बच्चों के लिए आ गई वैक्सीन, DCGI ने स्वदेशी वैक्सीन को दी मंजूरी
चैतन्य भारत न्यूजदेश को दूसरी स्वदेशी कोरोना रोधी वैक्सीन मिल गई है। सरकारी विशेषज्ञ समिति की ओर से सिफारिश के बाद डीसीजीआई ने जायडस कैडिला की कोरोना वैक्सीन ZyCoV-D के इस्तेमाल की आपात मंजूरी दे दी है। कोवाक्सिन के बाद यह दूसरी स्वदेशी वैक्सीन है। इसे 12 साल से ऊपर के लोगों को दिया जा सकेगा। इस वैक्सीन को तीन डोजों में दिया जाएगा। इस वैक्सीन को मिशन कोविड सुरक्षा के तहत भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के साथ मिलकर बनाया गया है। भारतीय कंपनी जायडस कैडिला की कोरोना वैक्सीन ZyCoV-D कई मायनों में खास है। इसकी एक या दो नहीं बल्कि तीन खुराक लेनी होंगी। साथ ही साथ यह नीडललेस है, मतलब इसे सुई से नहीं लगाया जाता। इसकी वजह से साइड इफेक्ट के खतरे भी कम रहते हैं।बिना सुई के लगेगी वैक्सीनजायडस कैडिला की कोरोना वैक्सीन पहली पालस्मिड DNA वैक्सीन है। इसके साथ-साथ इसे बिना सुई की मदद से फार्माजेट तकनीक से लगाया जाएगा, जिससे साइड इफेक्ट के खतरे कम होते हैं। बिना सुई वाले इंजेक्शन में दवा भरी जाती है, फिर उसे एक मशीन में लगाकर बांह पर लगाते हैं। मशीन पर लगे बटन को क्लिक करने से टीका की दवा अंदर शरीर में पहुंच जाती है।कितनी असरदार है वैक्सीन?28,000 से अधिक वालंटियर पर किए गए तीसरे चरण के ट्रायल अंतरिम नतीजों में यह वैक्सीन आरटी-पीसीआर पॉजिटिव केसों में 66-6% तक असरदार दिखी है। यह भारत में कोरोना वैक्सीन का अब तक का सबसे बड़ा ट्रायल था।पीएम बोले- भारत कोरोना की लड़ाई पूरी बहादुरी से लड़ रहाप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, भारत कोरोना की लड़ाई पूरी बहादुरी के साथ लड़ रहा है। दुनिया की पहली डीएनए आधारित जायडस कैडिला की वैक्सीन भारतीय वैज्ञानिकों के इनोवेटिव उत्साह को दर्शाती है।
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पुलवामा: स्वास्थ्यकर्मी नुसरत आरा ने कायम की मिसाल, 5 हजार से अधिक लोगों को लगाया कोरोना वैक्सीन
पुलवामा: स्वास्थ्यकर्मी नुसरत आरा ने कायम की मिसाल, 5 हजार से अधिक लोगों को लगाया कोरोना वैक्सीन
और: कोरोना के खराब होने और खराब होने के कारण जैसी स्थिति-वाक्य को खुश करने वाली खबर भी इस तरह से खराब होती है। दक्षिण कश्मीर पुलवामा
कर्मी 30 इकठ्ठा होने के लिए नस्ट में बैचों में शामिल होते थे।
पिछले 5 महीनो में नुसरत ने पुलवामा ज़िले में अकेले 5 हज़ार से अधिक लोगो को कोरोना की वैक्सीन लगाई है और 16 जनवरी 2021 से, जब देश में कोरोना टीकाकरण का कार्यक्रम शुरू हुआ, लगातार अपनी ड्यूटी अंजाम देती आ…
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फाइजर ने वापस लिया मंजूरी का आवेदन, ऐसे ही लगता रहा टीका तो 7 साल में पूरा होगा वैक्सिनेशन
फाइजर ने वापस लिया मंजूरी का आवेदन, ऐसे ही लगता रहा टीका तो 7 साल में पूरा होगा वैक्सिनेशन
अमेरिकी फार्मा कंपनी फाइजर ने कोरोना वैक्सीन के मंजूरी के लिए दिये गए आवेदन को वापस ले लिया है। फाइजर ने भारत में अपने कोरोना वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग के लिए सरकार के सामने आवेदन किया था। इस पूरे घटनाक्रम पर फाइजर के प्रवक्ता ने कहा है कि अपने वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग की मांग को ध्यान में रखते हुए फाइजर ने 3 फरवरी को ड्रग नियामक प्राधिकरण की विशेषज्ञ समिति की बैठक में भाग लिया था। बैठक में…
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ICMR के दावे पर विज्ञान मंत्रालय ने कहा- कोरोना वैक्सीन की 2021 तक आने की संभावना नहीं
New Delhi:कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) को लेकर ICMR दावे पर कई संगठन और विपक्ष तो सवाल उठा ही रहा था, अब विज्ञान मंत्रालय ने भी कह दिया है कि 2021 से पहले वैक्सीन के इस्तेमाल में आने की संभावना नहीं है।
ICMR ने दावा किया था कि 15 अगस्त तक कोरोना की वैक्सीन (Corona Vaccine) इस्तेमाल के लिए उपलब्ध होगी। उसने चुनिंदा अस्पतालों और संस्थाओं को ट्रायल की प्रक्रिया तेज करने का निर्देश भी दिया था। अब विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कहा है कि 140 वैक्सीन में से 11 ह्मूमन ट्रायल के लिए तैयार हैं लेकिन अगले साल तक बड़े पैमाने पर इस्तेमाल की गुंजाइश कम ही नजर आती है।
इंसानों पर ट्रायल के लिए 11 वैक्सीन (Corona Vaccine) तैयार हैं और इनमें से दो भारत में बनी हैं। एक आईसीएमआर और बायोटेक ने मिलकर बनाया है तो दूसरी जायडस कैडिला ने बनाई है। मंत्रालय ने रविवार को कहा कि 6 भारतीय कंपनियां टीके पर काम कर रही हैं। आईसीएमआर की 'कोवैक्सीन' भी ह्यूमन ट्रायल के लिए तैयार है और इसे मंजूरी मिल गई है।
विज्ञान मंत्रालय ने यह भी कहा कि दुनियाभर की 140 वैक्सीन (Corona Vaccine) में से 11 ह्यूमन ट्रायल की स्टेज में हैं और यह कोरोना के 'खात्मे की शुरुआत' है। मंत्रालय ने कहा कि कोरोना की वैक्सीन अंधेरे में रौशनी की एक उम्मीद की तरह होगी। यह भी कहा गया कि पहले भी भारत वैक्सीन बनाने के मामले में अग्रणी रहा है। यूनीसेफ को भी 60 प्रतिशत टीके की सप्लाइ भारत करता है।
अधिकारी का दावा, 1 साल से पहले वैक्सीन नहीं
ICMR ने जब दावा किया कि 15 अगस्त तक कोरोना का टीका इस्तेमाल में लाने की कोशिश की जाएगी तो इसके एक दिन बाद ही वैज्ञानिक एवं औद्योगिक विकास परिषद CSIR- CCMB के शीर्ष अधिकारी ने कहा कि इस
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केंद्र के बाद कोवाक्सिन का निर्माण करने के लिए मुंबई का हाफकीन, नोडल बने महामंत्री उद्धव ठाकरे
केंद्र के बाद कोवाक्सिन का निर्माण करने के लिए मुंबई का हाफकीन, नोडल बने महामंत्री उद्धव ठाकरे
मुंबई: केंद्र ने महाराष्ट्र सरकार के स्वामित्व वाली हैफेकिन संस्थान को भारत-बायोटेक के कोवाक्सिन, एक एंटी-कोरोनावैक्सीन वैक्सीन के निर्माण की अनुमति दी है। महाराष्ट्र सरकार ने पहले केंद्र से अनुरोध किया था कि वह हाफ़किन संस्थान को वैक्सीन का उत्पादन करने की अनुमति दे।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया, “भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने भारत के बायोटेक के कोवाक्सिन…
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खुशखबरी! भारत में कोरोना से ठीक हुए 70 लाख से ज्यादा मरीज #कोरोना #कोरोनावायरस #कोरोनावैक्सीन #ज्यादा #भारत #मरीज #लाख
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जल्द ही बच्चों को लगेगी वैक्सीन, जायडस कैडिला का ट्रायल लगभग पूरा
चैतन्य भारत न्यूज
देश में कोरोना के डेल्टा+ वैरिएंट के बढ़ते मामलों और संभावित तीसरी लहर में बच्चों के ज्यादा प्रभावित होने की खबरों के बीच उनके लिए टीके की तैयारियां तेज हो गई हैं। अभी भारत बायोटेक की कोवैक्सिन, फाइजर और जायडस कैडिला की वैक्सीन मंजूरी पाने के सबसे करीब है।
कोविड वर्किंग ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. एनके अरोड़ा ने रविवार को बताया कि जायडस कैडिला की वैक्सीन का ट्रायल लगभग पूरा हो चुका है। जुलाई के आखिर तक या अगस्त में हम 12 से 18 साल उम्र के बच्चों को टीका देना शुरू कर सकते हैं।
हर दिन एक करोड़ डोज लगाने का लक्ष्य
उन्होंने कहा कि ICMR एक स्टडी लेकर आया है। इसमें कहा गया है कि तीसरी लहर देर से आने की संभावना है। हमारे पास देश में हर किसी के वैक्सीनेशन के लिए 6-8 महीने का समय है। आने वाले दिनों में हमारा लक्ष्य हर दिन 1 करोड़ डोज लगाने का है।
एम्स चीफ बोले- बच्चों के लिए वैक्सीन आने से स्कूल खोले जा सकेंगे
एम्स चीफ डॉ. रणदीप गुलेरिया का कहना है कि बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन आना मील का पत्थर हासिल करने जैसी उपलब्धि होगी। इससे स्कूलों को फिर से खोलने और आउटडोर एक्टिविटी फिर से शुरू करने का रास्ता खुलेगा। गुलेरिया ने यह बात शनिवार को न्यूज एजेंसी PTI से बातचीत में कही।
बच्चों के लिए तीन वैक्सीन
भारत बायोटेक की कोवैक्सिन के 2 से 18 साल उम्र के बच्चों पर हुए फेज 2 और 3 के ट्रायल के नतीजे सितंबर तक आने की उम्मीद है। ड्रग रेगुलेटर से मंजूरी के बाद उस समय के आसपास भारत में बच्चों के लिए टीका आ सकता है।
अगर इससे पहले फाइजर की वैक्सीन को मंजूरी मिल जाती है, तो यह भी बच्चों के लिए एक विकल्प हो सकता है।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के मुताबिक, जायडस कैडिला भी जल्द ही अपनी कोरोना वैक्सीन ZyCoV-D के इमरजेंसी यूज के अप्रूवल के लिए ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया के पास अप्लाई कर सकती है। कंपनी का दावा है कि यह टीका वयस्कों और बच्चों दोनों को दिया जा सकता है।
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बच्चों के लिए बढ़ी कोरोना वैक्सीन की उम्मीद, जुलाई से Novavax का क्लिनिकल ट्रायल होगा शुरू
चैतन्य भारत न्यूज
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया बच्चों पर नोवावैक्स वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल शुरू करने की योजना बना रही है। 90.4 फीसदी तक असरदार कोरोना की नोवावैक्स वैक्सीन पर अगले महीने परीक्षण शुरू हो सकता है। सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदर पूनावाला ने जुलाई माह में यह परीक्षण शुरू होने की संभावना जताई है।
बच्चों पर क्लीनिकल ट्रायल वाली चौथी वैक्सीन
हालांकि, बच्चों पर क्लीनिकल ट्रायल में जाने वाली देश की यह कोई पहली वैक्सीन नहीं होगी। इससे पहले 3 और वैक्सीन का बच्चों पर क्लीनिकल ट्रायल हुआ है। देसी कोवैक्सीन के बच्चों पर क्लीनिकल ट्रायल की तैयारी पहले से ही चल रही है और दिल्ली एम्स में इसके लिए स्क्रीनिंग की प्रक्रिया शुरू भी हो चुकी है।
अमेरिकी कंपनी नोवावैक्स ने सीरम से किया है करार
अमेरिकी बायोटेक्नॉलजी कंपनी नोवावैक्स ने पिछले साल सितंबर में सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया से कोरोना वैक्सीन बनवाने का समझौता किया था। सीरम को उम्मीद है कि सितंबर तक वह देश में नोवावैक्स वैक्सीन को 'कोवावैक्स' के नाम से लॉन्च करने में सफल हो जाएगी। भारत में उसका ब्रीजिंग ट्रायल अंतिम दौर में है। हालांकि, बच्चों पर इसका अलग से क्लीनिकल ट्रायल होगा और उसमें सबकुछ ठीक होने के बाद ही यह बच्चों के लिए उपलब्ध होगी।
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बच्चों के लिए बढ़ी कोरोना वैक्सीन की उम्मीद, जुलाई से Novavax का क्लिनिकल ट्रायल होगा शुरू
चैतन्य भारत न्यूज
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया बच्चों पर नोवावैक्स वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल शुरू करने की योजना बना रही है। 90.4 फीसदी तक असरदार कोरोना की नोवावैक्स वैक्सीन पर अगले महीने परीक्षण शुरू हो सकता है। सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदर पूनावाला ने जुलाई माह में यह परीक्षण शुरू होने की संभावना जताई है।
बच्चों पर क्लीनिकल ट्रायल वाली चौथी वैक्सीन
हालांकि, बच्चों पर क्लीनिकल ट्रायल में जाने वाली देश की यह कोई पहली वैक्सीन नहीं होगी। इससे पहले 3 और वैक्सीन का बच्चों पर क्लीनिकल ट्रायल हुआ है। देसी कोवैक्सीन के बच्चों पर क्लीनिकल ट्रायल की तैयारी पहले से ही चल रही है और दिल्ली एम्स में इसके लिए स्क्रीनिंग की प्रक्रिया शुरू भी हो चुकी है।
अमेरिकी कंपनी नोवावैक्स ने सीरम से किया है करार
अमेरिकी बायोटेक्नॉलजी कंपनी नोवावैक्स ने पिछले साल सितंबर में सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया से कोरोना वैक्सीन बनवाने का समझौता किया था। सीरम को उम्मीद है कि सितंबर तक वह देश में नोवावैक्स वैक्सीन को 'कोवावैक्स' के नाम से लॉन्च करने में सफल हो जाएगी। भारत में उसका ब्रीजिंग ट्रायल अंतिम दौर में है। हालांकि, बच्चों पर इसका अलग से क्लीनिकल ट्रायल होगा और उसमें सबकुछ ठीक होने के बाद ही यह बच्चों के लिए उपलब्ध होगी।
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18-44 साल के लोग अब बिना स्लॉट बुक किए ही लगवा सकेंगे वैक्सीन, स्वास्थ्य मंत्रालय ने बदला नियम
चैतन्य भारत न्यूज
सरकार ने वैक्सिनेशन के नियमों में बदलाव किया है। इससे 18-44 एज ग्रुप के लोगों को काफी राहत मिलेगी। वैक्सीनेशन ड्राइव में सोमवार को एक नई सुविधा दी गई है। 18 से 44 साल की आयु के लोगों को अब पहले से ऑनल��इन अपॉइंटमेंट लेने की जरूरत नहीं होगी। इसकी शुरुआत आज यानी 24 मई से हो गई है।
On-site registration & appointment is now being enabled for the 18-44 years age group on CoWIN. However, this feature is being enabled only for Government #COVID Vaccination Centers (CVCs), at the present moment in time: Union Ministry of Health and Family Welfare
— ANI (@ANI) May 24, 2021
सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने आदेश दिया है कि इस आयु वर्ग के लोग सीधे वैक्सीनेशन केंद्रों पर पहुंचकर टीका लगवा सकेंगे। यानी कि इस वर्ग के लोगों के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा तो रहेगी ही, अब लोग ऑफलाइन भी वैक्सीनेशन सेंटर पर जाकर रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे।
वेस्टेज रोकने के लिए किया फैसला
दरअसल, जब से 18-44 आयु वर्ग के लोगों के लिए वैक्सीनेशन शुरू हुआ है तब से हर दिन हजारों लोग Cowin पोर्टल पर वैक्सीन के लिए स्लॉट बुक करने के लिए जाते हैं और खाली हाथ लौट आते हैं। कई राज्यों से वैक्सीन के लिए स्लॉट बुक किए जाने के बाद भी लोग वैक्सीनेशन सेंटर नहीं पहुंच रहे थे। ऐसे में वैक्सीन वेस्टेज के मामले बढ़ रहे थे। इन रिपोर्ट्स के आधार पर ही केंद्र ने यह फैसला लिया है। इसके अलावा ग्रामीण इलाकों में लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था।
यह सुविधा इसलिए शुरू की जा रही है, जिससे कि टीके की बरबादी रोकी जा सके। यानी कि अगर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के जरिए उतने लाभार्थी नहीं पहुंच रहे और वैक्सीन की डोज़ उपलब्ध हैं, तो सेंटर पर भी रजिस्टर्ड लोगों को वैक्सीन लगाई जाएंगी। मंत्रालय की ओर से साफतौर पर कहा गया है कि यह सुविधा फिलहाल केवल सरकारी वैक्सीनेशन केंद्र पर ही उपलब्ध है।
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18-44 साल के लोग अब बिना स्लॉट बुक किए ही लगवा सकेंगे वैक्सीन, स्वास्थ्य मंत्रालय ने बदला नियम
चैतन्य भारत न्यूज
सरकार ने वैक्सिनेशन के नियमों में बदलाव किया है। इससे 18-44 एज ग्रुप के लोगों को काफी राहत मिलेगी। वैक्सीनेशन ड्राइव में सोमवार को एक नई सुविधा दी गई है। 18 से 44 साल की आयु के लोगों को अब पहले से ऑनलाइन अपॉइंटमेंट लेने की जरूरत नहीं होगी। इसकी शुरुआत आज यानी 24 मई से हो गई है।
On-site registration & appointment is now being enabled for the 18-44 years age group on CoWIN. However, this feature is being enabled only for Government #COVID Vaccination Centers (CVCs), at the present moment in time: Union Ministry of Health and Family Welfare
— ANI (@ANI) May 24, 2021
सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने आदेश दिया है कि इस आयु वर्ग के लोग सीधे वैक्सीनेशन केंद्रों पर पहुंचकर टीका लगवा सकेंगे। यानी कि इस वर्ग के लोगों के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा तो रहेगी ही, अब लोग ऑफलाइन भी वैक्सीनेशन सेंटर पर जाकर रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे।
वेस्टेज रोकने के लिए किया फैसला
दरअसल, जब से 18-44 आयु वर्ग के लोगों के लिए वैक्सीनेशन शुरू हुआ है तब से हर दिन हजारों लोग Cowin पोर्टल पर वैक्सीन के लिए स्लॉट बुक करने के लिए जाते हैं और खाली हाथ लौट आते हैं। कई राज्यों से वैक्सीन के लिए स्लॉट बुक किए जाने के बाद भी लोग वैक्सीनेशन सेंटर नहीं पहुंच रहे थे। ऐसे में वैक्सीन वेस्टेज के मामले बढ़ रहे थे। इन रिपोर्ट्स के आधार पर ही केंद्र ने यह फैसला लिया है। इसके अलावा ग्रामीण इलाकों में लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था।
यह सुविधा इसलिए शुरू की जा रही है, जिससे कि टीके की बरबादी रोकी जा सके। यानी कि अगर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के जरिए उतने लाभार्थी नहीं पहुंच रहे और वैक्सीन की डोज़ उपलब्ध हैं, तो सेंटर पर भी रजिस्टर्ड लोगों को वैक्सीन लगाई जाएंगी। मंत्रालय की ओर से साफतौर पर कहा गया है कि यह सुविधा फिलहाल केवल सरकारी वैक्सीनेशन केंद्र पर ही उपलब्ध है।
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अब कोरोना से रिकवरी के तीन महीने बाद लगेगी वैक्सीन, स्तनपान कराने वाली मां भी लगवा सकती है वैक्सीन
चैतन्य भारत न्यूज
NEGVAC की तरफ से कोरोना वैक्सीन लगाने को लेकर दिए गए सुझाव को स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है। इसे लेकर अब एक नई गाइडलाइन जारी कर दी गई है। अब बच्चे को अपना दूध पिलाने वाली माताएं भी वैक्सीन लगवा सकती हैं।
नई गाइडलाइन की खास बातें-
अगर वैक्सीन की पहली डोज लेेने के बाद कोई संक्रमित होता है तो दूसरी डोज रिकवरी के तीन महीने बाद दी जाएगी।
स्तनपान करा रही सभी महिलाओं को कोरोना वैक्सीन की डोज देने के लिए कहा गया है।
कोरोना वैक्सीन की डोज लेने गए लोगों का एंटीजन टेस्ट करने से भी मना किया गया है।
अगर कोई व्यक्ति गंभीर बीमारी से पीड़ित है, उसे हॉस्पिटलाइजेशन या ICU की जरूरत है तो उसे भी वैक्सीनेशन के लिए 4-8 हफ्ते इंतजार करना होगा, उसके बाद उसे वैक्सीन लगाई जा सकती है।
कोई भी व्यक्ति वैक्सीन लगवाने के 14 दिन बाद ब्लड डोनेट कर सकता है। अगर कोई व्यक्ति कोविड पीड़ित है और 14 दिन बाद उसकी RT-PCR रिपोर्ट निगेटिव आई है तो वह भी ब्लड डोनेट कर सकता है।
गर्भवती महिलाओं को वैक्सीन देने को लेकर विचार किया जा रहा है। NTAGI की तरफ से इस मामले पर आगे की जानकारी दी जाएगी।
देश में कोरोना महामारी आंकड़ों में
बीते 24 घंटे में कुल नए केस आए: 2.67 लाख
बीते 24 घंटे में कुल ठीक हुए: 3.89 लाख
बीते 24 घंटे में कुल मौतें: 4,525
अब तक कुल संक्रमित हो चुके: 2.54 करोड़
अब तक ठीक हुए: 2.19 करोड़
अब तक कुल मौतें: 2.83 लाख
अभी इलाज करा रहे मरीजों की कुल संख्या: 32.21 लाख
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कोरोना से ठीक हुए लोगों को 9 महीने बाद लगेगी वैक्सीन! फिर बदलेगा नियम
चैतन्य भारत न्यूज
सोमवार को ही एम्स और आईसीएमआर ने कोरोना मरीजों को लेकर नई गाइडलाइंस जारी की थी। इसमें सबसे बड़ा बदलाव प्लाज्मा थेरेपी पर रोक को लेकर था। हाल ही में यह जानकारी सामने आई है कि कोरोना संक्रमित को पूरी तरह से ठीक होने के नौ माह बाद ही कोविड-19 वैक्सीन लग सकेगी।
पहले 6 महीने का सुझाव दिया था
जानकारी के मुताबिक, नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप ऑन वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से जल्द ही इस पर फैसला किया जा सकता है। बता दें कुछ दिन पहले ही NTAGI ने पहले छह महीने के अंतर का सुझाव दिया था। पैनल ने अब नौ महीने के लंबे अंतराल के लिए मंजूरी के लिए सरकार को सलाह दिया है।
एक्सपर्ट ग्रुप ने दिया है सुझाव
जानकारी के मुताबिक नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप ऑन वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन ग्रुप ने कोरोना संक्रमण से रिकवरी के नौ महीने बाद ही टीका लगवाने का सुझाव दिया है। एक्सपर्ट ग्रुप की ओर से तथ्यों को देखते हुए इस तरह का सुझाव दिया गया है। भारत में कोरोना की पहली लहर के दौरान दोबारा कोविड-19 संक्रमण की दर 4.5 फीसदी तक थी। इस दौरान दोबारा संक्रमण के बीत 102 दिन का अंतर देखने को मिला था। वहीं, कुछ देशों में स्टडी में पाया गया है कि कोरोना संक्रमित के बाद 6 महीने तक इम्युनिटी रह सकती है, इसलिए इतना वक्त जरूरी है।
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कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों को खतरा, 2 से 18 साल के आयुवर्ग के लिए कोवैक्सिन के ट्रायल को मंजूरी
चैतन्य भारत न्यूज
देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर की तबाही जारी है। 18 साल से ऊपर वालों के लिए तो वैक्सीन आ गई है, लेकिन बच्चे अब भी इस वायरस के संक्रमण से असुरक्षित हैं। कनाडा और अमेरिका के बाद भारत में भी 2 से 18 साल के एज ग्रुप के लिए भी कोरोना की स्वदेशी वैक्सीन तैयार हो जाएगी।
दरअसल, महामारी की तीसरी लहर को लेकर चेतावनी जारी की गई है, जिसमें सबसे अधिक बच्चों के संक्रमित होने की आशंका जताई गई है। इसे देखते हुए बड़ा कदम उठाया गया है। एक विशेषज्ञ समिति ने मंगलवार को 2 से 18 आयुवर्ग के लिए भारत बायोटेक के कोविड वैक्सीन के दूसरे/तीसरे चरण के लिए परीक्षण की सिफारिश की थी, जिसे भारत सरकार ने मंजूरी दे दी है। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
यह ट्रायल AIIMS दिल्ली, AIIMS पटना और मेडिट्रिना इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज नागपुर में 525 विषयों पर किया जाएगा। सब्जेक्ट एक्सपर्ट्स कमेटी ने मंगलवार को हैदराबाद में भारत बायोटेक के प्रस्ताव पर विचार किया।
कंपनी ने मांगी थी अनुमति
बता दें कि केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की कोविड-19 विषय विशेषज्ञ समिति ने मंगलवार को भारत बायोटेक द्वारा किए गए उस आवेदन पर विचार-विमर्श किया, जिसमें उसके कोवैक्सीन टीके की 2 साल से 18 साल के बच्चों में सुरक्षा और रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने समेत अन्य चीजों का आकलन करने के लिए परीक्षण के दूसरे/तीसरे चरण की अनुमति देने का अनुरोध किया गया था। ए
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RTI से खुलासा: जनवरी से अब तक कोरोना वैक्सीन के 44 लाख से ज्यादा डोज हुए बर्बाद
चैतन्य भारत न्यूज
देशभर में कोरोना वायरस वैक्सीन के कारण वैक्सीनेशन की रफ्तार धीमी पड़ गई है। ऐसे में केंद्र सरकार वैक्सीन के उत्पादन को तेजी से बढ़ाने पर जोर दे रही है। इस बीच एक RTI से ऐसी जानकारी सामने आई है जिनसे सभी को हैरान कर दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक, देश में अब तक 44 लाख से ज्यादा वैक्सीन की डोज बर्बाद हो चुकी हैं।
इन राज्यों में सबसे ज्यादा बर्बादी
सूचना के अधिकार RTI के तहत मिली जानकारी के मुताबिक, इस साल जनवरी में शुरू हुए टीकाकरण अभियान से अब तक 44 लाख से ज्यादा डोज बर्बाद हो चुकी हैं। सबसे ज्यादा 12.10% डोज की बर्बादी तमिलनाडु में हुई है। इसके बाद हरियाणा (9.74%), पंजाब (8.12%), मणिपुर (7.8%) और तेलंगाना (7.55%) का स्थान है।
बर्बादी की ये है वजह
जानकारों का इस बारे में कहना है कि शुरुआती दौर में वैक्सीन की सबसे ज्यादा बर्बादी हुई थी। इसकी वजह यह थी कि लोग टीका लगवाने बहुत कम संख्या में आते थे। दरअसल होता यह है कि टीके के एक वायल में 10 से 12 डोज होते हैं। वायल खोलने के बाद अगर एक निश्चित समय (करीब आधा घंटे) के भीतर उसे नहीं लगाया गया तो वह बेकार हो जाएगा।
इन राज्यों में कम बर्बादी
खबर के अनुसार, अंडमान एवं निकोबार, दमन एवं दीव, गोवा, हिमाचल प्रदेश, केरल, लक्षद्वीप, मिजोरम और पश्चिम बंगाल में सबसे कम बर्बादी हुई है।
1 मई से 18+ को टीका
गौरतलब है कि देश में कोरोना के रिकॉर्ड बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने 1 मई से 18 साल से ऊपर के सभी लोगों के वैक्सीनेशन का ऐलान किया है। इसके लिए बड़े पैमाने पर टीके की जरूरत होगी। देश में जो दो कंपनियां टीका बना रही है उनके द्वारा इस मांग की आपूर्ति संभव नहीं है। इसलिए सरकार ने विदेशी टीकों को लाने की इजाजत दी है।
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RTI से खुलासा: जनवरी से अब तक कोरोना वैक्सीन के 44 लाख से ज्यादा डोज हुए बर्बाद
चैतन्य भारत न्यूज
देशभर में कोरोना वायरस वैक्सीन के कारण वैक्सीनेशन की रफ्तार धीमी पड़ गई है। ऐसे में केंद्र सरकार वैक्सीन के उत्पादन को तेजी से बढ़ाने पर जोर दे रही है। इस बीच एक RTI से ऐसी जानकारी सामने आई है जिनसे सभी को हैरान कर दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक, देश में अब तक 44 लाख से ज्यादा वैक्सीन की डोज बर्बाद हो चुकी हैं।
इन राज्यों में सबसे ज्यादा बर्बादी
सूचना के अधिकार RTI के तहत मिली जानकारी के मुताबिक, इस साल जनवरी में शुरू हुए टीकाकरण अभियान से अब तक 44 लाख से ज्यादा डोज बर्बाद हो चुकी हैं। सबसे ज्यादा 12.10% डोज की बर्बादी तमिलनाडु में हुई है। इसके बाद हरियाणा (9.74%), पंजाब (8.12%), मणिपुर (7.8%) और तेलंगाना (7.55%) का स्थान है।
बर्बादी की ये है वजह
जानकारों का इस बारे में कहना है कि शुरुआती दौर में वैक्सीन की सबसे ज्यादा बर्बादी हुई थी। इसकी वजह यह थी कि लोग टीका लगवाने बहुत कम संख्या में आते थे। दरअसल होता यह है कि टीके के एक वायल में 10 से 12 डोज होते हैं। वायल खोलने के बाद अगर एक निश्चित समय (करीब आधा घंटे) के भीतर उसे नहीं लगाया गया तो वह बेकार हो जाएगा।
इन राज्यों में कम बर्बादी
खबर के अनुसार, अंडमान एवं निकोबार, दमन एवं दीव, गोवा, हिमाचल प्रदेश, केरल, लक्षद्वीप, मिजोरम और पश्चिम बंगाल में सबसे कम बर्बादी हुई है।
1 मई से 18+ को टीका
गौरतलब है कि देश में कोरोना के रिकॉर्ड बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने 1 मई से 18 साल से ऊपर के सभी लोगों के वैक्सीनेशन का ऐलान किया है। इसके लिए बड़े पैमाने पर टीके की जरूरत होगी। देश में जो दो कंपनियां टीका बना रही है उनके द्वारा इस मांग की आपूर्ति संभव नहीं है। इसलिए सरकार ने विदेशी टीकों को लाने की इजाजत दी है।
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