पुरूष यति (जति) सो जानिये, निज त्रिया तक विचार। माता बहन पुत्री सकल और जग की नार।। A
यति पुरूष उसको कहते हैं जो अपनी स्त्री के अतिरिक्त अन्य स्त्री में पति-पत्नी वाला भाव न रखें। परस्त्री को आयु अनुसार माता, बहन या बेटी के भाव से जानें।
ज्येष्ठ मास की शुक्ल पूर्णमासी विक्रमी संवत् 1455 (सन् 1398) सोमवार को ब्रह्म मुहूर्त में कबीर परमेश्वर जी काशी के लहरतारा तालाब पर कमल के फूल पर शिशु रूप में प्रकट हुए। उनका जन्म माता के गर्भ से नहीं हुआ।
एक संत ने पूरे विश्व को भंडारे के लिए आमंत्रित किया है।
20-21-22 जून को 627वें कबीर परमेश्वर प्रकट दिवस पर संत रामपाल जी महाराज ने पूरे विश्व को सतलोक आश्रमों में आमंत्रित किया है। आप सभी सहपरिवार ज़रूर पधारें।
'कलमा रोजा बंक निवाजा, कद नबी मोहम्मद कीन्हया, कद मोहम्मद ने मुगी मारी, कर्द गले कद दीन्हया"
संत गरीबदास जी ने कहा है कि आखिर कब नबी मोहम्मद जी ने मस्जिद पूजी ? कब कलमा रोजा बंग पढ़ा और कब उन्होंने मुर्गी मारी? फिर तुम क्यों इन परमात्मा के जीवों को मारते हो, क्यों अल्लाह के विपरीत काम कर रहे हो ?
माघ महीने की शुक्ल पक्ष तिथि एकादशी वि. सं. 1575 को कबीर साहेब के मगहर से सशरीर सतलोक गमन के समय जो सुगंधित फूल पाए गए थे उनमें से कुछ फूल लाकर काशी में जहाँ कबीर परमेश्वर एक चबूतरे ( चौरा ) पर बैठकर सत्संग किया करते थे वहाँ काशी चौरा नाम से यादगार बनाई गयी। अब वहाँ पर बहुत बड़ा आश्रम बना हुआ है। महगर में दोनों यादगारों के बीच एक साझा द्वार है, आपस में कोई भेदभाव नहीं है।
पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब ने 600 वर्ष पहले अपने शिष्य धर्मदास जी से कहा था कि 5505 वर्ष जब कलयुग बीत जायेगा तब महापुरुष विश्व के कल्याण के लिए प्रकट होगा।
पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब ने 600 वर्ष पहले अपने शिष्य धर्मदास जी से कहा था कि 5505 वर्ष जब कलयुग बीत जायेगा तब महापुरुष विश्व के कल्याण के लिए प्रकट होगा।