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#कोविड -19 वैक्सीन
krazyshoppy · 2 years
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देश में पहली बार बूस्टर डोज के लिए 'मिक्स' कोरोना वैक्सीन की सिफारिश, अब सरकार लेगी फैसला
देश में पहली बार बूस्टर डोज के लिए ‘मिक्स’ कोरोना वैक्सीन की सिफारिश, अब सरकार लेगी फैसला
Corbevax Booster Dose: एनटीएजीआई (NTAGI) ने ने कोविशील्ड या कोवैक्सीन की दोनों खुराक लगवा चुके लोगों को एहतियाती खुराक (बूस्टर डोज या तीसरी खुराक) के तौर पर बायोलॉजिकल ई द्वारा विकसित कॉर्बेवैक्स (Corbevax) टीका देने की सिफारिश की है. कॉर्बेवैक्स कोविड-19 के लिए भारत का पहला स्वदेशी रूप से विकसित रिसेप्टर बाइंडिंग डोमेन (RBD) प्रोटीन सब-यूनिट वैक्सीन (Vaccine) है. सूत्रों के मुताबिक टीकाकरण पर…
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kv1nsbvizag · 2 years
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जोकोविच के COVID-19 वैक्सीन स्थिति पर यूएस ओपन से चूकने की संभावना है
जोकोविच के COVID-19 वैक्सीन स्थिति पर यूएस ओपन से चूकने की संभावना है
दुनिया के पूर्व नंबर एक खिलाड़ी जोकोविच, जिनकी वेबसाइट पर कोई आगामी कार्यक्रम नहीं दिखाया गया है, ने कहा कि पिछले हफ्ते वह यूएस ओपन की तैयारी कर रहे थे दुनिया के पूर्व नंबर एक खिलाड़ी जोकोविच, जिनकी वेबसाइट पर कोई आगामी कार्यक्रम नहीं दिखाया गया है, ने कहा कि पिछले हफ्ते वह यूएस ओपन की तैयारी कर रहे थे अनुमति देने के लिए एक याचिका चल रही है नोवाक जोकोविच यूएस ओपन में खेलने के लिए, लेकिन संयुक्त…
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rudrjobdesk · 2 years
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बूस्टर डोज के बजाय कोविड-19 टीके की दोनों डोज देने पर अधिक ध्यान देने की जरूरत : विशेषज्ञ
बूस्टर डोज के बजाय कोविड-19 टीके की दोनों डोज देने पर अधिक ध्यान देने की जरूरत : विशेषज्ञ
वैज्ञानिकों का कहना है कि भारत में अभी जनसंख्या के एक बड़े हिस्से को संक्रमण के प्रति आधारभूत सुरक्षा मिलनी बाकी है इसलिए कोविड-रोधी टीके की ‘बूस्टर’ डोज देने के बजाय लाभार्थियों को दोनों डोज देने को प्राथमिकता देनी चाहिए। कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वैरिएंट के सामने आने से उपजी चिंता और टीके से संक्रमण के प्रति मिली सुरक्षा में कमी होने से ‘बूस्टर’ डोज देने की जरूरत समझी जा रही है। बहुत से देशों में…
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helputrust · 1 year
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29.01.2023 | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्धारा संचालित ‘वस्त्र वितरण अभियान’ के अंतर्गत जनहित में इंदिरा नगर के विभिन्न क्षेत्रों में ट्रस्ट के सूचना, शिक्षा एवं जागरूकता अभियान वाहन के माध्यम से जरूरतमंद लोगों को उपयोगी वस्त्रों का वितरण किया गया l साथ ही आमजन को कोरोना महामारी की गंभीरता तथा लक्षणों के बारे में जागरूक किया, मास्क जरूर लगाने व सोशल डिस्टेन्सिंग नियमावली का पालन करने तथा कोविड-19 वैक्सीन का टीका लगवाने के लिए प्रोत्साहित किया गया l
 जनहित में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्धारा "वस्त्र वितरण अभियान" विगत दिनांक 31.10.2012 से संचालित किया जा रहा है l इस अभियान के तहत सक्षम एवं संपन्न महानुभाव उपयोगी वस्त्र ट्रस्ट को दान करते हैं l दान किये गए वस्त्रों का परीक्षण करके, उन्हें व्यवस्थित करने के उपरान्त जरूरतमंद लोगों विशेषकर गरीबों में वितरित किया जाता है l
 #ClothDistribution
#OldClothDistribution
#Charity
#Help
#clothes
#HelpUTrust
#HelpUEducationalandCharitableTrust
www.helputrust.org
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5gdiginews · 8 days
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England Great Demands "Apology" For Novak Djokovic, Victim Of COVID-19 Vaccine "Witch-hunt", After AstraZeneca Withdrawal | Tennis News
2022 में, नोवाक जोकोविच को उनकी कोविड-19 वैक्सीन स्थिति के कारण ऑस्ट्रेलिया में प्रवेश से मना कर दिया गया था। वैक्सीन पर स्पष्ट रूप से संदेह करने वाले जोकोविच को ऑस्ट्रेलियन ओपन में खेलने के लिए ऑस्ट्रेलिया पहुंचने के बाद हिरासत में लिया गया था। देश के कठिन महामारी प्रतिबंधों को पूरा करने में विफल रहने के कारण सर्वकालिक महान का वीज़ा रद्द कर दिया गया था, एक ऐसा घटनाक्रम जिसकी गूंज विश्व स्तर पर…
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n7india · 10 days
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AstraZeneca की कोविड वैक्सीन में एक और घातक ब्लड क्लॉटिंग डिसऑर्डर : Research
New Delhi: शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के सहयोग से बनाई गई ब्रिटिश स्वीडिश फार्मा दिग्गज एस्ट्राजेनेका की कोविड-19 वैक्सीन में इम्यून थ्रोम्बोसाइटोपेनिया और थ्रोम्बोसिस (VITT) का बढ़ता हुआ खतरा पाया गया। यह एक गंभीर स्थिति है जिसमें खून का थक्‍का जम जाता है। 2021 में कोविड महामारी के चरम पर भारत में कोविशील्ड और यूरोप में वैक्सजेवरिया के रूप में बेचे जाने वाले एडेनोवायरस…
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sharpbharat · 26 days
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covishield new information: कोविशील्ड,कोरोना वैक्सीन से ब्रेन स्ट्रॉक व हार्ट अटैक का खतरा, निर्माता ब्रिटिश कंपनी का कोर्ट में हलफनामा, 175 करोड़ लोंगो को लगे थे डोज, आईसीएमआर की विश्वसनीयता भी सवालों के घेरे में
नयी दिल्ली: ब्रिटेन की फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने माना है कि कोविड-19 वैक्सीन से खतरनाक साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं. हालांकि ऐसा बहुत रेयर मामलों में ही होगा. एस्ट्राजेनेका का जो फॉर्मूला था उसी से भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ने कोवीशील्ड नाम से वैक्सीन बनाई. ब्रिटिश मीडिया के अनुसार, एस्ट्राजेनेका पर आरोप है कि उनकी वैक्सीन से कई लोगों की मौत हो गई. वहीं कई अन्य को गंभीर बीमारियों का सामना करना…
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gaange · 3 months
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Cancer Vaccine : Russia ने खोजा लिया कैंसर का इलाज
भारत के दोस्त रूस ने दुनिया के सबसे बड़े खतरे का इलाज निकाल लिया है। रूस ने ऐलान किया है कि उसने कैंसर जैसी लाइलाज बिमारी के लिए वैक्सीन बनाने पर वो काम कर रहा है और वो उसके बेहद करीब पहुँच चुका है। Cancer Vaccine का ऐलान किसी और ने नहीं बल्कि खुद रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने किया है कि वैज्ञानिक इस पर काम कर रहे हैं और वो इसके अंतिम चरण में है। अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने साफ कर दिया कि हम कैंसर की वैक्सीन और नई पीढ़ी की इम्युनो मॉड्यूलट्री दवाओं के निर्माण के बहुत करीब है। मॉस्को फोरम में अपने संबोधन में कहा कि मुझे उम्मीद है कि जल्द ही वैक्सीन लोगों के इलाज के लिए प्रभावी ढंग से इस्तेमाल हो सकेगी ,पुतिन ने ये नहीं बताया कि प्रस्तावित वैक्सीन किस तरह के कैंसर के इलाज में इस्तेमाल की जाएंगी। कैंसर का इलाज अपने आप में एक बहुत बड़ी कामयाबी है, कई देश और कंपनियां कैंसर के टीके पर काम कर रही है। ब्रिटेन की सरकार भी कैंसर के वैक्सीन के ट्रायल पर सालों से काम कर रही है। पिछले साल ब्रिटिश सरकार ने पर्सनलाइज्ड कैंसर के इलाज के लिए क्लिनिकल ट्रायल शुरू की थी और 2030 तक 10,000 मरीजों तक पहुंचने का टारगेट रखा है। Cancer Vaccine : Russia ने खोजा लिया कैंसर का इलाज ब्रिटेन जर्मनी की आयोएनटेक के साथ मिलकर ट्रायल कर रहा है। इसके अलावा फार्मास्यूटिकल्स कंपनी मॉडर्न और मार्क एंड कंपनी भी कैंसर की वैक्सीन बना रही है, जो कैंसर की मिडिल स्टेज में इस्तेमाल हो सकती है। मसलन रिसर्च के दौरान पता चला की 3 साल के इलाज के बाद सबसे घातक स्किन कैंसर की दोबारा होने या इससे मौत होने की संभावनाआधी हो गई। फिलहाल दुनिया के सामने कैंसर एक बहुत बड़ा खतरा हैं। WHO के मुताबिक वर्तमान में ह्यूमन पैपिलोमायरस के खिलाफ़ छः लाइसलैंड वैक्सीन मौजूद हैं जो सर्वाइकल कैंसर सहित कई कैंसर का कारण बनते हैं। साथ ही हेपेटाइटिस बी के खिलाफ़ भी टीके हैं जो लिवर कैंसर का कारण बनते हैं। आपको बता दें कि रूस जो ऐलान किया है उसके बाद पूरी दुनिया में सनसनी मची हुई है और सबसे पहले तब रूस ने कोविड 19 के दौरान स्पुतनिक भी वैक्सीन बनाई थी ,अब ये कहा जा रहा है की अगर ये वाकई में कैंसर के इलाज के रूस बेहद करीब है तो रूस ने वो बनाया है जिसकी जरूरत दुनिया को सबसे ज्यादा है । कैंसर दुनिया के सामने एक बड़ा खतरा है और दुनिया भर म���ं होने वाली मौतों में कैंसर एक बड़ी वजह है। WHO की कैंसर एजेंसी इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर के आंकड़े बताते हैं की साल 2022 में लगभग 2,00,00,000 कैंसर के नए मामले सामने आए और कैंसर की वजह से 97,00,000 लोगों की मौत हुई है। अकेले भारत में 14,13,316 नए मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें महिला रोगियों का अनुपात अधिक है। देश में 1,92,000 नए मामलों के साथ स्तन कैंसर का अनुपात सबसे अधिक है । आकड़े बताते हैं कि प्रत्येक 5 में एक व्यक्ति को अपने जीवन काल में कैंसर हो जाता है , लगभग 9 में से एक पुरुष और 12 में से एक महिला की मौत हो जाती है । इससे आप अनुमान लगा सकते हैं कि कैंसर कितनी खतरनांक बीमारी है , फिलहाल रूस ने Cancer Vaccine को खोजने का ऐलान किया है अब देखना है कि कितना कारगर हो पाता है । Read the full article
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manvadhikarabhivyakti · 9 months
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ब्रिटेन की चिंता बढ़ाई नए कोविड वैरिएंट ने, जल्द से जल्द वैक्सीन लगवाने की स्वास्थ्य अधिकारियों ने की अपील
नए कोविड वैरिएंट BA.2.86 ने ब्रिटेन की चिंताएं बढ़ा दी हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों ने सोमवार को उन लोगों के लिए विंटर वैक्सीन शेड्यूल को रोल आउट करना शुरू कर दिया है, जो चिकित्सीय रूप से सबसे कमजोर हैं।  राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) ने कहा कि पुराने वयस्क देखभाल गृहों के निवासियों और घर में रहने वाले लोगों को इस सप्ताह से कोविड-19 और फ्लू का वैक्सीन लगना शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि अन्य…
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satyakipehchaan · 10 months
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मोदी सरकार के कार्यकाल में कोविड-19 के समय भारत ने वैक्सीन मैत्री कार्यक्रम के अंतर्गत दुनिया के 101 देशों को स्वदेश में निर्मित कोविड वैक्सीन भेजकर उनकी सहायता की। @cpjoshibjp
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dainiksamachar · 1 year
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खांसी है कि जाती ही नहीं... फ्लू अटैक से पूरा देश परेशान, जानें लक्षण, कारण और निदान
नई दिल्ली: देश इन्फ्लुएंजा की चपेट में आ गया है। हालत यह है कि करीब-करीब हर चौथे-पांचवें व्यक्ति को खांसी की शिकायत है। चिंता की बात यह है कि इस समस्या से जल्दी निजात नहीं मिल पा रही है। जिसे भी खांसी पकड़ती है, वह कई दिनों तक जूझता रहता है। कई लोगों के तो सप्ताह दर सप्ताह बीत रहे हैं हैं, खांसी छूट ही नहीं रही है। खांसी भी ऐसी-वैसी नहीं, ऐसा लगता है खांसते-खांसते फेफड़ा ना फट जाए। कलेजे और पेट में दर्द उठ जाता है। रातभर रह-रहकर खांसी उठती रहती है और नींद गायब। इतना जोर-जोर से खांसते हैं कि घर वालों की नींद में भी खलल पड़ जाती है। लेकिन ऐसा हो क्यों रहा है? डॉक्टर्स इसके जवाब में बताते हैं कि कोविड के कारण लोगों की बीमारियों से लड़ने की क्षमता यानी इम्यूनिटी लेवल घट गई है। इस कारण इन्फ्लुएंजा ए वायरस (H3N2) हावी हो जा रहा है। इसे () भी कहते हैं। देश में स्प्रिंग इन्फ्लुएंजा का कहर दिल्ली एम्स के पूर्व डॉक्टर जीसी खिलनानी ने कहा कि बीते दो महीनों में इन्फ्लुएंजा इन्फेक्शन के केस तेजी से बढ़े हैं। उन्होंने कहा, 'हर दूसरा आदमी बुखार, कफ, गला बैठने और सांस उखड़ने की समस्या से परेशान है।' उन्होंने आगे बताया, 'जिन्हें खांसी की शिकायत हो रही है, उनमें कई लोगों को छींकें आ रही हैं, कुछ को नहीं। वो जांच करवाते हैं तो एच3एन2 वायरस अटैक का पता चलता है।' पश्चिमी देश भी सितंबर से जनवरी तक इसी दौर से गुजरे थे। वहां विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, कई देशों में तो कोविड से पहले जैसी हालत हो गई जब इन्फ्लुएंजा का भयकंर प्रकोप हुआ करता था। सितंबर से जनवरी के बीच पश्चिम के कई देश इन्फ्लुएंजा A(H1N1)pdm09, A(H3N2) और इन्फ्लुएंजा B वायरस की चपेट में आ गए। ज्यादातर देशों में इन्फ्लुएंजा ए वायरस का ही ज्यादा प्रकोप देखा गया। ये हैं फ्लू के लक्षणयूएस सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के मुताबिक, के कारण श्वसन प्रणाली प्रभावित होती है। इससे मामूल��� या फिर गंभीर बीमारी हो सकती है और कई बार तो मृत्यु तक हो सकती है। भारत में यूं तो हर वर्ष फ्लू की वैक्सीन लगवाने की जरूरत होती है, लेकिन लोग इस तरफ कभी ध्यान नहीं देते हैं। भारत में इन्फ्लुएंजा का प्रकोप मॉनसून सीजन में जून से सितंबर के बीच होता है। फिर यह नवंबर और फरवरी के बीच दोबारा फैलता है।डॉक्टर बताते हैं कि उनके पास आने वाले मरीज जो समस्याएं बता रहे हैं उनके मुताबिक इन्फ्लुएंजा से पीड़ित व्यक्ति में ये लक्षण देखे जा रहे हैं...○ बुखार○ कंपकंपी○ गले में खरास○ खांसी○ जुकाम और छींक○ थकान○ मांसपेशियों और शरीर में जकड़न इम्यूनिटी घटने का असर जर्नल ऑफ अमेरिकन मेडिकल असोसिएशन (JAMA) ने फरवरी के शुरुआती दिनों में एक स्टडी पब्लिश हुई। इसमें कहा गया है कि इन्फ्लुएंजा के इतना ज्यादा प्रकोप का कारण लोगों में इम्यूनिटी का घटना और फ्लू वैक्सिनेशन प्रोग्राम में आई सुस्ती है। इसमें कहा गया है, 'कोविड-19 महामारी के कारण इन्फ्लुएंजा वायरस का संक्रमण पूरी दुनिया में घट गया था।' इसमें कहा गया है कि 2021-2022 में इन्फ्लूएंजा के मौसम के दौरान इन्फ्लूएंजा वायरस के संक्रमण के प्रति संवेदनशीलता में वृद्धि हो सकती है। ऐसा इन्फ्लुएंजा संक्रमण की कम दरों से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता घटने और संक्रमण फैलाते वायरस में एंटीजेनिक बदलावों के कारण हुआ है। कैसे हो बचाव?डॉ. खिलनानी कहते हैं कि फ्लू की चपेट में आनसे बचने का सर्वोत्तम उपाय है भीड़भाड़ से दूर रहना। उन्होंने कहा कि जब लोग बीमार पड़ने लगें तो समझ जाान चाहिए कि फ्लू अटैक होने लगा है। ऐसे में अच्छे से हाथ धोने, स्वच्छ हवा में सांस लेने, फ्लू वैक्सीन लेने, बाहर निकलने पर पॉल्युशन मास्क पहनने जैसी अच्छी आदतों का पालन करें। साथ ही, सर्द-गर्म से बचने के लिए धूप से लौटकर तुरंत स्नान करने, एसी या तेज फंखे की हवा लेने, गटागट ठंडा पानी पीने से बचें। एक्सपर्ट डॉक्टर निखिल मोदी कहते हैं कि लोग मास्क पहनकर फ्लू के अटैक से खुद को बचा सकते हैं। उन्होंने कहा, 'अगर फ्लू की चपेट में आ जाएं तो घर में ही भाप लेना और गारगल करना शुरू कर दें। फिर जितना जल्द हो सके डॉक्टर से संपर्क करें ताकि बीमारी गंभीर रूप धारण नहीं कर सके। इसके साथ ही लोगों को अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए।' http://dlvr.it/SkDtRB
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krazyshoppy · 2 years
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कोरोना मामलों में राहत! बीते 24 घंटे में आए 5 हजार से कम नए मामले, 18 की गई जान
कोरोना मामलों में राहत! बीते 24 घंटे में आए 5 हजार से कम नए मामले, 18 की गई जान
Corona virus in India: भारत में कोरोना (Corona) के मामलों में अब गिरावट दर्ज की जा रही है. इसी क्रम में भारत में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के 4 हजार 858 नए मामले दर्ज हुए. देश में संक्रमितों की कुल संख्या 4 करोड़ 45 लाख 39 हजार हो गई, जबकि ठीक होने वाले मरीजों की संख्या बढ़कर 4 करोड़ 39 लाख 62 हजार हो गई है. वही दूसरी ओर कोरोना के टीके लगवाने की संख्या में 13 लाख 59 हजार 361 का इजाफा हुआ…
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gadgetsforusesblog · 1 year
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केटी रामाराव, हेल्थ न्यूज, ईटी हेल्थवर्ल्ड financetime.in
हैदराबाद: वैश्विक वैक्सीन हब के रूप में हैदराबाद के बढ़ते प्रभाव की एक महत्वपूर्ण पुष्टि के रूप में, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) हैदराबाद में एक mRNA वैक्सीन हब स्थापित कर रहा है, जो दुनिया भर में चयनित स्थानों में ऐसे हब स्थापित करने की योजना के तहत उद्योग मंत्री के टी रामा राव मंगलवार को इसकी घोषणा की। एमआरएनए वैक्सीन हब न केवल कोविड-19 महामारी जैसी वैश्विक आपात स्थितियों के लिए क्षमता बनाने के…
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loktantraudghosh · 1 year
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कोराना है नियंत्रण मे..
मुकेश प्रधान नई दिल्ली: हाइब्रिड इम्युनिटी या पुराना कोविड-19 संक्रमण दोबारा कोरोना का शिकार होने से बचाने में कारगर साबित हो रहा है। हाल ही में प्रकाशित लैंसेट की एक स्टडी में इसके संकेत मिले हैं। स्टडी में कहा गया है कि वैक्सीन नहीं लेने वाले या अब तक संक्रमण से बचे लोगों की तुलना में हाइब्रिड इम्युनिटी और पहले कोविड का शिकार हो चुके लोग एक साल बाद भी अधिक सुरक्षित हैं। जानकारों ने कोविड…
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helputrust · 1 year
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28.01.2023 | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्धारा संचालित ‘वस्त्र वितरण अभियान’ के अंतर्गत जनहित में इंदिरा नगर के विभिन्न क्षेत्रों में ट्रस्ट के सूचना, शिक्षा एवं जागरूकता अभियान वाहन के माध्यम से जरूरतमंद लोगों को उपयोगी वस्त्रों का वितरण किया गया l साथ ही आमजन को कोरोना महामारी की गंभीरता तथा लक्षणों के बारे में जागरूक किया, मास्क जरूर लगाने व सोशल डिस्टेन्सिंग नियमावली का पालन करने तथा कोविड-19 वैक्सीन का टीका लगवाने के लिए प्रोत्साहित किया गया l
 जनहित में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्धारा "वस्त्र वितरण अभियान" विगत दिनांक 31.10.2012 से संचालित किया जा रहा है l इस अभियान के तहत सक्षम एवं संपन्न महानुभाव उपयोगी वस्त्र ट्रस्ट को दान करते हैं l दान किये गए वस्त्रों का परीक्षण करके, उन्हें व्यवस्थित करने के उपरान्त जरूरतमंद लोगों विशेषकर गरीबों में वितरित किया जाता है l
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5gdiginews · 19 days
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Astrazeneca initiates global withdrawal of Covid-19 vaccine as demand dips
एस्ट्राजेनेका वैक्सीन (स्रोत/अनस्प्लैश) 2 मिनट पढ़ें आखरी अपडेट : 08 मई 2024 | सुबह 7:09 बजे प्रथम एस्ट्राजेनेका ने मंगलवार को कहा कि उसने महामारी के बाद से “उपलब्ध अद्यतन टीकों की अधिकता” के कारण दुनिया भर में अपने कोविड-19 वैक्सीन को वापस लेने की पहल की है। कंपनी ने यह भी कहा कि वह यूरोप के भीतर वैक्सीन वैक्सजेवरिया के विपणन प्राधिकरणों को वापस लेने के लिए आगे बढ़ेगी। कंपनी ने कहा, “चूंकि…
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