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नशा मुक्त समाज का लक्ष्य
संत रामपाल जी महाराज का प्रमुख उद्देश्य समाज को नशा मुक्त बनाना है, जिसके लिए वे अपने अनुयायियों को नशे से दूर रहने की शिक्षा देते हैं।
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आध्यात्मिक प्रदर्शनी स्थल, वह स्थान है जहाँ हमें सर्व सृष्टि रचनहार परम अक्षर ब्रह्म की यथार्थ जानकारी अपने पवित्र सद्ग्रंथों से मिलती है।
#अनोखी_प्रदर्शनीSpiritual Exhibition At Satlok Ashram#sprituality#santrampalji is trueguru#godisgreat#santrampaljimaharaj
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आध्यात्मिक प्रदर्शनी, वह स्थान है जहाँ आपको अपने पवित्र धर्मग्रंथों, परमात्मा प्राप्त संतों की वाणियों से परमात्मा के वास्तविक ज्ञान को जानने का अवसर प्राप्त होता है। जिसका नजारा सतलोक आश्रमों में देखने को मिलता है।

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गीता अध्याय 17 श्लोक 23 में जिस तीन मंत्र "ॐ-तत्-सत्" का संकेत किया गया है उसका भेद आपको संत रामपाल जी के सान्निध्य में लगाई जाने वाली आध्यात्मिक प्रदर्शनी में प्रमाण सहित जानने को मिलता है।
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आज तक सभी लोग अनभिज्ञ हैं कि सबका मालिक एक कौन है? लेकिन सतलोक आश्रम में आयोजित प्रदर्शनी में पवित्र धर्मग्रंथों से प्रमाण सहित बताया जाता है कि सबका मालिक एक कबीर परमेश्वर जी हैं। जिनके विषय में संत गरीबदास जी ने कहा है:
गरीब, परमेश्वर एक कबीर है, दूजा नहीं आधार।
दास गरीब सकल सृष्टि का, यो ही सिरजन हार।।
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समाज को नई राह दिखाते हुए संत रामपाल जी की प्रेरणा से सतलोक आश्रम धनुषा (नेपाल) में 15 जोड़ों ने सादगी पूर्ण तरीके से बिना किसी दहेज के लेनदेन के 17 मिनट में शादी की।

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समाज को नई राह दिखाते हुए संत रामपाल जी की प्रेरणा से सतलोक आश्रम धनुषा (नेपाल) में 15 जोड़ों ने सादगी पूर्ण तरीके से बिना किसी दहेज के लेनदेन के 17 मिनट में शादी की।
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सभी धर्म प्रेमी जनता सादर आमंत्रित हैं
http://youtube.com/post/Ugkx53mAIIIKSrbxznwma4qa4AWOHDSjrT1b?si=d8z4kl6cPUHA-wc-
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गीता वाला काल कौन?
पवित्र गीता जी को बोलने वाला काल (ब्रह्म-ज्योति निरंजन) है, न कि श्री कृष्ण जी। क्योंकि श्री कृष्ण जी ने पहले कभी नहीं कहा कि मैं काल हूँ तथा बाद में कभी नहीं कहा कि मैं काल हूँ। श्री कृष्ण जी काल नहीं हो सकते। उनके दर्शन मात्र को तो दूर-दूर क्षेत्र के स्त्री तथा पुरुष तड़फा करते थे। पशु-पक्षी भी उनको प्यार करते थे।

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गीता वाला काल कौन?

जब कुरुक्षेत्र के मैदान में पवित्र गीता जी का ज्ञान सुनाते समय अध्याय 11 श्लोक 32 में पवित्र गीता बोलने वाला प्रभु कह रहा है कि ‘अर्जुन मैं बढ़ा हुआ काल हूँ। अब सर्व लोकों को खाने के लिए प्रकट हुआ हूँ।‘ जरा सोचें कि श्री कृष्ण जी तो पहले से ही श्री अर्जुन जी के साथ थे। यदि पवित्र गीता जी के ज्ञान को श्री कृष्ण जी बोल रहे होते तो यह नहीं कहते कि अब प्रवृत्त हुआ हूँ।
Sant Rampal Ji Maharaj YouTube
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दूसरे के दुख में दुखी होने वाले अभी बाकी हैं, ज़िंदा हैं। कलयुग में सतयुग आने वाला है। उसकी शुरुआत हो चुकी है। क्योंकि अब भूखा पेट कोई न सोएगा। अब कोई टेंशन नहीं क्योंकि जिसका कोई नहीं उसके संत रामपाल जी हैं न।
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संत रामपाल जी महाराज कर रहे ऐसा उपकार जिसे देख मानवता में आपका विश्वास दृढ़ होगा।
संत रामपाल जी महाराज बांट रहे हैं खुशियां।
गरीब परिवारों को दे रहे मुफ्त भोजन, कपड़े धोने का सामान, गैस सिलिंडर, चारपाई आदि आवश्यक सामग्री।


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अनिरुद्धाचार्य संत रामपाल जी महाराज के भक्तों के खिलाफ कहते हैं कि मारो सालों को। देखें यह खास वीडियो गालीबाज कथावाचक अनिरुद्धाचार्य Factful Debates YouTube Channel पर।

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अनिरुद्धाचार्य अपने शिष्यों को अभद्र भाषा सिखाते हैं हैं। जानने के लिए देखें यह खास वीडियो गालीबाज कथावाचक अनिरुद्धाचार्य Factful Debates YouTube Channel पर
Enemy of Hindu Dharm
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पूर्ण परमात्मा की पहचान: अनिरुद्धाचार्य जी बनाम संत रामपाल जी महाराज
अनिरुद्धाचार्य जी श्री कृष्ण जी को ही परमेश्वर मानते हैं। जबकि गीता अध्याय 15 श्लोक 17 में स्पष्ट है कि "उत्तम पुरुषः तु अन्यः", अर्थात् पूर्ण परमात्मा कोई अन्य है जो तीनों लोकों में प्रवेश करके सबका पालन करता है।
संत रामपाल जी महाराज प्रमाणित करके बताते हैं कि पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब हैं।
अनिरुद्धाचार्य जी का ज्ञान गीता जी के इस श्लोक के विपरीत है।
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पशुओं को अपने स्वार्थवश मारकर खाने वाले व्यक्तियों के विषय में परमेश्वर कबीर जी ने कहा है:
कबीर-माँस अहारी मानई, प्रत्यक्ष राक्षस जानि।
ताकी संगति मति करै, होइ भक्ति में हानि।।
कबीर-माँस खांय ते ढेड़ सब, मद पीवैं सो नीच।
कुलकी दुरमति पर हरै, राम कहै सो ऊंच।।
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काफ़िर कौन?
संत गरीबदास जी ने परमेश्वर कबीर साहेब जी से प्राप्त ज्ञान के आधार पर बताया है:
कबीर, गला काट बिसमल करें, वे काफिर बे बूझं।
ओरा काफिर बताबही, अपना कुफुर ना सूझं।।
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