Ayurvedic Ubtan: चमकदार त्वचा के लिए एक प्राचीन सौंदर्य रहस्य
Ayurvedic Ubtan: हर कोई हैल्थी और ग्लोइंग स्किन चाहता है और इसके लिए क्या कुछ नहीं करता। इसके लिए आयुर्वेदिक उबटन बेस्ट हो सकता है। त्वचा को सुंदर और चमकदार बनाने के लिए आयुर्वेद में उबटन का उपयोग बहुत प्राचीन समय से किया जाता रहा है। यह प्राकृतिक सामग्रियों से बना होता है और त्वचा को संतुलित करने में मदद करता है, जिससे वह चमकदार, ग्लोइंग और स्वस्थ दिखती है। इस लेख में, हम आयुर्वेदिक उबटन…
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चेहरे के दाग धब्बे, कील, मुंहासे हो जाएंगे दूर, ये है आयुर्वेदिक इलाज
इस वीडियो में हमने खून को साफ करने और दाग धब्बे, कील, मुहासों की समस्या से छुटकारा पाने के लिए अचूक एवं असरदारक आयुर्वेदिक उपायों के बारे में बताया है। ग्लिस्टेन प्लस कैप्सूल और चन्द्र प्रभा उबटन (Glisten Plus capsule and Chandra Prabha ubtan) आयुर्वेदिक जड़ी-बुटियों से निर्मित प्रभावी हर्बल इलाज है।
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दोस्तों, इस वीडियो में हमने खून को साफ करने और चेहरे के दाग धब्बे, कील, मुंहासे दूर करने के आयुर्वेदिक इलाज के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी है।
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ये आयुर्वेदिक मास्क घर पर बनाएं और चेहरे पर लाये पॉर्लर जैसा निखार
अगर आप भी चेहरा को बेदाग और खूबसूरत बनना चाहते है तो आयुर्वेद आजमाइए आयुर्वेदिक तरिके से चेहरे को गोरा, बेदाग और सुन्दर बना सकते है| जिससे आपका चेहरा खिला-खिला और दमकता नजर आएगा| आयुर्वेद ने हमे हेल्थ के लिए कई कारीगर उपाय बताये है और बेहद लाभकारी भीरहे है| ठीक उसी तरह चहरे के लिए भी कई सरे ��रेलु नुस्खे बताये है| ऐसे में आप आयुर्वेद के हिसाब से डाइट लेने के साथ अपनी स्किन सम्बंधित परेशानियों को दूर कर सकते हैं। आइये जानते है उपाय-
पपीता और मुल्तानी मिट्टी का मास्क-
पपीता हेल्थ के लिए जैसे लाभदायक होते है वैसे ही हमरे फेसमास्क के लिए भी लाभदायक होते है| धुल-मिट्टी और प्रदूषण की वजह से हुए त्वचा पर नुकसान को आप पपीते और मुल्तानी मिट्टी से दूर कर सकती हैं। पपीता जहां टैनिंग को दूर करता है, वहीं मुल्तानी मिट्टी चेहरे पर मौजूद धूल और गंदगी को दूर करती है और साथ ही पिंपल्स को दूर करती है।
ऐसे बनाये मास्क-
एक कटोरे में पपीते को मैश कर लें और इसमें शहद, नींबू का रस, चंदन पाउडर और मुल्तानी मिट्टी मिला लें। अब इसे चेहरे पर लगाएं और कुछ देर बाद धो लें।
उबटन का उपयोग-
उबटन का उपयोग तो सदियों पुराना उपाय है| यह आयुर्वेदिक सामग्री का मिश्रण होता है। जिससे त्वचा में बेदाग गोरापन मिलता है| इसके इस्तेमाल चेहरा चमकता है।
इस तरह बनाएं-
इसे बनाने के लिए हल्दी, बेसन, चंदन का पाउडर, गुलाब जल और दूध को मिलाकर चेहरे पर लगा लें।
हरी मूंग दाल का स्क्रब-
मूंग दाल न सिर्फ बेजान त्वचा में जान डालती है, बल्कि स्किन का रंग लाइट भी करती है। मूंग दाल से त्वचा पर स्क्रब करने से चेहरे के अनचाहे बालों से छुटकारा मिलता है।
इस तरह बनाएं-
मूंग दाल को पीसकर उसका पाउडर बना लें, अब इसमें चंदन और संतरे की छिलके के पाउडर को मिला लें। इसमें नींबू का रस, गुलाब जल और कड़ी पत्तों को मिला लें। वहीं, त्वचा को मॉइश्चराइजर करने के लिए, दाल को रातभर भिगोकर रखें और उसमें शहद मिला लें। इसके अलावा टैनिंग से छुटकारा पाने के लिए मूंग दाल पाउडर में दही मिलाकर चेहरे पर लगा लें। ठन्डे पानी से कुछ देर बाद अपना फेस धो लें।
नीम मास्क-
एक्ने और किसी भी तरह के बैक्टीरियल इंफेक्शन से लड़ने के लिए नीम बेस्ट ऑप्शन है। नीम एक ग़ज़ब का टोनर भी होता है।
नीम के मास्क बनाएं-
नीम की पत्तीयों में रोगो से लड़ने की संख्या बहुत अधिक होती है| नीम की पत्तियां लें और उसे पीस लें। इसमें नींबू के रस के साथ पानी मिला लें। इस मास्क को चेहरे पर लगा लें। कुछ देर बाद गुनगुने पानी से धो लें। इसमें आप चंदन का पाउडर भी मिला सकती हैं। चेहरे के दाग़ धब्बों को मिटाने के लिए नीम के पेस्ट में गुलाब जल मिलाकर लगाएं।
हल्दी और चंदन का पैक –
त्वचा की खूबसूरती के लिए हल्दी और चंदन से बेहतर कुछ नहीं। ये न सिर्फ आपकी स्किन के टोन को ईवन करता है बल्कि रौनक भी देता है।
हल्दी और चंदन का पैक बनाएं-
एक्ने से छुटकारा पाने के लिए हल्दी पाउडर में चंदन का पाउडर और एक चम्मच नींबू का रस मिला लें। इसे चेहरे पर लगाएं और 10 मिनट बाद धो लें। अगर आपको टैनिंग दूर करना है तो लिए इसमें शहद और दूध मिला सकती हैं।
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#मूंगफली_के_तेल के इस्तेमाल से #किडनी विकार तथा सूजन की समस्या में फायदा होता है। #जोड़ों_के_दर्द से आराम पाने के लिए मूंगफली के तेल की मालिश करें। इससे जोड़ों का दर्द कम होता है। मूंगफली को भूनकर चूर्ण बना लें। इसके उबटन को अन्य द्रव्यों के साथ मिला लें। इसे त्वचा पर लगाने से #त्वचा_के_रोगों में लाभ होता है।
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આજનું પંચાગ
««« *आज का पंचांग* »»» कलियुगाब्द.................5118 विक्रम संवत्...............2073 शक संवत्..................1938 मास............................माघ पक्ष............................कृष्ण तिथी.......................प्रतिपदा दोप 02.40 पर्यंत पश्चात द्वितीया रवि......................दक्षिणायन सूर्योदय............07.09.11 पर सूर्यास्त............06.02.17 पर तिथि स्वामी................ब्रह्मा नित्यदेवी................कामेश्वरी नक्षत्र..........................पुष्य रात्रि 11.49 पर्यंत पश्चात अश्लेशा योग.......................विष्कुम्भ संध्या 07.03 पर्यंत पश्चात प्रीती करण........................कौलव दोप 02.40 पर्यंत पश्चात तैतिल ऋतु.........................शिशिर दिन........................शुक्रवार 🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार* :- 13 जनवरी सन 2017 ईस्वी । ☸ शुभ अंक..............4 🔯 शुभ रंग.............नीला 👁🗨 *राहुकाल* :- प्रात: 11.14 से 12.35 तक । 🚦 *दिशाशूल* :- पश्चिमदिशा - यदि आवश्यक हो तो जौ का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें। ✡ *चौघडिया* :- प्रात: 08.33 से 09.54 तक लाभ प्रात: 09.54 से 11.14 तक अमृत दोप. 12.35 से 01.55 तक शुभ सायं 04.36 से 05.57 तक चंचल रात्रि 09.16 से 10.55 तक लाभ । 🎶 *आज का मंत्र* :- ।।ॐ नीलग्रीवाय नम: ।। 📢 *संस्कृत सुभाषितानि* -- *अष्टावक्र गीता - प्रथम अध्याय :-* साकारमनृतं विद्धि निराकारं तु निश्चलं। एतत्तत्त्वोपदेशेन न पुनर्भवसंभव:॥१-१८॥ अर्थात -- आकार को असत्य जानकर निराकार को ही चिर स्थायी मानिये, इस तत्त्व को समझ लेने के बाद पुनः जन्म लेना संभव नहीं है॥१८॥ 🍃 *आरोग्यं* :- शीत ऋतु में एक स्वस्थ व्यक्ति को अपनी सेहत की तंदरूस्ती के लिए किस प्रकार का आहार लेना चाहिए शीत ऋतु में खारा तथा मधु रसप्रधान आहार लेना चाहिए। पचने में भारी, पौष्टिकता से भरपूर, गरम व स्निग्ध प्रकृति के घी से बने पदार्थों का यथायोग्य सेवन करना चाहिए। वर्षभर शरीर की स्वास्थ्य-रक्षा हेतु शक्ति का भंडार एकत्रित करने के लिए उड़दपाक, सालमपाक, सोंठपाक जैसे वाजीकारक पदार्थों अथवा च्यवनप्राश आदि का उपयोग करना चाहिए। मौसमी फल व शाक, दूध, रबड़ी, घी, मक्खन, मट्ठा, शहद, उड़द, खजूर, तिल, खोपरा, मेथी, पीपर, सूखा मेवा तथा चरबी बढ़ाने वाले अन्य पौष्टिक पदार्थ इस ऋतु में सेवन योग्य माने जाते हैं। प्रातः सेवन हेतु रात को भिगोये हुए कच्चे चने (खूब चबा-चबाकर खाये), मूँगफली, गुड़, गाजर, केला, शकरकंद, सिंघाड़ा, आँवला आदि कम खर्च में सेवन किये जाने वाले पौष्टिक पदार्थ हैं। इस ऋतु में बर्फ अथवा बर्फ का फ्रिज का पानी, रूखे-सूखे, कसैले, तीखे तथा कड़वे रसप्रधान द्रव्यों, वातकारक और बासी पदार्थ, एवं जो पदार्थ आपकी प्रकृति के अनुकूल नहीं हों, उनका सेवन न करें। शीत प्रकृति के पदार्थों का अति सेवन न करें। हलका भोजन भी निषिद्ध है। इन दिनों में खटाई का अधिक प्रयोग न करें, जिससे कफ का प्रयोग न हो और खाँसी, श्वास (दमा), नजला, जुकाम आदि व्याधियाँ न हों। ताजा दही, छाछ, नींबू आदि का सेवन कर सकते हैं। भूख को मारना या समय पर भोजन न करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। क्योंकि चरक संहिता का कहना है कि शीतकाल में अग्नि के प्रबल होने पर उसके बल के अनुसार पौष्टिक और भारी आहारूपी ईंधन नहीं मिलने पर यह बढ़ी हुई अग्नि शरीर में उत्पन्न धातु (रस) को जलाने लगती है और वात कुपित होने लगता है। अतः उपवास भी अधिक नहीं करने चाहिए। शरीर को ठंडी हवा के सम्पर्क में अधिक देर तक न आने दें। प्रतिदिन प्रातःकाल दौड़ लगाना, शुद्ध वायुसेवन हेतु भ्रमण, शरीर की तेलमालिश, व्यायाम, कसरत व योगासन करने चाहिए। जिनकी तासीर ठंडी हो, वे इस ऋतु में गुनगुने गर्म जल से स्नान करें। अधिक गर्म जल का प्रयोग न करें। हाथ-पैर धोने में भी यदि गुनगुने पानी का प्रयोग किया जाय तो हितकर होगा। ���रीर की चंपी करवाना एवं यदि कुश्ती अथवा अन्य कसरतें आती हों तो उन्हें करना हितावह है। तेल मालिश के बाद शरीर पर उबटन लगाकर स्नान करना हितकारी होता है। कमरे एवं शरीर को थोड़ा गर्म रखें। सूती, मोटे तथा ऊनी वस्त्र इस मौसम में लाभकारी होते हैं। प्रातःकाल सूर्य की किरणों का सेवन करें। पैर ठंडे न हों इस हेतु जूते पहनें। बिस्तर, कुर्सी अथवा बैठने के स्थान पर कम्बल, चटाई, प्लास्टिक अथवा टाट की बोरी बिछाकर ही बैठें। सूती कपड़े पर न बैठें। दशमूलारिष्ट, लोहासन, अश्वगंधारिष्ट, च्यवनप्राश अथवा अश्वगंधावलेह जैसी देशी व आयुर्वेदिक औषधियों का इस काल में सेवन करने से वर्ष भर के लिए पर्याप्त शक्ति का संचय किया जा सकता है। 💐💐💐💐💐 मकर संक्रांति के दिन अलग अलग राशि के लिये मंत्र का भी उच्चारण फलदायक है । मेष : ॐ अचिंत्याय नमः । वृषभ : ॐ अरुणाय नमः। मिथुन : ॐ आदि-भुताय नम: कर्क : ॐ वसुप्रदाय नम: सिंह : ॐ भानवे नम: कन्या : ॐ शांताय नम: तुला : ॐ इन्द्राय नम:। वृश्चिक : ॐ आदित्याय नमः। धनु : ॐ शर्वाय नम: । मकर : ॐ सहस्र किरणाय नम:। कुंभ : ॐ ब्रह्मणे दिवाकर नम;। मीन : ॐ जयिने नम:। 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 ⚜ आज का राशिफल :- 🐏 *राशि फलादेश मेष* :- बीमारी होने के योग। कुल लाभ के आसार, चिंता क्लेश, शत्रु शांत होंगे। अपमान, दुखद समाचार के योग। कुछ लाभ होने की संभावना। 🐂 *राशि फलादेश वृष* :- सुख, लाभ, रोग, चिंता, शत्रु परास्त होंगे। भय सताएगा। मित्र मिलेंगे। विपरीत लिंगी से लाभ तथा यात्रा से लाभ के आसार हैं। 👫 *राशि फलादेश मिथुन* :- कष्ट, भय, सुख में कमी व्याप्त होगी। कुसंगति से हानि, स्त्री पीड़ा, विवाद इत्यादि कष्ट के योग हैं। मित्र से मुलाकात से लाभ के योग हैं। 🦀 *राशि फलादेश कर्क* :- सुख तथा लाभ के योग। कुछ विरोध, कष्ट, शत्रु शांत होंगे। हर्ष, लाभ के लिए प्रयत्न करना होगा। नम्रता का व्यवहार बनाए रखने से लाभ होगा। 🦁 *राशि फलादेश सिंह* :- नेत्र पीड़ा, लाभ के सुस��ाचार प्राप्त होंगे। संतान, कष्ट, शत्रुजनित पीड़ा होगी। शत्रु कष्ट न के बराबर रहेगा। कष्ट-चिंता कम होगी। 👸🏻 *राशि फलादेश कन्या* :- कष्ट, भय, विवाद, हानि, खर्च में बढ़ोतरी, रोग सताएंगे। स्वास्थ्य का पाया कमजोर होगा। दिनचर्या नियमित रखें। ⚖ *राशि फलादेश तुला* :- भय, हानि, कष्ट, मनोवेग, विवाद, मायूसी के योग बनते हैं। पराक्रम से लाभ के योग बनेंगे। खर्च बढ़ेंगे। दुर्घटना की आशंका है। 🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक* :- हानि, भय, पराक्रम से विजय सुख प्राप्त होंगे। कलह से बचें। स्वास्थ्य ठीक रहेगा। कष्ट-विवादों से छुटकारा मिलेगा। 🏹 *राशि फलादेश धनु* :- स्त्री वर्ग से लाभ, यात्रा से लाभ, शत्रु पराजित होंगे। अस्वस्थता अनुभव होगी। अशांति का वातावरण बनने के योग हैं। 🐊 *राशि फलादेश मकर* :- विपरीत लिंगी से लाभ तथा यात्रा से लाभ के आसार हैं। स्वास्थ्य ठीक रहेगा। शुभ समाचार प्राप्त होंगे। संतान पर खर्च के योग हैं। 🏺 *राशि फलादेश कुंभ* :- विजय प्राप्त होगी। खर्च, विवाद के योग। कुछ लाभ तथा सुख प्राप्त होगा। कुछ लाभ तथा सुख प्राप्त होगा। 🐬 *राशि फलादेश मीन* :- विरोध, हानि, बाधा, धनहानि, दुर्घटना के योग हैं। कलह-अपमान में वृद्धि के योग। सतर्कता रखें। व्यय वृद्धि से बेचैनी रहेगी।
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आयुर्वेदिक उबटन और एलोवेरा जेल से पाएं चेहरे पर नया निखार
इस वीडियो में हमने चेहरे पर निखार लाने के लिए असरदारक आयुर्वेदिक उपायों के बारे में बताया है। आयुर्वेदिक जड़ी-बुटियों से निर्मित चंद्र प्रभा उबटन और एलोवेरा जेल अत्यंत फायदेमंद हर्बल इलाज है।
चंद्र प्रभा उबटन और एलोवेरा जेल (Chandra Prabha ubtan and Aloe Vera gel) के बारे में अधिक जानकारी के लिए यहाँ जाएँ
https://www.ayushremedies.in/product/herbal-face-pack-and-aloe-vera-gel/
दोस्तों, इस वीडियो में हमने चेहरे पर नया निखार लाने के लिए आयुर्वेदिक चंद्र प्रभा उबटन और एलोवेरा जेल के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी है।
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