सरसों तेल का व्यापार कैसे करें ?How To Trade Mustard Oil.
बात जब खाने में स्वाद की हो तो सरसों के तेल में पक्की हुई चीजों का कोई जवाब नहीं| फिर चाहे दाल सब्जी हो पकोड़े हो या पापड़ हो या फिर चिकन मटन और मछली हो | इंडिया में ज्यादातर सरसों का ही तेल इस्तेमाल होता है| खाने के अलावा औषधि गुण होने के चलते सरसों का तेल मालिश इलाज में भी इस्तेमाल होता है| त्योहारों में भी हम दिया जलाने के लिए सरसों के तेल का यूज करते हैं और आज बिजनेस 7773 के इस ब्लॉग में आप जानेंगे की कैसे शुरू किया जा सकता है सरसों तेल मैन्युफैक्चरिंग का कारोबार | मार्केट साइज की बात करें तो मस्टर्ड ऑयल यानी कि सरसों के तेल की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट खोलना क्यों एक फायदेमंद बिजनेस हो सकता है| इस बात को इस फैक्ट से आप समझ सकते हैं कि अपने देश में क सरसों के तेल का कंजप्शन पिछले 40 सालों से हर साल 5 % के हिसाब से बढ़ रहा है और अभी इंडिया में हर साल लगभग 2. 50 मिलियन मेट्रिक टन सरसों का तेल इस्तेमाल होता है| हमारे देश की जरूरत के हिसाब से सरसों के तेल का एक बड़ा हिस्सा इंपोर्ट के जरिए पूरी दुनिया से मंगवाया जाता है | फाइनेंशियल ईयर 2020 से 2021 की बात करें तो लगभग 17 देशों से 83 मिलियन डॉलर का सरसों का तेल इंडिया ने इंपोर्ट करवाया जो पिछले साल के मुकाबले लगभग 25% ज्यादा है| जब भी आप अपनी ग्लोसरी का सामान लेने जाते हैं और सरसों का तेल मांगते हैं तो कोई ना कोई नया ब्रांड आपको पक्के से जरूर दिया जाता है| इससे समझिए कि सरसों तेल का बिजनेस किस तरह से आगे बढ़ रहा है और दिन-ब-दिन बढ़ती कीमतों के बाद भी हमें खाने में यह चाहिए ही होता है|
इस ब्लॉग मे हम आपको बतायेगे की सरसों तेल का व्यापार कैसे करें ?How To Trade Mustard Oil. सरसो के तेल का बिज़नेस करने करने से से कितना प्रॉफिट होता है |
तो चलिए अब जानते हैं इस बिजनेस की बारीकियों को
1. बिजनेस मॉडल
आपका बिजनेस मॉडल क्या होगा | यह आपको डिसाइड करना होगा कि आप किस तरह अपनी यूनिट को चलाएंगे| जैसे कि आप खुद से रो मटेरियल से तेल निकाल कर उसको भेजेंगे या फिर किसी कंपनी के बिहाफ पर अपनी यूनिट चलाएंगे या फिर अपनी खुद की कंपनी बनाकर अपना सरसों के तेल का नया ब्रांड लॉन्च करेंगे | अगर आप खुद का इंडिविजुअल ब्रांड लॉन्च करेंगे तो इसके लिए आपको कंपनी रजिस्टर करवानी होगी लाइसेंस लेना होगा ब्रांडिंग मार्केटिंग और लेवलिंग डिमांड एंड सप्लाई सब कुछ देखना होगा|
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एक्सपोर्ट 15% से ज्यादा बढ़कर मई में 37.3 अरब डॉलर रहा, इंपोर्ट 56% बढ़ा
एक्सपोर्ट 15% से ज्यादा बढ़कर मई में 37.3 अरब डॉलर रहा, इंपोर्ट 56% बढ़ा
भारत ने इस साल मई में अब तक का सबसे ज्यादा मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट (निर्यात) रिकॉर्ड किया है। मई 2022 में मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट 15.46 फीसदी बढ़कर 37.3 अरब डॉलर रहा है। मई 2021 में भारत के मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट की वैल्यू 32.30 अरब डॉलर थी। पेट्रोलियम प्रॉडक्ट्स, इलेक्ट्रॉनिक गुड्स और केमिकल्स जैसे सेगमेंट में दमदार परफॉर्मेंस के कारण एक्सपोर्ट शानदार रहा है। जहां एक्सपोर्ट में अच्छी ग्रोथ देखने को मिली…
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Xiaomi India को थप्पड़ मारा। कथित कर चोरी के लिए 653 करोड़ का नोटिस
Xiaomi India को थप्पड़ मारा। कथित कर चोरी के लिए 653 करोड़ का नोटिस
चीनी स्मार्टफोन निर्माता Xiaomi ने रुपये की कस्टम ड्यूटी की चोरी की। भारत में 653 करोड़, वित्त मंत्रालय ने बुधवार को कहा।
एक खुफिया जानकारी के आधार पर कि मेसर्स Xiaomi टेक्नोलॉजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (Xiaomi India) अवमूल्यन के माध्यम से सीमा शुल्क से बच रही थी, Xiaomi India और उसके अनुबंध निर्माताओं के खिलाफ राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) द्वारा एक जांच शुरू की गई थी।
“डीआरआई द्वारा जांच पूरी…
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आयात करने की जगह घरेलू स्रोत से कोयला खऱीदें कंपनियां: कोल इंडिया
आयात करने की जगह घरेलू स्रोत से कोयला खऱीदें कंपनियां: कोल इंडिया
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Photo:PTI
coal import
नई दिल्ली। कोल इंडिया ने इस्पात समेत गैर-विनियमित क्षेत्रों से अपनी कोयले की जरूरत को उसकी ई-नीलामी योजनाओं के जरिये घरेलू स्रोतों से पूरा करने को कहा है जिससे उनका विदेशी मुद्रा व्यय कम होगा। फिलहाल ये क्षेत्र ईंधन में मिश्रण या सीधे उपयोग के लिए कोयले का आयात करते हैं। कोयले के घरेलू उत्पादन में 80 प्रतिशत से अधिक की हिस्सेदार कोल इंडिया के पास इस समय पर्याप्त…
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आयात करने की जगह घरेलू स्रोत से कोयला खऱीदें कंपनियां: कोल इंडिया
आयात करने की जगह घरेलू स्रोत से कोयला खऱीदें कंपनियां: कोल इंडिया
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Photo:PTI
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नई दिल्ली। कोल इंडिया ने इस्पात समेत गैर-विनियमित क्षेत्रों से अपनी कोयले की जरूरत को उसकी ई-नीलामी योजनाओं के जरिये घरेलू स्रोतों से पूरा करने को कहा है जिससे उनका विदेशी मुद्रा व्यय कम होगा। फिलहाल ये क्षेत्र ईंधन में मिश्रण या सीधे उपयोग के लिए कोयले का आयात करते हैं। कोयले के घरेलू उत्पादन में 80 प्रतिशत से अधिक की हिस्सेदार कोल इंडिया के पास इस समय पर्याप्त…
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थाईलेंडी घुसपैठियों को कश्मीर में विक्टोरिया ने बसाया था, कश्मीर नामकरण भी सिल्करूट व्यापारीयों का अड्डा काशगर के नाम पर रखा गया था, काशगर से ही काशी, कुशीनारा, कश्मीर शब्द बना है। अगर सरकार वाकई में चाहती है कि कश्मीर की तरह किसी का पलायन नहीं हो तो हर किसी को लाईसेंसी हथियार दे सरकार अगर नहीं तो सरकार इन घुसपैठियों की कहानी सुनाना बंद करे, वास्तव में देश इन थाई घुसपैठियों से पीडित है ॥ अंग्रेजो ने इन्हें एक बार श्रीविजया सम्राज्य इंडोनेशिया में खदेडा, दूसरी बार थाईलेंड के अयुत्थया से तडी पार कर दिया, तीसरी बार बर्मा से खदेडकर इंडिया में बसा दिया, चौथी बार पाकिस्तान से झिंगा आला कर दिया, पांचवी बार बांग्लादेश से इंडिया में इंपोर्ट किया गया, छठी बार कश्मीर से लेकर केरला तक दौड़ाया गया, आखिर कबतक हमलोग इन्हे पालते रहेंगे और कबतक इनकी नकली कहानी सुनकर विक्टोरिया की गुलामी करते रहेंगे धरम के नाम पर कब तक इन्हे कुर्सी देते रहेंगे। बंद करो यह सब और सबको हथियार दो ताकि सेल्फ डिफेंस प्रभावी हो ॥ https://www.instagram.com/p/CbH48NkqH7P/?utm_medium=tumblr
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Lamborghini India Huracan Evo RWD Spyder Urus Pearl Capsule Urus Graphite Capsule Huracan STO mbh
Lamborghini India Huracan Evo RWD Spyder Urus Pearl Capsule Urus Graphite Capsule Huracan STO mbh
नई दिल्ली. भारत में धीरे-धीरे लग्जरी कारों का क्रेज बढ़ता जा रहा है. यहां हर साल हजारों लग्जरी कारें दुनिया भर से इंपोर्ट की जा रही हैं. यह वजह है कि लैंबॉर्गिनी इंडिया (Lamborghini India) ने 2020 की तुलना में 2021 में सालाना 86 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है. लिंक्डइन पर एक पोस्ट में लेम्बोर्गिनी इंडिया के प्रमुख शरद अग्रवाल ने दावा किया कि इटली की लग्जरी कार निर्माता कंपनी पिछले साल भारत में 69…
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Tesla Model 3 इंडिया में हुई लॉन्च! तो स्पीड-ब्रेकर बनेंगे सिरदर्द, ITIADA ने दी कार में बदलाव की सलाह
Tesla Model 3 इंडिया में हुई लॉन्च! तो स्पीड-ब्रेकर बनेंगे सिरदर्द, ITIADA ने दी कार में बदलाव की सलाह
नई दिल्ली. इलेक्ट्रिक कार के दीवाने काफी समय से एलन मस्क की कंपनी Tesla की कारों का इंडिया में लॉन्च होने का इंतजार कर रहे हैं. हाल ही में कंपनी का इंपोर्ट ड्यूटी का मसला सुलझा है. जिसके बाद Tesla Model 3 की लॉन्चिंग का रास्ता साफ हो गया था. लेकिन एक बार फिर टेस्ला के सामाने मुश्किल आ गई है. ये मुश्किल टैक्स या किसी परमिश्न से जुड़ी नहीं है. बल्कि ये सिर दर्द है भारतीय सड़क पर बने हुए स्पीड-ब्रेकर.…
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खाद्य तेलों की कीमतों पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने आयात शुल्क घटाया - टाइम्स ऑफ इंडिया
खाद्य तेलों की कीमतों पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने आयात शुल्क घटाया – टाइम्स ऑफ इंडिया
नई दिल्ली: सरकार ने तत्काल प्रभाव से खाद्य तेलों पर आयात शुल्क कम कर दिया है, जिससे इन प्रमुख रसोई वस्तुओं की कीमतों में कमी आ सकती है। वित्त मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार कच्चे पाम तेल पर बेस इंपोर्ट ड्यूटी 10% से घटाकर 2.5% कर दी गई है, जबकि कच्चे सोया तेल और कच्चे सूरजमुखी तेल पर टैक्स 7.5% से घटाकर 2.5% कर दिया गया है। इस कटौती के साथ, प्रभावी शुल्क, जिसमें कच्चे पाम तेल, कच्चे सोया तेल और…
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चीन के साथ तनाव के बावजूद ड्रैगन उन देशों की लिस्ट में टॉप पर, जहां से इंडिया ने पिछले साल इंपोर्ट किया [Source: दैनिक भास्कर हिंदी]
चीन के साथ तनाव के बावजूद ड्रैगन उन देशों की लिस्ट में टॉप पर, जहां से इंडिया ने पिछले साल इंपोर्ट किया [Source: दैनिक भास्कर हिंदी]
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच लद्दाख में चल रहे सीमा विवाद के बावजूद ड्रैगन उन देशों की लिस्ट में टॉप पर रहा जहां से इंडिया ने जनवरी से दिसंबर 2020 के दौरान इंपोर्ट किया। कॉमर्स एंड इंडस्ट्री स्टेट मिनिस्टर हरदीप सिंह पुरी ने बुधवार को लोकसभा में एक लिखित जवाब में बताया कि 2020 में भारत ने चीन से 58.71 अरब डॉलर का इंपोर्ट किया।
क्या कहा हरदीप सिंह पुरी ने?
हरदीप सिंह पुरी ने बताया…
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गडकरी का ऑटो कंपनियों को अल्टमेटम, स्वदेशी कलपुर्जों का इस्तेमाल नहीं बढ़ाया तो... Divya Sandesh
#Divyasandesh
गडकरी का ऑटो कंपनियों को अल्टमेटम, स्वदेशी कलपुर्जों का इस्तेमाल नहीं बढ़ाया तो...
नई दिल्लीऑटो सेक्टर (Auto sector) में स्वदेशी कलपुर्जों के इस्तेमाल को लेकर सरकार ने अपना रुख सख्त कर लिया है। केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने कहा कि अगर ऑटो कंपनियां स्वदेशी कलपुर्जों को बढ़ावा देने लिए गंभीरता नहीं दिखाती हैं तो सरकार इनके आयात पर कस्टम ड्यूटी बढ़ा देगी। उन्होंने कहा कि ऑटो कंपनियों को आयात बंद करना चाहिए और घरेलू कंपनियों को कम लागत पर आयात का विकल्प विकसित करना चाहिए।
गडकरी ने Automotive Component Manufacturers Association of India (ACMA) के छठे Technology Summit को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा, ‘मैं ऑटो मैन���युफैक्चरिंग कंपनियों से इस मुद्दे को गंभीरता से लेने का अनुरोध कर रहा हूं। अन्यथा हमें ऑटो पार्ट्स के आयात पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाने पर विचार करना होगा। इसलिए इंडस्ट्री के पास यह मेक इन इंडिया मूवमेंट को सपोर्ट करने का समय है।’
100 फीसदी स्वदेशी कलपुर्जों का हो इस्तेमालकेंद्र पहले ही ऑटोमोबाइल कंपोनेंट्स के आयात पर बेसिक कस्टम ड्यूटी बढ़ा चुका है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण () ने घरेलू उद्योग को बढ़ावा देने के लिए इलेक्ट्रिकल्स, ग्लास और इंजन कंपोनेंट्स जैसे कई बढ़ाकर 15 फीसदी कर दिया था। पहले इन पर इंपोर्ट ड्यूटी 7.5 फीसदी से 10 फीसदी थी।
गडकरी ने कहा, ‘कंपोनेंट्स सेक्टर की मजबूत क्षमताओं के कारण ही भारत में वाहन उद्योग करीब 70 फीसदी लोकलाइजेशन हासिल करने में कामयाब रहा है। मैं वाहन और कलपुर्जे बनानी वाली कंपनियों से अनुरोध करता हूं कि ज्यादा से ज्यादा घरेलू कलपुर्जों का इस्तेमाल करें। मैं 100 फीसदी स्वदेशी कलपुर्जों के इस्तेमाल की उम्मीद करता हूं। उन्होंने कहा कि ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को सपोर्ट करने के लिए सरकार वीकल स्क्रैपेज पॉलिसी को अंतिम रूप दे रही है। साथ ही स्टील जैसे कच्चे माल की कमी को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है।’
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PM Narendra Modi to discuss key issues with heads of global oil companies on Monday | पीएम नरेंद्र मोदी सोमवार को ग्लोबल ऑयल कंपनियों के प्रमुखों के साथ प्रमुख मुद्दों पर चर्चा करेंगे
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PM Narendra Modi to discuss key issues with heads of global oil companies on Monday | पीएम नरेंद्र मोदी सोमवार को ग्लोबल ऑयल कंपनियों के प्रमुखों के साथ प्रमुख मुद्दों पर चर्चा करेंगे
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PM Narendra Modi To Discuss Key Issues With Heads Of Global Oil Companies On Monday
नई दिल्लीएक घंटा पहले
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देश के क्रूड ऑयल इंपोर्ट में करीब 80% योगदान करने वाले ओपेके के महासचिव मुहम्मद सनुसी बर्किंडो भी इस वर्चुअल मीटिंग में शिरकत करेंगे
45 प्रमुख ग्लोबल ऑयल एंड गैस कंपनियों के CEO बैठक में ले सकते हैं हिस्सा
ADNOC, कतर पेट्रोलियम, बीपी पीएलसी, टोटल एसए, रोजनेफ्ट और रिलायंस इंडस्ट्र्रीज के प्रमुख भी बैठक में हिस्सा ले सकते हैं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को ऑयल एंड गैस सेक्टर की प्रमुख ग्लोबल और भारतीय कंपनियों के सीईओ के साथ बैठक करेंगे। इस वर्चुअल मीटिंग में अबुधाबी नेशनल ऑयल कंपनी (ADNOC), कतर पेट्रोलियम, बीपी पीएलसी, टोटल एसए, रोजनेफ्ट और रिलायंस इंडस्ट्र्रीज के प्रमुख भी हिस्सा ले सकते हैं। इससे पहले पीएम चार बार ऐसी बैठक कर चुके हैं।
ऑयल एंड गैस प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए भारत निजी निवेश आकर्षित करने की कोशिश कर रहा है। भारत 80 फीसदी तेल जरूरतों और आधी से अधिक प्राकृतिक गैस जरूरतों की पूर्ति आयात से करता है। देश के क्रूड ऑयल इंपोर्ट में करीब 80 फीसदी योगदान करने वाले ओपेके के महासचिव मुहम्मद सनुसी बर्किंडो भी इस बैठक में शिरकत करेंगे।
ओपनिंग रिमार्क पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान पेश करेंगे
पेरिस के इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर फातिह बिरोल, इंटरनेशनल एनर्जी फोरम के महासचिव जोसेफ मैक मोनिगल और गैस एक्सपोर्टिंग कंट्रीज फोरम के महासचिव यूरी सेंट्यूरिन भी मीटिंग में रहेंगे। ओपनिंग रिमार्क पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान पेश करेंगे।
भारत क्रूड ऑयल का तीसरा और LNG का चौथा सबसे बड़ा आयातक
PMO ने शुक्रवार को अपने बयान में कहा था कि भारत क्रूड ऑयल को तीसरा और LNG का चौथा सबसे बड़ा आयातक है। नीति आयोग ने प्रधानमंत्री और ग्लोबल ऑयल एंड गैस सीईओ की बैठक की शुरुआत 2016 में की थी। इस बार की मीटिंग में प्रमुख ऑयल एंड गैस कंपनियों के करीब 45 CEO शामिल हो सकते हैं।
सेरावीक इंडिया एनर्जी फोरम के मौके पर हो रही है यह बैठक
पीएम की यह बैठक सेरावीक इंडिया एनर्जी फोरम के मौके पर हो रही है। पुलित्जर प्राइज विनर अमेरिकन लेखक डेनियल येर्गिन के नेतृत्व में आयोजित इस फोरम को सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री अब्दुल्लाजिज बिन सलमान अल सौद और अमेरिका के ऊर्जा मंत्री डैन ब्रूलेट संबाधित करेंगे। 26-28 अक्टूबर को आयोजित होने वाले फोरम का उद्घाटन भाषण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देंगे।
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चीन के साथ तनाव के बावजूद ड्रैगन उन देशों की लिस्ट में टॉप पर, जहां से इंडिया ने पिछले साल इंपोर्ट किया [Source: दैनिक भास्कर हिंदी]
चीन के साथ तनाव के बावजूद ड्रैगन उन देशों की लिस्ट में टॉप पर, जहां से इंडिया ने पिछले साल इंपोर्ट किया [Source: दैनिक भास्कर हिंदी]
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच लद्दाख में चल रहे सीमा विवाद के बावजूद ड्रैगन उन देशों की लिस्ट में टॉप पर रहा जहां से इंडिया ने जनवरी से दिसंबर 2020 के दौरान इंपोर्ट किया। कॉमर्स एंड इंडस्ट्री स्टेट मिनिस्टर हरदीप सिंह पुरी ने बुधवार को लोकसभा में एक लिखित जवाब में बताया कि 2020 में भारत ने चीन से 58.71 अरब डॉलर का इंपोर्ट किया।
क्या कहा हरदीप सिंह पुरी ने?
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मोदी सरकार जल्द बदलने वाली है Coal सप्लाई से जुड़े कई नियम, इंपोर्ट खत्म करने पर फोकस
मोदी सरकार जल्द बदलने वाली है Coal सप्लाई से जुड़े कई नियम, इंपोर्ट खत्म करने पर फोकस
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मोदी सरकार जल्द बदलने वाली है कोल सप्लाई से जुड़े कई नियम, इंपोर्ट खत्म करने पर फोकस NTPC, Tata Power जैसी कंपनियों के कोस्टल पावर प्लांट्स को कोल इंडिया पूरा कोयला सप्लाई करेगी और वो भी कम कीमत पर. सरकार इसके लिए कोल सप्लाई से जुड़े नियमों में…
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तेजस के बाद अब दूसरे Made In India फाइटर जेट को मंजूरी, INS विक्रमादित्य और विक्रांत पर होगी तैनाती
यह नया फाइटर जेट अगले छह सालों में उड़ान भरने के लिए तैयार हो जाएगा.
खास बातें
तेजस के बाद दूसरा मेड इन इंडिया फाइटर जेट
ADA ने विकसित करने की दी मंजूरी
अगले छह सालों में उड़ान भरने के लिए होगा तैयार
नई दिल्ली:
नेवी के एयरक्राफ्ट कैरियर पर फाइटर जेट तेजस-एन के लैंडिग को लेकर हुए ट्रायल के सफल रहने के बाद अब एरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) ने दूसरे मेड-इन इंडिया फाइटर जेट को विकसित करने को लेकर मंजूरी दे दी है. यह डबल इंजन वाला फाइटर जेट होगा. NDTV को पता चला है कि 22 मई को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की नेवी और एयरफोर्स के चीफ के साथ हुई मुलाकात में ADA ने तेजस के एयरफोर्स के स्क्वॉड्रन सर्विस में शामिल हो जाने के बाद अब दूसरा फाइटर जेट बनाने की योजना पर चर्चा की, जिसके बाद रक्षा मंत्रालय के इंटीग्रेटेड हेडक्वॉर्टर (एकीकृत मुख्यालय) की ओर से इस नए फाइटर के लिए Operational Requirements (ORs) जारी कर दिए गए हैं.
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यह नया फाइटर जेट अगले छह सालों में उड़ान भरने के लिए तैयार हो जाएगा, जिसके बाद के सालों में इसे INS विक्रमादित्य और जल्द ही नौसेना के बेड़े में शामिल किए जाने वाले INS विक्रांत पर तैनात किया जाएगा. यह फाइटर जेट पूरी तरह भारत में निर्मित तेजस-एन प्रोटोटाइप का ट्विन इंजन इवॉल्यूशन होगा.
नया फाइटर जेट विकसित करने की यह योजना ऐसे समय में सामने आई है, जब केंद्र सरकार ने अपनी ‘आत्मनिर्भर योजना’ के तहत डिफेंस सेक्टर में बहुत से संरचनात्मक सुधारों की घोषणा की है. सरकार ने अपने डिफेंस इंपोर्ट में बड़ी कमी लाने का लक्ष्य रखा है.
नए फाइटर जेट की डिजाइनिंग और डेवलपमेंट में लगी टीम का कहना है कि यह तेजस-एन का एडवांस वेरिएंट है. इसके परफॉर्मेंस का लक्ष्य यूएस नेवी के सर्विस में शामिल Boeing के F/A-18 E/F ‘Super Hornet’ और फ्रेंच नेवी एयरक्राफ्ट कैरियर चार्ल्स डी गॉल पर तैनात मरीन रफाल के तुलना में रखने का है. टीम ने बताया कि इस नए जेट में इंडियन एयरफोर्स के एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) के लिए विकसित की जा सकने वाली तकनीकें शामिल की जा सकती हैं लेकिन यह स्टेल्थ फाइटर के कैटेगरी में नहीं आएगा. नए फाइटर जेट के लिए कम से कम तीन डिजाइनों पर अभी रिसर्च चल रही है.
फाइटर जेट पूरी तरह भारत में निर्मित तेजस-एन प्रोटोटाइप का ट्विन इंजन इवॉल्यूशन होगा.
सेना में शामिल हो जाने के बाद यह नया फाइटर जेट नौसेना के MiG-29K फाइटर जेट्स की जगह ले लेगा. फिलहाल INS विक्रमादित्य पर ये फाइटर जेट्स तैनात हैं. यूं तो ये हाई-परफॉर्मेंस जेट रहे हैं लेकिन नेवी इसमें सर्विस को लेकर बहुत सारी मुश्किलें झेल रही है. ऐसे में नए फाइटर जेट को इस पहलू पर ज्यादा भरोसेमंद बनाने की कोशिश चल रही है. प्रोजेक्ट पर करीब से काम कर रहे कुछ लोगों ने NDTV को बताया है कि संभावना है कि इस जेट पर कम से कम छह हवा से हवा में मार सकने वाली मिसाइलें लगेंगी और इस दौरान यह दो घंटों तक हवा में रह सकेगा.
वीडियो: तेजस का एक और स्क्वाड्रन
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चीन से आयातित सामानों पर बढ़ सकती है इंपोर्ट ड्यूटी, नितिन गडकरी ने दिए संकेत
चीन से आयातित सामानों पर बढ़ सकती है इंपोर्ट ड्यूटी, नितिन गडकरी ने दिए संकेत
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Photo:FILE PHOTO, PTI
Nitin Gadkari
नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने संकेत दिए हैं कि सरकार चीन से आयात होने वाली वस्तुओं पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ा सकती है। केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मोदी सरकार के एक साल पूरे होने के मौके पर इंडिया टीवी के विशेष कार्यक्रम में चीन से इंपोर्ट के मसले पर विस्तार से चर्चा की। इस विषय पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री…
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