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ayodhyashri · 3 days ago
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ayodhyashri · 17 days ago
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Cow Dung Havan Cups: The Sacred Flame of Purity, Positivity & Wellness
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ayodhyashri · 17 days ago
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vyapar vridhi yantra
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ayodhyashri · 17 days ago
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अयोध्या में स्थापित राम दरबार की मूर्तियों से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य इस प्रकार हैं:
प्रतिमाओं की संख्या और संरचना: राम दरबार में मुख्य रूप से भगवान राम, माता सीता, लक्ष्मण जी, भरत जी, शत्रुघ्न जी और श्री हनुमान जी की प्रतिमाएँ स्थापित की गई हैं। यह सभी मिलकर एक पूर्ण राम दरबार का स्वरूप प्रदान करते हैं।
पदस्थापन: राम मंदिर के गर्भगृह में जहाँ बालरूप रामलला की मूर्ति स्थापित है, वहीं प्रथम तल पर भव्य राम दरबार स्थापित किया गया है। राम दरबार में भगवान राम और माता सीता की मूर्ति को दो फुट ऊंचे सफेद संगमरमर के सिंहासन पर रखा गया है।
मूर्तिकार: राम दरबार की मूर्तियों को गढ़ने का कार्य मूर्तिकार सत्यनारायण पांडेय ने किया है। उन्होंने इस कार्य को एक तपस्या के रूप में लिया और आठ महीने तक प्रतिदिन दो घंटे प्रभु राम की परिक्रमा की, फिर 10 घंटे कठिन श्रम करके इन मूर्तियों को तराशा।
सामग्री (मुख्य रामलला की मूर्ति के लिए):
गर्भगृह में स्थापित मुख्य रामलला की मूर्ति (बाल रूप) श्याम शिला यानी काले पत्थर (जिसे कृष्ण शिला भी कहते हैं) से बनी है। यह पत्थर कर्नाटक से प्राप्त हुआ है। इस पत्थर की विशेषता यह है कि दूध के अभिषेक से भी इस पर कोई असर नहीं पड़ता।
यह 51 इंच की है और 5 साल के बालरूप को दर्शाती है।
सामग्री (राम दरबार की अन्य मूर्तियों के लिए):
राम दरबार की मूर्तियों के लिए विशेष रूप से सफेद संगमरमर का उपयोग किया गया है, जिसकी विशेषता यह है कि इसे जितना धोया या स्नान कराया जाएगा, इसकी चमक उतनी ही बढ़ेगी। यह पत्थर 1000 वर्षों तक बिना घिसे चमकदार बना रह सकता है।
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मिश्र धातु निगम लिमिटेड (मिधानि) ने राममंदिर ट्रस्ट को टाइटेनियम धातु से बनी राम दरबार की उत्सव प्रतिमाएं भी सौंपी हैं। यह टाइटेनियम दुनिया की सबसे मजबूत धातुओं में से एक है और इसका उपयोग पनडुब्बी बनाने में होता है, जो इसे अत्यधिक टिकाऊ बनाता है।
माप और अनुपात:
सिंहासन समेत राम दरबार की मूर्ति की कुल ऊंचाई 7 फुट है।
हनुमान और भरत की मूर्ति बैठी मुद्रा में, लगभग 2.5 फीट ऊंची है।
लक्ष्मण और शत्रुघ्न की मूर्ति खड़ी मुद्रा में, लगभग 3-3 फीट ऊंची है।
मूर्तियों की ऊँचाई और मुद्राएँ शास्त्रों और मूर्तिकला के नियमों के अनुसार निर्धारित की गई हैं।
प्राण प्रतिष्ठा: राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा गंगा दशहरा के दिन, 5 जून 2025 को, एक विशेष 15 मिनट के अभिजीत मुहूर्त में की गई है। इस मुहूर्त को चुना गया क्योंकि मान्यता है कि भगवान राम का जन्म द्वापर युग में अभिजीत मुहूर्त में ही हुआ था।
वस्त्र और आभूषण: राम दरबार में राम और सीता की मूर्तियों को काशी के सिल्क से बने वस्त्रों से श्रृंगारित किया गया है, जिन्हें फैशन डिजाइनर मनीष त्रिपाठी ने डिजाइन किया है। इन वस्त्रों में बंधेज का भी इस्तेमाल किया गया है और किनारे पर जरी लगाई गई है, जिससे उनका स्वरूप और निखर आया है।
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ayodhyashri · 17 days ago
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May the divine love of Radha Krishna bless your day.
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ayodhyashri · 17 days ago
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