#कोलेस्ट्रॉल
Explore tagged Tumblr posts
Text
🩺✨ आयुर्वेदिक दवा कोलेस्ट्रॉल के लिए - लाइफ गार्ड एडवांस!

🩺✨ आयुर्वेदिक दवा कोलेस्ट्रॉल के लिए - लाइफ गार्ड एडवांस! स्वास्थ्य का ख्याल रखें और अपने दिल को सुरक्षित बनाएं। लाइफ गार्ड एडवांस के साथ प्राकृतिक तरीके से कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करें! 🌿❤️ #आयुर्वेद #स्वास्थ्य #कोलेस्ट्रॉल
ऑनलाइन ऑर्डर के लिए हमारी वेबसाइट पर जाएँ- https://www.shrichyawanayurved.com/products/best-medicine-for-cholesterol-life-guard-advance 📞📞 95162 64444
1 note
·
View note
Text

Bhutta Cholesterol ka Dushman
भुट्टा कोलेस्ट्रॉल का दुशमन
Hamare Yahan Sabhi Bimariyon Ka Tasalli Bakhsh Ilaj Tibbe Unani Ke Zariye Kiya Jata Hai
Raheemi Shifa Khana (RSK Herbal)
Mob: 9343712908
Ph: 080-23180000 / 080-23397836
www.raheemishifakhana.com
-
-
Home Remedies for Cholesterol
#RSK_Herbal#RSKHerbal#RaheemiShifaKhana#healthyfood#Healt#Herbal#Ayurved#भुट्टा#कोलेस्ट्रॉल#ब्लड_प्रेशर#दिल_के_दौरे#फालिज#Bhutta#Cholesterol#Blood_Pressure#Faliz#Paralysis
1 note
·
View note
Text
कोलेस्ट्रॉल क्या है?
कोलेस्ट्रॉल क्या है?: "कोलेस्ट्रॉल एक प्रकार का वसा-युक्त लिपिड (लिपिड) है जो हमारे शरीर में पाया जाता है। यह तत्व शरीर के लिए आवश्यक होता है, क्योंकि इससे स्वतंत्र रूप से सेल मेम्ब्रेन और हार्मोन निर्माण की प्रक्रिया संभव होती है।
कोलेस्ट्रॉल दो प्रमुख प्रकार का होता है: एचडीएल (High-density lipoprotein, HDL) और एलडीएल (Low-density lipoprotein, LDL)।
एचडीएल (HDL): एचडीएल को अच्छा कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है क्योंकि यह शरीर में जमा हुआ विषाणु-युक्त कोलेस्ट्रॉल को खारिज करता है। यह सेहत के लिए उपयोगी होता है और हृदय रोग के जोखिम को कम करने में मदद करता है।
एलडीएल (LDL): एलडीएल को बुरा कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है क्योंकि इसकी अधिक मात्रा में होने पर यह आराम से शरीर के अन्य हिस्सों में जमा होकर नसों को बंद कर सकता है और धमनीयों में फैट जमने का कारण बन सकता है। एलडीएल के उच्च स्तर को हृदय रोग के जोखिम के रूप में माना जाता है"
0 notes
Text
youtube
सेहत के लिए तिल के फायदे
तिल के बीज का लाभ (Benefits of Sesame Seeds) •पोषक तत्वों से भरपूर: ... •हृदय स्वास्थ्य (Healthy Heart): ... •हड्डियों का स्वास्थ्य(Healthy Bone): ... •तिल के बीज के एंटीऑक्सीडेंट गुण (Antioxidant properties of sesame seeds): ... •पाचन स्वास्थ्य(Digestion): ... •ब्लड शुगर रेगुलेशन: ... •त्वचा और बालों का स्वास्थ्य: ... •हार्मोनल संतुलन का समर्थन: तिल खाने के फायदे पाचन में सुधार- तिल में अच्छी मात्रा में फाइबर होता है, जो पाचन को बेहतर बनाने में मदद करता है। इसके सेवन से कब्ज जैसी समस्याओं को रोकने में मदद मिलती है। हड्डियों की मजबूती- तिल में कैल्शियम, मैग्नीशियम और जिंक की अच्छी मात्रा होती है, जो हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करती है जिंक, कैल्शियम और फॉस्फोरस से भरपूर तिल का सेवन करने से सर्दी में जोड़ों के दर्द (joint pain)से राहत मिलती है। प्रोटीन, कैल्शियम, कॉपर,आयरन और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्वों से भरपूर तिल का सेवन याददाश्त (memory)को दुरुस्त करता है और बॉडी को हेल्दी रखता है। इसका उपयोग खांसी , मधुमेह, उच्च कोलेस्ट्रॉल, हृदय रोग और कई अन्य स्थितियों के लिए भी किया जाता है, लेकिन इन उपयोगों का समर्थन करने के लिए कोई अच्छा वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। 2021 तक, तिल को अमेरिका में एक प्रमुख खाद्य एलर्जी माना जाता है। #health #fitness #healthylifestyle #wellness #healthy #motivation #gym #workout #lifestyle #fit #love #nutrition #fitnessmotivation #training #weightloss #exercise #healthyfood #bodybuilding #healthcare #fitfam #healthyliving #selfcare #beauty #instagood #mentalhealth #life #gymlife #diet #personaltrainer #food #muscle #yoga #healing #vegan #sport #medicine #skincare #medical #goals #organic #natural #gymmotivation #doctor #healthyeating #covid #wellbeing #strong #selflove #crossfit #bhfyp #strength #instagram #inspiration #weightlossjourney #healthylife #nature #cardio #happy #fitspo #follow
#तिल के बीज का लाभ (Benefits of Sesame Seeds)#•पोषक तत्वों से भरपूर: ...#•हृदय स्वास्थ्य (Healthy Heart): ...#•हड्डियों का स्वास्थ्य(Healthy Bone): ...#•तिल के बीज के एंटीऑक्सीडेंट गुण (Antioxidant properties of sesame seeds): ...#•पाचन स्वास्थ्य(Digestion): ...#•ब्लड शुगर रेगुलेशन: ...#•त्वचा और बालों का स्वास्थ्य: ...#•हार्मोनल संतुलन का समर्थन:#तिल खाने के फायदे#पाचन में सुधार- तिल में अच्छी मात्रा में फाइबर होता है#जो पाचन को बेहतर बनाने में मदद करता है। इसके सेवन से कब्ज जैसी समस्याओं को रोकने में मदद मिलती ह#मैग्नीशियम और जिंक की अच्छी मात्रा होती है#जो हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करती है#जिंक#कैल्शियम और फॉस्फोरस से भरपूर तिल का सेवन करने से सर्दी में जोड़ों के दर्द (joint pain)से राहत मिलती है#कैल्शियम#कॉपर#आयरन और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्वों से भरपूर तिल का सेवन याददाश्त (memory)को दुरुस्त करता है और बॉड#इसका उपयोग खांसी#मधुमेह#उच्च कोलेस्ट्रॉल#हृदय रोग और कई अन्य स्थितियों के लिए भी किया जाता है#लेकिन इन उपयोगों का समर्थन करने के लिए कोई अच्छा वैज्ञानिक प्रमा�� नहीं है। 2021 तक#तिल को अमेरिका में एक प्रमुख खाद्य एलर्जी माना जाता है।#health#fitness#healthylifestyle#wellness#healthy
0 notes
Text
यदि सर्दियों में बढ़ जाता है कोलेस्ट्रॉल, तो इस तरह से करें बचाव
Cholesterol Control Tips आजकल की जीवनशैली में विश्व में कई लोग कोलेस्ट्रॉल की समस्या से जूझ रहे हैं. इस लेख में हम आपको बतायेंगे की कोलेस्ट्रॉल को कैसे नियंत्रित किया जा सकता है। और इससे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण अन्य जानकारियां । कोलेस्ट्रॉल के प्रकार कोलेस्ट्रोल मुख्यतः दो प्रकार के होते है । गुड कोलेस्ट्रॉल (HDL): गुड कोलेस्ट्रॉल सेहत के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है , इसे हाई डेंसिटी…

View On WordPress
#bad cholesterol#Cholesterol In Winter#Food to reduced high cholesterol in winter#good cholesterol#health#high Cholesterol#high cholesterol diet#high cholesterol ke lakshan#high cholesterol level#high cholesterol symptoms#LIfestyle#हाई कोलेस्ट्रॉल के लक्षण#हाई कोलेस्ट्रॉल क्या है#हाई कोलेस्ट्रॉल फूड्स#हाई कोलेस्ट्रॉल सिम्पटम्स
0 notes
Text
Jeevan Shanti Ayurveda Jamun नीम जूस - 500gm | ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करन��� में मदद करता है और खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करता है | मेटाबोलिक और पाचन स्वास्थ्य के लिए अच्छा है | डायबिटिक केयर के लिए आयुर्वेदिक
इस आइटम के बारे में
1. 100% आयुर्वेदिक, शुद्ध, प्राकृतिक और सुरक्षित 2. सिंथेटिक रंग और स्वाद से मुक्त 3. स्वस्थ रक्त शर्करा का समर्थन करता है; स्वस्थ ग्लूकोज स्तर को बढ़ावा देने में मदद करता है 4. मेटाबोलिक और पाचन स्वास्थ्य के लिए अच्छा है
What's app number:- +91 97737 03760
Website:- www.jeevanshantiayurveda.com/
2 notes
·
View notes
Text
गुड़हल (Hibiscus) – Amazing Health Benefits | एक खूबसूरत फूल, सौंदर्य और सेहत का खज़ाना!
क्या आप जानते हैं कि आपके गार्डन में खिला यह खूबसूरत लाल फूल सिर्फ शोभा ही नहीं बढ़ाता, बल्कि आपकी सेहत का भी रक्षक है? जी हां, हम बात कर रहे हैं गुड़हल की — जिसे इंग्लिश में Hibiscus कहते हैं। आइए जानें इस आम दिखने वाले लेकिन चमत्कारी पौधे के बारे में, जो आपकी हार्ट हेल्थ से लेकर बालों की खूबसूरती तक, हर जगह कमाल करता है।
🌿 गुड़हल क्या है और कहां पाया जाता है?
गुड़हल एक झाड़ीदार पौधा है, जो बहुत ही आसानी से पार्कों, गमलों, सड़कों के किनारे या आपके टेरेस गार्डन में पाया जा सकता है। इसके फूल इतने सुंदर होते हैं कि किस�� का भी मन मोह लें। आमतौर पर लाल रंग के फूल अधिक देखे जाते हैं, जिसे हम "देसी गुड़हल" कहते हैं।
लेकिन इसकी खूबसूरती के पीछे छुपा है एक जबरदस्त औषधीय गुणों का खजाना।
🧬 न्यूट्रिशनल प्रोफाइल – पोषक तत्वों से भरपूर
गुड़हल के फूल में छिपे हैं वो सारे जरूरी न्यूट्रिएंट्स जो शरीर को तंदुरुस्त बनाए रखते हैं:
विटामिन्स: A, C, E, और पूरा B-कॉम्प्लेक्स (B1, B2, B3, B5, B6, B9)
मिनरल्स: कैल्शियम, आयरन, जिंक, मैग्नीशियम, पोटैशियम, फॉस्फोरस
फाइटोन्यूट्रिएंट्स: एंथोसायनिन्स, फ्लैवोनोइड्स, बीटा कैरोटीन
फाइबर, प्रोटीन, लो फैट और कई एंटीऑक्सीडेंट्स
❤️ हार्ट की सेहत का रक्षक
गुड़हल के फूल हार्ट को ताजगी और ताक़त देते हैं।
कोलेस्ट्रॉल को बैलेंस करते हैं (LDL घटाएं, HDL बढ़ाएं)
ब्लड प्रेशर कंट्रोल में सहायक
हाइपरटेंशन के मरीज़ों के लिए बेहद फायदेमंद
लिपिड प्रोफाइल सुधारने में मददगार
🍵 गुड़हल का सेवन कैसे करें?
1. ताजे फूलों को चबाकर
सुबह खाली पेट 2-3 ताजे फूलों की पंखुड़ियों को चबाएं।
2. गुड़हल की हर्बल चाय
ताजे या सूखे फूलों से चाय बनाएं।
चाहें तो इसमें नींबू या शहद मिलाएं (अगर ब्लड शुगर सामान्य हो)।
सुबह और शाम एक कप पी सकते हैं।
3. गुड़हल गुलकंद या शरबत
गर्मी में ठंडक के लिए उत्तम, लेकिन सिर्फ उन्हीं के लिए जिनका ब्लड शुगर कंट्रोल में हो।
🧘♀️ मानसिक और पाचन तंत्र में फायदेमंद
तनाव और एंज़ायटी से राहत
डिप्रेशन में कारगर – मेलाटोनिन और सेरोटोनिन संतुलन बनाए रखता है
पाचन शक्ति मजबूत – गैस, ब्लोटिंग, कॉन्स्टिपेशन से राहत
लीवर हेल्थ में सुधार
इम्यूनिटी बूस्टर – फ्री रेडिकल्स से लड़ता है
एनीमिया से बचाव – आयरन कंटेंट के कारण
💪 पुरुषों और महिलाओं के लिए विशेष लाभ
🔹 पुरुषों में:
प्रमेह, नाइटफॉल जैसी समस्याओं में राहत
क़ुव्वते बाह यानी यौन शक्ति में वृद्धि
🔹 महिलाओं में:
पीरियड्स से जुड़ी अनियमितता और दर्द में फायदेमंद
वाइट डिस्चार्ज और मेनोपॉज़ के लक्षणों में राहत
उपयोग: 5 ग्राम सूखा फूल पाउडर रोज़ सुबह खाली पेट पानी या दूध के साथ।
💇♀️ बालों और त्वचा के लिए वरदान
डैंड्रफ हटाता है, बालों को घना, लंबा और चमकदार बनाता है
झड़ते बालों में असरदार
त्वचा की रंगत निखारे, दाग-धब्बे मिटाए
एंटी-एजिंग गुण – झुर्रियों को दूर करे
फेसपैक कैसे बनाएं?
गुड़हल का पाउडर + एलोवेरा जेल = प्राकृतिक फेस पैक
कील-मुंहासों और झाइयों में असरदार
⚠️ किसे नहीं करना चाहिए इस्तेमाल?
प्रेग्नेंट महिलाएं और स्तनपान कराने वाली माताएं
जिनका ब्लड प्रेशर बहुत कम रहता है
एलर्जी प्रवृत्ति वाले लोग (पहले पैच टेस्ट करें)
अत्यधिक मात्रा से बचें, सीमित मात्रा में ही सेवन करें
Also Read: The Liver: The Kitchen of Your Body’s Health
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
1. गुड़हल की चाय पीने का सही समय क्या है? गुड़हल की चाय पीने का सबसे अच्छा समय सुबह खाली पेट या शाम को हल्के स्नैक्स के बाद होता है। इससे डिटॉक्सिफिकेशन और मेटाबॉलिज्म में सुधार होता है।
2. क्या डायबिटीज के मरीज गुड़हल का सेवन कर सकते हैं? हां, डायबिटीज के मरीज सीमित मात्रा में गुड़हल की चाय ले सकते हैं क्योंकि यह ब्लड शुगर कंट्रोल में मदद करता है। लेकिन सेवन से पहले डॉक्टर की सलाह ज़रूर लें।
3. क्या गुड़हल बालों की ग्रोथ बढ़ाता है? जी हां, गुड़हल बालों के लिए बेहद फायदेमंद है। इससे डैंड्रफ कम होता है, बाल मजबूत होते हैं और उनकी ग्रोथ भी बढ़ती है।
4. क्या प्रेग्नेंसी में गुड़हल का सेवन करना सुरक्षित है? नहीं, प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफीडिंग के दौरान गुड़हल का सेवन नहीं करना चाहिए। इसमें मौजूद कुछ कंपाउंड्स गर्भ में दिक्कतें पैदा कर सकते हैं।
5. गुड़हल का पाउडर कैसे बनाएं और इस्तेमाल करें? ताजे गुड़हल के फूलों को सुखाकर मिक्सी में पीस लें। इस पाउडर को सुबह खाली पेट गुनगुने पानी या दूध के साथ लिया जा सकता है। साथ ही फेसपैक या हेयरपैक में भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
6. क्या रोज़ाना गुड़हल का फूल खाना सुरक्षित है? अगर आपको किसी तरह की एलर्जी नहीं है और मात्रा सीमित (2-3 फूल) है, तो हां, रोज़ाना सेवन करना सुरक्षित है और फायदेमंद भी।
7. गुड़हल का सेवन किन लोगों को नहीं करना चाहिए? लो बीपी वाले, गर्भवती महिलाएं, स्तनपान कराने वाली माताएं और ��िन्हें एलर्जी होती है – उन्हें गुड़हल का सेवन करने से बचना चाहिए।
📢 निष्कर्ष
गुड़हल एक ऐसा पौधा है जिसे हम अक्सर नज़रअंदाज़ कर देते हैं, लेकिन इसके फायदों की लिस्ट देखकर अब आप भी समझ गए होंगे कि यह आपके गार्डन का हीरो ही नहीं, आपकी हेल्थ का भी हीरो है!
👉 अगर आपको यह जानकारी उपयोगी लगी हो तो इसे अपने दोस्तों, परिवार और सोशल मीडिया पर शेयर जरूर करें ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इस नेचुरल हेल्थ बूस्टर से लाभ उठा सकें।
Also Read:
Guava: A Superfood for Health! Discover Its 11 Incredible Benefits and Why You Should Eat It Daily | अमरूद: सेहत के लिए एक सुपरफूड! जानिए इसके 11 जबरदस्त फायदे और इसे रोज़ खाने के कारण
Youtube
Facebook
infoincharge
0 notes
Text
Complete Information About Aloe Vera || What Are The Benefits and Side Effects of Aloe Vera
एलोवेरा क्या है?
एलोवेरा एक बहुउपयोगी पौधा है, जिसे कई स्वास्थ्य लाभों के लिए जाना जाता है। यह एक कांटेदार पौधा है जो सदियों से औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है। इसकी पत्तियों में एक पारदर्शी जेलनुमा पदार्थ होता है, जिसमें विटामिन, खनिज, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। एलोवेरा का उपयोग सौंदर्य प्रसाधनों, दवाओं, और घरेलू उपचारों में किया जाता है। इसके साथ ही एलोवेरा का रस पीने से पाचन तंत्र सुधरता है, प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और शरीर को पोषण मिलता है। इसे “गृह औषधि” भी कहा जाता है।
एलोवेरा में क्या-क्या पाया जाता है?
एलोवेरा में कई पोषक तत्व और यौगिक पाए जाते हैं, जो इसे औषधीय रूप से प्रभावी बनाते हैं। इसमें मुख्य रूप से निम्नलिखित तत्व पाए जाते हैं:
विटामिन्स: विटामिन A, C, और E, जो एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं। इसके अलावा विटामिन B12, फोलिक एसिड भी ह��ते हैं।
खनिज: कैल्शियम, मैग्नीशियम, जिंक, सेलेनियम, सोडियम, आयरन, और पोटैशियम जैसे खनिज मौजूद होते हैं।
एमिनो एसिड: एलोवेरा में 20 आवश्यक अमीनो एसिड में से 7 पाए जाते हैं।
एंजाइम्स: इसमें एंजाइम्स होते हैं जो पाचन में सहायक होते हैं, जैसे अमाइलेज और लिपेज।
एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटी-इंफ्लेमेटरी यौगिक: ये त्वचा और शरीर की सूजन कम करने में मदद करते हैं।
पॉलीसेकेराइड्स: ये प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करते हैं और त्वचा की मरम्मत में सहायक होते हैं।
एलोवेरा के क्या-क्या फायदे हैं?
एलोवेरा के कई फायदे हैं, जो इसे स्वास्थ्य, सौंदर्य और त्वचा की देखभाल में महत्वपूर्ण बनाते हैं:
त्वचा की देखभाल: एलोवेरा जेल का उपयोग त्वचा को नमी प्रदान करने और सूजन, जलन या सनबर्न को ठीक करने के लिए किया जाता है। यह दाग-धब्बों को हल्का करता है और त्वचा को कोमल बनाता है।
बालों की देखभाल: एलोवेरा बालों की जड़ों को पोषण देता है, जिससे बाल मजबूत और चमकदार बनते हैं। यह डैंड्रफ को कम करने में भी मदद करता है।
पाचन में सुधार: एलोवेरा का रस पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है, एसिडिटी और कब्ज को दूर करता है और पेट की सफाई करता है।
प्रतिरोधक क्षमता: इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं और ��रीर को संक्रमण से बचाते हैं।
घावों का उपचार: एलोवेरा के औषधीय गुण चोट, जलने और घावों को तेजी से ठीक करने में सहायक होते हैं।
मोटापा घटाने में सहायक: एलोवेरा का रस वजन घटाने और शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करता है।
मधुमेह नियंत्रण: नियमित एलोवेरा का सेवन ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में सहायक हो सकता है।
सूजन और दर्द से राहत: इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने में मदद करते हैं।
एलोवेरा क्यों जरूरी है?
एल��वेरा कई स्वास्थ्य लाभों और सौंदर्य गुणों के कारण जरूरी है। इसमें विटामिन, खनिज, और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो शरीर को पोषण देते हैं। यह त्वचा के लिए फायदेमंद है क्योंकि यह नमी बनाए रखने में मदद करता है और त्वचा की जलन, जलने, और घावों को तेजी से ठीक करता है। एलोवेरा जेल बालों की देखभाल में भी उपयोगी है, जिससे बाल मजबूत और चमकदार बनते हैं। इसका रस पाचन तंत्र को सुधारने, प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करता है। इसके औषधीय गुण इसे एक महत्वपूर्ण प्राकृतिक उपचार बनाते हैं।
मार्केट में मिलने वाले एलोवेरा जूस के बारे में जानकारी:
मार्केट में मिलने वाले एलोवेरा जूस को स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद माना जाता है, क्योंकि इसमें एलोवेरा के प्राकृतिक गुण होते हैं जो पाचन से लेकर त्वचा तक कई तरह के लाभ प्रदान करते हैं। आमतौर पर यह जूस शुद्ध एलोवेरा जेल से तैयार किया जाता है, जिसे पीने योग्य बनाया जाता है।
एलोवेरा जूस के कुछ मुख्य फायदे:
पाचन सुधार: यह पाचन तंत्र को साफ रखता है और कब्ज या एसिडिटी की समस्या को कम करता है।
वजन घटाने में सहायक: एलोवेरा जूस वजन घटाने में मदद करता है क्योंकि यह मेटाबॉलिज्म को तेज करता है और शरीर को डिटॉक्स करता है।
शुगर और कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण: कुछ शोध बताते हैं कि यह जूस ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल लेवल को नियंत्रित करने में सहायक हो सकता है।
इम्यूनिटी बूस्टर: इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन्स शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करते हैं।
त्वचा और बालों के लिए फायदेमंद: नियमित सेवन से त्वचा में निखार आता है और बालों की सेहत भी बेहतर होती है।
बाजार में एलोवेरा जूस की कुछ खास बातें:
यह अलग-अलग ब्रांड्स के तहत उपलब्ध होता है, जिनमें कुछ जूस शुद्ध होते हैं जबकि कुछ में अन्य तत्व जैसे आंवला, तुलसी, या शहद मिलाए जाते हैं।
खरीदते समय सुनिश्चित करें कि जूस प्राकृतिक और प्रिजर्वेटिव-फ्री हो।
कुछ उत्पादों में अतिरिक्त चीनी हो सकती है, इसलिए ऐसे जूस से बचें जो अत्यधिक मीठे हों।
एलोवेरा जूस की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए ऑर्गेनिक ब्रांड्स या विश्वसनीय कंपनियों से खरीदें।
हालांकि, एलोवेरा जूस के अत्यधिक सेवन से कुछ लोगों को पेट में ऐंठन या दस्त की समस्या हो सकती है, इसलिए इसे सीमित मात्रा में और डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही लेना बेहतर होता है।
एलोवेरा का कौन सा भाग खाने के लिए होता है?
एलोवेरा का जो हिस्सा खाने योग्य होता है, वह उसकी पत्तियों के अंदर पाया जाने वाला जेल होता है। एलोवेरा की मोटी, कांटेदार पत्तियों के बाहरी हरे हिस्से को छीलकर अंदर का पारदर्शी, गाढ़ा जेल निकाला जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है।
खाने के लिए सुरक्षित एलोवेरा के भाग:
अंदर का जेल: पत्तियों के भीतर का पारदर्शी जेल सबसे सुरक्षित और लाभकारी हिस्सा होता है। इसे ताजे रूप में खाया जा सकता है या इसका जूस बनाकर पीया जा सकता है।
रस (जूस): जेल से तैयार किया गया एलोवेरा का रस पाचन तंत्र, प्रतिरक्षा प्रणाली और त्वचा के लिए फायदेमंद होता है।
न खाने वाले हिस्से:
बाहरी हरा छिलका: पत्तियों का बाहरी हरा हिस्सा खाने योग्य नहीं होता, क्योंकि इसमें एलोइन नामक यौगिक होता है, जो पाचन तंत्र के लिए हानिकारक हो सकता है और दस्त या पेट की अन्य समस्याएं पैदा कर सकता है।
इसलिए, हमेशा एलोवेरा का केवल अंदरूनी जेल वाला हिस्सा ही खाने के लिए इस्तेमाल करें, और बाहरी हरे छिलके को हटा दें।
निष्कर्ष:
एलोवेरा जूस एक अद्भुत प्राकृतिक पेय है, जो स्वास्थ्य और सौंदर्य के लिए अनेक लाभ प्रदान करता है। इसके नियमित सेवन से पाचन में सुधार, वजन घटाने, त्वचा की निखार, और प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि हो सकती है। साथ ही, यह जूस घावों के उपचार में भी सहायक होता है।
0 notes
Text
मोटापा और इसके आयुर्वेदिक उपचार
आयुर्वेद के अनुसार, मोटापा न केवल एक शारीरिक समस्या है, बल्कि मानसिक और भावनात्मक पहलुओं में असंतुलन भी शामिल है।
मोटापे के इलाज के लिए यहाँ कुछ आयुर्वेदिक दृष्टिकोण दिए गए हैं:
आहार संबंधी दिशा-निर्देश:
भारी भोजन से बचें: भारी, तैलीय और मीठे खाद्य पदार्थों का सेवन कम करें।
फाइबर बढ़ाएँ: फाइबर का सेवन बढ़ाने के लिए अपने आहार में विभिन्न प्रकार के फल, सब्जियाँ और साबुत अनाज शामिल करें।
जड़ी-बूटियाँ और मसाले: अदरक, हल्दी, काली मिर्च और मेथी जैसी जड़ी-बूटियाँ और मसाले शामिल करें, जिन्हें पाचन को चयापचय उत्तेजित करने वाला माना जाता है।
जीवनशैली में बदलाव:
नियमित व्यायाम: चयापचय को उत्तेजित करने और अतिरिक्त कैलोरी जलाने के लिए नियमित शारीरिक गतिविधि करें। योग, पैदल चलना और तैराकी जैसी क्रियाओं की सलाह दी जाती है।
जल्दी सोना: पर्याप्त नींद लेना बहुत ज़रूरी है। नियमित न���ंद का शेड्यूल बनाए रखने की कोशिश करें और देर तक जागने से बचें।
तनाव प्रबंधन: पुराना तनाव वज़न बढ़ाने में योगदान दे सकता है। ध्यान और गहरी साँस लेने के व्यायाम जैसी तकनीकें तनाव के स्तर को प्रबंधित करने में मदद कर सकती हैं।
आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ:
त्रिफला: तीन फलों आंवला का यह हर्बल मिश्रण अपने विषहरण गुणों के लिए जाना जाता है और माना जाता है कि यह वज़न घटाने में सहायक है।
गुग्गुल: गुग्गुल को चयापचय को विनियमित करने और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करने के लिए माना जाता है।
आयुर्वेदिक उपचार:
आयुर्वेदिक उपचार में आप सब के लिए मोटापा से पूरी तरह से निजात पाने के लिए स्कोर्टिस हेल्थकेयर द्वारा जड़ी बूटियाँ से तैयार की गई Scorslim Syrup और Scorslim Capsule Holy Divine Healthcare कंपनी की वेबसाइट पर उपलब्ध है, अतः तुरन्त ऑर्डर करें और मोटापा से मुक्ति पाएं।
ध्यानपूर्वक खाना:
यह कैसे काम करता है: ध्यानपूर्वक खाने में खाने के दौरान वर्तमान क्षण पर ध्यान देना और भोजन की खपत से जुड़ी संवेदनाओं, विचारों और भावनाओं के बारे में जागरूक होना शामिल है। यह धीरे-धीरे खाने और प्रत्येक निवाले का स्वाद लेने पर जोर देता है।
लाभ: ध्यानपूर्वक खाने का अभ्यास करने से भूख और तृप्ति के संकेतों की बेहतर समझ हो सकती है, जो संभावित रूप से अधिक खाने से रोक सकता है।
मालिश चिकित्सा:
यह कैसे काम करती है: मालिश चिकित्सा में शरीर के नरम ऊतकों का मैन्युअल हेरफेर शामिल है। हालांकि यह सीधे वजन घटाने का परिणाम नहीं हो सकता है, लेकिन यह समग्र कल्याण और तनाव में कमी में योगदान दे सकता है।
लाभ: तनाव में कमी फायदेमंद हो सकती है, क्योंकि कुछ व्यक्तियों में पुराना तनाव वजन बढ़ने से जुड़ा होता है।
सलाह और व्यवहार चिकित्सा:
यह कैसे काम करती है: आयुर्वेदिक डॉक्टर की काउंसलिंग या व्यवहार चिकित्सा भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक कारकों को संबोधित कर सकती है जो अधिक खाने या अस्वास्थ्यकर खाने की आदतों में योगदान करते हैं।
लाभ: अधिक खाने या भावनात्मक खाने के अंतर्निहित कारणों की पहचान करना और उनका समाधान करना दीर्घकालिक वजन प्रबंधन का समर्थन कर सकता है।
बायोफीडबैक:
यह कैसे काम करता है: बायोफीडबैक में इलेक्ट्रॉनिक मॉनिटरिंग का उपयोग करके व्यक्तियों को हृदय गति, मांसपेशियों में तनाव और त्वचा के तापमान जैसी शारीरिक प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी प्रदान करना शामिल है। इसका उपयोग तनाव प्रतिक्रियाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने और विश्राम तकनीकों को बढ़ावा देने के लिए किया जा सकता है।
लाभ: बायोफीडबैक व्यक्तियों को तनाव को प्रबंधित करने में मदद कर सकता है, जो अधिक खाने का एक योगदान कारक हो सकता है।
निष्कर्ष
स्वास्थ्य के लिए समग्र दृष्टिकोण के हिस्से के रूप में इन उपचारों को अपनाना महत्वपूर्ण है जिसमें संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और स्वास्थ्य पेशेवरों से परामर्श शामिल है। ये उपचार सभी के लिए उपयुक्त नहीं हो सकते हैं, और व्यक्तिगत प्रतिक्रियाएँ भिन्न हो सकती हैं। अपने वजन घटाने की योजना में नए उपचारों को शामिल करने से पहले हमेशा योग्य स्वास्थ्य देखभाल चिकित्सकों से मार्गदर्शन लें।
0 notes
Text
Vitamin B Complex Tablet Uses in Hindi – मानसिक तनाव और नींद की समस्या में मदद करने वाला सप्लीमेंट

विटामिन बी कॉम्प्लेक्स टैबलेट के उपयोग और स्वास्थ्य लाभ
विटामिन बी कॉम्प्लेक्स हमारे शरीर के लिए एक आवश्यक पोषक तत्वों का समूह है, जो एनर्जी उत्पादन, पाचन सुधारने और मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। Vitamin B Complex Tablet Uses in Hindi जानना उन सभी के लिए फायदेमंद है जो बेहतर स्वास्थ्य चाहते हैं। Simply Herbal Vitamin B Complex एक उन्नत जैविक फार्मूला है, जिसमें 120 कैप्सूल होते हैं और यह शरीर को आवश्यक बी विटामिन प्रदान करता है।
विटामिन बी कॉम्प्लेक्स क्या है?
विटामिन बी कॉम्प्लेक्स विभिन्न प्रकार के बी विटामिनों का मिश्रण होता है, जो शरीर में अलग-अलग कार्य करते हैं:
विटामिन B1 (थायमिन) – ऊर्जा उत्पादन में सहायक।
विटामिन B2 (राइबोफ्लेविन) – त्वचा और आंखों की सेहत को बनाए रखता है।
विटामिन B3 (नियासिन) – मानसिक कार्यक्षमता को सुधारता है।
विटामिन B5 (पैंटोथेनिक एसिड) – हार्मोन निर्माण में सहायक।
विटामिन B6 (पाइरिडॉक्सिन) – प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करता है।
विटामिन B7 (बायोटिन) – बालों और त्वचा के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक।
विटामिन B9 (फोलिक एसिड) – रक्त कोशिकाओं के निर्माण में सहायक।
विटामिन B12 (कोबालामिन) – न्यूरोलॉजिकल कार्यों के लिए आवश्यक।
विटामिन बी कॉम्प्लेक्स टैबलेट के लाभ (Vitamin B Complex Tablet Uses in Hindi)
ऊर्जा स्तर बढ़ाने में सहायक – शरीर को थकान और कमजोरी से बचाता है।
दिमागी कार्यक्षमता को सुधारता है – याददाश्त तेज करता है और फोकस बढ़ाता है।
हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है – कोलेस्ट्रॉल को संतुलित रखता है।
त्वचा और बालों को पोषण देता है – त्वचा की चमक बनाए रखता है और बालों को मजबूत करता है।
पाचन को दुरुस्त करता है – भोजन से पोषक तत्वों को बेहतर तरीके से अवशोषित करने में मदद करता है।
प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है – संक्रमण से लड़ने में सहायता करता है।
तनाव और चिंता को कम करता है – मूड को सक��रात्मक बनाए रखने में मदद करता है।
रक्त निर्माण में सहायक – शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ाता है।

Simply Herbal Vitamin B Complex का उपयोग कैसे करें?
रोज़ाना भोजन के साथ 1-2 कैप्सूल लें।
डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही सेवन करें।
गर्भवती महिलाओं और विशेष चिकित्सा स्थिति वाले व्यक्तियों को पहले परामर्श लेना चाहिए।
किन लोगों को इसका सेवन करना चाहिए?
जो लोग लगातार थकान और कमजोरी महसूस करते हैं।
मानसिक तनाव या डिप्रेशन से जूझ रहे व्यक्ति।
बाल झड़ने या त्वचा की समस्याओं से परेशान लोग।
शाकाहारी लोग जिन्हें प्राकृतिक रूप से पर्याप्त विटामिन B12 नहीं मिल पाता।
निष्कर्ष:
Vitamin B Complex Tablet Uses in Hindi की जानकारी से आप इसे अपने डेली हेल्थ रूटीन का हिस्सा बना सकते हैं। Simply Herbal Vitamin B Complex एक उच्च गुणवत्ता वाला सप्लीमेंट है, जो संपूर्ण स्वास्थ्य को बनाए रखने में सहायक है। यह प्राकृतिक और शुद्ध तत्वों से बना है, जिससे कोई साइड इफेक्ट नहीं होता।
विटामिन बी कॉम्प्लेक्स, आपकी सेहत का सच्चा साथी, अभी ऑर्डर करें: Simply Herbal Vitamin B Complex
#simplyherbal#wellnessjourney#glowingskin#healthyskin#herbalsupplements#naturalsupplements#healthyhair#plantbased#skincare#digestivehealth#vitamin b complex tablet#vitamin b complex tablets nfi#best vitamin b complex tablets in india#vitamin b complex tablet uses#b 12 vitamin#vitamin b#vitamin b complex#vitamin b 12 ki kami ke lakshan#vitamin b rich foods#vitamin b 12 tablet#vitamin b12 capsules
0 notes
Text

Bhutta Cholesterol ka Dushman
भुट्टा कोलेस्ट्रॉल का दुशमन
Hamare Yahan Sabhi Bimariyon Ka Tasalli Bakhsh Ilaj Tibbe Unani Ke Zariye Kiya Jata Hai
Raheemi Shifa Khana (RSK Herbal)
Mob: 9343712908
Ph: 080-23180000 / 080-23397836
www.raheemishifakhana.com
-
-
-
-
-
-
Home Remedies for Cholesterol
#RSK_Herbal#RSKHerbal#RaheemiShifaKhana#healthyfood#Healt#Herbal#Ayurved#भुट्टा#कोलेस्ट्रॉल#ब्लड_प्रेशर#दिल_के_दौरे#फालिज#Bhutta#Cholesterol#Blood_Pressure#Faliz#Paralysis
0 notes
Text
क्या चावल खाने से कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है?
क्या चावल खाने से कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है?: नहीं, चावल खाने से कोलेस्ट्रॉल बढ़ने की कोई सिद्धांतिक रूप से स्थापित संबंध नहीं है। चावल एक मुख्य खाद्य पदार्थ है और इसमें प्राकृतिक रूप से कोलेस्ट्रॉल की मात्रा नहीं पाई जाती है। हालांकि, चावल में कार्बोहाइड्रेट्स मौजूद होते हैं जो शरीर में ग्लूकोज के रूप में बदलते हैं और यदि आप इसे अधिक मात्रा में सेवन करते हैं तो यह शरीर के इंसुलिन का प्रभावित कर सकता है। यदि शरीर इंसुलिन को सही ढंग से प्रभावित नहीं कर पाता है, तो यह किसी के लिए कोलेस्ट्रॉल के स्तर को उच्च करने का कारण बन सकता है।
0 notes
Text
Cholecon capsule from recure health care. Cholecon Plus | बुरे कोलेस्ट्रॉल को मिटाए, हार्ट हेल्थ स्वस्थ बनाए।
जब कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है, तो दिल के रोग और स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ जाता है। अपने दिल की सुरक्षा के लिए, आपको अपने कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखना चाहिए।
कोलेकोन प्लस में अलसी, गुग्गुल, मेथी, दालचीनी, और लहसुन हैं, जो आपके कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करते हैं।
Amazon - https://www.amazon.in/gp/product/B0B8DH5S2C Tata1mg - https://www.1mg.com/otc/cholecon-plus-soft-gel-capsule-10-each-otc1073793
Website - https://www.recurehealthcare.com/product/cholecon-plus-pack-of-60-cholesterol-management-and-controls/
#cholesterol#heart#healthylifestyle#heartproblems#highcholesterolproblems#heartdisease#heartattack#cardiovascular#drsonalilifestyle#cholesterolattack#recurehealthcare
0 notes
Link
हरी चटनी से करें बैड कोलेस्ट्रॉल का सफाया, दिल रहेगा हेल्दी और सर्दी-जुकाम से भी मिलेगा आराम
0 notes
Text

🌞~ आज दिनांक - 8 मार्च 2025 का वैदिक हिन्दू पंचांग और सुपाच्य एवं बलवर्धक ज्वार ~🌞
⛅दिनांक - 8 मार्च 2025
⛅दिन - शनिवार
⛅विक्रम संवत् - 2081
⛅अयन - उत्तरायण
⛅ऋतु - बसन्त
⛅मास - फाल्गुन
⛅पक्ष - शुक्ल
⛅तिथि - नवमी सुबह 08:16 तक तत्पश्चात दशमी
⛅नक्षत्र - आर्द्रा रात्रि 11:28 तक तत्पश्चात पुनर्वसु
⛅योग- आयुष्मान् शाम 04:28 तक तत्पश्चात सौभाग्य
⛅राहु काल - सुबह 09:53 से सुबह 11:22 तक
⛅सूर्योदय - 06:58
⛅सूर्यास्त - 06:42
⛅दिशा शूल- पूर्व दिशा में
⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:18 से 06:06 तक
⛅अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:27 से दोपहर 01:14 तक
⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:26 मार्च 09 से रात्रि 01:14 मार्च 09 तक
⛅व्रत पर्व विवरण - विश्व महिला दिवस
⛅ विशेष - दशमी को कलंबी शाक त्याज्य है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
🔹सुपाच्य एवं बलवर्धक ज्वार🔹
🔸आयुर्वेद के अनुसार ज्वार शीतल, रुक्ष, पचने में हलकी, किंचित् वीर्यवर्धक तथा मूत्रजनन है । यह रक्तविकार एवं प्रकुपित कफ-पित्त को दूर करने में सहायक है । यह दो प्रकार की होती है - सफेद व लाल । सफेद ज्वार स्वास्थ्य के लिए विशेष हितकर एवं बलप्रद है ।
🔸यह बवासीर, घाव और अरुचि में गुणकारी है । (वसंत ऋतु -19 फरवरी से 19 अप्रैल) में कफ का प्रकोप होता है । अतः कफशमन हेतु होली के दिनों में ज्वार की धानी तथा भुने हुए चने खाने का रिवाज है । इस ऋतु में ज्वार का सेवन हितकारी है ।
🔸ज्वार में विटामिन बी-१, बी-२, बी- ३, बी-५, बी-६, बी-७, बी-९, 'ए', 'ई' तथा फॉस्फोरस, पोटैशियम, मैग्नेशियम, लौह व जिंक आदि पोषक तत्त्व प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं ।
🔹विभिन्न रोगों में लाभकारी🔹
(१) ज्वार कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित रखने में सहायक है ।
(२) इसमें रेशे की मात्रा अधिक है तथा इसका ग्लायसेमिक इंडेक्स (GI) कम है अर्थात् ज्वार रक्त शर्करा (blood sugar) को तेजी से व अधिक मात्रा में नहीं बढ़ाती । अतः यह मधुमेह (diabetes) में खूब लाभकारी है । मधुमेह में गेहूँ व चावल का सेवन बंद कर ज्वार की रोटी खाने से रक्त शर्करा आसानी से नियंत्रित रहती है ।
(३) ज्वार में कैंसर-विरोधी घटक पाये जाते हैं। अनुसंधानों के अनुसार गेहूँ और मक्के की तुलना में ज्वार का सेवन करनेवालों में कमी देखी गयी ।
(४) मोटापा एक गम्भीर समस्या है जो मधुमेह और हृदयरोग जैसी समस्याओं का कारण बन सकता है । ज्वार में रेशे की अधिक मात्रा होने तथा यह शीघ्र तृप्तिदायक होने से मोटापे से रक्षा करती है ।
🔸ज्वार के आटे की रोटी बनायी जाती है तथा ज्वार का दलिया, खिचड़ी व अन्य कई प्रकार के व्य��जन भी बनाये जाते हैं । ⚜️📌✍𝗙𝗼𝗹𝗹𝗼𝘄 𝗨𝘀
📌𝗔𝘀𝘁𝗿𝗼𝗹𝗼𝗴𝘆, 𝗩𝗮𝘀𝘁𝘂𝗦𝗵𝗮𝘀𝘁𝗿𝗮 𝗮𝗻𝗱 𝗡𝘂𝗺𝗲𝗿𝗼𝗹𝗼𝗴𝘆 और सनातन धर्म की रोचक और ज्ञानवर्धक जानकारी पहले पाने के लिए अभी 𝗙𝗼𝗹𝗹𝗼𝘄 करे "𝗔𝘀𝘁𝗿𝗼𝗩𝗮𝘀𝘁𝘂𝗞𝗼𝘀𝗵" को 📌𝗔𝗸𝘀𝗵𝗮𝘆 𝗝𝗮𝗺𝗱𝗮𝗴𝗻𝗶
📌𝟵𝟴𝟯𝟳𝟯𝟳𝟲𝟴𝟯𝟵
📌𝗪𝗵𝗮𝘁𝘀𝗮𝗽𝗽 https://tinyurl.com/276kwcwf
📌𝗪𝗵𝗮𝘁𝘀𝗮𝗽𝗽𝗖𝗵𝗮𝗻𝗻𝗲𝗹
https://tinyurl.com/24v4967v
📌𝗬𝗼𝘂𝘁𝘂𝗯𝗲
https://tinyurl.com/2alwfng7
📌𝗜𝗻𝘀𝘁𝗮𝗴𝗿𝗮𝗺
https://tinyurl.com/2958lafo 📌𝗧𝗲𝗹𝗲𝗴𝗿𝗮𝗺 https://tinyurl.com/2ynvnmea
#motivational motivational jyotishwithakshayg#tumblr milestone#akshayjamdagni#mahakal#panchang#hanumanji#rashifal
0 notes