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#अगला स्वतंत्रता दिवस
sharpbharat · 1 year
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Jharkhand cm independence day - झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रांची में किया झंडोतोलन, मुख्यमंत्री ने की बड़ी घोषणा, 15 हजार करोड़ रुपये की लागत से सबको मिलेगा तीन कमरों का मकान
रांची : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंगलवार को 77वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के मौके पर रांची में मोरहाबादी मैदान में राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा को सलामी दी. उन्होंने इस मौके पर बड़ी घोषणा की, जिसके तहत उन्होंने कहा कि अगला दो सालों में जरूरतमंदों के लिए घर बनाया जायेगा. 15000करोड़ रुपये की लागत से अबुआ आवास योजना की शुरुआत करने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार एक मजबूत राज्य बनाने के…
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studycarewithgsbrar · 2 years
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भारत अगले स्वतंत्रता दिवस पर हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेनों को लॉन्च करेगा, वैष्णव कहते हैं - टाइम्स ऑफ इंडिया
भारत अगले स्वतंत्रता दिवस पर हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेनों को लॉन्च करेगा, वैष्णव कहते हैं – टाइम्स ऑफ इंडिया
भुवनेश्वर: केंद्रीय रेल मंत्री एक कार्यक्रम में बोलते हुए अश्विनी वैष्णव।मोदी@20- ड्रीम्स मीट डिलीवरीडीम्ड यूनिवर्सिटी ‘शिक्षा’ ओ’ अनुसंधान में गुरुवार को कहा गया कि भारत अपनी पहली हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेनडिजाइन, विकसित और स्वदेशी रूप से निर्मित, पर अगला स्वतंत्रता दिवस. वैष्णव ने कहा कि भारत दुनिया की बेहतरीन ट्रेनों का निर्माण करने में सक्षम रहा है और अगली बड़ी बात यह होगी कि 15 अगस्त, 2023…
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best24news · 2 years
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हिंदुस्तान में दौड़ेगी हाइड्रोजन संचालित ट्रेन, जानिए कितनी होगी स्पीड
हिंदुस्तान में दौड़ेगी हाइड्रोजन संचालित ट्रेन, जानिए कितनी होगी स्पीड
दिल्ली: केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि अगले स्वतंत्रता दिवस पर भारत की पहली हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेन पेश की जाएगी। इन ट्रेनों का निर्माण और डिजाइन पूरी तरह से स्वदेशी होगा। मंत्री ने कहा कि ‘भारत दुनिया की सर्वश्रेष्ठ ट्रेने बनाने में सक्षम है और अगला बड़ा काम 15 अगस्त 2023 को होगा। Bhiwadi News: विधायक संदीप यादव का कोर्ट परिसर में फूंका पुतला‘ जमर्नी को मिली सफलता: चार साल के…
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currentnewsupdates · 2 years
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फ्लाइट में स्मोकिंग करने की वजह से सुर्खियों में आए बॉबी कटारिया ने कहा कि वे दुबई में I-day के लिए फ्लाइट से जा रहे हैं
फ्लाइट में स्मोकिंग करने की वजह से सुर्खियों में आए बॉबी कटारिया ने कहा कि वे दुबई में I-day के लिए फ्लाइट से जा रहे हैं
एक ‘सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर’ और बॉडी बिल्डर बॉबी कटारिया ने फ्लाइट में धूम्रपान करते हुए एक वायरल वीडियो की खबरों में अब फोटो-शेयरिंग ऐप इंस्टाग्राम पर एक और अपडेट साझा किया है, जिसमें उन्होंने दुबई के रूप में अपना अगला गंतव्य बताया है। ताजा वीडियो में कटारिया ने कहा कि वह अब दुबई में स्वतंत्रता दिवस मनाएंगे। क्लिप को लगभग तीन घंटे पहले साझा किया गया था क्योंकि स्पाइसजेट की उड़ान में उनके…
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newskey21 · 3 years
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नई वंदे भारत ट्रेन आपातकालीन निकासी में सहायता के लिए सुविधाओं से लैस होगी
नई वंदे भारत ट्रेन आपातकालीन निकासी में सहायता के लिए सुविधाओं से लैस होगी
वंदे भारत एक्सप्रेस यात्रियों को आपात स्थिति में निकालने में मदद करेगी वंदे भारत ट्रेनों का अगला सेट अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगा, जिसमें केंद्रीकृत कोच निगरानी प्रणाली और विशेष रूप से यात्रियों के लिए आपातकालीन निकासी में सहायता के लिए डिज़ाइन की गई सुविधाएँ शामिल हैं। 75वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की कि स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के लगभग 75 सप्ताह में…
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kisansatta · 4 years
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नेहरु ने वसीयत में लिखा था कि उनका शव दहन हो और राख आसमान से भारत के खेतों में बिखराया जाय|”
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  अपने निधन के ठीक पांच दिन पूर्व जवाहरलाल नेहरु ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी| लम्बे सार्वजानिक जीवन की अंतिम (22 मई 1964) थी| उस शुक्रवार को उनकी काबीना के सूचना, प्रसारण एवं संसदीय कार्य मंत्री डॉ. सत्यनारायण सिन्हा काफी आकुल थे| प्रधान मंत्री का स्वास्थ्य क्लांत था| फालिज का अंदेशा था| सभागार में जमा करीब दो सौ संवाददाता कई प्रश्न पूछने को उतावले थे| पहला प्रश्न कश्मीर पर था| प्रधान मंत्री ने ऐलान किया कि जेल से रिहा किये गए शेख मोहम्मद अब्दुल्ला “परसों इस्लामबाद जा रहे हैं| मार्शल मोहम्मद अयूब खान से वार्ता करेंगे|” फिर कुछ अन्य विषयों पर भी सवाल हुए| उनमें अंतिम था कि : “पण्डित जी, आपने रिटायरमेंट के बारे में क्या सोचा है?” उत्तर सधा हुआ था : “जब भी यह प्रश्न पूछा जाता है, मैं रिटायरमेंट की सोचने लगता हूँ !” अगला जुड़ा हुआ प्रश्न था: “आराम करने कहीं पहाड़ पर जा रहे हैं क्या ?” नेहरु का जवाब था: “कल देहरादून जाऊंगा|” मगर गढ़वाल हिमालय से वे शीघ्र दिल्ली लौट आये| फिर 27 मई की प्रातः 4:30 बजे उनके ह्रदय की महाधमनी (Aorta) फट गई| कठिनाई से सांस लेते रहे| अपरान्ह 1:20 बजे, बुधवार 27 मई, वे चल बसे|
नास्तिक नेहरु अंतिम महीनों में आस्था और अनास्था के दरम्यान डोल रहे थे| अतः सत्यनारायण बाबू जो अपनी फितरतों के लिए विख्यात थे, पिछले साल भर से प्रधान मंत्री के दिल में प्राच्य विज्ञान के प्रति लगाव सर्जा रहे थे| आयुर्वेद को नेहरु भरोसेमंद नहीं मानते थे | मगर तब सेवन करने लगे थे| हालाँकि शीर्षासन बंद कर दिया था|
नेहरू की ज्योतिष में रूचि पैदा करने में सत्येन्द्रबाबू कई संयोगों के कारण सफल हुए| पहला इत्तिफाक था मौलाना अबुल कलाम आजाद की अकस्मात् मौत का| हिन्दुस्तान टाइम्स के संपादक रहे दुर्गा दास की किताब “इंडिया फ्रॉम नेहरु टू कर्जन एण्ड आफ्टर” (रूपा प्रकाशन 1981, पृष्ठ 375) में मौलाना आजाद की मृत्यु का उल्लेख है| सत्येन्द्रबाबू ने नेहरु से कहा था कि एक भविष्यवक्ता ने उनके स्नानागार में गिरने के बाद मौलाना का निधन निकट बताया है| नेहरु ने उन्हें झिड़का कि “विधान बाबू (डॉ. विधानचन्द्र राय, पश्चिम बंगाल के मुख्य मंत्री) ने मौलाना की जांच की और बताया कि वे खतरे से बाहर हैं|” पर आजाद चौथे ���िन जन्नतनशीन हो गये| सत्येन्द्रबाबू की विनय पर कि नेहरु की जन्मकुंडली ज्योतिषी को दिखा दी जाय, प्रधान मंत्री ने डांट लगायी| पर गुलजारीलाल नंदा के आग्रह पर नेहरु राजी हो गये| ज्योतिषी ने बताया कि चीन भारत पर हमला करेगा| दूसरा पूर्वानुमान था कि प्रधान मंत्री का कोई इष्ट मित्र उन्हें धोखा देगा| वीके कृष्ण मेनन, रक्षा मंत्री, लगातार पाकिस्तान द्वारा हमले की आशंका जता रहे थे| चीन के प्रति आश्वस्त थे| दोनों भविष्यवाणियाँ सच हुईं| जब मई 1964 को नेहरु भुवनेश्वर की यात्रा से लौट आये थे तो एक पण्डित ने कालकाजी मन्दिर (दिल्ली) में महामृत्युंजय पाठ कराया था| रोज शाम तीन मूर्ति भवन आकर पुजारीजन नेहरु के माथे पर लाल तिलक लगाते थे| हालाँकि निश्चयात्मक तरीके से बता दिया गया था कि नेहरु जी मई का अंत नहीं देख पाएंगे| नेहरु के साथ 1925 से आजीवन परिचित रहे दुर्गा दास ने लिखा (पृष्ठ 376) कि नेहरु का भविष्य वक्ताओं की ओर आखिरी दिनों में आकृष्ट होना उन्हें खुद अचंभित करता था|
यहाँ मेरे अपने अनुभव का भी जिक्र मैं कर दूं| नेहरू सच्चे सोशलिस्टों की भांति अनीश्वरवादी और भौतिकवादी रहे| लखनऊ के दैनिक “नेशनल हेराल्ड” के चेयरमैन होने के नाते वे यदा कदा संपादक (मेरे पिता स्व. के. रामा राव) के निवास (दीक्षित बिल्डिंग, नजरबाग) पर आया करते थे| (अब वह सड़क “के. रामा राव मार्ग” कहलाती है|) नेहरु का बच्चों से अतीव स्नेह रहा था| वे चाचा कहलाते थे| इसी सिलसिले में बम्बई की घटना बता दूं| अपने जीवन में आल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC ) के अंतिम अधिवेशन में शामिल होने महाराष्ट्र की राजधानी नेहरु आये| उत्तर मुंबई के दक्षिण भारतीय-बहुल माटुंगा में षड्मुखानन्द सभागार में 14 मई 1964 के दिन अधिवेशन था| समीप के ब्राह्मणवाडा रोड पर मैं रहता था| टाइम्स ऑफ़ इंडिया के चीफ रिपोर्टर वी. नागभूषण राव ने मुझे एक रपट तैयार करने को कहा| तब उत्तर प्रदेश तथा पंजाब के भूभाग को काट कर नया हिंदीभाषी राज्य हरियाणा प्रस्तावित था| मुझे उत्तर प्रदेश के कांग्रेसी नेताओं का अभिमत संकलित करना था| तभी पं. कमलापति त्रिपाठी, हेमवती नंदन बहुगुणा, बाबू बनारसी दास, चरण सिंह आदि से साक्षात्कार हुआ।
भव्य मंच के समीप मैं मंडराता रहा| हमेशा की भांति मसनद को टेककर पद्मासन में बैठने के बजाय, नेहरु एक कुर्सी पर विराजे थे| थके, पस्त दिख रहे थे| तभी एक बालक उनके पास ऑटोग्राफ के लिए आया| किसी नेता का पुत्र था| नेहरु ने उस बालक को न छुआ, न चूमा, न आशीर्वाद दिया| शुष्क रहे| मैंने साथियों से चर्चा की कि “14 नवम्बर (बाल दिवस) वाले चाचा नेहरु” अब निश्शेष लग रहे हैं| भुवनेश्वर में हुए पक्षाघात का प्रभाव दिख रहा था| बस तेरहवें दिन वे चले गए|
बुधवार, 27 मई 1964, अविस्मर्णीय रही| हम तीन पत्रकार साथी मुंबई में एक टैक्सी से गेटवे ऑफ़ इंडिया जा रहे थे| साप्ताहिक अवकाश का दिन था| दोपहर का समय था| एलिफेंटा तक समुन्दरी सैर का इरादा था| दादाभाई नवरोजी रोड पर से हम गुजरे| फ्लोरा फाउंटेन के पास मैंने देखा पीटीआई ऑफिस की बालकोनी पर तिरंगा आधा झुका था| तत्काल मैंने टैक्सी घुमवाई| वापस दफ्तर (टाइम्स ऑफ़ इंडिया) आये| लोकसभा में कुछ देर पूर्व ही वित्त मंत्री सी. सुब्रह्मण्यम ने रुंधे गले से प्रधान मंत्री के निधन की सूचना दी थी| चीफ रिपोर्टर ने काम सौंपा कि मुम्बई में बसे उत्तर प्रदेश के प्रमुख नागरिकों का संदेशा मुझे संकलित करना है | पण्डित राममनोहर त्रिपाठी ने बड़ी मदद की| वे नवभारत टाइम्स के प्रिय समाचार स्रोत थे| महाराष्ट्र कांग्रेस काबीना में मंत्री रह चुके थे| तभी धर्मयुग के संपादक डॉ. धर्मवीर भारती ने अपने साप्ताहिक में विशेष श्रद्धांजलि लेख मुझसे लिखवाया था|
उस दौर में कई पत्रकार साथ���यों ने बताया कि डॉ. राममनोहर लोहिया ने नेहरु के निधन पर कोई शोक संवेदना नहीं व्यक्त की| यह भ्रामक है, असत्य है| लोहिया मई 1964 में जैक्सन नगर (मिसीसिपी प्रदेश, दक्षिणी अमेरिका) के एक रेस्तरां में अश्वेतों पर लगे प्रवेश निषेध का विरोध करने पर गिरफ्तार किये गए थे| अमरीकी जेल में थे | इस वारदात पर राष्ट्रपति लिंडन जॉनसन ने डॉ. लोहिया से क्षमा याचना भी की थी| पर लोहिया ने अपील की कि समतामूलक लोकतंत्र में इस नस्लभेद पर स्टेच्यू ऑफ़ लिबर्टी (स्वतंत्रता की देवी) से राष्ट्रपति क्षमा याचना करें| भारत वापस आने पर डॉ. लोहिया ने नेहरु की मृत्यु पर हार्दिक शोक व्यक्त किया| उनके शब्द थे : “यदि बापू मेरा सपना थे, तो जवाहरलाल मेरी अभिलाषा|” पत्रकारों ने विस्तृत (नमकीन) संदेशा माँगा तो लोहिया ने कहा कि छः माह तक वे नेहरु पर कुछ नहीं बोलेंगे| पर प्रेस की जिद पर लोहिया बोले : “नेहरु ने अपनी संपत्ति अपने परिवार को दे दी| भस्म देश को दिया|” नेहरु ने वसीयत में लिखा था कि उनका शव दहन हो और राख आसमान से भारत के खेतों में बिखराया जाय|” आनंद भवन पुत्री को दे दिया|
https://is.gd/EirKfY #NehruWroteInAWillThatHisBodyBeBurntAndTheAshesScatteredFromTheSkyInTheFieldsOfIndia Nehru wrote in a will that his body be burnt and the ashes scattered from the sky in the fields of India. In Focus, Top #InFocus, #Top KISAN SATTA - सच का संकल्प
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chituboss-blog · 5 years
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73वें स्वतंत��रता दिवस और सामाजिक व सांस्कृतिक पर्व रक्षाबंधन की हार्दिक बधाइयाँ एवम् शुभकामनायें। इस अवसर पर हमें याद रखना है कि पूर्ण स्वतंत्रता का समर शेष है। अगला स्वतंत्रता दिवस हम अखंड भारत में मनायें, यही हो प्रण हमारा। (at Vadodara, Gujarat, India) https://www.instagram.com/p/B1KkVmTlQ7P/?igshid=bd745dwomja0
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mastereeester · 4 years
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चाचा शिकागो अब स्टेडियम में क्रिकेट मैच नहीं देखेंगे, कहा- रांची जाकर धोनी से मिलना ही अगला मिशन [Source: Dainik Bhaskar]
चाचा शिकागो अब स्टेडियम में क्रिकेट मैच नहीं देखेंगे, कहा- रांची जाकर धोनी से मिलना ही अगला मिशन [Source: Dainik Bhaskar]
पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के साथ उनके पाकिस्तानी फैन मोहम्मद बशीर बोजाई ने भी क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। यानि चाचा शिकागो नाम से फेमस बशीर अब स्टेडियम में जाकर मैच नहीं देखेंगे। उनका अगला मिशन रांची पहुंचकर धोनी से मुलाकात करना है।
धोनी ने स्वतंत्रता दिवस की शाम को इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। उनके एक घंटे बाद ही सुरेश रैना ने भी रिटायरमेंट का ऐलान कर दिया था। वहीं,…
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devendrasinghworld · 4 years
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MS Dhoni Image Source : TWITTER: @M_RAJ03
दुनिया में हूँ, दुनिया का तलबदार नहीं हूँ ये पंक्ति शायद अकबर इलाहाबादी मानो धोनी के जीवन पर लिखकर गए हो। इस तरह का अंदाज ही महेंद्र सिंह धोनी के शानदार क्रिकेट करियर में उनकी सादगी के साथ चार चाँद लगाता है। भारत को क्रिकेट के मैदान में हर एक खिताब जिताने के बाद वो छोड़ देते हैं भीड़, उन्माद और कोलाहल को लेकिन सभी फैन्स की निगाहें उन्हें ही ढूँढती हैं। क्रिकेट के खेल में चपलता और मास्टरमाईंड से धोनी ने पूरी दुनिया को अपने कदमों के आगे झुका दिया मगर इस बात का गुरूर धोनी ने कभी सामने आने नहीं दिया। यही कारण है साल 2004 से क्रिकेट की दुनिया में शून्य से शुरू करने वाले धोनी ने तमाम उपलब्धियों को हासिल कर 74वें स्वतंत्रता दिवस पर क्रिकेट को अलविदा कहकर करोड़ों खेल प्रेमियों को भाव विभोर कर दिया। 
जहां एक तरफ सभी ( 15 अगस्त ) आजादी का जश्न मना रहे थे उसी शाम धोनी ने, मैं पल दो पल का शायर हूँ और पल दो पल मेरी कहानी हैं।।।इन पंक्तियों के साथ अचानक से क्रिकेट को अलविदा कहकर जता दिया कि उन्हें अपने संन्यास के लिए किसी बड़े भव्य समारोह की जरूरत नहीं है। जिस तरह शांति पूर्ण ढंग से धोनी ने अपनी क्रिकेट की दुनिया का आगाज किया ठीक उसी अंदाज में अंजाम भी दिया। 
साल 2004 में जब धोनी ने क्रिकेट के मैदान में कदम रखा उस समय भारतीय क्रिकेट के युवा खिलाड़ी पूर्व कप्तान सौरव गांगुली की कप्तानी में निडर होकर खेलना तो सीख गए थे लेकिन बड़े टूर्नामेंट और खिताबों को कैसे अपने नाम करना है। इस पर धोनी ने अपनी मुहर लगाई। 
शून्य के बावजूद मिला मौका 
बांग्लादेश के खिलाफ पहले मैच में धोनी मैदान में उतरें और जीरो (शून्य) पर रन आउट होकर पवेलियन की तरफ बढ़ते हुए उनके चेहरे पर तो मुस्कान थी लेकिन मन मे�� कुछ कर गुजरने का गुबार जरूर फूट रहा होगा। उस मैच को मैं रेडियों पर सुन रहा था क्योंकि उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर में उन दिनों लाइट काफी जाती थी। लेकिन क्रिकेटिया परिवार से होने के नाते हम सभी करीब 8 से 10 लोग इस लम्बे वाल लड़के के खेल को नहीं देख तो सुनना जरूर चाहते थे। इससे पहले हमारे बीच काफी चर्चा थी कि टीम इंडिया में एक लम्बे बाल वाला लड़का आया है जो बहुत लम्बे - लम्बे छक्के मारता है।  इतना ही नहीं वो छक्का मारकर मैच भी जिताता है। लेकिन उनके पहले मैच में ही रन आउट होकर पवेलियन जाने से सभी काफी निराश थे और मन में चिंता थी कि अगले मैच में उन्हें हम टेलीविजन पर देख पायेंगे भी या नहीं। 
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हलांकि उस समय टीम इंडिया के कप्तान रहे सौरव गांगुली को इस लम्बे बॉल वाले विकेटकीपर बल्लेबाज पर काफी भरोसा था। जिसके बाद धोनी को लगातार मौका मिला और फिर उन्होने पाकिस्तान व श्रीलंका के खिलाफ क्रमशः 148 व 183 रनों की तूफानी पारी खेल साबित कर दिया कि रांची के मैदानों में छक्के बरसाने वाला माहि अब टीम इंडिया का उभरता सितारा धोनी बन चुका है। 
2007 में बने भारतीय क्रिकेट का चिराग 
2004 के बाद धोनी टीम इंडिया में प्रमुख विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में बने रहे। उसके बाद बारी थी आईसीसी विश्वकप 2007 की। तब तक धोनी अच्छी तरह से सभी खेल प्रेमियों के मन में अपना घर बना चुके थे। अब इस विश्वकप में सचिन, गांगुली, सहवाग, द्रविड़, युवराज और धोनी जैसे सितारों के होने से फैन्स को जीत की काफी उम्मीद थी। मगर इसके विपरीत टीम इंडिया को बांग्लादेश जैसी छोटी टीम से करारी हार हेलनी पड़ी और ग्रुप मैचों से ही टूर्नामेंट से बाहर होना पड़ा। ये बात फैन्स को बिल्कुल भी रास नहीं आई और पूरे भारत में सभी खिलाड़ियों के घर के बाहर फैन्स ने पत्थरबाजी और टीम इंडिया की नाकामी में विरोध जताया। कई खिलाड़ियों के पुतले भी फूंके गए।
इस तरह भारतीय क्रिकेट में बढ़ते अँधेरे के बीच आईसीसी ने एक और नया टूर्नामेंट टी20 विश्वकप उसी साल साउथ अफ्रीका म���ं कराने का ऐलान कर डाला। ये समय टीम इंडिया के लिए और चैलेंजिंग तब हुआ जब सचिन, सौरव, और द्रविड़ जैसे सीनियर खिलाड़ियों ने इसमें खेलने से इंकार कर दिया। 
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ऐसे में ग़ालिब की ये पंक्ति उस समय भारतीय क्रिकेट की दशा पर फिट बैठती है कि कोई उम्मीद बर नहीं आती, कोई राह नजर नहीं आती। जिसका मतलब था कि जब सामने अँधेरा हो तो कोई राह नजर नहीं आती है कि किस दिशा में जाए। तभी टीम मैनेजमेंट ने सहवाग और युवराज जैसे सीनियर खिलाड़ियों को दरकिनार कर धोनी के कन्धों पर कप्तानी का भार डाला। धोनी ने मिलने वाली जिम्मेदारी को बिना कुछ कहे स्वीकारा और टीम के खिलाड़ियों के साथ तैयारी करना शुरू कर दिया। हलांकि वो भारतीय क्रिकेट के अँधेरे में चिराग बने और इस विश्वकप के फ़ाइनल मैच में उन्होंने पाकिस्तान को हराकर भारतीय फैन्स को दोहरी ख़ुशी दे डाली। पहली ये कि हम विश्वकप जीते और भारतीयों की दूसरी सबसे बढ़ी ख़ुशी ये थी कि हम पाकिस्तान को हराकर जीतें। 
टी20 विश्वकप जीत का जश्न 
साउथ अफ्रीका में जैसे ही भारत ने धोनी की कप्तानी में विश्वकप जीता उसके जश्न में पूरा भारत डूब गया था। मुझे याद है उस समय पूरे भारत के क्रिकेटिया फैन्स की तरह हम भी बारिश के बीच कानपुर की गलियों में ढोल और ताश लेकर बांग्लादेश से मिली हार को भूलकर, पाकिस्तान व विश्वकप में मिली जीत को दोहरी ख़ुशी का जश्न मना रहे थे। उस समय ऐसा लगा मानो धोनी ने हम जैसे फैन्स के दिलों में एक नई ऊर्जा का संचार कर दिया हो और भारतीय क्रिकेट के फर्श से अर्श में जाने का सिलसिला शुरू हो चुका हो। 
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इस पर बशीर बद्र की एक पंक्ति याद आती है कि जिस दिन से चला हूँ मंजिल पर निगाह है मेरी, आखों ने कभी मील का पत्थर नहीं देखा। इसी तरह विश्वकप में मानी जा रही कमजोर टीम इंडिया के कप्तान धोनी ने अपनी निगाह सिर्फ विश्वकप पर रखी और उसके रास्ते में पड़ने वाले रोड़ों को पार करते चले गए। 
सिग्नेचर शॉट से दिलाई भारत को 2011 विश्वकप जीत 
इस विश्वकप के ��ाद फिर धोनी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और उन्होंने अपना अगला निशाना साधा आईसीसी के 50-50 ओवर विश्वकप व क्रिकेट के सबसे बड़े टूर्नामेंट पर। साल 2011 तक धोनी भी अपनी कप्तानी से लेकर खेल तक सभी कलाओं में 16 कला संपन्न हो चुके थे। जिसके चलते उन्होंने इस बार अपने ही देश मे छक्का मारकर मैच जिताने वाले अंदाज में 28 साल बाद भारत को क्रिकेट का दूसरा विश्वकप जिताया। मुंबई के मैदान में जैसे ही धोनी ने अपने सिग्नेचर शॉट से छक्का मारकर मैच जिताया मुंबई समेत पूरा देश जाम में फंस गया। पूरे भारत में दिवाली मनाई गई सभी ने भारत के जीतने पर पटाखे जलाए। ऐसा हो भी क्यों न आख्रिकार 1983 के बाद पहली बार भारत आधुनिक क्रिकेट में किंग बनकर जो उभरा था। इन सबमें धोनी का काफी योगदान रहा जिन्होंने 2007 के बाद 4 सालों में ऐसी टीम का निर्माण किया जो आगे चलकर विश्व चैम्पियन बनी। 
2013 चैम्पियंस ट्रॉफी जीतकर हासिल किया ये मुकाम
धोनी ने विश्वकप 2011 तो जीत लिया था लेकिन उनकी नजरों में अब एक चीज और खटक रही थी। वो था, आईसीसी का तीसरा टूर्नामेंट चैम्पियंस ट्राफी, जो साल 2013 में इंग्लैंड में खेली जानी थी। धोनी की टीम ने इंग्लैंड के लिए उड़ान भरी और अंग्रेजों की सरजमीं पर ट्रॉफी जीतकर टीम इंडिया वापस लौटी। इस तरह भारतीय फैंस पर धोनी ने ये तीसरी ख़ुशी न्यौछावर कर दी। जिसके चलते वो दुनिया के एकमात्र ऐसे कप्तान बने जिन्होंने तीनों आईसीसी ट्राफी अपने नाम की। 
धोनी की कप्तानी 
इस तरह सौरव गांगुली की कप्तानी में जहां टीम इंडिया ने निडर होकर खेलना तो सीख लिया था मगर बड़ें टूर्नामेंट में कैसे अपने फैसलों पर भरोसा करना है व खिलाड़ियों को कैसे जीत के लिए प्रेरित करना है ये धोनी ने सिखाया। धोनी के करियर में कई ऐसे फैसले रहे जिस पर सभी हैरान रह गए। जैसे टी20 विश्वकप 2007 का अंतिम ओवर जोगिन्दर शर्मा को दे देना प्रमुख रूप से शामिल है। इतना ही नहीं टीम इंडिया में फिटनेस और फील्डिंग का पाठ भी धोनी लेकर आगे आए। जिसे उनके उत्तराधिकारी विराट कोहली आज भारतीय क्रिकेट के लिए बखूबी आगे बढ़ा रहे हैं।  इस तरह धोनी ने अपनी कप्तानी में देखा जाए तो शांत रहते हुए सिर्फ हुनर के बल पर एक नए भारतीय क्रिकेट का निर्माण किया जिसकी जड़ें काफी गहरी हो चुकी है। इस पर एक पंकित याद आती है कि वही लोग खामोश रहते हैं अक्सर, जमाने में जिनके हुनर बोलते हैं।
रन आउट से रन आउट तक 
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MS Dhoni
पिछले साल 2019 विश्वकप को वैसे भी धोनी का आखिरी विश्वकप कहा जा रहा था। जिसे टीम इंडिया जीतना चाहती थी मगर न्यूजीलैंड के खिलाफ उस मैच में धोनी के रन आउट होते ही भारतीय फैन्स की उम्मीदें भी टूट गई और टीम इंडिया हारकर बाहर हो चली। इस तरह रन आउट से शुरू हुई धोनी की गाथा संजोग से रन आउट पर ही खत्म हुई। उनके संन्यास लेने पर मैंने कभी नहीं सोचा था कि उसी लम्बे बाल वाले लड़के का क्रिकेट देखते - देखते मैं एक दिन उनके करियर के सफर को यादकर उसे शब्दों में पिरो दूंगा और जब भी धोनी के करियर को सोचता हूँ तो रहमान फारिस की एक पंक्ति याद आती है कि कहानी खत्म हुई, और ऐसे खत्म हुई , कि लोग रोने लगे तालियां बजाते हुए। 
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manishajain001 · 4 years
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ITBP के जवानों ने लद्दाख में 17,000 फीट की ऊंचाई पर आजादी का जश्न मनाया
Indo-Tibetan Border Police (ITBP) jawans celebrate #IndependenceDay at an altitude of 17,000 feet in Ladakh. (Source: ITBP) pic.twitter.com/imiTuYo1IG
— ANI (@ANI) August 15, 2020
Indo-Tibetan Border Police (ITBP) jawans celebrate #IndependenceDay at an altitude of 17,000 feet in Ladakh. (Source: ITBP) pic.twitter.com/oKKc3nhtxf
— ANI (@ANI) August 15, 2020
आज़ादी का पर्व हमारे लिए आज़ादी के वीरों को याद करके नए संकल्पों की ऊर्जा का एक अवसर होता है: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि आज़ादी का पर्व हमारे लिए आज़ादी के वीरों को याद करके नए संकल्पों की ऊर्जा का एक अवसर होता है। ये हमारे लिए नई उमंग, उत्साह और प्रेरणा लेकर आता है। अगला आज़ादी का पर्व जब हम मनाएंगे, तब हम 75 वें वर्ष में प्रवेश करेंगे। तो ये हमारे लिए बहुत बड़ा अवसर है।
पीएम ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि देश कोरोना के खिलाफ जंग जीतेगा
पीएम ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि देश कोरोना के खिलाफ जंग जीतेगा। कोरोना संकट के बीच देश ने आत्मनिर्भर भारत बनने का संकल्प लिया। आत्मनिर्भर भारत शब्द नहीं, आज 130 करोड़ देशवासियों के लिए मंत्र बन गया है।
कोरोना संकट काल में 24 घंटे काम कर���े वाले वॉरियर्स को नमन करता हूं: पीएम मोदी
लालकिला पर पीएम मोदी ने देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि आज जो हम स्वतंत्र भारत में सांस ले रहे हैं, उसके पीछे मां भारती के लाखों बेटे-बेटियों का त्याग, बलिदान और मां भारती को आजाद कराने के लिए समर्पण है। आज ऐसे सभी स्वतंत्रता सेनानियों को, वीर शहीदों को नमन करने का ये पर्व है।
उन्होंने आगे कहा कि कोरोना के समय में, अपने जीवन की परवाह किए बिना हमारे डॉक्टर्स, नर्से, पैरामेडिकल स्टाफ, एंबुलेंस कर्मी, सफाई कर्मचारी, पुलिसकर्मी, सेवाकर्मी, अनेकों लोग 24 घंटे लगातार काम कर रहे हैं। ऐसे सभी कोरोना वॉरियर्स को भी मैं आज नमन करता हूं।
लाल किले पर पीएम मोदी ने फहराया तिरंगा, कहा- आजादी के पावन पर्व की देशवासियों को बधाई
कोरोना वायरस संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज लाल किले पर 74वें स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा फहराया। उन्होंने आजादी के पावन पर्व की देशवासियों को बधाई दी।
Delhi: Prime Minister Narendra Modi unfurls the National Flag at the ramparts of the Red Fort on #IndependenceDay today. The PM is being assisted by Major Shweta Pandey in unfurling the National Flag. pic.twitter.com/RPHNqMZxZS
— ANI (@ANI) August 15, 2020
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aapnugujarat1 · 5 years
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पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर को वापस लेना अगला लक्ष्य : केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह
कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के ऐतिहासिक फैसले के बाद रविवार को केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा है कि अब सरकार का अगला लक्ष्य पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर के हिस्से को वापस भारत गणराज्य में मिलाने का है। जितेंद्र सिंह जम्मू के भाजपा मुख्यालय में सिटीजन मीट कार्यक्रम में लोगों को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 पर कांग्रेस और कश्मीर में उसकी सहयोगी पार्टी नेशनल कांफ्रेंस ने ऐसी कल्पना का जाल बिछाया था कि यह अनुच्छेद टूट नहीं सकता। इस वजह से यह दोनों पार्टियां विश्व के अन्य देशों को भी यह समझाती रही कि जम्मू कश्मीर में राजनीतिक शासन के लिए अनुच्छेद 370 जरूरी है। मोदी सरकार ने एक झटके में कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस की कल्पना का विस्फोट कर दिया। इससे वह तड़प रही है। उन्होंने कहा अनुच्छेद 370 की वजह से जम्मू-कश्मीर के लोगों व राज्य को काफी नुकसान उठाना पड़ा। देश के अन्य हिस्सों की तरह विकास यहां पर नहीं हो पाया।  केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि 31 अक्तूबर 2019 से जम्मू कश्मीर और लद्दाख नई यात्रा शुरू करेंगे। केंद्र शासित प्रदेश के तौर पर नई व्यवस्था में बिना किसी भेदभाव के हर क्षेत्र का विकास होगा। स्वतंत्रता दिवस और ईद के मौके पर एहतियात के तौर पर कुछ लोगों को हिरासत में लिए जाने पर शोर शराबा करने वालों को आड़े हाथों लेते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि हम जम्मू कश्मीर के लोगों और प्रशासन को बधाई देते हैं कि करीब तीन दशक बाद इन पर्वों पर शांतिपूर्ण वातावरण रहा। उन्होंने कहा ऐसा भी भ्रम लोगों के मन में पैदा किया जा रहा है कि नई व्यवस्था में सरकारी नौकरियां अन्य राज्यों के लोग ले जाएंगे। उन्होंने कहा अगर ऐसा होता तो पंजाब के करीब रहने वाले राज्य के लोग पंजाब पुलिस या पंजाब सिविल सेवा में बड़ी संख्या में नहीं गए होते। सिंह ने कहा कि प्रत्येक राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के सरकारी नौकरियों में भर्ती के नियम रहते है। उन्होंने व्यापारिक बिरादरी से भी कहा कि वह भी किसी भ्रम में न रहें। वे मन लगाकर व्यापार करें और अपने बच्चों को भी वैश्विक भारत में अपनी क्षमता के अनुसार काम करने दें। भारत पांच ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनने की तरफ अग्रसर है। यहां विकास के पर्याप्त मौके हर किसी को मिलेंगे। Read the full article
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thesandhyadeepme · 5 years
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  ‘एक देश एक संविधान’ के बाद अब ‘एक देश एक चुनाव’ का लक्ष्य : मोदी
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 नयी दिल्ली, 15 अगस्त (वार्ता) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राजनीति से ऊपर उठकर देशहित में काम करने, आतंकवाद से लड़ने और जनसंख्या विस्फोट को रोकने के लिए ‘छोटा परिवार’ के जरिये देश सेवा करने का लोगों से आह्वान करते हुए गुरुवार को कहा कि जम्मू कश्मीर से संबंधित अनुच्छेद 370 को हटाकर ‘एक देश एक संविधान’ का सिद्धांत लागू हो गया है और अब अगला लक्ष्य ‘एक देश एक चुनाव’ है।
उन्होंने बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 100 लाख करोड़ रुपये के निवेश और सैन्य शक्ति को मजबूत बनाने के लिए तीनों सेना के वास्ते सेनापति का नया पद सृजित करने की घोषणा भी की तथा जल संरक्षण के लिए साढे तीन लाख करोड़ रुपये की लागत से जल जीवन मिशन को पूरा करने का संकल्प व्यक्त किया।
स्वतंत्रता दिवस पर कल्याण सिंह ने किया झण्डारोहण
श्री मोदी ने 73वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ऐतिहासिक लाल किले के प्राचीर से जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाकर सरदार पटेल के सपने को पूरा करने तथा ‘एक देश, एक संविधान’ लागू करने का उल्लेख करते हुए कहा कि सत्तर साल में जो नहीं हुआ वह सत्तर दिनों में किया गया है और तीन तलाक जैसी प्रथा को भी दूर किया गया तथा गरीबी दूर करने के लिए जरूरी कदम उठाये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जनता के सपने को पूरा करने तथा 21 वीं सदी के भारत के बारे में विचार करने का समय आ गया है। पांच साल पहले लोग सोचते थे क्या देश बदल सकता है, लेकिन अब लोग कह रहे हैं देश बदल रहा है।
प्रधानमंत्री के रूप में छठी बार लाल किले से तिरंगा फहराने वाले श्री मोदी ने कहा कि दुनिया में कही भी आतंकवाद मानवता के खिलाफ एक युद्ध है, इसलिए विश्व की सभी मानवीय शक्तियों को एकजुट होने की जरूरत है और आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले और उसे फैलाने वालों को सबके सामने उजागर किया जाना जरूरी है तथा इस काम में भारत को सक्रिय भूमिका निभानी है। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने भारत को ही नहीं बल्कि पड़ोसी देशों को भी आतंकवाद को तबाह करके रखा है। बंगलादेश, अफगानिस्तान भी आतंकवाद से जूझ रहा है श्रीलंका के चर्च में भी निर्दोष लोगों की हत्या की गयी।
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editorjee-blog · 6 years
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इटली की जगह अब भारत में होगा अगला G-20 सम्मेलन, मोदी की कूटनीति काम आयी
इटली की जगह अब भारत में होगा अगला G-20 सम्मेलन, मोदी की कूटनीति काम आयी
नई दिल्ली. जी-20 सम्मलेन में भारत के हाथ एक बड़ी कामयाबी लगी है. 2022 में जी-20 सम्मेलन भारत में आयोजित होगा, जब देश अपना 75वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा होगा.
अर्जेंटीना में चल रहे जी-20 सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीने इसका ऐलान किया. उन्होंने कहा कि 2022 में जी-20 की प्रस्तावित मेजबानी कर रहे इटली से हमने विनती की थी, जिसे इटली ने मान लिया है और अब 2021 के बजाय भारत में…
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