्फ़ और सिर्फ़ एकता कपूर, प्लस जिस लेवल का एकता ने ख़ुद को ब्राण्ड बनाया है, ऑडीयन्स उनके शो को नज़रंदाज़ नहीं कर सकते क्या गाना था वो “आओ सीखाएँगी तुम्हें धंधे का फ़ंडा #ismailumarkhansheroshayari #filmindustrybychoice #safaranama #directorsjourney #storytellingbymasterrs #rewind https://www.instagram.com/p/BtfHBrrHBni/?utm_source=ig_tumblr_share&igshid=6bmo2ziaykns
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58 “FAIR” contd.. #journeyofdirectorismailumarkhan यह ऐसा शो था जहाँ डिरेक्टरस का मेला लगा हुआ था।मीशा जी ख़ुद, ज़मील खान २nd unit, इम्तियाज़ भाई सेट उप, अनिल वी कुमार, आशीष खुराना और भी बहुत सारे डिरेक्टर आए और गए,मैं भी गया। Djs का,पैसों मामला बड़ा सही लगा, एक एक मिनट का पैसा मिला, वो भी टाइम पर, संकेत वहाँ के बिज़्नेस हेड थे, कमाल का मैनज्मेंट था उनका।कॉंट्रैक्ट में ट्रैन्स्पेरेन्सी थी, फ़र्स्ट मीटिंग से लास्ट चेक आने तक सारी ज़िम्मेदारी ख़ूब निभायी। #filmindustrybychoice #safaranama #directorsjourney #storytellingbymasterrs #rewind #zeetv #Kaalateeka https://www.instagram.com/p/BtWchMOnBlO/?utm_source=ig_tumblr_share&igshid=ttwnra6yemm4
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Chapter 55 contd... “FATE” #journeyofdirectorismailumarkhan हुआ ऐसा की बिजली कही गिरी, और घर मेरा जल गया, प्रोडक्शन ने मुझे कहा की यार उस डिरेक्टर को घर नहीं बैटा सकते, बाद में कुछ और बताते है। मै अपनी क़िस्मत पर मुस्कुरा रहा था, रब की मर्ज़ी ही तो थी, नहीं तो अचानक बेवजह मेरे साथ अनहोनी नहीं होती ।बहुत ही प्यारा डिरेक्टर और नेक इंसान है वो, उसका मेसेज आया “भाई आप ही कंटिन्यू करे, मैं छुट्टी पे चला जाता हूँ “ , मैंने जवाब भेजा की “घर उनका है, वही संभाले, मैं तो मुसाफ़िर हूँ, यहाँ नहीं तो वहाँ “ झटको की आदत सी पड़ गयी थी।बालाजी से महीने भर में ही विदा हो गया। कुछ अच्छे लोगों से लॉग टर्म रिश्ते बने।केतन से रिश्ता रीवाईव हुआ।रब की मर्ज़ी है, ज़रूर कुछ मक़सद होगा, मैं आप लोगों को ज़रूर बताऊँगा। कही बार उसके बाद भी दूसरे शो के लिए बात हुई, हर बार किसी ना किसी करण बात फँस गयी। इसी का नाम ही ज़िन्दगी है, हर रोज़ अपना परिचय लोगों को देना और क़िस्मत ज़िन्दगी के नए नए पहलू से आपका परिचय करवाती रहती है ।परिचय से परिचय गाना याद आया । “मुसाफिर हु यारो एक राह रुक गयी तो और जुड़ गयी मैं मुदा तो साथ साथ राह मुद गयी हवा के पारो पर मेरा आशियाना मुसाफिर हु यारो” #filmindustrybychoice #safaranama #directorsjourney #storytellingbymasterrs #rewind #starplus #kalashekVishwas #lifeok https://www.instagram.com/p/BtRFpZYnD__/?utm_source=ig_tumblr_share&igshid=1ccmt0jpeelwl
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Chapter 55 “FATE” #journeyofdirectorismailumarkhan दिवाली की रात थी, मैं अपनी बेटी आयत के साथ फूलजाड़ी जला रहा था, दिवाली की छुट्टियाँ लोगों की अब पड़ी थी, लेकिन मेरी कही महीनो से चल रही थी, दिवाली मे मुझे सेंटाक्लॉस का हाथ दिखाई दिया, तेज़ रोशनी के पार, जैसे ही अनार की रोशनी छाटी, केतन गुप्ता (बालाजी) दिखाई दिए, जैसे खुदा ने उनको भेजा हो, कही सालों बाद मुलाक़ात हो रही थी, केतन के चेहरे पर मुस्कराहट,पोसिटिव वाईब छलका रही थी, ऐसे बहुत कम बंदे खुदा ने बनाए हैं । बालाजी में कोई कोंस्टंट हैं, तो वो हैं केतन गुप्ता, उसकी वजह है, उनकी ईमानदारी, हेल्पिंग नेचर, बहुत ही नेक इंसान है और उनकी प्यारी मुस्कराहट। मैंने बालाजी में काम करने की इच्छा ज़ाहिर की, उन्होंने मुझे बालाजी होऊस बुला लिया, १४ साल बाद बालाजी मे मेरे क़दम पड़े, सारी “कभी सौतन कभी सहेली “ की यादें ताज़ा हो गए, जिस फ़्लोर हम कभी शूट करते थे, वहाँ अब ऑफ़िस है, मुझे DD का पायलट दिया गया, मेघना अमाल क्रिएटिव थी, चार दिन की शूट के बाद, मुझे “कलश” लाईफ अोके, के शो पर वरूण बब्बर ने भेज दिया, वरूण के साथ अच्छा तालमेल रहा था सौभाग्यवती में, इमरान मीर क्रिएटिव से मुलाक़ात हुई, बहुत ही नेक बंदा है और पुरी प्रोडक्शन टीम दीपक, साजिद, दिलदार भाई, सब चिल्ल ओऊट है, काम को लेकर,शूट के दौरान कोई परेशान नहीं करता, जो भी बात होती है, पकउप के बाद, धीरे धीरे मैं सब से घुल मिल गया था, पहली मुलाक़ात में इमरान संजीदा क़िस्म के इंसान लगे थे,लेकिन जब सेट पर इमरान मीर कोई मौक़ा नहीं छोड़ते, लोगों की टिंगल उड़ते रहते है ।बहुत ही शरारती हैं । DOP अशोक सलीयन से कही सालों बाद मुलाक़ात हुई, माँ फिर सौभाग्यवती के दौरान, हमलोग ग़लतफ़ेमी के चलते काम नहीं कर पाए थे। अशोक के चेहरे पर नाराज़गी साफ़ दिखायी देती थी।ग़लतफ़ेमी दूर मैं करना चाहता था। महीना भर हुआ था , वरूण से बात हुई, वरूण ने कहा ”सब बढ़िया है, बेफिक्र हो काम कीजिए, आप सेट हो गए” अब तसल्ली हो गयी थी,काम लम्बा चलेगा । दो दिन के बाद बालाजी के दो शो ओफ़् ऐर हो गए, हुआ ऐसा की बिजली कही गिरी, और घर मेरा जल गया... contd #filmindustrybychoice #safaranama #directorsjourney #storytellingbymasterrs #rewind #starplus #kalashekVishwas #lifeok https://www.instagram.com/p/BtRFA-DHkt2/?utm_source=ig_tumblr_share&igshid=1b5q2kom67877
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“Celebration” #journeyofdirectorismailumarkhan मैं अपने घर लौट आया था शकुन्तलम, Zee tv का शो, “हेल्लो प्रतिभा” यह शो ओन ऐर हो कर कुछ महीने हो चुके थे, रेटिंग कुछ खास नहीं थी, बिन्नी शर्मा और सचल त्यागी लीड मे, तारुल स्वामी, मीनल कपूर,संगीता पनवर जी,रिद्धि अरोरा और शाज़िल। बहुत ही कोमपक्ट कास्ट। घर तो घर ही होता है, सारी टीम अपनी DOP ऋषि राज शर्मा, बहुत अच्छा हमारे बीच ताल-मेल रहा है, प्रोडक्सन टीम अपनी, क्रीटिव रजगोपाल पुरी ईमानदारी से काम करते, वो भी अपने हो गए मेरी तरफ़ से, मैं आज भी उतनी ईमानदारी से अपना काम करता हूँ। जितनी ईमानदारी और उत्साह से पहली बर “Action” कहा था, हेल्लो प्रतिभा एक रेगुलर शो जैसा नहीं था, एक माँ अपनी सारी घर की ज़िम्मेदारी के साथ कैसे अपने पती की मदद से,सैयोग से, अपना सिंगिंग का सपना पुरा करती है, मुझे हर बार एक अलग शो डिरेक्ट करने का अवसर मिला, मैं ने साँस बहू वाले शो ना के बराबर किए है। हर बर अलग और दिलचस्प शो को डिरेक्ट किया है। चार साल बाद घर लौटा था, प्रोडक्सन टीम में सारे लोग जो कभी, EP, शेदुलर थे, सब की तरक़्क़ी हो चुकी थी, सुनील, निखिल, समय के साथ सबकी गाड़ी आगे दौड़ रही थी और अपनी गाड़ी को बार बार अंचाहा ब्रेक लग रहा था। हेल्लो प्रतिभा मैंने तीन-चार महीने शूट किए, शो बंद हुआ, काम ऐसा हो चला था, तीन चार महीने काम और फिर अंचाहा आराम, नए शो से जुड़ते-जुड़ते तीन-चार महीने और ज़ाया हो जाते, घर-गाड़ी की किश्तें, हर महीने सर पर तांडव करती, लेकिन साहब हमने,ज़िन्दगी जीना नहीं छोड़ा, घूमना-फिरना, पार्टी करना नहीं छोड़ा, बेरोज़गारी का भी, मैंने जश्न मनाया, क्योंकि संघर्ष ज़िन्दगी भर का है, किसी ने पूछा कैसे कर लेते हो आप लोग, जवाब यही है, रब के भरोसे, अपने हुनर के भरोसे, अपनी ने परिवार से हिम्मत मिलती है, दोस्तों की दुआ है, कुछ मेरे हुनर के कदरदान है।वो हमेशा मुझे याद करते हैं । तो दोस्तों बर्बादी का जश्न मनाओ, गुज़रा वक़्त कभी भी लौट कर नहीं आता, हर पल जश्न मनाओ, रब का शुक्रिया अदा करो। इस बात पर मेरा पसं��ीदा गाना याद आ गया। “बरबादियों का सोग़ मनाना फ़िज़ूल था बरबादियों का जश्न मनाता चला गया मैं ज़िंदगी का साथ निभाता चला गया” #filmindustrybychoice #safaranama #directorsjourney #storytellingbymasterrs #rewind #zeetv #hellopratibha https://www.instagram.com/p/BtQAWBUHKT5/?utm_source=ig_tumblr_share&igshid=pl1wwvr1avy4
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Chapter 53 “DESPAIR” #journeyofdirectorismailumarkhan हसीनाओं का मेला जहाँ लगा था उस शो का नाम था, “सतरंगी ससुराल” बहुत ही प्यारी कास्ट, फ़रीदा जलाल जी, समता सगर जी, सदियाँ सिद्दिक, सदियाँ को डिरेक्ट करने का अरमान पुरा हुआ, यही हैं जिनका मैं फ़न हूँ रेशम टिप्निस, सोनलि सचदेव, भावना बल्सवर, लीड मेन रविश और मुग्धा, क्रीटिव बंटी और प्रोडक्शन में तरलोक सिंग़, बहुत खुशगवार था का शूटिंग माहोल, फ़रीदा जी अक्सर कहती की “TV” वाले बहुत मेहनत करवाते है, एक संवाद बार बार बोलना पड़ता है, उनकी बात बिलकुल सही है, मैं उनसे कहता आपके सोलो सीन में, कूट टू कट शूट करूँगा, कही साल से हमलोग नए आर्टिस्ट के साथ काम करते आए हैं, दिक्कत यह होती है, आर्टिस्ट कट टू कट संवाद में, ज़्यादातर सीन का सही मूँड़ नहीं पकड़ पता, एडिट के बाद सीन का टेम्पो, डायलॉग का बहाव,उपर नीचे हो जाता है, सीन ख़राब हो जाता है, कट टू कट शूट, माँझे हुए अकटरस के साथ बेहतर नतीजे देता है ।रेगुलर डेली सोप का तरीक़ा ही ऐसा हो गया है, कभी भी कोई भी शोट की माँग कर देते हैं।बेहतर है, उन्हें सारे शोट दें, व्यक्तिगत तोर पर मैं कट टू कट शूट करना पसंद करता हूँ । मै जब एक शेड्यूल कर “तृषा“ पर लौटा, लाईफ़ ओके, चैनल ने अपनी नाराज़गी दिखायी की मैं, १५ दिनो के लिए “सतरंगी ससुराल” में क्यों चाला गया, मैं कुछ खाँस वजह दे नहीं पाया, ओफ़् गार्ड जो धर लिया गया था, चैनल ने प्रोडुसर से भी इस बारे में बात की, पता नहीं क्या हुआ, ग़लतफ़ेमी आपस में हो गयी, मैं ने किसी के ख़िलाफ़, किसी से भी कोई शिकायत की नहीं थी, ना चैनल से ना प्रोडुसर से, मैं ख़ुश था, दो अच्छे शो कर रहा हूँ ,पहले २०-२२ दिन “लौट आओ तृषा” कर रहा था, अब पुरे ३० दिन काम, दो शो में नाम, पैसा, किसको अच्छा नहीं लगेगा साहब, भगेश्री वाली स्टोरी पुरी कर, लीप से पहले शो से विदा हो गया, सतरंगी भी छूट गया और तृषा भी, मैं सोचता रहे गया की मैं कहाँ ग़लत हो गया, इस वाक़िये से बहुत ही निराशा हुई, इसे क्या कहेंगे आप, यह मुक़्क़दर ही तो है, सौ बात की एक बात,जितना जहाँ लिखा था, उतना मैं पागया, बाक़ी सब बहाने, ज़िन्दगी ने फिर हमें मिलाया और साथ काम हुआ तो सारे ग़म ग़लत हो जाएँगे, ऐसी ही हो, मै यही उम्मीद करता हूँ । बार-बार पटरी से गाड़ी उरती जा रही थी, जब भी गाड़ी पटरी से उतर थी, फिर से गाड़ी को पटरी पर लाना मुश्किल हो जाता है.. आगे क्या हुआ बताते हैं .... बताते हैं... #filmindustrybychoice #safaranama #directorsjourney #storytellingbymasterrs #rewind #starplus #lautaaoTrisha #lifeok https://www.instagram.com/p/BtL_wH8nfA4/?utm_source=ig_tumblr_share&igshid=hpuqitf083wy
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Chapter 52. Contd... “LION” #journeyofdirectorismailumarkhan ये अवार्ड का नामी अवार्ड्स में नाम शुमार है, इंडिया मे १९९४-११९५ मे शुरू हुआ था।Lions Gold Awards सालाना लीयोंस क्लब मुंबई उन क़ाबिल और टलेंटेड लोगों को चुनता है, जिन्होंने फ़िल्म इंडस्ट्री और TV इंडस्ट्री में योगदान दिया है, यह एक वाहिद ऐसा अवार्ड है, जिसमें कोई प्रतियोगिता या किसी और से आपके काम की तुलना नहीं की जाती, आपको की योगिता और योगदान को देखते हुए, आपको सम्मान दिया जाता है। “लौट आओ तृषा” के दौरान, मुझे यह अवार्ड से सम्मानित किया गया। “ Best Director for Thriller “ तारिफ़ और दुआ का तो ऐसा है, जितनी मिले बटोरते जाइए ! मेरे लिए यह अवार्ड मेरे पुरे करीर यानी १९९५-२०१५,२० साल की कमायी थी, शुक्रिया #LionsGoldAwards २०१५-१५. आगे बड़ते हैं, Zeetv का वो कौन सा था, जहाँ हसीनाओं का मेला था।जहाँ बाग़ों मे बाहर है... मैं किसी का ज़बरा फ़न था.. हूँ .. और रहूँगा ... बताते हैं ... बताते हैं .. #filmindustrybychoice #safaranama #directorsjourney #storytellingbymasterrs #rewind #starplus #lautaaoTrisha #lifeok https://www.instagram.com/p/BtJNHnCnqQ8/?utm_source=ig_tumblr_share&igshid=1f0ody4jnbd6t
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ChaptIer 52 “LION” #journeyofdirectorismailumarkhan “लौट आओ तृषा” प्रडूसर नंदिता मेहरा और भेरवि रैचुरा (अपना काजल भाई अव “हम पाँच” (फ़ाइअर वर्क्स और २४ फ़्रेमस मीडिया) DOP मेरा कड़क कैमरामैन सदानंद पिल्ले (ऐसा DOP जिसके रहते, पुरी यूनिट डिसिपलिन में रहती है । पूर्वा फटनानी लाइफ़ ओके चैनल से, क्रीएटिव शलिनी और मार्गी । मेन लीड में अपने प्रेम की सुमन यानी भगेश्श्री, जिनकी लव स्टोरी “मैंने प्यार किया” ने करोर्डों को प्रेरित किया, आपका पसन्दीदा किरदार वो कलाकर,अगर आपके रुबरू आजाए और उसको निर्देशन देना का अगर अवसर मिल जाए, तो फ़ील गूड़ वाला इमोशन जागे रे 😍, उनके ऑपज़िट जय कालरा, साथी कलाकर रजेश्वरी, एजाज़ खान, जितेन लालवानी, आदिता वाही, नलिनी नेगी,अभिलाष, करन जोटवानी, माही सृष्टय और ऐयाज खान। इस शो में मेरे अलवा ३ डिरेक्टर और थे, नंदिता मेहरा, जिगणेश या शैलेश की बात नहीं कर रहा, अपने आर्टिस्ट में से थे, इस मे से एक तो लेखक भी थी। नए ऐक्टरस सब बहुत ही मेहनती और प्रॉमिसिंग लगे, वो बच्ची बजरंगी भाईजान वाली मुन्नी(हरशाली मल्होत्रा)वो भी बहुत प्यारी थी।क्रीम कास्टिंग, आदिता वाही नहीं आदिता शाही होना चाइए, क्योंकि अगर वो अमीर है, कलस्सी हैं, तो लग भी रही हैं, एजाज़ खान स्क्रिप्ट को लेकर बहुत ही चिंतित रहते, मेरा मन्ना है, ईमानदारी के साथ चिंता भी लाज़मी है, लेकिन थोड़ा लचीला भी होना चाइए, लेखक और प्रडूसर के नज़रिए को ध्यान में रखना चाहिए, एजाज़ बहुत ही बढ़िया अभिनेता है। लगभग सारे अकटोर्स से इक्वेसन सेट हो गया था। मैं तीन-चार महीने शूट कर चुका था, मेरी प्रडूसर का नया शो Zee tv par आ रहा था, मेरा काम उन्हें पसंद था, इसलिए मेरी प्रडूसर ने मुझे १५ दिन उस शो को डिरेक्ट करने के लिए कहा, मैंने हाँ कर दिया, नंदिता मेहरा एक ऐसी प्रडूसर है, जो डिरेक्टर के काम में, कभी भी कोई दख़ल अंदाज़ी नहीं करती, वो ख़ुद भी एक डिरेक्टर हैं। सब कुछ ज़िन्दगी में बहुत अच्छा हो रहा था, एक तरफ़ मेरी प्रडूसर मुझे नए शो से नवाज़ रही थी और दूसरी तरफ़ उसी वक़्त “लीयोंस गोल्ड अवार्ड्स” प्रेस्टिगीयस अवार्ड्स वालों का फ़ोन आया। ये अवार्ड का नामी अवार्ड्स में नाम शुमार है, इंडिया मे १९९४-११९५ मे शुरू हुआ था।Contd.. #filmindustrybychoice #safaranama #directorsjourney #storytellingbymasterrs #rewind #starplus #lautaaoTrisha #lifeok https://www.instagram.com/p/BtJL7PsnHBU/?utm_source=ig_tumblr_share&igshid=187zxbsbjw552
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Chapter 50 contd... “ONUS” #journeyofdirectorismailumarkhan अगले दिन सुबह ७ की शिफ़्ट रखी गयी, मुझ से यह कहा गया, सुबह क्लोज़ उप ले लेना, अगले दिन हुआ यह की, पता चला आर्टिस्ट ९ बजे आएँगे, क्रीएटिव ने सीन को मोंटाज बनाकर भेज दिया,अब वो क्लोज़ उप लेने का मामला ख़त्म हो गया । आर्टिस्ट क्यों नहीं आए ७ बजे, या उन्हें बोला ही नहीं गया, क्या हुआ, बात गोल हो गयी। क्रीएटिव ने चैनल को क्या समझाया होगा की मॉंटाज क्यों बनाने पड़े | दो दिन के बाद मुझसे शो से अलग होने को कहा गया, वजह किसी ने नहीं बतायी, मैंने पूछा भी वजह, हर किसी ने कहा की हम चाहते हैं आप करो लेकिन, प्रडक्शन को लीडर्शिप चेंज करनी है, मैंने चैनल से भी सवाल किए, २ दिन पहले मेरे काम को सहारा गया, अब क्या हो गया अचानक। वजह काम ख़राब हुआ थी, तो किसी ने मुझसे यह क्यों नहीं पूछा, या सेट पे जो लोग थे, उन्होंने सच्चाई क्यों नहीं बतायी, हर किसी के चुजपा का ज़िम्मेदार डिरेक्टर कैसे हो सकता है।मेरे पास दूसरी यूनिट से आर्टिस्ट टाइम पर पहुँचता,तो क्या मेरा काम वक़्त पे पूरा नहीं होता, क्या मेरा सीन ख़राब होता। दुनिया की सच्चाई यह है, सही बात सही लोगों तक ज़्यादा तर लोग पहुँचने ही नहीं देते, जिससे शिकायत होती है, उसे छोड़ कर सब से वजह जन्ने की कोशिश करेंगे, १२-१४ घंटे काम करने के बाद कुछ लोग यह भी डिरेक्टर से उम्मीद करते हैं, की वो एडिट पर जाए, जिस तरह ऐक्टर का क्रीएटिव काम है,वो १२ घंटे काम करने के बाद, चाहता है कि १२ घंटे बाद ही अगले दिन सेट पे आएगा, उसी तरह डिरेक्टर का भी क्रीएटिव काम है, ख़ुद को थकाकर, अगले दिन वो सही काम और सही आउट पुट नहीं दे पाएगा। डेली सोप में यह मुमकिन नहीं है, मेरे दोस्त जो ऐसा करते है, यह उनकी हेल्थ के लिए घातक है। ओवर इग्ज़र्शन के साइड इफ़ेक्ट्स यक़ीनन उन्हें आने वाले समय में देखने मिलेंगे। ख़ैर कोई नहीं, टेस तो लगी थी, लेकिन ख़ुशी थी कि मैंने सही और क्वॉलिटी वर्क “एक बूँद इश्क़” में किया था, और अगर नहीं किया होता तो लाइफ़ ओके स्टॉर प्लस वाले, और चैलेंजिंग और इक्साइटिंग शो मुझे ऑफ़र नहीं करते, वो कौनसा शो था...??? बताते हैं ..... बताते हैं ... P.S One thing I will tell u BBC is one of the best company to work with in matter of employee safety, hygiene and payments. #filmindustrybychoice #safaranama #directorsjourney #storytellingbymasterrs #rewind #starplus #ekboondishq #lifeok https://www.instagram.com/p/Bs-Fi1Qntf6/?utm_source=ig_tumblr_share&igshid=mkbxc57g7utt
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Chapter 50 “ONUS” #journeyofdirectorismailumarkhan “एक बूँद इश्क़” चैनल लाइफ़ ओके, स्टॉर, १०० एपिसोड होने को थे, और हीरो की एंट्री होती है, यानी मेरी, सबा मुमताज़ और BBC प्रोड्यूसर, दीक्षिता जी की प्रडक्शन टीम, महबूब, शकील भाई, दीक्षिता जी बहुत ही इन्स्पाइरिंग है, पूरी ईमानदारी से अपना काम करती हैं ।DOP मनोज प्रधान, जाने माने ad फ़िल्म सिनमटॉग्रफ़र, BBC को हेड करते रोशन दत्त बहुत ही बेहतरीन शख्सियत | क्रीएटिव टीम गौरव देसाई बहुत ही अच्छे क्रीएटिव, उनके साथ अक्षय,शदाब और साक्षी, विरफ पटेल और छवि पांडेय लीड में और साथी कलाकार गौरी टोंक, रवि गोसाइन, राकेश कुकरेती, हुनर, दिशांत,निधि उत्तम और खलनायक विश्वजीत प्रधान जी सारे टैलंटेड लोग एक ही शो में ऐसा बहुत कम देखने मिलता है। विश्वजीत जी का बहुत ही दिलचस्प किरदार था, दरसल वो होते एक किन्नर हैं, मगर समाज से घर वालों से छुपाकर दोहरी ज़िन्दगी जीतें हैं । थ्रिलर बेस शो बहुत ही दिलचस्प होते हैं शूटिंग और लाइटिंग में डिरेक्टर और DOP को अपना काम दिखाने का स्कोप होता है। मेरे काम को बहुत सहारा गया, इस शो में मैंने एक सीन में अपीरन्स भी दिया था, हीरो हीरोईन रोमैन्स कर रहे है और मैं उन्हें डिस्टर्ब करता हूँ । ला “सुभाष गाई “ टाइप मैं कूच लगभग ४ महीने, शो कर चुका था, एक दिन मैं संक्रमण में शूट कर रहा था।चैनल से लोग वही लैप्टॉप पर एपिसोड देख रहे थे। मुझे कॉम्प्लिमेंट किया की “वी हैव नेवर सीन सच ब्रिल्यंट एपिसोड” आपके काम को सहारा जाता है तो बहुत ख़ुशी होती है, उस वक़्त शो की क्रीएटिव टीम चेंज हो गयी थी, नई टीम आगयी, ध्रुव जैन नए क्रीएटिव थे, हम लोगों ने कभी साथ काम नहीं किया था, अभी हम दोनो का इक्वेसन सेट भी नहीं हुआ था, उसी वक़्त का एक क़िस्सा बताता हूँ। दोपहर २-२ की शिफ़्ट, हीरोइन दूसरी यूनिट में फँसी हुई थी, मेरे पास सारे सीन कल के टेलिकास्ट के थे, और सारे सीन में हीरोइन की ज़रूरत थी, हीरोइन को मेरे पास ७ बजे शाम में आना था, मुझे उसके डूप्लिकेट के साथ सारे सीन ख़त्म करने थे, और उसके आने के बाद, उस सारे सीन के हीरोइन के क्लोज़ उप शूट करने थे । हीरोइन मेरे पास दूसरी यूनिट से फ़्री होकर रात १० बजे पहुँची, जब तक वो रेडी हुई, डिनर ब्रेक हो गया,११ बज गए, और उसके २ सीन के क्लोज़ उप नहीं हो पाए, क्योंकि २ बज गए थे और असोसीएशन ने पैक उप करवा दिया । #filmindustrybychoice #safaranama #directorsjourney #storytellingbymasterrs #rewind #starplus #ekboondishq #lifeok https://www.instagram.com/p/Bs-E8w-noRc/?utm_source=ig_tumblr_share&igshid=ezmadxq3qrv4
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Chapter 49 “Refresher” #journeyofdirectorismailumarkhan “कथा महादेव पुत्र बाल गणेश की १६ एपिसोड की सिरीज़, लाइफ़ओके, स्टॉरप्लस ३-१६ मैंने पूरे किए, कही वक़्त के बाद बच्चों के साथ काम किया, निखिल सिन्हा प्रडूसर, शान्तनु अग्रवाल क्रीएटिव और चैनल से अनिरुध पाटक साहब, नितिन शुक्ल, सोमयता और अनिमेश वर्मा, बहुत ही शांति पूर्वक काम करने का मौक़ा मिला, शान्तनु बहुत ही सूलजे हुए क्रीएटिव हैं,जब कोई डिरेक्टर सिंगल हैंडेड काम करता है, अपने आप सारी चीज़ें समूथ रहती है। पंकज कचावा DOP ने बहुत ही पेशंट्ली काम किया, डिरेक्टर की नैया पार लगाना DOP के हाथ होता है। साधिल कपूर मुखिया भूमिका में, इतने सब गेटप के साथ भी फ़ुल एनर्जेटिक रहते, सारे बच्चों की टीम बहुत अच्छी थी, दोस्तों कभी रूटीन काम से बोर हो जाओ, लगे आपको जंग लग रहा है, तो बच्चों वाला शो कर लेना चाहिए।बहुत ही तरोताज़ा मैसूस करोगे।बच्चे बहुत ही इनवेटिव होते है, अभिनव होते हैं। जब तक आपके अंदर का बच्चा ज़िन्दा है, तब तक आपकी क्रीएटिविटी कभी ख़त्म नहीं होगी । बच्चो के उपर दर्पण श्रीवास्तव और हर कहानी में अलग अलग खलनायक, रितुराज, पंकज बेरी जी, कुल मिलाकर बहुत ही बढ़ियाँ अनुभव रहा। #filmindustrybychoice #safaranama #directorsjourney #storytellingbymasterrs #rewind #starplus #lifeok #khatamahadevputrabalganeshki https://www.instagram.com/p/Bs22quXnnU7/?utm_source=ig_tumblr_share&igshid=1f85l6ti8n59v
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CHAPTER 48 ACTORS & TRAINERS #journeyofdirectorismailumarkhan ओप्टिमिस्टिक का शो छन छन का सेटउप, हेमंत केवानी राइटर,रितु गोइल क्रीएटिव और पुश्पँक गव्डे DOP, सनाया ईरानी मुखिय भूमिका में, शो ऐसा लगता था,जैसे सनाया के लिए लिखा गया है, सनाया की सास सुप्रिया पाटक जी, बहुत ही मज़ेदार इक्वेशन, लेकिन हीरो का चयन करने में चूक गए, लेट रवि ओझा जी डिरेक्टर को मैंने काम करते हुए देखा है, ऐक्टर के बिना वो काम नहीं करते थे, कहते थे की नया आर्टिस्ट चलेगा, लेकिन ऐक्टर होना चाहिए, सेट पर सिखाने की नौबत ना आए, शो अच्छा बनना है तो ऐक्टरस लाइए, मैंने पहले ही दिन कहा की हीरो को रिप्लेस करें, बिना वर्क्शाप के शो पर आननफ़ानन में लाया गया था, क्योंकि टेलेकैस्ट डेट क़रीब थी,दरसल उसने मुझसे कहा था, की वो मॉडल है और वो ४/५वॉ अटेम्प्ट है, कही शो से उन्होंने बैक आउट भी किया था, हेमंत उससे हर सीन में ऐक्टिंग करके बताते थे।लेकिन वो नहीं कर पाता था, तीन टाइप के ऐक्टर होते हैं, एक जो ऐक्टर होता है, हर चीज़ में पर्फ़ेक्ट, आउट्पुट सॉलिड। दूसरा आर्टिस्ट जो लाइंज़ करके आता है ईमानदारी से काम करता है, कोशिश भी करता है और लाइंज़ बोल कर निकल जाता है, तीसरा ना लाइंज़ याद होती है और ना ही ऐक्टर है ऐसे में ईमानदारी भी काम नहीं आती, ऐसे में आप कुछ नहीं कर सकते, मेरा यह मन्ना है की ऐक्टिंग किसी को भी सिखायी नहीं जा सकती, या तो उसके अन्दर होती या नहीं होती, जो आप ने करके बताया, वो कोई कॉपी करले तो, वो ऐक्टर तो कभी हो नहीं सकता, वो मिमिक्री आर्टिस्ट होता है। ऐक्टर को सिर्फ़ सीन, मूड और टेक समझना होता है और उस में कुछ, हाई पिच या लो पिच , ग़लत पॉज़ेज़ या ग़लत शब्द पे स्ट्रेस हो तो वो करेक्ट करवाया जाता है। इन शॉर्ट मेरा पर्सनली ये मन्ना है की आर्टिस्ट को ऐक्टिंग कभी भी ना करके बतायी जाए, नॉन ऐक्टर को ऐक्टिंग करने के लिए आप फ़ोर्स करेंगे, वो और बुरा पर्फ़ॉर्म करेगा, उस ऐक्टर रेंज समझ आजाए तो उससे ज़्यादा उम्मीद मत रखिए। कही शोव को वक़्त से पहले ढहते देखा है, जब तक शो चलता है, क्र��एटिव या राइटर उसे ऐक्टिंग ही सीखाता रह जाता है, रिज़ल्ट नील बट्टेय सन्नाटा, कहीं बार चेहरा ख़ूबसूरत ले लिया जाता है, वो आर्टिस्ट कही साल से काम कर रहा है । वो डे वन से नॉन ऐक्टर है सब को पता है। लेकिन फिर भी उसको ऐक्टिंग सीखने पे सब तुले होते है । अरे भाई गिनके चार इक्स्प्रेशन है, आप पीछे लगोगे तो बंदा वो भी भूल जाएगा, कही बार उस ऐक्टर के पर्फ़ॉर्मन्स को लेकर हल्ला किया जाता है। कास्ट ही मत कीजिए, ऐक्टर लीजिए। या तो ज़्यादा इ https://www.instagram.com/p/BsufIQMHiaI/?utm_source=ig_tumblr_share&igshid=fyk3ukme4ib9
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Chapter 47 Contd... “DESTINED” #journeyofdirectorismailumarkhan रोनिता क्रीएटिव उनकी टीम चंद्रिका और अभिवेंजना सब अपने काम में शक्षम थे।हमारा रनर हर घंटे चिप लेकर एडिट जाता, चैनल की टीम, संज्योत, अंशुमन सिन्हा, तपस्या और विशाल विवेक सब बहुत ही कोआपरेटिव थे, जब २२ मिनट का एपिसोड सेम डे जाता, तो एपिसोड को कभी जज नहीं करते थे, उलटा अप्रीशीएट करते, नाइट के आउट्डॉर सीन भी डे में शूट बड़ी सफ़ाई से कमेरमन राजू गाउली करते, मजाल है कोई पकड़ के दिखाए।काम किसी वजह से रुक जाता, हम सब सारे ऐक्टर अंताक्षरी खेलते, प्रडक्शन वाले हैरान रहते की हम सब इतने प्रेशर में रिलैक्स कैसे हो सकते हैं, मैंने उन्हें समझाया की सेट से आर्टिस्ट अगर रूम में गया, फिर से सेम शॉट ऑर्गनाइज में ज़्यादा वक़्त भी लग सकता है, मेरी टीम से योगेश भाटी,कुछ सीन को अंजाम देते, मंचन विकल डिरेक्टर २nd यूनिट हैंडल करते, हम सब मिलकर शो को बिना कॉम्प्रॉमायज़ किए शूट कर टेलेकैस्ट देते। हाँ अगर डिरेक्टर कि हिम्मत टूट जाए, तो नोर्मल सिचूएशन में भी एपिसोड रिपीट हो जाए, थोड़ा क्रेडिट मैं भी लेना चाहाहूँगा, मेरे विल पावर पे सब निर्भर था। UTV ने शो डिज़्नी चैनल के हवाले किया, TV प्रडक्शन से हमेशा के लिए हाथ जोड़ लिए, लाइफ़ ओके ने शो त्रिशूला प्रडक्शन को दे दिया, उसी वक़्त मैंने शो छोड़ा और बाहर घूमने चला गया, त्रिशूला में कही डिरेक्टर शो पर आए, मैंने कहा ना नसीब, सौभाग्य का बहुत बड़ा खेल होता है, चैनल फिर से शो मेरे पास ले आया। जब मैं पहुँचा शो भिखर सा गया था।सृति झा और हर्षद चोपड़ा शो छोड़ चुके थे। सृति झा शो की जान थी, हम लोगों ने जान डालने की पूरी कोशिश की लेकिन पहली वाली बात नहीं बनी, ३२५ पर शो ऑफ़ एर चला गया, दे गया एक बेहतरीन शो की यादें।उपासना मान क्रीएटिव भी UTV के आख़िर दौर में जुड़ी थी इस शो से, “लोग मिलते रहे हर एक मोड़ पर, सफ़र ख़त्म ना हो कभी मैं फिर चला ऐसी डगर पर “ फिर नया सफ़र .. हर शो पर अलग अलग घटाए.. नयी शीख, नए लोग .. इस शो ने मज़बूत विल पावर को जन्म दिया, नथिंग इस इम्पॉसिबल, जस्ट डू ईंट UTV से अजीत और बानी जैन ने बहुत पेशंट्ली सारे केआस को हैंडल किया । त्रिशूला के प्रडूसर महेश पांडेय और विकास सेठ बड़े ही कूल लगे मुझे, वरुण बब्बर और उनकी टीम भी बढ़ियाँ थी, संदीप सिकंद,रीति और Shreya Srivastava इनकी क्रीएटिव टीम थी। सब अपने काम में माहिर । #filmindustrybychoice #safaranama #directorsjourney #storytellingbymasterrs #rewind #starplus #saubhagyawatibhava #lifeok https://www.instagram.com/p/BsqgVX9nh85/?utm_source=ig_tumblr_share&igshid=ob8jpaixob8g
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Chapter 47 “DESTINED” #journeyofdirectorismailumarkhan मेरे सौभाग्य में सौभाग्यवती भवा लिखा था, मेरी दोस्त क्रीएटिव चंद्रिका ने फिर से कहा की मैं यह शो करूँ, अब कि बार मैं फ़्री था, मैंने यह शो थाम लिया, शो के लगभग १०० एपिसोड्ज़ हो चुके थे। शो कामयाब था, कास्ट में करनविर बोहरा, सृति झा, हर्षद चोपड़ा, समुखी जी, नेहा मेहता, राम, अल्पेश और आकांश।इसकी कहानी डमेस्टिक वाययलेन्स पर आधारहित थी, करनविर बहुत ही बेहतरीन कलाकार , बहुत इंवोलमेंट रहता, हर सीन को अलग ढंग से करना चाहते है, किरदार एक साइको ओवर पज़ेसिव पति का था। उन्हें पूरा फ़्रीडम मिलाता, सीन को इक्स्ट्रीम लेवल पर ले जाने का, मेरा पहला दिन था, जब कोई डिरेक्टर चलती गाड़ी पर सवार होता है, तो बहुत सारी डिक्कातों का सामना करना पड़ता है। लेकिन करनविर के साथ दूसरा सीन के ख़त्म होते होते टूनिंग हो गयी। हर्षद के साथ भी ऐसा भी ऐसा ही हुआ, यह दोनों ऐक्टर अपने हिसाब से सीन प्रिपेर करते है, हर्षद ने मुझे कहा की सर मैं जो करूँ मुझे करने दिया जाए, मैंने कहाँ की “करनविर भी यही चाहता है, सब ऐक्टर अगर ऐसा चाहेंगे तो मेरी क्या ज़रूरत है, मिल झूल कर काम करते है” मैंने बताया कि ऐक्टर को मैं कभी भी बाउंड नहीं करता, बेशक वो अपने इनपुट डालें, मिल कर शो को बेहतर बनाते है। हर्षद ने अपने आपको पूरी तरह मेरे हवाले कर दिया, पूरी ईमानदारी से राघव का किरदार निभाया, सृति झा वेरसटाईल अदाकारा है। हर सीन में ग़ज़ब की अदाकारी दिखती हैं। यह शो वन डे मैच जैसा था, डेली ७-७pm शूट रहता, डेली शूट सुबह ८.३० के आस पास शुरू होता, शाम ७-७.३० तक एक एपिसोड कम्प्लीट और रात १० बजे टेलेकैस्ट हो जाता, जब शो,पहली बार ऐसी सिचूएशन में फाँसा, पूरा utv से लेकर क्रीएटिव हर कोई सदमे में थे, की आज रिपीट हो जाएगा, लेकिन ईश्वर की कृपा से टेलेकैस्ट हुआ और ऐसा एक दिन नहीं एक हफ़्ता नहीं पूरे ६ महीने यही हाल था, मजाल है रिपीट हुआ हो।इसका पूरा श्रेय टीम को जाता है, सारे ऐक्टर काम से ईमानदार थे,पोस्ट वाले कैसे एडिट कर, म्यूज़िक कर एपिसोड,कट टू कट सेग्मेंट वाइज़ अप्लोड करते, ...contd #filmindustrybychoice #safaranama #directorsjourney #storytellingbymasterrs #rewind #starplus #saubhagyawatibhava #lifeok https://www.instagram.com/p/BsqZRTunjE5/?utm_source=ig_tumblr_share&igshid=24a9mpr4hiin
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