छात्र और राजनीति
बदलाव लाने वाले ईमानदार, सरल औऱ सच्चे होते हैं. क्रांति की कहानियां ऐसे लोग ही रचते हैं जो अपनी बारे में नहीं लोगों के बारे में, समाज के बारे में सोचते हैं. यूनिवर्सिटी का छात्र जीवन निर्बोध, सरल औऱ निश्चल होता है. युवा के पास परिवार और आर्थिक जिम्मेदारियां नहीं होती. उसके पास विचार और बदलाव का जज्बा होता है. समाज के कुचले और दबे लोगों की आवाज बनने का मौका होता.
दुनिया भर में क्रांति,…
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मैं या हम!
राजनीति और नैतिकता के रिश्तों के बीच की पहेली को भारी शब्दों और गंभीर विचारों के बाद आसान तरीके से सुलझाने की एक कोशिश करते हैं.
पहला बिंदु है, आप अपने फैसले लेने के लिए जिस तरीके से सही और गलत का फैसला करते हैं उसी तरीके से समाज और राजनीतिक स्तर पर फैसले होने लगें तो राजनीति की तस्वीर बदल सकती है. आप जब फैसला करने वाले होते हैं तो आपका खुद से बेसिक सवाल होता है मुझे क्या करना चाहिए?
दूसरे…
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राजनीति और नैतिकता-2
दो विश्व युद्ध के बाद दुनिया बदल गई. राष्ट्रवाद की विचारधारा के लीड लेने के बाद न्याय औऱ सच पर सब कुछ आकर टिक गया. दुनिया ने इतनी साजिशें, युद्ध और बरबादी देखी कि ह्यूमिनिटी को सोचना पड़ा कि अस्तित्व को बचाए रखने के लिए क्या करें. आने वाले पीढ़ी के लिए एक अच्छा विश्व कैसे छोड़ जाएं?
दुनिया भर में बदले हालात चिंताओं और अस्तित्व को बचाने की चुनौती के बीच पुराने विचारों पर लोगों का फिर से ध्यान…
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राजनीति और नैतिकता
नैतिकता, मोराल, सही, सच, न्याय जो भी कह लीजिए सभी का समाज के हर हिस्से में, हर शख्स के जीवन में एक जरूरी रोल है. नैतिकता और राजनीति के बीच संबंधों को लेकर अलग-अलग विचार है.
नैतिकता और राजनीति के बीच कैसा संबंध हो इसको लेकर अलग-अलग विचारधाराएं हैं. कुछ इसे राजनीति के लिए ठीक नहीं मानते. कुछ इसे ठीक मानते हैं पर लागू नहीं करना चाहते. कुछ नैतिकता को राजनीति में जरूरी मानते हैं तो कुछ लोग राजनीति में…
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Show vs Tell
Been the ancient way of creating awareness is ’To Show’. You learn better by watching someone doing the activities than one tells you to do. All the results including respect of the master keeps growing positively. This includes you learning or making others learn. Telling something to be done or passing only orders will not suffice.
The root of any society today is nation. The elected…
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Freedom vs Democracy
Does freedom really blossom in a democracy?
Democracy will, literally, never exist without freedom in it. This is true in its natural sense. Means similarity in various ways to prevail in the state or country practising democracy. Similarity comes from freedom and freedom is possible in democracy.
Awareness of humanity is a result of freedom consciousness. Is it being practised in all…
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आइडियोलॉजी की पॉलिटिक्स!
पढ़ना शुरू करने से पहले सोचिए कि आइडियोलॉजी और सत्ता के बीच क्या कोई रिश्ता है? क्या सत्ता में बने रहने के लिए आइडियोलॉजी का इस्तेमाल होता है? क्या आइडियोलॉजी, तार्किक और वैज्ञानिक सोच की जगह धर्म का राजनीति में इस्तेमाल किया जाना सही है?
राजनीतिक विश्लेषकों, दार्शनिकों के मुताबिक सत्ता में बने रहने के लिए राजनीतिक दल आइडियोलॉजी को इस्तेमाल करते हैं. दूसरे शब्दों में आइडियोलॉजी सत्ता में बने…
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पॉलिटिक्स और आइडियोलॉजी!
आप अपने या किसी दूसरे के एक्शन के बारे में या फिर किसी मामले में सही गलत का फैसला किस आधार पर करते हैं? वो कौन सा पैमाना है, आधार है जिससे आप सही और गलत तय करते हैं? जिस आधार पर आप सही और गलत का फैसला लेते हैं वही आपका आदर्श है, नैतिक मूल्य है. यही आपका नजरिया है. यही आपकी आइडियोलॉजी है!
यही नियम हर शख्स पर लागू हो सकता है. उसका नजरिया, उसकी आइडियोलॉजी अलग हो सकती है. जो आपके लिए सही है वही…
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आइडियोलॉजी ?
बीच चौराहे गूंजते नारे, रोड जाम, पब्लिक परेशान. ऐसी तस्वीरें देश और राज्य की राजधानी में आम हैं. राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक मुद्दों का झंडा उठाए रखने वाले प्रदर्शनकारी आम आदमी के नाम पर सत्ता का विरोध करते हैं. नीतियों के गलत होने का दावा करते हैं. इस विरोध का आधार पॉलिटिकल फिलॉसफी पर टिका होता है और ये विरोध नया नहीं है. दूसरी पॉलिटिकल फिलॉसफी की जगह अपनी राजनीतिक विचारधारा को लागू करने की…
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गुड पॉलिटिक्स ?
सत्ता फॉलोअर बनाती है. संख्या बल बढ़ाती है. सेलिब्रेटी, नेता, गुरू सब अपने-अपने क्षेत्र में सत्ता में हैं. सेलिब्रेटी, नेता, गुरू के तौर-तरीके और स्टाइल तेजी से समाज अपनाता है. फैशन या आम बोलचाल में स्टाइल के अपने अर्थ हैं. इस स्टाइल के बड़े गहरे अर्थ हैं. सब समझने-समझने की बात है.
‘स्टाइल’! कौन सा ‘स्टाइल’ पॉपुलर है…कौन सा ‘स्टाइल’ फैशन में हैं. कौन से ‘स्टाइल’ से सत्ता पाई गई! स्टाइल का असर…
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पॉलिटिक्स!
किस रियल लाइफ इवेंट/पॉलिटिक्स से शुरू करें. राजनीति का रंग आपके चारों ओर है…देखना हो तो घर की बालकनी से बाहर झांकिये. हजारों कंधे पर वो बैग टंगे दिखेंगे जिसे हम 100 मीटर नहीं ले कर चल पाते. मजबूरी में चलना पड़े तो दो बार मिनरल वाटर की बॉटल खोल लेते हैं और फिर रिक्शा या कैब ढूंढने लगते हैं. उस बैग को कभी सर पर लादते, कभी जमीन पर रख पानी की चंद बूंदें तलाशते उस शख्स को देखिए. पीछे उसका परिवार…
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उस देश में ऐसा होता है!
सड़क किनारे, बीच चौराहे, तेजी भागती ट्रेन, मेट्रो और फ्लाइट में कमेंट गूंजता है…शिट! यूरोप अमेरिका में ऐसा सिस्टम है कि कोई परेशानी नहीं होती. ये लोग अपने सिस्टम पर सवाल उठा रहे होते हैं. पर किस देश के सिस्टम में खामियां नहीं हैं? सिस्टम पर सवाल उठ���ने लोगों में से अधिकांश कभी विदेश नहीं गए होते. उनकी बातें दूसरों के शब्दों को नए तरीके से भीड़ से साझा कर रही होती हैं.
विदेश में अपनी मिट्टी…
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