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मोक्ष के नाम पर गला काटने का करौंत
काशी के ब्राह्मणों ने करौंत स्थापित कर यह भ्रम फैलाया कि इससे स्वर्ग मिल सकता है। यह एक पाखंड था, जो अज्ञानता के कारण लोगों ने सच मान लिया।
संत गरीबदास जी ने कहा कि यदि स्वर्ग इतनी सरलता से मिलता, तो सतयुग से ही यह विधि प्रचलित होती। यह सब शास्त्र-विरुद्ध है।

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गीता जी के अध्याय 17 के श्लोक 23 में वर्णित ॐ तत सत का क्या राज है ?
जानिये इस रहस्य को हैरतअंगेज पुस्तक ज्ञान गंगा से।

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तीर्थ, वे पवित्र स्थान हैं जहाँ पर किसी महापुरूष का जन्म या निर्वाण हुआ था या किसी साधक ने साधना की थी या किसी ऋषि या देवी-देव की कथा से जुड़ी यादगारें हैं तीर्थ। जिससे लाभ नहीं होता।
लेकिन सद्ग्रथों में किस तीर्थ को श्रेष्ठ बताया गया है? जानने के लिए पढ़ें
हिन्दूसाहेवान! नहीं समझे गीता, वेद, पुराण

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तत्वज्ञान के तूफान में उखड़ी अज्ञान की जड़े
VS
सच्चाई के खुल गए द्वार जो युगों से थे बंद पड़े।
देखना न भूलें... पाखंडी बाबाओं शर्म करो। झूठे से बाज आ जाओ, शुभ करी!
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गीता में सबको खाने वाला काल कौन है?
आज खुलेगा राज़ !
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जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज
कबीर परमेश्वर ने कहा है: कबीर-जीव हनै हिंसा करै, प्रगट पाप सिर होय। निगम पुनि ऐसे पाप तें, भिस्त गया नहिं कोय।।
जीवों के साथ क्रूरता एक जटिल समस्��ा है। लेकिन संत रामपाल जी महाराज की छवि पशु प्रेमी के रूप में भी उभरकर सामने आई है। उनका कहना है कि जीव हिंसा भगवान का आदेश नहीं है।

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संत रामपाल जी महाराज के आशीर्वाद से 20-22 जून 2024 को 11 सतलोक आश्रमों में विशाल भंडारा हुआ वह पूरी तरह सफल हुआ। इस भंडारे मे सैंकड़ों लोगों ने रक्तदान किया, लाखों लोगों ने नशा कितना हानिकारक होता है भक्ति मार्ग में यह भी जाना।

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कबीर साहेब जी को गंगा में डुबो कर मारने की कोशिश की गयी। उनके हाथ पांव बांध कर उन्हें गंगा में डाल दिया गया पर सर्व शक्तिमान कबीर परमेश्वर जल के ऊपर आराम से बैठे रहे। जब कबीर साहेब नहीं डूबे तो चार पहर तक उनके ऊपर गोलियां और तोपों की बारिश की गयी। सबने अपने परम पिता परमात्मा पर पत्थर बरसाए। पर परमेश्वर कबीर साहेब को कोई हानि नहीं पहुंची। तब कबीर साहेब वहां से अंतर्ध्यान हो गए और अपनी कुटिया में प्रकट हो गए।
संत रामपाल जी महाराज जी से निःशुल्क नामदीक्षा व निःशुल्क :
पुस्तक प्राप्त करने के लिये संपर्क सूत्र +917496801823

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आदरणीय मलूक दास साहेब जी कविर्देव के साक्षीः-
42 वर्ष की आयु में श्री मलूक दास साहेब जी को पूर्ण परमात्मा मिले तथा दो दिन तक श्री मलूक दास जी अचेत रहे। फिर निम्न वाणी उच्चारण की:-
जपो रे मन सतगुरु नाम कबीर ।। जपो रे मन परमेश्वर नाम कबीर। चार दाग से सतगुरु न्यारा, अजरो अमर शरीर। दास मलूक सलूक कहत हैं, खोजो खसम कबीर ।।
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त्रेतायुग में कबीर परमात्मा ऋषि मुनीन्द्र
के नाम से प्रकट हुये थे। त्रेता युग में कबीर परमात्मा लंका में रहने वाले चंद्रविजय और उनकी प��्नी कर्मवती को भी मिले थे। और उस समय के राजा रावण की पत्नी मंदोदरी और भाई विभीषण क�� भी ज्ञान समझा कर अपनी शरण में लिया। यही कारण था कि रावण के राज्य में भी रहते हुए उन्होंने धर्म का पालन किया।

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कबीर परमेश्वर जी
अब्राहिम अधम सुल्तान (बलख बुखारा के राजा) को मिले और सार शब्द का उपदेश कराया।
कबीर सागर के अध्याय "सुल्तान बोध" में पृष्ठ 62 पर प्रमाण है:-
प्रथम पान प्रवाना लेई। पीछे सार शब्द तोई देई ।। तब सतगुरु ने अलख लखाया। करी परतीत परम पद पाया ।। सहज चौका कर दीन्हा पाना (नाम)। काल का बंधन तोड़ बगाना ।।

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On the Occasion of Sant Rampal Ji Maharaj Ji's Bodh Diwas,
• 4 Day Paath of Sant Garibdas Ji Maharaj's Amar Granth Saheb,
Huge Bhandara (Community Meal),
• Blood Donation Camp, Dowry Free Marriages
will be Organized from 17th February 2024 to 20th February 2024 under the Guidance of Jagat Guru Sant Rampal Ji Maharaj in 10 Satlok Ashrams in which you all are cordially Invited with Families and Friends.

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पूरी दुनिया में जाति, मजहब, हिन्दू-मुस्लिम के बीच गहरी खाई खोदी जा चुकी है। जिससे आपस में लोग लड़ रहे हैं।
संत रामपाल जी महाराज जी का उद्देश्य है कि इस जाति, मजहब की दीवार को समाप्त कर भाईचारे का बीज प्रफुल्लित किया जाये। जिससे लोग आपस में लड़े नहीं बल्कि प्रेम पूर्वक रहें

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दिव्य धर्म यज्ञ दिवस
केशो आया है बनजारा, काशी ल्याया माल अपारा ।। नौलख बोडी भरी विश्म्भर, दिया कबीर भण्डारा।
510 वर्ष पूर्व परमेश्वर कबीर बंदीछोड़ जी 18 लाख लोगों के लिए भोजन भंडारा सतलोक से लाये तथा प्रत्येक भोजन करने वाले को एक दोहर और एक मोहर दी। इसी को "दिव्य धर्म यज्ञ दिवस" के रूप में मनाया जा रहा है।
दिव्य धर्म यज्ञ दिवस
आप सभी सादर आमंत्रित हैं।
26-27-28 नवंबर 2023
7496801825

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दिवाली पर जानिए
तीर्थ स्थलों की स्थापना कैसे तथा तीर्थ स्थलों पर जाने से क्या लाभ मिलता है?
जानने के लिए Pdf Download करें।
हिन्दू साहेबान! नहीं समझे गीता, वेद, पुराण

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गीता अध्याय 18 श्लोक 62 में
गीता बोलने वाले प्रभु ने अपने से अन्य किस परमेश्वर की शरण में जाने को कहा है?
जानने के लिए Pdf Download करें।
हिन्दू साहेबान !
हिन्दू साहेबान!
नहीं समझे गीता, वेद, पुराण
आध्यात्म का अनमोल खजाना
नहीं समझे गीता, वेद, पुराण

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क्या माता दुर्गा को ही अष्टंगी, प्रकृति, सनातनी, और त्रिदेव जननी कहा जाता है?
जानने के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा
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